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1 | Reference | ID | Tags | Quote | Occurrence | Question | Response |
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2 | 1:2-3 | a4zc | यशायाह भविष्यद्वक्ता ने प्रभु के आगमन से पूर्व किस घटना की भविष्यदवाणी की थी? | यशायाह ने भविष्यदवाणी की थी कि परमेश्वर एक संदेशवाहक को भेजेगा, कि मरूभूमि में किसी के पुकारने का शब्द होगा, प्रभु के लिए मार्ग तैयार करो। | |||
3 | 1:4 | g2v6 | यूहन्ना क्या प्रचार करने आया था? | यूहन्ना पापों की क्षमा के लिए मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करने आया था। | |||
4 | 1:5 | kdd7 | यूहन्ना से बपतिस्मा लेकर लोगों ने क्या किया? | यूहन्ना से बपतिस्मा लेकर लोगों ने अपने पापों का अंगीकार किया।\n\n | |||
5 | 1:6 | zlqi | यूहन्ना क्या खाता था? | यूहन्ना टिड्डियाँ और वन मधु खाता था। | |||
6 | 1:8 | yakl | यूहन्ना ने क्या कहा था कि उसके बाद आनेवाला कैसा बपतिस्मा देगा? | यूहन्ना ने कहा था कि उसके बाद आनेवाला पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा।\n\n | |||
7 | 1:10 | y6fa | यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के पश्चात जब यीशु पानी के बाहर आया तब उसने क्या देखा?\n\n\n | बपतिस्मा लेने के बाद यीशु ने देखा कि आकाश खुल गया है और आत्मा उस पर कबूतर के रूप में उतरते देखा। | |||
8 | 1:11 | f2a4 | यीशु के बपतिस्मा लेने के बाद आकाशवाणी में क्या कहा गया था? | आकाशवाणी में कहा गया था, “तू मेरा प्रिय पुत्र है; मैं तुझ से अत्यन्त प्रसन्न हूँ।\n\n\n | |||
9 | 1:12 | ahm3 | यीशु को मरुभूमि में जाने के लिए किसने विवश किया था?\n\n | आत्मा ने यीशु को मरुभूमि में जाने के लिए विवश किया था।\n\n\n\n | |||
10 | 1:13 | ex5p | यीशु मरुभूमि में कितने दिन रहा और वहाँ उसके साथ क्या हुआ था?\n\n | यीशु 40 दिन मरुभूमि में रहा और वहाँ शैतान उसकी परीक्षा लेता रहा।\n\n\n\n | |||
11 | 1:15 | kyxp | यीशु ने क्या सन्देश प्रचार किया? \n\n\n\n | यीशु प्रचार किया कि परमेश्वर का राज्य निकट है, और लोगों को मन फिरना और सुसमाचार में विश्वास करना चाहिए।\n\n\n\n | |||
12 | 1:16 | yzo9 | शमौन और अन्द्रियास का क्या व्यवसाय था? | शमौन और अन्द्रियास मछुआरे थे। | |||
13 | 1:17 | r3ba | यीशु ने क्या कहा कि वह शमौन और अन्द्रियास को बनाएगा? | यीशु ने कहा कि वह शमौन और अन्द्रियास को मनुष्यों को पकड़ने वाले मछुआरे बनाएगा। | |||
14 | 1:19 | foqj | याकूब और यूहन्ना का क्या व्यवसाय था? | याकूब और यूहन्ना मछुआरे थे। | |||
15 | 1:22 | lq6y | आराधनालय में यीशु की शिक्षा सुनकर लोग विस्मित क्यों हुए थे? | वे यीशु की शिक्षा सुनकर विस्मित हुए क्योंकि यीशु अधिकार के साथ शिक्षा देता था। | |||
16 | 1:24 | rtx4 | आराधनालय में उस अशुद्ध आत्मा ने यीशु को क्या उपनाम दिया था? | आराधनालय में उस अशुद्ध आत्मा ने यीशु को परमेश्वर का पवित्र जन का उपनाम दिया था। | |||
17 | 1:28 | dn9o | यीशु के विषय में समाचार का क्या हुआ? | यीशु के विषय में समाचार सभी जगह फैल गया। | |||
18 | 1:30 | ii0v | जब वे शमौन के घर पहुंचे तब यीशु ने किसको चंगा किया था? | जब वे शमौन के घर में पहुचें, यीशु ने शमौन की सास को चंगा किया था । \n\n\n\n | |||
19 | 1:32-34 | ywmc | जब शाम हुई तब क्या हुआ था?\n\n\n\n | जब शाम हुई तब लोग सब बीमारों को तथा दुष्टआत्माग्रस्त लोगों को लेकर आए और यीशु ने उनको चंगा किया। | |||
20 | 1:35 | i2xa | सूर्योदय से पहले यीशु ने क्या किया था? | सूर्योदय से पूर्व यीशु एकांत स्थान में चला गया और वहाँ उसने प्रार्थना की। | |||
21 | 1:38-39 | y32l | यीशु ने शमौन से क्या कहा था कि वह क्या करने आया था? | यीशु ने कहा था कि वह आस-पास के नगरों में प्रचार करने आया था। | |||
22 | 1:40-42 | xyj3 | जिस कोढ़ी ने यीशु से चंगाई की विनती की थी उसके प्रति यीशु की भावना कैसी थी? | यीशु को उस पर तरस आ गया और उसको चंगाई प्रदान की। | |||
23 | 1:44 | dzi8 | यीशु ने उस कोढ़ी से क्या करने के लिए कहा और क्यों कहा? | यीशु ने उससे कहा की वह जाकर मूसा की व्यवस्था के अनुसार भेंट चढ़ाए। इससे समाज के समक्ष प्रकट हो जाएगा कि वह चंगा हो गया है। | |||
24 | 2:4 | zvpg | उस लकवे के मारे हुए व्यक्ति को उठाने वाले उन चार मनुष्यों ने क्या किया था? | उन्होंने घर की छत के एक भाग को हटा कर उस रोगी को यीशु के समक्ष उतार दिया। | |||
25 | 2:5 | efne | यीशु ने उस लकवे के रोगी से क्या कहा था? | यीशु ने उससे कहा, “पुत्र तेरे पाप क्षमा हुए”। | |||
26 | 2:6-7 | k9lq | यीशु की इस बात पर शास्त्रियों ने आपत्ति क्यों उठाई? | शास्त्रियों ने तर्क किया कि यीशु ने परमेश्वर की निंदा की है क्योंकि एकमात्र परमेश्वर पाप क्षमा कर सकता है। | |||
27 | 2:10-12 | v3ys | यीशु ने कैसे प्रदर्शित किया कि उसके पास पाप क्षमा करने का अधिकार पृथ्वी पर भी है? | यीशु ने लकवे के उस रोगी से कहा कि वह अपना खाट लेकर घर चला जाए और उस रोगी ने वैसा ही किया। | |||
28 | 2:13-14 | llaq | जब यीशु ने लेवी को अपने पीछे चलने के लिए कहा तब वह क्या कर रहा था? \n\n | लेवी चुंगी लेने की चौकी पर बैठा था जब यीशु उसे बुलाया। | |||
29 | 2:15-16 | c07h | लेवी के घर में यीशु के किस काम पर फरीसी नाराज़ हुए थे? | यीशु पापियों और चुंगी लेने वालों के साथ भोजन कर रहा था। | |||
30 | 2:17 | zqw0 | यीशु ने किसके लिए कहा कि वह किसे बुलाने आया था? | यीशु ने कहा कि वह पापियों को बुलाने आया है। | |||
31 | 2:18 | p9ln | उपवास के विषय में कुछ लोगों ने यीशु से क्या प्रश्न किया था? | उन्होंने यीशु से पूछा कि उसके चेले उपवास क्यों नहीं रखते हैं जबकि यूहन्ना के शिष्य और फरीसियों के चेले उपवास रखते हैं। | |||
32 | 2:19 | w6go | यीशु ने कैसे समझाया कि उसके चेले उपवास क्यों नही रखते है? | यीशु ने कहा कि बाराती मित्रों के साथ जब दूल्हा होता है तब वे उपवास नहीं रखते हैं। | |||
33 | 2:23-24 | ej7h | सब्त के दिन खेतों में यीशु के शिष्यों के किस काम से फरीसी नाराज़ हुए थे? | यीशु के चेलो ने सब्त के दिन खेत से गेहूँ की बालें तोड़कर खाई थीं। | |||
34 | 2:25-26 | iwe2 | यीशु ने किसका उदाहरण दिया कि जब उसको भूख लगी थी तब उसने वर्जित रोटियाँ लेकर खाई थीं? | यीशु ने दाऊद का उदाहरण दिया की जब उसको भूख लगी थी तब उसने भेंट की उन रोटियों को खाया था जो केवल याजकों के लिए अनुमति थीं। | |||
35 | 2:27 | m19r | यीशु ने सब्त के दिन को किसके लिए ठराया? | यीशु ने कहा की सब्त लोगों के लिए बना है। | |||
36 | 2:28 | ak51 | यीशु ने अपने किस अधिकार का दावा किया था? | यीशु ने कहा कि वह सब्त का भी प्रभु है।\n\n\n | |||
37 | 3:1-2 | o82f | वे आराधनालय में यीशु पर आँखें क्यों गढ़ाए हुए थे?\n | वे यीशु पर दृष्टि किए हुए थे कि वह सब्त के दिन चंगाई का काम करे तो वे उस पर दोष लगाएं। | |||
38 | 3:4 | dk1g | यीशु ने सब्त के विषय में लोगों से जो प्रश्न किया, वह क्या था? | यीशु ने उनसे पूछा कि व्यवस्था के अनुसार सब्त के दिन भला काम करना उचित है या हानि करना। | |||
39 | 3:4 | p1z9 | यीशु के इस प्रश्न पर उपस्थित लोगों की क्या प्रतिक्रिया थी? | वे सब चुप थे। | |||
40 | 3:5 | mrbj | तब यीशु का व्यवहार उनके प्रति कैसा था? | यीशु उनसे क्रोधित हुआ था। | |||
41 | 3:6 | acwq | उस व्यक्ति के चंगा पर फरीसियों ने क्या किया? | फरीसियों ने बाहर जाकर यीशु की हत्या का षड्यंत्र रचा। | |||
42 | 3:7-8 | b2bk | जब यीशु झील की ओर जा रहा था तब कितने लोग उसके पीछे गए? | एक बड़ी भीड़ उसके पीछे जा रही थी | |||
