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21:1nqlaपौलुस को किसने बुलाया था और उसे क्या बनने के लिए बुलाया गया था?यीशु मसीह ने पौलुस को एक प्रेरित होने के लिए बुलाया था।
31:3jx7vकुरिन्थ में स्थित कलीसिया के लिए पौलुस की क्या इच्छा थी जो वे हमारे परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से प्राप्त करें?पौलुस चाहता है कि वे हमारे परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से अनुग्रह और शान्ति प्राप्त करें।
41:5b752परमेश्वर ने कुरिन्थ में स्थित कलीसिया को किस प्रकार से धनी किया था?परमेश्वर ने उनको सब बातों और सारे ज्ञान में हर प्रकार से धनी किया था।
51:7i6eaकुरिन्थ में स्थित कलीसिया में किस बात की घटी नहीं थी?उनमें किसी भी आत्मिक वरदान की घटी नहीं थी।
61:8ytnmकुरिन्थ में स्थित कलीसिया को अंत में परमेश्वर दृढ़ क्यों करेगा?वह ऐसा इसलिए करेगा ताकि वे हमारे प्रभु यीशु मसीह के दिन में निर्दोष ठहरें।
71:10lj0lकुरिन्थ में स्थित कलीसिया से पौलुस क्या करने का आग्रह करता है?पौलुस उनसे आग्रह करता है कि वे आपस में सहमति रखें और उनके मध्य में फूट न हो और वे एक मन होकर तथा एक ही उद्देश्य में एकजुट रहें।
81:11u5drखलोए के घराने के लोगों ने पौलुस को क्या सूचना दी?खलोए के घराने के लोगों ने पौलुस को सूचना दी कि कुरिन्थ में स्थित कलीसिया के लोगों के मध्य में झगड़े उत्पन्न हो गए हैं।
91:12rp73झगड़ों से पौलुस का क्या अर्थ था?पौलुस का अर्थ यह था: तुम में से कोई-कोई कहता है कि “मैं पौलुस का हूँ,” या “मैं अपुल्लोस का हूँ,” या “मैं कैफा का हूँ,” या “मैं मसीह का हूँ।”
101:14-15ingpपौलुस इस बात के लिए परमेश्वर का धन्यवाद क्यों करता है कि उसने क्रिस्पुस और गयुस के अलावा उनमें से किसी को भी बपतिस्मा नहीं दिया था?पौलुस इस बात के लिए परमेश्वर का धन्यवाद इसलिए करता है क्योंकि इससे उनको यह कहने का कोई अवसर नहीं मिलेगा कि उनको पौलुस के नाम से बपतिस्मा दिया गया था।
111:17cu5vमसीह ने पौलुस को किस काम के लिए भेजा था?मसीह ने पौलुस को सुसमाचार सुनाने के लिए भेजा था।
121:18s2sdमरने वालों के लिए क्रूस का सन्देश क्या है?मरने वालों के लिए क्रूस का सन्देश मूर्खता है।
131:18eitiजिनको परमेश्वर बचा रहा है उन लोगों के मध्य में क्रूस का सन्देश क्या है?जिनको परमेश्वर बचा रहा है उन लोगों के मध्य में यह परमेश्वर की सामर्थ्य है।
141:20rq2lपरमेश्वर ने संसार की बुद्धिमानी को किस बात में बदल दिया?परमेश्वर ने संसार की बुद्धिमानी को मूर्खता में बदल दिया।
151:21kdhvइस बात ने परमेश्वर को लोगों का उद्धार करने के लिए प्रसन्न क्यों किया जो प्रचार की मूर्खता के माध्यम से विश्वास करते हैं?इस बात ने परमेश्वर को ऐसा करने हेतु इसलिए प्रसन्न किया क्योंकि संसार ने अपनी बुद्धिमानी में होकर परमेश्वर को नहीं जाना।
161:26picsजो मानवीय मानकों द्वारा बुद्धिमान थे या शक्तिशाली थे या कुलीन थे उनमें से कितनों को परमेश्वर ने बुलाया?जो इस प्रकार के थे उनमें से बहुतों को परमेश्वर ने नहीं बुलाया।
171:27d8pgपरमेश्वर ने इस संसार की मूर्ख वस्तुओं को और जो इस संसार में निर्बल है उन्हें क्यों चुना?उसने बुद्धिमानों को लज्जित करने और बलवानों को लज्जित करने के लिए ऐसा किया।
181:28-29clpqपरमेश्वर ने ऐसा क्या किया जिससे कि किसी को भी उसके सामने घमण्ड करने का कोई कारण न मिले?परमेश्वर ने इस संसार की नीच और तुच्छ वस्तुओं को और यहाँ तक कि ऐसी वस्तुओं को जो कुछ समझी भी नहीं जातीं चुन लिया।
191:30w8jnयीशु मसीह पर विश्वास करने वाले लोग क्यों पाए जाते थे?परमेश्वर ने जो किया था उसके कारण से वे यीशु मसीह में पाए जाते थे।
201:30j8evयीशु मसीह हमारे लिए क्या बन गया?वह हमारे लिए परमेश्वर की ओर से बुद्धि—हमारी धार्मिकता, पवित्रता, और छुटकारा बन गया।
211:31inpxयदि हम घमण्ड करें, तो हमें किसमें घमण्ड करना चाहिए?जो कोई घमण्ड करे, वह प्रभु पर घमण्ड करे।
222:1q17dजब पौलुस ने परमेश्वर के भेद का प्रचार किया तो वह कुरिन्थवासियों के पास किस तरीके से आया था?जब पौलुस ने परमेश्वर के भेद का प्रचार किया तो वह मनोहर बातों या ज्ञान के साथ नहीं आया था।
232:2temaजब पौलुस कुरिन्थवासियों के मध्य में था तो उसने क्या जानने का निर्णय लिया?पौलुस ने यीशु मसीह और उसके क्रूस पर चढ़ाए जाने के अलावा किसी अन्य बात को नहीं जानने का निर्णय लिया।
242:4-5ahv0पौलुस का वचन और उसका प्रचार बुद्धिमानी की प्रेरक बातों के बजाए आत्मा के प्रदर्शन और उसकी सामर्थ्य के प्रदर्शन के साथ क्यों किया गया था?ऐसा इसलिए था ताकि उनका विश्वास मनुष्यों की बुद्धिमानी में नहीं, परन्तु परमेश्वर की सामर्थ्य पर हो।
252:7w1r1पौलुस और जो लोग उसके साथ थे उन्होंने कौन सी बुद्धिमानी की बातें बोलीं?उन्होंने भेद में छिपी हुई परमेश्वर की बुद्धिमानी की बातें बोलीं-अर्थात ऐसी छिपी हुई बुद्धिमानी की बातें जिसे परमेश्वर ने हमारी महिमा के लिए युगों पहले ठहराया था।
262:8okzdयदि पौलुस के समय के शासक परमेश्वर की बुद्धिमानी की बात को जान जाते तो उन्होंने क्या नहीं किया होता?यदि वे शासक परमेश्वर की बुद्धिमानी की बात को जान जाते तो उन्होंने महिमा के प्रभु को क्रूस पर नहीं चढ़ाया होता।
272:10xov7पौलुस और जो लोग उसके साथ थे उन्होंने परमेश्वर की बुद्धिमानी की बात को कैसे जाना?आत्मा के माध्यम से उन बातों को परमेश्वर ने उन पर प्रकट किया था।
282:11w1kqपरमेश्वर की गहरी बातों को कौन जानता है?परमेश्वर की गहरी बातों को केवल परमेश्वर का आत्मा जानता है।
292:12u4z0वह कौन सा कारण है जिससे पौलुस और जो लोग उसके साथ थे उनको वह आत्मा मिला जो परमेश्वर की ओर से है?वह आत्मा जो परमेश्वर की ओर से है उनको इसलिए मिला ताकि वे उन बातों को जान सकें जो उन्हें परमेश्वर की ओर से मुफ्त में प्रदान की गई हैं।
302:14hqs0जो व्यक्ति आत्मिक नहीं है वह परमेश्वर के आत्मा की बातों को ग्रहण क्यों नहीं कर सकता या जान क्यों नहीं सकता?जो व्यक्ति आत्मिक नहीं है वह उन बातों को इसलिए ग्रहण नहीं कर सकता क्योंकि वे उसके लिए मूर्खता की बातें हैं, और वह उनको इसलिए समझ नहीं सकता क्योंकि वे आत्मिक रूप से पहचानी जाती हैं।
312:16h8orपौलुस ने क्या कहा कि जिन्होंने यीशु पर विश्वास किया उनमें किसका मन है?पौलुस ने कहा कि उनमें मसीह का मन है।
323:3ib2yपौलुस ने क्यों कहा कि कुरिन्थियों के विश्वासी अभी भी शारीरिक हैं?पौलुस ने कहा कि कुरिन्थियों के विश्वासी अभी भी शारीरिक इसलिए हैं क्योंकि उनके मध्य में ईर्ष्या और झगड़ा पाया जाता है।
