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गुम्मट, पहरे की मिनारों, गुम्मट
परिभाषा:
“गुम्मट” एक ऊँची रचना जहाँ से सुरक्षाकर्मी किसी आने वाले संकट पर दृष्टि रख सकते थे। ये गुम्मट पत्थरों के बने होते थे।
- जमींदार भी कभी-कभी गुम्मट बनाते थे कि वहाँ से अपनी फसल की चौकीदारी करें और चोरी होने से उसे बचाएं।
- गुम्मटों में कमरे भी होते थे कि चौकीदार या उसका परिवार वहाँ रहे जिससे कि दिन रात फसल की चौकसी की जा सके।
- नगर के गुम्मट शहरपनाह से ऊँचे बनाए जाते थे कि पहरूए किसी शत्रु की सेना को आते हुए देख पाएं।
- गुम्मट शत्रु से रक्षा का प्रतीक था। (देखें: उपमा)
(यह भी देखें: बैरी, पहरा देना)
बाइबल सन्दर्भ:
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग नंबर: H803, H969, H971, H975, H1785, H2918, H4024, H4026, H4029, H4692, H4707, H4869, H6076, H6438, H6836, H6844, G4444