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बयान

जब लोग कोई कहानी सुनाते हैं, तो वह किसी वाक़यात या वाक़यात की एक सिलसिले के बारे में बताते हैं। अक्सर वो कहानी के आग़ाज़ में कुछ ख़ास मालूमात रखते हैं, जैसे कहानी किस के बारे में है, यह कब हुआ, और यह कहाँ हुआ। यह मालूमात जो मुसन्निफ़ कहानी के वाक़यात शुरू होने से पहले देता है, इसे कहानी के तरतीब कहते हैं। कहानी में कुछ नए वाक़यात की तरतीब भी होती है क्योंके उनमे नए लोग, नए वाक़यात, और नई जगहें शामिल हो सकती हैं। बाज़ ज़बानों में लोग यह भी बताते हैं के आया वाक़या उन्होंने देखा या किसी और से उसके बारे में सुना।

जब आपके लोग वाक़यात की बाबत बताते हैं, तो आग़ाज़ में वो क्या मालूमात देते हैं? क्या कोई ख़ास तरतीब है जिन्हें वे इसमें रखते हैं? आपके तर्जुमे में, आपको उस तरीक़े की पैरवी करने की ज़रूरत होगी जिस तरह आपकी जबान नए मालूमात का कहानी या नए वाक़ये के आग़ाज़ में तार्रुफ़ करती है, बजाय इसके जिस तरीक़े से यह माख़ज़ ज़बान ने किया था। इस तरह आपका तर्जुमा क़ुदरती लगेगा और आपकी ज़बान में वाज़े तौर पर बात चीत करेगा।

बाईबल से मिशालें

यहूदिया के बादशाह, हेरोदेस के ज़माने में, अब्बियाह के फ़रीक़ में सेज़करियाह नाम का एक काहिन थाउसकी बीवी हारून की औलाद में से थी, और उसका नाम इलीशिबा था। (लूका 1:5 ULT)

मज़कूरा बाला आयात ज़करियाह के बारे में एक कहानी पेश करती हैं। पहला ख़त कशीदा जुमला बताता है के यह कब हुआ, और अगले दो ख़त कशीदा जुमले मरकज़ी लोगों का तार्रुफ़ करती हैं। अगली दो आयात में यह वज़ाहत की गयी है के ज़करियाह और इलीशिबा बूढ़े थे और उनकी कोई औलाद नहीं थी। यह सब तरतीब है। फिर लूका 1:8 में फ़िक़रा “एक दिन” कहानी के पहले वाक़ये के तार्रुफ़ में मदद करता है:

एक दिन जब ज़करियाह ख़ुदा के हुज़ूर अपने फ़रीक़ की बारी पर कहानत का काम अंजाम देता था तो ऐसा हुआ, के कहानत के दस्तूर के मुवाफ़िक़ उसके नाम का कुरआ निकला के ख़ुदावन्द के मक़दिस में जाकर खुशबू जलाए। (लूका 1:8-9 ULT)

यिसू मसीह की पैदाइश इस तरह हुई।उसकी माँ मरियम की मंगनी युसुफ़ के साथ हुई थी, लेकिन उनके इकठ्ठे होने से पहले, वो रूह उल क़ुद्स की क़ुदरत से हामिला पायी गयी। (मत्ती 1:18 ULT)

ऊपर ख़त कशीदा जुमला यह वाज़े करता है के यिसू के बारे में एक कहानी का तार्रुफ़ किया जा रहा है। कहानी इस बाबत बताएगी के यिसू की पैदाइश किस तरह हुई।

जब यिसू हेरोदेस बादशाह के ज़माने में यहूदिया के बैतलहम में पैदा हुआ, कई मजूसी मशरिक़ से यरूशलीम में ये कहते हुए आये,... (मत्ती 2:1 ULT)

ऊपर ख़त कशीदा जुमला ज़ाहिर करता है के मजूसियों से मुतालिक़ वाक़यात यिसू की पैदाइश के बाद हुए।

उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आया और यहूदिया के बियाबान में ये मनादी करने लगा, ... (मत्ती 3:1-22 ULT)