333:5nikbकुरिन्थवासियों के लिए पौलुस और अपुल्लोस कौन थे?वे ऐसे सेवक थे जिनके माध्यम से कुरिन्थवासियों ने मसीह पर विश्वास किया था।
343:7vb19उन्नति कौन प्रदान करता है?परमेश्वर उन्नति प्रदान करता है।
353:11kmq6नींव कौन है?यीशु मसीह ही नींव है।
363:11-13egd8उस व्यक्ति के काम के साथ क्या होगा जो यीशु मसीह की नींव पर निर्माण करता है?उसका काम दिन के प्रकाश में और आग में प्रकट हो जाएगा।
373:13rtwqकिसी व्यक्ति के काम के साथ आग क्या करेगी?हर एक जन ने जो काम किया है, आग उस काम को परखकर उसकी गुणवत्ता प्रकट करेगी।
383:14ptecयदि किसी व्यक्ति का काम आग में से बच गया तो उसे क्या मिलेगा?उस व्यक्ति को पुरस्कार मिलेगा।
393:15gk8gजिस व्यक्ति का काम जल गया हो उसके साथ क्या घटित होगा?वह व्यक्ति हानि उठाएगा, परन्तु मानो कि वह आग से जलते-जलते स्वयं तो बच जाएगा।
403:16eg2xयीशु मसीह पर विश्वास करने वालों के रूप में हम कौन हैं और हम में कौन वास करता है?हम परमेश्वर के मन्दिर हैं और परमेश्वर का आत्मा हम में वास करता है।
413:17djhfयदि कोई परमेश्वर के मन्दिर को नाश करता है तो क्या घटित होगा?परमेश्वर उस व्यक्ति को नाश करेगा जो परमेश्वर का मन्दिर को नाश करता है।
423:18i4yjजो इस युग में स्वयं को बुद्धिमान समझता है उससे पौलुस क्या कहता है?पौलुस ने कहा, “…कि वह “मूर्ख” बने ताकि वह बुद्धिमान हो जाए।”
433:20cwq7बुद्धिमानों के तर्कों के विषय में प्रभु क्या जानता है?प्रभु जानता है कि बुद्धिमानों के तर्क व्यर्थ हैं।
443:21-23bqziकुरिन्थ के विश्वासियों को मनुष्यों पर घमण्ड करना बंद करने के लिए पौलुस क्यों बोलता है?वह उनसे घमण्ड करना बंद करने के लिए इसलिए बोलता है, “क्योंकि सब वस्तुएँ तो तुम्हारी हैं,” और क्योंकि, “… तुम मसीह के हो, और मसीह परमेश्वर का है”।
454:1k2o5पौलुस ने क्या कहा कि कुरिन्थियों को उसे और उसके साथियों को कैसा समझना चाहिए?कुरिन्थियों को उन्हें मसीह के सेवक और परमेश्वर के छिपे हुए सत्यों के भण्डारी के रूप में समझना चाहिए।
464:2q6dmकिसी भण्डारी के लिए एक योग्यता कौन सी है?भण्डारी विश्वासयोग्य पाया जाए।
474:4i87uपौलुस किसे अपना न्यायी कहता है?पौलुस कहता है कि प्रभु उसका न्याय करता है।
484:5tuacजब प्रभु आएगा तो वह क्या करेगा?वह अंधकार में छिपी हुई बातों को प्रकाश में लाएगा और हृदयों को उद्देश्यों को प्रकट करेगा।
494:6kgrkपौलुस ने इन सिद्धान्तों को स्वयं पर और अपुल्लोस पर लागू क्यों किया?पौलुस ने कुरिन्थ के विश्वासियों के निमित्त ऐसा किया ताकि वे इस कहावत का अर्थ जान पाएँ, “जो लिखा है उससे आगे न बढ़ना,” जिससे कि उनमें से कोई भी एक के विरोध में दूसरे का पक्ष लेने का विचार न करे।
504:8f81oपौलुस यह इच्छा क्यों करता है कि कुरिन्थ के विश्वास करने वाले राज्य करें?पौलुस इच्छा करता है कि वे राज्य करें ताकि पौलुस और उसके साथी भी उनके साथ राज्य करें।
514:10n6uvपौलुस किन तीन तरीकों से अपनी और अपने साथियों की तुलना कुरिन्थ के विश्वासियों से करता है?पौलुस कहता है, “हम मसीह के निमित्त मूर्ख हैं, परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो। हम निर्बल हैं, परन्तु तुम बलवान हो। तुम्हारा सम्मान किया जाता है, परन्तु हम अपमानित होते हैं।”
524:11iu76पौलुस ने प्रेरितों की शारीरिक दशा का वर्णन कैसे किया?पौलुस ने कहा कि वे भूखे-प्यासे, दरिद्रता वाले कपड़े पहने, निर्दयतापूूर्वक पीटे गए, और बेघर हैं।
534:12-13pvtcजब पौलुस और उसके साथियों के साथ बुरा बर्ताव किया गया तो उन्होंने कैसी प्रतिक्रिया दी?जब उन्हें पीटा गया, तो उन्होंने आशीष दी। जब उन्हें सताया गया, तो उन्होंने इसे सह लिया। जब उन्हें बदनाम किया गया, तो उन्होंने दयालु होकर बात की।
544:14axu2कुरिन्थ के विश्वास करने वालों को पौलुस ने यह बातें क्यों लिखीं?अपने प्रिय बालकों के रूप में उन्हें सुधारने के लिए उसने यह बातें उनको लिखीं।
554:16a7gkकुरिन्थ के विश्वास करने वालों को पौलुस किसका अनुकरण करने के लिए कहता है?पौलुस उनसे उसी का अनुकरण करने के लिए कहता है।
564:17vhaiवह क्या बात थी जिसे स्मरण करवाने के लिए पौलुस ने कुरिन्थ के विश्वास करने वालों के पास तीमुथियुस को भेजा था?पौलुस ने तीमुथियुस को कुरिन्थ में वहाँ रहने वाले विश्वासियों को मसीह में पाए जाने वाले पौलुस के तरीके स्मरण करवाने के लिए भेजा था।
574:18wgi7कुरिन्थ के कुछ विश्वास करने वाले कैसा व्यवहार कर रहे थे?उनमें से कुछ अभिमानी होकर ऐसे व्यवहार कर रहे थे कि मानो पौलुस उनके पास नहीं आएगा।
584:20hirgपरमेश्वर का राज्य किसमें निहित है?परमेश्वर का राज्य सामर्थ्य में निहित है।
595:1hb3vकुरिन्थ में स्थित कलीसिया के विषय में पौलुस ने क्या बात सुनी?पौलुस ने सुना कि उनमें यौन अनैतिकता पाई जाती है। उनमें से एक तो अपने पिता की पत्नी के साथ सो रहा था।
605:2niafपौलुस ने क्या कहा जो उस व्यक्ति के साथ किया जाना चाहिए जिसने अपने पिता की पत्नी के साथ पाप किया था?जिसने अपने पिता की पत्नी के साथ पाप किया था उसे उनके बीच में से निकाल दिया जाना चाहिए।
615:4-5bbndजिस व्यक्ति ने अपने पिता की पत्नी के साथ पाप किया था उसे क्यों और कैसे निकाला जाए?जब कुरिन्थ में स्थित कलीसिया प्रभु यीशु के नाम पर एक साथ इकट्ठा हो, तो उन्हें उस पापी मनुष्य को शरीर के विनाश के लिए शैतान के हाथों में सौंप देना था, ताकि प्रभु के दिन में उसकी आत्मा को बचाया जा सके।
625:8crqwबुरे व्यवहार और दुष्टता की तुलना पौलुस किसके साथ करता है?पौलुस उनकी तुलना ख़मीर के साथ करता है।
635:8ebavखराई और सच्चाई के लिए रूपक के रूप में पौलुस किसका उपयोग करता है?खराई और सच्चाई के लिए रूपक के रूप में पौलुस अख़मीरी रोटी का उपयोग करता है।
645:9ykxcकुरिन्थ के विश्वास करने वालों को पौलुस ने किसके साथ संगति नहीं करने के लिए कहा?पौलुस ने उन्हें लिखा कि यौन अनैतिकता करने वाले लोगों के साथ संगति न करना।
655:10vg24क्या उनके लिए पौलुस का अर्थ यह था कि वे किसी यौन अनैतिकता करने वाले व्यक्ति के साथ संगति न करें?पौलुस का अर्थ इस संसार के अनैतिक लोगों से नहीं था। नहीं तो तुम्हें उनसे दूर होने के लिए इस संसार से ही चले जाना पड़ेगा।
