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@ -14,3 +14,4 @@ STRs:
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@ -4,10 +4,9 @@
अहाब एक अत्यधिक दुष्ट राजा था जिसने उत्तरी राज्य, इस्राएल पर 875-854 ई.पू. तक राज किया था।
राजा अहाब ने इस्राएली प्रजा पर मूर्तिपूजा(झूठे देवता) का बुरा प्रभाव डाला था।
* भविष्यद्वक्ता एलिय्याह ने अहाब से भविष्यद्वाणी की थी कि अहाब द्वारा इस्राएल से पाप कराने के परिणामस्वरूप साढ़े तीन वर्ष तक अकाल पड़ेगा क्योंकि यह उनके पापों के लिए परमेश्वर का दण्ड है।
* राजा अहाब और उसकी रानी ईज़ेबेल ने अनेक अन्य बुरे कार्य किए थे जिसमें उन्होंने उनके सामर्थ्य का दुरूपयोग करके निर्दोषों की हत्या की थी।
* राजा अहाब ने इस्राएल के लोगों को झूठे देवताओं की पूजा करने के लिए प्रभावित किया।
* भविष्यद्वक्ता एलिय्याह ने अहाब का सामना किया और उसे बताया कि अहाब ने इस्राएल से जो पाप करवाए हैं उनके पापों की सजा के रूप में साढ़े तीन साल तक घोर सूखा पड़ा रहेगा।
* अहाब और उसकी पत्नी इज़ेबेल ने और भी बहुत से बुरे काम किए, जिनमें निर्दोष लोगों को मारने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करना शामिल था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -17,8 +16,8 @@
* [1 राजा 18:1-2](rc://*/tn/help/1ki/18/01)
* [1 राजा 20:1-3](rc://*/tn/help/1ki/20/01)
* [2 इतिहास 21:6-7](rc://*/tn/help/2ch/21/06)
* [2 राजा 09:7-8](rc://*/tn/help/2ki/09/07)
* [2 इतिहास 21:6](rc://*/tn/help/2ch/21/06)
* [2 राजा 9:8](rc://*/tn/help/2ki/09/08)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
@ -28,4 +27,4 @@
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H256
* Strong's: H0256

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@ -2,13 +2,13 @@
## तथ्य:
“बाल” का अर्थ है, “प्रभु” या “स्वामी”, और पहले के झूठे देवता का नाम था जिनकी उपासना कनानी करते थे
"बाल" का अर्थ "प्रभु" या "स्वामी" है और यह प्राथमिक झूठे देवता का नाम था जिसकी उपासना कनानियों द्वारा की जाती थी
* बाल शब्द से व्युत्पन्न अन्य देवता भी थे गैर पिओरबाल। कभी-कभी इन सब देवताओं को एक साथ “बाल” कहा गया है।
* कुछ देवताओं के नाम में "बाल" शब्द जुड़ा हुआ था।
* बाल की पूजा में कुप्रथाएं भी शामिल है जैसे बच्चों की बलि चढ़ाना और वैश्यावृत्ति का अभ्यास
* उनके इतिहास में विभिन्न युगों में इस्राएली भी बाल की पूजा करते थे और अन्य जातियों के उदाहरण पर चलते थे
* राजा आहाब के राज्य काल में परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता एलिय्याह ने सिद्ध करके दिखाया था कि बाल नहीं यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है। परिणामस्वरूप बाल के पुजारियों को नष्ट कर दिया गया था और इस्राएली यहोवा की उपासना करने लगे थे
* ऐसे स्थानीय झूठे देवता भी थे जिनके नाम में "बाल" था, जैसे कि "पोर का बाल।" कभी-कभी इन सभी देवताओं को एक साथ "बाल" कहा जाता है।
* कुछ लोगों के नाम में "बाल" शब्द शामिल था।
* बाल की उपासना में बच्चों की बलि चढ़ाने और वेश्याओं का इस्तेमाल करने जैसे बुरे काम शामिल थे
* अपने पूरे इतिहास में अलग-अलग समय अवधियों में, इस्राएली भी अपने आसपास के मूर्तिपूजक जातियों के उदाहरण का अनुसरण करते हुए, बाल पूजा में गहराई से शामिल हो गए
* राजा अहाब के शासनकाल के दौरान, परमेश्वर के भविष्यवक्ता एलिय्याह ने लोगों के सामने यह साबित करने के लिए एक परीक्षा रखी कि बाल अस्तित्व में नहीं है और यहोवा ही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है। परिणामस्वरूप, बाल के भविष्यवक्ता नष्ट हो गए और लोगों ने फिर से यहोवा की उपासना करनी शुरू कर दी
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -17,19 +17,19 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 राजा 16:31-33](rc://*/tn/help/1ki/16/31)
* [1 शमूएल 07:3-4](rc://*/tn/help/1sa/07/03)
