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1 | Reference | ID | Tags | Quote | Occurrence | Question | Response |
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2 | 1:1 | nqla | पौलुस को किसने बुलाया था और उसे क्या बनने के लिए बुलाया गया था? | यीशु मसीह ने पौलुस को एक प्रेरित होने के लिए बुलाया था। | |||
3 | 1:3 | jx7v | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया के लिए पौलुस की क्या इच्छा थी जो वे हमारे परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से प्राप्त करें? | पौलुस चाहता है कि वे हमारे परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से अनुग्रह और शान्ति प्राप्त करें। | |||
4 | 1:5 | b752 | परमेश्वर ने कुरिन्थ में स्थित कलीसिया को किस प्रकार से धनी किया था? | परमेश्वर ने उनको सब बातों और सारे ज्ञान में हर प्रकार से धनी किया था। | |||
5 | 1:7 | i6ea | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया में किस बात की घटी नहीं थी? | उनमें किसी भी आत्मिक वरदान की घटी नहीं थी। | |||
6 | 1:8 | ytnm | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया को अंत में परमेश्वर दृढ़ क्यों करेगा? | वह ऐसा इसलिए करेगा ताकि वे हमारे प्रभु यीशु मसीह के दिन में निर्दोष ठहरें। | |||
7 | 1:10 | lj0l | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया से पौलुस क्या करने का आग्रह करता है? | पौलुस उनसे आग्रह करता है कि वे आपस में सहमति रखें और उनके मध्य में फूट न हो और वे एक मन होकर तथा एक ही उद्देश्य में एकजुट रहें। | |||
8 | 1:11 | u5dr | खलोए के घराने के लोगों ने पौलुस को क्या सूचना दी? | खलोए के घराने के लोगों ने पौलुस को सूचना दी कि कुरिन्थ में स्थित कलीसिया के लोगों के मध्य में झगड़े उत्पन्न हो गए हैं। | |||
9 | 1:12 | rp73 | झगड़ों से पौलुस का क्या अर्थ था? | पौलुस का अर्थ यह था: तुम में से कोई-कोई कहता है कि “मैं पौलुस का हूँ,” या “मैं अपुल्लोस का हूँ,” या “मैं कैफा का हूँ,” या “मैं मसीह का हूँ।” | |||
10 | 1:14-15 | ingp | पौलुस इस बात के लिए परमेश्वर का धन्यवाद क्यों करता है कि उसने क्रिस्पुस और गयुस के अलावा उनमें से किसी को भी बपतिस्मा नहीं दिया था? | पौलुस इस बात के लिए परमेश्वर का धन्यवाद इसलिए करता है क्योंकि इससे उनको यह कहने का कोई अवसर नहीं मिलेगा कि उनको पौलुस के नाम से बपतिस्मा दिया गया था। | |||
11 | 1:17 | cu5v | मसीह ने पौलुस को किस काम के लिए भेजा था? | मसीह ने पौलुस को सुसमाचार सुनाने के लिए भेजा था। | |||
12 | 1:18 | s2sd | मरने वालों के लिए क्रूस का सन्देश क्या है? | मरने वालों के लिए क्रूस का सन्देश मूर्खता है। | |||
13 | 1:18 | eiti | जिनको परमेश्वर बचा रहा है उन लोगों के मध्य में क्रूस का सन्देश क्या है? | जिनको परमेश्वर बचा रहा है उन लोगों के मध्य में यह परमेश्वर की सामर्थ्य है। | |||
14 | 1:20 | rq2l | परमेश्वर ने संसार की बुद्धिमानी को किस बात में बदल दिया? | परमेश्वर ने संसार की बुद्धिमानी को मूर्खता में बदल दिया। | |||
15 | 1:21 | kdhv | इस बात ने परमेश्वर को लोगों का उद्धार करने के लिए प्रसन्न क्यों किया जो प्रचार की मूर्खता के माध्यम से विश्वास करते हैं? | इस बात ने परमेश्वर को ऐसा करने हेतु इसलिए प्रसन्न किया क्योंकि संसार ने अपनी बुद्धिमानी में होकर परमेश्वर को नहीं जाना। | |||
16 | 1:26 | pics | जो मानवीय मानकों द्वारा बुद्धिमान थे या शक्तिशाली थे या कुलीन थे उनमें से कितनों को परमेश्वर ने बुलाया? | जो इस प्रकार के थे उनमें से बहुतों को परमेश्वर ने नहीं बुलाया। | |||
17 | 1:27 | d8pg | परमेश्वर ने इस संसार की मूर्ख वस्तुओं को और जो इस संसार में निर्बल है उन्हें क्यों चुना? | उसने बुद्धिमानों को लज्जित करने और बलवानों को लज्जित करने के लिए ऐसा किया। | |||
18 | 1:28-29 | clpq | परमेश्वर ने ऐसा क्या किया जिससे कि किसी को भी उसके सामने घमण्ड करने का कोई कारण न मिले? | परमेश्वर ने इस संसार की नीच और तुच्छ वस्तुओं को और यहाँ तक कि ऐसी वस्तुओं को जो कुछ समझी भी नहीं जातीं चुन लिया। | |||
19 | 1:30 | w8jn | यीशु मसीह पर विश्वास करने वाले लोग क्यों पाए जाते थे? | परमेश्वर ने जो किया था उसके कारण से वे यीशु मसीह में पाए जाते थे। | |||
20 | 1:30 | j8ev | यीशु मसीह हमारे लिए क्या बन गया? | वह हमारे लिए परमेश्वर की ओर से बुद्धि—हमारी धार्मिकता, पवित्रता, और छुटकारा बन गया। | |||
21 | 1:31 | inpx | यदि हम घमण्ड करें, तो हमें किसमें घमण्ड करना चाहिए? | जो कोई घमण्ड करे, वह प्रभु पर घमण्ड करे। | |||
22 | 2:1 | q17d | जब पौलुस ने परमेश्वर के भेद का प्रचार किया तो वह कुरिन्थवासियों के पास किस तरीके से आया था? | जब पौलुस ने परमेश्वर के भेद का प्रचार किया तो वह मनोहर बातों या ज्ञान के साथ नहीं आया था। | |||
23 | 2:2 | tema | जब पौलुस कुरिन्थवासियों के मध्य में था तो उसने क्या जानने का निर्णय लिया? | पौलुस ने यीशु मसीह और उसके क्रूस पर चढ़ाए जाने के अलावा किसी अन्य बात को नहीं जानने का निर्णय लिया। | |||
24 | 2:4-5 | ahv0 | पौलुस का वचन और उसका प्रचार बुद्धिमानी की प्रेरक बातों के बजाए आत्मा के प्रदर्शन और उसकी सामर्थ्य के प्रदर्शन के साथ क्यों किया गया था? | ऐसा इसलिए था ताकि उनका विश्वास मनुष्यों की बुद्धिमानी में नहीं, परन्तु परमेश्वर की सामर्थ्य पर हो। | |||
25 | 2:7 | w1r1 | पौलुस और जो लोग उसके साथ थे उन्होंने कौन सी बुद्धिमानी की बातें बोलीं? | उन्होंने भेद में छिपी हुई परमेश्वर की बुद्धिमानी की बातें बोलीं-अर्थात ऐसी छिपी हुई बुद्धिमानी की बातें जिसे परमेश्वर ने हमारी महिमा के लिए युगों पहले ठहराया था। | |||
26 | 2:8 | okzd | यदि पौलुस के समय के शासक परमेश्वर की बुद्धिमानी की बात को जान जाते तो उन्होंने क्या नहीं किया होता? | यदि वे शासक परमेश्वर की बुद्धिमानी की बात को जान जाते तो उन्होंने महिमा के प्रभु को क्रूस पर नहीं चढ़ाया होता। | |||
27 | 2:10 | xov7 | पौलुस और जो लोग उसके साथ थे उन्होंने परमेश्वर की बुद्धिमानी की बात को कैसे जाना? | आत्मा के माध्यम से उन बातों को परमेश्वर ने उन पर प्रकट किया था। | |||
28 | 2:11 | w1kq | परमेश्वर की गहरी बातों को कौन जानता है? | परमेश्वर की गहरी बातों को केवल परमेश्वर का आत्मा जानता है। | |||
29 | 2:12 | u4z0 | वह कौन सा कारण है जिससे पौलुस और जो लोग उसके साथ थे उनको वह आत्मा मिला जो परमेश्वर की ओर से है? | वह आत्मा जो परमेश्वर की ओर से है उनको इसलिए मिला ताकि वे उन बातों को जान सकें जो उन्हें परमेश्वर की ओर से मुफ्त में प्रदान की गई हैं। | |||
30 | 2:14 | hqs0 | जो व्यक्ति आत्मिक नहीं है वह परमेश्वर के आत्मा की बातों को ग्रहण क्यों नहीं कर सकता या जान क्यों नहीं सकता? | जो व्यक्ति आत्मिक नहीं है वह उन बातों को इसलिए ग्रहण नहीं कर सकता क्योंकि वे उसके लिए मूर्खता की बातें हैं, और वह उनको इसलिए समझ नहीं सकता क्योंकि वे आत्मिक रूप से पहचानी जाती हैं। | |||
31 | 2:16 | h8or | पौलुस ने क्या कहा कि जिन्होंने यीशु पर विश्वास किया उनमें किसका मन है? | पौलुस ने कहा कि उनमें मसीह का मन है। | |||
