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@ -1,41 +1,41 @@
# मसीही
# मसीही विश्वासी
## परिभाषा:
## परिभाषा
यीशु के स्वर्गारोहण के कुछ समय बाद विश्वासियों को “मसीही” कहा गया जिसका अर्थ है, “मसीह के अनुयायी”
* अन्ताकिया नगर में यीशु के अनुयायियों को सबसे पहले “मसीही” कहा गया था।
* मसीही जन वह मनुष्य है जो विश्वास करता है कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है और यीशु में विश्वास करता है कि उसने उसका पाप मोचन किया।
* आज “मसीही” शब्द मसीही धर्म मानने वाले के संदर्भ में काम में लिया जाता है परन्तु वह व्यक्ति वास्तव में यीशु का अनुसरण नहीं करता ह। बाइबल में "मसीही" शब्द का अर्थ यह नहीं है।
* आज, हमारे युग में “मसीही” शब्द अधिकतर मसीही धर्म मानने वाले के अर्थात उससे पहचान बनाने वाले के संदर्भ में काम में लिया जाता है चाहे वह व्यक्ति वास्तव में यीशु का अनुसरण नहीं करता ह। बाइबल में "मसीही" शब्द का अर्थ यह नहीं है।
* क्योंकि बाइबल में “मसीही” शब्द सदैव उस मनुष्य के लिए काम में लिया गया है जो वास्तव में यीशु में विश्वास करता है, मसीही जन को "विश्वासी" भी कहते हैं।
## अनुवाद के सुझाव:
## अनुवाद के सुझाव
इस शब्द का अनुवाद “मसीही अनुयायी” या “मसीह का अनुयायी” या “मसीह पुरुष” जैसा।
इस शब्द का अनुवाद “मसीही अनुयायी” या “मसीह का अनुयायी” या संभवतः “मसीह जन” जैसा।
* सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद शिष्य और प्रेरित शब्दों के अनुवाद से भिन्न हो।
* सावधानी-पूर्वक अनुवाद करें कि इस शब्द का अनुवाद यीशु में विश्वास करनेवाले सब जनों के संदर्भ में हो न कि किसी एक समुदाय या जाति से हो।
* सावधानी-पूर्वक अनुवाद करें कि इस शब्द का अनुवाद यीशु में विश्वास करनेवाले सब जनों के संदर्भ में हो न कि किसी एक समुदाय या वर्ग से हो।
* यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है। (देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown))
(यह भी देखें: [अन्ताकिया](../names/antioch.md), [मसीह](../kt/christ.md), [आराधनालय](../kt/church.md), [चेले](../kt/disciple.md), [विश्वासी](../kt/believer.md), [यीशु](../kt/jesus.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 06:7-8](rc://*/tn/help/1co/06/07)
* [1 पतरस 04:15-16](rc://*/tn/help/1pe/04/15)
* [प्रे.का. 11:25-26](rc://*/tn/help/act/11/25)
* [प्रे.का. 26:27-29](rc://*/tn/help/act/26/27)
* [1 कुरिन्थियों 6:7-8](rc://*/tn/help/1co/06/07)
* [1 पतरस 4:16](rc://*/tn/help/1pe/04/16)
* [प्रे.का. 11:26](rc://*/tn/help/act/11/26)
* [प्रे.का. 26:28](rc://*/tn/help/act/26/28)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[46:09](rc://*/tn/help/obs/46/09)__ और चेलें सब से पहले अन्ताकिया ही में "__मसीही__" कहलाए।
* __[46:9](rc://*/tn/help/obs/46/09)__ और चेलें सब से पहले अन्ताकिया ही में "__मसीही__" कहलाए।
* __[47:14](rc://*/tn/help/obs/47/14)__ पौलुस और अन्य __मसीही__ अगुवों ने अनेक शहरों में यीशु का प्रचार किया और लोगों को परमेश्वर के वचन की शिक्षा दी।
* __[49:15](rc://*/tn/help/obs/49/15)__ यदि तुम यीशु पर और जो कुछ उसने आपके लिए किया उस पर विश्वास करते हो, तो आप एक __मसीही__ हो!
* __[49:15](rc://*/tn/help/obs/49/15)__ यदि आप यीशु पर और जो कुछ उसने आपके लिए किया उस पर विश्वास करते हो, तो आप एक __मसीही__ हो!
* __[49:16](rc://*/tn/help/obs/49/16)__ यदि तुम एक __मसीही__ हो, तो जो कुछ यीशु ने किया उसके कारण परमेश्वर ने तुम्हारे पाप माफ़ कर दिए हैं।
* __[49:17](rc://*/tn/help/obs/49/17)__ यद्यपि आप एक __मसीही__ हैं, फिर भी आप पाप करने की परीक्षा में पड़गे।
* __[50:03](rc://*/tn/help/obs/50/03)__ स्वर्ग में वापस जाने से पहले, यीशु ने __मसीहों__ से कहा कि वे उन लोगों को शुभ समाचार सुनाएँ जिन्होंने इसे कभी नहीं सुना।
* __[50:11](rc://*/tn/help/obs/50/11)__ जब यीशु वापस आएगा, तो हर __मसीही__ जो मरा है वह मृतकों में से जी उठेगा और उससे आकाश में मिलेगा।
* __[49:17](rc://*/tn/help/obs/49/17)__ यद्यपि आप एक __मसीही__ हैं, फिर भी आप पाप करने की परीक्षा में पड़ेंगे।
* __[50:3](rc://*/tn/help/obs/50/03)__ स्वर्ग में वापस जाने से पहले, यीशु ने __मसीहों__ से कहा कि वे उन लोगों को शुभ समाचार सुनाएँ जिन्होंने इसे कभी नहीं सुना।
* __[50:11](rc://*/tn/help/obs/50/11)__ जब यीशु वापस आएगा, तो हर __मसीही__ जो मरा गया है वह मृतकों में से जी उठेगा और उससे आकाश में मिलेगा।
## शब्द तथ्य:
## शब्द तथ्य
* Strong's: G5546
* स्ट्रोंग्स: G 55460

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@ -2,26 +2,26 @@
## परिभाषा:
“सिय्योन की पुत्री” इस्राएल के लिए प्रभुक्त प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है। इसका उपयोग प्रायः भविष्यद्वाणियों में किया जाता है।
“सिय्योन की बेटी” इस्राएल के लिए प्रयुक्त प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है। इसका उपयोग प्रायः भविष्यद्वाणियों में किया जाता है।
* पुराने नियम में “सिय्योन” शब्द यरूशलेम का दूसरा नाम है।
* “सिय्योन” और “यरूशलेम” दोनों शब्द इस्राएल के लिए काम में लिए गए हैं।
* “पुत्री” शब्द अनुराग और प्रेमपूर्ण शब्द है। यह परमेश्वर द्वारा उसकी प्रजा के प्रति उसके धीरज और देखरेख क एक रूपक है।
* पुराने नियम में “सिय्योन” शब्द यरूशलेम नगर े लिए प्रयोग किया गाया दूसरा नाम है।
* “सिय्योन” और “यरूशलेम” दोनों शब्द इस्राएल को संदर्भित करने के लिए भी काम में लिए गए हैं।
* “बेटी” शब्द ममता और वात्सल्य का शब्द है। यह परमेश्वर द्वारा उसकी प्रजा के प्रति उसके धीरज और देखरेख के लिए एक रूपक है।
## अनुवाद के सुझाव:
* इसके अनुवाद रूप हो सकते हैं, “सिय्योन से मेरी पुत्री इस्राएल” या “सिय्योन के लोग जो मेरे लिए पुत्री जैसे हैं” या “सिय्योन मेरे प्रिय जन इस्राएल”।
* “सिय्योन” शब्द को संजोए रखना उचित है क्योंकि बाइबल में उसका अनेक बार उपयोग किया गया है। अनुवाद में एक टिप्पणी लिखी जा सकती है कि उसका प्रतिकात्मक अर्थ और भविष्यद्वाणी का उपयोग स्पष्ट किया जाए।
* “पुत्री” शब्द को भी ज्यों का त्यों रखना उचित है जब तक कि उसका अर्थ समझने में दुविधा न हो
* इस अभिव्यक्ति में “सिय्योन” शब्द को ी रूप में रखना उचित है क्योंकि बाइबल में उसका अनेक बार उपयोग किया गया है। अनुवाद में एक टिप्पणी लिखी जा सकती है कि उसका प्रतिकात्मक अर्थ और भविष्यद्वाणी का उपयोग स्पष्ट किया जाए।
* “पुत्री” शब्द को भी इस अभिव्यक्ति के अनुव्वाद में ज्यों का त्यों रखना उचित है जब तक कि उसका अर्थ यथार्त रूप में समझा जाता है
(यह भी देखें: [यरूशलेम](../names/jerusalem.md), [भविष्यद्वक्ता](../kt/prophet.md), [सिय्योन](../kt/zion.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [यिर्मयाह 06:1-3](rc://*/tn/help/jer/06/01)
* [यूहन्ना 12:14-15](rc://*/tn/help/jhn/12/14)
* [मत्ती 21:4-5](rc://*/tn/help/mat/21/04)
* [यिर्मयाह 06:2](rc://*/tn/help/jer/06/02)
* [यूहन्ना 12:15](rc://*/tn/help/jhn/12/15)
* [मत्ती 21:5](rc://*/tn/help/mat/21/05)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1323, H6726
* स्ट्रोंग्स: H1323, H6726

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@ -1,30 +1,30 @@
# विलाप, विलाप करना, विलाप किया
# विलाप करना, विलाप
## परिभाषा:
“विलाप करना” “विलाप” अर्थात शोक, दुःख या विषाद की प्रबल भावना।
“विलाप करना” “विलाप” शब्द शोक, दुःख या विषाद की प्रबल भावना के सन्दर्भ देते हैं
कभी-कभी यह पाप का गहन पछतावा या आपदाग्रस्त मनुष्य के प्रति अनुकंपा भी होता है।
कभी-कभी इसमें पाप के लिए गहन पछतावा या आपदाग्रस्त मनुष्य के प्रति अनुकंपा का भाव भी होता है।
* विलाप में कराहना, रोना या रोना-पीटना होता है।
* विलाप में कराहना, रोना या छाती-पीटना हो सकता है।
## अनुवाद के सुझाव:
* “विलाप करना” का अनुवाद “गहन दुख मनाना” या “दुख से रोना पीटना” या “दुःखी होना” हो सकता है
* "विलाप करना" (या "विलाप") का अनुवाद "जोर से विलाप और रोना" या "गहरी दु: ख" या "शोक में रोना" या "विलापपूर्ण कराहना" के रूप में किया जा सकता है
* “विलाप करना” का अनुवाद हो सकता है, “गहरा शोक” या “दुख से छाती पीटना” या “दुःखी होना”।
* "विलाप" (या "विलाप करना") का अनुवाद हो सकता है, "चिल्ला-चिल्ला कर रोना और छाती पीटना" या "गहरा दु: ख" या "दुःख भरा रुदन" या "दुःख भारी आहें"
## बाइबल सन्दर्भ:
* [आमोस 08:9-10](rc://*/tn/help/amo/08/09)
* [आमोस 8:9-10](rc://*/tn/help/amo/08/09)
* [यहेजकेल 32:1-2](rc://*/tn/help/ezk/32/01)
* [यिर्मयाह 22:17-19](rc://*/tn/help/jer/22/17)
* [यिर्मयाह 22:18](rc://*/tn/help/jer/22/18)
* [अय्यूब 27:15-17](rc://*/tn/help/job/27/15)
* [विलापगीत 02:5-6](rc://*/tn/help/lam/02/05)
* [विलापगीत 02:8-9](rc://*/tn/help/lam/02/08)
* [मीका 02:3-5](rc://*/tn/help/mic/02/03)
* [विलापगीत 2:5-6](rc://*/tn/help/lam/02/05)
* [विलापगीत 2:8](rc://*/tn/help/lam/02/08)
* [मीका 02:4](rc://*/tn/help/mic/02/04)
* [भजन संहिता 102:1-2](rc://*/tn/help/psa/102/001)
* [जकर्याह 11:1-3](rc://*/tn/help/zec/11/01)
* [जकर्याह 11:2](rc://*/tn/help/zec/11/02)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H56, H421, H578, H592, H1058, H4553, H5091, H5092, H5594, H6088, H6969, H7015, H8567, G2354, G2355, G2870, G2875
* स्ट्रोंग्स: H0056, H0421, H0578, H0592, H1058, H4553, H5091, H5092, H5594, H6088, H6969, H7015, H8567, G23540, G23550, G28700, G2875

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@ -3,7 +3,7 @@
## परिभाषा:
* “प्रभु भोज” प्रेरित पौलुस इस उक्ति को फसह के भोज के लिए काम में लेता है जो यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस रात खाया था जब यहूदी अगुओं ने उसे बन्दी बनाया था।
* इस भोजन के समय यीशु ने फसह की रोटी को तोड़कर अपनी देह से कहा जो शीघ्र ही प्रताड़ित की जाएगी और मार डाली जायेगी।
* इस भोजन के समय यीशु ने फसह की रोटी को तोड़कर अपनी देह की उपमा दी जो शीघ्र ही प्रताड़ित की जाएगी और मार डाली जायेगी।
* दाखरस के कटोरे को उसने अपना लहू कहा जो शीघ्र ही बहाया जायेगा जब वह पापबलि होकर मरेगा।
* यीशु ने आज्ञा दी थी कि उसके शिष्य जब भी इस भोज में सहभागी हों तब वे उसकी मृत्यु और पुनरूत्थान को सदैव स्मरण करें।
* कुरिन्थियों की कलीसिया को लिखे पत्र में प्रेरित पौलुस ने मसीह के विश्वासियों के लिए इस भोज को एक नियमित अभ्यास बना दिया था।
@ -11,15 +11,15 @@
## अनुवाद के लिए सुझाव:
* इस उक्ति का अनुवाद “प्रभु का भोज” या “हमारे प्रभु यीशु का भोज” या “प्रभु यीशु को स्मरण करने का भोज” भी कहा जा सकता है।
* इस उक्ति का अनुवाद “प्रभु का भोज” या “हमारे प्रभु यीशु का भोज” या “प्रभु यीशु को स्मरण करने का भोज” भी कहा जा सकता है।
(यह भी देखें: [फसह](../kt/passover.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 11:20-22](rc://*/tn/help/1co/11/20)
* [1 कुरिन्थियों 11:20](rc://*/tn/help/1co/11/20)
* [1 कुरिन्थियों 11:25-26](rc://*/tn/help/1co/11/25)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G1173, G2960
* स्ट्रोंग्स: G11730, G29600

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@ -2,23 +2,23 @@
## परिभाषा:
“गन्धरस” एक तेल या मसाला होता था जो मूर के पेड़ से निकाला हुआ गोंद होता था, यह वृक्ष अफ्रीका और एशिया में पाया जाता था यह लोबान का सा ही होता है।
“गन्धरस” एक तेल या मसाला होता था जो मूर के पेड़ से निकाले हुआ गोंद से तैयार किया जाता था, यह वृक्ष अफ्रीका और एशिया में उगता है और लोबान की प्रजाति का है।
गन्धरस धूप, इत्र, और औषधी बनाने तथा शवों को अभ्यंजन में काम आता था।
गन्धरस धूप, इत्र, और औषधी बनाने तथा कब्र में रखने के लिए शवों का अभ्यंजन करने के भी काम में लिया जाता था।
* गन्धरस यीशु के जन्म पर ज्योतिषियों द्वारा चढ़ाई गई भेंटों में से एक था।
* यीशु जब क्रूस पर लटका हुआ था तब गन्धरस मिश्रित मदिरा उसे दी गई थी कि उसकी पीड़ा कम जो जाए।
(यह भी देखें: [लोबान](../other/frankincense.md), [ज्योतिष](../other/learnedmen.md))
(यह भी देखें: [लोबान](../other/frankincense.md), [ज्योतिषियों](../other/learnedmen.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [निर्गमन 30:22-25](rc://*/tn/help/exo/30/22)
* [उत्पत्ति 37:25-26](rc://*/tn/help/gen/37/25)
* [यूहन्ना 11:1-2](rc://*/tn/help/jhn/11/01)
* [मरकुस 15:22-24](rc://*/tn/help/mrk/15/22)
* [मत्ती 02:11-12](rc://*/tn/help/mat/02/11)
* [मरकुस 15:23](rc://*/tn/help/mrk/15/23)
* [मत्ती 2:11-12](rc://*/tn/help/mat/02/11)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H3910, H4753, G3464, G4666, G4669
* स्ट्रोंग्स: H3910, H4753, G34640, G46660, G46690

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@ -2,24 +2,24 @@
## तथ्य:
“सप्ताहों का पर्व” एक यहूदी पर्व है जो फसह के पर्व के पचास दिन बाद मनाया जाता था। जिसे बाद में "पिन्तेकुस्त" कहा जाता था।
“सप्ताहों का पर्व” एक यहूदी पर्व है जो फसह के पर्व के पचास दिन बाद मनाया जाता था। जिसे बाद में "पिन्तेकुस्त" कहा गया था।
* सप्ताहों का पर्व, पहले फलों के पर्व के सात सप्ताहों (पचास दिन) बाद मनाया जाता था। नये नियम के युग में इस पर्व को “पिन्तेकुस्त” का पर्व कहते थे जिसके अर्थ में एक भाग “पचास” है।
* सप्ताहों का पर्व अन्न की कटनी के आरंभ के उत्सव में मनाया जाता था। यह वह समय था जब परमेश्वर ने इस्राएल के लिए सर्वप्रथम पत्थर की तख्तियों पर मूसा को व्यवस्था दी थी।
* नये नियम में पिन्तेकुस्त का दिन विशेष करके महत्वपूर्ण था क्योंकि उस दिन यीशु पर विश्वास करनेवालों ने एक नए तरीके से पवित्र आत्मा प्राप्त किया था।
* नये नियम में पिन्तेकुस्त का दिन विशेष करके महत्वपूर्ण था क्योंकि उस दिन यीशु पर विश्वास करनेवालों ने एक नए अनुभव में पवित्र आत्मा प्राप्त किया था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [पर्व](../other/festival.md), [पहले फल](../other/firstfruit.md), [फसल](../other/harvest.md), [पवित्र आत्मा](../kt/holyspirit.md), [खड़ा करना](../other/raise.md))
(यह भी देखें: [पर्व](../other/festival.md), [पहले फल](../other/firstfruit.md), [कटनी](../other/harvest.md), [पवित्र आत्मा](../kt/holyspirit.md), [जीवित करना](../other/raise.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 इतिहास 08:12-13](rc://*/tn/help/2ch/08/12)
* [प्रे.का. 02:1-4](rc://*/tn/help/act/02/01)
* [2 इतिहास 8:12-13](rc://*/tn/help/2ch/08/12)
* [प्रे.का. 2:1](rc://*/tn/help/act/02/01)
* [प्रे.का. 20:15-16](rc://*/tn/help/act/20/15)
* [व्यवस्थाविवरण 16:16-17](rc://*/tn/help/deu/16/16)
* [गिनती 28:26-28](rc://*/tn/help/num/28/26)
* [गिनती 28:26](rc://*/tn/help/num/28/26)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H2282, H7620, G4005
* स्ट्रोंग्स: H2282, H7620, G40050

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@ -5,14 +5,14 @@
“रब्बी” शब्द का वास्तविक अर्थ है “मेरा स्वामी” या “मेरा गुरू”
* यह एक सम्मानित पदनाम है जो यहूदी धर्मगुरू के लिए काम में लिया जाता था, विशेष करके परमेश्वर की व्यवस्था का शिक्षक।
* यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को और यीशु को भी कभी-कभी शिष्य “रब्बी” कहते थे।
* यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को और यीशु को भी शिष्य कभी-कभी “रब्बी” कह कर संबोधित करते थे।
## अनुवाद के सुझाव:
* इस शब्द के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “मेरे गुरू” या “माननीय शिक्षक महोदय” या “धर्म गुरू” कुछ भाषाओं में ऐसे अभिवादन को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है तो कुछ में नहीं लिखा जाता है।
* लक्षित भाषा में शिक्षकों को संबोधित करने का एक विशेष तरीका हो सकता हैं।
* परन्तु सुनिश्चित करें कि इस शब्द के ऐसे अनुवाद से यीशु किसी पाठशाला का शिक्षक न समझ में आए।
* उसी भाषा के या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में “रब्बी” के अनुवाद पर भी ध्यान दें
* इस शब्द के अनुवाद रूप हो सकते हैं, "मेरे स्वामि" या “मेरे गुरू” या “माननीय शिक्षक महोदय” या “धर्म गुरू” कुछ भाषाओं में ऐसे अभिवादन को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है तो कुछ में नहीं लिखा जाता है।
* लक्षित भाषा में शिक्षकों को संबोधित करने की अपनी ही कोई विशिष्ट भाषा शैली हो सकती हैं।
* परन्तु सुनिश्चित करें कि इस शब्द के अनुवाद से यीशु को किसी पाठशाला का शिक्षक न समझ आए।
* यह भी अवलोकन करें कि सम्बन्धित भाषा में या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में “रब्बी” शब्द का अनुवाद कैसे किया गया है
देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown)
@ -20,11 +20,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [यूहन्ना 01:49-51](rc://*/tn/help/jhn/01/49)
* [यूहन्ना 06:24-25](rc://*/tn/help/jhn/06/24)
* [यूहन्ना 1:49-51](rc://*/tn/help/jhn/01/49)
* [यूहन्ना 6:24-25](rc://*/tn/help/jhn/06/24)
* [मरकुस 14:43-46](rc://*/tn/help/mrk/14/43)
* [मत्ती 23:8-10](rc://*/tn/help/mat/23/08)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G4461
* स्ट्रोंग्स: G44610

