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सर्प, साँपों, साँप, साँप, साँप, साँपों

तथ्य:

ये सब शब्द एक ऐसे रेंगनेवाले जन्तु के संदर्भ में हैं जिसका शरीर लम्बा और निकले हुए दांत होते हैं वह भूमि पर टेढ़ी मेढ़ी चाल से रेंगता है। “सांप” (सर्प) शब्द एक बड़े सांप के संदर्भ में है और “नाग” विषैला सांप होता है जो अपने शिकार को मारने के लिए विष काम में लेता है।

  • यह शब्द प्रतीकात्मक रूप में एक ऐसे मनुष्य के लिए काम में लिया जाता है जो दुष्ट है, विशेष करके धोखा देनेवाले के लिए।
  • यीशु धर्म के अगुओं को “सांप के बच्चे” कहता था क्योंकि वे धार्मिकता का स्वांग रचते थे परन्तु मनुष्यों को धोखा देते थे और उनके साथ पक्षपात का व्यवहार करते थे।
  • अदन की वाटिका में, शैतान ने सर्प का रूप धारण किया और हव्वा को बहला कर परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करवाया।
  • जब शैतान ने सर्परूप में हव्वा को परीक्षा में गिराकर पाप करवाया, तब परमेश्वर ने उसे शाप दिया कि सब सर्प भूमि पर रेंग कर चलेंगे, इसका अर्थ तो यह हुआ कि इससे पहले उसके पांव थे।

(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: शाप, छलना, अवज्ञा, अदन, दुष्ट, सन्तान, शिकार, शैतान, पाप, परीक्षा करना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रांग नंबर: H660, H2119, H5175, H6620, H6848, H8314, H8577, G2191, G2062, G3789