32 | 3:3 | ib2y | पौलुस ने क्यों कहा कि कुरिन्थियों के विश्वासी अभी भी शारीरिक हैं? | पौलुस ने कहा कि कुरिन्थियों के विश्वासी अभी भी शारीरिक इसलिए हैं क्योंकि उनके मध्य में ईर्ष्या और झगड़ा पाया जाता है। | |||
33 | 3:5 | nikb | कुरिन्थवासियों के लिए पौलुस और अपुल्लोस कौन थे? | वे ऐसे सेवक थे जिनके माध्यम से कुरिन्थवासियों ने मसीह पर विश्वास किया था। | |||
34 | 3:7 | vb19 | उन्नति कौन प्रदान करता है? | परमेश्वर उन्नति प्रदान करता है। | |||
35 | 3:11 | kmq6 | नींव कौन है? | यीशु मसीह ही नींव है। | |||
36 | 3:11-13 | egd8 | उस व्यक्ति के काम के साथ क्या होगा जो यीशु मसीह की नींव पर निर्माण करता है? | उसका काम दिन के प्रकाश में और आग में प्रकट हो जाएगा। | |||
37 | 3:13 | rtwq | किसी व्यक्ति के काम के साथ आग क्या करेगी? | हर एक जन ने जो काम किया है, आग उस काम को परखकर उसकी गुणवत्ता प्रकट करेगी। | |||
38 | 3:14 | ptec | यदि किसी व्यक्ति का काम आग में से बच गया तो उसे क्या मिलेगा? | उस व्यक्ति को पुरस्कार मिलेगा। | |||
39 | 3:15 | gk8g | जिस व्यक्ति का काम जल गया हो उसके साथ क्या घटित होगा? | वह व्यक्ति हानि उठाएगा, परन्तु मानो कि वह आग से जलते-जलते स्वयं तो बच जाएगा। | |||
40 | 3:16 | eg2x | यीशु मसीह पर विश्वास करने वालों के रूप में हम कौन हैं और हम में कौन वास करता है? | हम परमेश्वर के मन्दिर हैं और परमेश्वर का आत्मा हम में वास करता है। | |||
41 | 3:17 | djhf | यदि कोई परमेश्वर के मन्दिर को नाश करता है तो क्या घटित होगा? | परमेश्वर उस व्यक्ति को नाश करेगा जो परमेश्वर का मन्दिर को नाश करता है। | |||
42 | 3:18 | i4yj | जो इस युग में स्वयं को बुद्धिमान समझता है उससे पौलुस क्या कहता है? | पौलुस ने कहा, “…कि वह “मूर्ख” बने ताकि वह बुद्धिमान हो जाए।” | |||
43 | 3:20 | cwq7 | बुद्धिमानों के तर्कों के विषय में प्रभु क्या जानता है? | प्रभु जानता है कि बुद्धिमानों के तर्क व्यर्थ हैं। | |||
44 | 3:21-23 | bqzi | कुरिन्थ के विश्वासियों को मनुष्यों पर घमण्ड करना बंद करने के लिए पौलुस क्यों बोलता है? | वह उनसे घमण्ड करना बंद करने के लिए इसलिए बोलता है, “क्योंकि सब वस्तुएँ तो तुम्हारी हैं,” और क्योंकि, “… तुम मसीह के हो, और मसीह परमेश्वर का है”। | |||
45 | 4:1 | k2o5 | पौलुस ने क्या कहा कि कुरिन्थियों को उसे और उसके साथियों को कैसा समझना चाहिए? | कुरिन्थियों को उन्हें मसीह के सेवक और परमेश्वर के छिपे हुए सत्यों के भण्डारी के रूप में समझना चाहिए। | |||
46 | 4:2 | q6dm | किसी भण्डारी के लिए एक योग्यता कौन सी है? | भण्डारी विश्वासयोग्य पाया जाए। | |||
47 | 4:4 | i87u | पौलुस किसे अपना न्यायी कहता है? | पौलुस कहता है कि प्रभु उसका न्याय करता है। | |||
48 | 4:5 | tuac | जब प्रभु आएगा तो वह क्या करेगा? | वह अंधकार में छिपी हुई बातों को प्रकाश में लाएगा और हृदयों को उद्देश्यों को प्रकट करेगा। | |||
49 | 4:6 | kgrk | पौलुस ने इन सिद्धान्तों को स्वयं पर और अपुल्लोस पर लागू क्यों किया? | पौलुस ने कुरिन्थ के विश्वासियों के निमित्त ऐसा किया ताकि वे इस कहावत का अर्थ जान पाएँ, “जो लिखा है उससे आगे न बढ़ना,” जिससे कि उनमें से कोई भी एक के विरोध में दूसरे का पक्ष लेने का विचार न करे। | |||
50 | 4:8 | f81o | पौलुस यह इच्छा क्यों करता है कि कुरिन्थ के विश्वास करने वाले राज्य करें? | पौलुस इच्छा करता है कि वे राज्य करें ताकि पौलुस और उसके साथी भी उनके साथ राज्य करें। | |||
51 | 4:10 | n6uv | पौलुस किन तीन तरीकों से अपनी और अपने साथियों की तुलना कुरिन्थ के विश्वासियों से करता है? | पौलुस कहता है, “हम मसीह के निमित्त मूर्ख हैं, परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो। हम निर्बल हैं, परन्तु तुम बलवान हो। तुम्हारा सम्मान किया जाता है, परन्तु हम अपमानित होते हैं।” | |||
52 | 4:11 | iu76 | पौलुस ने प्रेरितों की शारीरिक दशा का वर्णन कैसे किया? | पौलुस ने कहा कि वे भूखे-प्यासे, दरिद्रता वाले कपड़े पहने, निर्दयतापूूर्वक पीटे गए, और बेघर हैं। | |||
53 | 4:12-13 | pvtc | जब पौलुस और उसके साथियों के साथ बुरा बर्ताव किया गया तो उन्होंने कैसी प्रतिक्रिया दी? | जब उन्हें पीटा गया, तो उन्होंने आशीष दी। जब उन्हें सताया गया, तो उन्होंने इसे सह लिया। जब उन्हें बदनाम किया गया, तो उन्होंने दयालु होकर बात की। | |||
54 | 4:14 | axu2 | कुरिन्थ के विश्वास करने वालों को पौलुस ने यह बातें क्यों लिखीं? | अपने प्रिय बालकों के रूप में उन्हें सुधारने के लिए उसने यह बातें उनको लिखीं। | |||
55 | 4:16 | a7gk | कुरिन्थ के विश्वास करने वालों को पौलुस किसका अनुकरण करने के लिए कहता है? | पौलुस उनसे उसी का अनुकरण करने के लिए कहता है। | |||
56 | 4:17 | vhai | वह क्या बात थी जिसे स्मरण करवाने के लिए पौलुस ने कुरिन्थ के विश्वास करने वालों के पास तीमुथियुस को भेजा था? | पौलुस ने तीमुथियुस को कुरिन्थ में वहाँ रहने वाले विश्वासियों को मसीह में पाए जाने वाले पौलुस के तरीके स्मरण करवाने के लिए भेजा था। | |||
57 | 4:18 | wgi7 | कुरिन्थ के कुछ विश्वास करने वाले कैसा व्यवहार कर रहे थे? | उनमें से कुछ अभिमानी होकर ऐसे व्यवहार कर रहे थे कि मानो पौलुस उनके पास नहीं आएगा। | |||
58 | 4:20 | hirg | परमेश्वर का राज्य किसमें निहित है? | परमेश्वर का राज्य सामर्थ्य में निहित है। | |||
59 | 5:1 | hb3v | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया के विषय में पौलुस ने क्या बात सुनी? | पौलुस ने सुना कि उनमें यौन अनैतिकता पाई जाती है। उनमें से एक तो अपने पिता की पत्नी के साथ सो रहा था। | |||
60 | 5:2 | niaf | पौलुस ने क्या कहा जो उस व्यक्ति के साथ किया जाना चाहिए जिसने अपने पिता की पत्नी के साथ पाप किया था? | जिसने अपने पिता की पत्नी के साथ पाप किया था उसे उनके बीच में से निकाल दिया जाना चाहिए। | |||
61 | 5:4-5 | bbnd | जिस व्यक्ति ने अपने पिता की पत्नी के साथ पाप किया था उसे क्यों और कैसे निकाला जाए? | जब कुरिन्थ में स्थित कलीसिया प्रभु यीशु के नाम पर एक साथ इकट्ठा हो, तो उन्हें उस पापी मनुष्य को शरीर के विनाश के लिए शैतान के हाथों में सौंप देना था, ताकि प्रभु के दिन में उसकी आत्मा को बचाया जा सके। | |||
62 | 5:8 | crqw | बुरे व्यवहार और दुष्टता की तुलना पौलुस किसके साथ करता है? | पौलुस उनकी तुलना ख़मीर के साथ करता है। | |||
63 | 5:8 | ebav | खराई और सच्चाई के लिए रूपक के रूप में पौलुस किसका उपयोग करता है? | खराई और सच्चाई के लिए रूपक के रूप में पौलुस अख़मीरी रोटी का उपयोग करता है। | |||
64 | 5:9 | ykxc | कुरिन्थ के विश्वास करने वालों को पौलुस ने किसके साथ संगति नहीं करने के लिए कहा? | पौलुस ने उन्हें लिखा कि यौन अनैतिकता करने वाले लोगों के साथ संगति न करना। | |||
65 | 5:10 | vg24 | क्या उनके लिए पौलुस का अर्थ यह था कि वे किसी यौन अनैतिकता करने वाले व्यक्ति के साथ संगति न करें? | पौलुस का अर्थ इस संसार के अनैतिक लोगों से नहीं था। नहीं तो तुम्हें उनसे दूर होने के लिए इस संसार से ही चले जाना पड़ेगा। | |||