43 | 3:11 | tke0 | यीशु को देख कर दुष्ट आत्माओं ने ऊंचे शब्द में क्या कहा? | उन दुष्ट आत्माओं ने चिल्लाकर कहा कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है। | |||
44 | 3:14-15 | e2s0 | यीशु ने कितने पुरुषों को प्रेरित नियुक्त किया और उनका काम क्या था? | यीशु ने 12 पुरुषों को प्रेरित नियुक्त किया कि वे उसके साथ-साथ रहे और प्रचार करें तथा दुष्ट आत्माओं को निकालने का अधिकार रखते थे।\n | |||
45 | 3:19 | raj7 | यीशु के साथ विश्वासघात करने वाला प्रेरित कौन था? | यीशु के साथ विश्वासघात करने वाला प्रेरित यहूदा इस्करियोति था। | |||
46 | 3:21 | rh8o | यीशु के परिवार ने उसके चारों ओर उपस्थित बड़ी भीड़ और घटनाओं को देख कर क्या सोचा? | यीशु के परिवार ने सोचा कि वह मानसिक संतुलन खो बैठा है। | |||
47 | 3:22 | xmhs | शास्त्रियों ने यीशु पर क्या दोष लगाया था? | शास्त्रियों ने यीशु पर दोष लगाया कि वह दुष्ट आत्माओं के सरदार की सहायता से दुष्ट आत्माओं को निकालता है। | |||
48 | 3:23-25 | ob9v | शास्रियों द्वारा यीशु पर दोष लगाने की प्रतिक्रिया में यीशु ने क्या कहा? | यीशु ने कहा कोई भी राज्य विभाजित होकर स्थिर नहीं रह सकता है।\n\n | |||
49 | 3:28-30 | txqb | यीशु ने किस पाप के लिए कहा कि उसकी क्षमा नहीं है? | यीशु ने कहा कि पवित्र आत्मा की निंदा की कोई क्षमा नहीं है। | |||
50 | 3:33-35 | xtjn | यीशु ने किसे अपनी माता और अपना भाई कहा? | यीशु ने कहा कि उसके उसकी माता और उसके भाई वे हैं जो परमेश्वर की इच्छा को पूरा करते हैं। | |||
51 | 4:1 | bki3 | यीशु शिक्षा देने के लिए नाव में क्यों चढ़ गया था? | यीशु शिक्षा देने के लिए नाव में चढ़ कर बैठ गया क्योंकि उसके चारों ओर एक बड़ी भीड़ एकत्र हो गया था। | |||
52 | 4:4 | wzuu | मार्ग में गिरे बीजों का क्या हुआ? | पक्षियों ने आकर उनको खा लिया। | |||
53 | 4:6 | wyhf | सूर्य उदय होने पर पथरीली भूमि पर गिरे हुए बीजों का क्या हुआ? | जड़ें न होने के कारण वे उगकर सूख गए। | |||
54 | 4:7 | b6ma | झाड़ियों में गिरे हुए बीजों का क्या हुआ? | झाड़ियों ने उनको दबा दिया। | |||
55 | 4:8 | ivy4 | अच्छी भूमि में गिरे हुए बीजों का क्या हुआ? | वे बीज फलवन्त होकर बोए गए बीजों से 30 गुना, 60 गुना और कुछ तो 100 गुना फल लाए।\n\n | |||
56 | 4:11 | o0ss | यीशु ने कहा कि बाहरवालो की अपेक्षा उसके बारह शिष्यों को कुछ दिया गया था, वह क्या था? | यीशु ने कहा की परमेश्वर के राज्य का भेद उनको दिया गया है परन्तु बाहरी मनुष्यों को नहीं। | |||
57 | 4:14 | pskj | यीशु के दृष्टांत में बीज क्या है? | बीज परमेश्वर का वचन है। | |||
58 | 4:15 | t1r5 | मार्ग में गिरा बीज क्या दर्शाता है? | वह उन लोगों को दर्शाता है जो वचन को सुनते हैं परन्तु शैतान तुरंत ही उसको ले जाता है। | |||
59 | 4:16-17 | zy18 | पथरीली भूमि में डाला गया बीज क्या दर्शाता है? | वह उन लोगों का प्रतीक है जो आनंद से वचन को सुनते हैं परन्तु जब सताव आता है तो वे ठोकर खाते हैं। | |||
60 | 4:18-19 | alo5 | झाड़ियों में गिरे हुए बीज क्या दर्शाते हैं? | वे उन लोगों को दर्शाते है जो वचन को सुनते हैं परन्तु सांसारिक चिन्ताएं वचन को दबा देती हैं। | |||
61 | 4:20 | lhwr | अच्छी भूमि में गिरे बीज क्या दर्शाते हैं? | वे उन लोगों को दर्शाते है जो वचन को सुनकर ग्रहण करते है और फल उत्पन्न करते हैं। | |||
62 | 4:22 | c1ey | छिपी हुई और गुप्त बातों के विषय में यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने कहा की छिपी हुई और गुप्त बातें सब प्रकट हो जाएंगीं। | |||
63 | 4:26-29 | fteq | परमेश्वर का राज्य कैसे उस मनुष्य के समान है जिसने खेत में बीज बोए? | उस मनुष्य ने बीज डाले और बीज उगे, वह नहीं जानता कि यह कैसे हुआ परन्तु जब फसल पक गई तब उसने फसल काटी। | |||
64 | 4:30-32 | tzc2 | परमेश्वर का राज्य राई के दाने के समान कैसे है? | राई का दाना सब बीजों में छोटा होता है परन्तु जब वह उग कर बड़ा हो जाता है तब पक्षी उस पर बसेरा करते हैं। | |||
65 | 4:35-37 | tojt | जब यीशु और उसके चेले झील पार कर रहे थे तब क्या हुआ था? | एक बड़ी आंधी चलने लगी और झील का पानी नाव में भरने लगा। | |||
66 | 4:38 | j9v3 | उस समय यीशु नाव में क्या कर रहा था? | यीशु सो रहा था। | |||
67 | 4:38 | vu2b | चेलों ने यीशु से क्या प्रश्न किया था? | चेलों ने यीशु से कहा कि क्या उसे चिन्ता नहीं कि वे मरने वाले हैं। | |||
68 | 4:39 | vehj | तब यीशु ने क्या किया? | यीशु ने आंधी को डांटा और झील को शांत कर दिया। | |||
69 | 4:41 | fkpr | यीशु के इस कार्य पर चेलों की प्रतिक्रिया कैसी थी? | चेलों में डर समा गया और वे आश्चर्य करने लगे कि यीशु कौन है कि आंधी और सागर भी उसकी आज्ञा मानते हैं। | |||
70 | 5:1-2 | f3h1 | गिरासेनियों के क्षेत्र में पहुँचते ही यीशु के सामने कौन आया? | अशुद्ध आत्मा ग्रस्त व्यक्ति यीशु के सामने आया। | |||
71 | 5:4 | pvch | जब वह जंजीरों से बाँध दिया जाता था तब वह क्या करता था? \n\n | जब उसे जंजीरों से बाँध कर वश में किया जाता था तब वह जंजीरों को तोड़ देता था।\n\n\n\n | |||
72 | 5:7 | s4bf | उस अशुद्ध आत्मा ने यीशु को क्या नाम दिया?\n\n | उस अशुद्ध आत्मा ने यीशु को परमप्रधान परमेश्वर का पुत्र कहा। | |||
73 | 5:9 | yw86 | उस अशुद्ध आत्मा का नाम क्या था?\n\n | उस अशुद्ध आत्मा का नाम सेना था क्योंकि वे अनेक थीं। | |||
74 | 5:13 | jvth | यीशु ने जब उस व्यक्ति में से अशुद्ध आत्मा को निकाल दिया तब क्या हुआ? | वे आत्माएं उस में से निकल कर सूअरों के झुण्ड में समा गईं जो उस पहाडी पर से दौड़ कर झील में डूब गए।\n\n | |||
75 | 5:15 | ist0 | अशुद्ध आत्मा निकल जाने के बाद उस व्यक्ति की दशा कैसी थी? | वह व्यक्ति यीशु के पास बैठा था और उसका मानसिक संतुलन सामान्य था। | |||
76 | 5:17 | mpj9 | उस क्षेत्र के मनुष्यों ने यीशु से क्या निवेदन किया? | उन्होंने यीशु से कहा कि वह उस क्षेत्र से चला जाए। | |||
77 | 5:19 | w96x | यीशु ने कब्रों में रहने वाले उस व्यक्ति से अब क्या करने को कहा? | यीशु ने उससे कहा की वह जाकर अपने परिजनों को बताये कि प्रभु ने उसके लिए क्या किया है। | |||
78 | 5:22-23 | pj22 | आराधनालय के सरदार, याईर ने यीशु से क्या विनती की थी? | याईर ने यीशु से विनती की कि वह आकर उसकी पुत्री पर हाथ रखे क्योंकि वह मरने वाली है। | |||
79 | 5:25 | atxm | यीशु का वस्त्र छू लेने वाली उस स्त्री की समस्या क्या थी? | वह स्त्री १२ वर्षों से रक्त स्राव से पीड़ित थी। | |||
80 | 5:28 | afd1 | उस स्त्री ने यीशु के वस्त्र को क्यों छुआ था? | वह स्त्री सोचती थी की यीशु के वस्त्र के छूने मात्र से वह चंगी हो जाएगी। | |||
81 | 5:30 | mrlf | जब उस स्त्री ने यीशु के वस्त्र का छुआ तब यीशु ने क्या किया?आ। | यीशु को अपने में से सामर्थ्य बहार निकलने का अनुभव हुआ तो उसने पूछा कि उसके वस्त्र को किसने छूआ। | |||
82 | 5:32 | lyq8 | उस स्त्री द्वारा यीशु के वस्त्र के छूने के बाद यीशु ने क्या किया था? | यीशु ने जान लिया कि उसमें से समर्थ बाहर निकली है और वह चारों ओर देखने लगा की उसको किसने छुआ था।\n\n | |||
83 | 5:34 | jfch | जब उस स्त्री ने यीशु से सब कुछ सच कह दिया तब यीशु ने उससे क्या कहा था?\n\n | यीशु ने उससे कहा कि उसके विश्वास ने उसे चंगा किया है और वह शांति के साथ घर जाए।\n\n | |||
84 | 5:35 | spbi | जब यीशु याईर के घर पहुंचा तब उसकी पुत्री की स्थिति कैसी थी? | याईर की पुत्री मर चुकी थी। | |||
85 | 5:36 | fai5 | यीशु ने याईर से उस समय क्या कहा था? | यीशु ने याईर से कहा था कि वह डरे नहीं परन्तु विश्वास रखे। | |||
