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b54d06cc45
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@ -8,3 +8,4 @@ STRs:
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/517
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/520
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/539
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/634
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@ -3,5 +3,5 @@
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जब आप अनुवाद को पढ़ते हैं तो शब्दों के उच्चारण के लिए निम्न प्रश्नों को पूछें। इन प्रश्नों से आपको भाषा के उच्चारण के लिए एकदम सही शब्द को चुनने में मदद मिलेगी और क्या इन शब्दों को उनकी निरंतरता में लिखा गया है जिससे उन्हे पढ़ना आसान हो।
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1. क्या वह शब्द उस भाषा के उच्चारण में इस्तेमाल करने योग्य है? (क्या कोर्इ और उच्चारण हैं जिनका अर्थ अलग लगता है परंतु उन्हे अलग आवाज के लिए उसी अक्षर के साथ इस्तेमाल करना है) क्या इससे शब्द को पढ़ना कठिन तो नही हो जाता? क्या इन शब्दों को कहीं पर लगाने के लिए कुछ अलग चिन्हों को लगाने की जरूरत है जिससे उनका अंतर पता चल सके
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1. क्या पुस्तक में इस्तेमाल की गर्इ स्पेलिंग सही है? (क्या लेखक को बताने के लिए कोर्इ नियम हैं कि कैसे विभिé हालातों में शब्द कैसे बदलते हैं?) क्या उनका वर्णन किया जा सकता है जिससे दूसरे लोग भाषा को आसानी से पढ़ और लिख सकें?
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1. क्या पुस्तक में इस्तेमाल की गर्इ स्पेलिंग सही है? (क्या लेखक को बताने के लिए कोर्इ नियम हैं कि कैसे विभिé हालातों में शब्द कैसे बदलते हैं?) क्या उनका वर्णन किया जा सकता है जिससे दूसरे लोग भाषा को आसानी से पढ़ और लिख सकें?
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1. क्या अनुवाद ने उन भावों, कथनों, प्रत्ययों या स्पेलिंगों का उपयोग किया है जिन्हे उस भाषा समुदाय के अधिकाँश लोग जानते हैं? यदि अक्षर या स्पेलिंग के बारे में कुछ गलत है, उसको लिख लें जिससे अनुवादक दल के साथ विचार विमर्श किया जा सके
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@ -14,20 +14,20 @@ dublin_core:
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description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.'
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format: 'text/markdown'
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identifier: 'ta'
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issued: '2021-07-01'
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issued: '2021-10-15'
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language:
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identifier: hi
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title: 'हिन्दी, हिंदी (Hindi)'
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modified: '2021-07-01'
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publisher: 'Door43'
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modified: '2021-10-15'
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publisher: 'BCS'
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@ -1,48 +1,48 @@
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### वर्णन
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कुछ भाषाओं में कह जानी बातें उन्हे स्वाभाविक लगती हैं परंतु उनके अनुवाद के बाद वे अपरिचित सी लग सकती हैं। इसका एक कारण यह है कि कुछ भाषाओं में बातों को सुस्पष्ट तरीके से बताया जाता है जिन्हे दूसरी भाषाएँ अंतर्निहित तरीके से बताती हैं।
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कुछ भाषाओं में किसी बात को कहने की अपनी ही व्यावहारिक विधि होती है जो उनके लिए सामान्य है परन्तु किसी और भाषा में उसका अनुवाद किया जाए तो वह विचित्र सी लगती है| इसका एक कारण है कि कुछ भाषाओं में सविस्तार वर्णन किया जाता है जबकि अन्य भाषाओं में उसको माना हुआ समझ कर छोड़ दिया जाता है|
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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#### अनुवाद की समस्या होने के कारण
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यदि आप स्रोत भाषा की सभी सुस्पष्ट सुचनाओं का अनुवाद लक्षित भाषा में भी सुस्पष्ट तरीके से ही करते हैं, तो ये अपरिचित, अस्वाभाविक, मूर्खतापूर्ण लग सकती हैं यदि उन्हे अंतर्निहित नही किया जाए। इसकी बजाय, उस सूचना को लक्षित भाषा में अंतर्निहित रखना ही बेहतर है।
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यदि आप स्रोत भाषा की सभी सुस्पष्ट जानकारियों को लक्षित भाषा में विस्तृत जानकारियों में अनुवाद कर दें तो वह अपरिचित, अस्वाभाविक और संभवतः निर्बुद्ध सुनाई देगी, यदि लक्षित भाषा उसका सविस्तार वर्णन न करे| इसकी अपेक्षा ऎसी जानकारियों को लक्षित भाषा में अभिप्रेत अर्थ में ही छोड़ देना उत्तम है|
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### बाइबल से उदाहरण
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><u>और</u>अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि <u>उसमें आग लगाए</u> (न्यायियों 9:52 ESV)
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>**और** अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि **उसमें आग लगाए** (न्यायियों 9:52 ESV)
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बाइबलीय इब्री भाषा में, वाक्यों के आपसी संबंध को दिखाने के लिए, ‘‘और’’ जैसे संयोजकों के साथ वाक्यों को शुरू करना एक आम बात थी । अंग्रेजी में, ऐसा करना व्याकरणीय तौर पर गलत है, अंग्रेजी पाठकों के लिए यह उबाऊ होता है, और यह भाव उत्पé होता है कि लेखक पढ़ा लिखा नही है। अंग्रेजी में, अधिकतर मामालों में वाक्यों के बीच में संयोजक के उपयोग को अंतर्निहित रखना ही अच्छा है, उसे अलग से अनुवाद करने की आवश्यकता नही है।
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बाइबल की इब्रानी भाषा में, वाक्यों के परस्पर सम्बन्ध को दिखाने के लिए,अधिकाँश वाक्यों को **और** जैसे संयोजकों से आरम्भ करना एक सामान्य अभ्यास है| अंग्रेजी भाषा में ऐसा करना प्रायोगिक नहीं है| अंग्रेज़ी के पाठक के लिए यह क्लान्तकारी होता है और लेखक के लिए गंवारू होने की छवि दर्शाता है| अंग्रेज़ी में, अधिकाँश वाक्यों के मध्य सम्बन्ध के विचार को अभिप्रेत रखना ही उत्तम है, संयोजक शब्दों को अभिप्रेत ही रहने दिया जाए|
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बाइबल की इब्रानी भाषा में, यह कहना की कोई वस्तु आग से जलाई गई, सामान्य अभिव्यक्ति है| अंग्रेज़ी भाषा में, जलाने का विचार जलाने की क्रिया में अन्तर्निहित है| अतः दोनों विचारों को स्पष्ट व्यक्त करना अस्वाभाविक है| किसी वस्तु को जलाया मात्र कहना ही पर्याप्त है| आग का विचार निहितार्थ रहने दिया जाए|
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बाइबलीय इब्री भाषा में, यह कहना आम है कि कुछ आग से जल रहा था । अंग्रेजी में, आग का विचार आग जलने से संबंधित होता है और उसे आक्षरिक तौर पर लिखना सही नही है । यह कहना काफी है कि कुछ जल रहा था और शेष अर्थ अंतनिर्र्हित रहने दें।
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>सूबेदार ने **उत्तर दिया और कहा** "हे प्रभु मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए....’’ (मत्ती 8:8 ULB)
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>सूबेदार ने <u>उत्तर दिया और कहा</u> ‘‘कि हे प्रभु मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए....’’ (मत्ती 8:8 ULB)
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बाइबल की इब्रानी भाषा में उच्चारित दो क्रियाओं के साथ अपरोक्ष कथन को समाविष्ट करना सामान्य अभ्यास है| एक क्रिया शब्द काम का संकेत देता है तो दूसरा वक्ता के शब्दों का समावेश कराता है| अंग्रेज़ी में, वक्ता ऐसा नहीं करते हैं<इसलिए अंग्रेज़ी भाषा में दो क्रिया शब्दों को काम में लेना अस्वाभाविक और भ्रामक होता है| अंग्रेज़ी भाषा के वक्ता के लिए शब्दोच्चारण का विचार उत्तर देने के विचार में निहित होता है| अंग्रेज़ी में दो क्रियाओं का उपयोग एक बात की अपेक्षा दो भिन्न-भिन्न बातों का अभिप्रेत अर्थ रखता है| अतः अंग्रेज़ी भाषा में, शब्दोच्चारण के लिए एक ही क्रिया शब्द का उपयोग उत्तम है|
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बाइबलीय इब्री भाषा में, दो क्रिया शब्दों के साथ प्रत्यक्ष कथन को बताना स्वाभाविक है। एक क्रिया बताने के तरीके एवं दूसरी क्रिया वक्ता के शब्दों को बताती है। अंग्रेजी वक्ता ऐसा नही करते हैं, अत: उनके लिए दो क्रियाओं का उपयोग करना संदेहपूर्ण एवं अस्वाभाविक होता है। अंग्रेजी वक्ता के लिए, बोलने का तरीका उत्तर देने के तरीके में शामिल होता है। अंग्रेजी में दो क्रियाओं का उपयोग, एक की बजाय, दो विभिé कथनों को दिखाता है। अत: अंग्रेजी में, बोलने की एक क्रिया का उपयोग बेहतर है।
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### अनुवाद की युक्तियाँ
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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(1) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसका अनुवाद स्पष्ट जानकारी में ही किया जाए|
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(2) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट व्यक्त जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक प्नरतीत नहीं होती है, या अनावश्यक या भ्रामक प्रतीत होती है तो सुस्पष्ट जानकारी को अभिप्रेत ही रहने दें| ऐसा तब ही करें जब पाठक जानकारी को प्रसंग से समझ ले| आप पाठक से किसी गद्यांश विशेष से सम्बंधित प्रश् पूछ कर इसका परिक्षण कर सकते हैं|
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1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसे स्पष्ट सूचना के तौर पर ही इसतेमाल करें
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1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक नही लगती है, जरूरी नही है, या संदेह पैदा कर रही है तो स्पष्ट सूचना को अंतर्निहित रहने दें। इसे तभी करें जब पाठक इसकी पृष्ठभूमि से इस सूचना को आसानी से समझ पा रहा हो। आप इस भाग के बारे में किसी पाठक से प्रश्न पूछकर इसे जाँच सकते हैं
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### अनुवाद की युक्तियों के विनियोग के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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(1) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट व्यक्त जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक सुनाई देती है तो इसे स्पष्टता में ही अनुवाद करें|
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1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसे स्पष्ट सूचना के तौर पर ही इसतेमाल करें
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* इस युक्ति के प्रयोग में कथन में कोई भी परिवर्तन नहीं होगा, इसलिए यहाँ कोई उदाहरण नहीं दिया जा रहा है|
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* इस रणनीति के उपयोग से कथन में कोर्इ परिवर्तन नही आएगा, अत: कोर्इ उदाहरण नही दिया गया है
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(2) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट जानकारी लक्षित भाषा में स्वाभाविक नही है, या अनावश्यक या भ्रामक प्रतीत होती है तो स्पष्ट जानकारी को अभिप्रेत जानकारी में परिवर्तित कर दें| ऐसा तब ही करें जब पाठक जानकारी को प्रसंग से समझ ले| इसका परिक्षण पाठक से गद्यांश सम्बंधित प्रश्न पूछ कर किया जा सकता है|
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1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक नही लगती है, जरूरी नही है, या संदेह पैदा कर रही है तो स्पष्ट सूचना को अंतर्निहित रहने दें। इसे तभी करें जब पाठक इसकी पृष्ठभूमि से इस सूचना को आसानी से समझ पा रहा हो। आप इस भाग के बारे में किसी पाठक से प्रश्न पूछकर इसे जाँच सकते हैं
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> **तब** अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि **उसमें आग लगाए** (न्यायियों 9:52 ESV)
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>
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>> **और** अबीमेलेक गुम्मट के निकट आया और उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि **उसे जला दे** (या) **की उसमें आग लगा दे**
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अंग्रेज़ी में, स्पष्ट है कि इस पद का कार्य पिछले पद के कार्य का अनुपालन करता हैऔर संयोजक शब्द "और" कीआवश्यक्ता आरम्भ में नहीं है इसलिए उसका निराकरण किया गया है| और यह भी कि "आग से" शब्दों को छोड़ दिया गया है क्योंकि यह जानकारी, "जलाए" शब्द में अभिप्रेत है| "उसे जला दे" के लिए वैकल्पिक अनुवाद होगा, "उसमें आग लगा दे|" अंग्रेज़ी भाषा में "जला दे" और "आग" दोनों का उपयोग स्वाभाविक नहीं है| अतः अंग्रेज़ी के अनुवादक को एक ही शब्द का चुनाव करना होगा| पाठक ईसिस अभिप्रेत जानकारी को समझ गए है इसका परिक्षण एक प्रश्न पूछ कर किया जा सकता है: "द्वार कैसे जलेगा?" यदि वे कहते हैं, "आग से" तो इसका अर्थ है कि वे अभिप्रेत जानकारी को समझ गए हैं| या आप यदि दूसरा विकल्प चुनते हैं तो पूछें, "जिस द्वार को आग से जलाया गया, उसका क्या हुआ?" यदि पाठक का उत्तर है,"जल गया" तो उन्होंने अभिप्रेत जानकारी को समझ लिया है|
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* **तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए** (न्यायियों 9:52 ESV)
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* तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि <u>उसमें आग लगाए </u> (न्यायियों 9:52 ESV) या <u>उसे आग के हवाले करे </u>
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> **सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’** (मत्ती 8:8 ULB)
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>
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अंगे्रजी में, यह स्पष्ट है कि किसी आयत का कार्य उसके पीछे के आयत में हुए कार्य की निरंतरता होती है जो बिना संयोजक ‘‘और’’ के बतार्इ जाती है, इसीलिए इसे लिखा नही गया है। इतना ही नही, ‘‘आग’’ नही लिखा गया, क्योंकि उस शब्द को ‘‘जलाया गया’’ के शब्द के साथ अंतर्निहित बताया गया है। ‘‘जलाया गया’’ का एक वैकल्पिक अनुवाद है ‘‘आग के हवाले किया’’।
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>> सूबेदार ने **उत्तर दिया** , ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’
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अंग्रेजी में वक्ता दो क्रियाओं को एक साथ इसतेमान नही करता है इसीलिए वह किसी एक क्रिया का ही उपयोग कर रहा है। आप निम्न प्रश्न के द्वारा जान सकते हैं कि पाठक को अंतर्निहित सूचना का पता चला है या नही, ‘‘दरवाजा कैसे जलता है?’’ यदि वह कहता है कि आग से, तो वह उसका अंतनिर्हित अर्थ समझ चुका है
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अंग्रेजी में, सूबेदार ने पत्युत्तर में जो कहा, वह जानकारी "उत्तर दिया" में निहित है| अतः क्रिया शब्द, "कहा" में अभिप्रेत है| पाठक इस अभिप्रेत जानकारी को समझ गया है, इसको परखने के लिए उससे पूछ सकते हैं, "सूबेदार ने कैसे उत्तर दिया?" यदि वे कहता है, कह कर तो स्पष्ट है कि वे अभिप्रेत जानकारी को समझ गया है|
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या, यदि आप दूसरा विकल्प चुनते हैं, तो आप पूछ सकते हैं, ‘‘यदि दरवाजे को आग के हवाले करते हैं तो क्या होता है?’’ यदि पाठक उत्तर देता है, ‘‘यह जलता है’’, तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है
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* **सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’** (मत्ती 8:8 ULB)
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* सूबेदार ने <u>उत्तर दिया</u> ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’
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अंग्रेजी में, सुबेदार के द्वारा कहे गए ‘‘कहा’’ क्रिया शब्द में ‘उत्तर दिया’ भी शामिल होता है और इसलिए उस क्रिया को अंतर्निहित रखा जा सकता है। आप निम्न प्रश्न के द्वारा जान सकते हैं कि पाठक को अंतर्निहित सूचना का पता चला है या नही, ‘‘सुबेदार ने कैसे उत्तर दिया?’’
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यदि वह उत्तर देता है कि ‘‘कहने के द्वारा’’ तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है।
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> और **वह अपना मुंह खोल कर** उन्हें उपदेश देने लगा (मत्ती 5:2 ULT)
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>
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>>उसने यह कहते हुए उनको उपदेश देना **आरम्भ किया** (या) उसने यह कहते हुए उनको शिक्षा दी
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अंग्रेजी में तो यह अति विचित्र प्रतीत होगा कि ऐसी जानकारी दें कि शब्दोच्चारण करते समय यीशु ने मुंह खोला| यह जानकारी क्रिया शब्द "उपदेश देने" में और "कहने" में समाहित है| अतः इस उक्ति को छोड़ दिया जाए और इस जानकारी को अभिप्रेत रहने दिया जाए| तथापि. "अपना मुंह खोल कर" एक मुहावरा हैजो आख्यान के आरम्भ का समावेश करता है| अतः वह जानकारी समाहित की जाए या अभिप्रेत रहने दी जाए|
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@ -1,64 +1,68 @@
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### वर्णन
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सामान्य संज्ञा विशेष व्यक्तियों अथवा वस्तुओं को नही, वरन् सामान्य लोगों अथवा वस्तुओं को दिखाती है, इसे अक्सर नीतिवचन में देखा जा सकता है क्योंकि नीतिवचन उन चीजों के बारे में बताती है जो लोगों में सामान्य होती हैं।
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सामान्य संज्ञा विशेष व्यक्तियों अथवा वस्तुओं को नही, वरन् सामान्य लोगों अथवा वस्तुओं को संदर्भित करती है, नीतिवचन की पुस्तक में ऐसा प्रयोग बार-बार देखा जाता है क्योंकि नीतिवचनों में ऎसी बातें कही गई हैं जो मनुष्यों के लिए सर्वनिष्ठ हैं|
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> क्या हो सकता है कि **कोई** अंगारे पर चले, और उसके पांव न झुलसें?
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> **जो पराई स्त्री के पास जाता है** , उसकी दशा ऐसी है|
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> वरन **जो कोई उसको छूएगा** वह दंड से न बचेगा। (नीतिवचन 6:28-29 ULB)
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>क्या हो सकता है कि <u>कोर्इ</u> अंगारे पर चले, और उसके पांव न झुलसें?