66 | 5:11 | q5sz | पौलुस का अर्थ क्या था कि कुरिन्थ के विश्वास करने वालों को किस के साथ संगति नहीं करनी थी? | उनके लिए उसका अर्थ था कि उन्हें ऐसे किसी भी जन के साथ संगति नहीं करनी थी जो मसीह में भाई या बहन कहलाए और जो यौन अनैतिकता करे, लालची हो, गाली देता हो, पियक्कड़ हो, ठग हो, या मूर्तिपूजक हो। | |||
67 | 5:12 | lnax | विश्वास करने वालों को किसका न्याय करना है? | उन्हें उनका न्याय करना है जो कलीसिया के अंदर के लोग हैं। | |||
68 | 5:13 | m99n | जो कलीसिया से बाहर के लोग हैं उनका न्याय कौन करता है? | जो बाहर वाले हैं उनका न्याय परमेश्वर करता है। | |||
69 | 6:1-3 | h1dd | पौलुस क्या कहता है कि कुरिन्थ के पवित्र लोगों को किस बात का न्याय करने में सक्षम होना चाहिए? | पौलुस कहता है कि उन्हें इस जीवन के मामलों के सम्बन्ध में पवित्र लोगों के बीच विवादों का न्याय करने में सक्षम होना चाहिए। | |||
70 | 6:2-3 | o0lm | पवित्र लोग किसका न्याय करेंगे? | पवित्र लोग इस संसार का और स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे। | |||
71 | 6:6 | bwu2 | कुरिन्थ के मसीही लोग एक दूसरे के साथ अपने विवादों को कैसे निपटा रहे हैं? | एक विश्वासी दूसरे विश्वासी के विरुद्ध न्यायालय में जाता है, और उस मामले को एक ऐसे न्यायाधीश के सामने रखा जाता है जो कि अविश्वासी है। | |||
72 | 6:7 | j267 | कुरिन्थ के मसीही लोगों के मध्य में विवाद होते हैं यह तथ्य क्या संकेत करता है? | यह संकेत करता है कि यह उनकी पराजय है। | |||
73 | 6:9-10 | s5i0 | परमेश्वर के राज्य का वारिस कौन नहीं होगा? | अधर्मी लोग: अर्थात यौन अनैतिकता करने वाले, मूर्तिपूजक, पुरुष वेश्याएँ, संलैंगिकता का अभ्यास करने वाले, चोर, लालची, पियक्कड़, निन्दा करने वाले, और ठग परमेश्वर के राज्य के वारिस नहीं होंगे। | |||
74 | 6:11 | ohwt | कुरिन्थ के उन विश्वासियों के साथ क्या घटित हुआ जिन्होंने बीते समय में अधर्म के कामों का अभ्यास किया था? | उन्हें धोकर पवित्र किया गया, और प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्वर के आत्मा के द्वारा परमेश्वर के साथ सही ठहराया गया। | |||
75 | 6:12-13 | rg4o | वे कौन सी दो बातें हैं जो पौलुस कहता है कि वह उनको अपने ऊपर हावी नहीं होने देगा? | पौलुस कहता है कि वह भोजन और यौन सम्बन्ध बनाने को अपने ऊपर हावी नहीं होने देगा। | |||
76 | 6:15 | ds3o | विश्वास करने वालों की देह किसके अंग हैं? | उनकी देह मसीह के अंग हैं। | |||
77 | 6:15 | hr8e | क्या विश्वास करने वालों को वेश्या की संगति करनी चाहिए? | नहीं। ऐसा कभी न हो! | |||
78 | 6:16 | mz9c | जब कोई वेश्या की संगति करता है तो क्या घटित होता है? | वे दोनों एक तन हो जाएँगे। | |||
79 | 6:17 | meeg | जब कोई प्रभु की संगति करता है तो क्या घटित होता है? | वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है। | |||
80 | 6:18 | iyrg | जब लोग यौन अनैतिकता करते हैं तो वे किसके विरुद्ध पाप करते हैं? | जब लोग यौन अनैतिकता करते हैं तो वे स्वयं की देह के विरुद्ध पाप करते हैं। | |||
81 | 6:19-20 | mn50 | विश्वास करने वालों को अपनी देह से परमेश्वर की महिमा क्यों करनी चाहिए? | उन्हें अपनी देह से परमेश्वर की महिमा इसलिए करनी चाहिए क्योंकि उनकी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है और क्योंकि उन्हें दाम देकर मोल लिया गया है। | |||
82 | 7:2 | q2yj | प्रत्येक पुरुष की अपनी पत्नी क्यों होनी चाहिए और प्रत्येक स्त्री का अपना पति क्यों होना चाहिए? | बहुत से अनैतिक कृत्यों की प्रलोभन के कारण, प्रत्येक पुरुष की अपनी पत्नी होनी चाहिए और प्रत्येक पत्नी का अपना पति होना चाहिए। | |||
83 | 7:4 | gmkk | क्या पत्नी या पति का अपनी स्वयं की देह पर अधिकार है? | नहीं। पति का अपनी पत्नी की देह पर अधिकार है, और वैसे ही, पत्नी का भी अपने पति की देह पर अधिकार है। | |||
84 | 7:5 | kp04 | पति और पत्नी के लिए एक दूसरे को यौन रूप से वंचित रखना कब उचित है? | यह तब उचित है यदि पति और पत्नी दोनों आपसी सहमति से एक विशिष्ट अवधि निर्धारित करें, ताकि वे स्वयं को प्रार्थना के लिए समर्पित कर सकें। | |||
85 | 7:8 | jgm6 | पौलुस क्या कहता है जो विधवाओं और अविवाहित लोगों के लिए करना अच्छा है? | पौलुस कहता है कि उनके लिए अविवाहित रहना ही अच्छा है, जैसे कि वह है। | |||
86 | 7:9 | xeex | किस परिस्थिति में अविवाहितों और विधवाओं को विवाह करना चाहिए? | यदि वे वासना में होकर जलने लगें और आत्मसंयम न रख पाएँ तो उन्हें विवाह कर लेना चाहिए। | |||
87 | 7:10-11 | hljh | जो विवाहित हैं प्रभु उन्हें क्या आज्ञा देता है? | पत्नी को अपने पति से अलग नहीं होना चाहिए। यदि वह अपने पति से अलग हो जाए, तो उसे अविवाहित ही रहना चाहिए या अपने पति से फिर से मेल कर लेना चाहिए। साथ ही, पति को अपनी पत्नी को तलाक नहीं देना चाहिए। | |||
88 | 7:12-13 | p0zd | क्या एक विश्वास करने वाले पति या पत्नी को अपने अविश्वासी जीवनसाथी को तलाक देना चाहिए? | यदि अविश्वासी पति या पत्नी अपने जीवनसाथी के साथ रहने में संतुष्ट है, तो विश्वास करने वाले जीवनसाथी को उस अविश्वासी को तलाक नहीं देना चाहिए। | |||
89 | 7:15 | jf44 | यदि उनका अविश्वासी जीवनसाथी अलग हो जाता है जो एक विश्वास करने वाले को क्या करना चाहिए? | उस विश्वास करने वाले को उस अविश्वासी जीवनसाथी को जाने देना चाहिए। | |||
90 | 7:17 | r33w | पौलुस ने सब कलीसियाओं में कौन सा नियम निर्धारित किया? | वह नियम यह था: हर एक जन वैसा ही जीवन व्यतीत करे जैसा प्रभु ने उन्हें सौंपा है, और जैसा परमेश्वर ने उन्हें बुलाया है। | |||
91 | 7:18 | npl0 | खतनारहित और खतना वालों को पौलुस ने कौन सी सलाह दी? | पौलुस ने कहा कि खतनारहितों का खतना नहीं करवाना चाहिए और खतना वालों को अपने खतने के चिन्हों को हटाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। | |||
92 | 7:21-23 | yva1 | दासों के विषय में पौलुस ने क्या कहा? | जब परमेश्वर ने उन्हें बुलाया था, तब यदि वे दास थे तो इसके बारे में चिन्ता न करें, परन्तु यदि वे स्वतंत्र हो सकते हैं, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए। यदि वे दास भी हों, तब भी वे प्रभु के स्वतन्त्र किए हुए जन हैं। उन्हें मनुष्यों का दास नहीं बनना चाहिए। | |||
93 | 7:26 | jftz | पौलुस ने ऐसा क्यों सोचा कि एक ऐसे व्यक्ति के लिए जिसने कभी विवाह नहीं किया था, अविवाहित रहना ही अच्छा था, जैसा कि पौलुस था? | पौलुस ने आने वाले संकट का कारण ऐसा सोचा कि एक व्यक्ति के लिए अविवाहित रहना ही अच्छा था। | |||
94 | 7:27 | tluj | यदि वे किसी स्त्री के साथ विवाह की वाचा में बंधे हुए हों तो विश्वास करने वालों को क्या करना चाहिए? | उन्हें स्त्री से विवाह करने की अपनी वाचा से स्वतंत्र होने का प्रयास नहीं करना चाहिए। | |||
95 | 7:28 | lygn | जो पत्नी से स्वतंत्र हैं और जो अविवाहित हैं, पौलुस उनसे क्यों कहता है कि “पत्नी की खोज मत करो।” | वह ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि वह उनको बहुत प्रकार की ऐसी मुसीबतों से बचाना चाहता था जो उन लोगों को जीवन व्यतीत करने में होगी जो विवाहित हैं। | |||