665:11q5szपौलुस का अर्थ क्या था कि कुरिन्थ के विश्वास करने वालों को किस के साथ संगति नहीं करनी थी?उनके लिए उसका अर्थ था कि उन्हें ऐसे किसी भी जन के साथ संगति नहीं करनी थी जो मसीह में भाई या बहन कहलाए और जो यौन अनैतिकता करे, लालची हो, गाली देता हो, पियक्कड़ हो, ठग हो, या मूर्तिपूजक हो।
675:12lnaxविश्वास करने वालों को किसका न्याय करना है?उन्हें उनका न्याय करना है जो कलीसिया के अंदर के लोग हैं।
685:13m99nजो कलीसिया से बाहर के लोग हैं उनका न्याय कौन करता है?जो बाहर वाले हैं उनका न्याय परमेश्वर करता है।
696:1-3h1ddपौलुस क्या कहता है कि कुरिन्थ के पवित्र लोगों को किस बात का न्याय करने में सक्षम होना चाहिए?पौलुस कहता है कि उन्हें इस जीवन के मामलों के सम्बन्ध में पवित्र लोगों के बीच विवादों का न्याय करने में सक्षम होना चाहिए।
706:2-3o0lmपवित्र लोग किसका न्याय करेंगे?पवित्र लोग इस संसार का और स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे।
716:6bwu2कुरिन्थ के मसीही लोग एक दूसरे के साथ अपने विवादों को कैसे निपटा रहे हैं?एक विश्वासी दूसरे विश्वासी के विरुद्ध न्यायालय में जाता है, और उस मामले को एक ऐसे न्यायाधीश के सामने रखा जाता है जो कि अविश्वासी है।
726:7j267कुरिन्थ के मसीही लोगों के मध्य में विवाद होते हैं यह तथ्य क्या संकेत करता है?यह संकेत करता है कि यह उनकी पराजय है।
736:9-10s5i0परमेश्वर के राज्य का वारिस कौन नहीं होगा?अधर्मी लोग: अर्थात यौन अनैतिकता करने वाले, मूर्तिपूजक, पुरुष वेश्याएँ, संलैंगिकता का अभ्यास करने वाले, चोर, लालची, पियक्कड़, निन्दा करने वाले, और ठग परमेश्वर के राज्य के वारिस नहीं होंगे।
746:11ohwtकुरिन्थ के उन विश्वासियों के साथ क्या घटित हुआ जिन्होंने बीते समय में अधर्म के कामों का अभ्यास किया था?उन्हें धोकर पवित्र किया गया, और प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्वर के आत्मा के द्वारा परमेश्वर के साथ सही ठहराया गया।
756:12-13rg4oवे कौन सी दो बातें हैं जो पौलुस कहता है कि वह उनको अपने ऊपर हावी नहीं होने देगा?पौलुस कहता है कि वह भोजन और यौन सम्बन्ध बनाने को अपने ऊपर हावी नहीं होने देगा।
766:15ds3oविश्वास करने वालों की देह किसके अंग हैं?उनकी देह मसीह के अंग हैं।
776:15hr8eक्या विश्वास करने वालों को वेश्या की संगति करनी चाहिए?नहीं। ऐसा कभी न हो!
786:16mz9cजब कोई वेश्या की संगति करता है तो क्या घटित होता है?वे दोनों एक तन हो जाएँगे।
796:17meegजब कोई प्रभु की संगति करता है तो क्या घटित होता है?वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है।
806:18iyrgजब लोग यौन अनैतिकता करते हैं तो वे किसके विरुद्ध पाप करते हैं?जब लोग यौन अनैतिकता करते हैं तो वे स्वयं की देह के विरुद्ध पाप करते हैं।
816:19-20mn50विश्वास करने वालों को अपनी देह से परमेश्वर की महिमा क्यों करनी चाहिए?उन्हें अपनी देह से परमेश्वर की महिमा इसलिए करनी चाहिए क्योंकि उनकी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है और क्योंकि उन्हें दाम देकर मोल लिया गया है।
827:2q2yjप्रत्येक पुरुष की अपनी पत्नी क्यों होनी चाहिए और प्रत्येक स्त्री का अपना पति क्यों होना चाहिए?बहुत से अनैतिक कृत्यों की प्रलोभन के कारण, प्रत्येक पुरुष की अपनी पत्नी होनी चाहिए और प्रत्येक पत्नी का अपना पति होना चाहिए।
837:4gmkkक्या पत्नी या पति का अपनी स्वयं की देह पर अधिकार है?नहीं। पति का अपनी पत्नी की देह पर अधिकार है, और वैसे ही, पत्नी का भी अपने पति की देह पर अधिकार है।
847:5kp04पति और पत्नी के लिए एक दूसरे को यौन रूप से वंचित रखना कब उचित है?यह तब उचित है यदि पति और पत्नी दोनों आपसी सहमति से एक विशिष्ट अवधि निर्धारित करें, ताकि वे स्वयं को प्रार्थना के लिए समर्पित कर सकें।
857:8jgm6पौलुस क्या कहता है जो विधवाओं और अविवाहित लोगों के लिए करना अच्छा है?पौलुस कहता है कि उनके लिए अविवाहित रहना ही अच्छा है, जैसे कि वह है।
867:9xeexकिस परिस्थिति में अविवाहितों और विधवाओं को विवाह करना चाहिए?यदि वे वासना में होकर जलने लगें और आत्मसंयम न रख पाएँ तो उन्हें विवाह कर लेना चाहिए।
877:10-11hljhजो विवाहित हैं प्रभु उन्हें क्या आज्ञा देता है?पत्नी को अपने पति से अलग नहीं होना चाहिए। यदि वह अपने पति से अलग हो जाए, तो उसे अविवाहित ही रहना चाहिए या अपने पति से फिर से मेल कर लेना चाहिए। साथ ही, पति को अपनी पत्नी को तलाक नहीं देना चाहिए।
887:12-13p0zdक्या एक विश्वास करने वाले पति या पत्नी को अपने अविश्वासी जीवनसाथी को तलाक देना चाहिए?यदि अविश्वासी पति या पत्नी अपने जीवनसाथी के साथ रहने में संतुष्ट है, तो विश्वास करने वाले जीवनसाथी को उस अविश्वासी को तलाक नहीं देना चाहिए।
897:15jf44यदि उनका अविश्वासी जीवनसाथी अलग हो जाता है जो एक विश्वास करने वाले को क्या करना चाहिए?उस विश्वास करने वाले को उस अविश्वासी जीवनसाथी को जाने देना चाहिए।
907:17r33wपौलुस ने सब कलीसियाओं में कौन सा नियम निर्धारित किया?वह नियम यह था: हर एक जन वैसा ही जीवन व्यतीत करे जैसा प्रभु ने उन्हें सौंपा है, और जैसा परमेश्वर ने उन्हें बुलाया है।
917:18npl0खतनारहित और खतना वालों को पौलुस ने कौन सी सलाह दी?पौलुस ने कहा कि खतनारहितों का खतना नहीं करवाना चाहिए और खतना वालों को अपने खतने के चिन्हों को हटाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
927:21-23yva1दासों के विषय में पौलुस ने क्या कहा?जब परमेश्वर ने उन्हें बुलाया था, तब यदि वे दास थे तो इसके बारे में चिन्ता न करें, परन्तु यदि वे स्वतंत्र हो सकते हैं, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए। यदि वे दास भी हों, तब भी वे प्रभु के स्वतन्त्र किए हुए जन हैं। उन्हें मनुष्यों का दास नहीं बनना चाहिए।
937:26jftzपौलुस ने ऐसा क्यों सोचा कि एक ऐसे व्यक्ति के लिए जिसने कभी विवाह नहीं किया था, अविवाहित रहना ही अच्छा था, जैसा कि पौलुस था?पौलुस ने आने वाले संकट का कारण ऐसा सोचा कि एक व्यक्ति के लिए अविवाहित रहना ही अच्छा था।
947:27tlujयदि वे किसी स्त्री के साथ विवाह की वाचा में बंधे हुए हों तो विश्वास करने वालों को क्या करना चाहिए?उन्हें स्त्री से विवाह करने की अपनी वाचा से स्वतंत्र होने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
957:28lygnजो पत्नी से स्वतंत्र हैं और जो अविवाहित हैं, पौलुस उनसे क्यों कहता है कि “पत्नी की खोज मत करो।”वह ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि वह उनको बहुत प्रकार की ऐसी मुसीबतों से बचाना चाहता था जो उन लोगों को जीवन व्यतीत करने में होगी जो विवाहित हैं।