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>जो <u>परार्इ स्त्री के पास जाता है, उसकी दशा ऐसी है</u>
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>वरन <u>जो कोर्इ उसको छूएगा</u>, वह दंड से न बचेगा। (नीतिवचन 6:28-29 ULB)
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उपरोक्त कथनों में जो मोटे शब्दों में हैं वे किसी व्यक्ति विशेष के सन्दर्भ में नहीं हैं| वे हर किसी मनुष्य को संदर्भित करते हैं जो ऐसा करता है|
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उपरोक्त रेखांकित कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही दिखाते हैं। वे ऐसे कामों को करने वाले व्यक्तियों की ओर इशारा कर रहे हैं।
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### अनुवाद की समस्या है होने का कारण
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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विभिé भाषाओं में यह दिखाने के विभिé तरीके होते हैं कि संज्ञाएँ किसी सामान्य बात को दिखाती हैं। अनुवादक सामान्य विचारों के उन तरीकों को पहचानें जो उनकी भाषा में आम हैं।
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||||
विभिन्न भाषाओं में विभिन्न रूपों में दर्शाया जाता है कि संज्ञा के वाक्यांशों का सन्दर्भ सर्वनिष्ठ है| आप (अनुवादक) को इस सर्वनिष्ठ विचारों को अपनी भाषा के अनुवाद में व्यवहारिक रीति से प्रयोग करना होगा|
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### बाइबल से उदाहरण
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> <u>धर्मी कार्य करने वाला</u> विपत्ति से छूट जाता है, परन्तु <u>दुष्ट</u> उसी विपत्ति में पड़ जाता है (नीतिवचन 11:8 ULB)
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> **धर्मी** विपत्ति से छोट जाता है परन्तु **दुष्ट** उसी विपत्ति में पद जाता है" (नीतिवचन 11:8 ULT)
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उपरोक्त रेखांकित कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् धर्मी अथवा दुष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक को दिखाते हैं।
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उपरोक्त कथन में मोटे सब्द किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् धर्म का काम करने वाले हर एक जन या दुष्टता का काम करने वाले हर एक जन को संदर्भित करते हैं|
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> <u>जो अपना अनाज रख छोड़ता है</u>, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULB)
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> **जो अपना अनाज रख छोड़ता है** उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT)
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यह किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् अनाज बेचने से मना करने वाले प्रत्येक को दिखाता हैं।
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यह किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् अनाज बेचने से मना करने वाले प्रत्येक जन को संदर्भित करता हैं।
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> <u>भले मनुष्य</u> से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु <u>बुरी युक्ति करनेवाले</u> को वह दोषी ठहराता है। (नीतिवचन 12:2 ULB)
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||||
> **भले मनुष्य** से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु **बुरी युक्ति करनेवाले** को वह दोषी ठहराता है। (नीतिवचन 12:2 ULT)
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‘‘भले मनुष्य’’ कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर भले व्यक्ति को दिखाता हैं। ‘‘बुरी युक्ति करनेवाले’’ कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर बुरी युक्ति करने वाले व्यक्ति को दिखाता हैं।
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‘‘भले मनुष्य’’ इस उक्ति द्वारा व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर एक भले मनुष्य को संदर्भित किया गया हैं। ‘‘बुरी युक्ति करनेवाले’’ इस उक्ति द्वारा किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् बुरी युक्ति करने वाले हर एक मनुष्य को दर्शया गया हैं।
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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### अनुवाद की युक्तियाँ
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यदि आपकी भाषा लोगों अथवा वस्तुओं को दिखाने के लिए ULB के समान ही शब्दों का उपयोग कर सकती है, तो उन्ही शब्दों का उपयोग करें। आप निम्न रणनीतियों का भी उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आपकी भाषा में व्यक्ति विशेष या वस्तु विशेष की अपेक्षा मनुष्य या वस्तु का सर्वनिष्ठ सन्दर्भ देने के लिए यदि ULT के शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है तो उन शब्दों का प्र्स्योग करें| यदि नहीं हो सकता है, तो यहाँ कुछ युक्तियाँ दी जा रही हैं जिसका उपयोग आप कर सकते हैं|
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1. संज्ञा कथन में ‘‘the’’ शब्द का उपयोग करें।
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1. संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें।
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1. ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोर्इ भी’’ के समान ‘‘किसी या कोर्इ’’ शब्द का उपयोग करें
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1. ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें
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1. अपनी भाषा में स्वाभाविक तौर पर इस्तेमाल होने वाले तरीकों का उपयोग करें
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(1) संज्ञा कथन में ‘‘किसी’’ शब्द का उपयोग करें।
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(2) संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें।
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(3) ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोई भी’’ के समान ‘‘किसी वस्तु" या "कोई मनुष्य’’ जैसी उक्तियों का उपयोग करें
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(4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें
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(5) अपनी भाषा में काम में आने वाली किसी भी स्वाभाविक विधि का प्रयोग करें|
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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### अनुवाद की युक्तियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. संज्ञा कथन में ‘‘the’’ शब्द का उपयोग करें।
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||||
(1) संज्ञा कथन में ‘‘किसी’’ शब्द का उपयोग करें।
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* **<u>भले मनुष्य</u> से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु <u>बुरी युक्ति करनेवाले</u> को वह दोषी ठहराता है।’’** (नीतिवचन 12:2 ULB)
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* <u>the भले मनुष्य</u> से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु <u>the बुरी युक्ति करनेवाले</u> को वह दोषी ठहराता है।’’ (नीतिवचन 12:2)
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> **भले मनुष्य** से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु **बुरी युक्ति करनेवाले** को वह दोषी ठहराता है। (नीतिवचन 12:2 ULT)
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1. संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें।
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>> " **किसी भले मनुष्य** से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु **किसी बुरी युक्ति करनेवाले** को वह दोषी ठहराता है।’’ (नीतिवचन 12:2)
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* **<u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB)
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* <u>एक जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते है।
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(2) संज्ञा कथन में ‘हर ‘एक’’ का उपयोग करें।
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1. ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोर्इ भी’’ के समान ‘‘किसी या कोर्इ’’ शब्द का उपयोग करें।
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> **जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT)
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* **<u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB)
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* <u>जो कोर्इ</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।
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>> "वह **हर एक जन जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते है।
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1. ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’।
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(3) ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोई भी’वस्तु" के समान ‘‘किसी" या "कोई’’ शब्द का उपयोग करें।
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* **<u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB)
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* <u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ते हैं, उनको लोग शाप देते हैं।
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>**जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULB)
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1. अपनी भाषा में स्वाभाविक तौर पर इस्तेमाल होने वाले तरीकों का उपयोग करें।
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>> **जो कोई** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।
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* **<u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB)
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* <u>जो भी</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।
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(4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’।
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> **जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT)
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>> "मनुष्य उन **लोगों** को शाप देते हैं जो अपना अनाज रख छोड़ते हैं|
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1. अपनी भाषा में काम में आने वाली किसी भी स्वाभाविक विधि को काम में लें
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> **जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULB)
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>> " **जो भी** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।"
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@ -1 +1 @@
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सामान्य संज्ञा
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सामान्य संज्ञा गर्भितं वाक्यांश
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@ -1,69 +1,67 @@
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### वर्णन
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विभिé भाषाएँ वाक्यों के भागों को विभिé प्रकार से क्रमबद्ध करती हैं। अंग्रेजी में, आम तौर पर, पहले संज्ञा, फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है।
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अलग अलग भाषाएँ किसी वाक्य के भागों को अपनी-अपनी मानकीय शैली के अनुसार व्यवस्थित करती हैं। अंग्रेजी में, सामान्यतः, पहले संज्ञा (कर्ता ) फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है, उदाहरणार्थ :**पतरस ने कल अपने घर की रंगाई की**
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**पतरस ने कल अपने घर की रंगार्इ की**
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अनेक अन्य भाषाएँ इन अवयवों को अपने भिन्र भिन्न क्रमों में प्रस्तुत करती हैं, जैसे: **रंगाई की, कल, पतरस ने अपने घर की**
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कर्इ सारी भाषाएँ इस वाक्य को कर्इ तरीके से लिखती हैं, जैसे:
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यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के अपने ही मानकीय क्रम होते हैं, यह क्रम वक्ता या लेखक के द्वारा सर्वोच्च महत्व की विचारित सूचना के आधार पर बदल सकता है|
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**रंगार्इ की, कल, पतरस ने अपने घर की**
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मान लो कि कोई इस प्रश्न का उत्तर दे रहा है: ‘‘पतरस ने कल क्या रंगा?’प्रश्न पूछने वाला व्यक्ति उपरोक्त वाक्य के में लिखी हर एक सूचना को जानता है, एक को छोड़कर और वह है, कर्म अर्थात ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कहेगा: **उसका घर ही तो है जिसको पतरस ने (कल) रंगा|**
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यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के भागों के आम क्रम हैं, वक्ता के द्वारा दी जाने वाली सूचना के आधार पर यह क्रम बदल सकता है जिसे वक्ता अधिक जरूरी समझता है। मान लो कि कोर्इ ये प्रश्न पूछे? ‘‘पतरस ने कल क्या रंगार्इ की?’’
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इसमें सर्वोच्च महत्त्व की सूचना पहले स्थान पर रखी गई है जो अंग्रेजी में एक सामान्य विधि है। ऐसी अनेक भाषाएँ भी हैं जिनमें महत्वपूर्ण सूचना को सामान्यतः अंत में रखा जाएगा। लेख के प्रवाह में सर्वाधिक महत्त्व की जानकारी प्राय: वह होती है जिसको लेखक पाठकोँ के लिए नई जानकारी मानता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण जानकारी पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में रखा जाता है।
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व्यक्ति उपर के कथन में लिखी हर सूचना को जानता है, एक को छोड़कर ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कह सकता है:
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### अनुवाद की ऐसी समस्या होने का कारण
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**अपने घर की पतरस ने रंगार्इ की (कल)**
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इसमें महत्वपूर्ण सूचना पहले स्थान पर है जो अंग्रेजी में आम तरीका है। दूसरी कुछ भाषाओं में शायद महत्वपूर्ण सूचना को अंत में डाला जाए। एक लेख के बहाव में, सबसे महत्वपूर्ण सूचना को अक्सर लेखक पाठकों के लिए नर्इ सूचना के रूप में लेता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण सूचना पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में डाला जाता है।
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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* विभिé भाषाएँ वाक्यों के भागों को विभिé प्रकार से क्रमबद्ध करती हैं। यदि अनुवादक स्रोत में से वाक्य के भाग को कॉपी करता है तो शायद उसकी भाषा में उसका कोर्इ अर्थ नही निकले।
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* विभिé भाषाएँ नयी या महत्वपूर्ण सूचनाओं को वाक्यों के विभिé भागों में दिखाती हैं। यदि अनुवादक स्रोत की ही तरह उस नर्इ या महत्वपूर्ण सूचना को उसी स्थान पर रखे तो उसकी भाषा में उसका गलत अर्थ निकल सकता है या लोगों को समझ ही नही आए।
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* विभिन्न भाषाएँ वाक्य के अवयवों को अपनी ही मानकीय शैली में व्यवस्थित करती हैं। यदिआप (अनुवादक) मूल भाषा के क्रम को ज्यों का त्यों अनुवाद करेंगे तो आपकी भाषा में वह वाक्य पूर्णतः अर्थहीन होगा।
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* अलग-अलग भाषाएँ नई या महत्वपूर्ण जानकरियों को वाक्य में अलग-अलग स्थानों में व्यक्त करती हैं। यदि अनुवादक स्रोत की ही तरह उस नई या महत्वपूर्ण जानकारी को ज्यों का त्यों ही रख दे जैसा मूल भाषा के वाक्य में है तो उसकी भाषा में उसका गलत अर्थ निकल सकता है या लोगों को समझ ही नही आएगा।
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### बाइबल से उदाहरण
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>और सब खाकर तृप्त हो गए। (मरकुस 6:42 ULB)
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> और सब खाकर तृप्त हो गए। (मरकुस 6:42 ULT)
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मूल यूनानी भाषा में इस वाक्य के भागों को अलग क्रम में लिखा गया था । वे इस प्रकार थे:
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मूल यूनानी भाषा में इस वाक्य के शब्दों को अलग क्रम में लिखा गया था । वे इस प्रकार थे: और उन्होंने सब खाया और वे तृप्त हुए।
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* और सबने खाया और वे तृप्त हुए। अंग्रेजी में, इसका अर्थ लगता है कि लोगों ने सब कुछ खा लिया। परंतु अगला आयत कहता है कि उन्होने टुकड़ों से भरी बारह टोकरियाँ इकट्ठी कीं।
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अंग्रेजी में, इसका अर्थ लगता है कि लोगों ने सब कुछ खा लिया। परंतु अगला पद कहता है कि उन्होने बचे हुए टुकड़ों से भरी बारह टोकरियाँ उठाई। इस भ्रम को दूर करने के लिए, ULT के अनुवादकों ने इसको अंग्रेजी वाक्य के सही क्रम में रखा है|
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इस संदेह को दूर करने के लिए, ULB के अनुवादकों ने अंग्रेजी में इस सही क्रम में डाल दिया
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> ‘‘जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULT)
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> ‘‘जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULB)
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इस पद में, चेलों के द्वारा यीशु से कही गयी इस बात में महत्वपूर्ण जानकारी को सर्वप्रथम व्यक्त किया गया है - कि वह भीड़ को विदा करे। परंतु उन भाषाओं में जहाँ महत्वपूर्ण बातों को अंत में लिखा जाता है, लोग यह समझ सकते हैं कि इस वाक्य में यीशु को दी गई जानकारी का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंश है -यह सुनसान जगह है। अति संभव है कि वे सोचने लगें कि चेले वहाँ सुनसान जगह की आत्माओं से डरे हुए थे और लोगों को भोजन लेने के लिए विदा करना, उनको आत्माओं से बचाने का एक तरीका था। यह गलत संदेश है।
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इस आयत में, चेलों के द्वारा यीशु को कर्इ गर्इ बात को महत्वपूर्ण सूचना के तौर पर पहले डाला गया है - कि वह भीड़ को विदा करे। परंतु उन भाषाओं में जहाँ महत्वपूर्ण बातों को अंत में लिखा जाता है, लोग यह समझ सकें कि उनके द्वारा दिया गया कारण -यह सुनसान जगह है- एस वाक्य की सबसे महत्वपूर्ण सूचना है। वे शायद यह सोचने लगें कि चेले वहाँ सुनसान जगह की आत्माओं से डरे हुए थे और लोगों को भोजन लेने के लिए विदा करना, आत्माओं से बचाने का सही तरीका था। यह गलत संदेश है।
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> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उनके बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे। (लूका 6:26 ULT)
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> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उनके बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे। (लूका 6:26 ULB)
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इस पद में, सूचना का सबसे महत्वपूर्ण भाग पहले लिखा है - ‘‘हाय’’ लोगों के कामों के सम्बन्ध में है। उस चेतावनी का गौण उपवाक्य अंत में हैजो कारण दर्शाता है। यह उन लोगों को भ्रम में डाल सकता है जिनकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारी को अंत में रखा जाता है।
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इस आयत में, सूचना का सबसे महत्वपूर्ण भाग पहले लिखा है - ‘‘हाय’’ लोगों के किए पर कहा जा रहा है। उस चेतावनी की मदद करने वाला भाग अंत में आता है। यह उन लोगों को संदेह में डाल सकता है जिनकी भाषा में महत्वपूर्ण सूचनाओं को अंत में डाला जाता है।
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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### अनुवाद कौशल
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध किया जाता है और अपने अनुवाद में उसका उपयोग करें
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं को किस स्थान पर रखा जाता है और सूचनाओं के क्रम को उस प्रकार बदलें जिस प्रकार उन्हे आपकी भाषा में क्रमबद्ध किया जाता है
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं को किस स्थान पर रखा जाता है और सूचनाओं के क्रम को बदल कर उसी प्रकार कर लें जिस प्रकार उन्हे आपकी भाषा में क्रमबद्ध किया जाता है
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के अवयवों को किस क्रम में रखा जाता है और अपने अनुवाद में उसी क्रम का उपयोग करें|
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1. अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में नई और महत्वपूर्ण जानकारी किस स्थान में रखती है और जानकारी के क्रम को पुनः व्यवस्थित करें जिससे कि वह आपकी भाषा की शैली के अनुरूप हो|
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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### अनुवाद कौशल कि व्यावहारिकता
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध किया जाता है और अपने अनुवाद में उसका उपयोग करें
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1. अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में वाक्य के अवयवों को कैसे व्यवस्थित किया जाता है और उसी क्रमवार रचना को अपने अनुवाद में काम में लें|
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* वह वहां से निकलकर, आया अपने देश में, और वे पीछे हो लिए, उसके चेले (मरकुस 6:1 ULB)
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मूल भाषा यूनानी के क्रम में यह पद है:
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यह आयत मूल यूनानी भाषा के क्रम में लिखा है। ULB ने अंग्रेजी में इसे आम क्रम में लिखा है
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> वह वहां से निकलकर अपने देश में आया, और उसके चेले उसके पीछे हो लिए (मरकुस 6:1 ULB)
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वह वहां से निकलकर, आया देश में अपने, और वे पीछे हो लिए, चेले उसके| (मरकुस 6:1)
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं को किस स्थान पर रखा जाता है और सूचनाओं के क्रम को उस प्रकार बदलें जिस प्रकार उन्हे आपकी भाषा में क्रमबद्ध किया जाता है
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ULT ने इसको अंग्रेजी मानकीय क्रम में लिखा है|
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> जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULB)
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> यीशु वहां से निकलकर अपने देश में आया, और उसके चेले उसके पीछे हो लिए (मरकुस 6:1 ULT)
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यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण सुचनाओं को अंत में डाला जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
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2.अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में नईं या महत्वपूर्ण जानकारी को किस स्थान में रखा जाता है और जानकारिओं के क्रम को पुनः व्यवस्थित करें जिससे कि वह आपकी भाषा कि शैली के अनुसार हो|
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* जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं, भीड़ को विदा कर, कि वे चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें’’
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> जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULT)
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> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उन के बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे (लूका 6:26 ULB)
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||||
यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारिओं को अंत में रखा जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
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यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण सुचनाओं को अंत में डाला जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
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* जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं, भीड़ को विदा कर, कि वे आस पास के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें’’
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* जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उनके बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे, तो हाय, तुम पर!
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> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उन के बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे (लूका 6:26 ULT)
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यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारियोँ को अंत में रखा जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
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* जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, तो यह ठीक वैसा ही है जैसा उनके पूर्वजों ने झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ किया था, तो तुम पर हाय!
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@ -1 +1 @@
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भाषाएँ एक वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध करती हैं?
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भाषाएँ किसी वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध करती हैं?