96 | 7:31 | lqal | जो लोग संसार के साथ मेलजोल रखते हैं उन्हें ऐसा व्यवहार क्यों करना चाहिए कि मानो उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है? | उनको इस रीति से इसलिए व्यवहार करना चाहिए क्योंकि इस संसार की प्रणाली का अंत होने वाला है। | |||
97 | 7:33-34 | dd2h | उन मसीहियों के लिए जो विवाहित हैं, प्रभु के प्रति अपनी भक्ति में अविभाजित होना कठिन क्यों है? | यह कठिन इसलिए है क्योंकि एक विश्वासी पति या पत्नी को संसार की बातों की चिन्ता रहती है कि वह अपनी पत्नी या अपने पति को कैसे प्रसन्न करे। | |||
98 | 7:38 | bjxv | जो अपनी मंगेतर से विवाह करता है उससे बेहतर कौन करता है? | जो विवाह न करने का चुनाव करता है वह तो और भी बेहतर करता है। | |||
99 | 7:39 | gojg | कोई स्त्री अपने पति से कितने समय तक बंधी रहती है? | वह अपने पति से तब तक बंधी रहती है जब तक वह जीवित है। | |||
100 | 7:39 | ls4k | यदि किसी विश्वास करने वाली स्त्री का पति मर जाए, तो वह किससे विवाह करे? | वह जिससे चाहे उससे विवाह कर सकती है, परन्तु केवल ऐसे जन से जो प्रभु में पाया जाता है। | |||
101 | 8:1 | shxy | इस अध्याय में पौलुस किस विषय को सम्बोधित करना आरम्भ करता है? | पौलुस मूर्तियों को चढ़ाए हुए भोजन के विषय को सम्बोधित करता है। | |||
102 | 8:1 | foup | ज्ञान और प्रेम के क्या परिणाम होते हैं? | ज्ञान किसी व्यक्ति को घमण्डी बना देता है, परन्तु प्रेम से उन्नति होती है। | |||
103 | 8:4 | t0rk | क्या कोई मूर्ति परमेश्वर के बराबर है? | नहीं। इस संसार में पाई जाने वाली मूर्ति कुछ भी नहीं है, और उस एकमात्र के अलावा कोई परमेश्वर नहीं है। | |||
104 | 8:6 | t510 | एकमात्र परमेश्वर कौन है? | केवल एक ही परमेश्वर पिता है। उसी की ओर से सब वस्तुएँ हैं, और हम उसी के लिए जीवित हैं। | |||
105 | 8:6 | hdyu | एकमात्र प्रभु कौन है? | केवल एक ही प्रभु यीशु मसीह है, जिसके माध्यम से सब वस्तुएँ अस्तित्व में हैं, और उसी के माध्यम से हम भी अस्तित्व में हैं। | |||
106 | 8:7 | ulos | क्या होता है जब मूर्तिपूजा का अभ्यास करने वाले कुछ लोग उस भोजन को खाते हैं जिसे मानो किसी मूर्ति को चढ़ाया गया हो? | उनका विवेक निर्बल होने के कारण दूषित हो गया है। | |||
107 | 8:8 | zii4 | जो भोजन हम खाते हैं क्या वह हमें परमेश्वर के लिए बेहतर बनाता है या बदतर बनाता है? | परमेश्वर के सामने भोजन हमारा अनुमोदन नहीं करेगा। यदि हम न खाएँ तो बदतर नहीं होंगे, और यदि खाएँ तो बेहतर नहीं होंगे। | |||
108 | 8:9 | xft6 | हमें किस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कहीं हमारी स्वतंत्रता वह न बन जाए? | हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी स्वतंत्रता किसी ऐसे व्यक्ति के लिए ठोकर खाने का कारण न बने जो विश्वास में निर्बल है। | |||
109 | 8:11 | worq | निर्बल विवेक वाले भाई या बहन के साथ क्या घटित सकता है यदि वे मूर्ति के वास्तविक स्वरूप को समझने वाली अपनी स्वतंत्रता का उपयोग करने में सावधान नहीं हैं?\n | निर्बल विवेक वाले भाई या बहन का नाश हो सकता है। | |||
110 | 8:11-12 | j14x | जब हम मसीह में पाए जाने वाले किसी भाई या बहन को उसके निर्बल विवेक के कारण जानबूझकर ठोकर खिलाते हैं तो हम किसके विरुद्ध पाप करते हैं? | हम उस भाई या बहन के विरुद्ध पाप करते हैं जिसे हम ठोकर खिलाते हैं, और हम मसीह के विरुद्ध पाप करते हैं। | |||
111 | 8:13 | eu02 | यदि भोजन उसके भाई या बहन को ठोकर खिलाए तो पौलुस क्या कहता है कि वह करेगा? | पौलुस कहता है कि यदि उसका भोजन उसके भाई या बहन को ठोकर खिलाए, तो वह फिर कभी माँस नहीं खाएगा। | |||
112 | 9:1-2 | cvek | पौलुस ने कौन सा सबूत पेश किया कि वह एक प्रेरित है? | पौलुस कहता है कि क्योंकि कुरिन्थ के विश्वास करने वाले प्रभु में उसकी कारीगरी थे, इसलिए वे स्वयं ही प्रभु में पौलुस के प्रेरित होने का प्रमाण थे। | |||
113 | 9:4-5 | trtj | प्रेरितों, प्रभु के भाइयों और कैफा के कुछ अधिकारों के रूप में पौलुस ने क्या सूचीबद्ध किया? | पौलुस ने कहा कि उनके पास खाने और पीने का अधिकार है तथा उन्हें अपने साथ एक विश्वासी पत्नी रख लेने का अधिकार भी है। | |||
114 | 9:7 | mz5u | पौलुस ने उन लोगों के बारे में कौन से उदाहरण दिए जो अपने काम से लाभ प्राप्त करते हैं या भुगतान करते हैं? | पौलुस सैनिकों का, दाख की बारी लगाने वाले व्यक्ति का, और भेड़-बकरियों को चराने वाले व्यक्ति का उल्लेख उन लोगों के उदाहरण के रूप में करता है जो अपने काम से लाभ प्राप्त करते हैं या भुगतान करते हैं। | |||
115 | 9:9 | pe3c | लाभ प्राप्त करने या किसी के काम से भुगतान करने के विचार का समर्थन करने के लिए पौलुस ने मूसा की व्यवस्था से क्या उदाहरण दिया? | अपनी बहस का समर्थन करने के लिए पौलुस ने इस आज्ञा को उद्धृत किया, “अन्न दाँवने वाले बैल का मुँह न बाँधना।” | |||
116 | 9:12 | a8jv | पौलुस और उसके साथियों ने कुरिन्थियों की ओर से भौतिक लाभ के अपने अधिकार का दावा क्यों नहीं किया? | पौलुस और उसके साथियों ने इस अधिकार का दावा इसलिए नहीं किया ताकि वे मसीह के सुसमाचार में कोई बाधा न डालें। | |||
117 | 9:14 | hba5 | सुसमाचार का प्रचार करने वालों के विषय में प्रभु ने क्या आज्ञा दी? | प्रभु ने आज्ञा दी कि जो सुसमाचार का प्रचार करते हैं वे अपनी जीविका भी सुसमाचार से ही प्राप्त करें। | |||
118 | 9:16 | rztd | पौलुस ने क्या कहा जिसके बारे में वह घमण्ड नहीं कर सकता था, और वह उस पर घमण्ड क्यों नहीं कर सकता था? | पौलुस ने कहा कि वह सुसमाचार का प्रचार करने के बारे में घमण्ड नहीं कर सकता, क्योंकि उसे तो सुसमाचार का ही प्रचार करना था। | |||
119 | 9:19 | o0pj | पौलुस सब का सेवक क्यों बन गया? | पौलुस सब का सेवक इसलिए बन गया ताकि वह अधिक लोगों को परमेश्वर के लिए जीत सके। | |||
120 | 9:20 | uh18 | यहूदियों को जीतने के लिए पौलुस किसके समान बन गया? | यहूदियों को जीतने के लिए पौलुस यहूदियों के समान बन गया। | |||
121 | 9:21 | zqbb | व्यवस्था से बाहर वालों को जीतने के लिए पौलुस किसके समान बन गया? | व्यवस्था से बाहर वालों को जीतने के लिए पौलुस व्यवस्था से बाहर वालों के समान बन गया। | |||
122 | 9:23 | fpvx | सुसमाचार के निमित्त पौलुस ने सब कुछ क्यों किया? | उसने ऐसा इसलिए किया ताकि वह भी सुसमाचार की आशीषों में सहभागी बने। | |||
123 | 9:24 | dm5o | पौलुस ने किस प्रकार से दौड़ने के लिए कहा? | पौलुस ने पुरस्कार जीतने हेतु दौड़ने के लिए कहा। | |||
124 | 9:25 | mdrr | पौलुस किस प्रकार का सेहरा पाने के लिए दौड़ रहा था? | पौलुस इसलिए दौड़ रहा था ताकि वह एक अविनाशी सेहरे को प्राप्त करे। | |||
125 | 9:27 | ft21 | पौलुस ने अपनी देह को अपने वश में करके उसे अपना दास क्यों बना लिया? | पौलुस ने ऐसा इसलिए किया ताकि वह दूसरों को प्रचार करके, स्वयं अयोग्य न ठहरे। | |||
126 | 10:1-4 | eaaw | मूसा के समय में उनके पुरखाओं के पास कौन से सामान्य अनुभव थे? | वे सब उस बादल के नीचे थे और समुद्र के बीच से होकर गुजरे। उन सभी ने बादल और समुद्र में मूसा का बपतिस्मा लिया, और उन सब ने एक ही आत्मिक भोजन खाया और एक ही आत्मिक जल पिया। | |||
