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सेवा करना, सेवकाई

परिभाषा:

बाइबल में “सेवकाई” शब्द का संदर्भ मनुष्यों को परमेश्वर के बारे में शिक्षा देना और उनकी आत्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति में सेवा करने से था।

  • पुराने नियम में याजक मन्दिर में चढ़ावे चढ़ाकर परमेश्वर की सेवा करते थे।
  • उनकी “सेवकाई” में मन्दिर की देखरेख और मनुष्यों की ओर से परमेश्वर के लिए प्रार्थना चढ़ाना भी होता था।
  • मनुष्यों की सेवा के कार्य में परमेश्वर के बारे में शिक्षा देकर उनकी आत्मिक सेवा करना भी था।
  • इसका संदर्भ उनकी सांसारिक सेवा भी था जैसे रोगियों की सुधि लेना और गरीबों को भोजन देना।

अनुवाद के सुझाव:

  • मनुष्यों की सेवा के संदर्भ में “सेवा करना” का अनुवाद “परिचर्या” या “सुधि लेना” या “आवश्यकताएं पूरी करना” भी हो सकता है।
  • मन्दिर में सेवा के संदर्भ में “सेवक” शब्द का अनुवाद” मन्दिर में परमेश्वर की सेवा करना” या “मनुष्यों के लिए परमेश्वर के समक्ष बलि चढ़ाना” हो सकता है।
  • परमेश्वर की सेवा के संदर्भ में इसका अनुवाद “सेवा करना” या “परमेश्वर के लिए काम करना” हो सकता है।
  • “सेवा की” का अनुवाद “सुधि ली” या “प्रावधान किया” या “सहायता की” हो सकता है।

(यह भी देखें: सेवा करना, बलिदान)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H6399, H8120, H8334, H8335, G1247, G1248, G1249, G2023, G2038, G2418, G3008, G3009, G3010, G3011, G3930, G5256, G5257, G5524