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@ -1,122 +1,131 @@
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### वर्णन
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सामान्य अंग्रेजी में, ‘‘संपत्ति’’ का अर्थ है कि कुछ होना अथवा मनुष्य के पास कुछ होना है। अंग्रेजी में उस व्याकरणीय संबंध को <u>of</u> या अपस्ट्रोफी <u>s</u> के द्वारा दिखाया गया है।
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अंग्रेजी में स्वत्व का जो व्याकरण रूप है वह सामान्यतः‘ मनुष्यों और वस्तुओं तथा मनुष्यों के आपसी संबंधों की विविधता दर्शाता है| अंग्रेजी में यह व्याकरण आधारित सम्बन्ध **(का) शब्द के प्रयोग से प्रकट होता है या शब्द के** पीछे सम्बन्ध कारक चिन्ह "s" लगाने से व्यक्त होता है या सम्बन्धवाचक सर्वनाम के उपयोग से दर्शाया जाता है| निम्नलिखित उदाहरण ऐसे ही कुछ विभिन्न रूप हैं जिनसे दर्शाया गया है कि मेरे दादा का एक घर है|
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* मेरे दादा <u>का<u/> घर
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* मेरे दादा <u>का<u/> घर
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* <u>उनका<u/> घर
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*द हाउस **of** माए ग्रान्डफादर
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इब्री, यूनानी और अंग्रेजी में संपत्ति अथवा कुछ होने का उपयोग विभिé तरीके से किया जाता है। कुछ परिस्थितियाँ दी गर्इ हैं जहाँ इनका उपयोग होता है।
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*माए ग्रान्डफादर**s** हाउस
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* हिज़ हाउस
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इब्रानी, यूनानी और अंग्रेजी में स्वामित्त्व के संकेतक उपयोग द्वारा विभिन्न परिस्थितिओं को दर्शाया जाता है। यहाँ कुछ सामान्य परिस्थितियाँ दी गई हैं जिनमें इसका उपयोग होता है
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* स्वामित्व - किसी के पास कुछ है
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* मेरे वस्त्र - वस्त्र जो मेरे हैं
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* सामाजिक संबंध - किसी एक का दूसरे के साथ सामाजिक संबंध है
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* मेरी माता - मुझे जन्म देने वालीं या मुझे संभालने वालीं
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* मेरे अध्यापक - मुझे सिखाने वाले
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* सामग्रियाँ - किसी चीज में कुछ है
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* आलु का थैला - एक थैला जिसमें आलु हैं, या जो आलुओं से भरा थैला
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* अंश अथवा संपूर्ण
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* मेरे अध्यापक - मुझे शिक्षा देनेवाला व्यक्ति
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* संपर्क - कोई वस्तु विशेष किसी व्यक्ति विशेष या वस्तु विशेष से सम्बंधित है
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* दाऊद का रोग - रोग जिसका अनुभव दाऊद को हो रहा है *परमेश्वर का भय - परमेश्वर के साथ सम्बन्ध में मनुष्य में अवस्थित भय होना उचित है *अन्तर्वस्तु - किसी चीज में कुछ है *कपड़ों का थैला -थैला जिसमें कपड़े हैं या एक थैला जिसमें कपड़े भरे हैं
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* आंशिक या सम्पूर्ण - कोई वस्तु किसी दूसरी वास्तु का भाग है
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* मेरा सिर - सिर जो शरीर का अंग है *मेरे घर की छत - छत जो मेरे घर का एक भाग है
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एक चीज दूसरी का अंश है
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कुछ भाषाओं में एक विशेष प्रकार का स्वामित्व होता है जिसे **अपरिहार्य स्वामित्व** कहते हैं| इस प्रकार के स्वामित्व को तब प्रयोग करते हैं जब कोई ऐसी वस्तु हो जो आपसे अविच्छेध्य हो अर्थात उन वस्तुओं के विपरीत जिन्हें आपसे अलग किया जा सकता है| उदाहरणार्थ उपरोक्त उदाहरणों में *मेरा सिर* और *मेरी माता* अपरिहार्य सम्बन्ध के उदाहरण हैं (कम से कम कुछ भाषाओं में)|दूसरी ओर, * मेरे कपडे* और *मेरा शिक्षक* परिहार्य सम्बन्ध हैं| अब परिहार्य और अपरिहार्य किसको माना जाए ? यह भाषाओं पर निर्भर करता है|
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* मेरा सिर - सिर जो मेरे शरीर का भाग है
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* एक घर की छत - छत जो किसी घर का भाग है
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### अनुवाद की बाधाओं के कारण
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### यह अनुवाद का विषय क्यों है
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* अनुवादकों को दोनो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानना जरूरी है जिसमें एक दूसरे के अर्थ को सम्मिलित करता है
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* कुछ भाषाओं में सारी परिस्थितियों के अंदर संपत्ति अथवाकुछ होने के भाव को विभिé तरीके से पेश किया जाता है
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* जब एक संज्ञा दूसरी संज्ञा के साथ स्वत्व के व्याकरण आधारित सम्बन्ध में हो तो ऐसी दो संग्याओं के विचारों के संबंधों को समझना अनुवादकों के लिए अति आवश्यक है|
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* कुछ भाषाओं में उन सब परिस्थितिओं में व्याकरण आधारित संबंधों को व्यक्त नहीं किया जाता है जिनको आपके मूल बाईबल पाठ में किया गया है|
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### बाइबल में से उदाहरण
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**स्वामित्व** - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था
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> छुटका पुत्र ... वहाँ कुकर्म में <u>अपनी संपत्ति</u> उड़ा दी। (लूका 15:13 ULB)
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> छोटा पुत्र … निरंकुश जीवन जीने के कारण कंगाल हो गया (लूका 15:13 )
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**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहéा तक सीखा
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**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहन्ना से शिक्षा पाई थी|
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> तब <u>यूहéा के चेले</u> उसके पास आए (मत्ती 9:14 ULB)
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> तब **यूहन्ना के चेले** उसके पास आए (मत्ती 9:14 ULT)
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**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने की सामग्री सोना था
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**संपर्क** - निम्नलिखित उदाहरण में, सुसमाचार वह सन्देश है जिसका सम्बन्ध पौलुस से है क्योंकि वह उसका प्रचार करता था|
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> और उन टिड्डियों के आकार लड़ार्इ के लिये तैयार किए हुए घोड़ों के से थे, और उन के सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे; और उन के मुंह मनुष्यों के से थे। (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB)
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> मसीह यीशु को स्मरण रख जिसको मृतकों में से पुनर्जीवित किया गया,वह दाऊद का वंश है **मेरा सुसमाचार यही है** (2 तिमुथियुस 2:8 ULT)
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**सामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में जल है
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**सामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने के लिए जो सामग्री काम में ली जाती है वह सोना है|
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> जो कोर्इ एक कटोरा पानी तुम्हें इसलिये पिलाए कि तुम मसीह के हो तो मैं तुम से सच कहता हूं कि वह अपना प्रतिफल किसी रीति से न खोएगा। (मरकुस 9:41 ULB)
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> उनके सिरों पर **सोने के मुकुट** जैसे कुछ थे (प्रकाशित वाक्य 9:7)
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**संपूर्ण का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का भाग है
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**अंतर्वस्तु** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में पानी है|
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> परन्तु ऊरिय्याह अपने स्वामी के सब सेवकों के संग राजभवन के द्वार में लेट गया, और अपने घर न गया। (2 शमूएल 11:9 ULB)
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> जो कोई एक कटोरा पानी तुम्हे पीने को दे...अपना प्रतिफल नहीं खोएगा (मरकुस 9:41 ULT)
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**समूह का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘हम’’ पूरे भाग को दिखाता है और ‘‘प्रत्येक’’ उसके एक एक सदस्य को दिखाता है
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* सम्पूर्ण का अंश - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का एक भाग है|
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>परन्तु उरिय्याह ..**राजभवन के द्वार** में लेट गया| (2शमुएल 11:9 ULT)
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**समूह का एक भाग** निम्नलिखित उदाहरण में "हम" सम्पूर्ण समूह के सन्दर्भ में है और "हर एक" प्रत्येक जन के सन्दर्भ में है|
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> पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। (इफिसियों 4:7 ULB)
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### घटनाएँ एवं संपत्ति
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कर्इ बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञा है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती है। निम्नलिखित उदाहरण में, भाववाचक संज्ञाएँ गाढ़े रंग में दी गर्इ हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब एक किसी घटना की ओर इशारा करती है।
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कई बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञाए होती है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती हैं। निम्नलिखित उदाहरणों में, भाववाचक संज्ञाएँ **प्रखर** शब्दों में दी गई हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब उनमें से एक किसी घटना के सन्दर्भ में हो।
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**कर्ता** - अक्सर ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि प्रथम संज्ञा के नाम पर, कौन कार्य करेगा। निम्नलिखित उदाहरण में, <u>यूहéा लोगों को बपतिस्मा देता है<u/>
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**कर्ता** - कभी-कभी "का" के बाद का शब्द दर्शाता है कि काम का करने वाला कौन है जिसका नाम पहली संज्ञा व्यक्त करती है। निम्नलिखित उदाहरण में, **यूहन्ना लोगों को बपतिस्मा देता था**|
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> <u>यूहéा का **बपतिस्मा**<u/> क्या यह स्वर्ग की ओर से था वा मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30 ULB)
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**यूहन्ना का बपतिस्मा** क्या स्वर्ग से था या मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30)
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निम्नलिखित उदाहरण में, <u>मसीह हमसे प्रेम करता है<u/>
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निम्नलिखित उदाहरण में, **मसीह हमसे प्रेम करता है**
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>कौन हमको <u>मसीह के प्रेम<u/> से अलग करेगा? (रोमियों 8:35 ULB)
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> हमको **मसीह के प्रेम** से कौन अलग करेगा? (रोमियों 8:35)
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**कर्म** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी।
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**साधन**कभी कभी "का" के बाद आने वाला शब्द दर्शाता है कि किसको और किसे कुछ होगा।
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निम्नलिखित उदाहरण में, <u>लोग धन से प्रेम करते हैं<u/>
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निम्नलिखित उदाहरण में, **लोग धन से प्रेम करते हैं**
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>क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है (1 तिमुथियुस 6:10 ULB)
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>क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है (1 तिमुथियुस 6:10 ULT)
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**उपकरण** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि कैसे एक घटना घटेगी
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**साधन**- कई बार "का" के बाद आने वाला शब्द दर्शाता है कि कैसे कुछ होगा| निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर क्षत्रुओं को भेज कर **तलवार से नरसंहार का दंड** देता है|
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निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर <u>तलवार के द्वारा हमला करने के लिए दुश्मनों को भेजकर दण्ड देगा<u/>
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> तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से **तलवार का दंड** मिलता है (अय्यूब 19:29 ULT)
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> तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से <u>तलवार का दंड<u/> मिलता है (अय्यूब 19:29 ULB)
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**द्योतीकरण** - निम्नलिखित उदाहरण में यूंहन्ना पापों से मन फिराने वालों को बप्तिस्मा दे रहा था| उनको बपतिस्मा दिया जा रहा था कि उनका प्रायश्चित प्रकट हो| उनका **बप्तिस्मा उनके प्रायश्चित का द्योतक था**|
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**प्रतिनिधित्व** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी
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> यूहन्ना जंगल में बपतिस्मा देता और प्रचार करता आया, पापों की क्षमा के लिये**मनफिराव का बपतिस्मा**। (मरकुस 1:4 ULT)
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यह दिखाने के लिए वे मन फिरा रहे हैं, उन्होने बपतिस्मा लिया। उनका <u>बपतिस्मा उनके मनफिराव का चिन्ह था</u>
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> यूहéा आया, जो जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लिये<u>मनफिराव के बपतिस्मा</u> का प्रचार करता था। (मरकुस 1:4 ULB)
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### दो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानने की रणनीतियाँ
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### दो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानने का कौशल
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1. आसपास के पदों को पढ़कर पता करें कि इससे आप दो संज्ञाओं के बीच के संबंध को पहचान सकें
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1. पद को UDB में पढ़ें। कर्इ बार यह संबंध को स्पष्ट बताता है
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1. देखें कि लेख इसके बारे में क्या बताता है।
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### अनुवाद रणनीति
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2.पद को UST में पढ़ें। कई बार यह संबंध को स्पष्ट बताता है
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यदि दो संज्ञाओं के बीच के संबंध के बारे में बताने के लिए संपत्ति का उपयोग स्पष्ट या सामान्य है तो उसका उपयोग करें। यदि यह अपरिचित या समझने में कठिन लगता है, तो निम्न को देखें:
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3. देखें कि इसके बारे में टिप्पणियाँ क्या कहती हैं।
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1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक वस्तु दूसरे को स्पष्ट कर सके
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1. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं
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1. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें
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### अनुवाद का कौशल
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### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण
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यदि दो संज्ञाओं के बीच के संबंध के बारे में बताने के लिए संपत्ति का उपयोग स्पष्ट या सामान्य है तो उसका उपयोग करें। यदि यह अपरिचित हो या समझने में कठिन लगता है, तो निम्न को देखें:
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1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक वस्तु दूसरे को स्पष्ट कर सके। निम्नलिखित विशेषणों को गाढ़े रंग में दिखाया गया है।
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1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक संज्ञा दूसरी को स्पष्ट कर सके
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2. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं
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3. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें
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* **उनके सिरों पर मानों <u>सोने के मुकुट<u/> थे** (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB)
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* उनके सिरों पर मानों <u>**सोने** के मुकुट<u/> थे
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### अनुवाद के कौशल को व्यवहार में लेने के उदाहरण
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1. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं। निम्नलिखित उदाहरण में, जोड़ी गर्इ क्रिया को गाढ़े रंग में दिखाया गया है।
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1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक संज्ञा दूसरी को स्पष्ट कर सके।
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* **...जो कोर्इ <u>एक कटोरा पानी</u> पिलाए ....... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।**’ (मरकुस 9:41 ULB)
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* ...जो कोर्इ <u>एक कटोरा पानी</u> पिलाए ....... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।
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* **<u>कोप के दिन<u/> धन से तो कुछ लाभ नहीं होता** (नीतिवचन 11:4 ULB)
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* धन से तो कुछ लाभ नहीं होता, जब परमेश्वर <u>अपना कोप **दिखाएगा**<u/>
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* धन से तो कुछ लाभ नहीं होता जब परमेश्वर अपने <u>कोप के कारण<u/> लोगों को **दण्ड** देगा
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>उनके सिरों पर मानों **सोने के मुकुट** थे (प्रकाशितवाक्य 9:7)
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1. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें। निम्नलिखित उदाहरण में, क्रिया को गाढ़े रंग में दिखाया गया है।
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>> उनके सिरों पर **सोने के मुकुट** थे
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* **सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता,) जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे <u>परमेश्वर यहोवा ने क्या क्या ताड़ना</u> की** (व्यवस्थाविवरण 11:2 ULB)
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||||
* सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता,) जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे <u>परमेश्वर यहोवा ने मिस्रियों को कैसे **दण्ड दिया**</u>
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* **तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और <u>दुष्टों के अंत<u/> को देखेगा** (भजन संहिता 91:8 ULB)
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||||
* तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और देखेगा कि यहोवा कैसे <u>दुष्टों का अंत करता<u/> है
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||||
* **... तुम <u>पवित्र आत्मा का</u> दान पाओगे** (प्रेरितों के काम 2:38 ULB)
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||||
* ... तुम <u>पवित्र आत्मा को पाओ जो परमेश्वर आपको **देगा**</u>
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2. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं।
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>जो कोई तुम्हे पीने के लिए **एक कटोरा पानी** दे... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।’ (मरकुस 9:41
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ULT)
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जो कोई तुम्हे पीने के लिए **पानी से भरा कटोरा** दे... अपना प्रतिफल नहीं खोएगा
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> **कोप के दिन** धन से तो कुछ लाभ नहीं होता (नीतिवचन 11:4 ULT)
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>>**जिस दिन परमेश्वर अपना कोप प्रकट करे** उस दिन धन किसी लाभ का नहीं |
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3.यदि संज्ञाओं में से एक किसी घटना का बोध कराती है तो उसका अनुवाद क्रिया रूप में करें| (निम्नलिखित उदाहरणों में दो संपर्क सम्बन्ध हैं, "परमेश्वर का दंड" और "तेरा परमेश्वर")
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>सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता, जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे **परमेश्वर यहोवा ने क्या क्या ताड़ना की** (व्यवस्थाविवरण 11:2 ULT)
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>तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और **दुष्टों के अंत** को देखेगा (भजन संहिता 91:8 ULT)
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>> तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और देखेगा कि **यहोवा कैसे दुष्टों का अंत करता** है
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> तुम **पवित्र आत्मा का दान पाओगे** (प्रेरितों के काम 2:38 ULT)
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>>तुम **पवित्र आत्मा को पाओ जो परमेश्वर तुम्हेदेगा**
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@ -1 +1 @@
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‘‘संपत्ति’’ या अधिकार की वस्तु क्या है और मैं उसका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ?
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‘ स्वत्वबोधन क्या है और मैं उसका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ?
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@ -1 +1 @@
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संपति या अधिकार
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स्वत्वबोधन
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@ -1,96 +1,98 @@
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### विवरण
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एक **वाक्य** शब्दों का एक समूह होता है जो एक पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। वाक्यों के मूल प्रकार उन कार्यों के साथ नीचे सूचीबद्ध हैं जिनका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।
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**वाक्य** शब्दों का वह समूह होता है जो किसी पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। वाक्यों के मूल प्रकार उन कार्यों के साथ नीचे सूचीबद्ध हैं जिनका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।
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* **विवरण** - इन्हें मुख्य रूप से जानकारी देने के लिए उपयोग किया जाता है। '_यह एक सच है।_'
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* **प्रश्न** - इन्हें मुख्य रूप से जानकारी मांगने के लिए उपयोग किया जाता है। '_क्या आप उसे जानते हो?_'
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* **आज्ञावाचक वाक्य** - ये मुख्य रूप से किसी इच्छा या आवश्यकता को व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, कि कोई कुछ करे। '_उसे ऊपर उठाओ._'
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* **विस्मयादिबोधक** - ये मुख्य रूप से एक दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। '_ओह! इससे दर्द हुआ!_'
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* **विवरण** --- इन्हें मुख्य रूप से जानकारी देने के लिए उपयोग किया जाता है। 'यह एक तथ्य है।'
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* **प्रश्न** --- इन्हें मुख्य रूप से जानकारी मांगने के लिए उपयोग किया जाता है। 'क्या आप उसे जानते हैं?'
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* **आदेशात्मक वाक्य** --- ये मुख्य रूप से किसी इच्छा या अनिवार्यता को व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, कि कोई कुछ करे। 'उसे उठाओ.'
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* **विस्मयादिबोधक** --- ये मुख्य रूप से एक दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। 'ओह! इससे दर्द हुआ!'