* [यिर्मयाह 02:7-8](rc://*/tn/help/jer/02/07)
* [न्यायियों 02:11-13](rc://*/tn/help/jdg/02/11)
* [1 शमूएल 7:3-4](rc://*/tn/help/1sa/07/03)
* [यिर्मयाह 2:7-8](rc://*/tn/help/jer/02/07)
* [न्यायियों 2:11-13](rc://*/tn/help/jdg/02/11)
* [गिनती 22:41](rc://*/tn/help/num/22/41)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[19:02](rc://*/tn/help/obs/19/02)__ अहाब एक दुष्ट व्यक्ति था जो लोगों को झूठे, __बाल__नामक देवता की उपासना करने के लिए प्रोत्साहित करता था।
* __[19:06](rc://*/tn/help/obs/19/06)__ इस्राएली राज्य के सभी लोगों सहित और बाल के नबी साढ़े चार सौ मनुष्य कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा हुए | एलिय्याह ने लोगों से कहा, “कब तक तुम दो विचारो में लटके रहोगे ? यदि यहोवा परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’ यदि बाल परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’”
* __[19:02](rc://*/tn/help/obs/19/02)__ अहाब एक दुष्ट व्यक्ति था जिसने लोगों को __बाल__ नामक झूठे देवता की उपासना करने के लिए प्रोत्साहित किया।
* __[19:06](rc://*/tn/help/obs/19/06)__ इस्राएली राज्य के सभी लोगों सहित और बाल के भविष्यवक्ता साढ़े चार सौ मनुष्य कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा हुए | एलिय्याह ने लोगों से कहा, “कब तक तुम दो विचारो में लटके रहोगे ? यदि यहोवा परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’ यदि बाल परमेश्वर हो , ‘तो उसके पीछे हो लो।’”
* __[19:07](rc://*/tn/help/obs/19/07)__ एलिय्याह ने बाल के भविष्यवक्ताओं से कहा, “पहले तुम एक बछड़ा चुन के तैयार कर लो, परन्तु आग न लगाना।”
* __[19:08](rc://*/tn/help/obs/19/08)__ तब बाल के भविष्यवक्ता यह कहकर बाल से प्रार्थना करते रहे, “हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन।”
* __[19:12](rc://*/tn/help/obs/19/12)__तब उन्होंने उनको पकड़ लिया, और एलिय्याह ने उन्हें नीचे ले जाकर मार डाला।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1120, G896
* Strong's: H1120, G08960

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@ -5,10 +5,10 @@
“बतशेबा” दाऊद के एक सैनिक ऊरिय्याह की पत्नी थी। ऊरिय्याह के मरने के बाद वह दाऊद की पत्नी बन गई थी, वही राजा सुलैमान की माता थी।
* दाऊद ने बतशेबा के साथ व्यभिचार किया जबकि वह ऊरिय्याह की पत्नी थी।
* जब बतशेबा दाऊद से गर्भवती हो गई तब दाऊद ने ऊरिय्याह को युद्ध क्षेत्र में आगे भेजकर मरवा दिया।
* जब बतशेबा दाऊद से गर्भवती हो गई तब दाऊद ने ऊरिय्याह को युद्ध में आगे भेजकर मरवा दिया।
* उसके बाद दाऊद ने बतशेबा से विवाह किया और उनके पुत्र का जन्म हुआ।
* परमेश्वर ने उस शिशु को कुछ दिनों बाद मारकर दाऊद के पाप का दण्ड दिया।
* बतशेबा ने एक और पुत्र को जन्म दिया, सुलैमान जो दाऊद के बाद राजा बना।
* परमेश्वर ने दाऊद को उसके पाप के लिए उसके जन्म के कई दिनों बाद बच्चे को मार कर दण्डित किया।
* बाद में, बतशेबा ने एक और पुत्र सुलैमान को जन्म दिया, जो बड़ा होकर दाऊद के बाद राजा बना।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,10 +16,10 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 03:4-5](rc://*/tn/help/1ch/03/04)
* [1 राजा 01:11-12](rc://*/tn/help/1ki/01/11)
* [2 शमूएल 11:2-3](rc://*/tn/help/2sa/11/02)
* [भजन 051:1-2](rc://*/tn/help/psa/051/001)
* [1 इतिहास 3:4-5](rc://*/tn/help/1ch/03/04)
* [1 राजा 1:11](rc://*/tn/help/1ki/01/11)
* [2 शमूएल 11:3](rc://*/tn/help/2sa/11/03)
* [भजन 51:1-2](rc://*/tn/help/psa/051/001)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
@ -27,7 +27,7 @@
* __[17:11](rc://*/tn/help/obs/17/11)__ कुछ समय बाद __बतशेबा__ ने दाऊद के पास कहला भेजा कि वह गर्भवती है |
* __[17:12](rc://*/tn/help/obs/17/12)__ __बतशेबा__ का पति, जिसका नाम ऊरिय्याह था, वह दाऊद का एक वीर सैनिक था।
