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साँप [02-02]

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लेकिन बगीचे में एक धूर्त साँप था। उसने नारी से पूछा, ‘‘क्या सचमुच परमेश्वर ने तुम्हें बगीचे के किसी भी पेड़ का फल खाने से मना किया है?

अनुवाद के लिए नोट्स:

  • धूर्त - धोखे देने की मंशावाला, चालाक व कपटी।
  • साँप - लंबा, बिना पैरोंवाला, थलजीव जो अब पेट के बल रेंगता है। हालांकि कहानी में बाद में पता चलता है कि वह साँप असल में शैतान था, लेकिन यह बात कहानी के इस हिस्से में नहीं बतानी है।
  • क्या सचमुच परमेश्वर ने तुम्हें.....मना किया है - साँप ने नारी से पूछा कि क्या सचुमच में परमेश्वर ने उसे किसी भी पेड़ का फल खाने से मना किया है। लेकिन वह तो बस इस बात का दिखावा कर रहा था कि उसे परमेश्वर की कही बात के बारे में पता नहीं था, क्योंकि वह नारी के दिमाग में एक संदेह पैदा करना चाहता था। वह चाहता था कि परमेश्वर की अच्छाई पर नारी सवाल करे।
  • किसी भी पेड़ का फल - बगीचे में मौजूद हर तरह के पेड़ के फल।