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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#### यह अनुवाद की समस्या है
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* विशेष कार्यों को व्यक्त करने के लिए भाषाओं में वाक्य प्रकारों का उपयोग करने के विभिन्न तरीके होते हैं।
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* अधिकांश भाषाएँ एक से अधिक गतिविधि के लिए इन वाक्य प्रकारों का उपयोग करती हैं।
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* बाइबल में प्रत्येक वाक्य एक निश्चित वाक्य प्रकार से सम्बन्धित है और इसमें एक निश्चित गतिविधि होती है, परन्तु कुछ भाषाएँ उस गतिविधि के लिए उस प्रकार की वाक्य का उपयोग नहीं करतीं हैं।
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||||
* विशेष कार्यों को व्यक्त करने के लिए भाषाओं में वाक्य के प्रकारों का उपयोग करने की विभिन्न विधियां हैं।
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||||
* अधिकांश भाषाएँ एक से अधिक कार्यकलापों के लिए इन वाक्य प्रकारों का उपयोग करती हैं।
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||||
* बाइबल में प्रत्येक वाक्य एक निश्चित वाक्य प्रकार से सम्बन्धित है और उसका एक निश्चित कार्य है, परन्तु कुछ भाषाएँ उस कार्य विशेष के लिए उस प्रकार के वाक्य का उपयोग नहीं करतीं हैं।
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#### बाइबल से उदाहरण
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नीचे दिए गए उदाहरण इन मुख्य प्रकारों में से प्रत्येक को उनके मुख्य कार्यों के लिए उपयोग करते हैं।
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नीचे दिए गए उदाहरण इन मुख्य प्रकारों में से प्रत्येक को उनके मुख्य कार्यों के उपयोग के निम्मित दर्शाए गए हैं।
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#### वक्तव्य
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#### कथन
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> आरम्भ में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी बनाई। (उत्पत्ति 1:1 यूएलबी)
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> आरम्भ में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की रचना की। (उत्पत्ति 1:1 ULB)
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||||
वक्तव्यों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [वक्तव्य - अन्य उपयोग](../figs-declarative/01.md))
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कथनों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [Statements - Other Uses](../figs-declarative/01.md))
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||||
#### प्रश्न
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||||
नीचे दिए गए वक्ताओं ने जानकारी प्राप्त करने के लिए, और जिन लोगों को वे बोल रहे थे, उनके प्रश्नों के उत्तर देने के लिए इन प्रश्नों का उपयोग किया।
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||||
नीचे दिए गए वाक्यों में वक्ताओं ने जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रश्न पूछे, और जिन लोगों से वे बातें कर रहे थे, उन्होंने उनके प्रश्नों के उत्तर दिए|
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||||
> यीशु ने उनसे कहा, " **क्या तुम्हें विश्वास है कि मैं यह कर सकता हूँ?** " उन्होंने उससे कहा, "हाँ, प्रभु।" (मत्ती 9:28 ULT)
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||||
>
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||||
> जेलर ... ने कहा, "हे सज्जनों, **उद्धार पाने के लिए मैं क्या करूं?** " उन्होंने कहा, "प्रभु यीशु में विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा|" (प्रेरितों 16:29 -31 ULB)
|
||||
|
||||
<blockquote> यीशु ने उनसे कहा, "<u> क्या तुम्हें विश्वास है कि मैं यह कर सकता हूँ? </u>" उन्होंने उससे कहा, "हाँ, प्रभु।" (मत्ती 9:28 यूएलबी) </blockquote>
|
||||
प्रश्नों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [Rhetorical Question](../figs-rquestion/01.md))
|
||||
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||||
<blockquote> जेलर ... ने कहा, "श्रीमान्, <u> मुझे बचाए जाने के लिए क्या करना चाहिए? </u>" उन्होंने कहा, "प्रभु यीशु में विश्वास कर, और तू और तेरे घराने को बचाया जाएगा।” (प्रेरितों 16:2 9 -31 यूएलबी) </blockquote>
|
||||
#### आदेशात्मक वाक्य
|
||||
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||||
प्रश्नों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [भाषणगत प्रश्न](../figs-rquestion/01.md))
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||||
आदेशात्मक वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ।
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#### अनिवार्य वाक्य
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आदेश के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
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अनिवार्य वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ।
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||||
> **उठ** , बालाक, और **सुन** . सिप्पोर के पुत्र, (गिनती 23:18 ULB)
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**आदेश** के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
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**निर्देश** के साथ, वक्ता किसी से कहता है कि वह काम को कैसे करे|
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> <u> उठ </u>, बालाक, और <u> सुन </u>. सिप्पोर के पुत्र, मेरी <u> सुन </u>. (गिनती 23:18 यूएलबी)
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||||
> ... परन्तु यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो **आज्ञाओं को मानो** . ... यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो **जा** अपना माल **बेच** कर कंगालों को **दे** , और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा...(मत्ती 19:17, 21 ULB)
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||||
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||||
**निर्देश** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
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||||
**सुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए या नहीं करने के लिए कहता है जो उसके विचार में उसकी सहायता के लिए है| निम्नलिखित उदाहरण में, दोनों अंधों के लिए अच्छा तो यही है कि वे एक दुसरे का पथप्रदर्शन न करें|
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> ... परन्तु यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो <u> आज्ञाओं को मानो </u>. ... यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो <u> जा </u>, <u> बेच </u> जो कुछ तेरे पास है, और <u> उसे </u> गरीबों को बाँट दें, और तुझे स्वर्ग में धन प्राप्त होगा। (मत्ती 19:17, 21 यूएलबी)
|
||||
> एक अंधा व्यक्ति दूसरे अन्धे व्यक्ति को मार्ग बताने के योग्य नहीं होता है, होता है क्या? क्या दोनों गड़हे में नहीं गिरेंगे? (लूका 6:39 UDB)
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||||
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||||
**सुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है या ऐसा नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि इस से उस व्यक्ति की सहायता हो सकती है। नीचे दिए गए उदाहरण में, यदि वे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करते हैं तो यह दोनों अन्धे पुरुषों के लिए सबसे अच्छा है।
|
||||
वक्ता उस समूह का भाग बनने की मंशा रख सकते हैं, जो दी गए सुझाव का अनुपालन करता है| उत्पत्ति 11 में, लोग कह रहे थे कि उनके लिए एक साथ ईंटों को बनाना अच्छा होगा।
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||||
> एक अन्धे व्यक्ति को दूसरे अन्धे व्यक्ति का मार्गदर्शन करने का प्रयास <u> नहीं करना चाहिए </u> यदि उसने किया, तो वे दोनों एक गड़हे में गिर जाएंगे! (लूका 6:39 यूडीबी)
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||||
> तब वे आपस में कहने लगे, "आओ, **हम ईंटें बनाकर** भलीभांति आग में पकाएं|" (उत्पत्ति 11:3 ULT) )
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||||
वक्ता समूह का भाग बनने का मंशा रख सकते हैं, जिसका सुझाव दिया जाता है। उत्पत्ति 11 में, लोग कह रहे थे कि उनके लिए ईंटों को एक साथ बनाना अच्छा होगा।
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||||
**आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके और यदि श्रोता चाहे तो उसे करे| यह प्रायः ऎसी बात होती है जो वक्ता के विचार में श्रोता के लिए आनंददायक है|
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||||
> उन्होंने एक-दूसरे से कहा, "आओ, <u> हम मिलकर </u> ईंटें बनाएँ और उन्हें अच्छी तरह से सेंक लें।" (उत्पत्ति 11:3 यूएलबी)
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||||
> तू भी हमारे संग **चल**, और हम तेरी भलाई करेंगे| (गिनती 10:29)
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||||
**आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि यदि वह चाहे तो कोई कुछ कुछ करता है। इससे सामान्य रूप से ऐसा कुछ होता है जिससे वक्ता सोचता है कि श्रोता को आनन्द मिलेगा।
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||||
**अनुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें आदेश की अपेक्षा अनुरोध को स्पष्ट करने के लिए 'कृपया' शब्द जोड़ा जा सकता है| यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।
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> <u> आओ </u> हमारे साथ और हम आपको साथ अच्छा करेंगे। (गिनती 10:29)
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> प्रतिदिन की रोटी आज भी **हमें दें** . (मत्ती 6:11 ULB)
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||||
**अनुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए 'कृपया' शब्द सम्मिलित हो सकता है कि यह एक अनुरोध है, न कि आदेश। यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।
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||||
> **मैं तुझसे विनती करता हूँ** मुझे कषमा कर दे| (लूका 14:18 ULB)
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<blockquote> आज हमें प्रतिदिन की रोटी <u> हमें दें </u>. (मत्ती 6:11 यूएलबी) </blockquote>
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मनुष्य मन में इच्छा रखते हुए व्यक्त करता है कि उसकी मनोकामना पूरी हो| अंग्रेज़ी में इनका आरम्भ प्रायः "हो सके" या "होने दे" से होता है|
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<blockquote> मुझे<u> कृपया क्षमा करें </u>. (लूका 14:18 यूएलबी) </blockquote>
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||||
उत्पत्ति 28 में, इसहाक ने याकूब से कहा कि वह उसके लिए क्या चाहता है कि परमेश्वर करे।
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एक **इच्छा** के साथ एक व्यक्ति व्यक्त करता है कि वे क्या करना चाहते हैं। अंग्रेजी में वे अक्सर "कृप्या" या "आइए" शब्द से आरम्भ होते हैं। उत्पत्ति 28 में, इसहाक ने याकूब से कहा कि वह क्या चाहता था कि परमेश्वर उसके लिए क्या करे।
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||||
> **परमेश्वर सर्वसामर्थी तुझे आशीष दे** तुझे, फलदायी बनाए और तुझे बढ़ाए। (उत्पत्ति 28:3 यूएलबी)
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> <u> परमेश्वर सर्वसामर्थी तुझे आशीष दे</u> तुझे, फलदायी बनाए और तुझे बढ़ाए। (उत्पत्ति 28:3 यूएलबी)
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||||
उत्पत्ति 9 में, नूह ने कनान के लिए कहा कि उसकी इच्छा है कि उसके साथ ऐसा हो|
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उत्पत्ति 9 में, नूह ने कहा कि वह क्या चाहता था कि कनान के साथ क्या घटित हो।
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> कनान **शापित हो** **हो सके तो वह** अपने भाइयों के दासों का भी दास हो जाए| (उत्पत्ति 9:25 ULB))
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> <u> कनान </u> शापित हो। <u> ऐसा हो कि </u>वह तेरा भाइयों के नौकरों के लिए एक नौकर हो जाए। (उत्पत्ति 9:25 यूएलबी)
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उत्पत्ति 21 में, हाजिरा ने अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की कि अपने पुते को मरते हुए न देखे, और फिर वह चली गई ताकि वह उसे मरते हुए न देख सके।
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उत्पत्ति 21 में, हाजिरा ने अपने पुत्र के न मरने के लिए अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की, और फिर वह चली गई ताकि वह उसे मरते हुए न देख सके।
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> मुझ को लड़के की मृत्यु **देखनी न पड़े** (उत्पत्ति 21:16 ULB)
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> <u> मुझे बच्चे को मरते हुए </u> न देखने पड़े। (उत्पत्ति 21:16 यूएलबी)
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अनिवार्य शब्दों वाले वाक्यों में अन्य कार्य भी होते हैं। (देखें [अनिवार्य - अन्य उपयोग](../figs-imperative/01.md))
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आदेशात्मक वाक्यों में अन्य कार्य भी होते हैं। (देखें [Imperatives - Other Uses](../figs-imperative/01.md))
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#### विस्मयादिबोधक
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विस्मयादिबोधक दृढ़ भाव को व्यक्त करते हैं। यूएलबी और यूडीबी अनुवादों अनुवादों में, सामान्य रूप से अन्त में विस्मयादिबोधक चिह्न (!) होता है।
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विस्मयादिबोधक वाक्य दृढ़ भाव को व्यक्त करते हैं। ULT और UST अनुवादों में, वाक्य के अंत में प्रायः विस्मयादिबोधक चिह्न (!) होता है।
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> हे प्रभु, हमें बचा,; हम मरने वाले हैं! (मत्ती 8:25 यूएलबी)
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(अन्य तरीकों के लिए [विस्मयादिबोधक](../figs-exclamations/01.md) जिनमें विस्मयादिबोधकों को दिखाया जाता है और उनके अनुवाद करने के तरीके को देखें।)
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(विस्मय को प्रकट करने की अन्य विधियों और उनके अनुवाद की विधियों के लिए (देखें: [Exclamatios](../figs-exclamations/01.md)) जिनमें विस्मयादिबोधकों को दिखाया जाता है और उनके अनुवाद करने के तरीके को देखें।)
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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### अनुवाद की युक्तियाँ
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1. अपनी भाषा में प्रयोग किए जाने वाले तरीकों का प्रयोग यह दिखाने के लिए करें कि एक वाक्य में एक ही विशेष कार्य होता है।
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1. जब बाइबल में एक वाक्य में एक वाक्य का प्रकार होता है कि आपकी भाषा उसे वाक्य की गतिविधि के लिए उपयोग नहीं करती है, तो अनुवाद के लिए रणनीतियों के लिए नीचे दिए गए पृष्ठ को देखें।
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(1) अपनी भाषा का प्रयोग इस प्रकार करें कि प्रकट हो कि वाक्य का एक विशेष कार्य होता है|
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* [वक्तव्य - अन्य उपयोग](../figs-declarative/01.md)
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* [भाषणगत प्रश्न](../figs-rquestion/01.md)
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* [अविवार्य - अन्य उपयोग](../figs-imperative/01.md)
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* [विस्मयादिबोधक](../figs-exclamations/01.md)
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(2) यदि बाईबल में कोई ऐसा वाक्य प्रकार आ जाता है जिसका उपयोग आपकी भाषा में उस वाक्य के काम के लिए नहीं किया जाता है तो अनुवाद की युक्तियों हेतु निम्न व्यक्त पृष्ठों को देखें|
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* [Statements - Other Uses](../figs-declarative/01.md)
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* [Rhetorical Quwstion](../figs-rquestion/01.md)
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* [Imperatives - Other Uses](../figs-imperative/01.md)
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* [exclamations](../figs-exclamations/01.md)
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@ -1 +1 @@
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वाक्य के विभिé प्रकार कौन कौनसे हैं और उनका उपयोग कहाँ होता है?
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वाक्य के विभिé प्रकार कौन कौन से हैं और उनका उपयोग कहाँ होता है?
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@ -2,69 +2,70 @@
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बाइबल इब्रानी, अरामी और यूनानी में लिखी गई थी।
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इन भाषाओं में**एकवचन** "आप" शब्द "तुम" के रूप में है जब केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है, और**बहुवचन** शब्द शब्द "तुम्हारे" के रूप में है जब एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है।
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इन भाषाओं में "तू" शब्द एक वचन में तब होता है जब वह किसी एक मनुष्य का सन्दर्भ देता है और जब उसका सन्दर्भ एक से अधिक मनुष्यों से हो तो उसका बहुवचन रूप होता है परन्तु बाईबल के वक्ता कभी-कभी जन समूह के संबोधन में भी एकवचन "तू" शब्द का प्रयोग करते हैं| अंग्रेज़ी भाषा की बाईबल में यह स्पष्ट प्रकट नहीं है क्योंकि अंग्रेज़ी भाषा में "आप" या "तू" को स्पष्ट दर्शाने के लिए अलग-अलग वचन नहीं हैं परन्तु आप उन भाषाओं की बाईबल में ऐसा देख सकते हैं जिनमें वचनांतर है|
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यद्यपि कभी-कभी बाइबल में वक्ताओं ने "आप" के **एकवचन**रूप का उपयोग किया है, चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे।
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एक और बात है कि पुराने नियम के वक्ता और लेखक जनसमूह को बहुवचन "वे" की अपेक्षा एक वचन सर्वनाम,"वह"से संबोधित करते हैं|
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जब आप अंग्रेजी में बाइबल पढ़ते हैं तो यह स्पष्ट नहीं होता है, क्योंकि अंग्रेजी में "आप" एकवचन और "आप" बहुवचन के लिए भिन्न रूप नहीं हैं।
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अंत में, पुराने नियम के वक्ता और लेखक किए गए सामूहिक कार्य को,जिसमें वे भी सहभागी हैं, "मैं" ने किया कहते हैं जबकि सच तो यह है कि वह कार्य सब ने किया है|
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परन्तु आप इसे देख सकते हैं यदि आप ऐसी भाषा में बाइबल पढ़ते हैं, जिसमें इनके भिन्न रूप पाए जाते हैं।
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### इसे अनुवाद की एक समस्या होने का कारण
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इसके अतिरिक्त, पुराने नियम के वक्ताओं और लेखकों ने अक्सर बहुवचन सर्वनाम "वे" की अपेक्षा एकवचन सर्वनाम "वह" को लोगों के समूहों के लिए सन्दर्भित किया।
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### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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* क्योंकि कई भाषाओं में, एक अनुवादक जो "आप" के सामान्य रूप से बाइबल पढ़ता है उसे यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता एक व्यक्ति से या एक से अधिक से बात कर रहा था या नहीं।
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* कुछ भाषाओं में यह एक भ्रम उत्पन्न करने वाला हो सकता है, यदि एक वक्ता एक से अधिक व्यक्ति से बात करते समय एकवचन सर्वनाम का उपयोग करता है।
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* कई भाषाओं में, अनुवादक यदि बाईबल में 'तू" के सर्वनिष्ठ प्रयोग को देख रहा है तो उसके लिए यह समझना आवश्यक है कि संबोधन एक व्यक्ति को किया गया है या एक से अधिक को|
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||||
* कुछ भाषाओं में यह एक भ्रम उत्पन्न करने वाला हो सकता है, यदि वक्ता एक से अधिक व्यक्ति से या उनके विषय में बात करते समय एकवचन सर्वनाम का उपयोग करता है।
