* यह शब्द अधिक विशिष्टता में मिलापवाले तम्बू या मन्दिर के लिए काम में आता था।कभी-कभी “परमेश्वर का भवन”, परमेश्वर की प्रजा के लिए भी काम में लिया जाता था।
* यदि यह मन्दिर का मिलापवाले तम्बू के विषय में है तो इसका अनुवाद “मन्दिर(या मिलापवाले तम्बू)” किया जा सकता है जहाँ परमेश्वर की आराधना की जाती है(या “जहा परमेश्वर उपस्थित” या “जहाँ परमेश्वर अपने लोगों से मिलता है।”)
* शब्द “घर” का अनुवाद में उपयोग करना महत्त्वपूर्ण है ताकि ये व्यक्त कर सकें कि परमेश्वर "निवास" करता है, परमेश्वर की आत्मा अपने लोगों के साथ है जो उसकी आराधना करने की जगह में है।