86 | 5:37 | ffse | उस मृतक बालिका के कक्ष में यीशु के साथ कौन-कौन से चेले गए थे? | पतरस, याकूब और यूहन्ना यीशु के साथ गए थे। | |||
87 | 5:40 | sunl | उस घर में उपस्थित लोगों ने क्या किया था जब यीशु ने कहा कि बालिका सो रही है? | यीशु की इस बात पर की याईर की पुत्री सो रही है उपस्थित लोगों ने उसका उपहास किया। | |||
88 | 5:42 | km08 | जब वह बालिका उठ कर चलने लगी तब उन लोगों की प्रतिक्रिया कैसी थी? | वे लोग तुरन्त बड़े आश्चर्य से विस्मित हो गए। | |||
89 | 6:2 | o2l2 | यीशु के जन्म स्थान के निवासी उसके विषय में विस्मित क्यों हो गए थे? | वे समझ नहीं पा रहे थे कि उसकी शिक्षाएं उसका ज्ञान और चमत्कारी शक्तियां उसको कहाँ से मिले थे। | |||
90 | 6:4 | d9fa | यीशु ने कहा कि भविष्यद्वक्ता का आदर नहीं होता है? | \nयीशु ने कहा कि भविष्यद्वक्ता अपने ही गृह-नगर में, अपने परिजनों में और अपने कुटुंब में आदर का पात्र नहीं माना जाता है। | |||
91 | 6:6 | arwk | अपने गृह-नगर के निवासियों की किस बात पर यीशु को आश्चर्य हुआ था? | यीशु को अपने गृह-नगर के निवासियों के अविश्वास पर आश्चर्य हुआ था। | |||
92 | 6:7 | djdl | यीशु ने अपने बारह चेलो को बाहर जाते समय क्या अधिकार दिया था? | यीशु ने उन बारहों को अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दिया था।\n\n | |||
93 | 6:8-9 | e4e2 | अपनी यात्रा पर उन बारहों ने अपने साथ क्या लिया था?\n\n | उन्होंने अपने साथ एक-एक लाठी, जूते और एक कुर्ता लिया था \n\n | |||
94 | 6:11 | yfhp | यीशु ने बारहों से क्या कहा यदि कोई स्थान उन्हें ग्रहण न करे ?\n\n | यीशु ने बारहों कहा उनके विरोध में गवाही होने के लिए उस धूल को झाड़ दो जो तुम्हारे पाँवों के नीचे लगी हो\n\n | |||
95 | 6:14-15 | iota | लोग यीशु को क्या समझते थे? | लोग यीशु को यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला या एलिय्याह या कोई एक भविष्यद्वक्ता समझते थे। | |||
96 | 6:18 | wv8i | किस व्यवस्था विरोधी बात के लिए यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने हेरोदेस को कहा था? | यूहन्ना ने हेरोदेस को कहा था कि अपने भाई की पत्नी से विवाह करना उचित नही है। | |||
97 | 6:20 | l858 | यूहन्ना के प्रचार को सुन कर हेरोदेस की प्रतिक्रिया कैसे होती थी? | यूहन्ना की बातें सुन कर हेरोदेस विचलित तो होता था परन्तु वह उसकी बातें सुन कर हर्षित भी होता था। | |||
98 | 6:23 | fzf0 | हेरोदेस ने हेरोदियास से क्या शपथ खाई थी ? | हेरोदेस ने उसे शपथ खाई कि जो कुछ वह उससे मांगेगी, अपने राज्य के आधे भाग तक। | |||
99 | 6:25 | tn2q | हेरोदियास ने उससे क्या मांग लिया था? | हेरोदियास ने यूहन्ना का सिर थाल में रख कर मांग लिया था।\n\n | |||
100 | 6:26 | cu47 | हेरोदियास की इस मांग पर हेरोदेस की प्रतिक्रिया कैसी थी? | हेरोदेस को बहुत दुःख हुआ परन्तु अतिथियों के समक्ष की गई प्रतिज्ञा के कारण वह इनकार नहीं कर पाया था। | |||
101 | 6:33 | c20j | जब यीशु और उसके चेलों ने अकेले जाकर विश्राम करने का निर्णय लिया तब क्या हुआ था?\n\n | बहुत से लोगों ने उनको पहचान लिया था और वे दौड़ कर यीशु और उसके चेलों से पहले उस स्थान में पहुँच गए। | |||
102 | 6:34 | mdl0 | उनके लिए प्रतीक्षा करते हुए भीड़ को देख कर यीशु की भावना कैसी थी? | यीशु को उन पर तरस आ गया क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों के समान थे। | |||
103 | 6:37 | if60 | जब यीशु ने अपने चेलों से भीड़ को भोजन कराने के लिए कहा तब चेलों ने क्या सोचा था कि उनको करना होगा? | चेलों ने सोचा कि उनको जाकर 200 दीनार की रोटियाँ खरीदनी होंगी। \n\n | |||
104 | 6:38 | o56u | चेलों के पास पहले से ही क्या भोजन था? | चेलों के पास तो बस पांच रोटियाँ और दो मछलियाँ थीं। | |||
105 | 6:41 | bqyw | रोटियों और मछलियों के लेकर यीशु ने क्या किया? | रोटियाँ और मछलियों को लेकर यीशु ने आकाश की ओर देखा और रोटी को तोड़ कर आशीषित किया तथा चेलों को दीं।\n\n | |||
106 | 6:43 | zbvh | जब सब लोग खाकर तृप्त हो गए तब कितना भोजन बचा था? | सब खाकर तृप्त हो गए तब 12 टोकरे भर कर रोटियों के टुकड़े और मछलियाँ बच गई थीं।\n\n | |||
107 | 6:44 | yrio | कितने पुरुषों ने भोजन किया था?\n\n | वहा पर पांच हज़ार पुरुषों ने भोजन किया था। | |||
108 | 6:48 | uxae | यीशु चेलों के पास झील में कैसे पहुंचा था? | यीशु झील के पानी पर चलकर चेलों के पास पहुंचा था। | |||
109 | 6:50 | j2xz | चेलों ने जब उसको देखा तब यीशु ने उनसे क्या कहा था? | यीशु ने अपने चेलों से कहा साहस रखो डरो नही! \n\n | |||
110 | 6:52 | icdc | रोटियों के चमत्कार के विषय में चेले क्यों समझ नहीं पाए थे? | रोटियों के चमत्कार को चेले समझ नहीं पाए थे क्योंकि उनकी मानसिक शक्ति मंद थी।\n\n | |||
111 | 6:55 | qidu | यीशु को पहचान लेने पर उस क्षेत्र के लोगों ने क्या किया था? | लोगों जब भी यीशु के आने के विषय में सुना वे तुरंत रोगियों को खाटों पर यीशु के पास ला रहे थे। | |||
112 | 6:56 | nkto | यीशु के वस्त्र की छोर को छू लेने के बाद उनके साथ क्या हुआ? | जिन्होने यीशु के वस्त्र की छोर को छूआ वे लोग चंगे हो गए थे। | |||
113 | 7:2 | t05x | यीशु के चेलो के किस काम से फरीसी और शास्त्री क्रोधित हुए थे?\n\n | चेले हाथों को धोए बिना भोजन खा रहे थे। | |||
114 | 7:3-4 | ym0v | हाथों को, कटोरों को, पात्रों को और तांबे के बरतनों को धोने की प्रथा किसकी थी? | पूर्वजों की प्रथा के अनुसार भोजन करने से पहले हाथों को, कटोरों को, पात्रों को और तांबे के बरतनों को धोना अनिवार्य था।\n\n | |||
115 | 7:8-9 | qrmr | धोने की उनकी शिक्षा के विषय में उनकी यीशु ने फरीसियों और शास्त्रियों से क्या कहा था? | यीशु ने कहा की फरीसियों और शास्त्रियों परमेश्वर की आज्ञाओं को अनदेखा करके मनुष्यों के बनाए हुए नियमों का पालन करते हैं।\n\n | |||
116 | 7:11-13 | d1yr | फरीसियों और शास्त्रियों ने परमेश्वर की उस आज्ञा को कैसे टाल दिया जो पिता और माता का आदर करने को कहती है? | उन्होंने लोगों से यह कहकर परमेश्वर की आज्ञा को टाल दिया कि उन्हें भेंट के रूप में धन दिया जाए जिससे उनके माता और पिता की सहायता होती हैं। | |||
117 | 7:15 | nqfn | यीशु ने क्या कहा कि मनुष्य किस से अशुद्ध नहीं होता है? | मनुष्य के शरीर में प्रवेश करने वाली कोई भी वस्तु उसे अशुद्ध नहीं करती है।\n\n | |||
118 | 7:15 | l384 | यीशु ने क्या कहा कि मनुष्य कैसे अशुद्ध होता है? | यीशु ने कहा कि मनुष्य के भीतर से निकलने वाली हर एक बात उसको अशुद्ध करती है। | |||
119 | 7:18-19 | gvrq | यीशु ने क्या कहा कि मनुष्य किस से अशुद्ध नहीं होता है? | यीशु ने कहा कि ऎसी कोई वस्तु नहीं है जो मनुष्य में प्रवेश करके उसको अशुद्ध करे। | |||
120 | 7:19 | yf7h | यीशु ने किस प्रकार के भोजन को शुद्ध ठहराया हैं? | यीशु ने सब भोजन वस्तुओं को शुद्ध कहा था। | |||
121 | 7:21-22 | t1rz | ऎसी कौन सी तीन बाते हैं जो यीशु कहता है कि मनुष्य के भीतर से निकलती हैं और उसको अशुद्ध करती हैं? | यीशु ने कहा कि बुरे विचार, अनुचित यौनाचार, चोरी, हत्या, व्यभिचार, लालच, दुष्टता, छल, ईर्ष्या, मान-हानि, घमंड, और मूर्खता मनुष्य के भीतर से निकल कर उसको अशुद्ध करती हैं। | |||
122 | 7:20-23 | w1ic | यीशु ने क्या कहा कि मनुष्य कैसे अशुद्ध होता है? | यीशु ने कहा कि मनुष्य के भीतर से निकलने वाली बातें उसे अशुद्ध करती हैं। | |||
123 | 7:25-26 | y2wf | जिस स्त्री की पुत्री में अशुद्ध आत्मा थी वह क्या यहूदी थी या यूनानी थी? | जिस स्त्री की पुत्री में शुद्ध आत्मा थी वह एक यूनानी स्त्री थी। | |||