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### बाइबल से उदाहरण
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||||
> <sup> 1 </sup> सावधान रहो कि कहीं <u> तुम </u> लोगों के सामने दिखाने के लिए <u> अपने </u> धर्म वाले कामों को तो नहीं करते हैं, अन्यथा <u> तुम्हें </तुम्हारे>पिता से <u> जो</u> स्वर्ग में हैं, कोई प्रतिफल नहीं मिलेगा। <sup> 2 </sup> तो जब <u> तुम </u> दान देते हैं, तो <u> स्वयं </u> के लिए तुरही न बजवाएँ, क्योंकि पापी लोग सभाओं और सड़कों पर ऐसा करते हैं, ताकि वे लोगों की प्रशंसा को प्राप्त कर सकें।
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||||
> सावधान रहो **तुम**मनुष्यों को दिखाने के लिए **अपने** धर्म के काम न करो, नहीं तो **अपने** स्वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे| २इस्लिए जब **तू** दान करे, तो **अपने** आगे तुरही न बजवा,जैसे कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, जिससे कि लोग उनकी प्रशंसा करें|मैं **तुम** से सच कहता हूँ कि वे अपना प्रतिफल पा चुके| (मत्ती 6:1-2 ULT)
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||||
वास्तव में मैं आपको <u> you </u> कहता हूँ, उन्हें अपना प्रतिफल प्राप्त हुआ है। (मत्ती 6:1,2 यूएलबी)
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||||
यीशु ने भीड़ को संबोधित करते समय पद 1 में बहुवचन "तू" का उपयोग किया है और पद 2 के पहले वाक्य में एकवचन "तू" का उपयोग किया है| तदोपरांत अंतिम वाक्य में उसने पुनः बहुवचन का उपयोग किया है|
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||||
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||||
यीशु ने भीड़ को यह कहा। उसने वचन 1 में पहली बार "तुम" बहुवचन और वचन 2 के पहले वाक्य में "तुम" एकवचन का उपयोग किया। फिर अन्तिम वाक्य में उसने बहुवचन का पुन: उपयोग किया।
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||||
>तब परमेश्वर ने यह सब वचन कहे: "मैं **तेरा** परमेश्वर यहोवा हूँ," जो **तुझे**दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है। **तू** मुझे छोड़ दूसरों को इश्वर करके न मानना| (निर्गमन 20:1-3 ULT)
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||||
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||||
> परमेश्वर ने इन सभी शब्दों को बोला: "मैं यहोवा, <u> तेरा </u> परमेश्वर हूँ, जो दासता के घर मिस्र देश से <u> तुझे </u> लाया था। <U> तेरे </u> पास मेरे सामने अन्य ईश्वर नहीं नहीं होने चाहिए।” (निर्गमन 20:1-3 यूएलबी)
|
||||
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||||
परमेश्वर ने इस्राएल के सभी लोगों से यह कहा। वह उन्हें मिस्र से बाहर ले लिया था और वह चाहता था कि वे सभी उसकी आज्ञा का पालन करें, परन्तु उसने उनसे बात करते समय यहाँ शब्द तूझे का एकवचनीय रूप का उपयोग किया है।
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||||
परमेश्वर ने इस्राएल के सब लोगों से यह कहा था। वह उन्हें मिस्र से बाहर ले आया था और वह चाहता था कि वे सब उसकी आज्ञा का पालन करें, परन्तु उसने उनसे बात करते समय यहाँ एकवचन "तू" शब्द का उपयोग किया है।
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||||
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||||
> यहोवा यह कहता है,
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||||
> "एदोम के तीन पापों के लिए,
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||||
> वरन् चार के लिए भी,
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||||
> मैं दण्ड को नहीं बदलूँगा,
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||||
> क्योंकि <u> वह </u> तलवार के साथ <u> उसके </u> भाई के पीछे दौड़ा
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||||
> और सारी दया को एक किनारे रख दिया।
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||||
> <u> उसका </u> क्रोध लगातार बढ़ता ही चला गया,
|
||||
> और <u> उसका </u> क्रोध सदैव के लिए बना रहा।” (आमोस 1:11 यूएलबी)
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||||
> "एदोम के तीन ...अपराधों के कारण ,
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||||
> वरन् चार... के कारण ,
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||||
> मैं उसका दण्ड न छोडूंगा,
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||||
> क्योंकि **उसने अपने** भाई को तलवार लिए हुए खदेड़ा
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||||
> और कुछ भी दया न की,
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||||
> परन्तु **अपने** क्रोध में उनको लगातार फाड़ता ही रहा,,
|
||||
> और **अपने** रोष को अनंत काल के लिए बनाए रहा” (आमोस 1:11 ULT)
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यहोवा ने इन बातों को एदोम राष्ट्र के बारे में कहा, न केवल एक व्यक्ति के बारे में।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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||||
तब मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला...और यरूशलेम की टूटी पडी हुई शहरपनाह.. को देखा...फिर घुमकर तराई के फाटक से भीतर आया,और...लौट आया| (नहेम्याह 2:12,15)
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||||
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||||
नहेम्याह स्पष्ट कहता है कि वह अपने निरीक्षण अभियान में अन्य लोगों को भी साथ ले गया था परन्तु अपने निरीक्षण के वर्णन में वह कहता है,"मैं" ने यह किया और वह किया|
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### अनुवाद का कौशल
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यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचन रूप स्वभाविक हो, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें।
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* चाहे आप इसका उपयोग कर सकें, यह तौभी इस बात पर निर्भर हो सकता है कि वक्ता कौन है और लोग कौन हैं जिस के बारे में या जिस से वह बात कर रहा है।
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* यह वक्ता क्या कह रहा है, इस पर भी निर्भर हो सकता है।
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||||
* आप इसका उपयोग कर सकते है या नहीं यह निर्भर करता है कि वक्ता कौन है और जिन लोगों के बारे में या जिन लोगों से वह चर्चा कर रहा है, वे कौन हैं|
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||||
* यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि वक्ता क्या कह रहा है|
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1. यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचनीय रूप स्वभाविक नहीं है, या यदि पाठक इसके द्वारा भ्रमित हो जाएंगे, तो सर्वनाम के बहुवचन रूप का उपयोग करें।
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### अनुवाद के कौशल की व्यावहारिकता
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### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ
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1. यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचन रूप स्वभाविक नहीं है, या यदि पाठक इसके द्वारा भ्रमित हो जाएंगे, तो सर्वनाम के बहुवचन रूप का उपयोग करें।
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||||
1. यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचनीय रूप स्वभाविक नहीं है, या यदि पाठक इसके द्वारा भ्रमित हो जाएंगे, तो सर्वनाम के बहुवचन रूप का उपयोग करें।
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||||
> यहोवा यों कहता है,
|
||||
> "एदोम के तीन...अपराधों के कारण
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||||
> वरव चार...के कारण मैं अपना दंड न छोडूंगा;
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> क्योंकि **उसने** **अपने भाई** को तलवार लिए हुए खदेड़ा
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> और कुछ भी दया न की,
|
||||
> परन्तु **अपने** क्रोध में उनको लगातार फाड़ता ही रहा,और
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>**अपने** रोष को अनंतकाल के लिए बनाए रहा
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(आमोस 1:11 यूएलबी)
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> यहोवा यह कहता है,
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> "एदोम के तीन पापों के लिए,
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> चार के लिए भी, मैं दण्ड को नहीं बदलूँगा,
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> क्योंकि <u> वह </u> तलवार के साथ <u> उसके </u> भाई के पीछे दौड़ा
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> और सारी दया को एक किनारे रख दिया।
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||||
> <u> उसका </u> क्रोध लगातार बढ़ता ही चला गया,
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||||
> और <u> उसका </u> क्रोध सदैव के लिए बना रहा।” (आमोस 1:11 यूएलबी)
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||||
> यहोवा यों कहता है,
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||||
> "एदोम के तीन…अपराधों के कारण
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||||
> वरव चार…के कारण मैं अपना दंड न छोडूंगा;
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> क्योंकि **उसने** **अपने भाई** को तलवार लिए हुए खदेड़ा
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||||
> और कुछ भी दया न की,
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> परन्तु **अपने** क्रोध में उनको लगातार फाड़ता ही रहा,और
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||||
> **अपने** रोष को अनंतकाल के लिए बनाए रहा
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||||
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||||
यहोवा यह कहता है,
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||||
>मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...**मैं** रात को तराई के फाटक से होकर निकला...और.. टूटी हुई शहरपनाह... को देखा...फिर घूमकर तराई के फाटक से भीटर आया ओरिस प्रकार **मैं** लौट आया| (नहेम्याह 2:12,15)
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||||
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||||
> "एदोम के तीन पापों के लिए,
|
||||
> चार के लिए भी, मैं दण्ड को नहीं बदलूँगा, क्योंकि <u> उन्होंने </u> तलवार के साथ <u> उनके भाइयों </u> का पीछा किया
|
||||
> और सारी दया को एक किनारे रख दिया।
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||||
> <u> उनका </u> क्रोध लगातार बढ़ता ही चला गया,
|
||||
> और <u> उनका </u> क्रोध सदैव के लिए बना रहा।”
|
||||
>मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...**हम** रात को तराई के फाटक से होकर निकले ...और.. **हमने** टूटी हुई शहरपनाह... को देखा...फिर **हम** घूमकर तराई के फाटक से भीटर आए ओर इस प्रकार **हम** लौट आए|
|
||||
|
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@ -1,6 +1,6 @@
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|||
title: "विषय-सूची"
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||||
title: "Table of Contents"
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||||
sections:
|
||||
- title: "परिचय"
|
||||
- title: "Introduction"
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||||
sections:
|
||||
- title: "अनुवाद सहायक पुस्तिका का परिचय"
|
||||
link: translate-manual
|
||||
|
@ -12,7 +12,7 @@ sections:
|
|||
link: translate-more
|
||||
- title: "अपने बाइबल अनुवाद का लक्ष्य कैसे बनाएँ?"
|
||||
link: translate-aim
|
||||
- title: "एक अच्छे अनुवाद को परिभाषित करना"
|
||||
- title: "Defining a Good Translation"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अच्छे अनुवादक के गुण"
|
||||
link: guidelines-intro
|
||||
|
@ -42,7 +42,7 @@ sections:
|
|||
link: guidelines-collaborative
|
||||
- title: "निरंतरता के अनुवाद को तैयार करना"
|
||||
link: guidelines-ongoing
|
||||
- title: "अर्थ आधारित अनुवाद"
|
||||
- title: "Meaning-Based Translation"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अनुवाद प्रक्रिया"
|
||||
link: translate-process
|
||||
|
@ -70,21 +70,21 @@ sections:
|
|||
sections:
|
||||
- title: "अर्थ के लिए अनुवाद"
|
||||
link: translate-tform
|
||||
- title: "अनुवाद करने से पहले"
|
||||
- title: "Before Translating"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "प्रथम प्रालेख तैयार करना"
|
||||
link: first-draft
|
||||
- title: "अनुवाद दल को चुनना"
|
||||
link: choose-team
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अनुवादक की योग्यताएँ"
|
||||
link: qualifications
|
||||
- title: "Choosing a Translation Style"
|
||||
link: choose-style
|
||||
- title: "चुनना कि क्या अनुवाद किया जाए"
|
||||
link: translation-difficulty
|
||||
- title: "स्रोत लेख को चुनना"
|
||||
link: translate-source-text
|
||||
sections:
|
||||
- title: "कॉपीराइट, लाइसेंस और स्रोत लेख"
|
||||
- title: "कॉपीराइट, लार्इसेंस और स्रोत लेख"
|
||||
link: translate-source-licensing
|
||||
- title: "स्रोत लेख एवं वर्जन संख्याएँ"
|
||||
link: translate-source-version
|
||||
|
@ -97,11 +97,13 @@ sections:
|
|||
link: translate-alphabet2
|
||||
- title: "फाइल प्रारूप"
|
||||
link: file-formats
|
||||
- title: "अनुवाद का आरम्भ कैसे करें"
|
||||
- title: "How to Start Translating"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "प्रथम प्रालेख तैयार करना"
|
||||
link: first-draft
|
||||
- title: "अनुवाद में मदद"
|
||||
link: translate-help
|
||||
- title: "अनलॉक बाइबल टेक्सट"
|
||||
- title: "The Bible Text"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "मूल एवं स्रोत भाषा"
|
||||
link: translate-original
|
||||
|
@ -115,7 +117,7 @@ sections:
|
|||
link: translate-formatsignals
|
||||
- title: "बाइबल के अनुवाद में ULB एवं UDB का उपयोग कैसे करें"
|
||||
link: translate-useulbudb
|
||||
- title: "अनुवाद करते वक्त अनुवाद सहायक(ट्रांसलेशन हेल्प) का उपयोग करें"
|
||||
- title: "Use the Translation Helps when Translating"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "लिंक्स के साथ नोट्स"
|
||||
link: resources-links
|
||||
|
@ -144,144 +146,27 @@ sections:
|
|||
link: resources-iordquote
|
||||
- title: "ULB कथनों के साथ नोट्स"
|
||||
link: resources-long
|
||||
- title: "ट्रांसलेशन वर्ड का उपयोग करना"
|
||||
- title: "शब्दों के अनुवाद संसाधन का उपयोग करना"
|
||||
link: resources-words
|
||||
- title: "अनुवाद प्रश्नों का उपयोग"
|
||||
link: resources-questions
|
||||
- title: "सही समय पर सीखने का अनुखंड"
|
||||
- title: "Just-in-Time Learning Modules"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "भाषा के अलंकार"
|
||||
- title: "Translation Issues"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "भाषा के अलंकार"
|
||||
link: figs-intro
|
||||
- title: "संबोधक चिन्ह"
|
||||
link: figs-apostrophe
|
||||
- title: "युग्मक"
|
||||
link: figs-doublet
|
||||
- title: "शिष्टोक्ति"
|
||||
link: figs-euphemism
|
||||
- title: "विस्तृत रूपक"
|
||||
link: figs-exmetaphor
|
||||
- title: "हेन्डियडिस"
|
||||
link: figs-hendiadys
|
||||
- title: "अतिशयोक्ति एवं सामान्यीकरण"
|
||||
link: figs-hyperbole
|
||||
- title: "मुहावरे"
|
||||
link: figs-idiom
|
||||
- title: "व्यंग्यात्मक"
|
||||
link: figs-irony
|
||||
- title: "विडंबना"
|
||||
link: figs-litotes
|
||||
- title: "मेरिस्म"
|
||||
link: figs-merism
|
||||
- title: "रूपक"
|
||||
link: figs-metaphor
|
||||
- title: "मेटोनिमी"
|
||||
link: figs-metonymy
|
||||
- title: "समरूपता"
|
||||
link: figs-parallelism
|
||||
- title: "समान अर्थ के साथ समरूपता"
|
||||
link: figs-synonparallelism
|
||||
- title: "मानवीकरण"
|
||||
link: figs-personification
|
||||
- title: "भविष्यसूचक अतीत"
|
||||
link: figs-pastforfuture
|
||||
- title: "आलंकारिक प्रश्न"
|
||||
link: figs-rquestion
|
||||
- title: "उपमा"
|
||||
link: figs-simile
|
||||
- title: "उपलक्ष्य अलंकार"
|
||||
link: figs-synecdoche
|
||||
- title: "व्याकरण"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "व्याकरण के विषय"
|
||||
link: figs-grammar
|
||||
- title: "भाववाचक संज्ञा"
|
||||
link: figs-abstractnouns
|
||||
- title: "प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष"
|
||||
link: figs-activepassive
|
||||
- title: "सूचना देने एवं याद दिलाने वाले शब्दों में अंतर करना"
|
||||
link: figs-distinguish
|
||||
- title: "दोहरे नकारात्मक"
|
||||
link: figs-doublenegatives
|
||||
- title: "अध्याहार"
|
||||
link: figs-ellipsis
|
||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप"
|
||||
link: figs-you
|
||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप - युग्म/बहुवचन"
|
||||
link: figs-youdual
|
||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप - एकवचन"
|
||||
link: figs-yousingular
|
||||
- title: "सामान्य संज्ञा"
|
||||
link: figs-genericnoun
|
||||
- title: "जाओ और आओ"
|
||||
link: figs-go
|
||||
- title: "आम विशेषण"
|
||||
link: figs-nominaladj
|
||||
- title: "घटनाओं का क्रम"
|
||||
link: figs-events
|
||||
- title: "भाषा के भाग"
|
||||
link: figs-partsofspeech
|
||||
- title: "संपति या अधिकार"
|
||||
link: figs-possession
|
||||
- title: "क्रियाएँ"
|
||||
link: figs-verbs
|
||||
- title: "जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती है"
|
||||
link: figs-gendernotations
|
||||
- title: "शब्द क्रम"
|
||||
link: figs-order
|
||||
- title: "सर्वनाम"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "सर्वनाम"
|
||||
link: figs-pronouns
|
||||
- title: "प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरूष"
|
||||
link: figs-123person
|
||||
- title: "विशिष्ट एवं अंतर्निहित ‘हम’"
|
||||
link: figs-exclusive
|
||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप - औपचारिक या अनौपचारिक"
|
||||
link: figs-youformal
|
||||
- title: "समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनाम"
|
||||
link: figs-youcrowd
|
||||
- title: "कर्मकर्त्ता सर्वनाम"
|
||||
link: figs-rpronouns
|
||||
- title: "सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें"
|
||||
link: writing-pronouns
|
||||
- title: "वाक्य"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "वाक्य रचना"
|
||||
link: figs-sentences
|
||||
- title: "सूचना संरचना"
|
||||
link: figs-infostructure
|
||||
- title: "वाक्य के प्रकार"
|
||||
link: figs-sentencetypes
|
||||
sections:
|
||||
- title: "कथन - अन्य उपयोग"
|
||||
link: figs-declarative
|
||||
- title: "आदेशात्मक - अन्य उपयोग"
|
||||
link: figs-imperative
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- title: "विस्मयादिबोधक"
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link: figs-exclamations
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- title: "उद्धरण"
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sections:
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||||
- title: "उद्धरण एवं उद्धरण हासिये"
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||||
link: writing-quotations
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||||
- title: "प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण"
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||||
link: figs-quotations
|
||||
- title: "उद्धरण चिन्ह"
|
||||
link: figs-quotemarks
|
||||
- title: "उद्धरणों में उद्धरण"
|
||||
link: figs-quotesinquotes
|
||||
- title: "लेखन शैली (लेख)"
|
||||
- title: "लेखों के भेद"
|
||||
link: translate-textvariants
|
||||
- title: "पद सेतु"
|
||||
link: translate-versebridge
|
||||
- title: "Writing Styles (Discourse)"
|
||||
sections:
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||||