127 | 10:4 | ywzb | वह आत्मिक चट्टान कौन थी जो उनके पुरखाओं के पीछे-पीछे आती थी? | वह चट्टान मसीह था जो उनके पीछे-पीछे आती थी। | |||
128 | 10:6 | uqfr | मूसा के समय में परमेश्वर उनके पुरखाओं से क्यों प्रसन्न नहीं था? | वह प्रसन्न इसलिए नहीं था क्योंकि उनके पुरखाओं ने बुरी वस्तुओं की चाह की थी। | |||
129 | 10:9-10 | bjcw | किन माध्यमों से परमेश्वर ने उन अनाज्ञाकारी और कुड़कुड़ाने वाले लोगों का नाश किया? | परमेश्वर ने साँपों के द्वारा और नाश करने वाले, अर्थात मृत्यु के स्वर्गदूत के द्वारा उनका नाश किया। | |||
130 | 10:11 | nxg7 | यह बातें क्यों घटित हुईं और इनको क्यों लिखा गया? | यह बातें हमारे लिए उदाहरण स्वरूप घटित हुईं और इनको हमारे निर्देश के लिए लिखा गया। | |||
131 | 10:13 | md71 | क्या कोई अनूठा प्रलोभन हमारे साथ घटित हुआ है? | ऐसा कोई प्रलोभन हम पर नहीं पड़ा जो सब मनुष्यों के लिए सामान्य न हो। | |||
132 | 10:13 | pcrh | प्रलोभन को सह लेने में हमें सक्षम करने के लिए परमेश्वर ने क्या किया है? | उसने बचने का मार्ग प्रदान किया है ताकि हम प्रलोभन को सहने में सक्षम हों। | |||
133 | 10:14 | nt41 | कुरिन्थ के विश्वास करने वालों को पौलुस किस बात से दूर भागने की चेतावनी देता है? | वह उनको मूर्तिपूजा से दूर भागने की चेतावनी देता है। | |||
134 | 10:16 | t64w | वह धन्यवाद का कटोरा क्या है जिस पर विश्वास करने वाले लोग धन्यवाद देते हैं, और वह रोटी कौन सी है जिसे वे तोड़ते हैं? | वह कटोरा मसीह के लहू में सहभागिता करना है। और वह रोटी मसीह की देह में सहभागिता करना है। | |||
135 | 10:20 | m2tj | अन्यजाति मूर्तिपूजक लोग अपने बलिदान किसे चढ़ाते हैं? | वे इन वस्तुओं को परमेश्वर को नहीं, बल्कि दुष्टात्माओं को चढ़ाते हैं। | |||
136 | 10:20-21 | mayf | चूँकि पौलुस नहीं चाहता था कि कुरिन्थ के विश्वास करने वाले लोग दुष्टात्माओं के सहभागी बनें, तो वह उनसे क्या कहता है जिसे वे नहीं कर सकते? | पौलुस उनसे कहता है कि वे प्रभु के कटोरे और दुष्टात्माओं के कटोरे में से नहीं पी सकते, और वे प्रभु की मेज और दुष्टात्माओं की मेज पर सहभागिता नहीं कर सकते। | |||
137 | 10:22 | nqyj | यदि हम प्रभु के विश्वासियों के रूप में दुष्टात्माओं के साथ भी सहभागी होते हैं तो हमें क्या जोखिम है? | हम प्रभु को ईर्ष्या के लिए उकसाने का जोखिम उठाते हैं। | |||
138 | 10:24 | uzgi | क्या हमें अपनी भलाई की खोज करनी चाहिए? | नहीं। बजाए इसके, हर एक जन को अपने पड़ोसी की भलाई की खोज करनी चाहिए। | |||
139 | 10:27 | g0lx | यदि कोई अविश्वासी तुम्हें भोजन के लिए आमंत्रित करे, और तुम जाना चाहो, तो तुम्हें क्या करना चाहिए? | जो कुछ भी तुम्हारे सामने रखा जाए तुम को वह विवेक के प्रश्न पूछे बिना खा लेना चाहिए। | |||
140 | 10:28-29 | jgng | यदि तुम्हारा अविश्वासी मेजबान तुम्हें बताए कि जो भोजन तुम खाने वाले हो वह मूर्तिपूजा के बलिदान से आया है, तो तुम को वह क्यों नहीं खाना चाहिए? | उस व्यक्ति के निमित्त जिसने तुम को बताया और दूसरे व्यक्ति के विवेक के निमित्त, तुम को वह नहीं खाना चाहिए। | |||
141 | 10:31 | eyhg | परमेश्वर की महिमा के लिए हमें क्या करना चाहिए? | हमें खाने और पीने समेत सब बातें परमेश्वर की महिमा के लिए करनी चाहिए। | |||
142 | 10:32-33 | anma | हमें यहूदियों का और यूनानियों का और परमेश्वर की कलीसिया का अपमान क्यों नहीं करना चाहिए? | हमें उनका अपमान इसलिए नहीं करना चाहिए ताकि वे भी उद्धार पाएँ। | |||
143 | 11:1 | zv18 | पौलुस ने कुरिन्थ के विश्वासियों को किसका अनुकरण करने के लिए कहा? | पौलुस ने उनसे स्वयं का अनुकरण करने के लिए कहा। | |||
144 | 11:1 | hxu8 | पौलुस ने किसका अनुकरण किया? | पौलुस मसीह का अनुकरण करता था। | |||
145 | 11:2 | noh3 | पौलुस ने कुरिन्थ के विश्वासियों की बड़ाई किस कारण से की? | पौलुस ने उनकी बड़ाई इसलिए की क्योंकि उन्होंने उसे सब बातों में स्मरण रखा और उन परम्पराओं को ठीक वैसे ही पकड़े रखा, जैसे उसने उन्हें उनको सौंपा था। | |||
146 | 11:3 | fbzu | मसीह का सिर कौन है? | मसीह का सिर परमेश्वर है। | |||
147 | 11:3 | p9ff | पुरुष का सिर कौन है? | प्रत्येक पुरुष का सिर मसीह है। | |||
148 | 11:3 | mn02 | स्त्री का सिर कौन है? | स्त्री का सिर पुरुष है। | |||
149 | 11:4 | aetp | जब कोई पुरुष अपना सिर ढाँपे हुए प्रार्थना करता है तो क्या घटित होता है? | यदि वह अपना सिर ढाँपे हुए प्रार्थना करता है तो वह अपने सिर का अपमान करता है। | |||
150 | 11:5 | mrpi | जब कोई स्त्री अपना सिर उघाड़े प्रार्थना करती है तो क्या घटित होता है? | जो कोई स्त्री अपना सिर उघाड़े प्रार्थना करती है तो वह अपने सिर का अपमान करती है। | |||
151 | 11:7 | bgmr | पुरुष को अपना सिर क्यों नहीं ढाँपना चाहिए? | उसे अपना सिर इसलिए नहीं ढाँपना चाहिए क्योंकि वह परमेश्वर का स्वरूप और महिमा है। | |||
152 | 11:9 | ratf | स्त्री को किसके लिए बनाया गया था? | स्त्री को पुरुष के लिए बनाया गया था। | |||
153 | 11:11-12 | i00n | स्त्री और पुरुष दोनों ही एक दूसरे पर निर्भर क्यों हैं? | स्त्री की उत्पत्ति पुरुष से हुई, और पुरुष की उत्पत्ति स्त्री से होती है। | |||
154 | 11:13 | i31f | स्त्रियों के प्रार्थना करने के विषय में पौलुस, उसके साथियों और परमेश्वर की कलीसियाओं की क्या प्रथा थी? | स्त्रियों के लिए यह उनकी प्रथा थी कि वे अपने सिरों को ढाँपें हुए प्रार्थना करें। | |||
155 | 11:19 | ifwp | कुरिन्थ के मसीहियों के मध्य में गुटबंदी क्यों होनी चाहिए? | उनके मध्य में गुटबंदी इसलिए होनी चाहिए ताकि जो लोग स्वीकार्य हैं वे उनके मध्य में पहचाने जाएँ। | |||
156 | 11:21 | excy | जब कुरिन्थ की कलीसिया भोजन के लिए एक साथ इकट्ठी हुई तो क्या हो रहा था? | जब उन्होंने भोजन किया, तो दूसरों को उनका भोजन मिलने से पहले ही हर एक ने अपना भोजन खा लिया। तब एक तो भूखा रह गया, और दूसरा मतवाला हो गया। | |||
157 | 11:23-24 | q76g | जिस रात प्रभु को पकड़वाया गया, तो रोटी तोड़ने के बाद उसने क्या कहा? | उसने कहा, “यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिए है; मेरे स्मरण में ऐसा किया करो।” | |||
158 | 11:25 | vtpv | भोजन के बाद जब प्रभु ने कटोरा लिया तो उसने क्या कहा? | उसने कहा, “यह कटोरा मेरे लहू में नयी वाचा है। जब कभी तुम इसे पीयो तो मेरे स्मरण में ऐसा किया करो।” | |||
159 | 11:26 | iy64 | हर बार जब तुम इस रोटी को खाते हो और इस प्याले में से पीते हो तो तुम क्या करते हो? | तुम प्रभु के आगमन तक उसकी मृत्यु का प्रचार करते हो। | |||
160 | 11:27 | fw4u | किसी व्यक्ति को अनुचित रीति से रोटी क्यों नहीं खानी चाहिए या प्रभु का कटोरे में से क्यों नहीं पीना चाहिए? | ऐसा करना तुम्हें प्रभु की देह और लहू का अपराधी ठहराएगा। | |||
161 | 11:29 | alql | उस व्यक्ति के साथ क्या होता है जो बिना समझे रोटी खाता या प्याले में से पीता है? | ऐसा करके, वह व्यक्ति खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है। | |||