967:31lqalजो लोग संसार के साथ मेलजोल रखते हैं उन्हें ऐसा व्यवहार क्यों करना चाहिए कि मानो उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है?उनको इस रीति से इसलिए व्यवहार करना चाहिए क्योंकि इस संसार की प्रणाली का अंत होने वाला है।
977:33-34dd2hउन मसीहियों के लिए जो विवाहित हैं, प्रभु के प्रति अपनी भक्ति में अविभाजित होना कठिन क्यों है?यह कठिन इसलिए है क्योंकि एक विश्वासी पति या पत्नी को संसार की बातों की चिन्ता रहती है कि वह अपनी पत्नी या अपने पति को कैसे प्रसन्न करे।
987:38bjxvजो अपनी मंगेतर से विवाह करता है उससे बेहतर कौन करता है?जो विवाह न करने का चुनाव करता है वह तो और भी बेहतर करता है।
997:39gojgकोई स्त्री अपने पति से कितने समय तक बंधी रहती है?वह अपने पति से तब तक बंधी रहती है जब तक वह जीवित है।
1007:39ls4kयदि किसी विश्वास करने वाली स्त्री का पति मर जाए, तो वह किससे विवाह करे?वह जिससे चाहे उससे विवाह कर सकती है, परन्तु केवल ऐसे जन से जो प्रभु में पाया जाता है।
1018:1shxyइस अध्याय में पौलुस किस विषय को सम्बोधित करना आरम्भ करता है?पौलुस मूर्तियों को चढ़ाए हुए भोजन के विषय को सम्बोधित करता है।
1028:1foupज्ञान और प्रेम के क्या परिणाम होते हैं?ज्ञान किसी व्यक्ति को घमण्डी बना देता है, परन्तु प्रेम से उन्नति होती है।
1038:4t0rkक्या कोई मूर्ति परमेश्वर के बराबर है?नहीं। इस संसार में पाई जाने वाली मूर्ति कुछ भी नहीं है, और उस एकमात्र के अलावा कोई परमेश्वर नहीं है।
1048:6t510एकमात्र परमेश्वर कौन है?केवल एक ही परमेश्वर पिता है। उसी की ओर से सब वस्तुएँ हैं, और हम उसी के लिए जीवित हैं।
1058:6hdyuएकमात्र प्रभु कौन है?केवल एक ही प्रभु यीशु मसीह है, जिसके माध्यम से सब वस्तुएँ अस्तित्व में हैं, और उसी के माध्यम से हम भी अस्तित्व में हैं।
1068:7ulosक्या होता है जब मूर्तिपूजा का अभ्यास करने वाले कुछ लोग उस भोजन को खाते हैं जिसे मानो किसी मूर्ति को चढ़ाया गया हो?उनका विवेक निर्बल होने के कारण दूषित हो गया है।
1078:8zii4जो भोजन हम खाते हैं क्या वह हमें परमेश्वर के लिए बेहतर बनाता है या बदतर बनाता है?परमेश्वर के सामने भोजन हमारा अनुमोदन नहीं करेगा। यदि हम न खाएँ तो बदतर नहीं होंगे, और यदि खाएँ तो बेहतर नहीं होंगे।
1088:9xft6हमें किस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कहीं हमारी स्वतंत्रता वह न बन जाए?हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी स्वतंत्रता किसी ऐसे व्यक्ति के लिए ठोकर खाने का कारण न बने जो विश्वास में निर्बल है।
1098:11worqनिर्बल विवेक वाले भाई या बहन के साथ क्या घटित सकता है यदि वे मूर्ति के वास्तविक स्वरूप को समझने वाली अपनी स्वतंत्रता का उपयोग करने में सावधान नहीं हैं?\nनिर्बल विवेक वाले भाई या बहन का नाश हो सकता है।
1108:11-12j14xजब हम मसीह में पाए जाने वाले किसी भाई या बहन को उसके निर्बल विवेक के कारण जानबूझकर ठोकर खिलाते हैं तो हम किसके विरुद्ध पाप करते हैं?हम उस भाई या बहन के विरुद्ध पाप करते हैं जिसे हम ठोकर खिलाते हैं, और हम मसीह के विरुद्ध पाप करते हैं।
1118:13eu02यदि भोजन उसके भाई या बहन को ठोकर खिलाए तो पौलुस क्या कहता है कि वह करेगा?पौलुस कहता है कि यदि उसका भोजन उसके भाई या बहन को ठोकर खिलाए, तो वह फिर कभी माँस नहीं खाएगा।
1129:1-2cvekपौलुस ने कौन सा सबूत पेश किया कि वह एक प्रेरित है?पौलुस कहता है कि क्योंकि कुरिन्थ के विश्वास करने वाले प्रभु में उसकी कारीगरी थे, इसलिए वे स्वयं ही प्रभु में पौलुस के प्रेरित होने का प्रमाण थे।
1139:4-5trtjप्रेरितों, प्रभु के भाइयों और कैफा के कुछ अधिकारों के रूप में पौलुस ने क्या सूचीबद्ध किया?पौलुस ने कहा कि उनके पास खाने और पीने का अधिकार है तथा उन्हें अपने साथ एक विश्वासी पत्नी रख लेने का अधिकार भी है।
1149:7mz5uपौलुस ने उन लोगों के बारे में कौन से उदाहरण दिए जो अपने काम से लाभ प्राप्त करते हैं या भुगतान करते हैं? पौलुस सैनिकों का, दाख की बारी लगाने वाले व्यक्ति का, और भेड़-बकरियों को चराने वाले व्यक्ति का उल्लेख उन लोगों के उदाहरण के रूप में करता है जो अपने काम से लाभ प्राप्त करते हैं या भुगतान करते हैं।
1159:9pe3cलाभ प्राप्त करने या किसी के काम से भुगतान करने के विचार का समर्थन करने के लिए पौलुस ने मूसा की व्यवस्था से क्या उदाहरण दिया?अपनी बहस का समर्थन करने के लिए पौलुस ने इस आज्ञा को उद्धृत किया, “अन्न दाँवने वाले बैल का मुँह न बाँधना।”
1169:12a8jvपौलुस और उसके साथियों ने कुरिन्थियों की ओर से भौतिक लाभ के अपने अधिकार का दावा क्यों नहीं किया?पौलुस और उसके साथियों ने इस अधिकार का दावा इसलिए नहीं किया ताकि वे मसीह के सुसमाचार में कोई बाधा न डालें।
1179:14hba5सुसमाचार का प्रचार करने वालों के विषय में प्रभु ने क्या आज्ञा दी?प्रभु ने आज्ञा दी कि जो सुसमाचार का प्रचार करते हैं वे अपनी जीविका भी सुसमाचार से ही प्राप्त करें।
1189:16rztdपौलुस ने क्या कहा जिसके बारे में वह घमण्ड नहीं कर सकता था, और वह उस पर घमण्ड क्यों नहीं कर सकता था?पौलुस ने कहा कि वह सुसमाचार का प्रचार करने के बारे में घमण्ड नहीं कर सकता, क्योंकि उसे तो सुसमाचार का ही प्रचार करना था।
1199:19o0pjपौलुस सब का सेवक क्यों बन गया?पौलुस सब का सेवक इसलिए बन गया ताकि वह अधिक लोगों को परमेश्वर के लिए जीत सके।
1209:20uh18यहूदियों को जीतने के लिए पौलुस किसके समान बन गया?यहूदियों को जीतने के लिए पौलुस यहूदियों के समान बन गया।
1219:21zqbbव्यवस्था से बाहर वालों को जीतने के लिए पौलुस किसके समान बन गया?व्यवस्था से बाहर वालों को जीतने के लिए पौलुस व्यवस्था से बाहर वालों के समान बन गया।
1229:23fpvxसुसमाचार के निमित्त पौलुस ने सब कुछ क्यों किया?उसने ऐसा इसलिए किया ताकि वह भी सुसमाचार की आशीषों में सहभागी बने।
1239:24dm5oपौलुस ने किस प्रकार से दौड़ने के लिए कहा?पौलुस ने पुरस्कार जीतने हेतु दौड़ने के लिए कहा।
1249:25mdrrपौलुस किस प्रकार का सेहरा पाने के लिए दौड़ रहा था?पौलुस इसलिए दौड़ रहा था ताकि वह एक अविनाशी सेहरे को प्राप्त करे।
1259:27ft21पौलुस ने अपनी देह को अपने वश में करके उसे अपना दास क्यों बना लिया?पौलुस ने ऐसा इसलिए किया ताकि वह दूसरों को प्रचार करके, स्वयं अयोग्य न ठहरे।