- title: "लेखन के प्रकार"
|
||||
link: writing-intro
|
||||
- title: "पृष्ठभूमि का परिचय"
|
||||
- title: "पृष्ठभूमि की जानकारी"
|
||||
link: writing-background
|
||||
- title: "जोड़ने वाले शब्द"
|
||||
link: writing-connectingwords
|
||||
- title: "कहानी का अंत"
|
||||
link: writing-endofstory
|
||||
- title: "अतिशयाक्ति हालात"
|
||||
- title: "काल्पनिक परिस्थितियाँ"
|
||||
link: figs-hypo
|
||||
- title: "नर्इ घटनाओं का परिचय"
|
||||
link: writing-newevent
|
||||
|
@ -297,15 +182,117 @@ sections:
|
|||
link: writing-symlanguage
|
||||
- title: "प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी"
|
||||
link: writing-apocalypticwriting
|
||||
- title: "अनुवाद के मुद्दे"
|
||||
- title: "Sentences"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "लेखों के भेद"
|
||||
link: translate-textvariants
|
||||
- title: "संदर्भ पुल"
|
||||
link: translate-versebridge
|
||||
- title: "अपरिचित"
|
||||
- title: "वाक्य रचना"
|
||||
link: figs-sentences
|
||||
- title: "सूचना संरचना"
|
||||
link: figs-infostructure
|
||||
- title: "वाक्य के प्रकार"
|
||||
link: figs-sentencetypes
|
||||
sections:
|
||||
- title: "कथन - अन्य उपयोग"
|
||||
link: figs-declarative
|
||||
- title: "आदेशात्मक - अन्य उपयोग"
|
||||
link: figs-imperative
|
||||
- title: "विस्मयादिबोधक"
|
||||
link: figs-exclamations
|
||||
- title: "शब्दों और वाक्यांशों को जोड़ना"
|
||||
link: grammar-connect-words-phrases
|
||||
sections:
|
||||
- title: "संयोजक - अनुक्रमिक समय संबंध"
|
||||
link: grammar-connect-time-sequential
|
||||
- title: "संयोजक - समकालीन समय संबंध"
|
||||
link: grammar-connect-time-simultaneous
|
||||
- title: "संयोजक - पृष्ठभूमि की जानकारी"
|
||||
link: grammar-connect-time-background
|
||||
- title: "संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध"
|
||||
link: grammar-connect-logic-goal
|
||||
- title: "संयोजक - कारण और परिणाम संबंध"
|
||||
link: grammar-connect-logic-result
|
||||
- title: "संयोजक - तुलनात्मक संबंध"
|
||||
link: grammar-connect-logic-contrast
|
||||
- title: "Factual Conditions"
|
||||
link: grammar-connect-condition-fact
|
||||
- title: "Contrary-to-Fact Conditions"
|
||||
link: grammar-connect-condition-contrary
|
||||
- title: "Hypothetical Conditions"
|
||||
link: grammar-connect-condition-hypothetical
|
||||
- title: "संयोजक - अपवाद खण्ड"
|
||||
link: grammar-connect-exceptions
|
||||
- title: "Grammar"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अपरिचितों का अनुवाद"
|
||||
- title: "व्याकरण के विषय"
|
||||
link: figs-grammar
|
||||
- title: "भाववाचक संज्ञा"
|
||||
link: figs-abstractnouns
|
||||
- title: "कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य"
|
||||
link: figs-activepassive
|
||||
- title: "सूचना देने बनाम याद दिलाने वाले शब्दों में अंतर करना"
|
||||
link: figs-distinguish
|
||||
- title: "दोहरे नकारात्मक"
|
||||
link: figs-doublenegatives
|
||||
- title: "पदन्यूनता"
|
||||
link: figs-ellipsis
|
||||
- title: "तुम के प्रारूप"
|
||||
link: figs-you
|
||||
- title: "‘तुम’ के रूप - युग्म/बहुवचन"
|
||||
link: figs-youdual
|
||||
- title: "‘तुम’ के रूप - एकवचन"
|
||||
link: figs-yousingular
|
||||
- title: "सामान्य संज्ञा गर्भितं वाक्यांश"
|
||||
link: figs-genericnoun
|
||||
- title: "जाओ और आओ"
|
||||
link: figs-go
|
||||
- title: "आम विशेषण"
|
||||
link: figs-nominaladj
|
||||
- title: "घटनाओं का क्रम"
|
||||
link: figs-events
|
||||
- title: "भाषा के भाग"
|
||||
link: figs-partsofspeech
|
||||
- title: "स्वत्वबोधन"
|
||||
link: figs-possession
|
||||
- title: "क्रियाएँ"
|
||||
link: figs-verbs
|
||||
- title: "जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती हैं"
|
||||
link: figs-gendernotations
|
||||
- title: "Word Order"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "शब्द क्रम"
|
||||
link: figs-order
|
||||
- title: "Word Order – Hebrew"
|
||||
link: figs-orderHeb
|
||||
- title: "Word Order – Greek"
|
||||
link: figs-orderGrk
|
||||
- title: "Quotes"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "उद्धरण एवं उद्धरण हासिये"
|
||||
link: writing-quotations
|
||||
- title: "प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण"
|
||||
link: figs-quotations
|
||||
- title: "उद्धरण चिन्ह"
|
||||
link: figs-quotemarks
|
||||
- title: "उद्धरणों में उद्धरण"
|
||||
link: figs-quotesinquotes
|
||||
- title: "Pronouns"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "सर्वनाम"
|
||||
link: figs-pronouns
|
||||
- title: "प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरुष"
|
||||
link: figs-123person
|
||||
- title: "विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’"
|
||||
link: figs-exclusive
|
||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप - औपचारिक या अनौपचारिक"
|
||||
link: figs-youformal
|
||||
- title: "समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनाम"
|
||||
link: figs-youcrowd
|
||||
- title: "कर्मकर्त्ता सर्वनाम"
|
||||
link: figs-rpronouns
|
||||
- title: "सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें"
|
||||
link: writing-pronouns
|
||||
- title: "Unknowns"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अज्ञात का अनुवाद"
|
||||
link: translate-unknown
|
||||
- title: "शब्दों की प्रति बनाना या उधार लेना"
|
||||
link: translate-transliterate
|
||||
|
@ -317,47 +304,96 @@ sections:
|
|||
link: figs-explicitinfo
|
||||
- title: "सूचना को अंतर्निहित कब रखें"
|
||||
link: figs-extrainfo
|
||||
- title: "बाइबलीय दूरी"
|
||||
- title: "बाइबल में दूरी"
|
||||
link: translate-bdistance
|
||||
- title: "बाइबलीय मात्रा"
|
||||
link: translate-bvolume
|
||||
- title: "बाइबलीय वजन"
|
||||
link: translate-bweight
|
||||
- title: "बाइबलीय धन"
|
||||
- title: "बाइबल में धन"
|
||||
link: translate-bmoney
|
||||
- title: "इब्री महीने"
|
||||
- title: "इब्रानी महीने"
|
||||
link: translate-hebrewmonths
|
||||
- title: "संख्याएँ"
|
||||
link: translate-numbers
|
||||
- title: "क्रमबद्ध संख्याएँ"
|
||||
- title: "क्रमसूचक संख्याएँ"
|
||||
link: translate-ordinal
|
||||
- title: "अंश"
|
||||
link: translate-fraction
|
||||
- title: "दशमलव संख्याएँ"
|
||||
link: translate-decimal
|
||||
- title: "प्रतीकात्मक कार्य"
|
||||
link: translate-symaction
|
||||
- title: "बाइबल के रूप"
|
||||
- title: "Figures of Speech"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "भाषा के अलंकार"
|
||||
link: figs-intro
|
||||
- title: "संबोधक चिन्ह"
|
||||
link: figs-apostrophe
|
||||
- title: "परोक्ष टिपण्णी"
|
||||
link: figs-aside
|
||||
- title: "दोहरात्मक"
|
||||
link: figs-doublet
|
||||
- title: "शिष्टोक्ति"
|
||||
link: figs-euphemism
|
||||
- title: "हेन्डियडिस"
|
||||
link: figs-hendiadys
|
||||
- title: "अतिशयोक्ति"
|
||||
link: figs-hyperbole
|
||||
- title: "मुहावरे"
|
||||
link: figs-idiom
|
||||
- title: "व्यंग्यात्मक"
|
||||
link: figs-irony
|
||||
- title: "सम्भाव्यता माला"
|
||||
link: figs-litany
|
||||
- title: "विडंबना"
|
||||
link: figs-litotes
|
||||
- title: "विभज्योतक"
|
||||
link: figs-merism
|
||||
- title: "रूपक"
|
||||
link: figs-metaphor
|
||||
- title: "लक्षणालंकार"
|
||||
link: figs-metonymy
|
||||
- title: "समरूपता"
|
||||
link: figs-parallelism
|
||||
- title: "समान अर्थ के साथ समरूपता"
|
||||
link: figs-synonparallelism
|
||||
- title: "मानवीकरण"
|
||||
link: figs-personification
|
||||
- title: "भविष्यसूचक अतीत"
|
||||
link: figs-pastforfuture
|
||||
- title: "भाषणगत प्रश्न"
|
||||
link: figs-rquestion
|
||||
- title: "उपमा"
|
||||
link: figs-simile
|
||||
- title: "उपलक्षण अलंकार"
|
||||
link: figs-synecdoche
|
||||
- title: "Biblical Imagery"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "बाइबल के रूप"
|
||||
link: biblicalimageryta
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - सामान्य मेटोनिमी"
|
||||
link: bita-part2
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - सामान्य नमूने"
|
||||
link: bita-part1
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - सामान्य मेटोनिमी"
|
||||
link: bita-part2
|
||||
- title: "Biblical Imagery – Simple Metaphors"
|
||||
link: figs-simetaphor
|
||||
- title: "विस्तृत रूपक"
|
||||
link: figs-exmetaphor
|
||||
- title: "Biblical Imagery – Complex Metaphors"
|
||||
link: figs-cometaphor
|
||||
- title: "Biblical Imagery – Common Metaphors in the Bible"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - जानवर"
|
||||
link: bita-animals
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - शरीर के अंग एवं मानवीय गुण"
|
||||
- title: "बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण"
|
||||
link: bita-hq
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - खेतीबाड़ी"
|
||||
link: bita-farming
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - मानवीय व्यवहार"
|
||||
link: bita-humanbehavior
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - मानवनिर्मित वस्तुएँ"
|
||||
link: bita-manmade
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - प्राकृतिक नमूने"
|
||||
link: bita-phenom
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - मानवनिर्मित वस्तुएँ"
|
||||
link: bita-manmade
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - खेतीबाड़ी"
|
||||
link: bita-farming
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - जानवर"
|
||||
link: bita-animals
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - पौधे"
|
||||
link: bita-plants
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - सांस्कृतिक नमूने"
|
||||
|
|
|
@ -47,6 +47,6 @@
|
|||
उदाहरण के लिए:
|
||||
|
||||
> <sup> 5 </sup> ये उन अगुओं के नाम हैं, जिन्हें तेरे साथ युद्ध करना चाहिए:
|
||||
> & nbsp; & nbsp; & nbsp; & nbsp; रूबेन के गोत्र से, शदेऊर के पुत्र एलीसूर;
|
||||
> रूबेन के गोत्र से, शदेऊर के पुत्र एलीसूर;
|
||||
> शिमोन के गोत्र से <sup> 6 </sup>, सुरीशदे के पुत्र शलूमीएल;
|
||||
> & nbsp; & nbsp; & nbsp; & nbsp; <sup> 7 </sup> यहूदा के गोत्र से, अम्मीनादाब के पुत्र नहशोन; (गिनती 1:5-7 यूएलबी)
|
||||
> <sup> 7 </sup> यहूदा के गोत्र से, अम्मीनादाब के पुत्र नहशोन; (गिनती 1:5-7 यूएलबी)
|
||||
|
|
|
@ -1,73 +1,75 @@
|
|||
### विवरण
|
||||
|
||||
अंश एक प्रकार की सँख्या होती है, जो किसी वस्तु के बराबर भागों या लोगों या वस्तुओं के बड़े समूह के बराबर समूहों को सन्दर्भित करती है। एक वस्तु या वस्तुओं का ए समूह दो या दो से अधिक भागों या समूहों में बांटा गया है, और एक अंश उन भागों या समूहों में से एक या अधिक को सन्दर्भित करता है।
|
||||
अंश एक प्रकार की सँख्या है जो सम्पूर्णता का प्रतिनिधित्व करती है। जब किसी वस्तु को अनेक बराबर अंशों में विभाजित किया जाता है तब उसका एक अंश उन अंशों में से एक या अनेक अंशों का सन्दर्भ देता है।
|
||||
|
||||
> अर्घ के बलिदान के लिए, तू दाखरस को एक हीन की <u> एक तिहाई </u> भेंट में प्रस्तुत करना। (गिनती 15:7 यूएलबी)
|
||||
यहोवा को सुखदायक सुगंध देनेवाला **तिहाई** हीन दाखमधु। (गिनती 15:7 ULT)
|
||||
|
||||
एक हीन एक पात्र होता है, जो दाखरस और अन्य तरल पदार्थ को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। वे एक हीन पात्र को तीन बराबर भागों में विभाजित करने और उन भागों में से केवल एक को भरने के बारे में सोचते थे, और उस मूल्य को प्रस्तुत करते थे।
|
||||
हीन एक निर्धारित पात्र होता है, जो दाखरस और अन्य तरल पदार्थ को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। उन लोगों को हीन नामक पात्र को तीन बराबर भागों में विभाजित करने की कल्पना करनी होती थी और उसके एक ही भाग तक तरल पदार्थ भरना होता था।
|
||||
|
||||
> जहाजों के <u> एक तिहाई </u> भाग नष्ट हो गए थे। (प्रकाशितवाक्य 8:9 यूएलबी)
|
||||
> … **एक तिहाई** जहाज नष्ट हो गए। (प्रकाशितवाक्य 8:9 ULT)
|
||||
|
||||
कई जहाज थे। यदि उन सभी जहाजों को जहाजों के तीन बराबर समूहों में विभाजित किया गया था, तो जहाजों का एक समूह नष्ट हो गया था। अंग्रेजी में अधिकांश अंशों में केवल "-th" सँख्या को अन्त में जोड़ा गया है।
|
||||
समुद्र में अनेक जहाज थे| यदि इन सब जहाज़ों को तीन बराबर भागों में विभाजित किया जाए तो उनका एक बेड़ा नष्ट हो गया था।
|
||||
|
||||
| पूरे भाग को |अंश | में विभाजित किया गया है
|
||||
| -------- | -------- |
|
||||
| चार | चौथा |
|
||||
| दस | दसवाँ |
|
||||
| सौ | एक सौवाँ |
|
||||
| हजार | एक हज़ारवाँ |
|
||||
अंग्रेज़ी में अधिकाँश अंशों को दर्शाने वाले शब्दों के अंत में "th" होता है जैसे फॉरth, सिक्सth, नाइनth, टेनth.
|
||||
|
||||
अंग्रेजी में कुछ अंश उस पद्धति का पालन नहीं करते हैं।
|
||||
सम्पूर्ण को अनेक अंशों में विभाजित किया जाता है | अंश | |……………..|………………..| फॉर | फोर्थ | | टेन |टेंथ | वन हंड्रेड | वन हनडरेथ | |वन थाऊजन | वन थऊसेन्थ |
|
||||
|
||||
| पूरे भाग को |अंश | में विभाजित किया गया है
|
||||
| -------- | -------- |
|
||||
| दो | आधा |
|
||||
| तीन | तीसरा |
|
||||
| पाँच | पाँचवाँ |
|
||||
अंग्रेजी में कुछ अंश इस पद्धति का पालन नहीं करते हैं।
|
||||
|
||||
**इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है:** कुछ भाषाएँ अंशों का उपयोग नहीं करती हैं। वे मात्र भागों या समूहों के बारे में बात कर सकती हैं, परन्तु वे यह बताने के लिए अंशों का उपयोग नहीं करती हैं कि समूह में कितना बड़ा भाग है या कितने सम्मिलित हैं।
|
||||
| पूरे भाग को अनेक |अंश | में विभाजित किया गया है | अंश | |-------- | -------- || दो | आधा || तीन | तीसरा | | पाँच | पाँचवाँ |
|
||||
|
||||
### बाइबल से उदाहरण
|
||||
#### इसे अनुवाद की समस्या होने के कारण
|
||||
|
||||
> अब मनश्शे के गोत्र के <u> आधे </u> को, मूसा ने बाशान में विरासत दी, परन्तु दूसरे <u> आधे </u> को, यहोशू ने यदरन के पश्चिम में अपने भाइयों के साथ एक विरासत दी। (यहोशू 22:7 यूएलबी)
|
||||
कुछ भाषाओं में अंशों का प्रयोग नहीं किया जाता है| वे केवल भागों या समूहों का उल्लेख करती हैं, परन्तु वे अंशों द्वारा संकेत नहीं देती हैं कि कोई भाग कितना बड़ा हैं या किसी समूह में कितने भाग हैं|
|
||||
|
||||
मनश्शे का गोत्र दो समूहों में बांटा गया। वाक्यांश "मनश्शे के गोत्र का पहला आधा" उन समूहों में से एक को सन्दर्भित करता है। वाक्यांश "दूसरा आधा" दूसरे समूह को सन्दर्भित करता है।
|
||||
### बाईबल से उदाहरण
|
||||
|
||||
> चार स्वर्गदूत जो उस घड़ी के लिए तैयार किए गए थे, उस दिन, उस महीने, और उस वर्ष, मनुष्यों की <u> एक तिहाई </u> को मारने के लिए छोड़ दिए गए थे। (प्रकाशितवाक्य 9:15 यूएलबी)
|
||||
> अब मनश्शे के **आधे** गोत्रियों को, मूसा ने बाशान में भाग दिया था परन्तु दुसरे **आधे**गोत्र को, यहोशू ने… यदरन के पश्चिम की ओर भाग दिया था। (यहोशू 22:7 ULT)
|
||||
|
||||
यदि सभी लोगों को तीन बराबर समूहों में विभाजित किया जाए, तो एक समूह के लोगों की सँख्या मारी जाएगी।
|
||||
मनश्शे का गोत्र दो समूहों में बांटा गया। यह वाक्यांश, "मनश्शे के**आधे गोत्रियों** उन दो समूहों में से एक के सन्दर्भ में है| **दुसरे आधे** का सन्दर्भ दुसरे समूह से है।
|
||||
|
||||
> अर्घ के बलिदान के लिए, तू दाखरस को एक हीन की <u> चौथाई को भेंट में प्रस्तुत करने के लिए तैयार करना। (गिनती 15:5 यूएलबी)
|
||||
> वे चारों स्वर्गदूत…जो उस घड़ी…के लिए मनुष्यों की **एक तिहाई** को मार डालने को तैयार किए गए थे। (प्रकाशितवाक्य 9:15 ULT)
|
||||
|
||||
वे चार बराबर भागों में दाखरस को एक हीन में विभाजित करने और उनमें से एक को समतुल्य मूल्य में तैयार करने की कल्पना कर रहे थे।
|
||||
यदि सब लोगों को तीन बराबर समूहों में विभाजित किया जाए, तो एक समूह के लोगों की सँख्या मारी जाएगी।
|
||||
|
||||
### अनुवाद की रणनीतियाँ
|
||||
> और **चौथाई** हीन अर्घ करके देना। (गिनती 15:5 ULT)
|
||||
|
||||
यदि आपकी भाषा में कोई अंश सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो आप इन रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं।
|
||||
वे एक हीन को काल्पनिक चार बराबर भागों में विभाजित करके एक भाग दाखमधु लेते थे|
|
||||
|
||||
1. उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है।
|
||||
1. वजन और लम्बाई के माप के लिए, एक इकाई का उपयोग करें जो आपके लोगों को पता हो या जो यूडीबी में इकाई हो।
|
||||
1. माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें।
|
||||
### अनुवाद कौशल
|
||||
|
||||
ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक अर्थात् दशमलव पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझता है।
|
||||
यदि आपकी भाषा में कोई अंश सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो आप इस कौशल पर विचार कर सकते हैं।
|
||||
|
||||
### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
|
||||
(1) उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिनमें किसी वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है।
|
||||
|
||||
1. उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है।
|
||||
(2) वजन और लम्बाई के माप के लिए, उस इकाई का उपयोग करें जो आपके लोगों को पता हो या जो ईकाइयां UST में हों।
|
||||
|
||||
* **महासागर की <u> एक तिहाई </u> रक्त की तरह लाल हो गया** (प्रकाशितवाक्य 8:8 यूएलबी)
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* यह ऐसे था कि मानो उन्होंने <u> महासागर </u> को तीन भागों में <u> विभाजित कर दिया </u>, और समुद्र का <u> एक भाग </u> रक्त बन गया।
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* **तब तू बैल के साथ तेल के <u> आधे हीन </u> के साथ अच्छे मैदे के एक एपा के <u> तीन दसवाँ अंश </u> भाग को अनाज की भेंट के रूप में प्रस्तुत करना।** (गिनती 15:9 यूएलबी)
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* ... तब तू <u> मैदे का एक एपा </u> दस भागों में </>> विभाजित करना</u> और <u> तेल के एक हीन </u> को दो भागों में <u> विभाजित करना होगा </u>. तब <u> उन तीन भागों को </u> को मैदे के <u> उन तीन भागों में से एक में </u> मिलाना। तब तू बैल के साथ उस अनाज की भेंट को प्रस्तुत करना।
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(3)माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक प्रणाली अर्थात् दशमलव पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझें।
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1. माप के लिए, यूडीबी अनुवाद में दिए गए माप का उपयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
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### अनुवाद के कौशल को व्यावहार में लाने के उदाहरण
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* **<u> शेकेल का दो तिहाई </u>** (1 शमूएल 13:21 यूएलबी)
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* </u> चाँदी के <u> आठ ग्राम (1 शमूएल 13:21 यूडीबी)
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* **<u> तेल के आधे हीन </u> के साथ मैदे के एपा के तीन दसवें </u>मिलाना।** (गिनती 15:9 यूएलबी)
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* <u> साढ़े छह लीटर </u> बारीक पिसे हुए आटे को <u> दो लीटर </u> जैतून के तेल में मिलाए जाए। (गिनती 15:9 यूडीबी)
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(1) उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें किसी वास्तु को विभाजित किया जाएगा, तदोपरांत उन भागों या समूहों का वर्णन करें जिनको संदर्भित किया जा रहा है।
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1. माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझता है।
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> समुद्र का **एक तिहाई** लहू हो गया (प्रकाशितवाक्य 8:8 ULT)