124 | 7:28 | q2o4 | जब यीशु ने कहा कि बच्चों की रोटियाँ लेकर कुत्तों के आगे डालना उचित नहीं है तब उस स्त्री की प्रतिक्रिया कैसी थी?\n\n | उस स्त्री ने कहा कि मेज़ के नीचे बैठे कुत्ते भी तो बच्चों के हाथ से गिरे टुकड़े खाते हैं।\n\n | |||
125 | 7:29-30 | nb1x | यीशु ने उस स्त्री के लिए क्या किया?\n\n | यीशु ने उस स्त्री की पुत्री में से दुष्ट आत्मा को निकाल दिया।\n\n | |||
126 | 7:33-34 | ca4d | जब एक बहरे और गूंगे मनुष्य को यीशु के पास लाया गया तो उसने उन्हें चंगा करने के लिये क्या किया? | यीशु ने उसके कानों में उंगलियाँ डाली, थूका और उसकी जीभ को छुआ फिरस्वर्ग की ओर देख कर कहा, “खुल जा!”\n\n | |||
127 | 7:36 | hc18 | जब यीशु ने मनुष्यों से कहा कि उसकी चंगाई के विषय में किसी से चर्चा न करें तो उन्होंने क्या किया? | यीशु ने जितनि अधिक आज्ञा दी कि वे चुप रहें, उन्होंने उतनी ही अधिक उसकी चर्चा की। | |||
128 | 8:1-2 | slgu | यीशु का अनुसरण करने वाले उस विशाल जनसमूह के प्रति यीशु ने क्या चिन्ता प्रकट की थी? | यीशु ने कहा कि वह उस विशाल जनसमूह कि चिंता है जिनके पास भोजन नहीं है।\n\n | |||
129 | 8:5 | s9oj | शिष्यों के पास कितनी रोटियाँ थीं? | शिष्यों के पास सात रोटियाँ थीं। | |||
130 | 8:6 | y5p3 | यीशु ने शिष्यों की उन रोटियों के साथ क्या किया था? | यीशु ने धन्यवाद देकर उन रोटियों को तोड़ा और शिष्यों को देकर कहा कि उनको बाँट दें। | |||
131 | 8:8 | ckyo | सब खाकर तृप्त हो गए तब कितना भोजन बच गया था? | सब के खा लेने के बाद बचे हुए भोजन से सात टोकरियाँ भर गई थीं। | |||
132 | 8:9 | h9sm | कितने पुरुष खाकर तृप्त हुए थे? | लगभग चार हज़ार पुरुषों ने भोजन किया था और वे तृप्त हुए थे। | |||
133 | 8:11 | bo9w | फरीसी यीशु को परखने के लिए क्या मांग रहे थे? | फरीसी चाहते थे कि यीशु उन्हें कोई स्वर्गीय चिन्ह दे। | |||
134 | 8:15 | jt3x | फरीसियों के विषय में यीशु ने अपने शिष्यों को किस बात से सतर्क रहने को कहा था? | यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे फरीसियों के खमीर से सावधान रहें। | |||
135 | 8:16 | fjm2 | शिष्यों के विचार में यीशु किसकी चर्चा कर रहा था? | शिष्यों ने सोचा कि यीशु उनके द्वारा रोटियाँ घर भूल जाने के तथ्य को उजागर कर रहा है।\n\n | |||
136 | 8:19 | nrwx | यीशु ने अपने शिष्यों को स्मरण कराया कि यीशु ने जब पांच रोटियों को तोड़ा था तब क्या हुआ था? | यीशु ने उनको स्मरण कराया कि जब उसने पांच रोटियाँ तोड़ी थीं तब पांच हज़ार पुरुषों ने भोजन किया था और बचे हुए टुकड़ों से बारह टोकरे भर गए थे। | |||
137 | 8:23 | lkdf | उस अंधे मनुष्य के लिए दृष्टि-दान हेतु यीशु ने पहले क्या किया था? | यीशु ने पहले उसकी आँखों पर थूका तदोपरांत उनको छूआ। | |||
138 | 8:25 | w8lo | उस अंधे मनुष्य की सम्पूर्ण चंगाई के लिए यीशु ने तीसरा काम क्या किया था?\n\n | यीशु ने उसकी आँखों पर पुनः हाथ रखा था। | |||
139 | 8:28 | scql | वे मनुष्य यीशु को क्या कह रहे थे? | मनुष्य कहते थे कि यीशु यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला या एलिय्याह या कोई भविष्यद्वक्ता है। | |||
140 | 8:29 | pf6h | पतरस ने यीशु को क्या कहा था? | पतरस ने कहा कि यीशु मसीह है। | |||
141 | 8:31 | ssr3 | यीशु अपने शिष्यों को कौन सी भाविष्य की घटनाओं के विषय में शिक्षा दे रहा था? | यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा था कि मनुष्य के पुत्र को दुःख भोगना है, उसका परित्याग किया जाएगा, और अंत में उसको मार डाला जाएगा परन्तु वह तीसरे दिन पुनर्जीवित किया जाएगा। | |||
142 | 8:33 | o8md | जब पतरस ने यीशु को झिड़का था तब यीशु ने उससे क्या कहा था? | यीशु ने उससे कहा, “हे शैतान, मुझ से दूर हो! तू परमेश्वर की बातों की अपेक्षा मनुष्यों की बातों पर चित लगाता है”। | |||
143 | 8:34 | vqyx | जो कोई यीशु का अनुसरण करना चाहे उसके लिए यीशु ने क्या शर्त रखी थी? | यीशु कहा कि उसके अनुसरण के लिए आवश्यक है कि मनुषय स्वयं का त्याग करे और अपना क्रूस उठा कर उसके पीछ आए। | |||
144 | 8:36 | eosc | सांसारिक वस्तुओं को प्राप्त करने की मनुष्यों की लालसा के विषय में यीशु ने क्या कहा? | यीशु ने कहा, “यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपने प्राण की हानि उठाए तो उसे क्या लाभ?” | |||
145 | 8:38 | fczm | जो यीशु के विषय में और उसके वचन के विषय में लज्जित होते है उनके लिए यीशु ने क्या कहा है? | यीशु ने कहा कि उसके पुनः आगमन पर वह भी उनसे लज्जित होगा जो इस समय उसके और उसके वचनों के बारेमें लज्जित होते हैं। | |||
146 | 9:1 | ryud | यीशु ने किसके विषय में कहा कि वे परमेश्वर के राज्य को सामर्थ्य के साथ आता हुआ देखेंगे। | यीशु ने कहा कि उसके साथ खड़े होने वालों में से कुछ जन ऐसे हैं जो परमेश्वर के राज्य को सामर्थ्य में आया हुआ देखे बिना मृत्यु को प्राप्त नहीं करेंगे। | |||
147 | 9:2-3 | j5nw | जब पतरस, याकूब और यूहन्ना यीशु के साथ पहाड़ पर गए थे तब यीशु के साथ क्या घटना घटी थी? | यीशु का रूपांतरण हो गया था और उसका वस्त्र बहुत ही अधिक चमकीला और उज्ज्वल हो गया था। | |||
148 | 9:4 | hssp | उस पहाड़ पर यीशु के साथ कौन बातें कर रहा था? | एलिय्याह और मूसा यीशु के साथ बातें कर रहे थे। | |||
149 | 9:7 | gnw6 | उस पहाड़ पर बादलों में से हुई आकाशवाणी के शब्द क्या थे? | उसमें कहा गया था, “यह मेरा प्रिय पुत्र है इसकी सुनो” | |||
150 | 9:9 | wh06 | शिष्यों ने पहाड़ पर जो दृश्य देखा उसके विषय में यीशु ने उन्हें क्या आज्ञा दी थी? | यीशु ने उन्हें आज्ञा दी थी कि जब तक मनुष्य का पुत्र मृतकों में से जी न उठे तब तक उन्होंने जो देखा है उसकी चर्चा किसी से न करें। | |||
151 | 9:11-13 | ct8y | यीशु ने एलिय्याह के आगमन के विषय में क्या कहा था? | यीशु ने कहा कि एलिय्याह वास्तव में पहले आकर सब कुछ पुनर्स्थापित करेगा और वह आ भी चुका है। | |||
152 | 9:17-18 | tzbr | उस पिता और उसके पुत्र के लिए शिष्य क्या न कर पाए थे? | शिष्य उस पिता के पुत्र में से दुष्ट आत्मा को निकालने में अक्षम थे। | |||
153 | 9:22 | ifim | उस दुष्ट आत्मा ने बालक को नष्ट देने के लिए क्या किया था? | उस दुष्ट आत्मा ने बालक को कभी आग में तो कभी पानी में गिराया था कि वह नष्ट हो जाए। | |||
154 | 9:23-24 | ay7z | यीशु ने उससे कहा की विश्वास करने वाले के ली सब कुछ संभव है तो उस पिता की प्रतिक्रिया कैसी थी? | पिता ने उत्तर दिया, “मैं विश्वास करता हूँ! मेरे अविश्वास के विरुद्ध मेरी सहायता कर”। | |||
155 | 9:28-29 | uh6o | शिष्य उस बालक में से गूंगी और बाहरी आत्मा को निकलने में अक्षम क्यों थे? | वे उस आत्मा को निकालने में अक्षम थे क्योंकि प्रार्थना बिना उसका निकाला जाना संभव नहीं था। | |||
156 | 9:31 | uvpd | यीशु ने अपने साथ हने वाली कौन सी घटनाओं का वर्णन शिष्यों से किया था? | यीशु ने कहा था कि वह मौत के घाट उतारा जाएगा और तीसरे दिन वह पुनर्जीवित हो जाएगा। | |||
157 | 9:33-34 | q8mj | मार्ग में चलते समय शिष्यों का तर्क का विषय क्या था? | शिष्यों का तर्क का विषय था कि उनमें सबसे बड़ा कौन है। | |||
158 | 9:35 | xnwc | यीशु ने किसको प्रथम कहा था? | यीशु ने कहा, वह जो सभी का सेवक बनें, प्रथम है। | |||
159 | 9:36-37 | d095 | किसी बालक को यीशु के नाम में ग्रहण किया जाता है तो वास्तव में किसको ग्रहण किया जाता है? | यीशु के नाम में किसी बालक को ग्रहण किया जाता है तो यीशु को और उसके भेजने वाले को ग्रहण किया जाता है। | |||