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@ -1,31 +1,30 @@
# छुटकारे के लिये, छुड़ा लिया
# छुटकारे का मूल्य, छुड़ा लिया
## परिभाषा:
“छुटकारे के लिये” अर्थात् बन्दी की मुक्ति के लिए मांगी गई धन-राशि या अन्य कोई भुगतान।
* क्रिया शब्द "छुटकारे का" दाम देना, किसी बन्दी, दास या कारावास में रखे हुए मनुष्य के लिए धनराशि देना या बचाने के लिए किसी काम को आत्म-त्याग के साथ करना। “पुनः खरीद लेना” “मुक्ति कराने” जैसा ही है।
* यीशु ने स्वयं को छुटकारे के मूल्य स्वरूप करने दिया कि मनुष्य को पाप के दासत्व से मुक्त कराए। मनुष्यों के पाप का दण्ड चुका कर अपने लोगों को पुनः खरीद लेना बाइबल में परमेश्वर का "उद्धार" कहलाता है।
* क्रिया शब्द "छुटकारे का मूल्य", किसी बन्दी, दास या कारावास में रखे हुए मनुष्य के लिए धनराशि देना या बचाने के लिए किसी काम को आत्म-त्याग के साथ करना। “पुनः खरीद लेना” “मुक्ति कराने” जैसा ही है।
* एक क्रिया के रूप में, "छुटकारे का मूल्य" का अर्थ भुगतान करना या किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसे पकड़ा गया है, गुलाम बनाया गया है या कैद किया गया है, छुड़ाने के लिए आत्म-बलिदान करना है। "वापस खरीदें" का यह अर्थ "छुड़ाने" के अर्थ के समान है।
* यीशु ने पापी लोगों को पाप की गुलामी से छुड़ाने के लिए फिरौती के तौर पर खुद को मारे जाने के लिए दिया। परमेश्वर के अपने लोगों को उनके पाप का दंड चुकाकर वापस खरीदने के इस कार्य को बाइबल में "उद्धार" भी कहा जाता है।
## अनुवाद के सुझाव:
* “छुटकारे का मूल्य चुकाना” इसका अनुवाद हो सकता है, “मुक्ति के लिए मूल्य चुकाना” या “स्वतंत्र कराने के लिए मूल्य चुकाना” या “ पुनः खरीद लेना”
* “छुटकारे का मूल्य चुकाना” इसका अनुवाद इस प्रकार हो सकता है “मूल्य चुकाना” या "दंड का भुगतान (लोगों को मुक्त करने के लिए)" या "आवश्यक भुगतान करना।"
* नाम "छुटकारे" का अनुवाद "वापस खरीदना" या "एक जुर्माने का भुगतान " या "भुगतान किया गया मूल्य" (लोगों या जमीन को मुक्त या खरीदने के लिए) के रूप में किया जा सकता है।
* शब्द "छुटकारे का मूल्य" का अनुवाद "मुक्ति के लिए भुगतान" या "मुफ्त में कीमत चुकाने" या "पुन: खरीदने" के रूप में भी किया जा सकता है।
* वाक्यांश "छुटकारे का मूल्य देना" का अनुवाद "(स्वतंत्रता की) कीमत का भुगतान" या "(लोगों को मुक्त करने के लिए) दंड का भुगतान " या "आवश्यक भुगतान करने" के रूप में किय जा सकता है
* नाम "छुटकारे" का अनुवाद "वापस खरीदना" या "एक जुर्माने का भुगतान " या "भुगतान किया गया मूल्य" (लोगों या जमीन को मुक्त या पुन: खरीदने के लिए) के रूप में किया जा सकता है।
* एक "छुटकारे का मूल्य" और "छुटकारा" शब्द का अंग्रेज़ी में एक ही अर्थ है लेकिन कभी-कभी इसे थोड़ा अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। अन्य भाषाओं में इस अवधारणा के लिए केवल एक शब्द हो सकता है।
* सुनिश्चित करें कि यह अनुवाद “प्रायश्चित” के अनुवाद से भिन्न हो।
यह भी देखें: प्रायश्चित, छुटकारा दिलानेवाला
(यह भी देखें: [ प्रायश्चित](../kt/atonement.md), [छुटकारा](../kt/redeem.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 तीमुथियुस 02:5-7](../kt/atonement.md)
* [यशायाह 43:2-3](../kt/redeem.md)
* [अय्यूब 06:21-23](rc://*/tn/help/1ti/02/05)
* [लैव्यव्यवस्था 19:20-22](rc://*/tn/help/isa/43/02)
* [मत्ती 22:25-28](rc://*/tn/help/job/06/21)
* [भजन-संहिता 049:6-8](rc://*/tn/help/lev/19/20)
* [1 तीमुथियुस 2:6](rc://*/tn/help/1ti/02/06)
* [यशायाह 43:3](rc://*/tn/help/isa/43/03)
* [अय्यूब 6:23](rc://*/tn/help/job/06/23)
* [लैव्यव्यवस्था 19:20](rc://*/tn/help/isa/43/02)
* [मत्ती 20:28](rc://*/tn/help/mat/20/28)
* [भजन-संहिता 49:7](rc://*/tn/help/psa/049/007)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1350, H3724, H6299, H6306, G487, G3083
* Strong's: H1350, H3724, H6299, H6306, G04870, G30830

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@ -14,11 +14,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 27:32-34](rc://*/tn/help/1ch/27/32)
* [1 राजा 01:7-8](rc://*/tn/help/1ki/01/07)
* [1 राजा 02:22-23](rc://*/tn/help/1ki/02/22)
* [2 शमूएल 17:15-16](rc://*/tn/help/2sa/17/15)
* [मरकुस 02:25-26](rc://*/tn/help/mrk/02/25)
* [1 राजा 1:7](rc://*/tn/help/1ki/01/07)
* [1 राजा 2:22-23](rc://*/tn/help/1ki/02/22)
* [2 शमूएल 17:15](rc://*/tn/help/2sa/17/15)
* [मरकुस 2:25-26](rc://*/tn/help/mrk/02/25)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H54, G8
* Strong's: H0054, G00080

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@ -4,10 +4,9 @@
अहाब एक अत्यधिक दुष्ट राजा था जिसने उत्तरी राज्य, इस्राएल पर 875-854 ई.पू. तक राज किया था।
राजा अहाब ने इस्राएली प्रजा पर मूर्तिपूजा(झूठे देवता) का बुरा प्रभाव डाला था।
* भविष्यद्वक्ता एलिय्याह ने अहाब से भविष्यद्वाणी की थी कि अहाब द्वारा इस्राएल से पाप कराने के परिणामस्वरूप साढ़े तीन वर्ष तक अकाल पड़ेगा क्योंकि यह उनके पापों के लिए परमेश्वर का दण्ड है।
* राजा अहाब और उसकी रानी ईज़ेबेल ने अनेक अन्य बुरे कार्य किए थे जिसमें उन्होंने उनके सामर्थ्य का दुरूपयोग करके निर्दोषों की हत्या की थी।
* राजा अहाब ने इस्राएल के लोगों को झूठे देवताओं की पूजा करने के लिए प्रभावित किया।
* भविष्यद्वक्ता एलिय्याह ने अहाब का सामना किया और उसे बताया कि अहाब ने इस्राएल से जो पाप करवाए हैं उनके पापों की सजा के रूप में साढ़े तीन साल तक घोर सूखा पड़ा रहेगा।
* अहाब और उसकी पत्नी इज़ेबेल ने और भी बहुत से बुरे काम किए, जिनमें निर्दोष लोगों को मारने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करना शामिल था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -17,8 +16,8 @@
* [1 राजा 18:1-2](rc://*/tn/help/1ki/18/01)
* [1 राजा 20:1-3](rc://*/tn/help/1ki/20/01)
* [2 इतिहास 21:6-7](rc://*/tn/help/2ch/21/06)
* [2 राजा 09:7-8](rc://*/tn/help/2ki/09/07)
* [2 इतिहास 21:6](rc://*/tn/help/2ch/21/06)
* [2 राजा 9:8](rc://*/tn/help/2ki/09/08)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
@ -28,4 +27,4 @@
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H256
* Strong's: H0256

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@ -2,13 +2,13 @@
## तथ्य:
“बाल” का अर्थ है, “प्रभु” या “स्वामी”, और पहले के झूठे देवता का नाम था जिनकी उपासना कनानी करते थे
"बाल" का अर्थ "प्रभु" या "स्वामी" है और यह प्राथमिक झूठे देवता का नाम था जिसकी उपासना कनानियों द्वारा की जाती थी
* बाल शब्द से व्युत्पन्न अन्य देवता भी थे गैर पिओरबाल। कभी-कभी इन सब देवताओं को एक साथ “बाल” कहा गया है।
* कुछ देवताओं के नाम में "बाल" शब्द जुड़ा हुआ था।
* बाल की पूजा में कुप्रथाएं भी शामिल है जैसे बच्चों की बलि चढ़ाना और वैश्यावृत्ति का अभ्यास
* उनके इतिहास में विभिन्न युगों में इस्राएली भी बाल की पूजा करते थे और अन्य जातियों के उदाहरण पर चलते थे
* राजा आहाब के राज्य काल में परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता एलिय्याह ने सिद्ध करके दिखाया था कि बाल नहीं यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है। परिणामस्वरूप बाल के पुजारियों को नष्ट कर दिया गया था और इस्राएली यहोवा की उपासना करने लगे थे
* ऐसे स्थानीय झूठे देवता भी थे जिनके नाम में "बाल" था, जैसे कि "पोर का बाल।" कभी-कभी इन सभी देवताओं को एक साथ "बाल" कहा जाता है।
* कुछ लोगों के नाम में "बाल" शब्द शामिल था।
* बाल की उपासना में बच्चों की बलि चढ़ाने और वेश्याओं का इस्तेमाल करने जैसे बुरे काम शामिल थे
* अपने पूरे इतिहास में अलग-अलग समय अवधियों में, इस्राएली भी अपने आसपास के मूर्तिपूजक जातियों के उदाहरण का अनुसरण करते हुए, बाल पूजा में गहराई से शामिल हो गए
* राजा अहाब के शासनकाल के दौरान, परमेश्वर के भविष्यवक्ता एलिय्याह ने लोगों के सामने यह साबित करने के लिए एक परीक्षा रखी कि बाल अस्तित्व में नहीं है और यहोवा ही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है। परिणामस्वरूप, बाल के भविष्यवक्ता नष्ट हो गए और लोगों ने फिर से यहोवा की उपासना करनी शुरू कर दी
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -17,19 +17,19 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 राजा 16:31-33](rc://*/tn/help/1ki/16/31)
* [1 शमूएल 07:3-4](rc://*/tn/help/1sa/07/03)
* [यिर्मयाह 02:7-8](rc://*/tn/help/jer/02/07)
* [न्यायियों 02:11-13](rc://*/tn/help/jdg/02/11)
* [1 शमूएल 7:3-4](rc://*/tn/help/1sa/07/03)
* [यिर्मयाह 2:7-8](rc://*/tn/help/jer/02/07)
* [न्यायियों 2:11-13](rc://*/tn/help/jdg/02/11)
* [गिनती 22:41](rc://*/tn/help/num/22/41)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[19:02](rc://*/tn/help/obs/19/02)__ अहाब एक दुष्ट व्यक्ति था जो लोगों को झूठे, __बाल__नामक देवता की उपासना करने के लिए प्रोत्साहित करता था।
* __[19:06](rc://*/tn/help/obs/19/06)__ इस्राएली राज्य के सभी लोगों सहित और बाल के नबी साढ़े चार सौ मनुष्य कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा हुए | एलिय्याह ने लोगों से कहा, “कब तक तुम दो विचारो में लटके रहोगे ? यदि यहोवा परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’ यदि बाल परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’”
* __[19:02](rc://*/tn/help/obs/19/02)__ अहाब एक दुष्ट व्यक्ति था जिसने लोगों को __बाल__ नामक झूठे देवता की उपासना करने के लिए प्रोत्साहित किया।
* __[19:06](rc://*/tn/help/obs/19/06)__ इस्राएली राज्य के सभी लोगों सहित और बाल के भविष्यवक्ता साढ़े चार सौ मनुष्य कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा हुए | एलिय्याह ने लोगों से कहा, “कब तक तुम दो विचारो में लटके रहोगे ? यदि यहोवा परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’ यदि बाल परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’”
* __[19:07](rc://*/tn/help/obs/19/07)__ एलिय्याह ने बाल के भविष्यवक्ताओं से कहा, “पहले तुम एक बछड़ा चुन के तैयार कर लो, परन्तु आग न लगाना।”
* __[19:08](rc://*/tn/help/obs/19/08)__ तब बाल के भविष्यवक्ता यह कहकर बाल से प्रार्थना करते रहे, “हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन।”
* __[19:12](rc://*/tn/help/obs/19/12)__तब उन्होंने उनको पकड़ लिया, और एलिय्याह ने उन्हें नीचे ले जाकर मार डाला।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1120, G896
* Strong's: H1120, G08960

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@ -5,10 +5,10 @@
“बतशेबा” दाऊद के एक सैनिक ऊरिय्याह की पत्नी थी। ऊरिय्याह के मरने के बाद वह दाऊद की पत्नी बन गई थी, वही राजा सुलैमान की माता थी।
* दाऊद ने बतशेबा के साथ व्यभिचार किया जबकि वह ऊरिय्याह की पत्नी थी।
* जब बतशेबा दाऊद से गर्भवती हो गई तब दाऊद ने ऊरिय्याह को युद्ध क्षेत्र में आगे भेजकर मरवा दिया।
* जब बतशेबा दाऊद से गर्भवती हो गई तब दाऊद ने ऊरिय्याह को युद्ध में आगे भेजकर मरवा दिया।
* उसके बाद दाऊद ने बतशेबा से विवाह किया और उनके पुत्र का जन्म हुआ।
* परमेश्वर ने उस शिशु को कुछ दिनों बाद मारकर दाऊद के पाप का दण्ड दिया।
* बतशेबा ने एक और पुत्र को जन्म दिया, सुलैमान जो दाऊद के बाद राजा बना।
* परमेश्वर ने दाऊद को उसके पाप के लिए उसके जन्म के कई दिनों बाद बच्चे को मार कर दण्डित किया।
* बाद में, बतशेबा ने एक और पुत्र सुलैमान को जन्म दिया, जो बड़ा होकर दाऊद के बाद राजा बना।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,10 +16,10 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 03:4-5](rc://*/tn/help/1ch/03/04)
* [1 राजा 01:11-12](rc://*/tn/help/1ki/01/11)
* [2 शमूएल 11:2-3](rc://*/tn/help/2sa/11/02)
* [भजन 051:1-2](rc://*/tn/help/psa/051/001)
* [1 इतिहास 3:4-5](rc://*/tn/help/1ch/03/04)
* [1 राजा 1:11](rc://*/tn/help/1ki/01/11)
* [2 शमूएल 11:3](rc://*/tn/help/2sa/11/03)
* [भजन 51:1-2](rc://*/tn/help/psa/051/001)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
@ -27,7 +27,7 @@
* __[17:11](rc://*/tn/help/obs/17/11)__ कुछ समय बाद __बतशेबा__ ने दाऊद के पास कहला भेजा कि वह गर्भवती है |
* __[17:12](rc://*/tn/help/obs/17/12)__ __बतशेबा__ का पति, जिसका नाम ऊरिय्याह था, वह दाऊद का एक वीर सैनिक था।
* __[17:13](rc://*/tn/help/obs/17/13)__ ऊरिय्याह के मरने के बाद, दाऊद ने __बतशेबा__ से विवाह कर लिया।
* __[17:14](rc://*/tn/help/obs/17/14)__ उसके बाद, दाऊद और __बतशेबा__ा एक और पुत्र उत्पन्न हुआ उसका नाम उन्होंने सुलैमान रखा।
* __[17:14](rc://*/tn/help/obs/17/14)__ उसके बाद, दाऊद और __बतशेबा__े एक और पुत्र हुआ, और उन्होंने उसका नाम सुलैमान रखा।
## शब्द तथ्य:

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@ -2,10 +2,10 @@
## तथ्य:
कैसरिया भूमध्य सागर के तट पर एक महत्वपूर्ण नगर था, कर्मेल पर्वत से 39 कि.मी. दक्षिण की ओर। कैसरिया फिलिप्पी इस्राएल के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में हेर्मोन पर्वत के निकट एक नगर था।
कैसरिया भूमध्य सागर के तट पर, कर्मेल पर्वत से 39 कि.मी. दक्षिण की ओर, एक महत्वपूर्ण नगर था। कैसरिया फिलिप्पी इस्राएल के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में हेर्मोन पर्वत के निकट एक नगर था।
* इन नगरों का नाम रोमी सम्राट कैसर के नाम पर पड़ा था।
* तटवर्ती कैसरिया रोमी क्षेत्र यहूदिया की राजधानी बन गया था। यह यीशु के जन्म का समय था।
* यीशु के जन्म के समय तटीय कैसरिया यहूदिया के रोमी प्रांत की राजधानी बन गया।
* प्रेरित पौलुस ने अन्य जातियों में सर्वप्रथम कैसरिया में ही प्रचार किया था।
* पौलुस ने तरसुस के लिए कैसरिया से ही प्रस्थान किया था और अपनी दो प्रचार यात्राओं में वह कैसरिया होकर गया था।
* यीशु और उसके शिष्यों ने कैसरिया फिलिप्पी के क्षेत्रों में सीरिया का भ्रमण किया था। इन दोनों नगरों का नाम हेरोदेस फिलिप्प के नाम पर पड़ा था।
@ -16,13 +16,13 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 09:28-30](rc://*/tn/help/act/09/28)
* [प्रे.का. 9:30](rc://*/tn/help/act/09/30)
* [प्रे.का. 10:1-2](rc://*/tn/help/act/10/01)
* [प्रे.का. 07:43](rc://*/tn/help/act/25/01)
* [प्रे.का. 25:13-16](rc://*/tn/help/act/25/13)
* [मरकुस 08:27-28](rc://*/tn/help/mrk/08/27)
* [प्रे.का. 25:1](rc://*/tn/help/act/25/01)
* [प्रे.का. 25:14](rc://*/tn/help/act/25/14)
* [मरकुस 08:27](rc://*/tn/help/mrk/08/27)
* [मत्ती 16:13-16](rc://*/tn/help/mat/16/13)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G2542, G5376
* Strong's: G25420, G53760