162 | 11:30 | puxg | कुरिन्थ की कलीसिया में बहुत से लोगों के साथ क्या हुआ जिन्होंने अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाई और प्रभु के प्याले में से पिया? | उनमें से बहुत से लोग बीमार और रोगी हो गए, और उनमें से कुछ तो मर भी गए। | |||
163 | 11:33 | z77y | कुरिन्थ के विश्वास करने वालों से पौलुस क्या करने के लिए कहता है जब वे भोजन करने के लिए एक साथ इकट्ठे हों? | वह उनसे एक दूसरे के लिए प्रतीक्षा करने को कहता है। | |||
164 | 12:1 | u620 | कुरिन्थ के मसीहियों को पौलुस किस बारे में सूचित करना चाहता है? | पौलुस उन्हें आत्मिक वरदानों के बारे में सूचित करना चाहता है। | |||
165 | 12:3 | q4ki | जो परमेश्वर के आत्मा के द्वारा बोलता है वह क्या कहने के योग्य नहीं है? | वह यह नहीं कह सकता कि “यीशु श्रापित है।” | |||
166 | 12:3 | d393 | कोई व्यक्ति कैसे कह सकता है कि “यीशु ही प्रभु है”? | कोई व्यक्ति केवल पवित्र आत्मा के द्वारा ही कह सकता है कि “यीशु ही प्रभु है”। | |||
167 | 12:4-6 | fi5g | प्रत्येक विश्वासी में परमेश्वर किस बात को सम्भव करता है? | प्रत्येक विश्वासी में परमेश्वर अलग-अलग वरदानों, अलग-अलग सेवकाइयों, और अलग-अलग प्रकार के कार्यों को सम्भव करता है। | |||
168 | 12:7 | zgje | आत्मा का बाहरी प्रदर्शन क्यों दिया गया है? | यह सभी के लाभ के लिए दिया गया है। | |||
169 | 12:9-10 | y5e4 | आत्मा के द्वारा दिए गए कुछ वरदान कौन से हैं? | वे कुछ वरदान विश्वास करना, चंगाई के वरदान, सामर्थ्य के काम, भविष्यद्वाणी करना, आत्माओं के बीच भेद करने की क्षमता, विभिन्न प्रकार की भाषाएँ और भाषाओं का अनुवाद करना हैं। | |||
170 | 12:11 | eycz | यह चुनाव कौन करता है कि हर एक जन को कौन से वरदान मिले? | आत्मा जैसा चाहता है वैसे ही हर एक जन को अलग-अलग वरदान प्रदान करता है। | |||
171 | 12:13 | b5s6 | सब मसीहियों को किस में बपतिस्मा दिया गया? | हम सब को एक ही देह में बपतिस्मा दिया गया और सब को एक ही आत्मा पिलाया गया। | |||
172 | 12:18 | z3pe | देह के प्रत्येक अंग को किसने व्यवस्थित किया और बनाया था? | परमेश्वर ने ही देह के प्रत्येक अंग को इस बनाते समय व्यवस्थित किया था। | |||
173 | 12:22 | bs9c | क्या हम देह के उन अंगों के बिना कुछ कर सकते हैं जो कम सम्माननीय दिखते हैं? | नहीं। देह के कम सम्माननीय दिखने वाले अंग भी आवश्यक हैं। | |||
174 | 12:24 | gplm | उन अंगों समेत जो कम सम्माननीय हैं, उनके लिए परमेश्वर ने क्या किया है? | परमेश्वर ने उन सब अंगों को एक साथ जोड़ दिया, और जिनको कम सम्मान मिलता था उसने उन्हें अधिक सम्मान प्रदान किया। | |||
175 | 12:25 | wadc | देह के जिन अंगों को कम सम्मान मिलता था परमेश्वर ने उन्हें अधिक सम्मान क्यों प्रदान किया? | उसने ऐसा इसलिए किया ताकि देह के भीतर कोई फूट न पड़े, परन्तु अंगों को एक-दूसरे की एक समान स्नेह से देखभाल करनी चाहिए। | |||
176 | 12:28 | s9wt | परमेश्वर ने कलीसिया में किनको नियुक्त किया है? | परमेश्वर ने कलीसिया में पहले प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर चमत्कार करने वाले, चंगाई के वरदान वाले, सहायता करने वाले, प्रशासन करने वाले, विभिन्न प्रकार की भाषाएँ बोलने वालों को नियुक्त किया है। | |||
177 | 12:31 | ii2i | कुरिन्थ के मसीहियों को पौलुस किस बात की खोज करने के लिए कहता है? | वह उनसे बड़े से बड़े वरदानों की खोज करने के लिए कहता है। | |||
178 | 12:31 | cs7e | पौलुस क्या कहता है जिसे वह कुरिन्थ के मसीहियों को दिखाएगा? | वह कहता है कि वह उनको एक बढ़िया तरीका दिखाएगा। | |||
179 | 13:1 | az4d | यदि पौलुस मनुष्यों और स्वर्गदूतों की भाषाएँ बोले परन्तु प्रेम न रखे तो वह क्या बन जाएगा? | वह कोलाहल करने वाला घड़ियाल अथवा झंझनाती हुई झाँझ बन जाएगा। | |||
180 | 13:2 | tp14 | यदि पौलुस के पास भविष्यद्वाणी करने का वरदान हो, सब छिपे हुए सत्यों और ज्ञान की समझ हो और बड़ा विश्वास हो, परन्तु प्रेम न हो तो वह क्या बन जाएगा? | प्रेम के बिना वह कुछ भी नहीं होगा। | |||
181 | 13:3 | swse | कैसे पौलुस निर्धनों को खिलाने के लिए अपना सब कुछ दे दे और अपनी देह को जलाने के लिए दे दे और फिर भी उसे कुछ लाभ न हो? | यदि वह प्रेम न रखे, तो उसे कुछ लाभ नहीं होगा भले ही उसने इन सब दूसरे कामों किया हो। | |||
182 | 13:5-7 | mowc | प्रेम की कुछ विशेषताएँ कौन सी हैं? | प्रेम धीरजवन्त और कृपालु है; प्रेम डाह या गर्व नहीं करता; यह अभिमानी या असभ्य नहीं है। यह स्वयं की सेवा करने वाला नहीं है, सरलता से क्रोधित नहीं होता, और न ही यह बुराइयों की गिनती रखता है। वह अधर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब कुछ सह लेता है, सब बातों पर विश्वास करता है, सब बातों पर भरोसा रखता है, और सब बातों में धीरज धरता है। | |||
183 | 13:8 | necq | क्या कभी असफल नहीं होगा? | प्रेम कभी असफल नहीं होता। | |||
184 | 13:8-10 | z4gn | ऐसी कौन सी बातें हैं जो समाप्त हो जाएँगी या मौन हो जाएँगी? | भविष्यद्वाणियाँ, ज्ञान और जो अपूर्ण है वह मिट जाएगा और भाषाएँ मौन हो जाएँगी। | |||
185 | 13:11 | zyxy | पौलुस ने क्या कहा कि जब वह वयस्क हो गया तो उसने क्या किया? | पौलुस ने कहा कि जब वह वयस्क हो गया तो उसने बचकानी बातें छोड़ दीं। | |||
186 | 13:13 | vpuk | कौन सी तीन बातें बनी रहेंगी, और उन तीन में से सबसे बड़ा कौन है? | विश्वास, आशा, और प्रेम बने रहेंगे। इनमें से सबसे बड़ा प्रेम है। | |||
187 | 14:1 | n48f | किस आत्मिक वरदान के लिए पौलुस कहता है कि हमें उसकी धुन में विशेष रूप से रहना चाहिए? | पौलुस ने कहा कि हमें भविष्यद्वाणी करने की धुन में विशेष रूप से रहना चाहिए। | |||
188 | 14:2 | yjaj | जब कोई व्यक्ति अन्य भाषा में बात करता है तो वह किससे बात कर रहा है? | वह मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से बात कर रहा है। | |||
189 | 14:3-4 | xy14 | जो भविष्यद्वाणी करता है वह किसकी उन्नति करता है, और जो अन्य भाषा में बोलता है वह किसकी उन्नति करता है? | जो भविष्यद्वाणी करता है वह मनुष्यों की उन्नति करता है, और जो अन्य भाषा में बोलता है वह स्वयं की उन्नति करता है। | |||
190 | 14:7-9 | o69v | जिस उपदेश को कोई व्यक्ति समझ नहीं सकता उसकी तुलना पौलुस किसके साथ करता है? | वह उसकी तुलना बाँसुरी या वीणा जैसे वाद्ययंत्रों के साथ करता है कि यदि वे विशिष्ट ध्वनियाँ उत्पन्न न करें तो क्या हो,और साथ ही यदि कोई तुरही अस्पष्ट स्वर उत्पन्न करे तो क्या हो। | |||
191 | 14:12 | ocz0 | कुरिन्थ के विश्वास करने वालों से पौलुस क्या कहता है कि उनको वह करने की धुन में रहना चाहिए? | वह कहता है कि उनको कलीसिया की उन्नति के लिए वरदानों में बहुतायत से पाए जाने की धुन में रहना चाहिए। | |||
192 | 14:13 | a2ud | अन्य भाषा बोलने वाले व्यक्ति को किस बात के लिए प्रार्थना करनी चाहिए? | उसे प्रार्थना करनी चाहिए कि वह अनुवाद भी कर सके। | |||