12610:1-4eaawमूसा के समय में उनके पुरखाओं के पास कौन से सामान्य अनुभव थे?वे सब उस बादल के नीचे थे और समुद्र के बीच से होकर गुजरे। उन सभी ने बादल और समुद्र में मूसा का बपतिस्मा लिया, और उन सब ने एक ही आत्मिक भोजन खाया और एक ही आत्मिक जल पिया।
12710:4ywzbवह आत्मिक चट्टान कौन थी जो उनके पुरखाओं के पीछे-पीछे आती थी?वह चट्टान मसीह था जो उनके पीछे-पीछे आती थी।
12810:6uqfrमूसा के समय में परमेश्वर उनके पुरखाओं से क्यों प्रसन्न नहीं था?वह प्रसन्न इसलिए नहीं था क्योंकि उनके पुरखाओं ने बुरी वस्तुओं की चाह की थी।
12910:9-10bjcwकिन माध्यमों से परमेश्वर ने उन अनाज्ञाकारी और कुड़कुड़ाने वाले लोगों का नाश किया?परमेश्वर ने साँपों के द्वारा और नाश करने वाले, अर्थात मृत्यु के स्वर्गदूत के द्वारा उनका नाश किया।
13010:11nxg7यह बातें क्यों घटित हुईं और इनको क्यों लिखा गया?यह बातें हमारे लिए उदाहरण स्वरूप घटित हुईं और इनको हमारे निर्देश के लिए लिखा गया।
13110:13md71क्या कोई अनूठा प्रलोभन हमारे साथ घटित हुआ है?ऐसा कोई प्रलोभन हम पर नहीं पड़ा जो सब मनुष्यों के लिए सामान्य न हो।
13210:13pcrhप्रलोभन को सह लेने में हमें सक्षम करने के लिए परमेश्वर ने क्या किया है?उसने बचने का मार्ग प्रदान किया है ताकि हम प्रलोभन को सहने में सक्षम हों।
13310:14nt41कुरिन्थ के विश्वास करने वालों को पौलुस किस बात से दूर भागने की चेतावनी देता है?वह उनको मूर्तिपूजा से दूर भागने की चेतावनी देता है।
13410:16t64wवह धन्यवाद का कटोरा क्या है जिस पर विश्वास करने वाले लोग धन्यवाद देते हैं, और वह रोटी कौन सी है जिसे वे तोड़ते हैं?वह कटोरा मसीह के लहू में सहभागिता करना है। और वह रोटी मसीह की देह में सहभागिता करना है।
13510:20m2tjअन्यजाति मूर्तिपूजक लोग अपने बलिदान किसे चढ़ाते हैं?वे इन वस्तुओं को परमेश्वर को नहीं, बल्कि दुष्टात्माओं को चढ़ाते हैं।
13610:20-21mayfचूँकि पौलुस नहीं चाहता था कि कुरिन्थ के विश्वास करने वाले लोग दुष्टात्माओं के सहभागी बनें, तो वह उनसे क्या कहता है जिसे वे नहीं कर सकते?पौलुस उनसे कहता है कि वे प्रभु के कटोरे और दुष्टात्माओं के कटोरे में से नहीं पी सकते, और वे प्रभु की मेज और दुष्टात्माओं की मेज पर सहभागिता नहीं कर सकते।
13710:22nqyjयदि हम प्रभु के विश्वासियों के रूप में दुष्टात्माओं के साथ भी सहभागी होते हैं तो हमें क्या जोखिम है?हम प्रभु को ईर्ष्या के लिए उकसाने का जोखिम उठाते हैं।
13810:24uzgiक्या हमें अपनी भलाई की खोज करनी चाहिए?नहीं। बजाए इसके, हर एक जन को अपने पड़ोसी की भलाई की खोज करनी चाहिए।
13910:27g0lxयदि कोई अविश्वासी तुम्हें भोजन के लिए आमंत्रित करे, और तुम जाना चाहो, तो तुम्हें क्या करना चाहिए?जो कुछ भी तुम्हारे सामने रखा जाए तुम को वह विवेक के प्रश्न पूछे बिना खा लेना चाहिए।
14010:28-29jgngयदि तुम्हारा अविश्वासी मेजबान तुम्हें बताए कि जो भोजन तुम खाने वाले हो वह मूर्तिपूजा के बलिदान से आया है, तो तुम को वह क्यों नहीं खाना चाहिए?उस व्यक्ति के निमित्त जिसने तुम को बताया और दूसरे व्यक्ति के विवेक के निमित्त, तुम को वह नहीं खाना चाहिए।
14110:31eyhgपरमेश्वर की महिमा के लिए हमें क्या करना चाहिए?हमें खाने और पीने समेत सब बातें परमेश्वर की महिमा के लिए करनी चाहिए।
14210:32-33anmaहमें यहूदियों का और यूनानियों का और परमेश्वर की कलीसिया का अपमान क्यों नहीं करना चाहिए?हमें उनका अपमान इसलिए नहीं करना चाहिए ताकि वे भी उद्धार पाएँ।
14311:1zv18पौलुस ने कुरिन्थ के विश्वासियों को किसका अनुकरण करने के लिए कहा?पौलुस ने उनसे स्वयं का अनुकरण करने के लिए कहा।
14411:1hxu8पौलुस ने किसका अनुकरण किया?पौलुस मसीह का अनुकरण करता था।
14511:2noh3पौलुस ने कुरिन्थ के विश्वासियों की बड़ाई किस कारण से की?पौलुस ने उनकी बड़ाई इसलिए की क्योंकि उन्होंने उसे सब बातों में स्मरण रखा और उन परम्पराओं को ठीक वैसे ही पकड़े रखा, जैसे उसने उन्हें उनको सौंपा था।
14611:3fbzuमसीह का सिर कौन है?मसीह का सिर परमेश्वर है।
14711:3p9ffपुरुष का सिर कौन है?प्रत्येक पुरुष का सिर मसीह है।
14811:3mn02स्त्री का सिर कौन है?स्त्री का सिर पुरुष है।
14911:4aetpजब कोई पुरुष अपना सिर ढाँपे हुए प्रार्थना करता है तो क्या घटित होता है?यदि वह अपना सिर ढाँपे हुए प्रार्थना करता है तो वह अपने सिर का अपमान करता है।
15011:5mrpiजब कोई स्त्री अपना सिर उघाड़े प्रार्थना करती है तो क्या घटित होता है?जो कोई स्त्री अपना सिर उघाड़े प्रार्थना करती है तो वह अपने सिर का अपमान करती है।
15111:7bgmrपुरुष को अपना सिर क्यों नहीं ढाँपना चाहिए?उसे अपना सिर इसलिए नहीं ढाँपना चाहिए क्योंकि वह परमेश्वर का स्वरूप और महिमा है।
15211:9ratfस्त्री को किसके लिए बनाया गया था?स्त्री को पुरुष के लिए बनाया गया था।
15311:11-12i00nस्त्री और पुरुष दोनों ही एक दूसरे पर निर्भर क्यों हैं?स्त्री की उत्पत्ति पुरुष से हुई, और पुरुष की उत्पत्ति स्त्री से होती है।
15411:13i31fस्त्रियों के प्रार्थना करने के विषय में पौलुस, उसके साथियों और परमेश्वर की कलीसियाओं की क्या प्रथा थी?स्त्रियों के लिए यह उनकी प्रथा थी कि वे अपने सिरों को ढाँपें हुए प्रार्थना करें।
15511:19ifwpकुरिन्थ के मसीहियों के मध्य में गुटबंदी क्यों होनी चाहिए?उनके मध्य में गुटबंदी इसलिए होनी चाहिए ताकि जो लोग स्वीकार्य हैं वे उनके मध्य में पहचाने जाएँ।
15611:21excyजब कुरिन्थ की कलीसिया भोजन के लिए एक साथ इकट्ठी हुई तो क्या हो रहा था?जब उन्होंने भोजन किया, तो दूसरों को उनका भोजन मिलने से पहले ही हर एक ने अपना भोजन खा लिया। तब एक तो भूखा रह गया, और दूसरा मतवाला हो गया।
15711:23-24q76gजिस रात प्रभु को पकड़वाया गया, तो रोटी तोड़ने के बाद उसने क्या कहा?उसने कहा, “यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिए है; मेरे स्मरण में ऐसा किया करो।”
15811:25vtpvभोजन के बाद जब प्रभु ने कटोरा लिया तो उसने क्या कहा?उसने कहा, “यह कटोरा मेरे लहू में नयी वाचा है। जब कभी तुम इसे पीयो तो मेरे स्मरण में ऐसा किया करो।”
15911:26iy64हर बार जब तुम इस रोटी को खाते हो और इस प्याले में से पीते हो तो तुम क्या करते हो?तुम प्रभु के आगमन तक उसकी मृत्यु का प्रचार करते हो।
16011:27fw4uकिसी व्यक्ति को अनुचित रीति से रोटी क्यों नहीं खानी चाहिए या प्रभु का कटोरे में से क्यों नहीं पीना चाहिए?ऐसा करना तुम्हें प्रभु की देह और लहू का अपराधी ठहराएगा।
16111:29alqlउस व्यक्ति के साथ क्या होता है जो बिना समझे रोटी खाता या प्याले में से पीता है?ऐसा करके, वह व्यक्ति खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है।