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@ -4,10 +4,9 @@
कालेब उन बारह इस्राएली भेदियों में से एक था जिन्हें मूसा ने कनान की जानकारी लेने के लिए भेजा था।
उसने और यहोशू ने इस्राएलियों को प्रोत्साहित किया था कि वे परमेश्वर पर भरोसा रखें वह उन्हें कनान पर विजय दिलाएगा।
* यहोशू और कालेब उस पीढ़ी के दो ही जन थे जिन्हें प्रतिज्ञा के देश, कनान में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई थी।
* कालेब ने निवेदन किया था कि उसे और उसके परिवार को हेब्रोन दिया जाए। उसे विश्वास था कि परमेश्वर उसे वहां के लोगों को पराजित करने में उसकी सहायता करेगा।
* उसने और यहोशू ने लोगों से कनानियों को हराने में मदद करने के लिए परमेश्वर पर भरोसा रखने को कहा।
* यहोशू और कालेब उनकी पीढ़ी के एकमात्र पुरुष थे जिन्हें कनान की प्रतिज्ञा की गई भूमि में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी।
* कालेब ने विनती की कि हेब्रोन की भूमि उसे और उसके परिवार को दी जाए। वह जानता था कि परमेश्वर वहाँ रहने वाले लोगों को हराने में उसकी मदद करेगा।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,16 +14,16 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 04:13-16](rc://*/tn/help/1ch/04/13)
* [1 इतिहास 4:13](rc://*/tn/help/1ch/04/13)
* [यहोशू 14:6-7](rc://*/tn/help/jos/14/06)
* [न्यायियों 01:11-13](rc://*/tn/help/jdg/01/11)
* [न्यायियों 01:12](rc://*/tn/help/jdg/01/12)
* [गिनती 32:10-12](rc://*/tn/help/num/32/10)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[14:04](rc://*/tn/help/obs/14/04)__जब इस्राएली कनान की सीमा पर पहुँचे, तब मूसा ने बारह पुरषों को चुना इस्राएल के हर गोत्र में से उसने उन पुरषों को आदेश दिया कि जाओ और भूमि का पता लगाओ कि वह कैसी दिखती है ।
* __[14:06](rc://*/tn/help/obs/14/06)__ तुरन्त ही __कालेब__ और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सही है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा"
* __[14:08](rc://*/tn/help/obs/14/08)__ “उनमे से कालिब और यहोशू को छोड़ जितने बीस वर्ष के या उससे अधिक आयु के जितने गिने गए थे ,वह मर जाएगे और कभी प्रतिज्ञा के देश में प्रवेश नहीं करेंगे।"
* __[14:06](rc://*/tn/help/obs/14/06)__ तुरन्त ही __कालेब__ और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सही है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा!"
* __[14:08](rc://*/tn/help/obs/14/08)__ “यहोशू और __कालिब__ को छोड़कर, जितने बीस वर्ष या उससे अधिक के हैं, वे वहीं मरेंगे और प्रतिज्ञा किए हुए देश में कभी प्रवेश नहीं करेंगे।”
ताकि वे उस देश में शांति से जी सकें।

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@ -5,16 +5,16 @@
काना गलील क्षेत्र में एक गांव या नगर था जो नासरत से लगभग नौ मील उत्तर में बसा हुआ था।
* काना नगर बारहों में से एक नतनएल का जन्म स्थान था।
* यीशु काना नगर में एक विवाहोत्सव में गया था जहां उसने अपना पहला आश्चर्यकर्म, पानी को मदिरा बनाना, किया था।
* यीशु काना नगर में एक विवाहोत्सव में गया था जहां उसने पानी को मदिरा में परिणत करके अपना पहला आश्चर्यकर्म किया था।
* कुछ समय बाद यीशु काना में पुनः आया था जहां उसकी भेंट कफरनहूम के एक अधिकारी से हुई थी जिसने अपने पुत्र की चंगाई के लिए उससे विनती की थी।
(यह भी देखें: [कफरनहूम](../names/capernaum.md), [गलील](../names/galilee.md), [बारहों](../kt/thetwelve.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [यूहन्ना 02:1-2](rc://*/tn/help/jhn/02/01)
* [यूहन्ना 04:46-47](rc://*/tn/help/jhn/04/46)
* [यूहन्ना 2:1-2](rc://*/tn/help/jhn/02/01)
* [यूहन्ना 4:46-47](rc://*/tn/help/jhn/04/46)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G2580
* स्ट्रोंग्स: G25800

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@ -4,11 +4,11 @@
दमिश्क सीरिया की राजधानी है। यह नगर आज भी वहीं है जहां वह बाइबल युग में था।
* दमिश्क प्राचीनतम, निरन्तर आवासीय नगर है।
* अब्राहम के युग में दमिश्क अराम राज्य की राजधानी था। अराम राज्य आज के सीरिया में था।
* दमिश्क दुनिया के सबसे पुराने, लगातार आबाद शहरों में से एक है।
* अब्राहम के युग में दमिश्क अराम राज्य (अराम राज्य आज के सीरिया में था) की राजधानी था।
* संपूर्ण पुराने नियम में दमिश्क के निवासियों और इस्राएली प्रजा के मध्य पारस्परिक क्रिया के अनेक संदर्भ हैं।
* बाइबल में अनेक भविष्यद्वाणियां दमिश्क के विनाश की हैं। ये भविष्यद्वाणियां संभवतः उस समय पूरी हो गई थी जब पुराने नियम के युग में अश्शूरों ने उस नगर को ध्वंस किया था, या भविष्य में इस नगर का पूर्ण विनाश होगा
* नये नियम में फरीसी शाऊल (पौलुस) मसीही विश्वासियों को बन्दी बनाने के लिए जब दमिश्क नगर जा रहा था तब मसीह यीशु उस पर प्रकट और उसे अपना विश्वासी बनाया।
* बाइबल की कई भविष्यद्वाणियां दमिश्क के विनाश की भविष्यवाणी करती हैं। हो सकता है कि ये भविष्यद्वाणियां तब पूरी हुई हों जब अश्शूर ने पुराने नियम के समय में शहर को नष्ट कर दिया था, या भविष्य में इस शहर का और अधिक पूर्ण विनाश भी हो सकता है
* नए नियम में, फरीसी शाऊल (बाद में पौलुस के नाम से जाना गया) दमिश्क शहर में मसीहीयों को बन्दी बनाने के लिए जा रहा था जब यीशु ने उसका सामना किया और उसे विश्वासी बना दिया।
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -17,12 +17,12 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 इतिहास 24:23-24](rc://*/tn/help/2ch/24/23)
* [प्रे.का. 09:1-2](rc://*/tn/help/act/09/01)
* [प्रे.का. 09:3-4](rc://*/tn/help/act/09/03)
* [प्रे.का. 26:12-14](rc://*/tn/help/act/26/12)
* [गलातियों 01:15-17](rc://*/tn/help/gal/01/15)
* [प्रे.का. 9:1-2](rc://*/tn/help/act/09/01)
* [प्रे.का. 9:3](rc://*/tn/help/act/09/03)
* [प्रे.का. 26:12](rc://*/tn/help/act/26/12)
* [गलातियों 1:15-17](rc://*/tn/help/gal/01/15)
* [उत्पत्ति 14:15-16](rc://*/tn/help/gen/14/15)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1833, H1834, G1154
* Strongs: H1834, G11540

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@ -2,10 +2,10 @@
## तथ्य:
गतसमनी जैतून के वृक्षों की एक वाटिका थी, किद्रोन घाटी के पार, यरूशलेम के पूर्व में जैतून पर्वत के निकट।
गतसमनी किद्रोन घाटी के पार, यरूशलेम के पूर्व में जैतून पर्वत के निकट जैतून के वृक्षों की एक वाटिका थी
* गतसमनी में यीशु और उसके शिष्य अकेले रहने और विश्राम करने के लिए जाते थे कि जनसमूह से दूर रह पाएं
* गतसमनी में ही यीशु ने अपना गहन दुःख प्रार्थना में व्यक्त किया था, इसके पूर्व कि यहूदी अगुवे उसे बन्दी बनाते
* गतसमनी का बाग एक ऐसा स्थान था जहाँ यीशु और उसके चेले भीड़ से दूर अकेले रहने और विश्राम करने जाते थे।
* गतसमनी में ही यहूदी अगुवों द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले यीशु ने गहरे दुख में प्रार्थना की थी
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -13,9 +13,9 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [मरकुस 14:32-34](rc://*/tn/help/mrk/14/32)
* [मत्ती 26:36-38](rc://*/tn/help/mat/26/36)
* [मरकुस 14:32](rc://*/tn/help/mrk/14/32)
* [मत्ती 26:36](rc://*/tn/help/mat/26/36)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G1068
* Strong's: G10680

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@ -4,10 +4,10 @@
गिदोन एक इस्राएली पुरुष था, परमेश्वर ने उसे इस्राएल के शत्रुओं से बचाने के लिए खड़ा किया था।
* गिदोन के समय मिद्यानी जाति के लोग इस्राएलियों पर आक्रमण करके उनकी फसलों को नष्ट कर देते थे
* यद्यपि गिदोन डर रहा था, परमेश्वर ने उसे मिद्यानियों के विरूद्ध युद्ध करने के लिए इस्राएलियों की अगुआई के काम में लिया था और अन्ततः उन्हें हराया।
* गिदोन ने परमेश्वर की आज्ञा मानकर बाल और अशेरा की वेदियां नष्ट कर दी थीं
* उसने शत्रुओं को हराने में ही इस्राएल की अगुआई नहीं की थी, उसने उन्हें एकमात्र सच्चे परमेश्वर यहोवा की आराधना करने के लिए भी इस्राएल को प्रोत्साहित किया था।
* गिदोन के समय में, मिद्यानी नामक लोगों का एक समूह इस्राएलियों पर आक्रमण करता रहा और उनकी फसलों को नष्ट करता रहा
* हालाँकि गिदोन डरता था, फिर भी परमेश्वर ने उसका इस्तेमाल इस्राएलियों को मिद्यानियों से लड़ने और उन्हें हराने के लिए किया।
* गिदोन ने भी झूठे देवताओं बाल और अशेरा की वेदियाँ गिराकर परमेश्वर की आज्ञा मानी
* उसने न केवल लोगों को उनके शत्रुओं को पराजित करने में अगुवाई की बल्कि उन्हें एक सच्चे परमेश्वर यहोवा की आज्ञा मानने और उसकी आराधना करने के लिए प्रोत्साहित किया।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,20 +16,20 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [इब्रानियों 11:32-34](rc://*/tn/help/heb/11/32)
* [न्यायियों 06:11-12](rc://*/tn/help/jdg/06/11)
* [न्यायियों 06:22-24](rc://*/tn/help/jdg/06/22)
* [न्यायियों 08:15-17](rc://*/tn/help/jdg/08/15)
* [न्यायियों 06:11](rc://*/tn/help/jdg/06/11)
* [न्यायियों 06:23](rc://*/tn/help/jdg/06/23)
* [न्यायियों 08:17](rc://*/tn/help/jdg/08/17)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[16:05](rc://*/tn/help/obs/16/05)__ यहोवा का दूत __गिदोन__ के पास आया और कहा, “परमेश्वर तेरे संग है, शक्ति शाली योद्धा। इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ा।”
* __[16:06](rc://*/tn/help/obs/16/06)__ __गिदोन__ के पिता के पास मूर्ति को समर्पित एक वेदी थी। परमेश्वर ने __गिदोन__ से उस वेदी को नीचे गिराने के लिए कहा।
* __[16:08](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ वहाँ पर वह(मिद्यानी) बहुत थे, उन्हें गिना नहीं जा सकता था। __गिदोन__ ने उन सब इस्राएलियों को एकत्र किया उनसे लड़ने के लिए।
* __[16:08](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ __गिदोन__ ने उन सब इस्राएलियों को एकत्र किया उनसे लड़ने के लिए। परमेश्वर इस्राएलियों को बचाने के लिए __गिदोन__ का प्रयोग करना चाहता है, इसके लिए उसने परमेश्वर से दो चिह्न पूछे
* __[16:10](rc://*/tn/help/obs/16/10)__ 32,000 इस्राएली __गिदोन__ के पास आए, परन्तु परमेश्वर ने कहा कि यह बहुत अधिक है।
* __[16:12](rc://*/tn/help/obs/16/12)__ और __गिदोन__ ने इस्राएलियों की छावनी में लौटकर एक एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ो के भीतर एक मशाल थी।
* __[16:15](rc://*/tn/help/obs/16/15)__ तब इस्राएल के पुरुषों ने गिदोन से कहा कि तू हम पर प्रभुता कर
* __[16:16](rc://*/tn/help/obs/16/16)__ तब __गिदोन__ ने उस सोने से एक विशेष वस्त्र बनवा लिए जो मिद्यानियों के राजा पहनते थे। परन्तु लोगों ने उसकी आराधना करना आरम्भ कर दिया, जैसे कि वह कोई मूर्ति है
* __[16:5](rc://*/tn/help/obs/16/05)__ यहोवा का दूत __गिदोन__ के पास आया और कहा, “परमेश्वर तेरे संग है, शक्ति शाली योद्धा। इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ा।”
* __[16:6](rc://*/tn/help/obs/16/06)__ __गिदोन__ के पिता के पास मूर्ति को समर्पित एक वेदी थी। परमेश्वर ने __गिदोन__ से उस वेदी को नीचे गिराने के लिए कहा।
* __[16:8](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ वहाँ पर वह(मिद्यानी) बहुत थे, उन्हें गिना नहीं जा सकता था। __गिदोन__ ने उन सब इस्राएलियों को एकत्र किया उनसे लड़ने के लिए।
* __[16:8](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ __गिदोन__ ने इस्राएलियों को उनसे लड़ने के लिए एक साथ बुलाया। __गिदोन __ ने परमेश्वर से दो चिह्न मांगे ताकि वह आश्वस्त हो सके कि परमेश्वर उसका उपयोग इस्राएल को बचाने के लिए करेगा
* __[16:10](rc://*/tn/help/obs/16/10)__ 32,000 इस्राएली सैनिक __गिदोन__ के पास आए, परन्तु परमेश्वर ने उससे कहा कि यह बहुत अधिक है।
* __[16:12](rc://*/tn/help/obs/16/12)__ तब __गिदोन__ ने इस्राएलियों की छावनी में लौटकर एक एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ो के भीतर एक मशाल थी।
* __[16:15](rc://*/tn/help/obs/16/15)__ लोग __गिदोन__ को अपना राजा बनाना चाहते थे।
* __[16:16](rc://*/tn/help/obs/16/16)__ तब _गिदोन_ ने सोने का उपयोग एक विशेष वस्त्र बनाने के लिए किया जैसा कि महायाजक पहनते थे। लेकिन लोग उसे मूर्ति की तरह पूजने लगे
## शब्द तथ्य:

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@ -4,20 +4,20 @@
“गुलगुता” उस स्थान का नाम है जहां यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया था। इस शब्द का मूल अरामी भाषा में है जिसका अर्थ है, “खोपड़ी” या “खोपड़ी का स्थान”।
* गुलगुता स्थान यरूशलेम की शहरपनाह के बाहर था परन्तु पास ही में। संभवतः जैतून पर्वत के ढलान पर।
* बाइबल के कुछ अंग्रेजी अनुवादों में गुलगुता का अनुवाद “कलवरी” किया गया है जिसका मूल लतीनी भाषा में है जो “खोपड़ी” शब्द से आता है।
* अनेक बाइबल संस्करणों में ऐसे शब्दों का उपयोग किया गया है जो “गुलगुता” के सदृश्य दिखते हैं या सुनने में आते हैं क्योंकि इस शब्द का अनुवाद बाइबल अभिलेख में किया जा चुका है।
* गुलगुता स्थान यरूशलेम की शहरपनाह के बाहर कहीं निकटवर्ती स्थान था। संभवतः जैतून पर्वत के ढलान पर।
* बाइबल के कुछ प्राचीन अंग्रेजी अनुवादों में गुलगुता का अनुवाद “कलवरी” किया गया है जिसका मूल लतीनी भाषा में है जो “खोपड़ी” शब्द से आता है।
* अनेक बाइबल संस्करणों में ऐसे शब्द का उपयोग किया गया है जो “गुलगुता” के सदृश्य दिखता हैं या सुनाई देता हैं क्योंकि इस शब्द का अनुवाद बाइबल अभिलेख में किया जा चुका है।
(अनुवाद के सुझाव: [नाम कैसे अनुवादित करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(अनुवाद के सुझाव: [नाम का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [अराम](../names/aram.md), [जैतून पर्वत](../names/mountofolives.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [यूहन्ना 19:17-18](rc://*/tn/help/jhn/19/17)
* [मरकुस 15:22-24](rc://*/tn/help/mrk/15/22)
* [मत्ती 27:32-34](rc://*/tn/help/mat/27/32)
* [यूहन्ना 19:17](rc://*/tn/help/jhn/19/17)
* [मरकुस 15:22](rc://*/tn/help/mrk/15/22)
* [मत्ती 27:33](rc://*/tn/help/mat/27/33)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G1115
* स्ट्रोंग्स: G11150

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@ -4,8 +4,8 @@
हाजिरा एक मिस्री स्त्री थी जो सारै की अपनी दासी थी।
* सारै सन्तानोत्पत्ति में अक्षम थी इसलिए उसने हाजिरा अब्राम को दी कि उससे सन्तान उत्पन्न कर।
* हाजिरा ने अब्राम के पुत्र इश्माएल को जन्म दिया।
* सारै सन्तानोत्पत्ति में अक्षम थी इसलिए उसने हाजिरा अब्राम को दी कि वह उससे सन्तान उत्पन्न कर
* हाजिरा ने अब्राम के पुत्र इश्माएल को जन्म दिया।
* हाजिरा रेगिस्तान में पीड़ित थी परन्तु परमेश्वर ने उसकी सुधि ली और उसके वंशजों को आशिष देने की प्रतिज्ञा की।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -14,9 +14,9 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [गलातियों 04:24-25](rc://*/tn/help/gal/04/24)
* [गलातियों 04:24-25](rc://*/tn/help/gal/04/25)
* [उत्पत्ति 16:1-4](rc://*/tn/help/gen/16/01)
* [उत्पत्ति 21:8-9](rc://*/tn/help/gen/21/08)
* [उत्पत्ति 21:8-9](rc://*/tn/help/gen/21/09)
* [उत्पत्ति 25:12](rc://*/tn/help/gen/25/12)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:

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@ -1,15 +1,15 @@
# इश्माएल, इश्माएली, इश्माएलियों
# इश्माएल, इश्माएली
## तथ्य:
इश्माएल अब्राहम और मिस्री दासी हाजिरा का पुत्र था। पुराने नियम में इश्माएल नामक अनेक पुरुष भी हुए हैं।
इश्माएल अब्राहम और मिस्री दासी हाजिरा का पुत्र था। पुराने नियम में इश्माएल नामक और पुरुष भी हुए हैं।
* इश्माएल का अर्थ है, “परमेश्वर सुनता है”
* परमेश्वर ने अब्राहम के पुत्र इश्माएल को आशिष देने की प्रतिज्ञा की थी, परन्तु वह वाचा का पुत्र नहीं था
* रेगिस्तान में परमेश्वर ने हाजिरा और इश्माएल की रक्षा की थी
* पारान के रेगिस्तान में रहते हुए इश्माएल ने एक मिस्री से विवाह किया।
* नतन्याह का पुत्र इश्माएल यहूदा का सेना नायक था जिसने एक जत्था बनाकर बेबीलोन के राजा के नियुक्त अधिकारी नबूकदनेस्सर की हत्या की थी
* पुराने नियम में इश्माएल नाम के चार और पुरुष हुए हैं
* परमेश्वर ने अब्राहम के पुत्र इश्माएल को आशीष देने की प्रतिज्ञा की, परन्तु वह वो पुत्र नहीं था जिसके साथ परमेश्वर ने अपनी वाचा स्थापित करने की प्रतिज्ञा की थी
* परमेश्वर ने हाजिरा और इश्माएल की रक्षा रेगिस्तान में की जब उन्हें वहां भेजा गया
* जब इश्माएल पारान के रेगिस्तान में रह रहा था, तब उसने मिस्र की एक स्त्री से विवाह किया।
* नतन्याह का पुत्र इश्माएल यहूदा का एक सेनापति था, जिसने बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर द्वारा नियुक्त एक राज्यपाल को मारने के लिए पुरुषों के एक समूह का नेतृत्व किया था
* पुराने नियम में इश्माएल नाम के चार अन्य व्यक्ति भी थे
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -19,9 +19,9 @@
* [1 इतिहास 01:28-31](rc://*/tn/help/1ch/01/28)
* [2 इतिहास 23:1-3](rc://*/tn/help/2ch/23/01)
* [उत्पत्ति 16:11-12](rc://*/tn/help/gen/16/11)
* [उत्पत्ति 16:11-12](rc://*/tn/help/gen/16/12)
* [उत्पत्ति 25:9-11](rc://*/tn/help/gen/25/09)
* [उत्पत्ति 25:13-16](rc://*/tn/help/gen/25/13)
* [उत्पत्ति 25:13-16](rc://*/tn/help/gen/25/16)
* [उत्पत्ति 37:25-26](rc://*/tn/help/gen/37/25)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:

View File

@ -2,12 +2,13 @@
## तथ्य:
* नबात का पुत्र यारोबाम उत्तरी राज्य इस्राएल का प्रथम राजा हुआ था, लगभग 900-910 ई.पू. * यारोबाम नामक इस्राएल का एक और राजा हुआ था, वह राजा यहोआश का पुत्र था जिसने 120 वर्ष बाद इस्राएल पर राज्य किया था।
* यहोवा ने नबात के पुत्र यारोबाम को भविष्यद्वाणी में कहा था कि वह सुलैमान के बाद राजा होगा और उसका राज्य दस गोत्रों पर होगा।
* सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल के दस गोत्रों ने सुलैमान के पुत्र रहबाम से विद्रोह करके यारोबाम को अपना राजा घोषित कर दिया। अब रहबाम केवल दक्षिण के दो गोत्रों, यहूदा और बिन्यामीन क्षेत्रों का ही राजा रह गया था।
* यारोबाम एक दुष्ट राजा हुआ जिसने प्रजा को यहोवा से विमुख करके उनकी पूजा करने के लिए मूर्तियों को स्थापित किया। इस्राएल के उत्तरकालीन सब राजाओं ने यारोबाम का अनुकरण किया और उसी के तुल्य दुष्ट हुए।
* 120 वर्ष बाद एक और यारोबाम वहां राजा हुआ। यह यारोबाम राजा यहोआश का पुत्र था और इस्राएल के अन्य सब राजाओं के तुल्य दुष्ट था।
* इस सब विधर्मों के उपरान्त भी परमेश्वर ने इस्राएल पर दया की और इस राजा यारोबाम को अपने राज्य की सीमा विकसित करने एवं सीमा निर्धारित करने में सहायता की।
नबात का पुत्र यारोबाम 900-910 ईसा पूर्व के आसपास इस्राएल के उत्तरी राज्य का पहला राजा था। राजा योआश के पुत्र यारोबाम ने लगभग 120 वर्ष बाद इस्राएल पर शासन किया।
* यहोवा ने नबात के पुत्र यारोबाम को भविष्यवाणी दी कि वह सुलैमान के बाद राजा बनेगा और वह इस्राएल के दस गोत्रों पर शासन करेगा।
* जब सुलैमान की मृत्यु हुई, इस्राएल के दस उत्तरी गोत्रों ने सुलैमान के पुत्र रहूबियाम के विरुद्ध विद्रोह किया और उसके स्थान पर यारोबाम को अपना राजा बनाया, रहूबियाम को केवल दक्षिणी दो गोत्रों, यहूदा और बिन्यामीन के राजा के रूप में छोड़ दिया।
* यारोबाम एक दुष्ट राजा बन गया जिसने लोगों को यहोवा की उपासना करने से दूर किया और इसके बजाय उनकी उपासना करने के लिए मूर्तियों की स्थापना की। इस्राएल के अन्य सभी राजा यारोबाम के उदाहरण का अनुसरण करते थे और उसके समान दुष्ट थे।
* करीब 120 साल बाद, एक और राजा यारोबाम ने इस्राएल के उत्तरी राज्य पर शासन करना शुरू किया। यह यारोबाम राजा योआश का पुत्र था और इस्राएल के सब पिछले राजाओं के समान दुष्ट था।
* इस्राएलियों की दुष्टता के बावजूद, परमेश्वर ने उन पर दया की और इस राजा यारोबाम को भूमि प्राप्त करने और उनके क्षेत्र के लिए सीमाएँ स्थापित करने में मदद की।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,16 +16,16 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 05:16-17](rc://*/tn/help/1ch/05/16)
* [1 राजा 12:1-2](rc://*/tn/help/1ki/12/01)
* [2 इतिहास 09:29-31](rc://*/tn/help/2ch/09/29)
* [2 राजा 03:1-3](rc://*/tn/help/2ki/03/01)
* [आमोस 01:1-2](rc://*/tn/help/amo/01/01)
* [1 इतिहास 5:16-17](rc://*/tn/help/1ch/05/16)
* [1 राजा 12:2](rc://*/tn/help/1ki/12/02)
* [2 इतिहास 9:29](rc://*/tn/help/2ch/09/29)
* [2 राजा 3:1-3](rc://*/tn/help/2ki/03/01)
* [आमोस 1:1](rc://*/tn/help/amo/01/01)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[18:08](rc://*/tn/help/obs/18/08)__ अन्य दस इस्राएली गोत्र जो रहूबियाम के विरुद्ध में थे, उन्होंने अपने लिए __यारोबाम__ नामक एक राजा को नियुक्त किया।
* __[18:09](rc://*/tn/help/obs/18/09)__ __यारोबाम__ ने परमेश्वर का विद्रोह किया और लोगों को पाप में धकेल दिया। उसने परमेश्वर की उपासना करने के स्थान पर लोगों के लिए दो बछड़े यहूदा के राज्य भवन में उपासना करने के लिए बनवाए
* __[18:09](rc://*/tn/help/obs/18/09)__ यारोबाम ने परमेश्वर से बलवा किया और लोगों से पाप करवाया। उसने यहूदा के राज्य में मंदिर में परमेश्वर की पूजा करने के बजाय अपने लोगों की पूजा करने के लिए दो मूर्तियों का निर्माण किया
## शब्द तथ्य:

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@ -1,13 +1,13 @@
# किद्रोन नाल
# किद्रोन नाल
## तथ्य:
किद्रोन नाले यरूशलेम के ठीक बाहर एक गहरी घाटी है, पूर्वी दीवार और जैतून पर्वत के मध्य।
किद्रोन नाला यरूशलेम के ठीक बाहर अर्थात पूर्वी दीवार और जैतून पर्वत के मध्य एक गहरी घाटी है
* यह घाटी लगभग 1,000 मीटर गहरी और 32 किलोमीटर लम्बी है।
* जब राजा दाऊद अपने पुत्र, अबशालेम से बचकर भागता फिर रहा था तब वह किद्रोन घाटी से होकर जैतून पर्वत पर चढ़ा था।
* यहूदा के राजा आसा और योशिय्याह ने आज्ञा दी थी कि सब ऊंचे स्थान और झूठे देवताओं की वेदियां जला दी जाएं और ध्वंस कर दी जाएं तब उनकी राख किद्रोन घाटी में डाल दी गई थी।
* राजा हिजकिय्याह के राज्यकाल में याजक मन्दिर से निकाली गई किसी भी वस्तु को किद्रोन घाटी में फेंक देते थे।
* यह घाटी 1,000 मीटर से अधिक गहरी और लगभग 32 किलोमीटर लम्बी है।
* जब राजा दाऊद अपने पुत्र, अबशालेम से बचकर भाग रहा था तब वह किद्रोन नाले से होकर जैतून पर्वत पर चढ़ा था।
* यहूदा के राजा आसा और योशिय्याह ने आज्ञा दी थी कि सब ऊंचे स्थान और झूठे देवताओं की वेदियां जला कर ध्वंस कर दी जाएं तब उनकी राख किद्रोन नाले में डाल दी गई थी।
* राजा हिजकिय्याह के राज्यकाल में याजक मन्दिर से निकाली गई किसी भी अशुद्ध वस्तु को किद्रोन घाटी में फेंक देते थे।
* दुष्ट रानी अतल्याह इसी घाटी में घात की गई थी क्योंकि उसने बहुत दुष्टता के काम किए थे।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,8 +16,8 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [यूहन्ना 18:1-3](rc://*/tn/help/jhn/18/01)
* [यूहन्ना 18:1](rc://*/tn/help/jhn/18/01)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H5674, H6939, G2748, G5493
* स्ट्रोंग्स: H5674, H6939, G27480, G54930

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@ -2,7 +2,8 @@
## तथ्य:
* “इस्राएल के राज्य” जो इस्राएल का उत्तरी भाग था, सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल के बारह गोत्र दो राज्यों में विभाजित हो गए थे।
जो इस्राएल देश का उत्तरी भाग था वह इस्राएल का राज्य बन गया जब इस्राएल के बारह गोत्र सुलैमान के मरने के बाद दो राज्यों में विभाजित हो गए
* इस्राएल का राज्य उत्तरी राज्य हो गया जिसमें दस गोत्र और दक्षिण में यहूदा राज्य जिसमें दो गोत्र थे।
* इस्राएल राज्य की राजधानी सामरिया थी। यहूदा राज्य की राजधानी यरूशलेम से वह नगर 50 कि.मी. दूर था।
* इस्राएल राज्य के सभी राजा दुष्ट थे। उन्होंने प्रजा को झूठे देवता की मूर्तिपूजा के लिए प्रभावित किया था।
@ -13,18 +14,18 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 इतिहास 35:18-19](rc://*/tn/help/2ch/35/18)
* [यिर्मयाह 05:10-13](rc://*/tn/help/jer/05/10)
* [यिर्मयाह 09:25-26](rc://*/tn/help/jer/09/25)
* [2 इतिहास 35:18](rc://*/tn/help/2ch/35/18)
* [यिर्मयाह 5:11](rc://*/tn/help/jer/05/11)
* [यिर्मयाह 9:26](rc://*/tn/help/jer/09/26)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[18:08](rc://*/tn/help/obs/18/08)__ अन्य दस इस्राएली गोत्र जो रहूबियाम के विरुद्ध में थे, उन्होंने अपने लिए यारोबाम नामक एक राजा को नियुक्त किया। उसने देश के उत्तरी भाग में अपने राज्य की स्थापना की और उसे __इस्राएल का राज्य__ कहा गया।
* __[18:10](rc://*/tn/help/obs/18/10)__ यहूदा और __ इस्राएली राज्य__ शत्रु बन गए और अक्सर एक दूसरे के विरुद्ध लड़े।
* __[18:11](rc://*/tn/help/obs/18/11)__ नए __इस्राएली राज्य__ में, जितने भी राजा हुए वह सब दुष्ट थे।
* __[20:01](rc://*/tn/help/obs/20/01)__ इस्राएलियों और यहूदियों के राज्यों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया था।
* __[20:01](rc://*/tn/help/obs/20/01)__ इस्राएलियों और यहूदियों के राज्यों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया था।
* __[20:02](rc://*/tn/help/obs/20/02)__ अश्शूर का राज्य एक शक्तिशाली, क्रूर राज्य था, जिसने __इस्राएल के राज्य__ को नष्ट कर दिया। अश्शूरियों ने __इस्राएल के__ बहुत से लोगों को मार गिराया, उनकी मूल्यवान वस्तुओं को छीन लिया और देश का बहुत सा हिस्सा जला दिया।
* __[20:04](rc://*/tn/help/obs/20/04)__ तब अश्शूरियों ने अन्यजातियों को उस भूमि पर रहने को कहा जहाँ पर __इस्राएली राज्य__ था। अन्यजातियों ने उस विनष्ट शहर का पुनर्निर्माण किया, और वहाँ शेष बचे इस्राएलियों से विवाह किया। इस्राएलियों के वह वंशज जिन्होंने अन्यजातियों से विवाह किया वह सामरी कहलाए।
* __[20:04](rc://*/tn/help/obs/20/04)__ तब अश्शूरियों ने अन्यजातियों को उस भूमि पर रहने को कहा जहाँ पर __इस्राएली राज्य__ था। अन्यजातियों ने उस विनष्ट शहर का पुनर्निर्माण किया, और वहाँ शेष बचे इस्राएलियों से विवाह किया। इस्राएलियों के वह वंशज जिन्होंने अन्यजातियों से विवाह किया वह सामरी कहलाए।
## शब्द तथ्य:

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@ -2,32 +2,32 @@
## तथ्य:
यहूदा का गोत्र इस्राएल के बारह गोत्रों में सबसे बड़ा था। यहूदा राज्य यहूदा और बिन्यामीन गोत्रों से था।
यहूदा का गोत्र इस्राएल के बारह गोत्रों में सबसे बड़ा था। यहूदा का राज्य यहूदा और बिन्यामीन के गोत्रों से मिलकर बना था।
* राजा सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल राज्य दो भागों में विभाजित हो गया था: इस्राएल और यहूदा राज्य। यहूदा राज्य, दक्षिणी राज्य था जो खारे ताल के पश्चिम में था।
* राजा सुलैमान की मृत्यु के बाद, इस्राएल देश दो राज्यों में विभाजित हो गया: इस्राएल और यहूदा। यहूदा का राज्य दक्षिणी राज्य था, जो नमक सागर के पश्चिम में स्थित था।
* यहूदा राज्य की राजधानी यरूशलेम थी।
* यहूदा के आठ राजा यहोवा की आज्ञाओं पर चले और प्रजा को उसकी आराधना की प्रेरणा दी। यहूदा के अन्य राजा दुष्ट थे और उन्होंने प्रजा को मूर्तिपूजा के लिए प्रेरित किया
* अश्शूरों द्वारा इस्राएल को पराजित करने के 120 वर्ष से अधिक समय बाद यहूदा राज्य बेबीलोन द्वारा पराजित किया गया। बेबीलोन की सेना ने नगर को और मन्दिर को नष्ट कर दिया और अधिकांश यहूदावासियों को बन्दी बनाकर ले गए।
* यहूदा के आठ राजाओं ने यहोवा की आज्ञा मानी और लोगों को उसकी उपासना करने के लिए प्रेरित किया। यहूदा के अन्य राजा बुरे थे और लोगों को मूर्तियों की पूजा करने के लिए प्रेरित करते थे
* अश्शूर द्वारा इस्राएल (उत्तरी राज्य) को पराजित करने के 120 से अधिक वर्षों के बाद, यहूदा को बेबीलोन के राष्ट्र द्वारा जीत लिया गया था। बाबुलियों ने नगर और मन्दिर को नष्ट कर दिया, और यहूदा के अधिकांश लोगों को बन्दी बनाकर बाबेल ले गए।
(यह भी देखें: [यहूदा](../names/judah.md), [खारे ताल](../names/saltsea.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 शमूएल 30:26-28](rc://*/tn/help/1sa/30/26)
* [2 शमूएल 12:7-8](rc://*/tn/help/2sa/12/07)
* [होशे 05:14-15](rc://*/tn/help/hos/05/14)
* [यिर्मयाह 07:33-34](rc://*/tn/help/jer/07/33)
* [न्यायियों 01:16-17](rc://*/tn/help/jdg/01/16)
* [2 शमूएल 12:8](rc://*/tn/help/2sa/12/08)
* [होशे 5:14](rc://*/tn/help/hos/05/14)
* [यिर्मयाह 7:33](rc://*/tn/help/jer/07/33)
* [न्यायियों 1:16-17](rc://*/tn/help/jdg/01/16)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[18:07](rc://*/tn/help/obs/18/07)__ केवल दो गोत्र उसके प्रति निष्ठावान रहे। यह दो गोत्र __यहूदा का राज्य__ बन गए
* __[18:10](rc://*/tn/help/obs/18/10)__ __यहूदा और इस्राएली राज्य__ शत्रु बन गए और अक्सर एक दूसरे के विरुद्ध लड़े।
* __[18:07](rc://*/tn/help/obs/18/07)__ केवल दो गोत्र उसके (रहूबियाम) के प्रति विश्वासयोग्य बने रहे। ये दो गोत्र __यहूदा का राज्य__ बने
* __[18:10](rc://*/tn/help/obs/18/10)__ __यहूदा__ और इस्राएली __राज्य__ शत्रु बन गए और अक्सर एक दूसरे के विरुद्ध लड़े।
* __[18:13](rc://*/tn/help/obs/18/13)__ __यहूदा के राजा__ दाऊद के वंशज के थे। कुछ राजा अच्छे मनुष्य भी थे, जिन्होंने उचित रूप से शासन किया और परमेश्वर की उपासना की। परन्तु बहुत से __यहूदा के__ राजा दुष्ट, विकृत और मूर्तियों की उपासना करने वाले थे।
* __[20:01](rc://*/tn/help/obs/20/01)__ इस्राएल के राज्य और __यहूदा के राज्य__ दोनों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया।
* __[20:05](rc://*/tn/help/obs/20/05)__ __यहूदा राज्य__ के लोगों ने देखा कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन न करने और उस पर विश्वास न रखने के कारण इस्राएलियों को उसने कैसे दण्डित किया। फिर भी उन्होंने कनानियों के देवताओं सहित मूर्तियों की उपासना करनी न छोड़ी
* __[20:06](rc://*/tn/help/obs/20/06)__ अश्शूरियों द्वारा इस्राएली शासन को नष्ट करने के लगभग सौ वर्षों बाद, परमेश्वर ने बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर को भेजा, __यहूदी शासन__ को नष्ट करने के लिए
* __[20:09](rc://*/tn/help/obs/20/09)__ नबूकदनेस्सर और उसके सैनिक लगभग सभी __यहूदियों__ को बंदी बनाकर बेबीलोन ले गए, वहाँ पर केवल कंगालों को छोड़ दिया गया ताकि वह वहा खेती कर सके
* __[20:05](rc://*/tn/help/obs/20/05)__ __यहूदा के राज्य__ के लोगों ने देखा कि किस प्रकार परमेश्वर ने इस्राएल के राज्य के लोगों को उस पर विश्वास न करने और उसकी आज्ञा न मानने के लिए दण्ड दिया था। लेकिन वे फिर भी मूर्तियों की पूजा करते थे, जिनमें कनानियों के देवता भी शामिल थे
* __[20:06](rc://*/tn/help/obs/20/06)__ अश्शूरियों द्वारा इस्राएल के राज्य को नष्ट करने के लगभग 100 वर्षों के बाद, परमेश्वर ने यहूदा के राज्य पर आक्रमण करने के लिए बेबीलोनियों के राजा नबूकदनेस्सर को भेजा।
* __[20:09](rc://*/tn/help/obs/20/09)__ नबूकदनेस्सर और उसकी सेना यहूदा के राज्य के लगभग सभी लोगों को बेबीलोन ले गई, केवल सबसे गरीब लोगों को ही खेतों में रोपने के लिए छोड़ दिया।
## शब्द तथ्य:

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@ -1,12 +1,12 @@
# ला
# ला
## तथ्य:
लार और उसकी बहनें, मार्था और मरियम यीशु के विशेष मित्र थे। यीशु उनके बैतनिय्याह के घर में प्रायः ठहरा करता था।
लार और उसकी बहनें, मार्था और मरियम यीशु के विशेष मित्र थे। यीशु बैतनिय्याह में उनके के घर में प्रायः ठहरा करता था।
* लार इसलिए जाना जाता है कि यीशु ने उसे मरने के बाद फिर जीवित किया था, वह अनेक दिन कब्र में रहा था।
* यहूदी अगुवे यीशु के इस आश्चर्यकर्म से क्रोधित थे वरन् डाह करते थे, अतः वे यीशु और लार दोनों ही की हत्या करने का अवसर खोज रहे थे।
* यीशु ने एक दृष्टान्त भी सुनाया था जिसमें एक गरीब मनुष्य था और एक धनवान मनुष्य था, उस गरीब मनुष्य का नाम भी “लार” था।
* लार इसलिए जाना जाता है कि यीशु ने उसे मरने के बाद फिर जीवित किया था, वह अनेक दिन कब्र में रहा था।
* यहूदी अगुवे यीशु के इस आश्चर्यकर्म से क्रोधित थे वरन् डाह करते थे, अतः वे यीशु और लार दोनों ही की हत्या करने का अवसर खोज रहे थे।
* यीशु ने एक दृष्टान्त भी सुनाया था जिसमें एक गरीब मनुष्य था और एक धनवान मनुष्य था, उस गरीब मनुष्य का नाम भी “लार” था।
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -14,21 +14,21 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [यूहन्ना 11:10-11](rc://*/tn/help/jhn/11/10)
* [यूहन्ना 11:11](rc://*/tn/help/jhn/11/11)
* [यूहन्ना 12:1-3](rc://*/tn/help/jhn/12/01)
* [लूका 16:19-21](rc://*/tn/help/luk/16/19)
* [लूका 16:21](rc://*/tn/help/luk/16/21)
## बाइबल कहानियों े उदाहरण:
## बाइबल कहानियों े उदाहरण:
* __[37:01](rc://*/tn/help/obs/37/01)__ एक दिन, यीशु को संदेश मिला कि __लाजर__ बहुत बीमार है। __लाजर__ और उसकी दो बहिन, मार्था और मरियम, यीशु क बहुत प्रिय थे।
* __[37:02](rc://*/tn/help/obs/37/02)__ यीशु ने कहा, “हमारा मित्र __लाजर__ सो गया है, परन्तु मैं उसे जगाने जाता हूँ।”
* __[37:03](rc://*/tn/help/obs/37/03)__ यीशु के चेलो ने उत्तर दिया, “हे प्रभु, यदि वह सो गया है, तो स्वस्थ हो जाएगा।” तब यीशु ने उनसे साफ साफ कह दिया, “ लाजर मर गया है”
* __[37:04](rc://*/tn/help/obs/37/04)__जब यीशु __लाज़र__ के गृहनगर पहुँचा, तो लाजर को कब्र में रखे चार दिन हो चुके थे।
* __[37:06](rc://*/tn/help/obs/37/06)__ यीशु ने उनसे पूछा “तुमने __लाज़र__ को कहाँ रखा है?”
* __[37:09](rc://*/tn/help/obs/37/09)__ यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा, “हे लाजर निकल आ।”
* __[37:10](rc://*/tn/help/obs/37/10)__ __लाजर__ बाहर निकल आया। वह अभी भी कपड़ो में लिपटा हुआ था।
* __[37:11](rc://*/tn/help/obs/37/11)__परन्तु यहूदियों के धर्मिक गुरु यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर योजना बनाना चाहा कि कैसे वह यीशु और __लाजर__ को मरवा सके
* __[37:1](rc://*/tn/help/obs/37/01)__ एक दिन, यीशु को संदेश मिला कि __लाजर__ बहुत बीमार है। __लाजर__ और उसकी दो बहिन, मार्था और मरियम, यीशु क बहुत प्रिय थे।
* __[37:2](rc://*/tn/help/obs/37/02)__ यीशु ने कहा, “हमारा मित्र __लाजर__ सो गया है, परन्तु मैं उसे जगाने जाता हूँ।”
* __[37:3](rc://*/tn/help/obs/37/03)__ यीशु के चेलो ने उत्तर दिया, “हे प्रभु, यदि वह सो गया है, तो स्वस्थ हो जाएगा।” तब यीशु ने उनसे स्पष्ट कह दिया, “ __लाजर__ मर गया है”
* __[37:4](rc://*/tn/help/obs/37/04)__जब यीशु __लाज़र__ के गृहनगर पहुँचा, तो __लाजर__ को कब्र में रखे चार दिन हो चुके थे।
* __[37:6](rc://*/tn/help/obs/37/06)__ यीशु ने उनसे पूछा “तुमने __लाज़र__ को कहाँ रखा है?”
* __[37:9](rc://*/tn/help/obs/37/09)__ यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा, “हे __लाजर__ निकल आ।”
* __[37:10](rc://*/tn/help/obs/37/10)__ __लाजर__ बाहर निकल आया। वह अभी भी कफन में लिपटा हुआ था।
* __[37:11](rc://*/tn/help/obs/37/11)__परन्तु यहूदियों के धर्म गुरु यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने यीशु और __लाजर__ को मार डालने के लिए आपस में योजना बनाना आरम्भ किया
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G2976
* स्ट्रोंग्स: G29760