193 | 14:14 | dcf5 | पौलुस ने क्या कहा कि जब उसने अन्य भाषा में प्रार्थना की तो उसकी आत्मा और मन ने क्या किया? | पौलुस ने कहा कि यदि उसने अन्य भाषा में प्रार्थना की, तो उसकी आत्मा ने प्रार्थना की, परन्तु उसका मन निष्फल ही था। | |||
194 | 14:15 | yjl4 | पौलुस ने कौन सा तरीका बताया जिससे वह प्रार्थना करने वाला था और गीत गाने वाला था? | पौलुस ने कहा कि वह केवल अपनी आत्मा से परन्तु साथ ही में अपने मन से भी प्रार्थना करने वाला था और गीत गाने वाला था। | |||
195 | 14:19 | rcna | पौलुस ने क्या बताया जो उसने अन्य भाषा में 10,000 शब्द बोलने के बजाए किया? | पौलुस ने कहा कि उसने अपनी समझ के साथ केवल पाँच शब्द इसलिए बोले ताकि वह दूसरों को निर्देश दे सके। | |||
196 | 14:22 | x6ax | अन्य भाषाएँ बोलना और भविष्यद्वाणी करना किसके लिए चिन्ह हैं? | अन्य भाषाएँ बोलना अविश्वासियों के लिए चिन्ह हैं और भविष्यद्वाणी करना विश्वास करने वालों के लिए चिन्ह है। | |||
197 | 14:23 | lzt8 | यदि बाहरी लोग और अविश्वासी लोग कलीसिया में आएँ, और सभी जन अन्य भाषाएँ बोल रहे हों, तो वे क्या कहेंगे? | वे सम्भवतः कहेंगे कि विश्वास करने वाले लोग पागल हैं। | |||
198 | 14:24 | tua2 | यदि कलीसिया में सभी लोग भविष्यद्वाणी कर रहे हों, और कोई अविश्वासी या बाहरी व्यक्ति आ जाए तो पौलुस क्या बताता है जो घटित होगा? | पौलुस कहता है कि उस अविश्वासी या बाहरी व्यक्ति को दोषी ठहराया जाएगा और उसने जो कुछ भी सुना, उससे उसकी परीक्षा की जाएगी। | |||
199 | 14:25 | z85j | यदि भविष्यद्वाणी करने वाले लोग उसके हृदय के भेदों को प्रकट कर दें तो अविश्वासी या बाहरी व्यक्ति क्या करेगा? | वह अपने मुँह के बल गिरकर, परमेश्वर की आराधना करेगा, और यह घोषणा करेगा कि सचमुच परमेश्वर उनके बीच में है। | |||
200 | 14:27-28 | y7pr | जब विश्वासी एक साथ इकट्ठे होते हैं तो अन्य भाषाओं में बोलने वालों के लिए पौलुस का क्या निर्देश है? | वह कहता है कि केवल दो या अधिक से अधिक तीन जन बारी-बारी से बोलें। यदि वहाँ अन्य भाषा की व्याख्या करने वाला कोई व्यक्ति न हो, तो उनमें से हर एक जन कलीसिया में चुप रहे। | |||
201 | 14:29-30 | yqkw | जब कलीसिया एक साथ इकट्ठी हो तो भविष्यवक्ताओं को पौलुस का क्या निर्देश है? | पौलुस कहता है कि दो या तीन भविष्यद्वक्ताओं को बोलने दो, जबकि जो कहा गया है उसे दूसरे लोग समझ के साथ सुनें। यदि किसी दूसरे भविष्यद्वक्ता के पास कोई अन्तर्दृष्टि हो, तो जो बोल रहा है, उसे चुप हो जाना चाहिए। | |||
202 | 14:34 | p570 | पौलुस क्या कहता है कि कहाँ स्त्रियों को बोलने की अनुमति नहीं है? | पौलुस कहता है कि स्त्रियों को कलीसियाओं में बोलने की अनुमति नहीं है। | |||
203 | 14:35 | lyhw | पौलुस ने क्या कहा जो स्त्रियों को करना चाहिए यदि वे कुछ सीखने की इच्छा रखती हैं? | पौलुस ने उनसे कहा कि वे घर में अपने पतियों से पूछें। | |||
204 | 14:35 | r5ke | कलीसिया में बोलने वाली किसी स्त्री को लोग कैसे देखते थे? | इसे लज्जा की बात के रूप में देखा जाता था। | |||
205 | 14:37 | smw2 | जो लोग स्वयं को भविष्यद्वक्ता या आत्मिक जन समझते हैं, उन्हें पौलुस की कही हुई कौन सी बात स्वीकार करनी चाहिए? | पौलुस ने कहा कि उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि जो बातें उसने कुरिन्थ के विश्वास करने वाले लोगों को लिखीं, वे प्रभु की आज्ञा थीं। | |||
206 | 14:40 | m5ko | कलीसिया में सब बातें कैसे की जानी चाहिए? | सब बातें ठीक रीति से और क्रमानुसार की जानी चाहिए। | |||
207 | 15:1 | nwpg | पौलुस ने भाइयों और बहनों को किस बारे में स्मरण करवाया? | उसने उस सुसमाचार के बारे में उनको स्मरण करवाया जो उसने उनको सुनाया था। | |||
208 | 15:2 | nos9 | यदि कुरिन्थियों को उस सुसमाचार के द्वारा उद्धार पाना था जो पौलुस ने उन्हें सुनाया था, तो उन्हें किस शर्त को पूरा करना होगा? | पौलुस ने उनको बताया कि यदि उन्होंने उस वचन को दृढ़ता से थामे रखा जो उसने उनको सुनाया था तो वे उद्धार पाएँगे। | |||
209 | 15:3-5 | rvez | सुसमाचार के कौन से भाग सर्वप्रथम महत्वपूर्ण थे? | जो भाग सर्वप्रथम महत्वपूर्ण थे वह यह थे कि पवित्रशास्त्र के अनुसार मसीह हमारे पापों के लिए मरा और उसे गाड़ा गया, और पवित्रशास्त्र के अनुसार वह तीसरे दिन जी उठा। | |||
210 | 15:6-8 | wxl4 | मरे हुओं में से जीवित किए जाने के पश्चात मसीह किन-किन को दिखाई दिया? | मरे हुओं में से जीवित किए जाने के पश्चात मसीह कैफा को, बारह चेलों को, एक साथ 500 से अधिक भाइयों और बहनों को, याकूब को, सब प्रेरितों को, और पौलुस को दिखाई दिया। | |||
211 | 15:9 | i6jj | पौलुस ने ऐसा क्यों कहा कि वह प्रेरितों में सबसे छोटा था? | उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था। | |||
212 | 15:12 | g8sc | पौलुस ने वह क्यों बताया जो कुरिन्थियों के कुछ विश्वासी पुनरुत्थान के बारे में कह रहे थे? | उसने बताया कि उनमें से कुछ लोग कह रहे थे कि मरे हुओं में से पुनरुत्थान नहीं होता है। | |||
213 | 15:13-14 | twex | यदि मरे हुओं में से पुनरुत्थान नहीं होता, तो पौलुस ने क्या कहा कि वह बात भी सत्य होनी चाहिए? | पौलुस ने कहा कि यदि पुनरुत्थान नहीं होता, तो मसीह भी मरे हुओं में से नहीं जी उठा, और पौलुस और उसके जैसे अन्य लोगों का प्रचार करना व्यर्थ है, और कुरिन्थियों का विश्वास करना भी व्यर्थ है। | |||
214 | 15:18 | ke16 | यदि मसीह नहीं जी उठा, तो उनका क्या हुआ जो मसीह में मर गए हैं? | वे नाश हो गए हैं। | |||
215 | 15:19 | qq81 | पौलुस क्या कहता है कि वह बात सत्य है यदि हमें केवल इस जीवन में ही भविष्य के लिए मसीह पर भरोसा है? | यदि ऐसा है तो पौलुस कहता है कि सारे लोगों में, हम सबसे अधिक दयनीय हैं। | |||
216 | 15:20 | jptb | पौलुस मसीह को क्या कहता है? | वह मसीह को “जो मर गए हैं उसमें से पहला फल” कहता है। | |||
217 | 15:22 | z63e | वह मनुष्य कौन था जिसके द्वारा मृत्यु संसार में आई, और वह मनुष्य कौन था जिसके द्वारा सब लोग जीवित किए जाएँगे? | आदम इस संसार में मृत्यु को लेकर आया, और मसीह के द्वारा सब लोग जीवित किए जाएँगे। | |||
218 | 15:23 | y1ns | जो मसीह के लोग हैं उनको कब जीवित किया जाएगा? | यह तब घटित होगा जब मसीह का आगमन होगा। | |||
219 | 15:24 | e4zx | अंत में क्या घटित होगा? | जब मसीह ने सारे शासन और अधिकार और शक्ति को समाप्त कर दिया होगा तब वह परमेश्वर पिता को राज्य सौंप देगा। | |||
220 | 15:25 | keqk | मसीह को कब तक शासन करना चाहिए? | उसे उस समय तक शासन करना चाहिए जब तक कि वह अपने सब शत्रुओं को अपने पाँवों के नीचे न कर ले। | |||
221 | 15:26 | mxlv | नाश किया जाने वाला अंतिम शत्रु कौन है? | मृत्यु ही वह अंतिम शत्रु है जिसका नाश किया जाना है। | |||
222 | 15:27 | n3jj | जब यह कहा जाता है, “उसने सब कुछ उसके पाँवों के नीचे कर दिया है।” तो इसमें कौन सम्मिलित नहीं है? | परमेश्वर (स्वयं), जिसने सब कुछ पुत्र के अधीन कर दिया, उसे (पुत्र के) अधीन होने के रूप में सम्मिलित नहीं किया गया है। | |||
223 | 15:28 | h5ep | पुत्र क्या करेगा ताकि सब में परमेश्वर ही सब कुछ हो? | पुत्र स्वयं ही उसके अधीन हो जाएगा जिसने सब कुछ उसके अधीन कर दिया है। | |||