16211:30puxgकुरिन्थ की कलीसिया में बहुत से लोगों के साथ क्या हुआ जिन्होंने अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाई और प्रभु के प्याले में से पिया?उनमें से बहुत से लोग बीमार और रोगी हो गए, और उनमें से कुछ तो मर भी गए।
16311:33z77yकुरिन्थ के विश्वास करने वालों से पौलुस क्या करने के लिए कहता है जब वे भोजन करने के लिए एक साथ इकट्ठे हों?वह उनसे एक दूसरे के लिए प्रतीक्षा करने को कहता है।
16412:1u620कुरिन्थ के मसीहियों को पौलुस किस बारे में सूचित करना चाहता है?पौलुस उन्हें आत्मिक वरदानों के बारे में सूचित करना चाहता है।
16512:3q4kiजो परमेश्वर के आत्मा के द्वारा बोलता है वह क्या कहने के योग्य नहीं है?वह यह नहीं कह सकता कि “यीशु श्रापित है।”
16612:3d393कोई व्यक्ति कैसे कह सकता है कि “यीशु ही प्रभु है”?कोई व्यक्ति केवल पवित्र आत्मा के द्वारा ही कह सकता है कि “यीशु ही प्रभु है”।
16712:4-6fi5gप्रत्येक विश्वासी में परमेश्वर किस बात को सम्भव करता है?प्रत्येक विश्वासी में परमेश्वर अलग-अलग वरदानों, अलग-अलग सेवकाइयों, और अलग-अलग प्रकार के कार्यों को सम्भव करता है।
16812:7zgjeआत्मा का बाहरी प्रदर्शन क्यों दिया गया है?यह सभी के लाभ के लिए दिया गया है।
16912:9-10y5e4आत्मा के द्वारा दिए गए कुछ वरदान कौन से हैं?वे कुछ वरदान विश्वास करना, चंगाई के वरदान, सामर्थ्य के काम, भविष्यद्वाणी करना, आत्माओं के बीच भेद करने की क्षमता, विभिन्न प्रकार की भाषाएँ और भाषाओं का अनुवाद करना हैं।
17012:11eyczयह चुनाव कौन करता है कि हर एक जन को कौन से वरदान मिले?आत्मा जैसा चाहता है वैसे ही हर एक जन को अलग-अलग वरदान प्रदान करता है।
17112:13b5s6सब मसीहियों को किस में बपतिस्मा दिया गया?हम सब को एक ही देह में बपतिस्मा दिया गया और सब को एक ही आत्‍मा पिलाया गया।
17212:18z3peदेह के प्रत्येक अंग को किसने व्यवस्थित किया और बनाया था?परमेश्वर ने ही देह के प्रत्येक अंग को इस बनाते समय व्यवस्थित किया था।
17312:22bs9cक्या हम देह के उन अंगों के बिना कुछ कर सकते हैं जो कम सम्माननीय दिखते हैं?नहीं। देह के कम सम्माननीय दिखने वाले अंग भी आवश्यक हैं।
17412:24gplmउन अंगों समेत जो कम सम्माननीय हैं, उनके लिए परमेश्वर ने क्या किया है?परमेश्वर ने उन सब अंगों को एक साथ जोड़ दिया, और जिनको कम सम्मान मिलता था उसने उन्हें अधिक सम्मान प्रदान किया।
17512:25wadcदेह के जिन अंगों को कम सम्मान मिलता था परमेश्वर ने उन्हें अधिक सम्मान क्यों प्रदान किया?उसने ऐसा इसलिए किया ताकि देह के भीतर कोई फूट न पड़े, परन्तु अंगों को एक-दूसरे की एक समान स्नेह से देखभाल करनी चाहिए।
17612:28s9wtपरमेश्वर ने कलीसिया में किनको नियुक्त किया है?परमेश्वर ने कलीसिया में पहले प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर चमत्कार करने वाले, चंगाई के वरदान वाले, सहायता करने वाले, प्रशासन करने वाले, विभिन्न प्रकार की भाषाएँ बोलने वालों को नियुक्त किया है।
17712:31ii2iकुरिन्थ के मसीहियों को पौलुस किस बात की खोज करने के लिए कहता है?वह उनसे बड़े से बड़े वरदानों की खोज करने के लिए कहता है।
17812:31cs7eपौलुस क्या कहता है जिसे वह कुरिन्थ के मसीहियों को दिखाएगा?वह कहता है कि वह उनको एक बढ़िया तरीका दिखाएगा।
17913:1az4dयदि पौलुस मनुष्यों और स्वर्गदूतों की भाषाएँ बोले परन्तु प्रेम न रखे तो वह क्या बन जाएगा?वह कोलाहल करने वाला घड़ियाल अथवा झंझनाती हुई झाँझ बन जाएगा।
18013:2tp14यदि पौलुस के पास भविष्यद्वाणी करने का वरदान हो, सब छिपे हुए सत्यों और ज्ञान की समझ हो और बड़ा विश्वास हो, परन्तु प्रेम न हो तो वह क्या बन जाएगा?प्रेम के बिना वह कुछ भी नहीं होगा।
18113:3swseकैसे पौलुस निर्धनों को खिलाने के लिए अपना सब कुछ दे दे और अपनी देह को जलाने के लिए दे दे और फिर भी उसे कुछ लाभ न हो?यदि वह प्रेम न रखे, तो उसे कुछ लाभ नहीं होगा भले ही उसने इन सब दूसरे कामों किया हो।
18213:5-7mowcप्रेम की कुछ विशेषताएँ कौन सी हैं?प्रेम धीरजवन्त और कृपालु है; प्रेम डाह या गर्व नहीं करता; यह अभिमानी या असभ्य नहीं है। यह स्वयं की सेवा करने वाला नहीं है, सरलता से क्रोधित नहीं होता, और न ही यह बुराइयों की गिनती रखता है। वह अधर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब कुछ सह लेता है, सब बातों पर विश्वास करता है, सब बातों पर भरोसा रखता है, और सब बातों में धीरज धरता है।
18313:8necqक्या कभी असफल नहीं होगा?प्रेम कभी असफल नहीं होता।
18413:8-10z4gnऐसी कौन सी बातें हैं जो समाप्त हो जाएँगी या मौन हो जाएँगी?भविष्यद्वाणियाँ, ज्ञान और जो अपूर्ण है वह मिट जाएगा और भाषाएँ मौन हो जाएँगी।
18513:11zyxyपौलुस ने क्या कहा कि जब वह वयस्क हो गया तो उसने क्या किया?पौलुस ने कहा कि जब वह वयस्क हो गया तो उसने बचकानी बातें छोड़ दीं।
18613:13vpukकौन सी तीन बातें बनी रहेंगी, और उन तीन में से सबसे बड़ा कौन है?विश्वास, आशा, और प्रेम बने रहेंगे। इनमें से सबसे बड़ा प्रेम है।
18714:1n48fकिस आत्मिक वरदान के लिए पौलुस कहता है कि हमें उसकी धुन में विशेष रूप से रहना चाहिए?पौलुस ने कहा कि हमें भविष्यद्वाणी करने की धुन में विशेष रूप से रहना चाहिए।
18814:2yjajजब कोई व्यक्ति अन्य भाषा में बात करता है तो वह किससे बात कर रहा है?वह मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से बात कर रहा है।
18914:3-4xy14जो भविष्यद्वाणी करता है वह किसकी उन्‍नति करता है, और जो अन्य भाषा में बोलता है वह किसकी उन्नति करता है?जो भविष्यद्वाणी करता है वह मनुष्यों की उन्‍नति करता है, और जो अन्य भाषा में बोलता है वह स्वयं की उन्नति करता है।
19014:7-9o69vजिस उपदेश को कोई व्यक्ति समझ नहीं सकता उसकी तुलना पौलुस किसके साथ करता है?वह उसकी तुलना बाँसुरी या वीणा जैसे वाद्ययंत्रों के साथ करता है कि यदि वे विशिष्ट ध्वनियाँ उत्पन्न न करें तो क्या हो,और साथ ही यदि कोई तुरही अस्पष्ट स्वर उत्पन्न करे तो क्या हो।
19114:12ocz0कुरिन्थ के विश्वास करने वालों से पौलुस क्या कहता है कि उनको वह करने की धुन में रहना चाहिए?वह कहता है कि उनको कलीसिया की उन्नति के लिए वरदानों में बहुतायत से पाए जाने की धुन में रहना चाहिए।
19214:13a2udअन्य भाषा बोलने वाले व्यक्ति को किस बात के लिए प्रार्थना करनी चाहिए?उसे प्रार्थना करनी चाहिए कि वह अनुवाद भी कर सके।