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> > यह ऐसे था कि मानो उन्होंने समुद्र को **तीन भागों में** **विभाजित कर दिया**, और समुद्र का **एक भाग** रक्त बन गया।
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>
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> तब बछेड़े का चढ़ाने वाला उसके संग **आधा हीन** तेल से सना हुआ एपा का **तीन दसवां अंश**अन्नबलि करके चढ़ाए। (गिनती 15:9 ULT)
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>
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> > … तब तू मैदे का एक एपा **दस भागों में** **विभाजित करना** और तेल के एक हीन को **दो भागों** में **विभाजित करना**. तब मैदे के उन **तीन भागों** को तेल के दो भागों में से **एक** में सान लेना,तदोपरांत उस अन्नबलि को बछड़े के साथ चढ़ाना।
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* **<u> तेल के <u> आधे हीन के साथ </u> मिश्रित बारीक आटे के एपा के </u> तीन दसवें </u>** (गिनती 15:9, यूएलबी)
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* <u> छः क्वार्ट </u> मैदा <u> दो क्वार्ट </u> तेल के साथ मिला हुआ।
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(2) माप के लिए, USTअनुवाद में दिए गए माप का उपयोग करें। USTअनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मापों का संरूपण किया हुआ है।
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> … **शेकेल का दो तिहाई** (1 शमूएल 13:21 ULT)
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> …चाँदी के **आठ ग्राम**…(1 शमूएल 13:21 UST)
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> …**आधा हीन** तेल में सना हुआ **एपा का तीन दसवां** अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT)यूएलबी)
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> > …**साढ़े छह लीटर** मैदे **दो लीटर** जैतून के तेल में मिलाया जाए। (गिनती 15:9 ULT)
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(3) माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आपको प्रत्येक माप को समझना होगा।
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> …**आधा हीन** तेल में सना हुआ **एपा का तीन दसवां** अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT))
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> > **छः क्वार्ट** मैदा **दो क्वार्ट** तेल के साथ मिला हुआ।
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### विवरण
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हजारों वर्षों पहले, लोगों ने बाइबल की पुस्तकें को लिखा था। तब अन्य लोगों ने उनकी हाथ से नकल बनाईं और उनका अनुवाद किया। उन्होंने यह काम बहुत ही अधिक सावधानी से किया, और कई वर्षों तक कई लोगों ने हजारों प्रतियाँ बनाईं। यद्यपि, जिन्होंने बाद में उन लोगों को देखा, उन्होंने देखा कि उनके बीच कुछ छोटी भिन्नाताएँ थीं। कुछ नकलकर्ताओं ने गलती से कुछ शब्दों को छोड़ दिया, और कुछ ने किसी दूसरे के शब्द को गलत समझा, जो उसे गलत आभासित हुआ। कभी-कभी उन्होंने दुर्घटनावश शब्दों या यहाँ तक कि पूरे वाक्यों को जोड़ा, या इसलिए क्योंकि वे कुछ समझाना चाहते थे।
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हजारों वर्ष पहले, लोगों ने बाइबल की पुस्तकों को लिखा था। उसके बाद अन्य लोगों ने हाथों से उनकी नकल बनाईं और उनका अनुवाद किया। उन्होंने यह काम बहुत ही अधिक सावधानी से किया, और कई वर्षों तक कई लोगों ने हजारों प्रतियाँ बनाईं। तथापि,जिन लोगों ने उनका पुनरावलोकन किया, उन्होंने पाया कि उनमे कुछ छोटी-छोटी भिन्नाताएँ थीं। कुछ लिपिकों ने गलती से कुछ शब्दों को छोड़ दिया था या कुछ वैसे ही दिखने वाले अन्य शब्द के भ्रम में पढ़ गए। यदा-कदा उन्होंने कुछ शब्द वरन पूर्अण वाक्य भी अपनी ओर से जोड़ दिए जो या तो संयोगवश था या वे किसी बात को समझाना चाहते थे। आज की बाईबल प्रतियां इन्ही प्राचीन लिपिओं का अनुवाद हैं| आज की कुछ बाईबल प्रतियों में इन अतिरिक्त वाक्यों को रखा गया है| ULT में, इन अतिरिक्त वाक्यों को प्रायः पाद टिप्पणियों में दर्शाया गया है|
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आधुनिक बाइबलें पुरानी प्रतियों के अनुवाद हैं। कुछ आधुनिक बाइबलों में इनमें से कुछ वाक्यों को जोड़ा गया है। यूएलबी अनुवाद में, इन अतिरिक्त वाक्यों को सामान्य रूप से फुटनोट्स में लिखा गया है। बाइबल के विद्वानों ने कई पुरानी प्रतियाँ को पढ़ा है और उनकी तुलना एक दूसरे के साथ की है। बाइबल में उस प्रत्येक स्थान पर जहाँ थोड़ी सी भिन्नता थी, उन्होंने यह पता लगाया है कि कौन से शब्द सबसे अधिक सही हैं। यूएलबी अनुवाद के अनुवादक यूएलबी अनुवाद पर आधारित शब्दों के ऊपर आधारित हैं, जिसे विद्वान कहते हैं कि यह सबसे अधिक सही हैं।
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बाईबल के विद्वानों ने कई पुरानी प्रतियों को पढ़ा है और उनकी परस्पर तुलना की है। बाइबल में उस प्रत्येक स्थान पर जहाँ थोड़ी सी भिन्नता थी, उन्होंने यह पता लगाया है कि कौन से शब्दों का यथोचित सही होना सर्व संभावित है। ULT के अनुवादकों ने ULT को उन शब्दों पर आधारित रखा है जिनको बाईबलविद सर्व संभावना में सही बताते हैं| क्योंकि ULT पढ़ने वालों के पास अन्य मूल लिपिओं पर आधारित बाईबल भी होती हैं| ULT के अनुवादकों ने यदा-कदा उनमें प्रकट कुछअंतरों के बारे में जानकारियाँ भी दी हैं, या तो पाद टिप्पनियों में या उन्फोल्डिंग वार्ड @ ट्रांसलेशन नोट्स में।
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क्योंकि यूएलबी अनुवाद का उपयोग करने वाले लोगों के पास अन्य प्रतियों के ऊपर आधारित बाइबल तक पहुँच हो सकती है, यूएलबी अनुवाद के अनुवादकों ने फुटनोट को सम्मिलित किया हैं, जो उनके बीच कुछ भिन्नता को बताते हैं। अनुवादकों को यूएलबी में मूलपाठ का अनुवाद करने और यूएलबी में किए गए फुटनोट्स में जोड़े गए वाक्यों के बारे में लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यद्यपि, यदि स्थानीय कलीसिया वास्तव में उन वाक्यों को मुख्य मूलपाठ में सम्मिलित करना चाहती है, तो अनुवादक उन्हें मूलपाठ में डाल सकते हैं और उनके बारे में एक फुटनोट को सम्मिलित कर सकते हैं।
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अनुवादकों को प्रोत्साहित किया जाता है कि मूल पाठ को ULT में अनुवाद करें और अतिरिक्त वाक्यों की चर्चा पाद टिप्पणियों में करें, जैसा ULT में किया गया है। तथापि यदि स्थानीय कलीसिया वास्तव में चाहती है कि उन वाक्यों को मूलपाठ में सम्मिलित किया जाए तो अनुवादक उन्हें मूलपाठ में डाल सकते हैं और उनके बारे में पाद टिप्पणी कर सकते हैं।
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### बाइबल से उदाहरण
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मत्ती 18:10-11 यूएलबी अनुवाद में वचन 11 के बारे में एक फुटनोट दिया गया है।
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मत्ती 18:10-11 ULT में पद 11 के बारे में एक पाद टिप्पणी लिखी गई है।
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> <sup> 10 </sup> देखें कि तुम इनमें से किसी भी छोटे को तुच्छ न जानो। क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि स्वर्ग में उनके स्वर्गदूत सदैव मेरे पिता के चेहरे को देखते हैं, जो स्वर्ग में है। <sup> 11 </sup> <sup> [1] </sup>
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> <sup> 10 </sup> देखो कि तुम इनमें से किसी भी छोटे को तुच्छ न जानो। क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि स्वर्ग में उनके स्वर्गदूत सदैव मेरे पिता के चेहरे को देखते हैं, जो स्वर्ग में है। <sup> 11 </sup> <sup> [1] </sup>
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<sup> [1] </sup> कई मूलपाठ, कुछ प्राचीन, v. 11 में इसे सम्मिलित करती हैं। *क्योंकि मनुष्य का पुत्र जो खो गया था, उसे बचाने के लिए आया था।*
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<sup> [1] </sup> कई बाईबलविद,कुछ प्राचीन भी,पद 11 को सम्मिलित करते हैं। *क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने के लिए आया है।*
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यूहन्ना 7:53-8:11 सबसे पुरानी पांडुलिपियों में नहीं पाया जाता है। इसे यूएलबी अनुवाद में सम्मिलित किया गया है, परन्तु इसे आरम्भ और अन्त में वर्गाकार कोष्टक ([]) के साथ चिह्नित किया गया है, और वचन 11 के बाद एक फुटनोट दिया गया है।
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यूहन्ना 7:53-8:11 सर्वोत्तम प्राचीन पांडुलिपियों में नहीं पाया जाता है। इसे ULT में सम्मिलित किया गया है, परन्तु इसे आरम्भ और अन्त में वर्गाकार कोष्टक ([]) के साथ चिह्नित किया गया है, और पद 11 के बाद एक पद टिप्पणी दी गई है।
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> <sup> 53 </sup> तब हर व्यक्ति अपने घर चला गया। ... <sup> 11 </sup> उसने कहा, "किसी से नहीं, प्रभु।" यीशु ने कहा, "मैं भी तेरी निन्दा नहीं करता हूँ। अपने रास्ते पर चली जा; अब से फिर पाप न करना।” <sup> [2] </sup>
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> 53 [तब हर व्यक्ति अपने घर चला गया। ... 11 </sup> उसने कहा, "किसी से नहीं, प्रभु।" यीशु ने कहा, "मैं भी तुझे दोष नहीं देता हूँ। जा और फिर पाप न करना।”] <sup> [2] </sup>
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<sup> [2] </sup> सबसे पुरानी पांडुलिपियों में यूहन्ना 7:53-8:11 नहीं मिलता है
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<sup> [2] </sup> कुछ प्राचीन पांडुलिपियों में यूहन्ना 7:53-8:11 मिलता है
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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### अनुवाद का कौशल
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जब किसी मूलपाठ में असंगति होती है, तो आप उस समय यूएलबी अनुवाद या किसी अन्य संस्करण का पालन करना चुन सकते हैं, जिस तक आपके पास पहुँच है।
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जब कहीं पर पातभेद प्रकट हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में आप ULT या आपके पास जो भी बाईबल संस्करण है उसकी सहायता लेने का चुनाव कर सकते हैं।
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1. यूएलबी अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद को प्रदान किए जाने वाले फुटनोट को सम्मिलित करें।
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1. वचनों का अनुवाद एक और संस्करण के रूप में करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।
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1. ULT के पदों के अनुकरण में अनुवाद करें और ULT में दी गई पाद टिप्पणियों को समाहित करें।
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2. पदों का अनुवाद किसी और संस्करण के आधार पर करें और पद टिप्पणी को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### व्यावहारिक अनुवाद कौशल के उदाहरण
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अनुवाद रणनीतियों को मरकुस 7:14-16 यूएलबी पर लागू किया गया है, जिसमें वचन 16 के बारे में एक फुटनोट है।
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अनुवाद कौशल मरकुस 7:14-16 U L T में व्यावहारिक बनाया गया है जिसमें पद 16 के बारे में एक पाद टिप्पणी दी गई है।
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* <sup> 14 </sup> **उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी मेरी सुनो, और समझो। <sup> 15 </sup> किसी व्यक्ति के पास बाहर से कुछ भी नहीं है जो जब उसमें प्रवेश करता है तो उसे अशुद्ध कर सकता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है।”** <sup> 16 [1] </sup>
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* **<sup> [1] </sup> सबसे प्राचीन प्रतियाँ वचन 16. को छोड़ देती हैं *यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हैं, तो वह सुनें*.**
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* > <sup> 14 </sup> **उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी मेरी सुनो, और समझो। <sup> 15 </sup> मनुष्य के बाहर ऐसा कुछ भी नहीं है जो उसमें प्रवेश करके उसे अशुद्ध कर सकता है। परन्तु मनुष्य में से बहार निकलने वाली बातें ही हैं जो उसको अशुद्ध करती हैं।”** <sup> 16 [1] </sup>
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1. यूएलबी अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद के द्वारा प्रदान किए वाले फुटनोट को सम्मिलित करें।
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<sup> [1] </sup> कुछ प्राचीन पांडुलिपियाँ पद 16. को समाहित करती हैं: **यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हैं, तो वह सुनें|**
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* <sup> 14 </sup> उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी, मेरी बात सुनो, और समझो। <sup> 15 </sup> किसी व्यक्ति के पास बाहर कुछ भी नहीं है जो उसे अशुद्ध कर सकता है, जब वह उसके भीतर प्रवेश करता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है।”<Sup> 16 [1] </sup>
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* <sup> [1] </sup> सबसे प्राचीन प्रतियाँ वचन 16 को छोड़ देती हैं। *यदि किसी के पास सुनने के कान हैं, तो वह इसे सुनें*।
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1. पदों का नुवाद वैसे ही करें जैसे ULT में है और ULT में दी गई पाद टिप्पणी को समाहित करें| ULB अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद के द्वारा प्रदान किए वाले फुटनोट को सम्मिलित करें।
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1. वचनों का अनुवाद एक और संस्करण के रूप में करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।
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* <sup> 14 </sup> उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी, मेरी बात सुनो, और समझो। <sup> 15 </sup> मनुष्य के बाहर कुछ नहीं है जो उसके भीतर जाकर उसको अशुद्ध करे| परन्तु मनुष्य के भीतर से जो बाहर निकलता हैं वही है जो उसको अशुद्ध करता हैं।”<Sup> 16 </sup>यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हों तो वह सुने|*
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* <sup> [1] </sup> कुछ प्राचीन पांडुलिपियों में पद 16 का उल्लेख नहीं है।
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* <sup> 14 </sup> उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी, मेरी बात सुनो, और समझो। <sup> 15 </sup> किसी व्यक्ति के पास बाहर कुछ भी नहीं है जो उसे अशुद्ध कर सकता है, जब वह उसके भीतर प्रवेश करता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है। <sup> 16 </sup> यदि किसी के पास सुनने के कान हैं, तो वह इसे सुनें।”<sup> [1] </sup>
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* <sup> [1] </sup> कुछ प्राचीन प्रतियों में वचन 16 नहीं है।
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2. वचनों का अनुवाद किसी और संस्करण के अनुसार करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।
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> <sup>14</sup> उसने भीड़ को पुनः बुलाया और उनसे कहा,तुम सब मुझे सुनो और समझो|
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<sup>15</sup>
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मनुष्य के बाहर से भीतर जो जाता है वह उसको अशुद्ध नहीं करता है| परन्तु मनुष्य के भीतर से जो निकलता है, वही है जो उसको अशुद्ध करता है|
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<sup>16</sup>
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यदि किसी मनुष्य के पास सुनने के लिए कान हों तो वह सुन ले|<sup> [1]</sup>
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> > <sup> [1]</sup> कुछ प्राचीन पान्दुलिपिओं में पद 16 नहीं है|
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### विवरण
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दुर्लभ विषयों में, आप अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी) या अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल (यूडीबी) में देखेंगे कि दो या दो से अधिक वचन सँख्याएँ संयुक्त हैं, जैसे कि 17-18।
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अनफोल्डिंग सिम्प्लिफाइड टेक्स्ट (UST) में आपको कहीं-कहीं देखें को मिलेगा कि दो या अधिक पदों को संयुक्त किया गया है, जैसे 17-18. इसको पद सेतु कहते हैं इसमें उन पदों की जानकारियों को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि कहानी या सन्देश बड़ी आसानी से समझा जा सके|
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इसे एक वचन सम्पर्क कहा जाता है। इसका अर्थ है कि वचनों की जानकारी को पुन: व्यवस्थित किया गया था ताकि कहानी या सन्देश को आसानी से समझा जा सके।
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> 29 ये सब होरियों के कुल थे: लोतान, शोबाल, शिबोंन, अना, दीशोन, एसेर, दीशान, ये सब सेईर देश में होरियों की वंशावली के अनुसार कुल थे| (उत्पत्ति 36: 29-30 ULT)
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> <sup> 29 </sup> ये होरियों के कुलों थे: लोनान, शोबाल, शिबोन और अना, <sup> 30 </sup> दोशोन, एसेर, दीशान: ये सेईर देश में उनके कबीलों की सूचियों के अनुसार होरियों के कुल हैं। (उत्पत्ति 26:29-30 ULB)
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> 29-30 होर के वंश से सेईर देश में बसने वाली जातियां| इन जातियों के नाम थे, लोतान, शोबाल, शिबोन, अना,दीशोन, एसेर, और दीशान| (उत्पत्ति 26:29-30 UST)
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<blockquote> <sup> 29-30 </sup> लोगों के समूह जो होर के वंशज थे, जो सेईर की भूमि में रहते थे। लोगों के समूहों के नाम लोनान, शोबाल, शिबोन और अना, दोशोन, एसेर, दीशान हैं। (उत्पत्ति 26:29-30 यूडीबी) </blockquote>
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यूएलबी मूलपाठ में, वचन 29 और 30 अलग हैं, और सेईर में रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी वचन 30 के अन्त में दी हुई है। यूडीबी मूलपाठ में, वचन सम्मिलित हो गए हैं, और सेईर में रहने वालों के बारे में जानकारी आरम्भ में दी गई है। कई भाषाओं के लिए, यह जानकारी का एक और तार्किक क्रम है।
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ULT में पद 29 और 30 अलग अलग हैं और सेईर देश में निवास करने वालों की जानकारी पद 30 के अंत में दी गई है| UST में इन पदों को जोड़ दिया गया है और सेईर देश में उनके बसने की जानकारी आरम्भ में दी गई है| अनेक भाषाओं के लिए यह जानकारी देने का अधिक तार्किक क्रम है|
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### बाइबल से उदाहरण
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कभी-कभी यूएलबी के वचन पृथक होते हैं, जबकि यूडीबी में एक वचन सम्पर्क होता है।
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जहां UST में पद सेतु है वहाँ ULT में पद पृथक हैं|
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> <sup> 4 </sup> यद्यपि, तुम्हारे बीच कोई निर्धन नहीं होना चाहिए (क्योंकि यहोवा तुम्हें निश्चित रूप से उस देश में आशीष देगा जो वह तुमको विरासत के रूप में देता है), <sup> 5 </sup> यदि तुम केवल अपने परमेश्वर यहोवा की आवाज सुनो और इन सभी आज्ञाओं को मानो जिन्हें मैं आज तुम्हें आज्ञा देता हूँ। (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 यूएलबी)
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> <sup>4-5</sup> हमारा परमेश्वर यहोवा तुम्हे उस देश में आशीष देगा जो वह तुम्हे देता है| यदि तुम हमारे परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानोगे और इन सब आज्ञाओं का पालन करोगे जो मैं आज तुमको देता हूँ तो तुम्हारे मध्य कोई दरिद्र न रहेगा| (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 ULB)
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<blockquote> <sup> 4-5 </sup> यहोवा हमारा परमेश्वर तुम्हें उस देश में आशीष देगा जो वह तुम्हें दे रहा है। यदि तुम हमारे परमेश्वर यहोवा की आज्ञा मानते हैं और जो आज्ञा मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ, उसका पालन करते हो, तो तुम्हारे बीच कोई भी निर्धन नहीं होगा। (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 यूडीबी) </blockquote>
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> <sup> 4 </sup> तथापि, तेरे बीच कोई दरिद्र न रहेगा (क्योंकियाहोवा निश्चय ही तम्हें उस देश में आशीष देगा जो वह तुम्हें अधिकार करने के लिए उत्तराधिकार में देता है)