ऊपर ख़त कशीदा जुमला ज़ाहिर करता है के यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला पिछले वाक़यात के वक़्त मनादी करने आया। शायद यह बहुत आम है और इससे मुराद है जब यिसू नासरत में रहता था।

तब यिसू गलील से यरदन के किनारे यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया। (मत्ती 3:13 ULT)

लफ्ज़ “तब” ज़ाहिर करता है के यिसू यरदन नदी पर पिछली आयात में वाक़यात के कुछ वक़्त बाद आया।

अब वहाँ एक फ़रीसी जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी अदालत का एक रुकन था। यह आदमी यिसू के पास रात के वक़्त आया (यूहन्ना 3:1-2 ULT)

मुसन्निफ़ ने पहले नए आदमी का तार्रुफ़ किया और फिर बताया के उसने क्या किया और इसे कब किया। बाज़ ज़बानों में वक़्त के बारे में पहले बताना ज़ियादा क़ुदरती हो सकता है।

6नूह छ: सौ बरस का था जब सैलाब ज़मीन पर आया। 7नूह, उसके बेटे, और उसकी बीवी, और उसके बेटों की बीवियाँ उसके साथ सैलाब से बचने के लिए किश्ती में गए। (पैदाइश 7:6-7 ULT)

आयत 6 उन वाक़यात का ख़ुलासा है जो बाब 7 के बाक़ी हिस्सों में पेश आते हैं। बाब 6 पहले ही इस बारे में बताया है के ख़ुदा ने किस तरह नूह से कहा के एक सैलाब होगा, और नूह ने किस तरह इसके लिए तैयारी की। बाब 7 आयत 6 कहानी के उस हिस्से का तार्रुफ़ करता है जो नूह और उसके ख़ानदान और जानवरों के किश्ती में जाने, बारिश का आग़ाज़, और बारिश का ज़मीन पर सैलाब लाने के बारे में बताता है। बाज़ ज़बानों में इसे वाज़े करने की ज़रुरत हो सकती है के यह आयत सिर्फ़ वाक़ये का तार्रुफ़ करता है, या इस आयत को आयत 7 के बाद मुन्तक़िल करे। आयत 6 कहानी के एक वाक़यात में से नहीं है। सैलाब आने के पहले लोग किश्ती में गए।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

अगर किसी नए वाक़ये के आग़ाज़ में दिया गया मालूमात आपके कारअीन के लिए वाज़े और क़ुदरती है, तो इसका तर्जुमा उस तरह करने पर गौर करें जैसा ULT या UST में है। अगर नहीं, तो इनमे से एक हिकमत ए अमली पर गौर करें।

  1. वाक़ये का तार्रुफ़ करने वाले मालूमात को उस तरतीब में रखें जिस तरह आप के लोग इसे रखते हैं।
  2. अगर कारअीन कुछ मालूमात की तवक्को करें लेकिन यह बाईबल में नहीं हो तो, उस मालूमात को भरने के लिए एक ग़ैर महदूद लफ्ज़ या फ़िक़रे के इस्तेमाल पर गौर करें, जैसे: “किसी और वक़्त” या “किसी को”।
  3. अगर तार्रुफ़ पूरे वाक़ये का एक ख़ुलासा है, तो यह ज़ाहिर करने के लिए के यह एक ख़ुलासा है, अपनी ज़बान के तरीक़े का इस्तेमाल करें।
  4. अगर आग़ाज़ में वाक़ये का एक ख़ुलासा देना हदफ़ ज़बान में अज़ीब हो, तो ज़ाहिर करें के यह वाक़या बाद में कहानी में अस्ल में होगा।