160 | 9:42 | xm92 | यीशु में विश्वास करने वाले किसी छोटे के लिए कोई ठोकर खाने का कारण हो तो उसके साथ क्या करना चाहिए? | उसके लिए उचित होगा कि उसके गले में चक्की का बड़ा पात बाँध कर उसको समुद्र में फ़ेंक दिया जाए। | |||
161 | 9:47 | qvrv | आँख किसी को ठोकर खिलाए तो क्या करना चाहिए? | यीशु ने कहा कि आँख यदि ठोकर खाने का कारण हो तो उसको निकाल देना चाहिए। | |||
162 | 9:48 | l2p2 | यीशु ने क्या कहा की नरक में क्या होता हैं? | यीशु ने कहा की नरक में कीड़ा नहीं मरता है, और आग कभी नहीं बुझती है। | |||
163 | 10:2 | tk8r | फरीसियों ने यीशु को परखने के लिए उससे क्या पूछा? | फरीसियों ने पूछा कि पत्नी को तलाक देना क्या पति के लिए उचित है। | |||
164 | 10:4 | p0nl | तलाक के सम्बन्ध में मूसा ने यहूदियों को क्या आज्ञा दी थी? | मूसा ने अनुमति दी थी कि पुरुष तलाक के दस्तावेज़ तैयार करके अपनी पत्नी को भेज दे। | |||
165 | 10:5 | cuwg | मूसा ने यहूदियों को तलाक के विषय में आज्ञा क्यों दी थी? | मूसा ने उनके मन की कठोरता के कारण ऐसी आज्ञा दी थी। | |||
166 | 10:6 | b18w | विवाह के विषय में फरीसियों को परमेश्वर की मूल व्यवस्था का सन्दर्भ देने के लिए यीशु इतिहास में कितना पीछे चला गया था? | परमेश्वर की विवाह सम्बंधित मूल व्यवस्था का सन्दर्भ देने के लिए यीशु नर और नारी के आरंभिक सृजन तक चला गया था। | |||
167 | 10:7-8 | lkz2 | पुरुष और उसकी पत्नी विवाह के बाद क्या हो जाते हैं, उसको यीशु कैसे व्यक्त करता है? | यीशु ने कहा कि वे दोनों एक तन हो जाते हैं। | |||
168 | 10:9 | bxgt | परमेश्वर विवाह में जिन्हें जोड़ देता है उनके विषय में यीशु क्या कहता है? | यीशु कहता है कि परमेश्वर ने जिन्हें जोड़ा है उन्हें कोई अलग न करे। | |||
169 | 10:13-14 | ftqq | जब बच्चों को यीशु के पास लाया जा रहा था तब शिष्यों ने लाने वालों को झिड़का तो यीशु की प्रतिक्रिया कैसी थी? | यीशु शिष्यों पर क्रोधित हुआ और कहा कि बच्चों को उसके पास आने दिया जाए। | |||
170 | 10:15 | s8f7 | यीशु ने क्या कहा है कि परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के लिए उसे कैसे ग्रहण करना चाहियें? | यीशु ने कहा कि परमेश्वर के राज्य को एक बालक की नाईं ग्रहण करने पर ही उसमें प्रवेश करना संभव है। | |||
171 | 10:19 | slbl | यीशु ने क्या कहा कि अनंत जीवन पाने के लिए उस मनुष्य को क्या करना आवश्यक था? | यीशु ने उस मनुष्य से कहा कि उसे हत्या नहीं करनी है, व्यभिचार नहीं करना है, चोरी नहीं करना है, झूठी गवाही नहीं देना है, धोका नहीं देना है और अपने माता-पिता का आदर करना है। | |||
172 | 10:21 | h1nt | इसके बाद यीशु ने उस पुरुष को एक अतिरिक्त आज्ञा दी थी, वह क्या थी? | यीशु ने उसको आज्ञा दी कि वह अपनी सम्पूर्ण संपदा बेच कर उसके साथ हो ले। | |||
173 | 10:22 | r5hj | यीशु की इस आज्ञा पर उस मनुष्य की प्रतिक्रिया कैसी थी और क्यों? | वह मनुष्य उदास होकर वहाँ से चला गया क्योंकि उसकी धन-संपदा अपार थी। | |||
174 | 10:23-25 | fn0b | यीशु ने किसके लिए कहा कि परमेश्वर के राज्य में उसका प्रवेश करना बहुत कठिन है? | यीशु ने कहा कि धनवान मनुष्य का परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना बहुत कठिन है। | |||
175 | 10:26-27 | a2pr | धनवान मनुष्य के उद्धार के विषय में यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने कहा कि मनुष्य के लिए तो यह असंभव है परन्तु परमेश्वर के लिए सब कुछ संभव है। | |||
176 | 10:29-30 | ut0n | यीशु ने क्या कहा की उस व्यक्ति को की मिलेगा जिसने यीशु के लिये अपना घर को , परिवार को और जमीन का छोड़ दिया हो? | यीशु ने कहा कि उन्हें इस संसार में सौ गुना अधिक सताव मिलेगा और अनंत जीवन उस आने वाले संसार में मिलेगा। | |||
177 | 10:32 | t4vq | यीशु और उसके शिष्य किस मार्ग पर यात्रा कर रहे थे? | यीशु और उसके शिष्य यरूशलेम के मार्ग पर यात्रा कर रहे थे। | |||
178 | 10:33-34 | ie59 | यीशु ने अपने शिष्यों को क्या बताया कि उसके साथ यरूशलेम में होने वाला है? | यीशु ने उनसे कहा कि वह मृत्यु दंड के योग्य ठहराया जाएगा और अन्य जातियों के हाथों में सौंप दिया जाएगा। | |||
179 | 10:35-37 | mu7d | याकूब और यूहन्ना ने यीशु से क्या निवेदन किया था? | याकूब और यूहन्ना ने यीशु से निवेदन किया कि उसकी महिमा में वे उसके दाएँ और बाएँ बैठें। | |||
180 | 10:39 | xafk | यीशु ने क्या कहा था कि याकूब और यूहन्ना को सहन करना होगा? | यीशु ने कहा कि याकूब और यूहन्ना को वह कटोरा पीना होगा जो यीशु पीने जा रहा है और वह बपतिस्मा लेना होगा जो यीशु लेने जा रहा है। | |||
181 | 10:40 | vd45 | क्या यीशु ने याकूब और यूहन्ना का निवेदन स्वीकार किया था? | नहीं, यीशु ने कहा कि उसके दाहिने और बाएँ बैठने का पद देना उसके अधिकार में नहीं है। | |||
182 | 10:42 | m3q4 | यीशु ने क्या कहा कि अन्यजातियो के शासक अपनी प्रजा से कैसे व्यवहार करते हैं? | यीशु ने कहा था कि अन्यजातियो के शासक अपनी प्रजा पर अधिकार जताते हैं। | |||
183 | 10:43-44 | yky8 | यीशु ने क्या कहा कि उसके शिष्यों में जो बड़ा होना चाहता है उसे किस तरह से जीना चाहिये? | यीशु ने कहा कि उसके शिष्यों में जो बड़ा होना चाहता है उसे आवश्यक है कि वह सब का सेवक बनें। | |||
184 | 10:48 | ece0 | अंधे बरतिमाई ने क्या किया जब बहुतों ने उसे डांटा और चुप रहने के लिए कहा? | बरतिमाई और भी अधिक ऊंचे शब्दों में पुकारने लगा, “हे दाऊद की संतान, मुझ पर दया कर!” | |||
185 | 10:52 | rato | यीशु ने क्या कहा बरतिमाई की उसकी अंधेपन से चंगाई मिलने के बाद। | यीशु ने कहा था कि बरतिमाई के विश्वास ने उसको दृष्टि-दान दिया है। | |||
186 | 11:2 | agr2 | यीशु ने अपने शिष्यों में से दो को सामने के गाँव में क्या करने के लिए भेजा था? | यीशु ने उनको भेजा कि वहाँ जाकर एक गधे के बच्चे को ले आएं जिस पर कभी कोई सवार नहीं हुआ है। | |||
187 | 11:5-6 | u8he | शिष्यों ने जब गधे के बच्चे को खोला तब क्या हुआ था? | कुछ मनुष्यों ने शिष्यों से कहा कि वे क्या करते है तब उन्होंने वही उत्तर दिया जो यीशु ने उनसे कहा था और तब उन्हेंने उसे ले जाने दिया। | |||
188 | 11:8 | cgd8 | जब यीशु गधे के बच्चे पर सवार हो गया तब भीड़ ने मार्ग में क्या किया? | भीड़ ने अपने वस्त्र और खेतों में से काटी हुई पेड़ों की डालियाँ मार्ग में बिछाईं। | |||
189 | 11:10 | vfq1 | यीशु यरूशलेम की ओर जा रहा था तब लोग आने वाले राज्य के विषय में क्या नारा लगा रहे थे? | लोग नारा लगा रहे थे कि उनके पिता दाऊद का राज्य आता है। | |||
190 | 11:11 | pj8s | मंदिर परिसर में प्रवेश करने के बाद यीशु ने क्या किया था? | यीशु ने चारों ओर देखा और फिर बैतनिय्याह चला गया। | |||
191 | 11:14 | qg7e | अंजीर के वृक्ष में फलों को न पाकर यीशु ने क्या किया था? | यीशु ने उस वृक्ष से कहा, “अब से कोई तेरा फल कभी न खाने पाए”। | |||
192 | 11:15-16 | pbr1 | इस बार जब यीशु मंदिर परिसर में आया तो उसने क्या किया था? | यीशु ने बेचने और खरीदने वालों को बाहर निकाल दिया तथा सामान लाने ले जाने वालों को रोक दिया। | |||
193 | 11:17 | dgql | यीशु के शब्दों में धर्मशास्त्र के अनुसार मंदिर को क्या होना था? | यीशु ने कहा कि वह मंदिर सब जातियों के लिए प्रार्थना का भवन माना जाता है। | |||
194 | 11:17 | hpgp | यीशु ने प्रधान याजकों और शास्त्रियों को क्या कहा कि उन्होंने मंदिर को क्या बना रखा है? | यीशु ने कहा कि उन्होंने मंदिर को डाकुओं की गुफा बना दिया है। | |||
195 | 11:18 | x7nj | प्रधान याजकों और शास्त्री यीशु के साथ क्या करने का विचार कर रहे थे? | प्रधान याजक औए शास्त्री यीशु की हत्या करना चाहते थे। | |||
