Sample_Org_hi_tQ/tq_TIT.tsv

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21:1mb92परमेश्वर की सेवा में पौलुस का उद्देश्य क्या था?उसका उद्देश्य था कि परमेश्वर के चुने हुओं का विश्वास स्थिर रहे और सत्य के ज्ञान को स्थापित करे।
31:2yy3qपरमेश्वर ने अपने चुने हुओं को अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा कब से दी है?उसने इसकी प्रतिज्ञा सनातन से की है। नहीं।
41:3aaaaसही समय के आने पर परमेश्वर ने अपना सन्देश सुनाने के लिए किस को काम में लिया था?परमेश्वर ने प्रेरित पौलुस को काम में लिया था।
51:4csdrतीतुस और पौलुस में क्या संबन्ध था?तीतुस विश्वास की एकता में पौलुस का सच्चा पुत्र था।
61:6im5nएक अध्यक्ष के पारिवारिक जीवन में क्या सच होना है?उसे एक पत्नी का पति होना है और उसकी सन्तान अनुशासित हों। उसे संयमी होना है, वह पियक्कड़ न हो, विवाद करनेवाला न हो, धन का लोभी न हो, अतिथि सत्कार करनेवाला हो, जितेन्द्रिय और पवित्र हो।
71:7vax8परमेश्वर के घराने में एक अध्यक्ष का क्या स्थान और क्या उत्तरदायित्व है?वह घराने का प्रबन्धक है।
81:9ffmnझूठे शिक्षकों के साथ अध्यक्ष को क्या करना चाहिए?वह उनको डांटकर उनका मुंह बन्द कराने और उन्हे कड़ी चेतावनी देने के योग्य हो।
91:10jritझूठे शिक्षक अपनी शिक्षा से क्या करते है?वे लोगों को धोखा दे रहे थे और परिवारों को तोड़ रहे थे।
101:11j5y3झूठे शिक्षकों का प्रेरक बल क्या था?वे नीच कमाई के लिए काम करते थे।
111:14f6seपौलुस के अनुसार उन्हे किस बात पर समय नहीं गवांना है?उन्हे यहूदियों की कथा कहानियों पर और मनुष्यों की आज्ञाओं पर मन नहीं लगाना है।
121:15eoe3अविश्वासी मनुष्य का क्या भ्रष्ट होता है?उनके मन और विवेक भ्रष्ट हो चुके हैं।
131:16xg6pयद्यपि भ्रष्ट मनुष्य कहता है कि वह परमेश्वर को जानता है परन्तु वह उसका इन्कार कैसे करता है?वह अपने कामो से परमेश्वर का इन्कार करता है।
142:2ej0iकलीसिया में वृद्ध जनों के गुण कैसे हों?उन्हे सचेत, गंभीर और संयमी होना है और उनका विश्वास, प्रेम और धीरज पक्का हो।
152:3co81कलीसिया में वृद्ध स्त्रियों में क्या गुण होने चाहिएं?उनका चालचलन पवित्र लोगों का सा हो, दोष लगानेवाली और पियक्कड़ नही पर अच्छी बातें सिखानेवाली हों।
162:4pvlmवृद्ध स्त्रियां जवान स्त्रियों को क्या चेतावनी दें?वे जवान स्त्रियों को चेतावनी देती रहें कि अपने अपने पति से प्रेम करे और उनकी आज्ञा माने और बच्चों से प्रेम रखें और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करनेवाली हों।
172:7t6o1विश्वासियों का आदर्श बनने के लिए तीतुस को क्या करना था?उसके उपदेशों में सफाई, गंभीरता और खराई पाई जाए कि कोई दोष नहीं लगा पाए।
182:9tebsविश्वासी दासों का व्यवहार कैसा होना था?उन्हे सब बातों में अपने स्वामियों के अधीन रहना था, चोरी न करें, और सब प्रकार से विश्वासी निकलें।
192:10if7rपौलुस के निर्देशों के अनुसार जब दास व्यवहार करें तब तो अन्यों पर कैसा प्रभाव पड़ता था?इससे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर के उपदेश की शोभा बढ़ती है।
202:11ei56परमेश्वर का अनुग्रह किसके उद्धार का कारण है?परमेश्वर का अनुग्रह सबके उद्धार का कारण है।
212:12bokqपरमेश्वर का अनुग्रह हमें किस बात से मन फिराने की चेतावनी देता है?परमेश्वर का अनुग्रह हमें चेतावनी देता है कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फिराएं।
222:13hapbविश्वासी किस भावी घटना की बाट जाहते रहें?विश्वासी अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता मसीह की महिमा के प्रकट होने की बाट जोहते रहें।
232:14aj94यीशु ने हमारे लिए अपने आप को क्यों दे दिया?उसने अपने आप को हमारे लिए दे दिया कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले और भले कामों में सरगर्म होने के लिए शुद्ध करके एक जाति बनाया।
243:1abfgहाकिमों और अधिकारियों के प्रति विश्वासियों का स्वभाव कैसा हो?विश्वासी को अधीन रहकर आज्ञाकारी होना है और हर एक अच्छे काम के लिए तैयार रहना है।
253:3vkjzअविश्वासियों को भटकाने और दास बनानेवाला क्या है?वे विभिन्न प्रकार की अभिलाषाओं और सुखविलास के कारण भटके हुए थे।
263:5lpbfपरमेश्वर ने किस साधन से हमारा उद्धार किया है?उसने नये जन्म के स्नान और पवित्र आत्मा के नवीकरण द्वारा हमारा उद्धार किया है। हम केवल परमेश्वर की दया से उद्धार पाते हैं।
273:7nmkaहमें धर्मी ठहराकर परमेश्वर क्या करता है?पमरेश्वर हमें अपना वारिस बनाता है।
283:8qt4vविश्वासी किस बात का ध्यान रखें?विश्वासी भले भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें जो परमेश्वर ने रखे हैं।
293:9wx70विश्वासी किस बात से बचें?विश्वासी मूर्खता के विवादों से बचे।
303:10r03fएक या दो बार चेतावनी देने के बाद किस को अलग कर देना है?किसी पाखंडी को एक या दो बार समझाकर उसे अलग कर देना है।
313:14qzr4फलवन्त होने के लिए विश्वासी किस काम में लगे रहें?विश्वासी आवश्यक्ताओं को पूरा करने के लिए अच्छे कामों में लगे रहना सीखें।