224 | 15:32 | z3r6 | यदि मरे हुओं को जिलाया नहीं गया तो पौलुस ने क्या घोषित किया जिस काम को वे भी कर सकते हैं? | पौलुस ने घोषणा की, “आओ हम खाएँ और पीएँ, क्योंकि कल तो हम मर ही जाएँगे।” | |||
225 | 15:34 | qket | कुरिन्थियों को पौलुस क्या करने की आज्ञा देता है? | वह उन्हें आज्ञा देता है कि संयमी बनो, धार्मिकता में जीवन व्यतीत करो, और पाप करते न रहो। | |||
226 | 15:34 | mgv6 | कुरिन्थियों को लज्जित करने के लिए पौलुस क्या कहता है? | उसने कहा कि उनमें से कुछ को परमेश्वर का ज्ञान नहीं है। | |||
227 | 15:35-38 | ryd0 | पौलुस मरे हुओं के पुनरुत्थान की तुलना किससे करता है? | वह एक बोए गए बीज से इसकी तुलना करता है। | |||
228 | 15:36 | dfvx | किसी बीज के उगना आरम्भ करने से पहले उसके साथ क्या घटित होना आवश्यक है? | उसका मर जाना आवश्यक है। | |||
229 | 15:37 | hz38 | क्या बोया गया अनावृत बीज उस शरीर (पौधे) से मिलता-जुलता है जो बीज में से निकलता है? | नहीं, तुम जो बोते हो वह उस शरीर से मिलता-जुलता नहीं है जो वह होगा। | |||
230 | 15:39 | zdxx | क्या सारे शरीर एक जैसे हैं? | नहीं, सारे शरीर एक जैसे नहीं होते हैं, मनुष्यों, पशुओं, पक्षियों और मछलियों के शरीर सब एक दूसरे से भिन्न होते हैं। | |||
231 | 15:40 | wu1v | क्या दूसरे प्रकार के शरीर भी होते हैं? | स्वर्गीय शरीर और पार्थिव शरीर भी होते हैं। | |||
232 | 15:41 | sf78 | क्या सूर्य, चन्द्रमा, और तारों का तेज एक समान ही है? | सूर्य का तेज अलग है, और चंद्रमा का तेज अलग है, और तारों का तेज भी अलग है, और एक तारे से दूसरे तारे के तेज में अन्तर है। | |||
233 | 15:42-44 | w329 | हमारे नाशमान शरीरों को कैसे बोया जाता है? | उन्हें नाशमान दशा में, अपमान में, और निर्बलता में बोया जाता है। | |||
234 | 15:42-44 | bexl | जब हम मरे हुओं में से जी उठते हैं तो हमारी क्या दशा होती है? | जो जीवित किया जाता है वह अविनाशी आत्मिक शरीर है। उसे तेज और सामर्थ्य में जीवित किया जाता है। | |||
235 | 15:45 | hxa1 | पहला मनुष्य आदम क्या बन गया? | वह एक जीवित प्राणी बन गया। | |||
236 | 15:45 | hztq | अंतिम आदम क्या बन गया? | वह एक जीवनदायिनी आत्मा बन गया। | |||
237 | 15:47 | mp68 | पहला मनुष्य और दूसरा मनुष्य कहाँ से आए? | पहला मनुष्य पृथ्वी से, अर्थात मिट्टी का बना है। दूसरा मनुष्य स्वर्ग का है। | |||
238 | 15:49 | w438 | हम किसके स्वरूप को धारण करते हैं और हम किसका स्वरूप धारण करेंगे? | जैसे हम मिट्टी से बने मनुष्य के स्वरूप को धारण करते हैं, वैसे ही हम स्वर्ग के मनुष्य के स्वरूप को भी धारण करेंगे। | |||
239 | 15:50 | k3wt | कौन परमेश्वर के राज्य का अधिकारी नहीं हो सकता? | माँस और लहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते। | |||
240 | 15:51 | isjg | हम सब के साथ क्या घटित होगा? | हम सब बदल जाएँगे। | |||
241 | 15:52 | v1or | हम कब और कितनी शीघ्रता से बदलेंगे? | जब अंतिम तुरही फूँकी जाएगा, तब हम पलक झपकते ही एक क्षण में बदल जाएँगे। | |||
242 | 15:54 | er4n | क्या घटित होगा जब यह नाशवान देह अविनाशीता को धारण कर लेगी और यह नश्वर देह अमरता को धारण कर लेगी? | मृत्यु को जय में निगल लिया जाएगा। | |||
243 | 15:56 | w1na | मृत्यु का डंक क्या है और पाप की शक्ति क्या है? | मृत्यु का डंक तो पाप है और पाप की शक्ति व्यवस्था है। | |||
244 | 15:57 | y2zi | परमेश्वर किसके माध्यम से हमें जय प्रदान करता है? | हमारे प्रभु यीशु मसीह के माध्यम से परमेश्वर हमें जय प्रदान करता है! | |||
245 | 15:58 | qmkz | कुरिन्थ के भाइयों और बहनों को दृढ़, अटल, प्रभु के कार्य में सदैव बढ़ते रहने के लिए कहने को पौलुस ने कौन सा कारण दिया? | वह उन्हें ऐसा करने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि वे जानते हैं कि प्रभु में उनका काम व्यर्थ नहीं है। | |||
246 | 16:1 | xq9p | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया के समान ही पौलुस ने पवित्र लोगों के लिए चन्दे के सम्बन्ध में किसको निर्देशित किया? | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया के समान ही पौलुस ने गलातिया की कलीसियाओं को भी निर्देशित किया। | |||
247 | 16:2 | bw1f | पौलुस ने कुरिन्थ में स्थित कलीसिया को अपना चंदा कैसे जमा करने के लिए कहा? | उसने उनसे कहा कि सप्ताह के पहले दिन उनमें से हर एक जन अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ अलग करके रखे, ताकि जब पौलुस आए तो चंदा न करना पड़े। | |||
248 | 16:3 | v3nz | वह दान किसके पास जा रहा था? | वह यरूशलेम के पवित्र लोगों के पास जा रहा था। | |||
249 | 16:5 | mh6t | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया के पास पौलुस कब आने वाला था? | उसने कहा कि वह मकिदुनिया से होकर गुजरते समय उनके पास आने वाला था। | |||
250 | 16:7 | uje8 | कुरिन्थ के पवित्र लोगों से पौलुस शीघ्र ही थोड़े समय के लिए क्यों नहीं मिलना चाहता था? | यदि प्रभु ने अनुमति दी तो पौलुस थोड़े समय से बढ़कर समय के लिए उनसे मिलना चाहता था। | |||
251 | 16:8-9 | jqqc | पौलुस इफिसुस में पिन्तेकुस्त तक क्यों रहने वाला था? | पौलुस इफिसुस में इसलिए रहा, क्योंकि उसके लिये एक चौड़ा द्वार खुल गया था, और वहाँ उसके बहुत से विरोधी थे। | |||
252 | 16:10 | spyj | तीमुथियुस क्या कर रहा था? | वह पौलुस के समान ही प्रभु का काम कर रहा था। | |||
253 | 16:10-11 | lt0q | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया को पौलुस ने तीमुथियुस के विषय में क्या करने की आज्ञा दी? | पौलुस ने कुरिन्थ की कलीसिया को यह ध्यान रखने के लिए कहा कि तीमुथियुस उनके साथ निडर रहे। पौलुस ने उनसे कहा कि वे तीमुथियुस को तुच्छ न समझें, और कुशल से उसके मार्ग में तीमुथियुस की सहायता करें। | |||
254 | 16:12 | ac6t | पौलुस ने अपुल्लोस को दृढ़तापूर्वक क्या करने के लिए प्रोत्साहित किया? | पौलुस ने अपुल्लोस को दृढ़तापूर्वक कुरिन्थ के पवित्र लोगों से मिलने जाने के लिए प्रोत्साहित किया। | |||
255 | 16:15 | cj11 | कुरिन्थियों में से किसने पवित्र लोगों की सेवा में स्वयं को स्थापित किया था? | स्तिफनास के घराने ने पवित्र लोगों की सेवा में स्वयं को स्थापित किया था। | |||
256 | 16:16 | umfu | पौलुस ने कुरिन्थ के पवित्र लोगों से स्तिफनास के घराने के विषय में क्या करने के लिए कहा? | पौलुस ने उनसे ऐसे लोगों के अधीन रहने के लिए कहा। | |||
257 | 16:17-18 | enlc | स्तिफनास, फूरतूनातुस, और अखइकुस ने पौलुस के लिए क्या किया? | उन्होंने कुरिन्थ के पवित्र लोगों की अनुपस्थिति की भरपाई की और पौलुस की आत्मा को तरोताजा कर दिया। | |||
258 | 16:19-20 | c8so | कुरिन्थ में स्थित कलीसिया को किस-किसने अपने नमस्कार भेजे? | आसिया की कलीसियाएँ, अक्विला और प्रिस्किल्ला, तथा सब भाइयों और बहनों ने कुरिन्थ में स्थित कलीसिया को अपने नमस्कार भेजे। | |||
259 | 16:22 | ptjl | जो लोग प्रभु से प्रेम नहीं रखते, उनके विषय में पौलुस ने क्या कहा? | पौलुस ने कहा, “यदि कोई प्रभु से प्रेम नहीं रखता, तो वह शापित हो।” |