* __[17:13](rc://*/tn/help/obs/17/13)__ ऊरिय्याह के मरने के बाद, दाऊद ने __बतशेबा__ से विवाह कर लिया।
* __[17:14](rc://*/tn/help/obs/17/14)__ उसके बाद, दाऊद और __बतशेबा__ा एक और पुत्र उत्पन्न हुआ उसका नाम उन्होंने सुलैमान रखा।
* __[17:14](rc://*/tn/help/obs/17/14)__ उसके बाद, दाऊद और __बतशेबा__े एक और पुत्र हुआ, और उन्होंने उसका नाम सुलैमान रखा।
## शब्द तथ्य:

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@ -4,10 +4,9 @@
कालेब उन बारह इस्राएली भेदियों में से एक था जिन्हें मूसा ने कनान की जानकारी लेने के लिए भेजा था।
उसने और यहोशू ने इस्राएलियों को प्रोत्साहित किया था कि वे परमेश्वर पर भरोसा रखें वह उन्हें कनान पर विजय दिलाएगा।
* यहोशू और कालेब उस पीढ़ी के दो ही जन थे जिन्हें प्रतिज्ञा के देश, कनान में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की गई थी।
* कालेब ने निवेदन किया था कि उसे और उसके परिवार को हेब्रोन दिया जाए। उसे विश्वास था कि परमेश्वर उसे वहां के लोगों को पराजित करने में उसकी सहायता करेगा।
* उसने और यहोशू ने लोगों से कनानियों को हराने में मदद करने के लिए परमेश्वर पर भरोसा रखने को कहा।
* यहोशू और कालेब उनकी पीढ़ी के एकमात्र पुरुष थे जिन्हें कनान की प्रतिज्ञा की गई भूमि में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी।
* कालेब ने विनती की कि हेब्रोन की भूमि उसे और उसके परिवार को दी जाए। वह जानता था कि परमेश्वर वहाँ रहने वाले लोगों को हराने में उसकी मदद करेगा।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,16 +14,16 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 04:13-16](rc://*/tn/help/1ch/04/13)
* [1 इतिहास 4:13](rc://*/tn/help/1ch/04/13)
* [यहोशू 14:6-7](rc://*/tn/help/jos/14/06)
* [न्यायियों 01:11-13](rc://*/tn/help/jdg/01/11)
* [न्यायियों 01:12](rc://*/tn/help/jdg/01/12)
* [गिनती 32:10-12](rc://*/tn/help/num/32/10)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[14:04](rc://*/tn/help/obs/14/04)__जब इस्राएली कनान की सीमा पर पहुँचे, तब मूसा ने बारह पुरषों को चुना इस्राएल के हर गोत्र में से उसने उन पुरषों को आदेश दिया कि जाओ और भूमि का पता लगाओ कि वह कैसी दिखती है ।
* __[14:06](rc://*/tn/help/obs/14/06)__ तुरन्त ही __कालेब__ और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सही है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा"
* __[14:08](rc://*/tn/help/obs/14/08)__ “उनमे से कालिब और यहोशू को छोड़ जितने बीस वर्ष के या उससे अधिक आयु के जितने गिने गए थे ,वह मर जाएगे और कभी प्रतिज्ञा के देश में प्रवेश नहीं करेंगे।"
* __[14:06](rc://*/tn/help/obs/14/06)__ तुरन्त ही __कालेब__ और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सही है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा!"
* __[14:08](rc://*/tn/help/obs/14/08)__ “यहोशू और __कालिब__ को छोड़कर, जितने बीस वर्ष या उससे अधिक के हैं, वे वहीं मरेंगे और प्रतिज्ञा किए हुए देश में कभी प्रवेश नहीं करेंगे।”
ताकि वे उस देश में शांति से जी सकें।

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@ -4,10 +4,10 @@
गिदोन एक इस्राएली पुरुष था, परमेश्वर ने उसे इस्राएल के शत्रुओं से बचाने के लिए खड़ा किया था।
* गिदोन के समय मिद्यानी जाति के लोग इस्राएलियों पर आक्रमण करके उनकी फसलों को नष्ट कर देते थे
* यद्यपि गिदोन डर रहा था, परमेश्वर ने उसे मिद्यानियों के विरूद्ध युद्ध करने के लिए इस्राएलियों की अगुआई के काम में लिया था और अन्ततः उन्हें हराया।
* गिदोन ने परमेश्वर की आज्ञा मानकर बाल और अशेरा की वेदियां नष्ट कर दी थीं
* उसने शत्रुओं को हराने में ही इस्राएल की अगुआई नहीं की थी, उसने उन्हें एकमात्र सच्चे परमेश्वर यहोवा की आराधना करने के लिए भी इस्राएल को प्रोत्साहित किया था।