196 | 11:20 | geb7 | यीशु ने अंजीर के जिस वृक्ष से बात की थी उसका क्या हो गया था?? | यीशु ने अंजीर के जिस वृक्ष से बात की थी वह जड़ तक सूख गया था। | |||
197 | 11:24 | okwn | हम प्रार्थना में जो कुछ भी माँगते हैं उसके लिए यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने कहा कि हम प्रार्थना में जो कुछ भी मांगते हैं, तो विश्वास रखो कि हमने उसे प्राप्त कर लिया है और वह हमारी होगी। | |||
198 | 11:25 | udpr | यीशु ने क्या कहा कि हमें करना है जिससे कि स्वर्ग में हमारा पिता भी हमें क्षमा कर देगा? | यीशु ने कहा कि यदि हमारे मन में किसी के विरोध में कुछ हो तो हमें उसको क्षमा कर देना है जिससे कि पिता भी हमें क्षमा कर दे। | |||
199 | 11:27-28 | y3u8 | मंदिर में, प्रधान याजक, शास्त्री और पुरनिए यीशु से क्या जानना चाहते थे? | वे जानना चाहते थे कि वह किस अधिकार से वह सब कर रहा है जो उसने किया था। | |||
200 | 11:30 | cdce | यीशु ने महायाजकों से और शास्त्रियों एवं पुरनियो से क्या पूछा? | यीशु ने उनसे पूछा की यूहन्ना का बपतिस्मा स्वर्ग से था या मनुष्यों से। | |||
201 | 11:31 | qfb1 | महायाजक, शास्त्री और पुरनिए क्यों कहना नहीं चाहते थे कि यूहन्ना का बपतिस्मा स्वर्ग से था? | वे अपने उत्तर में यह नहीं कहना चाहते थे क्योंकि यीशु उनसे पूछता कि उन्होंने यूहन्ना की बातों पर विश्वास क्यों नहीं किया। | |||
202 | 11:32 | zg5i | महायाजक, शास्त्री और पुरनिए कहना क्यों नहीं चाहते थे कि यूहन्ना का बपतिस्मा मनुष्यों की ओर से था? | वे अपने उत्तर में यह कहना नहीं चाहते थे क्योंकि वे मनुष्यों से डरते थे जो यूहन्ना को एक भविष्यद्वक्ता मानते थे। | |||
203 | 12:1 | k9g4 | दाख की बारी को तैयार करके ठेकेदारों को देने के बाद उसके स्वामी ने क्या किया? | अपनी दाख की बारी को तैयार करके ठेके पर देने के बाद उसका स्वामी यात्रा पर चला गया। | |||
204 | 12:5 | qm75 | दाख की बारी के स्वामी ने जब अपने सेवकों को एक-एक करके भेजा कि उसके फल को लेकर आएं तो ठेकेदारों ने क्या किया था? | उन ठेकेदारों ने कुछ सेवकों को मारा-पीटा और कुछ की हत्या कर दी। | |||
205 | 12:6 | p7p2 | अंत में दाख की बारी के स्वामी ने किसको भेजा? | अंत में बारी के स्वामी ने अपने प्रिय पुत्र को भेजा। | |||
206 | 12:8 | abgx | स्वामी ने अंत में जिसे भेजा था उसके साथ ठेकेदारों ने क्या किया? | ठेकेदारों ने उसको पकड़ कर मार डाला और दाख की बारी के बहार फ़ेक दिया। | |||
207 | 12:9 | bpsj | अब उस दाख की बारी का स्वामी उन ठेकेदारों के साथ क्या करेगा? | दाख की बारी का स्वामी आएगा और उन ठेकेदारों का नाश करके अपनी दाख की बारी किसी और को दे देगा। | |||
208 | 12:10 | c54c | धर्मशास्त्र में उस पत्थर का क्या हुआ जिसको राज-मिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था? | निकम्मा ठहराया हुआ वह पत्थर कोने का पत्थर ठहरा। | |||
209 | 12:14 | n5ve | फरीसियों ने और हेरोदियों में से कुछ ने यीशु से क्या पूछा? | उन्होंने यीशु से पूछा कि कैसर को कर देना क्या उचित है या नहीं? | |||
210 | 12:17 | z3xo | यीशु ने उनके प्रश्न का उत्तर कैसे दिया था? | यीशु ने उनसे कहा कि जो कैसर का है वह कैसर को दो और जो परमेश्वर का है वह परमेश्वर को दो। | |||
211 | 12:18 | jy15 | सदूकी किस बात में विश्वास नहीं करते थे? | सदूकी पुनरुत्थान में विश्वास नहीं करते थे। | |||
212 | 12:22 | nmuk | सदूकियों ने जो दृष्टांत सुनाया उसमें उस स्त्री के कितने पति थे? | उस स्त्री के सात पति थे। | |||
213 | 12:23 | fehv | सदूकियों ने उस स्त्री के विषय में यीशु से क्या पूछा था? | उन्होनें पूछा की पुनरुत्थान के दिन उस स्त्री का पति कौन होगा। | |||
214 | 12:24 | bs3e | सदूकियों के अज्ञान पर यीशु ने क्या कारण प्रकट किया था? | यीशु ने कहा कि सदूकी न तो धर्मशास्त्र को जानते थे और न ही परमेश्वर के सामर्थ्य को। | |||
215 | 12:25 | ks2q | उस स्त्री के विषय में यीशु ने सदूकियों को क्या उत्तर दिया था? | यीशु ने कहा कि पुरुत्थान में पुरुष और स्त्रियाँ विवाह नहीं करते हैं वरन वे स्वर्गदूतों के जैसे होते हैं। | |||
216 | 12:26-27 | ete1 | यीशु ने धर्मशास्त्र के कौन से पाठ के द्वारा पुनरुत्थान को बताया था? | यीशु ने मूसा की पुस्तक से उन्हें बताया कि वहाँ परमेश्वर स्वयं को अब्राहम, इसहाक और याकूब का परमेश्वर कहता है जिसका अर्थ है कि वे सब अभी भी जीवित हैं। | |||
217 | 12:29-30 | tzeh | यीशु ने किस आज्ञा को सबसे अधिक महत्वपूर्ण कहा था? | यीशु ने कहा, तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से, अपने सारे प्राण से, अपनी सारी बुद्धि से और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना। | |||
218 | 12:31 | mh0y | यीशु ने दूसरी सबसे मुख्य आज्ञा कौन सी दी? | यीशु ने दूसरी आज्ञा सबसे मुख्य आज्ञा दी कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना। | |||
219 | 12:35-37 | qo6t | यीशु ने शास्त्रियों से दाऊद के विषय में क्या प्रश्न किया था? | यीशु ने पूछा, दाऊद मसीह को प्रभु कैसे कहता है मसीह तो दाऊद का पुत्र है। | |||
220 | 12:38-40 | ndcc | शास्त्रियों से सावधान रहने के लिए यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने कहा कि शास्त्री मनुष्यों से सम्मान पाना चाहते हैं परन्तु वे विधवाओं के घरों को खा जाते हैं और दिखाने के लिए लाबी-लम्बी प्रार्थनाएं करते हैं। | |||
221 | 12:44 | vxj4 | यीशु ने क्यों कहा कि दान पेटी में भेंट अर्पित करने वालों में उस गरीब विधवा ने सब से अधिक दिया है? | यीशु ने कहा कि उसने अपनी घटी में से दिया है जबकि अन्यों ने अपनी बहुतायत में से दिया है। | |||
222 | 13:2 | a889 | मंदिर की भव्य इमारत और विशाल पत्थरों के विषय में यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने कहा की उसके पत्थर पर पत्थर भी न बचेगा। | |||
223 | 13:4 | et3p | इस पर शिष्यों ने यीशु से क्या पूछा था? | शिष्यों ने यीशु से पूछा कि ये सब बातें कब घटित होगी और उनका चिन्ह क्या होंगा। | |||
224 | 13:5-6 | znvi | यीशु ने अपने शिष्यों को किस बात से सावधान रहने के लिए कहा था? | यीशु ने कहा कि शिष्यों को सावधान रहना है कि कोई उन्हें भटका न दे। | |||
225 | 13:7-8 | umt6 | प्रसव पीड़ाओं के आरम्भ के विषय में यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने कहा कि प्रसव पीड़ा के आरम्भ के चिन्ह होंगे, युद्ध, युद्ध के समाचार, भूकंप और अकाल। | |||
226 | 13:9 | arqh | यीशु ने क्या कहा कि उसके शिष्यों के साथ क्या होगा ? | यीशु ने कहा कि उसके शिष्यों को सभाओं में ले जाएगे और आराधनालयों में पीटा जाएगा और वे गवाही देने के कारण उन्हें शासकों और राजाओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। | |||
227 | 13:10 | p9a0 | यीशु ने क्या कहा कि सबसे पहले घटित होना आवश्यक है? | यीशु ने कहा कि सुसमाचार पहले सब जातियों में सुनाया जाएगा। | |||
228 | 13:12 | zlct | परिवार के सदस्यों के विषय में यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने कहा कि परिवार का एक सदस्य दूसरे सदस्य को मृत्यु दंड के लिए पकड़वाएगा। | |||
229 | 13:13 | trz5 | यीशु ने किसके लिए कहा कि वह उद्धार पाएगा? | यीशु ने कहा कि जो अंत तक धीरज रखेगा उसका उद्धार होगा। | |||
230 | 13:14 | a194 | यीशु ने क्या कहा कि यहूदिया वासियों को करना होगा, जब वे उजाड़ने वाली घृणित वस्तु को देखेगे? | यीशु ने कहा कि उजाड़ने वाली घृणित वस्तु को देखते ही यहूदिया वासी पहाड़ों में भाग जाए। | |||
231 | 13:20 | pgpi | यीशु ने क्या कहा कि प्रभु चुने हुओं के लिए क्या करेगा, ताकि उनका उद्धार हो? | यीशु ने कहा कि परमेश्वर अपने चुने हों के हित में क्लेश के दिनों को कम कर देगा। | |||