19314:14dcf5पौलुस ने क्या कहा कि जब उसने अन्य भाषा में प्रार्थना की तो उसकी आत्मा और मन ने क्या किया?पौलुस ने कहा कि यदि उसने अन्य भाषा में प्रार्थना की, तो उसकी आत्मा ने प्रार्थना की, परन्तु उसका मन निष्फल ही था।
19414:15yjl4पौलुस ने कौन सा तरीका बताया जिससे वह प्रार्थना करने वाला था और गीत गाने वाला था?पौलुस ने कहा कि वह केवल अपनी आत्मा से परन्तु साथ ही में अपने मन से भी प्रार्थना करने वाला था और गीत गाने वाला था।
19514:19rcnaपौलुस ने क्या बताया जो उसने अन्य भाषा में 10,000 शब्द बोलने के बजाए किया?पौलुस ने कहा कि उसने अपनी समझ के साथ केवल पाँच शब्द इसलिए बोले ताकि वह दूसरों को निर्देश दे सके।
19614:22x6axअन्य भाषाएँ बोलना और भविष्यद्वाणी करना किसके लिए चिन्ह हैं?अन्य भाषाएँ बोलना अविश्वासियों के लिए चिन्ह हैं और भविष्यद्वाणी करना विश्वास करने वालों के लिए चिन्ह है।
19714:23lzt8यदि बाहरी लोग और अविश्वासी लोग कलीसिया में आएँ, और सभी जन अन्य भाषाएँ बोल रहे हों, तो वे क्या कहेंगे?वे सम्भवतः कहेंगे कि विश्वास करने वाले लोग पागल हैं।
19814:24tua2यदि कलीसिया में सभी लोग भविष्यद्वाणी कर रहे हों, और कोई अविश्वासी या बाहरी व्यक्ति आ जाए तो पौलुस क्या बताता है जो घटित होगा?पौलुस कहता है कि उस अविश्वासी या बाहरी व्यक्ति को दोषी ठहराया जाएगा और उसने जो कुछ भी सुना, उससे उसकी परीक्षा की जाएगी।
19914:25z85jयदि भविष्यद्वाणी करने वाले लोग उसके हृदय के भेदों को प्रकट कर दें तो अविश्वासी या बाहरी व्यक्ति क्या करेगा?वह अपने मुँह के बल गिरकर, परमेश्वर की आराधना करेगा, और यह घोषणा करेगा कि सचमुच परमेश्वर उनके बीच में है।
20014:27-28y7prजब विश्वासी एक साथ इकट्ठे होते हैं तो अन्य भाषाओं में बोलने वालों के लिए पौलुस का क्या निर्देश है?वह कहता है कि केवल दो या अधिक से अधिक तीन जन बारी-बारी से बोलें। यदि वहाँ अन्य भाषा की व्याख्या करने वाला कोई व्यक्ति न हो, तो उनमें से हर एक जन कलीसिया में चुप रहे।
20114:29-30yqkwजब कलीसिया एक साथ इकट्ठी हो तो भविष्यवक्ताओं को पौलुस का क्या निर्देश है?पौलुस कहता है कि दो या तीन भविष्यद्वक्ताओं को बोलने दो, जबकि जो कहा गया है उसे दूसरे लोग समझ के साथ सुनें। यदि किसी दूसरे भविष्यद्वक्ता के पास कोई अन्तर्दृष्टि हो, तो जो बोल रहा है, उसे चुप हो जाना चाहिए।
20214:34p570पौलुस क्या कहता है कि कहाँ स्त्रियों को बोलने की अनुमति नहीं है?पौलुस कहता है कि स्त्रियों को कलीसियाओं में बोलने की अनुमति नहीं है।
20314:35lyhwपौलुस ने क्या कहा जो स्त्रियों को करना चाहिए यदि वे कुछ सीखने की इच्छा रखती हैं?पौलुस ने उनसे कहा कि वे घर में अपने पतियों से पूछें।
20414:35r5keकलीसिया में बोलने वाली किसी स्त्री को लोग कैसे देखते थे?इसे लज्जा की बात के रूप में देखा जाता था।
20514:37smw2जो लोग स्वयं को भविष्यद्वक्ता या आत्मिक जन समझते हैं, उन्हें पौलुस की कही हुई कौन सी बात स्वीकार करनी चाहिए?पौलुस ने कहा कि उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि जो बातें उसने कुरिन्थ के विश्वास करने वाले लोगों को लिखीं, वे प्रभु की आज्ञा थीं।
20614:40m5koकलीसिया में सब बातें कैसे की जानी चाहिए?सब बातें ठीक रीति से और क्रमानुसार की जानी चाहिए।
20715:1nwpgपौलुस ने भाइयों और बहनों को किस बारे में स्मरण करवाया?उसने उस सुसमाचार के बारे में उनको स्मरण करवाया जो उसने उनको सुनाया था।
20815:2nos9यदि कुरिन्थियों को उस सुसमाचार के द्वारा उद्धार पाना था जो पौलुस ने उन्हें सुनाया था, तो उन्हें किस शर्त को पूरा करना होगा?पौलुस ने उनको बताया कि यदि उन्होंने उस वचन को दृढ़ता से थामे रखा जो उसने उनको सुनाया था तो वे उद्धार पाएँगे।
20915:3-5rvezसुसमाचार के कौन से भाग सर्वप्रथम महत्वपूर्ण थे?जो भाग सर्वप्रथम महत्वपूर्ण थे वह यह थे कि पवित्रशास्त्र के अनुसार मसीह हमारे पापों के लिए मरा और उसे गाड़ा गया, और पवित्रशास्त्र के अनुसार वह तीसरे दिन जी उठा।
21015:6-8wxl4मरे हुओं में से जीवित किए जाने के पश्चात मसीह किन-किन को दिखाई दिया?मरे हुओं में से जीवित किए जाने के पश्चात मसीह कैफा को, बारह चेलों को, एक साथ 500 से अधिक भाइयों और बहनों को, याकूब को, सब प्रेरितों को, और पौलुस को दिखाई दिया।
21115:9i6jjपौलुस ने ऐसा क्यों कहा कि वह प्रेरितों में सबसे छोटा था?उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था।
21215:12g8scपौलुस ने वह क्यों बताया जो कुरिन्थियों के कुछ विश्वासी पुनरुत्थान के बारे में कह रहे थे?उसने बताया कि उनमें से कुछ लोग कह रहे थे कि मरे हुओं में से पुनरुत्थान नहीं होता है।
21315:13-14twexयदि मरे हुओं में से पुनरुत्थान नहीं होता, तो पौलुस ने क्या कहा कि वह बात भी सत्य होनी चाहिए?पौलुस ने कहा कि यदि पुनरुत्थान नहीं होता, तो मसीह भी मरे हुओं में से नहीं जी उठा, और पौलुस और उसके जैसे अन्य लोगों का प्रचार करना व्यर्थ है, और कुरिन्थियों का विश्वास करना भी व्यर्थ है।
21415:18ke16यदि मसीह नहीं जी उठा, तो उनका क्या हुआ जो मसीह में मर गए हैं?वे नाश हो गए हैं।
21515:19qq81पौलुस क्या कहता है कि वह बात सत्य है यदि हमें केवल इस जीवन में ही भविष्य के लिए मसीह पर भरोसा है?यदि ऐसा है तो पौलुस कहता है कि सारे लोगों में, हम सबसे अधिक दयनीय हैं।
21615:20jptbपौलुस मसीह को क्या कहता है?वह मसीह को “जो मर गए हैं उसमें से पहला फल” कहता है।
21715:22z63eवह मनुष्य कौन था जिसके द्वारा मृत्यु संसार में आई, और वह मनुष्य कौन था जिसके द्वारा सब लोग जीवित किए जाएँगे?आदम इस संसार में मृत्यु को लेकर आया, और मसीह के द्वारा सब लोग जीवित किए जाएँगे।
21815:23y1nsजो मसीह के लोग हैं उनको कब जीवित किया जाएगा?यह तब घटित होगा जब मसीह का आगमन होगा।
21915:24e4zxअंत में क्या घटित होगा?जब मसीह ने सारे शासन और अधिकार और शक्ति को समाप्त कर दिया होगा तब वह परमेश्वर पिता को राज्य सौंप देगा।
22015:25keqkमसीह को कब तक शासन करना चाहिए?उसे उस समय तक शासन करना चाहिए जब तक कि वह अपने सब शत्रुओं को अपने पाँवों के नीचे न कर ले।
22115:26mxlvनाश किया जाने वाला अंतिम शत्रु कौन है?मृत्यु ही वह अंतिम शत्रु है जिसका नाश किया जाना है।
22215:27n3jjजब यह कहा जाता है, “उसने सब कुछ उसके पाँवों के नीचे कर दिया है।” तो इसमें कौन सम्मिलित नहीं है?परमेश्वर (स्वयं), जिसने सब कुछ पुत्र के अधीन कर दिया, उसे (पुत्र के) अधीन होने के रूप में सम्मिलित नहीं किया गया है।