तर्जुमे की हिकमती अमली की इत्तलाक़ की मिशालें

  1. वाक़ये का तार्रुफ़ करने वाले मालूमात को उस तरतीब में रखें जिस तरह आप के लोग इसे रखते हैं।
  • अब वहाँ एक फ़रीसी जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी अदालत का एक रुकन था। यह आदमी यिसू के पास रात के वक़्त आया और उससे कहा ...(यूहन्ना 3:1,2)
  • एक आदमी था जिसका नाम नीकुदेमुस था। वह एक फ़रीसी और यहूदी अदालत का रुकन था। एक रात वह यिसू के पास आया और कहा...
  • एक रात एक आदमी जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो एक फ़रीसी और यहूदी अदालत का रुकन था, यिसू के पास आया और कहा...
  • जब वो जा रहा था, तो उसने हलफ़ई के बेटे लावी को महसूल की चौकी पर बैठे देखा और उसने उससे कहा... (मरकुस 2:14 ULT)
  • जब वो जा रहा था, हलफ़ई का बेटा लावी महसूल की चौकी पर बैठा हुआ था। यिसू ने उसे देखा और उससे कहा...
  • जब वो जा रहा था, तो महसूल की चौकी पर एक आदमी बैठा हुआ था उसका नाम लावी था, और वह हलफ़ई का बेटा था। यिसू ने उसे देखा और उससे कहा...
  • जब वो जा रहा था, तो वहाँ एक महसूल लेने वाला महसूल की चौकी पर बैठा हुआ था। उसका नाम लावी था, और वह हलफ़ई का बेटा था। यिसू ने उसे देखा और उससे कहा...
  1. अगर कारअीन कुछ मालूमात की तवक्को करें लेकिन यह बाईबल में नहीं हो तो, उस मालूमात को भरने के लिए एक ग़ैर महदूद लफ्ज़ या फ़िक़रे के इस्तेमाल पर गौर करें, जैसे: “किसी और वक़्त” या “किसी को”।
  • नूह छ: सौ बरस का था जब सैलाब ज़मीन पर आया। (पैदाइश 7:6 ULT) अगर लोग नए वाक़ये के बारे में के यह कब हुआ कुछ सुनने की तवक्को रखते हैं, तो जुमला “उसके बाद” यह देखने में उनकी मदद कर सकता है के यह पहले से ज़िक्र किये गए वाक़यात के बाद हुआ।
  • उसके बाद, जब नूह छ: सौ बरस का हुआ, सैलाब ज़मीन पर आया।
  • वो फिर झील के किनारे तालीम देने लगा। (मरकुस 4:1 ULT) बाब 3 में यिसू किसी के घर पर तालीम दे रहा था। कारअीन को यह बताना ज़रूरी हो सकता है के यह नया वाक़या किसी दूसरे वक़्त में हुआ, या यह के यिसू झील पर गया।
  • किसी और वक़्त यिसू फिर से लोगों को झील के किनारे तालीम देने लगा।
  • यिसू झील पर गया और वहाँ लोगों को फिर से तालीम देने लगा।
  1. अगर तार्रुफ़ पूरे वाक़ये का एक ख़ुलासा है, तो यह ज़ाहिर करने के लिए के यह एक ख़ुलासा है, अपनी ज़बान के तरीक़े का इस्तेमाल करें।
  • नूह छ: सौ बरस का था जब सैलाब ज़मीन पर आया। (पैदाइश 7:6 ULT)
  • ऐसा हुआ के जबनूह छ: सौ बरस का था और सैलाब ज़मीन पर आया।
  • यह हिस्सा इस बाबत बताता है के क्या हुआ जब सैलाब ज़मीन पर आया। यह उस वक़्त हुआ जब नूह छ: सौ बरस का था।
  1. अगर आग़ाज़ में वाक़ये का एक ख़ुलासा देना हदफ़ ज़बान में अज़ीब हो, तो ज़ाहिर करें के यह वाक़या बाद में कहानी में अस्ल में होगा।
  • नूह छ: सौ बरस का था जब सैलाब ज़मीन पर आया। नूह, उसके बेटे, और उसकी बीवी, और उसके बेटों की बीवियाँ उसके साथ सैलाब से बचने के लिए किश्ती में गए। (पैदाइश 7:6-7 ULT)
  • ऐसा हुआ के जब नूह छ: सौ बरस का हुआ नूह, उसके बेटे, और उसकी बीवी, और उसके बेटों की बीवियाँ उसके साथ किश्ती में गए क्योंके ख़ुदा ने कहा था के सैलाब का पानी आएगा