* गिदोन के समय में, मिद्यानी नामक लोगों का एक समूह इस्राएलियों पर आक्रमण करता रहा और उनकी फसलों को नष्ट करता रहा
* हालाँकि गिदोन डरता था, फिर भी परमेश्वर ने उसका इस्तेमाल इस्राएलियों को मिद्यानियों से लड़ने और उन्हें हराने के लिए किया।
* गिदोन ने भी झूठे देवताओं बाल और अशेरा की वेदियाँ गिराकर परमेश्वर की आज्ञा मानी
* उसने न केवल लोगों को उनके शत्रुओं को पराजित करने में अगुवाई की बल्कि उन्हें एक सच्चे परमेश्वर यहोवा की आज्ञा मानने और उसकी आराधना करने के लिए प्रोत्साहित किया।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,20 +16,20 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [इब्रानियों 11:32-34](rc://*/tn/help/heb/11/32)
* [न्यायियों 06:11-12](rc://*/tn/help/jdg/06/11)
* [न्यायियों 06:22-24](rc://*/tn/help/jdg/06/22)
* [न्यायियों 08:15-17](rc://*/tn/help/jdg/08/15)
* [न्यायियों 06:11](rc://*/tn/help/jdg/06/11)
* [न्यायियों 06:23](rc://*/tn/help/jdg/06/23)
* [न्यायियों 08:17](rc://*/tn/help/jdg/08/17)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[16:05](rc://*/tn/help/obs/16/05)__ यहोवा का दूत __गिदोन__ के पास आया और कहा, “परमेश्वर तेरे संग है, शक्ति शाली योद्धा। इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ा।”
* __[16:06](rc://*/tn/help/obs/16/06)__ __गिदोन__ के पिता के पास मूर्ति को समर्पित एक वेदी थी। परमेश्वर ने __गिदोन__ से उस वेदी को नीचे गिराने के लिए कहा।
* __[16:08](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ वहाँ पर वह(मिद्यानी) बहुत थे, उन्हें गिना नहीं जा सकता था। __गिदोन__ ने उन सब इस्राएलियों को एकत्र किया उनसे लड़ने के लिए।
* __[16:08](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ __गिदोन__ ने उन सब इस्राएलियों को एकत्र किया उनसे लड़ने के लिए। परमेश्वर इस्राएलियों को बचाने के लिए __गिदोन__ का प्रयोग करना चाहता है, इसके लिए उसने परमेश्वर से दो चिह्न पूछे
* __[16:10](rc://*/tn/help/obs/16/10)__ 32,000 इस्राएली __गिदोन__ के पास आए, परन्तु परमेश्वर ने कहा कि यह बहुत अधिक है।
* __[16:12](rc://*/tn/help/obs/16/12)__ और __गिदोन__ ने इस्राएलियों की छावनी में लौटकर एक एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ो के भीतर एक मशाल थी।
* __[16:15](rc://*/tn/help/obs/16/15)__ तब इस्राएल के पुरुषों ने गिदोन से कहा कि तू हम पर प्रभुता कर
* __[16:16](rc://*/tn/help/obs/16/16)__ तब __गिदोन__ ने उस सोने से एक विशेष वस्त्र बनवा लिए जो मिद्यानियों के राजा पहनते थे। परन्तु लोगों ने उसकी आराधना करना आरम्भ कर दिया, जैसे कि वह कोई मूर्ति है
* __[16:5](rc://*/tn/help/obs/16/05)__ यहोवा का दूत __गिदोन__ के पास आया और कहा, “परमेश्वर तेरे संग है, शक्ति शाली योद्धा। इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ा।”
* __[16:6](rc://*/tn/help/obs/16/06)__ __गिदोन__ के पिता के पास मूर्ति को समर्पित एक वेदी थी। परमेश्वर ने __गिदोन__ से उस वेदी को नीचे गिराने के लिए कहा।
* __[16:8](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ वहाँ पर वह(मिद्यानी) बहुत थे, उन्हें गिना नहीं जा सकता था। __गिदोन__ ने उन सब इस्राएलियों को एकत्र किया उनसे लड़ने के लिए।
* __[16:8](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ __गिदोन__ ने इस्राएलियों को उनसे लड़ने के लिए एक साथ बुलाया। __गिदोन __ ने परमेश्वर से दो चिह्न मांगे ताकि वह आश्वस्त हो सके कि परमेश्वर उसका उपयोग इस्राएल को बचाने के लिए करेगा
* __[16:10](rc://*/tn/help/obs/16/10)__ 32,000 इस्राएली सैनिक __गिदोन__ के पास आए, परन्तु परमेश्वर ने उससे कहा कि यह बहुत अधिक है।
* __[16:12](rc://*/tn/help/obs/16/12)__ तब __गिदोन__ ने इस्राएलियों की छावनी में लौटकर एक एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ो के भीतर एक मशाल थी।