232 | 13:22 | zmok | यीशु ने किसके लिए कहा कि वे मनुष्यों को बहकाने के ली उठ खड़े होंगे? | यीशु ने कहा कि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्ता मनुष्यों को बहकाने के लिए उठेंगे। | |||
233 | 13:24-25 | mxj5 | उन दिनों के क्लेश के बाद आकाश की ज्योतियों और शक्तियों का क्या होगा? | सूर्य और चाँद अंधकार में हो जाएंगे और आकाश के सितारे गिरने लगेंगे तथा आकाश की शक्तियां हिलाई जाएंगी। | |||
234 | 13:26 | ctur | मनुष्य बादलों में क्या देखेंगे? | वे देखेंगे कि मनुष्य का पुत्र बड़ी सामर्थ्य और महिमा के साथ बादलों में आ रहा है। | |||
235 | 13:27 | kyem | जब मनुष्य का पुत्र आएगा तब वह क्या करेगा? | मनुष्य का पुत्र पृथ्वी के छोर से और आकाश से अपने चुने हों को एकत्र करेगा। | |||
236 | 13:30 | zo90 | यीशु ने क्या कहा कि जब तक ये सब बातें घटित न हो जाए तब तक अंत न होगा? | यीशु ने कहा कि इन सब घटनाओं के होने तक यह पीढ़ी जाती न रहेगी। | |||
237 | 13:31 | oxg8 | यीशु के कथनानुसार वह क्या है जो कभी न टलेगा? | यीशु ने कहा कि उसकी बातें कभी न टलेंगी। | |||
238 | 13:32 | pmdn | यीशु ने इन सब घटनाओं के होने के समय के विषय में क्या कहा था? | यीशु ने कहा कि पिता की अपेक्षा कोई नहीं जानता कि वह दिन और समय कौन सा होगा। | |||
239 | 13:33 | mck3 | यीशु ने अपने शिष्यों को क्या आज्ञा दी उसके पुनः आगमन के विषय में? | यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे सतर्क रहें और जागते रहे तथा प्रार्थना करते रहें। | |||
240 | 13:35 | zfgp | यीशु ने अपने पुनः आगमन के सम्बन्ध में अपने शिष्यों को क्या आज्ञा दी थी? | यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे उसके पुनः आगमन के लिए सतर्क रहें। | |||
241 | 13:37 | c6rm | अपने पुनः आगमन के सम्बन्ध में यीशु ने अपने शिष्यों को क्या आज्ञा दी थी? | यीशु ने अपने शिष्यों से कहा कि वे जागते रहे और सतर्क रहें। | |||
242 | 14:1 | l7mb | मुख्य याजक और शास्त्री किस बात को करने की युक्ति खोज रहे थे? | वे यीशु को पकड़ने और मार डालने की युक्ति खोज रहे थे। | |||
243 | 14:2 | ezqi | अखमीरी रोटी के पर्व के समय मुख्य याजक और शास्त्री किस काम को करने में संकोच कर रहे थे? | उनको डर था की लोगों में उपद्रव न हो जाए। | |||
244 | 14:3 | lyx4 | शमौन कोढ़ी के घर में उस स्त्री ने क्या किया था? | उस स्त्री ने मूल्यवान इत्र का पात्र तोड़ कर यीशु के सिर पर उंडेल दिया था। | |||
245 | 14:5 | tn7q | उस स्त्री की आलोचना क्यों की गई थी? | वे उस स्त्री की आलोचना कर रहे थे कि उसने वह इत्र बेच कर पैसा ग़रीबों में क्यों नहीं दिया। | |||
246 | 14:8 | rqmp | यीशु ने उस स्त्री के लिए क्या कहा कि उसने यीशु के लिए किया था? | यीशु ने कहा कि उस स्त्री ने उसके दफन के लिए उसका अभ्यंजन किया है। | |||
247 | 14:9 | s2sy | यीशु ने उस स्त्री के इस काम के लिए उससे क्या प्रतिज्ञा की थी? | यीशु ने कहा कि सम्पूर्ण संसार में जहां भी सुसमाचार सुनाया जाएगा, उस स्त्री की याद में उसके इस काम की चर्चा की जाएगी। | |||
248 | 14:10 | rueu | यहूदा इस्करियोति मुख्य याजक के पास क्यों गया था? | यहूदा इस्करियोति मुख्य याजक के पास गया कि यीशु को पकड़वाने की बात करे। | |||
249 | 14:12-14 | glcb | फसह खाने के लिए शिष्यों ने भोजन कक्ष कैसे खोजा था? | यीशु ने उनसे कहा था कि वे नगर में जाएं और पानी का पात्र उठा कर ले जा रहे एक मनुष्य का अनुसरण करें और उससे पूछें कि अतिथि कक्ष कहाँ है जिसमें उन्हें फसह का भोज खाना है। | |||
250 | 14:18 | kkmc | जब वे भोजन तख़्त पर आधे लेटे हुए भोजन कर रहे थे तब यीशु ने उनसे क्या कहा था? | यीशु ने कहा की उसके साथ भोजन करने वाले शिष्यों में से एक उसके साथ विश्वास घात करेगा। | |||
251 | 14:20 | grhr | यीशु ने किस शिष्य के लिए कहा कि वह उसके साथ विश्वासघात करेगा? | यीशु ने कहा की जो उसके साथ कटोरे में रोटी डूबा रहा है वही उसके साथ विश्वासघात करेगा। | |||
252 | 14:21 | lk7c | इस विश्वासघाती शिष्य के भविष्य के लिए यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने कहा था की उसके लिए जन्म न लेना ही अच्छा था। | |||
253 | 14:24 | apk9 | शिष्यों को कटोरा देते समय यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने कहा था, यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिए बहाया जाता है” | |||
254 | 14:25 | r9so | यीशु ने किस समय का उल्लेख किया था जब वह पुनः दाखरस उनके साथ पीएगा? | यीशु ने कहा था कि वह दाखरस को उस समय पुनः पीएगा जब परमेश्वर के राज्य में वह नए सिरे से उसको न पीए।. | |||
255 | 14:27 | yns3 | जैतून के पहाड़ पर यीशु ने अपने शिष्यों के लिए क्या भविष्यदवाणी की थी? | यीशु ने भविष्यदवाणी की थी कि वे सब उसको छोड़ कर भाग जाएंगे। | |||
256 | 14:30 | gvoq | जब पतरस ने कहा कि वह कभी ऐसा नहीं करेगा तो यीशु ने उससे क्या कहा था? | यीशु ने उससे कहा था कि मुर्ग के दो बार बांग देने से पहले पतरस तीन बार यीशु का इनकार करेगा। | |||
257 | 14:32-34 | v9za | जब यीशु प्रार्थना करने गया तब उसने अपने उन तीन शिष्यों से क्या कहा था? | यीशु ने उनसे कहा था कि वे वहाँ बैठ कर जागते रहें। | |||
258 | 14:35 | uvgs | यीशु ने किस बात के लिए प्रार्थना की थी? | यीशु ने प्रार्थना की थी कि वह समय उस पर से टल जाए। | |||
259 | 14:36 | u792 | पिता से प्रार्थना करके उत्तर पाने में यीशु ने क्या अपेक्षा की थी? | यीशु पिता की इच्छा को ही पूरी करना चाहता था। | |||
260 | 14:37 | vaa4 | यीशु लौट कर उन तीन शिष्यों के पास आया तो उसने क्या देखा? | उसने देखा कि वे तीनों शिष्य सो रहे थे। | |||
261 | 14:40 | tadu | यीशु जब दूसरी बार प्रार्थना करके लौटा तब उसने क्या देखा? | यीशु ने देखा कि वे तीनों शिष्य सो रहे थे। | |||
262 | 14:41 | yc6c | जब यीशु तीसरी बार प्रार्थना करके लौटा तब उसने क्या देखा? | यीशु ने देखा की वे तीनों शिष्य सो रहे थे। | |||
263 | 14:44-45 | xku4 | यहूदा ने यीशु की पहचान के लिए प्रहरियों को कैसा चिन्ह दिया था? | यहूदा ने यीशु को चूमा कि पता चल जाए कि यीशु कौन है। | |||
264 | 14:48-49 | afwa | यीशु ने अपने बंदीकरण पर धर्मशास्त्र की कौन सी बात की पूर्ति का सन्दर्भ दिया था? | यीशु ने कहा था कि धर्मशास्त्र की बात पूरी हो रही है क्योंकि वे लाठियां और तलवारें लेकर उसको ऐसे पकड़ने आए है जैसे किसी डाकू को। | |||
265 | 14:50 | v5q7 | जब यीशु को पकड़ लिया गया तब उसके साथियों ने क्या किया था? | जो यीशु के साथ थे उसे छोड़ कर भाग खड़े हुए थे। | |||
266 | 14:51-52 | xj5b | जब यीशु को पकड़ा गया था तब वहाँ एक युवक था, उसने क्या किया था? | वह अपने तन को ढांकने वाली चादर छोड़ कर भाग गया था। | |||
267 | 14:53-54 | mcjr | जब यीशु को महायाजक के पास लाया गया तब पतरस कहाँ था? | पतरस प्रहरियों के साथ बैठ कर आग तापने लगा था। | |||
268 | 14:55-56 | k3gb | यीशु के विरुद्ध, महासभा में दी गई गवाही में क्या कमी थी? | यीशु के विरुद्ध दी गई गवाही झूठी थी और सहमती के योग्य नहीं थी। | |||
269 | 14:61 | g1ev | महायाजक ने यीशु से क्या प्रश्न पूछा की यीशु कौन था? | महायाजक ने यीशु से पूछा कि क्या वह उस परम धन्य का पुत्र, मसीह है। | |||
270 | 14:62 | rabu | महायाजक के इस प्रश्न के उत्तर में यीशु ने क्या कहा था? | यीशु ने उत्तर में कहा, “मैं हूँ” | |||
271 | 14:64 | xher | यीशु का उत्तर सुनकर महायाजक ने उसे किस बात का दोषी ठहराया था? | महायाजक ने कहा कि यीशु ईश-निंदा का दोषी है। | |||
