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सोना, सोने

परिभाषा:

सोना पीले रंग की उत्तम धातु है जिससे आभूषण तथा धार्मिक वस्तुएं बनाई जाती हैं। प्राचीन युग में यह सबसे अधिक मूल्यवान धातु थी।

  • बाइबल के युग में, सोने से विभिन्न वस्तुएं बनाई जाती थी या वस्तुओं पर सोना चढ़ाया जाता था।
  • ये वस्तुएं थी कुन्दन तथा अन्य आभूषण, मूर्तियां, वेदियां, तथा निवास (मण्डप) या मन्दिर की अन्य वस्तुएं जैसे वाचा का सन्दूक।
  • पुराने नियम के युग में सोना क्रय-विक्रय के काम में आता था। उसे तराजू में तोल कर उसका मूल्य ज्ञात किया जाता था।
  • उत्तरकाल में सोने और चाँदी के सिक्के क्रय-विक्रय में काम में आने लगे।
  • जब किसी ऐसी वस्तु की चर्चा हो जो सोने की नहीं हो उस पर केवल सोना चढ़ा हुआ था तो “सुनहरा” या “सोना चढ़ा” या “स्वर्णआवृत” अनुवाद किया जा सकता है।
  • कभी-कभी किसी वस्तु को “सुनहरा” कहा जाता है, अर्थात वह उसका रंग सोने जैसा है परन्तु सोने से बनी नहीं है।

(यह भी देखें: वेदी, वाचा का सन्दूक, झूठे देवता, चांदी, मिलापवाला तम्बू, मन्दिर)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रांग नंबर: H1220, H1222, H1722, H2091, H2742, H3800, H4062, H5458, H6884, H6885, G5552, G5553, G5554, G5557