* __[16:15](rc://*/tn/help/obs/16/15)__ लोग __गिदोन__ को अपना राजा बनाना चाहते थे।
* __[16:16](rc://*/tn/help/obs/16/16)__ तब _गिदोन_ ने सोने का उपयोग एक विशेष वस्त्र बनाने के लिए किया जैसा कि महायाजक पहनते थे। लेकिन लोग उसे मूर्ति की तरह पूजने लगे
## शब्द तथ्य:

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@ -2,12 +2,13 @@
## तथ्य:
* नबात का पुत्र यारोबाम उत्तरी राज्य इस्राएल का प्रथम राजा हुआ था, लगभग 900-910 ई.पू. * यारोबाम नामक इस्राएल का एक और राजा हुआ था, वह राजा यहोआश का पुत्र था जिसने 120 वर्ष बाद इस्राएल पर राज्य किया था।
* यहोवा ने नबात के पुत्र यारोबाम को भविष्यद्वाणी में कहा था कि वह सुलैमान के बाद राजा होगा और उसका राज्य दस गोत्रों पर होगा।
* सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल के दस गोत्रों ने सुलैमान के पुत्र रहबाम से विद्रोह करके यारोबाम को अपना राजा घोषित कर दिया। अब रहबाम केवल दक्षिण के दो गोत्रों, यहूदा और बिन्यामीन क्षेत्रों का ही राजा रह गया था।
* यारोबाम एक दुष्ट राजा हुआ जिसने प्रजा को यहोवा से विमुख करके उनकी पूजा करने के लिए मूर्तियों को स्थापित किया। इस्राएल के उत्तरकालीन सब राजाओं ने यारोबाम का अनुकरण किया और उसी के तुल्य दुष्ट हुए।
* 120 वर्ष बाद एक और यारोबाम वहां राजा हुआ। यह यारोबाम राजा यहोआश का पुत्र था और इस्राएल के अन्य सब राजाओं के तुल्य दुष्ट था।
* इस सब विधर्मों के उपरान्त भी परमेश्वर ने इस्राएल पर दया की और इस राजा यारोबाम को अपने राज्य की सीमा विकसित करने एवं सीमा निर्धारित करने में सहायता की।
नबात का पुत्र यारोबाम 900-910 ईसा पूर्व के आसपास इस्राएल के उत्तरी राज्य का पहला राजा था। राजा योआश के पुत्र यारोबाम ने लगभग 120 वर्ष बाद इस्राएल पर शासन किया।
* यहोवा ने नबात के पुत्र यारोबाम को भविष्यवाणी दी कि वह सुलैमान के बाद राजा बनेगा और वह इस्राएल के दस गोत्रों पर शासन करेगा।
* जब सुलैमान की मृत्यु हुई, इस्राएल के दस उत्तरी गोत्रों ने सुलैमान के पुत्र रहूबियाम के विरुद्ध विद्रोह किया और उसके स्थान पर यारोबाम को अपना राजा बनाया, रहूबियाम को केवल दक्षिणी दो गोत्रों, यहूदा और बिन्यामीन के राजा के रूप में छोड़ दिया।
* यारोबाम एक दुष्ट राजा बन गया जिसने लोगों को यहोवा की उपासना करने से दूर किया और इसके बजाय उनकी उपासना करने के लिए मूर्तियों की स्थापना की। इस्राएल के अन्य सभी राजा यारोबाम के उदाहरण का अनुसरण करते थे और उसके समान दुष्ट थे।
* करीब 120 साल बाद, एक और राजा यारोबाम ने इस्राएल के उत्तरी राज्य पर शासन करना शुरू किया। यह यारोबाम राजा योआश का पुत्र था और इस्राएल के सब पिछले राजाओं के समान दुष्ट था।
* इस्राएलियों की दुष्टता के बावजूद, परमेश्वर ने उन पर दया की और इस राजा यारोबाम को भूमि प्राप्त करने और उनके क्षेत्र के लिए सीमाएँ स्थापित करने में मदद की।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,16 +16,16 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 05:16-17](rc://*/tn/help/1ch/05/16)
* [1 राजा 12:1-2](rc://*/tn/help/1ki/12/01)
* [2 इतिहास 09:29-31](rc://*/tn/help/2ch/09/29)
* [2 राजा 03:1-3](rc://*/tn/help/2ki/03/01)
* [आमोस 01:1-2](rc://*/tn/help/amo/01/01)
* [1 इतिहास 5:16-17](rc://*/tn/help/1ch/05/16)
* [1 राजा 12:2](rc://*/tn/help/1ki/12/02)
* [2 इतिहास 9:29](rc://*/tn/help/2ch/09/29)
* [2 राजा 3:1-3](rc://*/tn/help/2ki/03/01)
* [आमोस 1:1](rc://*/tn/help/amo/01/01)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[18:08](rc://*/tn/help/obs/18/08)__ अन्य दस इस्राएली गोत्र जो रहूबियाम के विरुद्ध में थे, उन्होंने अपने लिए __यारोबाम__ नामक एक राजा को नियुक्त किया।
* __[18:09](rc://*/tn/help/obs/18/09)__ __यारोबाम__ ने परमेश्वर का विद्रोह किया और लोगों को पाप में धकेल दिया। उसने परमेश्वर की उपासना करने के स्थान पर लोगों के लिए दो बछड़े यहूदा के राज्य भवन में उपासना करने के लिए बनवाए