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<sup> 5</sup> यदि तुम अपने परमेश्वर यहोवा की बात यत्न से सुनो कि इन सब आज्ञाओं का पालन करो जिनकी आज्ञा मैं आज तुम्हे देता हूँ| (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 UDB)
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यूएलबी अनुलवाद में कुछ वचन सम्पर्क भी पाए जाते हैं।
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> <sup> 16-17</sup>परन्तु यहोवा ने उससे कहा, "मैं तुझे अनुमति नहीं देता हूँ कि तू उस वृक्ष का फल खाए जो तुझे इस योग्य बना देगा कि तू जान ले कि कौन से काम करने के लिए अच्छे हैं और कौन से काम करने के लिए बुरे हैं| यदि तू उस वृक्ष से एक भी फल कैगा तो जिस दिन तू उसे खाएगा उसी दिन तू निश्चय ही मर जाएगा| परन्तु मैं तुझे अनुमति देता हूँ कि वाटिका के अन्य किसी भी वृक्ष का फल तो खा सकता है| (उत्पत्ति 2:16-17 UST)
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> <sup> 17-18 </sup> एज्रा के पुत्र येतेर, मेरेद, एपेर और चालोन थे। मेरेद की मिस्री पत्नी से मिर्य्याम, शम्मै और यिशबह थे, जो एशतमो का पिता बना। <u> ये बित्या के पुत्र थे, जो फ़िरौन की पुत्री थी, जिसे मेरेद ने विवाह किया था। </u> मेरेदे की यहूदिन पत्नी ने येदेद को जन्म दिया, जो गदोर का पिता बन गया; हेबेर, जो सोको; और यकूतीएल का पिता बन गया, जो जानोह का पिता बन गया। (1 इतिहास 4:17-18 यूएलबी)
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> <sup> 16</sup> यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है|
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<sup> 17</sup> पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना : क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाएगा उसी दिन अवश्य मर जाएगा| (उत्पत्ति 2:16-17 ULT)
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यूएलबी अनुवाद ने वचन 18 से वचन 17 के लिए रेखांकित वाक्य को और स्पष्ट रूप से दिखाया कि बित्या के पुत्र कौन थे। यहाँ मूल व्यवस्था दी गई है, जो कई पाठकों को भ्रमित कर रही है:
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### अनुवाद करने की युक्तियाँ
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> 17 एज्रा के पुत्र: येतेर, मेरेद, एपेर और चालोन। वह गर्भवती हुई और उसने मिर्य्याह, शम्मै और एशतमो के पिता यिश्बाह को जन्म दिया। 18 और उसकी यहूदिन पत्नी ने गदोर के पिता जेरेद, सोको के पिता हेबेर और जानोह के पुत्र यकूतीएल को जन्म दिया। ये फिरौन की बेटी बित्या के पुत्र थे, जिससे मेरेद विवाहित था। (1 इतिहास 4:17-18 टीएनके अनुवाद)
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जानकारियों को इस प्रकार क्रमबद्ध करें कि आपके पाठकों के लिए वे स्पष्ट हो जाएं| यदि जानकारियों का क्रम स्पष्ट है जैसा ULT में है परन्तु यदि क्रम उलझन उत्पन्न करता है या अर्थ को विकृत करता है तो क्रम में परिवर्तान लाएं कि स्पष्टता आ जाए|
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(1) यदि आप जानकारी को एक पद में से लेकर पूर्वोक्त पद की जानकारी से पूर्व रखते हैं तो उन पदों को संयोजित करे और उनके मध्य (-) लगा दें|
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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आप [translationStudio](https://help.door43.org/en/knowledgebase/13-translationstudio-android/docs/24-marking-verses-in-translationstudio) देखें कि पदों को कैसे रखा जाता है|
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जानकारी को इस तरह की व्यवस्था में रखें कि जो आपके पाठकों के लिए स्पष्ट हो।
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प्रायोगिक अनुवाद युक्तियों के उदाहरण
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1. यदि आप पहले वचन की जानकारी को उससे पहले के वचन की जानकारी के आगे डालते हैं, तो दो वचन सँख्याओं के बीच एक हाइफ़न अर्थात् समास चिह्न डालें।
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1. यदि यूएलबी अनुवाद में एक वचन सम्पर्क पाया जाता है, परन्तु आपके द्वारा सन्दर्भित एक और बाइबल में ऐसा कुछ भी नहीं है, तो आप उस क्रम का चयन कर सकते हैं, जो आपकी भाषा में सबसे अच्छी तरह से काम करती है। [ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो ऐप] में देखें कि वचनों को कैसे चिह्नित किया जाता है (http://help.door43.org/en/knowledgebase/13-translationstudio-android/docs/24-marking-verses-in-translationstudio)।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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1. यदि आप पहले वचन की जानकारी को उससे पहले के वचन की जानकारी के आगे डालते हैं, तो दो वचन सँख्याओं के बीच एक हाइफ़न अर्थात् समास चिह्न डालें।
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* **<sup> 2 </sup> तुम्हें अपने देश के मध्य में अपने लिए तीन शहरों का चयन करना होगा, जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें देने पर है। <sup> 3 </sup> तुम्हें एक सड़क को बनाना होगा और अपनी भूमि की सीमाओं को तीन भागों में विभाजित करना होगा, उस देश में जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें विरासत में दे रहा है, ताकि कोई भी जो किसी दूसरे व्यक्ति को मार डाले, वहाँ भाग जाए।** ( व्यवस्थाविवरण 19:2-3)
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* <sup> 2-3 </sup> अपनी भूमि की सीमाओं को तीन भागों में विभाजित करना होगा, जिसे वह तुम्हें विरासत में दे रहा है। फिर प्रत्येक भाग में एक शहर का चयन करना। तुम्हें अच्छी सड़कों को बनाना होगा ताकि लोग आसानी से उन शहरों में जा सकें। कोई भी जो किसी दूसरे व्यक्ति को मारता है, वह अपनी सुरक्षा के लिए उन शहरों में से एक में जाकर बच सकता है। (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 यूडीबी)
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1. यदि यूएलबी अनुवाद में एक वचन सम्पर्क पाया जाता है, परन्तु आपके द्वारा सन्दर्भित एक और बाइबल में ऐसा कुछ भी नहीं है, तो आप उस क्रम का चयन कर सकते हैं, जो आपकी भाषा में सबसे अच्छी तरह से काम करती है।
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(1) यदि एक पद की जानकारी दुसरे पद की जानकारी के पूर्व रखना हो तो उनदोनों पदों को संय्जित करें और पद क्रमांकों के मध्य (-) लगाकर उनको पहले पद के आरम्भ में रखें
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> 2 तुम अपने लिए अपने उस देश के मध्य में तीन नगरों को चुन लेना, जो यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हे देता है की तुम्हारा उत्तराधिकार ठहरे| 3 तुम्हे मार्ग का निर्माण करके अपने देश की सीमाओं को, जो तुम्हारा परमेश्वर तुम्हे उत्तराधिकार में देता है, तीन भागों में बाँट लेना है, कि मनुष्य का हर एक हत्यारा भाग कर वहाँ जा सके| (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 ULT)
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>
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> 2-3 जो देश वह तुम्हे देता है उसको तुम तीन भागों में बाँट लेना तदोपरांत उनमें से प्रत्येक में एक नगर चुन लेना| मनुष्य वहाँ आसानी से पहुँच सके इसलिए आवश्यक ही कि उत्तम मार्गों का निर्माण किया जाए| मनुष्य की हात्या कोई कर दे तो भाग कर उनमें से किसी एक नगर में सुरक्षित हो सकता है| (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 UST)
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@ -1 +1 @@
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कुछ पदों की संख्या आपस में मिली क्यों होती हैं, जैसे “3-5” या “17-18”
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उसत में कुछ पदों के क्रमांकों को संयोजित क्यों किया गया है जैसे, “3-5” या “17-18”?
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@ -1 +1 @@
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संदर्भ पुल
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पद सेतु
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@ -1,62 +1,64 @@
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### विवरण
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जब यह कहना कि किसी ने कुछ कहा है, तो हम अक्सर यह बताते हैं कि किन्होंने बात की, किसके साथ उन्होंने बात की, और उन्होंने क्या कहा। किसने बात की और किसके साथ बात की, इस बारे में जानकारी को **उद्धरण हाशिया** कहा जाता है। व्यक्ति ने क्या कहा **उद्धरण** है। (इसे हवाला भी कहा जाता है।)
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जब यह कहना कि किसी ने कुछ कहा है, तो हम प्रायः यह बताते हैं कि वह किसने कहा था, किससे कहा था और क्या कहा था। किसने बात की और किसके साथ बात की, इस बारे में जानकारी को **उद्धरण हाशिया** कहा जाता है। उस व्यक्ति ने क्या कहा **उद्धरण चिन्हों में होता** है। (इसे हवाला भी कहा जाता है।)कुछ भाषाओं में उद्धरण चिन्ह अरम्ब में या अंत में या उद्धरण के दो अंशों के मध्य आते हैं।
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कुछ भाषाओं में उद्धरण हाशिया उद्धरण के दो भागों के बीच पहले, अन्तिम या यहाँ तक कि बीच में आ सकता है। उद्धरण हाशिया नीचे रेखांकित हैं।
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उद्धरण हाशिया नीचे रेखांकित हैं।
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* <u> उसने कहा </u>, "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ।"
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* "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ, "<u> उसने कहा </u>.
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* "भोजन तैयार है," उसने कहा। </u> "आ जाओ और खाओ।" कुछ भाषाओं में, उद्धरण हाशिया में एक से अधिक क्रिया हो सकती है, जिसका अर्थ "कहा" से है।
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* **उसने कहा** , "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ।"
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* "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ, " **उसने कहा** .
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* "भोजन तैयार है," **उसने कहा**, "आ जाओ और खाओ।" कुछ भाषाओं में, उद्धरण हाशिया में एक से अधिक क्रियाएं हो सकती हैं, जिनका अर्थ "कहा" ही होता है।
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> परन्तु उसकी माता ने<u> उत्तर दिया </u>और<u> कहा </u>, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" (लूका 1:60 यूएलबी)
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> परन्तु उसकी माता ने **उत्तर दिया** और **कहा**, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" (लूका 1:60 यूएलटी)
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जब यह लिखना होता है कि किसी ने किसी ने कुछ कहा है, तो कुछ भाषाओं में उल्टे कौमा ("") नामक उद्धरण चिह्नों में उद्धरण (क्या कहा गया) को लिखा जाता है। कुछ भाषा उद्धरण के चारों ओर अन्य तरह के प्रतीकों का उपयोग करती हैं, जैसे कि इन कोण उद्धरण चिह्न («»), या कुछ और।
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जब यह लिखना होता है कि किसी ने कुछ कहा है, तो कुछ भाषाओं में उसके उद्धरण (जो कहा गया है) को उद्धरण चिन्हों अर्थात उल्टे कौमा ("") में लिखा जाता है। कुछ भाषा उद्धरण के चारों ओर अन्य तरह के प्रतीकों का उपयोग करती हैं, जैसे कोण उद्धरण चिह्न («»), या कुछ और।
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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#### इसको अनुवाद की समस्या होने का कारण
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* अनुवादकों को उद्धरण हाशिया डालना की आवश्यकता होगी जहाँ यह उनकी भाषा में सबसे अधिक स्पष्ट और स्वभाविक है।
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* अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि क्या वे उद्धरण हाशिए में एक या दो क्रियाएँ चाहते हैं जिसका अर्थ है "कहा" से है।
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* अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि उद्धरण के आसपास कौन से अंक उपयोग करें।
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* अनुवादकों को उद्धरण हाशिया डालने की आवश्यकता होगी जहाँ यह उनकी भाषा में सबसे अधिक स्पष्ट और स्वभाविक है।
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* अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि क्या वे उद्धरण हाशिए में एक या दो क्रियाएँ चाहते हैं जिसका अर्थ है, "कहा"।
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* अनुवादकों को यह निर्णय लेना होगा कि उद्धरण को कौन से चिन्हों में रखें ।
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### बाइबल से उदाहरण
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#### उद्धरण से पहले उद्धरण हाशिया
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> <u> जकर्याह ने स्वर्गदूत से कहा </u>, "मुझे कैसे पता चलेगा कि यह होगा? क्योंकि मैं बूढ़ा व्यक्ति हूँ, और मेरी पत्नी भी बहुत बूढ़ी है।” (लूका 1:18 यूएलबी)
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>**जकर्याह ने स्वर्गदूत से कहा**, "मुझे कैसे पता चलेगा कि यह होगा? क्योंकि मैं बूढ़ा व्यक्ति हूँ, और मेरी पत्नी भी बहुत बूढ़ी है।” (लूका 1:18 यूएलबी)
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<blockquote> फिर कुछ कर संग्रहकर्ता भी बपतिस्मा लेने आए, और <u> उन्होंने उससे कहा </u>, "हे शिक्षक, हमें क्या करना चाहिए?" (लूका 3:12 यूएलबी) </blockquote>
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<blockquote> फिर कुछ चुंगी लेने वाले भी बपतिस्मा लेने आए, और **उन्होंने उससे कहा**, "हे शिक्षक, हमें क्या करना चाहिए?" (लूका 3:12 यूएलबी) </blockquote>
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> <u> उसने उनसे कहा, </u> "तुम्हें जितना पैसा चाहिए उससे अधिक धन इकट्ठा न करो।" (लूका 3:13 यूएलबी)
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> **उसने उनसे कहा**"जो तुम्हारे लिए ठहराया गया है उससे अधिक धन इकट्ठा न करो।" (लूका 3:13 यूएलबी)
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##### उद्धरण के बाद उद्धरण हाशिया
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> यहोवा इस विषय के प्रति अनिच्छुक था। "ऐसा नहीं होगा," <u> उसने कहा </u>. (आमोस 7:3 यूएलबी)
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> यहोवा इस बात से पछताया । "ऐसा नहीं होगा," **उसने कहा**. (आमोस 7:3 यूएलटी)
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##### उद्धरण के दो भागों के बीच उद्धरण हाशिया
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> "मैं उनसे अपना चेहरा छुपा लूँगा," <u> उसने कहा, </u> "और मैं देखूँगा कि उनका अन्त क्या होगा, क्योंकि वे एक विकृत पीढ़ी हैं, ऐसे बच्चें हैं, जो अविश्वासी हैं।" (व्यवस्थाविवरण 32:20 यूएलबी)
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> "मैं उनसे अपना मुख छिपा लूँगा," **उसने कहा**, "और देखूँगा कि उनका अन्त कैसा होगा, क्योंकि वे बहुत टेढ़े हैं, और धोखा देने वाले पुत्र हैं।" (व्यवस्थाविवरण 32:20 यूएलटी)
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<blockquote> "इसलिए, जो कर सकते हैं," <u> उसने कहा, </u> "उसे हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” (प्रेरितों 25:5 यूएलबी) </blockquote>
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<blockquote> "इसलिए, जो कर सकते हैं," <u> उसने कहा, </u> "उसे हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” (प्रेरितों 25:5 यूएलटी) </blockquote>
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> "क्योंकि देखो, ऐसे दिन आ रहे हैं" - <u> यह यहोवा की घोषणा है </u> - "जब मैं अपने लोगों, इस्राएल के भाग्य को पुर्नस्थापित करूँगा" (यिर्मयाह 30:3 यूएलबी)
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> "क्योंकि देखो, ऐसे दिन आ रहे हैं" **यह यहोवा की वाणी है** - "जब मैं अपने लोगों, इस्राएल के भाग्य को पुर्नस्थापित करूँगा" (यिर्मयाह 30:3 यूएलटी)
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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### अनुवाद की युक्तियाँ
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1. निर्धारित करें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।
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1. निर्धारित करें कि एक या दो शब्दों वाले "कहा" अर्थ को चुनना है या नहीं।
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1. निर्णय लें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।
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2. निर्णय लें कि "कहा" के समानार्थक एक या दो शब्द चुनें या नहीं।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### अनुवाद की युक्तियोँ की व्यावहारिकता के उदाहरण
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1. निर्धारित करें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।
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1. निर्णय लें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।
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* **"इसलिए, जो लोग कर सकते हैं," <u> उसने कहा, </u> "उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।”** (प्रेरितों 25:5 यूएलबी)
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* <u> उसने कहा, </u> "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।”
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* "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए, "<u> उसने कहा </u>.
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* "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जा सकते हैं," <u> उसने कहा। </u> "यदि व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।"
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> **उसने कहा**, "तुम में जो अधिकार रखते हैं वे साथ चलें, और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं।”
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>>"तुम में से जो अधिकार रखते हैं वे साथ चालें, **उसने कहा** और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं।"
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>> "तुम में जो अधिकार रखते हैं वे साथ चलें, और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं,"**उसने कहा**.
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>> "तुम में जो लोग अधिकार रखते हैं," **उसने कहा** वे साथ चलें और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं।"
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1. निर्धारित करें कि एक या दो शब्दों वाले "कहा" अर्थ को चुनना है या नहीं।
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2. निर्णय लें कि "कहा" के समानार्थक एक या दो शब्दों को चुनें या न चुनें ।
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* **परन्तु उसकी माता ने <u> उत्तर दिया और कहा </u>, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।"** (लूका 1:60 यूएलबी)
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* परन्तु उसकी माता ने <u> उत्तर दिया </u>, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।"
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* परन्तु उसकी माता ने <u> कहा </u>, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।"
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* परन्तु उसकी माता ने </u> इस तरह से <u> उत्तर दिया, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा," उसने <u> कहा </u>.
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>परन्तु उसकी माता ने **उत्तर दिया और कहा**, "नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।" (लूका 1:60 यूएलटी)
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> > परन्तु उसकी माता ने **उत्तर दिया**, "नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।"
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> > परन्तु उसकी माता ने **कहा**, "नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।"
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> > परन्तु उसकी माता ने यह **उत्तर दिया**,"नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए," उसने **कहा**
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