272 | 14:65 | if4h | यीशु को मृत्यु दंड के योग्य ठहराने के बाद उन्होंने क्या किया था? | उन्होंने उसके ऊपर थूका और उसे थप्पड़ मारे तथा उसको पीटा। | |||
273 | 14:66-68 | tjt2 | पतरस ने उस दासी से क्या कहा जिसने कहा था कि पतरस यीशु का साथी है? | पतरस ने उत्तर दिया कि वह न तो उसे जानता है और न ही समझ पा रहा है कि वह क्या कह रही है। | |||
274 | 14:71 | orue | जब पतरस से तीसरी बार पूछा गया की क्या वह यीशु का साथी है तब पतरस ने क्या कहा था? | पतरस ने शपथ खाते हुए और धिक्कारते हुए कहा कि वह यीशु को जानता भी नहीं है। | |||
275 | 14:72 | dgcn | पतरस द्वारा तीसरी बार इनकार करने पर क्या हुआ था? | तीसरी बार पतरस के इनकार करने पर मुर्गे ने दूसरी बार बांग दी। | |||
276 | 14:72 | wesn | मुर्गे की बांग सुनका पतरस ने क्या किया था? | मुर्गे की बांग सुन कर पतरस फूट-फूट कर रिया था। | |||
277 | 15:1 | myuo | प्रातःकाल में महायाजकों ने यीशु के साथ क्या किया था? | उन्होंने प्रातःकाल के समय यीशु को बाँध कर पिलातुस के समक्ष उपस्थित किया था। | |||
278 | 15:5 | w0fh | जब मुख्य याजक यीशु पर नाना प्रकार के दोष लगा रहे थे तब यीशु पर पिलातुस क्यों चकित हुआ था? | पिलातुस के चकित होने का कारण था कि यीशु प्रतिवाद में कुछ भी नहीं कह रहा था। | |||
279 | 15:6 | juii | पर्व के समय पिलातुस भीड़ के लिए सामान्यतः क्या करता था? | पर्व के समय, भीड़ जिसके लिए निवेदन करती थी उस बंदी को पिलातुस छोड़ देता था। | |||
280 | 15:10 | c38r | पिलातुस यीशु को भीड़ के लिए क्यों छोड़ना चाहता था? | पिलातुस जानता था कि ईर्ष्या के कारण महायाजकों ने यीशु को उसके समक्ष प्रस्तुत किया है। | |||
281 | 15:11 | cjv6 | भीड़ ने किसको छुड़ाने के लिए पुकारा था? | भीड़ ने बरअब्बा को छुड़ाने की पुकार की। | |||
282 | 15:12-13 | v1o8 | यहूदियों के राजा के लिए भीड़ ने क्या कहा था? | भीड़ ने कहा कि यहूदियों के राजा को क्रूस का दंड दिया जाए। | |||
283 | 15:17 | hku5 | सैनिकों के समूह ने यीशु क्या पहनाया था? | सैनिकों ने यीशु को बैजनी बागा पहनाया और उसके सिर पर काँटों से बनाया गया मुकुट रखा। | |||
284 | 15:21 | vt0v | यीशु के क्रूस को किसने उठाया था? | शमौन नामक कुरेनी वहाँ से जा रहा था। उसे यीशु का क्रूस उठाने के लिए विवश किया गया था। | |||
285 | 15:22 | ekh7 | उस जगह का नाम क्या था जहाँ सैनिक यीशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिए लाए थे? | उस स्थान का नाम, गुलगुता था जिसका अर्थ है, खोपड़ी का स्थान। | |||
286 | 15:24 | osm6 | सैनिकों ने यीशु के वस्त्रों का क्या किया था? | सैनिकों ने यीशु के वस्त्रों के लिए चिट्ठियाँ डाली थीं। | |||
287 | 15:26 | pb4n | सैनिकों ने यीशु के दोष पत्र पर क्या लिखा था? | सैनिकों ने दोष पत्र पर लिखा, “यहूदियों का राजा” | |||
288 | 15:29-30 | dh4r | आने-जाने वालों ने यीशु को किस बात की चुनौती दी थी? | आने-जाने वालों ने यीशु को चुनौती दी कि वह अपने को बचा कर क्रूस पर से उतर आए। | |||
289 | 15:31-32 | o4cc | मुख्य याजकों ने क्या कहा कि उनके लिए विश्वास करने हेतु आवश्यक है? | मुख्य याजकों ने कहा कि यीशु क्रूस पर से उतर आए तो वे विश्वास करेंगे। | |||
290 | 15:32 | wdk2 | मुख्य याजकों ने यीशु का उपहास करते समय किस उपनाम का उपयोग किया था? | मुख्य याजकों ने यीशु को मसीह और इस्राएल का राजा कहा था। | |||
291 | 15:33 | ppto | छठवें घंटे में क्या हुआ था? | छटवें घंटे में सम्पूर्ण देश में अन्धकार छा गया था। | |||
292 | 15:34 | t3wi | नौवें घंटे में यीशु ने पुकार कर क्या कहा था? | यीशु ने ऊंचे शब्दों में कहा, “हे मेरे परमेश्वर ,हे मेरे परमेश्वर तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?” | |||
293 | 15:37 | x92v | यीशु ने मरने से पूर्व क्या किया था? | मरने से पूर्व यीशु ने ऊंचे शब्दों में कहा था। | |||
294 | 15:38 | jdq8 | यीशु के मरने पर मंदिर में क्या हुआ था? | यीशु के मरने पर मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक दो भागों में विभाजित हो गया था। | |||
295 | 15:39 | tf5m | यीशु की मृत्यु को देख कर सूबेदार ने क्या कहा था? | उस सूबेदार ने कहा था कि यह मनुष्य निश्चय ही परमेश्वर का पुत्र है। | |||
296 | 15:42 | mthb | यीशु किस दिन मर गया था? | यीशु की मृत्यु सब्त से एक दिन पहले हुई थी। | |||
297 | 15:46 | yusf | यीशु की मृत्यु के पश्चात अरिमतिया के यूसुफ़ ने क्या किया था? | अरिमतिया के यूसुफ़ ने यीशु को क्रूस पर से उतारा और उसको सन के कपडे में लपेट कर कब्र में रख दिया था और कब्र के द्वार पर एक पत्थर को लुढ़का दिया। | |||
298 | 16:2 | l3lc | यीशु के शव का अभ्यंजन करने के लिए स्त्रियाँ कब कब्र पर आई थीं? | स्त्रियाँ सप्ताह के पहले दिन सूर्योदय के समय कब्र पर आई थीं। | |||
299 | 16:4 | b2oz | कब्र पर तो बहुत भारी पत्थर रखा हुआ था तो स्त्रियाँ कैसे उस कब्र में कैसे प्रवेश करने पाई थीं? | किसी ने उस कब्र पर से उस भारी पत्थर को हटा दिया था। | |||
300 | 16:5 | habp | कब्र में प्रवेश करने पर उन स्त्रियों ने क्या देखा? | उन स्त्रियों ने देखा की एक मनुष्य श्वेत वस्त्रों में दाहिनी और बैठा है। | |||
301 | 16:6 | nvic | उस युवक ने यीशु के विषय में उनसे क्या कहा? | उस युवक ने कहा कि यीशु जी उठा है और वह वहाँ नहीं है। | |||
302 | 16:7 | iqwx | उस युवक ने कौन सा स्थान बताया कि यीशु अपने शिष्यों से वहाँ भेंट करेगा? | उस युवक ने कहा कि शिष्य यीशु से गलील में भेंट करेंगे। | |||
303 | 16:9 | mgj4 | पुनरुत्थान के बाद यीशु किस पर सबसे पहले प्रकट हुआ था? | यीशु सबसे पहले मगदला वासी मरियम पर प्रकट हुआ था। | |||
304 | 16:11 | ge9j | मरियम ने जब शिष्यों से कहा कि उसने यीशु को जीवित देखा है तो शिष्यों ने कैसी प्रतिक्रिया दिखाई थी? | शिष्यों ने विश्वास नहीं किया था। | |||
305 | 16:13 | bhrb | जब अन्य दो मनुष्यों ने शिष्यों से कहा की उन्होंने यीशु को देखा है तो शिष्यों की प्रतिक्रिया कैसी थी? | शिष्यों ने विश्वास नहीं किया था। | |||
306 | 16:14 | f1b4 | जब यीशु शिष्यों पर प्रकट हुआ था तब उसने उके अविश्वास के लिए उनसे क्या कहा था? | यीशु ने अपने शिष्यों को अविश्वास के लिए झिड़का था। | |||
307 | 16:15 | zvc5 | यीशु ने अपने शिष्यों को क्या आज्ञा दी थी? | यीशु ने अपने शिष्यों से कहा था कि वे सम्पूर्ण संसार में जा कर शुभ सन्देश सुनाएं। | |||
308 | 16:16 | p7ix | यीशु के शब्दों में उद्धार किसका होगा? | यीशु ने कहा कि जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसका उद्धार निश्चित है। | |||
309 | 16:16 | u11w | यीशु ने किसके लिए कहा कि वह दोषी ठहराया जाएगा? | यीशु ने कहा कि जो विश्वास न करे वह दोषी ठहराया जाएगा। | |||
310 | 16:17-18 | l58h | यीशु ने क्या कहा कि विश्वास करने वालों के चीन होंगे? | यीशु ने कहा कि विश्वास करने वाले दुष्ट आत्माओं को निकालेंगे और नई-नई भाषाओं में बातें करेंगे। इसी भी प्राण घातक वस्तु से उनकी हानि नहीं होगी और वे रोगियों को स्वास्थ्य भी प्रदान करेंगे। | |||
311 | 16:19 | bac6 | शिष्यों से बातें करने के बाद यीशु के साथ क्या हुआ था? | शिष्यों से बातें करने के बाद यीशु स्वर्ग में उठा लिया गया और परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठ गया। | |||
312 | 16:20 | wd92 | इसके बाद शिष्यों ने क्या किया? | इसके बाद शिष्यों ने जाकर सर्वत्र प्रचार किया। | |||
313 | 16:20 | f45x | प्रभु ने तब क्या किया? | तब प्रभु ने शिष्यों के साथ काम किया और चमत्कारों के साथ वचन की पुष्टि की। |