* __[18:09](rc://*/tn/help/obs/18/09)__ यारोबाम ने परमेश्वर से बलवा किया और लोगों से पाप करवाया। उसने यहूदा के राज्य में मंदिर में परमेश्वर की पूजा करने के बजाय अपने लोगों की पूजा करने के लिए दो मूर्तियों का निर्माण किया
## शब्द तथ्य:

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@ -2,7 +2,8 @@
## तथ्य:
* “इस्राएल के राज्य” जो इस्राएल का उत्तरी भाग था, सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल के बारह गोत्र दो राज्यों में विभाजित हो गए थे।
जो इस्राएल देश का उत्तरी भाग था वह इस्राएल का राज्य बन गया जब इस्राएल के बारह गोत्र सुलैमान के मरने के बाद दो राज्यों में विभाजित हो गए
* इस्राएल का राज्य उत्तरी राज्य हो गया जिसमें दस गोत्र और दक्षिण में यहूदा राज्य जिसमें दो गोत्र थे।
* इस्राएल राज्य की राजधानी सामरिया थी। यहूदा राज्य की राजधानी यरूशलेम से वह नगर 50 कि.मी. दूर था।
* इस्राएल राज्य के सभी राजा दुष्ट थे। उन्होंने प्रजा को झूठे देवता की मूर्तिपूजा के लिए प्रभावित किया था।
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## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 इतिहास 35:18-19](rc://*/tn/help/2ch/35/18)
* [यिर्मयाह 05:10-13](rc://*/tn/help/jer/05/10)
* [यिर्मयाह 09:25-26](rc://*/tn/help/jer/09/25)
* [2 इतिहास 35:18](rc://*/tn/help/2ch/35/18)
* [यिर्मयाह 5:11](rc://*/tn/help/jer/05/11)
* [यिर्मयाह 9:26](rc://*/tn/help/jer/09/26)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[18:08](rc://*/tn/help/obs/18/08)__ अन्य दस इस्राएली गोत्र जो रहूबियाम के विरुद्ध में थे, उन्होंने अपने लिए यारोबाम नामक एक राजा को नियुक्त किया। उसने देश के उत्तरी भाग में अपने राज्य की स्थापना की और उसे __इस्राएल का राज्य__ कहा गया।
* __[18:10](rc://*/tn/help/obs/18/10)__ यहूदा और __ इस्राएली राज्य__ शत्रु बन गए और अक्सर एक दूसरे के विरुद्ध लड़े।
* __[18:11](rc://*/tn/help/obs/18/11)__ नए __इस्राएली राज्य__ में, जितने भी राजा हुए वह सब दुष्ट थे।
* __[20:01](rc://*/tn/help/obs/20/01)__ इस्राएलियों और यहूदियों के राज्यों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया था।
* __[20:01](rc://*/tn/help/obs/20/01)__ इस्राएलियों और यहूदियों के राज्यों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया था।
* __[20:02](rc://*/tn/help/obs/20/02)__ अश्शूर का राज्य एक शक्तिशाली, क्रूर राज्य था, जिसने __इस्राएल के राज्य__ को नष्ट कर दिया। अश्शूरियों ने __इस्राएल के__ बहुत से लोगों को मार गिराया, उनकी मूल्यवान वस्तुओं को छीन लिया और देश का बहुत सा हिस्सा जला दिया।
* __[20:04](rc://*/tn/help/obs/20/04)__ तब अश्शूरियों ने अन्यजातियों को उस भूमि पर रहने को कहा जहाँ पर __इस्राएली राज्य__ था। अन्यजातियों ने उस विनष्ट शहर का पुनर्निर्माण किया, और वहाँ शेष बचे इस्राएलियों से विवाह किया। इस्राएलियों के वह वंशज जिन्होंने अन्यजातियों से विवाह किया वह सामरी कहलाए।
* __[20:04](rc://*/tn/help/obs/20/04)__ तब अश्शूरियों ने अन्यजातियों को उस भूमि पर रहने को कहा जहाँ पर __इस्राएली राज्य__ था। अन्यजातियों ने उस विनष्ट शहर का पुनर्निर्माण किया, और वहाँ शेष बचे इस्राएलियों से विवाह किया। इस्राएलियों के वह वंशज जिन्होंने अन्यजातियों से विवाह किया वह सामरी कहलाए।
## शब्द तथ्य:

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## तथ्य:
यहूदा का गोत्र इस्राएल के बारह गोत्रों में सबसे बड़ा था। यहूदा राज्य यहूदा और बिन्यामीन गोत्रों से था।
यहूदा का गोत्र इस्राएल के बारह गोत्रों में सबसे बड़ा था। यहूदा का राज्य यहूदा और बिन्यामीन के गोत्रों से मिलकर बना था।
* राजा सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल राज्य दो भागों में विभाजित हो गया था: इस्राएल और यहूदा राज्य। यहूदा राज्य, दक्षिणी राज्य था जो खारे ताल के पश्चिम में था।
