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क्रोध, क्रोधित हुआ, क्रोधित#
परिभाषा:
“क्रोधित होना” या “क्रोध में आना” अर्थात किसी बात के बारे में किसी पर अत्यधिक अप्रसन्न होना, खीजना या नाराज़ होना।
- जब लोग क्रोधित हो जाते हैं, तो वे अक्सर पापी और स्वार्थी होते हैं, परन्तु कभी-कभी वे अन्याय या अत्याचार के विरूद्ध न्यायोचित क्रोध भी करते हैं।
- परमेश्वर का क्रोध (जो प्रकोप भी कहलाता है) पाप के विरूद्ध उसकी घोर अप्रसन्नता को व्यक्त करता है।
- “क्रोध दिलाना” अर्थात “क्रोधित होने का कारण होना”।
(यह भी देखें: प्रकोप)
बाइबल संदर्भ:
- इफिसियों 04:25-27
- निर्गमन 32:9-11
- यशायाह 57:16-17
- यूहन्ना 06:52-53
- मरकुस10:13-14
- मत्ती 26:6-9
- भजन संहिता 018:7-8
शब्द तथ्य:
- स्ट्रांग नंबर: H599, H639, H1149, H2152, H2194, H2195, H2198, H2534, H2734, H2787, H3179, H3707, H3708, H3824, H4751, H4843, H5674, H5678, H6225, H7107, H7110, H7266, H7307, G23, G1758, G2371, G2372, G3164, G3709, G3710, G3711, G3947, G3949, G5520