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@ -1,14 +1,12 @@
# मिद्यान, मिद्यानी, मिद्यानियों
# मिद्यान, मिद्यानियों
## तथ्य:
मिद्यान अब्राहम और उसकी पत्नी कतूरा का पुत्र था। यह एक जाति और स्थान का भी नाम पड़ गया जो कनान के दक्षिण में अरब के रेगिस्तान के उत्तर में था। इस जाति के लोग मिद्यानी थे।
* जब मूसा मिस्र से भागा था तब वह मिद्यान देश में ही गया था जहाँ उसकी भेंट यित्रों की पुत्री से हुई थी जिसकी भेड़ों को पानी पिलाने में उसने सहायता की थी। बाद में मूसा ने यित्रों की पुत्रियों में से एक से विवाह कर लिया था।
* यूसुफ को मिद्यानी व्यापारी ही खरीदकर मिस्र ले गए थे।
वर्षों बाद मिद्यानियों ने कनान देश में इस्राएलियों पर आक्रमण करके उन्हें लूटा था। गिदोन ने इस्राएलियों को लेकर उन्हें हराया था।
मिद्यान अब्राहम और उसकी पत्नी कतूरा का पुत्र था। यह कनान देश के दक्षिण में उत्तरी अरब रेगिस्तान में स्थित लोगों के समूह और क्षेत्र का भी नाम है। उस समूह के लोग “मिद्यानी” कहलाते थे।
* जब मूसा पहली बार मिस्र से निकला, तो वह मिद्यान के इलाके में गया, जहाँ उसने यित्रो की बेटियों से मुलाकात की और उनकी भेड़-बकरियों को पानी पिलाने में मदद की। बाद में मूसा ने यित्रो की एक बेटी से विवाह कर लिया।
* मिद्यानी दास व्यापारियों का एक समूह यूसुफ को मिस्र ले गया।
* कई वर्षों बाद मिद्यानी लोगों ने कनान देश में इस्राएलियों पर हमला किया और उन पर धावा बोल दिया। उन्हें हराने में गिदोन ने इस्राएलियों का नेतृत्व किया।
* आज की अनेक अरब-जातियां इनकी वंशज हैं।
(देखें [अरब](../names/arabia.md), [मिस्र](../names/egypt.md), [झुण्ड](../other/flock.md), [गिदोन](../names/gideon.md), [यित्रो](../names/jethro.md), [मूसा](../names/moses.md))
@ -24,10 +22,10 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[16:03](rc://*/tn/help/obs/16/03)__ परन्तु लोग परमेश्वर को भूलने लगे और पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करने लगे | तो परमेश्वर ने पास के ही एक शत्रुओं के समूह __मिद्यानियों__ को अनुमति दी कि वह उन्हें पराजित करे |
* __[16:04](rc://*/tn/help/obs/16/04)__ __मिद्यानियों__ के डर के मारे इस्राएलियों ने पहाड़ो के गहरे खड्डों, और गुफाओं, और किलों को अपने निवास बना लिया
* __[16:11](rc://*/tn/help/obs/16/11)__ वह जन अपने संगी से कह रहा था, “ कि इस स्वप्न का अर्थ यह हुआ कि गिदोन की सेना हरा देंगी __मिद्यानियों__ की सेना को |
* __[16:14](rc://*/tn/help/obs/16/14)__परमेश्वर ने __मिद्यानियों__ को हक्का-बक्का कर दिया, अत: उन्होंने एक दूसरे पर आक्रमण करना व मारना शुरू कर दिया |
* __[16:3](rc://*/tn/help/obs/16/03)__ परन्तु फिर लोग परमेश्वर के बारे में भूल गए और फिर से मूर्तियों की पूजा करने लगे। इसलिए परमेश्वर ने मिद्यानियों को, जो कि पास के शत्रु लोगों के समूह थे, उन्हें पराजित करने की अनुमति दी।
* __[16:4](rc://*/tn/help/obs/16/04)__ इस्राएली इतने डर गए थे कि वे गुफाओं में छिप गए ताकि __मिद्यानियों__ उन्हें न ढूँढ सकें।
* __[16:11](rc://*/tn/help/obs/16/11)__उस व्यक्ति के मित्र ने कहा, “इस स्वप्न का अर्थ है कि गिदोन की सेना __मिद्यानियों__ की सेना को हरा देगी!”
* __[16:14](rc://*/tn/help/obs/16/14)__परमेश्वर ने __मिद्यानियों__ को भ्रमित कर दिया, जिससे वे एक दूसरे पर आक्रमण करने लगे और एक दूसरे को मारने लगे।
## शब्द तथ्य:

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@ -16,15 +16,15 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [आमोस 08:7-8](rc://*/tn/help/amo/08/07)
* [आमोस 08:7-8](rc://*/tn/help/amo/08/08)
* [उत्पत्ति 41:1-3](rc://*/tn/help/gen/41/01)
* [यिर्मयाह 46:7-9](rc://*/tn/help/jer/46/07)
* [यिर्मयाह 46:7-9](rc://*/tn/help/jer/46/08)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[08:04](rc://*/tn/help/obs/08/04)__ मिस्र __नील नदी__ के किनारे स्थित एक बड़ा , शक्तिशाली देश था |
* __[09:04](rc://*/tn/help/obs/09/04)__ जब फ़िरौन ने देखा कि इस्राएलियों की संताने बहुत अधिक बढ़ती जा रही है, तब फ़िरौन ने आपनी सारी प्रजा के लोगों को आज्ञा दी, इब्रियों के जितने बेटे उत्पन्न हो उन सभी को तुम __नील नदी__ में डाल देना |
* __[09:06](rc://*/tn/help/obs/09/06)__ उन्होने उसे एक टोकरी में रख कर __नील नदी__ मे छोड़ दिया | उस बालक की बहिन दूर खड़ी रही कि देखे उस बालक का क्या होता है |
* __[09:06](rc://*/tn/help/obs/09/06)__ जब लड़के के माता-पिता उसे और छिपा नहीं सकते थे, तो उन्होंने उसे मारे जाने से बचाने के लिए __नील नदी__ के किनारे सरकंडों के बीच तैरती टोकरी में डाल दिया।
* __[10:03](rc://*/tn/help/obs/10/03)__ परमेश्वर ने __नील नदी__ को लहू से भर दिया, तब भी फ़िरौन का मन हठीला रहा और उसने इस्राएलियों को नहीं जाने दिया।
## शब्द तथ्य:

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@ -1,6 +1,6 @@
# पुन्तुस
## तथ्य:
## तथ्य
पुन्तुस रोमी साम्राज्य और आरंभिक कलीसिया के समय एक रोमी प्रान्त था। वह काला सागर के दक्षिणी तट पर था जो आज के तुर्किस्तान का उत्तरी भाग था।
@ -12,11 +12,11 @@
(यह भी देखें: [अक्विला](../names/aquila.md), [पिन्तेकुस्त](../kt/pentecost.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
## बाइबल सन्दर्भ
* [1 पतरस 01:1-2](rc://*/tn/help/1pe/01/01)
* [प्रे.का. 02:8-11](rc://*/tn/help/act/02/08)
* [1 पतरस 1:1-2](rc://*/tn/help/1pe/01/01)
* [प्रे.का. 2:9](rc://*/tn/help/act/02/09)
## शब्द तथ्य:
## शब्द तथ्य
* Strong's: G4193, G4195
* स्ट्रोंग्स: G41930, G41950

View File

@ -5,8 +5,8 @@
रिबका अब्राहम के भाई नाहोर की पोती थी।
* परमेश्वर ने रिबका को अब्राहम के पुत्र इसहाक की पत्नी होने के लिए चुन लिया था।
* सेवक रिबका अपना देश अरम्नहरैम को त्याग कर अब्राहम के सेवक के साथ अब्राहम के निवास स्थान नेगेब चली गई
* लम्बे समय तक रिबका को सन्तान प्राप्ति नहीं हुई परन्तु परमेश्वर ने अन्ततः उसे जुड़वा बालक दिए एसाव और याकूब
* रिबका अरामनहरैम के उस प्रदेश को छोड़कर जहाँ वह रहती थी अब्राहम के सेवक के साथ दक्खिन देश में गई जहाँ इसहाक रहता था
* लंबे समय तक रिबका के कोई संतान नहीं हुई, लेकिन आखिरकार परमेश्वर ने उसे जुड़वा लड़कों, एसाव और याकूब के साथ आशीर्वाद दिया
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -17,9 +17,9 @@
* [उत्पत्ति 24:15-16](rc://*/tn/help/gen/24/15)
* [उत्पत्ति 24:45-46](rc://*/tn/help/gen/24/45)
* [उत्पत्ति 24:56-58](rc://*/tn/help/gen/24/56)
* [उत्पत्ति 24:63-65](rc://*/tn/help/gen/24/63)
* [उत्पत्ति 25:27-28](rc://*/tn/help/gen/25/27)
* [उत्पत्ति 26:6-8](rc://*/tn/help/gen/26/06)
* [उत्पत्ति 24:63-65](rc://*/tn/help/gen/24/64)
* [उत्पत्ति 25:27-28](rc://*/tn/help/gen/25/28)
* [उत्पत्ति 26:6-8](rc://*/tn/help/gen/26/08)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
@ -27,7 +27,7 @@
* __[06:06](rc://*/tn/help/obs/06/06)__ परमेश्वर ने __रिबका__ से कहा, "तेरे गर्भ में दो जातियाँ हैं, "
* __[07:01](rc://*/tn/help/obs/07/01)__ फिर वे लड़के बढ़ने लगे, __रिबका__ याकूब से प्रीति रखती थी, लेकिन इसहाक एसाव से प्रीति रखता था।
* __[07:03](rc://*/tn/help/obs/07/03)__ इसहाक बहुत बूढा हो गया था, वह अपना आशीर्वाद एसाव को देना चाहता था। पर इससे पहले वह ऐसा करता, रिबका ने याकूब को एसाव के स्थान पर इसहाक के पास भेज दिया।
* __[07:06](rc://*/tn/help/obs/07/06)__ जब __रिबका__ को एसाव की योजना का पता चला। तो उसने याकूब को अपने कुटुम्बियों के पास भेज दिया।
* __[07:06](rc://*/tn/help/obs/07/06)__परन्तु __रिबका__ को एसाव की योजना का पता चला। तो उसने याकूब को अपने कुटुम्बियों के पास भेज दिया।
## शब्द तथ्य:

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@ -2,11 +2,11 @@
## तथ्य:
रहूबियाम सुलैमान के पुत्रों में से एक था और सुलैमान के मरणोपरान्त इस्त्राएल का राजा बना था।
रहूबियाम राजा सुलैमान के पुत्रों में से एक था, और सुलैमान के मरने के बाद वह इस्राएल देश का राजा बना।
* राज्यकाल के आरंभ में रहूबियाम प्रजा के साथ कठोर था अतः इस्राएल के दस गोत्रों ने विद्रोह करके उत्तरी राज्य इस्राएल बना लिया था।
* रहूबियाम दक्षिणी इस्राएल यहूदा का राजा बना रहा, जिसमें केवल दो गोत्र शामिल थे, यहूदा और बिन्यामीन।
* रहूबियाम एक दुष्ट राजा था, उसने यहोवा का त्याग करके झूठे देवताओं की पूजा करता था।
* अपने शासन की शुरुआत में, रहूबियाम अपने लोगों के साथ कठोर था, इसलिए इस्राएल के दस गोत्रों ने उसके खिलाफ विद्रोह किया और उत्तर में "इस्राएल का राज्य" बनाया।
* रहूबियाम यहूदा के दक्षिणी राज्य के राजा के रूप में बना रहा, जिसमें शेष दो गोत्र, यहूदा और बिन्यामीन शामिल थे
* रहूबियाम एक दुष्ट राजा था जो यहोवा की बात नहीं मानता था, परन्तु झूठे देवताओं की उपासना करता था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -14,17 +14,17 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 03:10-12](rc://*/tn/help/1ch/03/10)
* [1 इतिहास 3:10](rc://*/tn/help/1ch/03/10)
* [1 राजा 11:41-43](rc://*/tn/help/1ki/11/41)
* [1 राजा 14:21-22](rc://*/tn/help/1ki/14/21)
* [मत्ती 01:7-8](rc://*/tn/help/mat/01/07)
* [1 राजा 14:21](rc://*/tn/help/1ki/14/21)
* [मत्ती 01:7](rc://*/tn/help/mat/01/07)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[18:05](rc://*/tn/help/obs/18/05)__ सुलैमान की मृत्यु के बाद उसका पुत्र __रहूबियाम__ उसके स्थान पर राजा हुआ | __रहूबियाम__ एक नासमझ मनुष्य था |
* __[18:06](rc://*/tn/help/obs/18/06)__ रहूबियाम ने उन्हें नासमझता के साथ उत्तर देते हुए कहा, “मेरे पिता ने तुम पर जो भारी जूआ रखा था उसे मैं और भी भारी करूँगा; और मैं तुम्हें और भी कठोरता से दण्डित करूँगा |
* __[18:07](rc://*/tn/help/obs/18/07)__ दस इस्राएली गोत्र रहूबियाम के विरुद्ध हो गए केवल दो गोत्र उसके प्रति निष्ठावान रहे |
* [18:05](rc://*/tn/help/obs/18/05) सुलैमान की मृत्यु के बाद उसका पुत्र __रहूबियाम__ उसके स्थान पर राजा हुआ | __रहूबियाम__ एक मुर्ख मनुष्य था |
* [18:06](rc://*/tn/help/obs/18/06) __रहूबियाम__ ने मूर्खता से उत्तर दिया, और उन से कहा, “तुम ने सोचा, कि मेरे पिता सुलैमान ने तुम से कठिन परिश्रम कराया है, परन्तु मैं तुम से उस से अधिक परिश्रम करवाऊंगा, और उस से भी अधिक कठोर दण्ड दूंगा।
* __[18:07](rc://*/tn/help/obs/18/07)__ इस्राएल राष्ट्र के दस गोत्रों ने __रहूबियाम__ के विरुद्ध विद्रोह किया। केवल दो जनजातियाँ उसके प्रति वफादार रहीं।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H7346, G4497
* Strong's: H7346, G44970

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@ -4,26 +4,26 @@
* सारा अब्राहम की पत्नी थी।
* उसका मूल नाम "सारै" था परन्तु परमेश्वर ने उसका नाम बदलकर "सारा" रखा।
* सारा ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार पुत्र को जन्म दिया।
* सारा ने अब्राहम से की गई परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार पुत्र, इसहाक को जन्म दिया।
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [अब्राहम](../names/abraham.md), [इसहाक](../names/isaac.md))
## बाइबल के सन्दर्भ:
## बाइबल के सन्दर्भ
* [उत्पत्ति 11:29-30](rc://*/tn/help/gen/11/29)
* [उत्पत्ति 11:31-32](rc://*/tn/help/gen/11/31)
* [उत्पत्ति 17:15-16](rc://*/tn/help/gen/17/15)
* [उत्पत्ति 11:30](rc://*/tn/help/gen/11/30)
* [उत्पत्ति 11:31](rc://*/tn/help/gen/11/31)
* [उत्पत्ति 17:15](rc://*/tn/help/gen/17/15)
* [उत्पत्ति 25:9-11](rc://*/tn/help/gen/25/09)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[05:01](rc://*/tn/help/obs/05/01)__ तो अब्राम की पत्नी __सारै__, ने उससे कहा, "देख परमेश्वर ने मेरी कोख बन्द कर रखी है, इसलिये मैं तुझ से विनती करती हूँ कि तू मेरी दासी हाजिरा के पास जा | तू उससे विवाह भी करना ताकि, उसके द्वारा मेरी कोख भर सके |
* __[05:04](rc://*/tn/help/obs/05/04)__ "तुम्हारी पत्नी, __सारै__ को एक बेटा होगा--वह प्रतिज्ञा का पुत्र होगा।"
* __[05:04](rc://*/tn/help/obs/05/04)__"परमेश्वर ने __सारै__ का नाम बदलकर __सारा__ रखा, जिसका अर्थ है, "मूलमाता"
* __[05:05](rc://*/tn/help/obs/05/05)__"लगभग एक साल बाद, जब अब्राहम सौ वर्ष का था और __सारा__ नब्बे वर्ष की थी, __सारा__ ने अब्राहम के पुत्र को जन्म दिया| उन्होंने उसका नाम इसहाक रखा, जैसा कि परमेश्वर ने कहा था|
* __[5:01](rc://*/tn/help/obs/05/01)__ तो अब्राम की पत्नी __सारै__, ने उससे कहा, "देख परमेश्वर ने मेरी कोख बन्द कर रखी है, इसलिये मैं तुझ से विनती करती हूँ कि तू मेरी दासी हाजिरा के पास जा | तू उससे विवाह भी करना ताकि, उसके द्वारा मेरी कोख भर सके |
* __[5:4](rc://*/tn/help/obs/05/04)__ "तुम्हारी पत्नी, __सारै__ को एक बेटा होगा--वह प्रतिज्ञा का पुत्र होगा।"
* __[5:4](rc://*/tn/help/obs/05/04)__"परमेश्वर ने __सारै__ का नाम बदलकर __सारा__ रखा, जिसका अर्थ है, "मूलमाता"
* __[5:5](rc://*/tn/help/obs/05/05)__"लगभग एक साल बाद, जब अब्राहम सौ वर्ष का था और __सारा__ नब्बे वर्ष की थी, __सारा__ ने अब्राहम के पुत्र को जन्म दिया| उन्होंने उसका नाम इसहाक रखा, जैसा कि परमेश्वर ने कहा था|
## शब्द तथ्य:
## शब्द तथ्य
* Strong's: H8283, H8297, G4564
* स्ट्रोंग्स: H8283, H8297, G45640