* राजा सुलैमान की मृत्यु के बाद, इस्राएल देश दो राज्यों में विभाजित हो गया: इस्राएल और यहूदा। यहूदा का राज्य दक्षिणी राज्य था, जो नमक सागर के पश्चिम में स्थित था।
* यहूदा राज्य की राजधानी यरूशलेम थी।
* यहूदा के आठ राजा यहोवा की आज्ञाओं पर चले और प्रजा को उसकी आराधना की प्रेरणा दी। यहूदा के अन्य राजा दुष्ट थे और उन्होंने प्रजा को मूर्तिपूजा के लिए प्रेरित किया
* अश्शूरों द्वारा इस्राएल को पराजित करने के 120 वर्ष से अधिक समय बाद यहूदा राज्य बेबीलोन द्वारा पराजित किया गया। बेबीलोन की सेना ने नगर को और मन्दिर को नष्ट कर दिया और अधिकांश यहूदावासियों को बन्दी बनाकर ले गए।
* यहूदा के आठ राजाओं ने यहोवा की आज्ञा मानी और लोगों को उसकी उपासना करने के लिए प्रेरित किया। यहूदा के अन्य राजा बुरे थे और लोगों को मूर्तियों की पूजा करने के लिए प्रेरित करते थे
* अश्शूर द्वारा इस्राएल (उत्तरी राज्य) को पराजित करने के 120 से अधिक वर्षों के बाद, यहूदा को बेबीलोन के राष्ट्र द्वारा जीत लिया गया था। बाबुलियों ने नगर और मन्दिर को नष्ट कर दिया, और यहूदा के अधिकांश लोगों को बन्दी बनाकर बाबेल ले गए।
(यह भी देखें: [यहूदा](../names/judah.md), [खारे ताल](../names/saltsea.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 शमूएल 30:26-28](rc://*/tn/help/1sa/30/26)
* [2 शमूएल 12:7-8](rc://*/tn/help/2sa/12/07)
* [होशे 05:14-15](rc://*/tn/help/hos/05/14)
* [यिर्मयाह 07:33-34](rc://*/tn/help/jer/07/33)
* [न्यायियों 01:16-17](rc://*/tn/help/jdg/01/16)
* [2 शमूएल 12:8](rc://*/tn/help/2sa/12/08)
* [होशे 5:14](rc://*/tn/help/hos/05/14)
* [यिर्मयाह 7:33](rc://*/tn/help/jer/07/33)
* [न्यायियों 1:16-17](rc://*/tn/help/jdg/01/16)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[18:07](rc://*/tn/help/obs/18/07)__ केवल दो गोत्र उसके प्रति निष्ठावान रहे। यह दो गोत्र __यहूदा का राज्य__ बन गए
* __[18:10](rc://*/tn/help/obs/18/10)__ __यहूदा और इस्राएली राज्य__ शत्रु बन गए और अक्सर एक दूसरे के विरुद्ध लड़े।
* __[18:07](rc://*/tn/help/obs/18/07)__ केवल दो गोत्र उसके (रहूबियाम) के प्रति विश्वासयोग्य बने रहे। ये दो गोत्र __यहूदा का राज्य__ बने
* __[18:10](rc://*/tn/help/obs/18/10)__ __यहूदा__ और इस्राएली __राज्य__ शत्रु बन गए और अक्सर एक दूसरे के विरुद्ध लड़े।
* __[18:13](rc://*/tn/help/obs/18/13)__ __यहूदा के राजा__ दाऊद के वंशज के थे। कुछ राजा अच्छे मनुष्य भी थे, जिन्होंने उचित रूप से शासन किया और परमेश्वर की उपासना की। परन्तु बहुत से __यहूदा के__ राजा दुष्ट, विकृत और मूर्तियों की उपासना करने वाले थे।
* __[20:01](rc://*/tn/help/obs/20/01)__ इस्राएल के राज्य और __यहूदा के राज्य__ दोनों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया।
* __[20:05](rc://*/tn/help/obs/20/05)__ __यहूदा राज्य__ के लोगों ने देखा कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन न करने और उस पर विश्वास न रखने के कारण इस्राएलियों को उसने कैसे दण्डित किया। फिर भी उन्होंने कनानियों के देवताओं सहित मूर्तियों की उपासना करनी न छोड़ी
* __[20:06](rc://*/tn/help/obs/20/06)__ अश्शूरियों द्वारा इस्राएली शासन को नष्ट करने के लगभग सौ वर्षों बाद, परमेश्वर ने बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर को भेजा, __यहूदी शासन__ को नष्ट करने के लिए
* __[20:09](rc://*/tn/help/obs/20/09)__ नबूकदनेस्सर और उसके सैनिक लगभग सभी __यहूदियों__ को बंदी बनाकर बेबीलोन ले गए, वहाँ पर केवल कंगालों को छोड़ दिया गया ताकि वह वहा खेती कर सके
* __[20:05](rc://*/tn/help/obs/20/05)__ __यहूदा के राज्य__ के लोगों ने देखा कि किस प्रकार परमेश्वर ने इस्राएल के राज्य के लोगों को उस पर विश्वास न करने और उसकी आज्ञा न मानने के लिए दण्ड दिया था। लेकिन वे फिर भी मूर्तियों की पूजा करते थे, जिनमें कनानियों के देवता भी शामिल थे
