उसकी छाया पहाड़ों तक फैल गई और उसकी डालियां ऊँचे-ऊँचे देवदारों के तुल्य हो गईं।
उसकी शाखाएं समुद्र तक और उसके अंकुश महानद तक बढ़ गए थे।