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@ -4,9 +4,9 @@
शाऊल एक इस्राएली था जिसे परमेश्वर ने चुनकर इस्राएल का प्रथम राजा बनाया था।
* शाऊल बहुत लम्बा और रूपवान था, तथा एक शक्तिशाली योद्धा भी था। वह ऐसा मनुष्य था जिसे इस्राएली चाहते थे कि वह उनका राजा हो
* अर्थात वह आरंभ में परमेश्वर का सेवक था परन्तु उत्तरकाल में वह घमण्डी होकर परमेश्वर की आज्ञाओं का उल्लंघन करने लगा था। इसलिए, परमेश्वर ने दाऊद को शाऊल के स्थान में राजा होने के लिए नियुक्त किया और शाऊल को युद्ध में मरने दिया
* नये नियम में, भी शाऊल नामक एक यहूदी था जो बाद में पौलुस कहलाया और यीशु का प्रेरित हुआ
* शाऊल लम्बा, सुन्दर और शक्तिशाली योद्धा था। वह उस प्रकार का व्यक्ति था जिसे इस्राएली अपना राजा बनाना चाहते थे
* हालाँकि शाऊल ने पहले परमेश्वर की सेवा की, बाद में वह घमंडी हो गया और उसने परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानी। परिणामस्वरूप, परमेश्वर ने दाऊद को राजा के रूप में शाऊल की जगह लेने के लिए नियुक्त किया और शाऊल को युद्ध में मारे जाने की अनुमति दी
* नए नियम में, शाऊल नाम का एक यहूदी था जिसे पौलुस के नाम से भी जाना जाता था और जो यीशु मसीह का प्रेरित बन गया
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,15 +15,15 @@
## बाइबल के सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 10:1-3](rc://*/tn/help/1ch/10/01)
* [1 शमूएल 09:1-2](rc://*/tn/help/1sa/09/01)
* [2 शमूएल 01:1-2](rc://*/tn/help/2sa/01/01)
* [प्रे.का. 13:21-22](rc://*/tn/help/act/13/21)
* [भजन-संहिता 018:1](rc://*/tn/help/psa/018/001)
* [1 शमूएल 9:1-2](rc://*/tn/help/1sa/09/01)
* [2 शमूएल 1:1-2](rc://*/tn/help/2sa/01/01)
* [प्रेरितों के काम 13:22](rc://*/tn/help/act/13/22)
* [भजन-संहिता 18:1](rc://*/tn/help/psa/018/001)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[17:01](rc://*/tn/help/obs/17/01)__ __शाऊल__ इस्राएल का पहला राजा था | वह लम्बा व सुन्दर था, जैसा कि लोग चाहते थे | शाऊल ने पहले कुछ वर्षों तक इस्राएल पर अच्छा शासन किया | परन्तु बाद में वह एक बुरा मनुष्य बन गया और उसने परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन न किया, अत: परमेश्वर ने उसके स्थान पर एक दूसरा राजा चुना |
* __[17:04](rc://*/tn/help/obs/17/04)__ __शाऊल__ यह देख कि लोग दाऊद को प्रेम करते है उससे ईर्ष्या रखने लगा | __शाऊल__ ने दाऊद को मारने का कई बार प्रयास किया, इस कारण दाऊद __शाऊल__ से छिप रहा था |
* __[17:1](rc://*/tn/help/obs/17/01)__ __शाऊल__ इस्राएल का पहला राजा था। जैसा कि लोग चाहते थे, वह लम्बा और सुन्दर था। __शाऊल__ इस्राएल पर शासन करने के पहले कुछ वर्षों के लिए एक अच्छा राजा था। लेकिन फिर वह एक दुष्ट व्यक्ति बन गया जिसने परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानी, इसलिए परमेश्वर ने एक अलग व्यक्ति को चुना जो एक दिन उसके स्थान पर राजा होगा।
* __[17:04](rc://*/tn/help/obs/17/04)__ __शाऊल__ दाऊद के प्रति लोगों के प्रेम से जलने लगा। __शाऊल__ ने उसे मारने की कई बार कोशिश की, इसलिए दाऊद __शाऊल__ से छिप गया।
* __[17:05](rc://*/tn/help/obs/17/05)__ अंततः __शाऊल__ युद्ध में मारा गया, और दाऊद इस्राएल का राजा बन गया |
## शब्द तथ्य:

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@ -1,14 +1,14 @@
# नियुक्त करना, बांटा, ठहराए, भाग, भागों, फिर दे देना
# नियुक्त करना, बांटा, काम सौंपना, फिर देना
## तथ्य:
“नियुक्त करना” या “बांटा” किसी को कोई विशेष काम देना या एक या अधिक लोगों को किसी कार्य के लिए नियुक्त किया जाना।
“नियुक्त करना” या “नियुक्त किया” किसी को कोई विशेष काम करने के लिए नियुक्त करना या एक या अधिक लोगों को किसी कार्य को निर्दिष्ट करना
* भविष्यद्वक्ता शाऊल ने भविष्यद्वाणी की थी कि राजा शाऊल इस्राएल के सर्वोत्तम युवकों को सेना में नियुक्त करेगा।
* भविष्यद्वक्ता शमूएल ने भविष्यद्वाणी की थी कि राजा शाऊल इस्राएल के सर्वोत्तम युवकों को सेना में नियुक्त करेगा।
* मूसा ने इस्राएल के प्रत्येक गोत्र को उनके निवास हेतु कनान देश की भूमि बांट दी थी।
* पुराने नियम की व्यवस्था के अनुसार कुछ गोत्रों को याजक की सेवा, हस्तकारों की सेवा, गीतकारों की सेवा और निर्माण करताओं की सेवा बांट दी गई थी।
* प्रकरण के अनुसार “नियुक्त करना” का अनुवाद “बांटना” या “काम देना” "कार्य के लिए चुनें" किया जा सकता है।
* प्रकरण के अनुसार, “बांटना” का अनुवाद “नियुक्त करना” या “काम सौंपना” हो सकता है।
* “बांटना” का अनुवाद “नियुक्त करना” या “काम सौंपना” हो सकता है।
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,13 +16,13 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 06:48](rc://*/tn/help/1ch/06/48)
* [दानिय्येल 12:12-13](rc://*/tn/help/dan/12/12)
* [यिर्मयाह 43:11-13](rc://*/tn/help/jer/43/11)
* [यहोशू 18:1-2](rc://*/tn/help/jos/18/01)
* [गिनती 04:27-28](rc://*/tn/help/num/04/27)
* [भजन संहिता 078:54-55](rc://*/tn/help/psa/078/054)
* [1 इतिहास 6:48](rc://*/tn/help/1ch/06/48)
* [दानिय्येल 12:13](rc://*/tn/help/dan/12/13)
* [यिर्मयाह 43:11](rc://*/tn/help/jer/43/11)
* [यहोशू 18:2](rc://*/tn/help/jos/18/02)
* [गिनती 4:27-28](rc://*/tn/help/num/04/27)
* [भजन संहिता 78:55](rc://*/tn/help/psa/078/055)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H2506, H3335, H4487, H4941, H5157, H5307, H5414, H5596, H5975, H6485, H7760, G3307
* स्ट्रोंग्स: H2506, H3335, H4487, H4941, H5157, H5307, H5414, H5596, H5975, H6485, H7760, G33070

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@ -1,24 +1,24 @@
# दोष, दोष, निर्दोष
# दोष, निर्दोष, कलंक
## तथ्य:
## तथ्य
“दोष” अर्थात पशु या मनुष्य में शारीरिक दोष। इसका संदर्भ मनुष्यों में आत्मिक असिद्धता एवं दोष से भी है।
“दोष” अर्थात पशु या मनुष्य में शारीरिक दोष या विकलांगता। इसका संदर्भ मनुष्यों में आत्मिक असिद्धता एवं दोष से भी है।
* कुछ बलियों में परमेश्वर की आज्ञा थी कि बलि पशु निर्दोष एवं निष्कलंक हो।
* यह मसीह यीशु का निष्पाप एक निर्दोष बलि होने का चित्रण है।
* यह मसीह यीशु की निष्पाप एवं सिद्ध बलि का चित्रण है।
* मसीह के विश्वासी यीशु के लहू द्वारा पापों से शुद्ध किए गए हैं और निष्कलंक माने गए हैं।
* इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “दोष” या “असिद्धता” या “पाप” प्रकरण के अनुसार
* प्रकरण के अनुसार इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “दोष” या “असिद्धता” या “पाप”।
(यह भी देखें: [विश्वास](../kt/believer.md), [शुद्ध](../kt/clean.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md), [पाप](../kt/sin.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
## बाइबल सन्दर्भ
* [1 पतरस 01:18-19](rc://*/tn/help/1pe/01/18)
* [2 पतरस 02:12-14](rc://*/tn/help/2pe/02/12)
* [1 पतरस 1:19](rc://*/tn/help/1pe/01/19)
* [2 पतरस 2:13](rc://*/tn/help/2pe/02/13)
* [व्यवस्थाविवरण 15:19-21](rc://*/tn/help/deu/15/19)
* [गिनती 06:13-15](rc://*/tn/help/num/06/13)
* [श्रेष्ठगीत 04:6-7](rc://*/tn/help/sng/04/06)
* [गिनती 6:13-15](rc://*/tn/help/num/06/13)
* [श्रेष्ठगीत 4:7](rc://*/tn/help/sng/04/07)
## शब्द तथ्य:
## शब्द तथ्य
* Strong's: H3971, H8400, H8549, G3470
* स्ट्रोंग्स: H3971, H8400, H8549, G34700

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@ -1,35 +1,35 @@
# श्वांस, श्वांस फूंकना, साँस लेता है, श्वांस फूँक दिया, सांस लेना
# श्वांस, श्वांस फूंकना
## परिभाषा:
बाइबल “श्वांस फूंकना” और “श्वांस” प्रायः प्रतीकात्मक रूप में जीवन देना या जीवन होने के संदर्भ में काम में लिए गए है।
बाइबल “सांस फूंकना” और “सांस” प्रायः प्रतीकात्मक रूप में जीवन देना या जीवन होने के संदर्भ में काम में लिए गए है।
* बाइबल में व्यक्त है कि परमेश्वर ने आदम में जीवन का श्वांस फूंका। उसी पल आदम जीवित प्राणी हो गया।
* जब यीशु ने शिष्यों पर फूंका और उनसे कहा “आत्मा में” तब वह वास्तव में उन पर सांस फूंक रहा था जो उन पर पवित्र आत्मा के अवतरण का प्रतीक था।
* बाइबल में व्यक्त है कि परमेश्वर ने आदम में जीवन का "सांस फूंका।" उसी पल आदम जीवित प्राणी हो गया।
* जब यीशु ने शिष्यों पर फूंका और उनसे कहा “आत्मा लो” तब वह वास्तव में उन पर सांस फूंक रहा था जो उन पर पवित्र आत्मा के अवतरण का प्रतीक था।
* कभी-कभी “सांस लेना” या “सांस छोड़ना” का संदर्भ उच्चारण करने से भी है।
* "परमेश्वर का श्वांस” या “यहोवा का श्वांस” इस उक्ति का प्रतीकात्मक अर्थ प्रायः विद्रोही और अभक्त जातियों पर परमेश्वर के प्रकोप में उण्डेले जाना है। इससे उसका सामर्थ्य प्रकट होता है।
* "परमेश्वर की सांस” या “यहोवा का श्वांस” इस उक्ति का प्रतीकात्मक अर्थ प्रायः विद्रोही और अभक्त जातियों पर परमेश्वर के प्रकोप के उण्डेले जाने से है। इससे उसका सामर्थ्य प्रकट होता है।
## अनुवाद के सुझाव
* “अन्तिम सांस लेना” अर्थात मरना। इसका अनुवाद हो सकता है, “उसने अपनी अन्तिम सांस ली” या “उसकी सांस बन्द हो गई और वह मर गया “ या “उसने अन्तिम बार हवा में सांस ली”।
* धर्मशास्त्र को “परमेश्वर की श्वांस से रचित हैं” इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने वचन कहे या प्रेरित किए तब मानवीय लेखकों ने लिखा। यदि संभव हो तो अति उत्तम यही होगा कि “परमेश्वर की खोज” का अनुवाद ज्यों का त्यों ही रहने दिया जाए क्योंकि इसका अनुवाद करना कठिन होगा।
* यदि “परमेश्वर की श्वांस से रचा गया” को ज्यों का त्यों रखना स्वीकार्य न हो तो इसको अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर प्रेरित” या “परमेश्वर द्वारा रचित” या “परमेश्वर द्वारा उच्चारित” यह भी कहा जा सकता है कि “परमेश्वर ने धर्मशास्त्र के वचनों को श्वांस द्वारा प्रसारित किया”।
* धर्मशास्त्र को “परमेश्वर की श्वांस से रचित हैं” इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने वचन कहे या प्रेरित किए तब मानवीय लेखकों ने लिखा। यदि संभव हो तो अति उत्तम यही होगा कि “परमेश्वर की सांस” का अनुवाद ज्यों का त्यों ही रहने दिया जाए क्योंकि इसका अनुवाद करना कठिन होगा।
* यदि “परमेश्वर की ांस से रचा गया” को ज्यों का त्यों रखना स्वीकार्य न हो तो इसको अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर प्रेरित” या “परमेश्वर द्वारा रचित” या “परमेश्वर द्वारा उच्चारित” यह भी कहा जा सकता है कि “परमेश्वर ने धर्मशास्त्र के वचनों को श्वांस द्वारा प्रसारित किया”।
* “सांस डालना” या “जान फूंकना” या “जीवन देना” का अनुवाद हो सकता है, “सांस लेने योग्य बनाना” या “पुनजीर्वित करना” या “जीने एवं सांस लेने योग्य करना” या “जीवन देना”
* यदि संभव हो तो “परमेश्वर के श्वांस” को लक्षित भाषा में सांस शब्द ही से अनुवाद करें। यदि परमेश्वर का श्वांस माना नहीं जाता है तो इसका अनुवाद “परमेश्वर का सामर्थ्य” या “परमेश्वर का उच्चारण” करें।
* “सांस भी लेने (देना)” का अनुवाद “अधिक शान्ति से सांस लेने के लिए विश्राम करना” या “सामान्य रूप से सांस लेने के लिए दौड़ना बंद करो”।
* “केवल एक सांस है” अर्थात “बहुत कम समय का है”।
* यदि संभव हो तो “परमेश्वर के श्वांस” को लक्षित भाषा में "सांस" शब्द के लिए प्रयुक्त शब्द ही से अनुवाद करें। यदि परमेश्वर के लिए सांस लेना सांस लेना माना नहीं जाता है तो इसका अनुवाद “परमेश्वर का सामर्थ्य” या “परमेश्वर का उच्चारण” करें।
* “सांस तो लेने दो” या "सांस लेने का समय देना" का अनुवाद “अधिक शान्ति से सांस लेने के लिए विश्राम करना” या “सामान्य रूप से सांस लेने के लिए दौड़ने थामना”।
* यह अभिव्यक्ति, “सांस भर का होना” अर्थात “बहुत कम समय का है”।
* इसी प्रकार, “मनुष्य सांस भर का” होता है अर्थात “मनुष्य बहुत कम समय जीवित रहता है” या “मनुष्यों का जीवन बहुत छोटा है”। या “परमेश्वर की तुलना में मनुष्य का जीवन इतना छोटा है जितनी कि एक सांस होती है”।
(यह भी देखें: [आदम](../names/adam.md), [पौलुस](../names/paul.md), [परमेश्वर का वचन](../kt/wordofgod.md), [जीवन](../kt/life.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 राजा 17:17-18](rc://*/tn/help/1ki/17/17)
* [सभोपदेशक 08:8-9](rc://*/tn/help/ecc/08/08)
* [अय्यूब 04:7-9](rc://*/tn/help/job/04/07)
* [प्रकाशितवाक्य 11:10-12](rc://*/tn/help/rev/11/10)
* [प्रकाशितवाक्य13:15-17](rc://*/tn/help/rev/13/15)
* [1 राजा 17:17](rc://*/tn/help/1ki/17/17)
* [सभोपदेशक 8:8](rc://*/tn/help/ecc/08/08)
* [अय्यूब 4:9](rc://*/tn/help/job/04/09)
* [प्रकाशितवाक्य 11:11](rc://*/tn/help/rev/11/11)
* [प्रकाशितवाक्य13:15](rc://*/tn/help/rev/13/15)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H3307, H5301, H5396, H5397, H7307, H7309, G1709, G1720, G4157
* स्ट्रोंग्स: H3307, H5301, H5396, H5397, H7307, H7309, G17200, G41570

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@ -2,19 +2,19 @@
## परिभाषा:
दुल्हन, विवाह के संस्कार में पुरुष से अर्थात दुल्हें से विवाह करने वाली स्त्री
दुल्हन वह स्त्री होती है जो विवाह के संस्कार में पुरुष से अर्थात दुल्हें से विवाह करती है
* “दुल्हन” शब्द यीशु के विश्वासियों, कलीसिया के लिए भी रूपक स्वरूप काम में लिया गया शब्द है।
* “दुल्हन” शब्द यीशु के विश्वासियों अर्थात कलीसिया के लिए भी रूपक स्वरूप काम में लिया गया है।
* यीशु को प्रतीकात्मक रूप में कलीसिया का दुल्हा कहा गया है। (देखें: [उपमा](rc://*/ta/man/translate/figs-metaphor))
(यह भी देखें: [दुल्हा](../other/bridegroom.md), [आराधनालय](../kt/church.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [निर्गमन 22:16-17](rc://*/tn/help/exo/22/16)
* [निर्गमन 22:16](rc://*/tn/help/exo/22/16)
* [यशायाह 62:5](rc://*/tn/help/isa/62/05)
* [योएल 02:15-16](rc://*/tn/help/jol/02/15)
* [योएल 2:16](rc://*/tn/help/jol/02/16)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H3618, G3565
* स्ट्रोंग्स: H3618, G35650

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@ -1,13 +1,12 @@
# रथ, रथों, रथियों
# रथ, रथियों
## परिभाषा:
प्राचीन युग में रथ घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाली दो पहियों की गाड़ियां होती थी।
* सवार रथ में बैठते थे या खड़े होते थे और उन्हें साधारण सवारी के लिए या युद्ध के लिए काम में लेते थे।
युद्ध में जिस सेना के पास रथ थे वह सामने वाली सेना जिसके पास रथ नहीं थे, उससे अधिक गति एवं परिवहन क्षमता रखती थी।
प्राचीन युग में मिस्र और रोमी रथों के उपयोग के लिए जाने जाते थे
* लोग युद्ध या यात्रा के लिए रथों में बैठते या खड़े होते थे।
* युद्ध में, जिस सेना के पास रथ थे, उसे बिना रथ वाली सेना की तुलना में गति और गतिशीलता का बड़ा लाभ होता था।
* प्राचीन मिस्री और रोमी अपने घोड़ों और रथों के उपयोग के लिए प्रसिद्ध थे।
(यह भी देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown))
@ -15,18 +14,18 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 राजा 09:22](rc://*/tn/help/1ki/09/22)
* [1 राजा 9:22](rc://*/tn/help/1ki/09/22)
* [2 इतिहास 18:28-30](rc://*/tn/help/2ch/18/28)
* [प्रे.का. 08:29-31](rc://*/tn/help/act/08/29)
* [प्रे.का. 08:36-38](rc://*/tn/help/act/08/36)
* [प्रे.का. 08:29](rc://*/tn/help/act/08/29)
* [प्रे.का. 08:38](rc://*/tn/help/act/08/38)
* [दानिय्येल 11:40-41](rc://*/tn/help/dan/11/40)
* [निर्गमन 14:23-25](rc://*/tn/help/exo/14/23)
* [उत्पत्ति 41:42-43](rc://*/tn/help/gen/41/42)
* [निर्गमन 14:25](rc://*/tn/help/exo/14/25)
* [उत्पत्ति 41:43](rc://*/tn/help/gen/41/43)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[12:10](rc://*/tn/help/obs/12/10)__ इसलिए वे समुद्र के रास्ते में इस्राएलियों के पीछे चल रहे थे, लेकिन परमेश्वर ने उन्हें घबरा दिया, और उनके __रथों__ के पहियों को निकाल डाला जिससे उनका चलाना कठिन हो गया।
* __[12:10](rc://*/tn/help/obs/12/10)__ इस प्रकार उन्होंने इस्राएलियों का समुद्र के मार्ग पर पीछा किया, परन्तु परमेश्वर ने मिस्रियों को घबरा दिया और उनके __रथों__ को अटका दिया।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H668, H2021, H4817, H4818, H5699, H7393, H7395, H7396, H7398, G716, G4480
* Strong's: H2021, H4817, H4818, H7393, H7395, H7398, G07160, G44800