22315:28h5epपुत्र क्या करेगा ताकि सब में परमेश्वर ही सब कुछ हो?पुत्र स्वयं ही उसके अधीन हो जाएगा जिसने सब कुछ उसके अधीन कर दिया है।
22415:32z3r6यदि मरे हुओं को जिलाया नहीं गया तो पौलुस ने क्या घोषित किया जिस काम को वे भी कर सकते हैं?पौलुस ने घोषणा की, “आओ हम खाएँ और पीएँ, क्योंकि कल तो हम मर ही जाएँगे।”
22515:34qketकुरिन्थियों को पौलुस क्या करने की आज्ञा देता है?वह उन्हें आज्ञा देता है कि संयमी बनो, धार्मिकता में जीवन व्यतीत करो, और पाप करते न रहो।
22615:34mgv6कुरिन्थियों को लज्जित करने के लिए पौलुस क्या कहता है?उसने कहा कि उनमें से कुछ को परमेश्वर का ज्ञान नहीं है।
22715:35-38ryd0पौलुस मरे हुओं के पुनरुत्थान की तुलना किससे करता है?वह एक बोए गए बीज से इसकी तुलना करता है।
22815:36dfvxकिसी बीज के उगना आरम्भ करने से पहले उसके साथ क्या घटित होना आवश्यक है?उसका मर जाना आवश्यक है।
22915:37hz38क्या बोया गया अनावृत बीज उस शरीर (पौधे) से मिलता-जुलता है जो बीज में से निकलता है?नहीं, तुम जो बोते हो वह उस शरीर से मिलता-जुलता नहीं है जो वह होगा।
23015:39zdxxक्या सारे शरीर एक जैसे हैं?नहीं, सारे शरीर एक जैसे नहीं होते हैं, मनुष्यों, पशुओं, पक्षियों और मछलियों के शरीर सब एक दूसरे से भिन्न होते हैं।
23115:40wu1vक्या दूसरे प्रकार के शरीर भी होते हैं?स्वर्गीय शरीर और पार्थिव शरीर भी होते हैं।
23215:41sf78क्या सूर्य, चन्द्रमा, और तारों का तेज एक समान ही है?सूर्य का तेज अलग है, और चंद्रमा का तेज अलग है, और तारों का तेज भी अलग है, और एक तारे से दूसरे तारे के तेज में अन्तर है।
23315:42-44w329हमारे नाशमान शरीरों को कैसे बोया जाता है?उन्हें नाशमान दशा में, अपमान में, और निर्बलता में बोया जाता है।
23415:42-44bexlजब हम मरे हुओं में से जी उठते हैं तो हमारी क्या दशा होती है?जो जीवित किया जाता है वह अविनाशी आत्मिक शरीर है। उसे तेज और सामर्थ्य में जीवित किया जाता है।
23515:45hxa1पहला मनुष्य आदम क्या बन गया?वह एक जीवित प्राणी बन गया।
23615:45hztqअंतिम आदम क्या बन गया?वह एक जीवनदायिनी आत्मा बन गया।
23715:47mp68पहला मनुष्य और दूसरा मनुष्य कहाँ से आए?पहला मनुष्य पृथ्वी से, अर्थात मिट्टी का बना है। दूसरा मनुष्य स्वर्ग का है।
23815:49w438हम किसके स्वरूप को धारण करते हैं और हम किसका स्वरूप धारण करेंगे?जैसे हम मिट्टी से बने मनुष्य के स्वरूप को धारण करते हैं, वैसे ही हम स्वर्ग के मनुष्य के स्वरूप को भी धारण करेंगे।
23915:50k3wtकौन परमेश्वर के राज्य का अधिकारी नहीं हो सकता?माँस और लहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते।
24015:51isjgहम सब के साथ क्या घटित होगा?हम सब बदल जाएँगे।
24115:52v1orहम कब और कितनी शीघ्रता से बदलेंगे?जब अंतिम तुरही फूँकी जाएगा, तब हम पलक झपकते ही एक क्षण में बदल जाएँगे।
24215:54er4nक्या घटित होगा जब यह नाशवान देह अविनाशीता को धारण कर लेगी और यह नश्वर देह अमरता को धारण कर लेगी?मृत्यु को जय में निगल लिया जाएगा।
24315:56w1naमृत्यु का डंक क्या है और पाप की शक्ति क्या है?मृत्यु का डंक तो पाप है और पाप की शक्ति व्यवस्था है।
24415:57y2ziपरमेश्वर किसके माध्यम से हमें जय प्रदान करता है?हमारे प्रभु यीशु मसीह के माध्यम से परमेश्वर हमें जय प्रदान करता है!
24515:58qmkzकुरिन्थ के भाइयों और बहनों को दृढ़, अटल, प्रभु के कार्य में सदैव बढ़ते रहने के लिए कहने को पौलुस ने कौन सा कारण दिया?वह उन्हें ऐसा करने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि वे जानते हैं कि प्रभु में उनका काम व्यर्थ नहीं है।
24616:1xq9pकुरिन्थ में स्थित कलीसिया के समान ही पौलुस ने पवित्र लोगों के लिए चन्दे के सम्बन्ध में किसको निर्देशित किया?कुरिन्थ में स्थित कलीसिया के समान ही पौलुस ने गलातिया की कलीसियाओं को भी निर्देशित किया।
24716:2bw1fपौलुस ने कुरिन्थ में स्थित कलीसिया को अपना चंदा कैसे जमा करने के लिए कहा?उसने उनसे कहा कि सप्ताह के पहले दिन उनमें से हर एक जन अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ अलग करके रखे, ताकि जब पौलुस आए तो चंदा न करना पड़े।
24816:3v3nzवह दान किसके पास जा रहा था?वह यरूशलेम के पवित्र लोगों के पास जा रहा था।
24916:5mh6tकुरिन्थ में स्थित कलीसिया के पास पौलुस कब आने वाला था?उसने कहा कि वह मकिदुनिया से होकर गुजरते समय उनके पास आने वाला था।
25016:7uje8कुरिन्थ के पवित्र लोगों से पौलुस शीघ्र ही थोड़े समय के लिए क्यों नहीं मिलना चाहता था?यदि प्रभु ने अनुमति दी तो पौलुस थोड़े समय से बढ़कर समय के लिए उनसे मिलना चाहता था।
25116:8-9jqqcपौलुस इफिसुस में पिन्तेकुस्त तक क्यों रहने वाला था?पौलुस इफिसुस में इसलिए रहा, क्योंकि उसके लिये एक चौड़ा द्वार खुल गया था, और वहाँ उसके बहुत से विरोधी थे।
25216:10spyjतीमुथियुस क्या कर रहा था?वह पौलुस के समान ही प्रभु का काम कर रहा था।
25316:10-11lt0qकुरिन्थ में स्थित कलीसिया को पौलुस ने तीमुथियुस के विषय में क्या करने की आज्ञा दी?पौलुस ने कुरिन्थ की कलीसिया को यह ध्यान रखने के लिए कहा कि तीमुथियुस उनके साथ निडर रहे। पौलुस ने उनसे कहा कि वे तीमुथियुस को तुच्छ न समझें, और कुशल से उसके मार्ग में तीमुथियुस की सहायता करें।
25416:12ac6tपौलुस ने अपुल्लोस को दृढ़तापूर्वक क्या करने के लिए प्रोत्साहित किया?पौलुस ने अपुल्लोस को दृढ़तापूर्वक कुरिन्थ के पवित्र लोगों से मिलने जाने के लिए प्रोत्साहित किया।
25516:15cj11कुरिन्थियों में से किसने पवित्र लोगों की सेवा में स्वयं को स्थापित किया था?स्तिफनास के घराने ने पवित्र लोगों की सेवा में स्वयं को स्थापित किया था।
25616:16umfuपौलुस ने कुरिन्थ के पवित्र लोगों से स्तिफनास के घराने के विषय में क्या करने के लिए कहा?पौलुस ने उनसे ऐसे लोगों के अधीन रहने के लिए कहा।
25716:17-18enlcस्तिफनास, फूरतूनातुस, और अखइकुस ने पौलुस के लिए क्या किया?उन्होंने कुरिन्थ के पवित्र लोगों की अनुपस्थिति की भरपाई की और पौलुस की आत्मा को तरोताजा कर दिया।
25816:19-20c8soकुरिन्थ में स्थित कलीसिया को किस-किसने अपने नमस्कार भेजे?आसिया की कलीसियाएँ, अक्विला और प्रिस्किल्ला, तथा सब भाइयों और बहनों ने कुरिन्थ में स्थित कलीसिया को अपने नमस्कार भेजे।
25916:22ptjlजो लोग प्रभु से प्रेम नहीं रखते, उनके विषय में पौलुस ने क्या कहा?पौलुस ने कहा, “यदि कोई प्रभु से प्रेम नहीं रखता, तो वह शापित हो।”