STR_hi_tn/MAT/18/10.md

496 B

यीशु शिष्यों के सामने बच्चों का उदाहरण ही रख रहा है।

तुच्छ न जानना

तुच्छ जानना , "प्रबल घृणा करना" या "महत्त्वहीन समझना"

उनके दूत

"बच्चों के स्वर्गदूत"

मुँह सदा देखते हैं

"सदैव निकट रहते हैं"।