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@ -1,15 +1,15 @@
# सेनापति, सरदारों
# सेनापति, सरदार
## परिभाषा:
“सेनापति” शब्द सेना के अगुवे को संदर्भित करता है, जो सैनिकों के दल का नेतृत्व करने के लिए जिम्मेदार होता है।
“सेनापति” शब्द सेना के प्रमुख को संदर्भित करता है, जो सैनिकों के दल का नेतृत्व करने और आदेश देने के लिए उत्तरदायी होता है।
* सेनापति एक छोटे दल या एक बड़े समूह का अगुआ हो सकता है, जैसे कि एक हजार पुरुष का समूह
* यह शब्द यहोवा के संदर्भ में भी उपयोग होता है कि वह स्वर्गदूतों की सेना का अगुआ है।
* सेनापति, सैनिकों के एक छोटे दल का या एक बड़े दल का प्रमुख हो सकता है, जैसे कि एक हजार पुरुष का दल
* यह शब्द यहोवा के संदर्भ में भी उपयोग होता है कि वह स्वर्गदूतों की सेना का प्रमुख है।
सेनापति के अन्य अनुवाद रूप हैं “अगुआ” या “कप्तान” या “अधिकारी”
* सेना को “आज्ञा देना” का अनुवाद “अगुआई करना” या “प्रभारी होना” के रूप में किया जा सकता है
* सेना को “आदेश देना” के अनुवाद हो सकते हैं, “अगुआई करना” या “प्रभारी होना।"
(यह भी देखें: [आदेश](../kt/command.md), [अधिपतियों](../other/ruler.md), [सूबेदार](../kt/centurion.md))
@ -17,10 +17,10 @@
* [1 इतिहास 11:4-6](rc://*/tn/help/1ch/11/04)
* [2 इतिहास 11:11-12](rc://*/tn/help/2ch/11/11)
* [दानिय्येल 02:14-16](rc://*/tn/help/dan/02/14)
* [मरकुस 06:21-22](rc://*/tn/help/mrk/06/21)
* [नीतिवचन 06:6-8](rc://*/tn/help/pro/06/06)
* [दानिय्येल 2:14](rc://*/tn/help/dan/02/14)
* [मरकुस 6:21-22](rc://*/tn/help/mrk/06/21)
* [नीतिवचन 6:7](rc://*/tn/help/pro/06/07)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H2710, H2951, H1169, H4929, H5057, H6346, H7101, H7262, H7218, H7227, H7229, H7990, H8269, G5506
* स्ट्रोंग्स: H2710, H2951, H1169, H4929, H5057, H6346, H7101, H7262, H7218, H7227, H7229, H7990, H8269, G55060

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@ -1,22 +1,22 @@
# कुकर्मी, कुकर्मियों, बुराई
# कुकर्मी, बुराई करने वाला
## परिभाषा:
## परिभाषा
“कुकर्मी” शब्द पाप करनेवालों और दुष्टता करनेवालों के लिए यह एक सामान्य शब्द है।
* यह शब्द उन लोगों के लिए एक सामान्य शब्द हो सकता है जो परमेश्वर क आज्ञाओं का पालन नहीं करते।
* यह शब्द उन लोगों के लिए एक सामान्य शब्द हो सकता है जो परमेश्वर क आज्ञाओं का पालन नहीं करते।
* इस शब्द के अनुवाद में “बुरा” और “दुष्ट” के लिए शब्दों के उपयोग द्वारा एक ऐसे शब्द के साथ जो “करना” या “बनाना” या “कारण होना” दर्शाता है, उपयोग किया जा सकता है।
(यह भी देखें: [बुराई](../kt/evil.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
## बाइबल सन्दर्भ
* [1 पतरस 02:13-17](rc://*/tn/help/1pe/02/13)
* [यशायाह 09:16-17](rc://*/tn/help/isa/09/16)
* [1 पतरस 2:13-17](rc://*/tn/help/1pe/02/13)
* [यशायाह 9:16-17](rc://*/tn/help/isa/09/16)
* [लूका 13:25-27](rc://*/tn/help/luk/13/25)
* [मलाकी 03:13-15](rc://*/tn/help/mal/03/13)
* [मत्ती 07:21-23](rc://*/tn/help/mat/07/21)
* [मलाकी 3:13-15](rc://*/tn/help/mal/03/13)
* [मत्ती 7:21-23](rc://*/tn/help/mat/07/21)
## शब्द तथ्य:
## शब्द तथ्य
* Strong's: H205, H6213, H6466, H7451, H7489, G93, G458, G2038, G2040 , G2555
* स्ट्रोंग्स: H0205, H6213, H6466, H7451, H7489, G00930, G04580, G20380, G20400 , G25550

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@ -1,4 +1,4 @@
# बाँसुरी, बाँसुरी, बाँसुरी, सीटी बजाने का यंत्र
# बाँसुरी, नर्सीगा
## परिभाषा:
@ -6,20 +6,20 @@
* अधिकांश नलियों में सरकंडे जो मोटे घास के बने थे, हवा फूंकने पर कम्पन उत्पन्न होता था।
* एक नली जिसमें सरकंडे नहीं होते थे उन्हें बाँसुरी कहते थे।
* चरवाहे अपनी भेड़ों को शान्ति देने क लिए सीटी बजाते थे।
* चरवाहे अपनी भेड़ों को शान्ति देने क लिए बांसुरी बजाते थे।
* इन वाद्यों द्वारा सुख या दुःख का संगीत बजाया जाता था।
(यह भी देखें: [झुण्ड](../other/flock.md), [चरवाहा](../other/shepherd.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 14:7-9](rc://*/tn/help/1co/14/07)
* [1 राजा 01:38-40](rc://*/tn/help/1ki/01/38)
* [दानिय्येल 03:3-5](rc://*/tn/help/dan/03/03)
* [लूका 07:31-32](rc://*/tn/help/luk/07/31)
* [मत्ती 09:23-24](rc://*/tn/help/mat/09/23)
* [मत्ती 11:16-17](rc://*/tn/help/mat/11/16)
* [1 कुरिन्थियों 14:7](rc://*/tn/help/1co/14/07)
* [1 राजा. 1:38-40](rc://*/tn/help/1ki/01/38)
* [दानिय्येल 3:3-5](rc://*/tn/help/dan/03/03)
* [लूका 7:31-32](rc://*/tn/help/luk/07/31)
* [मत्ती 9:23](rc://*/tn/help/mat/09/23)
* [मत्ती 11:17](rc://*/tn/help/mat/11/17)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H4953, H5748, H2485, H2490, G832, G834, G836
* स्ट्रोंग्स: H4953, H5748, H2485, H2490, G08320, G08340, G08360

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@ -2,24 +2,27 @@
## परिभाषा:
“मधु” खानेवाला एक चिपचिपा मीठा पदार्थ होता है जो मधु मक्खियाँ फूलों के रस से तैयार करती हैं। छत्ता मोम का बनाया मधु संग्रह का एक साधन है, जिसमें मधु मक्खियाँ मधु एकत्र करती हैं।
“मधु” खानेवाला एक चिपचिपा मीठा पदार्थ होता है जो मधु मक्खियाँ फूलों के रस से तैयार करती हैं। छत्ता मोम जैसा बनाया मधु संग्रह का एक ढांचा है, जिसमें मधु मक्खियाँ मधु एकत्र करती हैं।
* मधु का रंग कुछ पीला या कुछ भूरा होता है।
* मधु पेड़ के खोखले स्थान में या जहाँ भी मधुमक्खी छत्ता बनाए वहाँ मिलेगा। लोग मधुमक्खियों को पालकर मधु खाते हैं या बेचते हैं परन्तु बाइबल में जिस मधु की चर्चा की गई है वह वन मधु है।
* बाइबल में तीन मनुष्यों को मधु खाते हुए दर्शाया गया है, योनातान, शिमशोन और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला।
* इस शब्द का प्रतिकात्मक उपयोग किसी मधु या आनन्ददायक बात के लिए भी किया गया है। उदारहणार्थ, परमेश्वर का वचन और आज्ञाएं "मधु से भी अधिक मीठी" कहीं गई हैं। (यह भी देखें: [उपमा](rc://*/ta/man/translate/figs-simile), [रूपक](rc://*/ta/man/translate/figs-metaphor))
* कभी-कभी मनुष्य के शब्दों को भी मधु तुल्य मीठा कहा जाता है परन्तु जिसका परिणाम मनुष्यों से छल और हानि होता है।
* प्रकार के आधार पर शहद पीले या भूरे रंग का हो सकता है।
* मधु जंगल में पाया जा सकता है, जैसे किसी पेड़ की खोह में, या जहाँ भी मधुमक्खियाँ घोंसला बनाती हैं। लोग मधुमक्खियों को खाने या बेचने के लिए मधु बनाने के लिए छत्ते में भी पालते हैं, लेकिन शायद बाइबल में जिस मधु का ज़िक्र किया गया है वह जंगली मधु था।
* बाइबल में तीन मनुष्यों को जंगली मधु खाते हुए दर्शाया गया है, योनातान, शिमशोन और यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला।
* इस शब्द का प्रतिकात्मक उपयोग किसी मीठी या आनन्ददायक चीज के लिए भी किया गया है। उदारहणार्थ, परमेश्वर का वचन और आज्ञाएं "मधु से भी अधिक मीठी" कहीं गई हैं।
(यह भी देखें: [उपमा](rc://*/ta/man/translate/figs-simile), [रूपक](rc://*/ta/man/translate/figs-metaphor))
* कभी-कभी किसी व्यक्ति के शब्दों को शहद की तरह मीठा बताया जाता है, लेकिन इसका परिणाम दूसरों को धोखा देना और नुकसान पहुँचाना होता है।
(यह भी देखें: [यूहन्ना (बपतिस्मा देनेवाला)](../names/johnthebaptist.md), [योनातान](../names/jonathan.md), [पलिश्ती](../names/philistines.md), [शिमशोन](../names/samson.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 राजा 14:1-3](rc://*/tn/help/1ki/14/01)
* [व्यवस्थाविवरण 06:3](rc://*/tn/help/deu/06/03)
* [व्यवस्थाविवरण 6:3](rc://*/tn/help/deu/06/03)
* [निर्गमन 13:3-5](rc://*/tn/help/exo/13/03)
* [यहोशू 05:6-7](rc://*/tn/help/jos/05/06)
* [नीतिवचन 05:3-4](rc://*/tn/help/pro/05/03)
* [यहोशू 5:6](rc://*/tn/help/jos/05/06)
* [नीतिवचन 5:3](rc://*/tn/help/pro/05/03)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1706, H3293, H3295, H5317, H6688, G2781, G3192, G3193
* Strong's: H1706, H3293, H3295, H5317, H6688, G31920

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@ -1,38 +1,38 @@
# यहूदियों, यहूदी
# यहूदी अधिकारी, यहूदी अगुवे
## तथ्य:
“यहूदी अगुवे” या “यहूदियों के हाकिम” अर्थात धर्म के अगुवे जैसे पुरोहित और परमेश्वर के वचन के शिक्षक। उन्हें धर्म की अपेक्षा अन्य विषयों के संबन्ध में भी निर्णय देने का अधिकार था।
शब्द "यहूदी अगुवे" या "यहूदी अधिकारी" धार्मिक अगुवों जैसे कि याजक और परमेश्केवर की व्यवस्था के शिक्षकों को संदर्भित करता है। उन्हें गैर-धार्मिक मामलों के बारे में भी निर्णय लेने का अधिकार था।
* यहूदियों के अगुवे थे प्रधान पुरोहित, प्रमुख पुरोहित और विधि शिक्षक (परमेश्वर प्रदत्त विधान के शिक्षक)
* यहूदी अगुवों के प्रमुख पंथों में थे फरीसी और सदूकी।
* यरूशलेम की महासभा में विधान संबन्धित विषयों पर निर्णय लेने के लिए सत्तर यहूदी अगुवे एकत्र हुए थे।
* अनेक यहूदी अगुवे घमण्डी थे और अपने आप को धर्मपरायण समझते थे। * वे यीशु से ईर्ष्या करते थे और उसे हानि पहुंचाना चाहते थे। वे परमेश्वर को जानने का दावा तो करते थे, परन्तु उसकी आज्ञाओं को नहीं मानते थे
* “यहूदी” शब्द अधिकतर यहूदी अगुवों के लिए काम में लिया जाता था। विशेष करके जब वे यीशु पर कुपित होकर उसे जाल में फंसाना चाहते थे या उसे हानि पहुंचाना चाहते थे।
* इन शब्दों का अनुवाद किया जा सकता है, “यहूदी शासक” या “यहूदियों के प्रशासनिक अधिकारी” या “यहूदी धर्मगुरू”
* यहूदी अगुवे महायाजक, मुख्य याजक और शास्त्री (परमेश्‍वर के नियमों के शिक्षक) थे।
* यहूदी अगुवों के प्रमुख पंथों में फरीसी और सदूकी थे
* व्यवस्था के मामलों के विषय में निर्णय लेने के लिए यरूशलेम में यहूदी परिषद में सत्तर यहूदी अगुवों ने एक साथ मुलाकात करते थे।
* क यहूदी अगुवे घमण्डी थे और सोचते थे कि वे धर्मी हैं। वे यीशु से जलते थे और उसे हानि पहुँचाना चाहते थे। उन्होंने परमेश्वर को जानने का दावा तो किया परन्तु उसकी आज्ञा नहीं मानी
* अक्सर वाक्यांश "यहूदी" यहूदी अगुवों को संदर्भित करता है, खासकर उन संदर्भों में जहां वे यीशु पर क्रोधित थे और उसे धोखा देने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।
* इन शब्दों का अनुवाद "यहूदी शासकों" या "वे लोग जो यहूदी लोगों पर शासन करते थे" या "यहूदी धार्मिक अगुवों" के रूप में भी किया जा सकता है।
(यह भी देखें: [यहूदी](../kt/jew.md), [प्रधान-याजकों](../other/chiefpriests.md), [महासभा](../other/council.md), [महायाजक](../kt/highpriest.md), [फरीसी](../kt/pharisee.md), [याजक](../kt/priest.md), [सदूकी](../kt/sadducee.md), [शास्त्री](../kt/scribe.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [निर्गमन 16:22-23](rc://*/tn/help/exo/16/22)
* [यूहन्ना 02:17-19](rc://*/tn/help/jhn/02/17)
* [यूहन्ना 05:10-11](rc://*/tn/help/jhn/05/10)
* [यूहन्ना 05:16-18](rc://*/tn/help/jhn/05/16)
* [यूहन्ना 2:19](rc://*/tn/help/jhn/02/19)
* [यूहन्ना 5:10-11](rc://*/tn/help/jhn/05/10)
* [यूहन्ना 5:16](rc://*/tn/help/jhn/05/16)
* [लूका 19:47-48](rc://*/tn/help/luk/19/47)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[24:03](rc://*/tn/help/obs/24/03)__ __उन्होंने__ अपने-अपने पापों को मानकर, बपतिस्मा लिया, बहुत से धर्मी याजक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने को आए, परन्तु उन्होंने अपने पापों का अंगीकार न किया |
* __[37:11](rc://*/tn/help/obs/37/11)__ परन्तु __यहूदियों के धार्मिक गुरु__ यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर योजना बनाना चाहा कि कैसे वह यीशु और लाजर को मरवा सके।
* __[38:02](rc://*/tn/help/obs/38/02)__ वह(यहूदा) जानता था कि __ यहूदी गुरुओं__ ने यीशु को मसीहा के रूप में अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे।
* __[38:03](rc://*/tn/help/obs/38/03)__ __यहूदी गुरुओं__ ने प्रधान याजक के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए।
* __[39:05](rc://*/tn/help/obs/39/05)__ __यहूदी नेताओं__ ने महा याजक को उत्तर दिया, “यह मरने के योग्य है।
* __[39:09](rc://*/tn/help/obs/39/09)__ अगली सुबह __यहूदी नेताओ__ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया जो एक रोम राज्यपाल था।
* __[39:11](rc://*/tn/help/obs/39/11)__ परन्तु __यहूदी गुरुओं__ ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस में चढ़ा दो।”
* __[40:09](rc://*/tn/help/obs/40/09)__ तब यूसुफ और नीकुदेमुस, दो __यहूदी याजक__ जिन्हें विश्वास था कि यीशु ही मसीह है, पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा
* __[44:07](rc://*/tn/help/obs/44/07)__ दूसरे दिन ऐसा हुआ कि __यहूदी याजक __पतरस और यूहन्ना को लेकर महायाजक के पास गए।
* __[24:03](rc://*/tn/help/obs/24/03)__कई __धार्मिक अगुवे__ भी यूहन्ना से बपतिस्मा लेने आए, लेकिन उन्होंने पश्चाताप नहीं किया या अपने पापों को स्वीकार नहीं किया।
* __[37:11](rc://*/tn/help/obs/37/11)__ परन्तु __यहूदियों के धार्मिक अगुवे__ यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर योजना बनाना चाहा कि कैसे वह यीशु और लाजर को मरवा सके
* __[38:02](rc://*/tn/help/obs/38/02)__ वह(यहूदा) जानता था कि __ यहूदी अगुवों__ ने यीशु को मसीहा के रूप में अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे।
* __[38:03](rc://*/tn/help/obs/38/03)__ महायाजक के नेतृत्व में __यहूदी अगुवों__ ने यीशु को पकड़वाने के लिए यहूदा को तीस चाँदी के सिक्के दिए।
* __[39:05](rc://*/tn/help/obs/39/05)__ __यहूदी अगुवों__ ने महायाजक को उत्तर दिया, “वह (यीशु) मरने के योग्य है!
* __[39:09](rc://*/tn/help/obs/39/09)__ अगली सुबह __यहूदी अगुवों__ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया जो एक रोम राज्यपाल था।
* __[39:11](rc://*/tn/help/obs/39/11)__ परन्तु __यहूदी अगुवों__ ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस में चढ़ा दो।”
* __[40:09](rc://*/tn/help/obs/40/09)__ तब यूसुफ और निकुदेमुस, दो __यहूदी अगुवों__ जो यीशु को मसीहा मानते थे, ने पीलातुस से यीशु की लाश माँगी
* __[44:07](rc://*/tn/help/obs/44/07)__ अगले दिन, __यहूदी अगुवे__ पतरस और यूहन्ना को महायाजक और अन्य __धार्मिक अगुवों__ के पास लाए।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G2453
* Strong's: G24530

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@ -1,13 +1,13 @@
# टिड्डी, टिड्डियाँ
# टिड्डी
## तथ्य:
“टिड्डी” एक प्रकार उड़नेवाला टिड्डा स्वरूप बड़ा कीट होता है जो कभी कभी उड़ते है अपने समान अन्य टिड्डियों के साथ एक बहुत ही विनाशकारी झुंड बनकर जो सभी वनस्पति खा जाते है।
“टिड्डी” एक प्रकार का उड़नेवाला टिड्डा स्वरूप बड़ा कीट होता है जो कभी कभी अपने समान अन्य टिड्डियों के साथ एक बहुत ही विनाशकारी झुंड बनकर उड़ते हैं जो सभी वनस्पति खा जाते है।
* टिड्डियां या साधारण टिड्डे बड़े और सीधे पर काले लम्बे पैरों वाले कीट होते है। इनके जुड़े हुए पिछले पैरों के कारण ये बहुत दूर तक कूद सकते हैं।
* टिड्डियां या साधारण टिड्डे बड़े और सीधे पर काले लम्बे पैरों वाले कीट होते है। इनके जुड़े हुए पिछले पैरों के कारण ये बहुत दूर तक कूद सकते हैं।
* पुराने नियम में टिड्डियों के झुण्ड प्रतीकात्मक रूप से विनाश का प्रतीक होते थे जो इस्राएल की अवज्ञा का भावी परिणाम था।
* परमेश्वर ने मिस्त्रियों पर जो दस विपत्तियां भेजी थी उनमें टिड्डियां भी एक विपत्ति थी।
* नये नियम में यूहन्ना का मुख्य भोजन जंगल में टिड्डियां था।
* नया नियम कहता है कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के भोजन का मुख्य स्रोत टिड्डियाँ थीं जब वह उजाड़ में रह रहा था।
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,12 +15,12 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 इतिहास 06:28-31](rc://*/tn/help/2ch/06/28)
* [2 इतिहास 6:28](rc://*/tn/help/2ch/06/28)
* [व्यवस्थाविवरण 28:38-39](rc://*/tn/help/deu/28/38)
* [निर्गमन 10:3-4](rc://*/tn/help/exo/10/03)
* [मरकुस 01:4-6](rc://*/tn/help/mrk/01/04)
* [मरकुस 1:6](rc://*/tn/help/mrk/01/06)
* [नीतिवचन 30:27-28](rc://*/tn/help/pro/30/27)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H697, H1357, H1462, H1501, H2284, H3218, H5556, H6767, G200
* Strong's: H0697, H1357, H1462, H1501, H2284, H3218, H5556, H6767, G02000

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@ -1,4 +1,4 @@
# अन्यजाति, अन्यजातियां
# अन्यजाति
## परिभाषा:
@ -8,7 +8,7 @@
* अन्य जातियों के विश्वास में देवी-देवताओं की तथा प्रकृति की पूजा थी।
* इन अन्य जातियों के धर्म में व्यभिचार या नरबलि आराधना का भाग होता था।
(यह भी देखें: [वेदी](../kt/altar.md), [झूठे देवता](../kt/falsegod.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md), [आराधना](../kt/worship.md), [यहोवा](../kt/yahweh.md))
(यह भी देखें: [वेदी](../kt/altar.md), [झूठे देवता](../kt/falsegod.md), [बलि](../other/sacrifice.md), [आराधना](../kt/worship.md), [यहोवा](../kt/yahweh.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
@ -19,4 +19,4 @@
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1471, G1484, G1494
* Strong's: H1471, G14840

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@ -1,23 +1,23 @@
# खजूर, हथेलियों
# खजूर
## परिभाषा:
“खजूर”, लम्बा वृक्ष जिसके पत्ते और डालियां तन्मयशील होती हैं और पंखे के सदृश्य दिखाई देती हैं।
“खजूर” एक लम्बा वृक्ष होता है जिसके पत्ते और डालियां तन्मयशील होती हैं और ऊपर ही ऊपर पल्लवित होती है तथा पंखे के सदृश्य दिखाई देती हैं।
* बाइबल में जिस खजूर के पेड़ का उल्लेख किया गया है जिसके फलों को “खजूर” कहते हैं। उसकी पत्तियां पक्षी के पंख जैसी होती हैं।
* बाइबल में जिस खजूर वृक्ष का उल्लेख किया गया है उसके फलों को “खजूर” कहते हैं। उसकी पत्तियां पक्षी के पंख जैसी होती हैं।
* खजूर का वृक्ष गर्म नम जलवायु में उगता है। उसकी पत्तियां पुरे वर्ष हरी रहती हैं।
* जब यीशु गधे पर सवार होकर यरूशलेम प्रवेश कर रहा था तब लोगों ने उनके सामने मार्ग में खजूर की डालियां बिछा दी थी।
* खजूर की डालियां शान्ति और विजय का प्रतीक हैं।
* खजूर की डालियां शान्ति और विजय के उत्सव का प्रतीक हैं।
(यह भी देखें: [गदहे](../other/donkey.md), [यरूशलेम](../names/jerusalem.md), [शान्ति](../other/peace.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 राजा 06:29-30](rc://*/tn/help/1ki/06/29)
* [1 राजा 6:29-30](rc://*/tn/help/1ki/06/29)
* [यहेजकेल 40:14-16](rc://*/tn/help/ezk/40/14)
* [यूहन्ना 12:12-13](rc://*/tn/help/jhn/12/12)
* [गिनती 33:8-10](rc://*/tn/help/num/33/08)
* [गिनती 33:9](rc://*/tn/help/num/33/09)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H3712, H8558, H8560, H8561, G5404
* स्ट्रोंग्स: H3712, H8558, H8560, H8561, G54040

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@ -1,12 +1,12 @@
# लाठी, छड़ें
# लाठी
## परिभाषा:
“लाठी” एक पतली लम्बी लकड़ी होती है जिसका उपयोग नाना प्रकार से किया जाता है। इसकी लम्बाई लगभग एक मीटर की होती थी
* चरवाहे हिंसक पशुओं से भेड़ों की रक्षा करने के लिए लाठी साथ रखते थे। लाठी फेंक कर भटकती हुई भेड़ को झुण्ड में लाया जाता था।
* भजन 23 में राजा दाऊद ने “छड़ी” और “लाठी” शब्दों को काम में लिया हैं जो उसके लोगों के लिए उसके मार्गदर्शन और अनुशासन के रूपक हैं।
* चरवाहा अपनी लाठी उठाकर भेड़ों की गिनती करता था।
* भजन 23 में राजा दाऊद ने “सौंठे” और “लाठी” शब्दों को काम में लिया हैं जो उसके लोगों के लिए उसके मार्गदर्शन और अनुशासन के रूपक हैं।
* चरवाहा अपनी लाठी उठाकर भेड़ों की उसके नीचे से निकाल कर उनकी गिनती करता था।
* “लोहे का दण्ड” भी परमेश्वर से विमुख काम करने वालों के लिए परमेश्वर के दण्ड का प्रतीक है।
* प्राचीन युग में मापदण्ड धातु, लकड़ी या पत्थर के बने होते थे जिनकी सहायता से किसी ईमारत या वस्तु की लम्बाई नापी जाती थी।
* बाइबल में लकड़ी की छड़ी बच्चों के अनुशासन के लिए काम में ली जाती थी।
@ -15,12 +15,12 @@
## बाइबल के सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 04:19-21](rc://*/tn/help/1co/04/19)
* [1 कुरिन्थियों 4:21](rc://*/tn/help/1co/04/21)
* [1 शमूएल 14:43-44](rc://*/tn/help/1sa/14/43)
* [प्रे.का. 16:22-24](rc://*/tn/help/act/16/22)
* [प्रे.का. 16:22](rc://*/tn/help/act/16/23)
* [निर्गमन 27:9-10](rc://*/tn/help/exo/27/09)
* [प्रकाशितवाक्य 11:1-2](rc://*/tn/help/rev/11/01)
* [प्रकाशितवाक्य 11:1](rc://*/tn/help/rev/11/01)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H2415, H4294, H4731, H7626, G2563, G4463, G4464
* स्ट्रोंग्स: H2415, H4294, H4731, H7626, G25630, G44630, G44640

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@ -2,26 +2,26 @@
## तथ्य:
"दस आज्ञाएँ" आज्ञा थे कि परमेश्वर ने मूसा को सीनै पर्वत पर दिया था, जब इस्राएलियों ने कनान देश के रास्ते में रेगिस्तान में रह रहे थे। परमेश्वर ने दस आज्ञाएं पत्थरों की दो पट्टियों पर लिखी थी
"दस आज्ञाएँ" वे आज्ञाएँ थीं जो परमेश्वर ने सीनै पर्वत पर मूसा को दी थीं, जब इस्राएली कनान देश की ओर जाते हुए उजाड़ में रह रहे थे। परमेश्वर ने इन आज्ञाओं को पत्थर की दो बड़ी पटियाओं पर लिखा
* परमेश्वर ने इस्राएलियों आज्ञा मानने के लिए बहुत सी आज्ञा दी थी,पर दस आज्ञाएं विशेष थी कि इस्राएली परमेश्वर से प्रेम करना और उसकी उपासना करना तथा अपास में प्रेम रखें।
* ये आज्ञाएं उनके साथ परमेश्वर की वाचा का एक भाग भी थी। परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करके इस्राएली यह सिद्ध करते थे कि वे परमेश्वर से प्रेम करते थे और उसकी प्रजा हैं।
* उन पत्थरों पर लिखी गई आज्ञाओं के साथ पत्थर की पटिया को वाचा का सन्दूक में रखा गया था, जो कि तम्बू के सबसे पवित्र स्थान और बाद में मंदिर में स्थित था।
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा मानने के लिए कई आज्ञाएँ दी थीं, लेकिन दस आज्ञाएँ इस्राएलियों को परमेश्वर से प्रेम करने और उसकी आराधना करने और अन्य लोगों से प्रेम करने में मदद करने के लिए विशेष आज्ञाएँ थीं।
* ये आज्ञाएँ अपने लोगों के साथ परमेश्वर की वाचा का भी हिस्सा थीं। परमेश्वर ने उन्हें जो करने की आज्ञा दी थी उसका पालन करने से, इस्राएल के लोग दिखाएंगे कि वे परमेश्वर से प्रेम करते हैं और उसके हैं।
* पत्थर की पटियाएँ जिन पर आज्ञाएँ लिखी हुई थीं, उन्हें वाचा के संदूक में रखा गया था, जो मिलापवाले तम्बू के सबसे पवित्र स्थान और बाद में भवन में स्थित था।
(यह भी देखें: [वाचा का सन्दूक](../kt/arkofthecovenant.md), [आज्ञा](../kt/command.md), [वाचा](../kt/covenant.md), [रेगिस्तान](../other/desert.md), [व्यवस्था](../kt/lawofmoses.md), [पालन](../other/obey.md), [सीनै](../names/sinai.md), [आराधना](../kt/worship.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [व्यवस्थाविवरण 04:13-14](rc://*/tn/help/deu/04/13)
* [व्यवस्थाविवरण 4:13-14](rc://*/tn/help/deu/04/13)
* [व्यवस्थाविवरण 10:3-4](rc://*/tn/help/deu/10/03)
* [निर्गमन 34:27-28](rc://*/tn/help/exo/34/27)
* [लूका 18:18-21](rc://*/tn/help/luk/18/18)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[13:07](rc://*/tn/help/obs/13/07)__ परमेश्वर ने यह __दस आज्ञाएँ__ मूसा को दो पत्थर की तख्तियों पर लिख के दे दी |
* __[13:13](rc://*/tn/help/obs/13/13)__ जब मूसा पहाड़ से नीचे उतर आया, और उसने उस देवता को देखा, तो उसका क्रोध भड़क उठा, और उसने तख्तियों को अपने हाथों से पर्वत के नीचे पटककर तोड़ डाला, क्योंकि वह परमेश्वर की __दस आज्ञाओ__ के विरुद्ध था |
* __[13:15](rc://*/tn/help/obs/13/15)__ तब मूसा ने पहली तख्तियों के समान दो और तख्तियाँ गढ़ी; क्योंकि पहली उसने तोड़ डाली थी |
* __[13:07](rc://*/tn/help/obs/13/07)__ तब परमेश्वर ने इन __दस आज्ञाओं__ को पत्थर की दो पटियाओं पर लिखकर मूसा को दिया।
* __[13:13](rc://*/tn/help/obs/13/13)__ जब मूसा पहाड़ से नीचे आया और उसने मूर्ति को देखा, तो वह इतना क्रोधित हुआ कि उसने उन पत्थरों को तोड़ डाला जिन पर परमेश्वर ने __दस आज्ञाएँ__ लिखी थीं।
* __[13:15](rc://*/tn/help/obs/13/15)__ तब मूसा ने पहली तख्तियों के समान दो और तख्तियाँ गढ़ी; क्योंकि पहली उसने तोड़ डाली थी
## शब्द तथ्य:

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# तम्बू, तम्बूओं, तम्बू बनाने वाला
# तम्बू, तम्बू बनाने वाले
## परिभाषा:
तम्बू एक चलायमान शरण स्थान होता है जो स्तंभों पर लगाया जाता है।
एक तम्बू मजबूत कपड़े से बना एक चलायमान शरण स्थान है जो खंभे की संरचना पर लपेटा जाता है और उनसे जुड़ा होता है।
* तंबू छोटा हो सकता है, कुछ लोगों के लिए सोने की पर्याप्त जगह के साथ, या वे बहुत बड़े हो सकते हैं, एक पूरे परिवार के सोने, पकाना और रहने के लिए हो।
* कुछ लोगों के लिए तम्बू स्थाई निवास स्थान है। उदाहरण के लिए, ज़्यादातर समय में अब्राहम का परिवार कनान देश में रहता था, वे बकरियों के बाल के बड़े कपड़े से बने बड़े तंबू में रहते थे।
* तंबू छोटे हो सकते हैं, जिनमें कुछ लोगों के सोने के लिए पर्याप्त जगह हो, या वे बहुत बड़े हो सकते हैं, जिसमें पूरे परिवार के सोने, खाना पकाने और रहने के लिए जगह हो।
* कुछ लोगों के लिए तम्बू स्थाई निवास स्थान है। उदाहरण के लिए, ज़्यादातर समय में अब्राहम का परिवार कनान देश में रहता था,उस समय के अधिकांश समय में वे बकरी के बालों से बने मजबूत कपड़े से बने बड़े तंबुओं में रहते थे।
* सीनै के जंगल में चालीस वर्ष विचरण करते समय इस्राएली तम्बुओं में रहते थे।
* परमेश्वर के निवास का मण्डप एक बड़ा तम्बू था जिसमें कपड़े के मोटे पर्दे दीवारों का काम करते थे
* परमेश्वर के निवास का मण्डप एक बड़ा तम्बू था जिसकी मोटी-मोटी दीवारें कपड़े के पर्दे से बनी थीं
* जब प्रेरित पौलुस ने सुसमाचार साझा करने के लिए विभिन्न शहरों की यात्रा की, तो उन्होंने तंबू बनाकर स्वयं का समर्थन किया।
* “तम्बू” शब्द प्रतीकात्मक रूप में मनुष्यों के रहने के स्थान है। यहां तम्बू का अनुवाद “घर” या “निवास” या “आवास” किया जा सकता है। (देखें: [उपलक्षण](rc://*/ta/man/translate/figs-synecdoche))
* शब्द "तम्बू" का प्रयोग कभी-कभी आलंकारिक रूप से आम तौर पर यह बताने के लिए किया जाता है कि लोग कहाँ रहते हैं। इसका अनुवाद “घर” या “निवास” या “आवास” के रूप में भी किया जा सकता है। (देखें: [synecdoche](rc://*/ta/man/translate/figs-synecdoche))
(यह भी देखें: [अब्राहम](../names/abraham.md), [कनान](../names/canaan.md), [परदा](../other/curtain.md), [पौलुस](../names/paul.md), [सीनै](../names/sinai.md), [मिलापवाला तम्बू](../kt/tabernacle.md), [मिलापवाला तम्बू](../other/tentofmeeting.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 05:10](rc://*/tn/help/1ch/05/10)
* [दानिय्येल 11:44-45](rc://*/tn/help/dan/11/44)
* [निर्गमन 16:16-18](rc://*/tn/help/exo/16/16)
* [उत्पत्ति 12:8-9](rc://*/tn/help/gen/12/08)
* [1 इतिहास 5:10](rc://*/tn/help/1ch/05/10)
* [दानिय्येल 11:45](rc://*/tn/help/dan/11/45)
* [निर्गमन 16:18](rc://*/tn/help/exo/16/18)
* [उत्पत्ति 12:9](rc://*/tn/help/gen/12/09)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H167, H168, H2583, H3407, H6898
* Strong's: H0167, H0168, H2583, H3407, H6898

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## तथ्य:
शब्द "मिलापवाला तम्बू" एक तम्बू को संदर्भित करता है जो एक अस्थायी स्थान था जहां निवास के सामने परमेश्वर ने मूसा से मुलाकात की थी।
शब्द "मिलाप का तम्बू" एक ऐसे तम्बू को संदर्भित करता है जो एक अस्थायी स्थान था जहाँ परमेश्वर ने निवासस्थान के निर्माण से पहले मूसा से मुलाकात की थी।
* निर्गमन की पुस्तक में लिखा है कि मिलापवाला तम्बू इस्राएलियों की छावनी से बाहर था।
* जब मूसा मिलापवाले तम्बू में परमेश्वर से मुलाकात करने जाता था तब बादलों का एक स्तम्भ वहां उपस्थित होकर परमेश्वर की उपस्थिति को दर्शाता था।
* जब मूसा मिलापवाले तम्बू में परमेश्वर से मुलाकात करने जाता था तब बादल का एक स्तम्भ वहां उपस्थित होकर परमेश्वर की उपस्थिति को दर्शाता था।
* जब इस्राएलियों ने परमेश्वर के निवासस्थान को बनाया, तो अस्थायी तम्बू की ज़रूरत नहीं थी और निवासस्थान के संदर्भ में "मिलापवाला तम्बू" कभी-कभी इस्तेमाल किया जाता था।
(यह भी देखें: [इस्राएल](../kt/israel.md), [मूसा](../names/moses.md), [खंभा](../other/pillar.md), [मिलापवाला तम्बू](../kt/tabernacle.md), [तम्बू](../other/tent.md))
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## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[13:08](rc://*/tn/help/obs/13/08)__ परमेश्वर ने इस्राएलियों को तम्बू बनाने का विस्तृत विवरण दिया | यह __मिलापवाला तम्बू__ कहलाता था, और इसमें दो कमरे थे, जिन्हें एक बड़ा परदा पृथक कर रहा था |
* __[13:09](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ जो कोई भी परमेश्वर के व्यवस्थाओं का उल्लंघन करता है, वह __मिलापवाले तम्बू__ के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा।
* __[14:08](rc://*/tn/help/obs/14/08)__ परमेश्वर बहुत क्रोधित थे, और परमेश्वर का तेज __मिलापवाले तम्बू__ में सब इस्राएलियों पर प्रकाशमान हुआ |
* __[18:02](rc://*/tn/help/obs/18/02)__ अब लोग __मिलापवाले तम्बू__ के स्थान पर उस भवन में परमेश्वर की उपासना करते और बलिदान चढ़ाते थे |
* __[13:8](rc://*/tn/help/obs/13/08)__ परमेश्वर ने इस्राएलियों को तम्बू बनाने का विस्तृत विवरण दिया यह __मिलापवाला तम्बू__ कहलाता था, और इसमें दो कमरे थे, जिन्हें एक बड़ा परदा पृथक कर रहा था
* __[13:9](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ जो कोई भी परमेश्वर के व्यवस्थाओं का उल्लंघन करता है, वह __मिलापवाले तम्बू__ के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा।
* __[14:8](rc://*/tn/help/obs/14/08)__ परमेश्वर बहुत क्रोधित थे, और परमेश्वर का तेज __मिलापवाले तम्बू__ में सब इस्राएलियों पर प्रकाशमान हुआ
* __[18:2](rc://*/tn/help/obs/18/02)__ अब लोग __मिलापवाले तम्बू__ के स्थान पर उस भवन में परमेश्वर की उपासना करते और बलिदान चढ़ाते थे
## शब्द तथ्य:

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# परदा, घूँघटों, परदा पड़ा, उघाड़े
# परदा, परदा पड़ा, उघाड़े
## परिभाषा:
“परदा” शब्द पतले कपड़े का सिर या चेहरा ढांकने का एक पतला कपड़ा होता है
शब्द "परदा" आमतौर पर कपड़े के एक पतले टुकड़े को संदर्भित करता है जिसका उपयोग सिर को ढंकने के लिए किया जाता है, सिर या चेहरे को ढंकने के लिए ताकि इसे देखा न जा सके
* यहोवा की उपस्थिति में रहने के बाद मूसा ने अपने चेहरे पर परदा डाल लिया था कि उसके चेहरे की चमक इस्राएलियों से छिपी रहे।
* बाइबल में स्त्रियां सिर ढांकने के लिए और अधिकतर चेहरा भी ढांकने के लिए परदा डालती थी, पुरुषों के सामने या सार्वजनिक स्थानों में
* “परदा डालना” अर्थात किसी वस्तु को ढांकना।
* अंग्रेजी संस्करणों में परमपवित्र स्थान को विभाजित करने वाले मोटी यवनिका को भी परदा कहा गया है परन्तु यवनिका शब्द अधिक उचित है क्योंकि वह एक मोटा कपड़ा हुआ करता था। इस संदर्भ में "परदा" शब्द उचित है क्योंकि वह एक मोटा कपड़ा था
* बाइबल में स्त्रियां पुरुषों के सामने या सार्वजनिक स्थानों में, सिर ढांकने के लिए और अधिकतर चेहरा भी ढांकने के लिए परदा डालती थी।
* “परदा डालना” क्रिया का अर्थ है किसी वस्तु को परदे से ढकना।
* कुछ अंग्रेजी संस्करणों में, "परदा" शब्द का उपयोग उस मोटे पर्दे को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो अति पवित्र स्थान प्रवेश द्वार को ढकता है। लेकिन "पर्दा" उस संदर्भ में एक बेहतर शब्द है, क्योंकि यह कपड़े के भारी, मोटे टुकड़े को संदर्भित करता है
## अनुवाद के सुझाव:
* “परदा” शब्द का अनुवाद “पतले कपड़े का आवरण” या “कपड़े का आवरण” या “सिर ढांकना” हो सकता है।
* कुछ संस्कृतियों में स्त्रियों के परदे के लिए अलग शब्द होगा। मूसा के लिए एक अन्य शब्द काम में लेना होगा।
* कुछ संस्कृतियों में स्त्रियों के परदे के लिए अलग शब्द होगा। मूसा के लिए एक अन्य शब्द काम में लेना जरूरी होगा।
(यह भी देखें: [मूसा](../names/moses.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 कुरिन्थियों 03:12-13](rc://*/tn/help/2co/03/12)
* [2 कुरिन्थियों 03:14-16](rc://*/tn/help/2co/03/14)
* [यहेजकेल 13:17-18](rc://*/tn/help/ezk/13/17)
* [2 कुरिन्थियों 3:12-13](rc://*/tn/help/2co/03/12)
* [2 कुरिन्थियों 03:16](rc://*/tn/help/2co/03/16)
* [यहेजकेल 13:18](rc://*/tn/help/ezk/13/18)
* [यशायाह 47:1-2](rc://*/tn/help/isa/47/01)
* [श्रेष्ठगीत 04:3](rc://*/tn/help/sng/04/03)
* [श्रेष्ठगीत 4:3](rc://*/tn/help/sng/04/03)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H7289, G2665
* Strong's: H4304, H4533, H4555, H6777, H6809, H7196, H7479, G03430, G25710, G25720

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description: 'A basic Bible lexicon that provides translators with clear, concise definitions and translation suggestions for every important word in the Bible. It provides translators and checkers with essential lexical information to help them make the best possible translation decisions.'
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