* __[20:06](rc://*/tn/help/obs/20/06)__ अश्शूरियों द्वारा इस्राएल के राज्य को नष्ट करने के लगभग 100 वर्षों के बाद, परमेश्वर ने यहूदा के राज्य पर आक्रमण करने के लिए बेबीलोनियों के राजा नबूकदनेस्सर को भेजा।
* __[20:09](rc://*/tn/help/obs/20/09)__ नबूकदनेस्सर और उसकी सेना यहूदा के राज्य के लगभग सभी लोगों को बेबीलोन ले गई, केवल सबसे गरीब लोगों को ही खेतों में रोपने के लिए छोड़ दिया।
## शब्द तथ्य:

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@ -1,14 +1,12 @@
# मिद्यान, मिद्यानी, मिद्यानियों
# मिद्यान, मिद्यानियों
## तथ्य:
मिद्यान अब्राहम और उसकी पत्नी कतूरा का पुत्र था। यह एक जाति और स्थान का भी नाम पड़ गया जो कनान के दक्षिण में अरब के रेगिस्तान के उत्तर में था। इस जाति के लोग मिद्यानी थे।
* जब मूसा मिस्र से भागा था तब वह मिद्यान देश में ही गया था जहाँ उसकी भेंट यित्रों की पुत्री से हुई थी जिसकी भेड़ों को पानी पिलाने में उसने सहायता की थी। बाद में मूसा ने यित्रों की पुत्रियों में से एक से विवाह कर लिया था।
* यूसुफ को मिद्यानी व्यापारी ही खरीदकर मिस्र ले गए थे।
वर्षों बाद मिद्यानियों ने कनान देश में इस्राएलियों पर आक्रमण करके उन्हें लूटा था। गिदोन ने इस्राएलियों को लेकर उन्हें हराया था।
मिद्यान अब्राहम और उसकी पत्नी कतूरा का पुत्र था। यह कनान देश के दक्षिण में उत्तरी अरब रेगिस्तान में स्थित लोगों के समूह और क्षेत्र का भी नाम है। उस समूह के लोग “मिद्यानी” कहलाते थे।
* जब मूसा पहली बार मिस्र से निकला, तो वह मिद्यान के इलाके में गया, जहाँ उसने यित्रो की बेटियों से मुलाकात की और उनकी भेड़-बकरियों को पानी पिलाने में मदद की। बाद में मूसा ने यित्रो की एक बेटी से विवाह कर लिया।
* मिद्यानी दास व्यापारियों का एक समूह यूसुफ को मिस्र ले गया।
* कई वर्षों बाद मिद्यानी लोगों ने कनान देश में इस्राएलियों पर हमला किया और उन पर धावा बोल दिया। उन्हें हराने में गिदोन ने इस्राएलियों का नेतृत्व किया।
* आज की अनेक अरब-जातियां इनकी वंशज हैं।
(देखें [अरब](../names/arabia.md), [मिस्र](../names/egypt.md), [झुण्ड](../other/flock.md), [गिदोन](../names/gideon.md), [यित्रो](../names/jethro.md), [मूसा](../names/moses.md))
@ -24,10 +22,10 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[16:03](rc://*/tn/help/obs/16/03)__ परन्तु लोग परमेश्वर को भूलने लगे और पराये देवताओं के पीछे चलकर उनकी उपासना करने लगे | तो परमेश्वर ने पास के ही एक शत्रुओं के समूह __मिद्यानियों__ को अनुमति दी कि वह उन्हें पराजित करे |
* __[16:04](rc://*/tn/help/obs/16/04)__ __मिद्यानियों__ के डर के मारे इस्राएलियों ने पहाड़ो के गहरे खड्डों, और गुफाओं, और किलों को अपने निवास बना लिया
* __[16:11](rc://*/tn/help/obs/16/11)__ वह जन अपने संगी से कह रहा था, “ कि इस स्वप्न का अर्थ यह हुआ कि गिदोन की सेना हरा देंगी __मिद्यानियों__ की सेना को |
* __[16:14](rc://*/tn/help/obs/16/14)__परमेश्वर ने __मिद्यानियों__ को हक्का-बक्का कर दिया, अत: उन्होंने एक दूसरे पर आक्रमण करना व मारना शुरू कर दिया |
* __[16:3](rc://*/tn/help/obs/16/03)__ परन्तु फिर लोग परमेश्वर के बारे में भूल गए और फिर से मूर्तियों की पूजा करने लगे। इसलिए परमेश्वर ने मिद्यानियों को, जो कि पास के शत्रु लोगों के समूह थे, उन्हें पराजित करने की अनुमति दी।
* __[16:4](rc://*/tn/help/obs/16/04)__ इस्राएली इतने डर गए थे कि वे गुफाओं में छिप गए ताकि __मिद्यानियों__ उन्हें न ढूँढ सकें।
* __[16:11](rc://*/tn/help/obs/16/11)__उस व्यक्ति के मित्र ने कहा, “इस स्वप्न का अर्थ है कि गिदोन की सेना __मिद्यानियों__ की सेना को हरा देगी!”
* __[16:14](rc://*/tn/help/obs/16/14)__परमेश्वर ने __मिद्यानियों__ को भ्रमित कर दिया, जिससे वे एक दूसरे पर आक्रमण करने लगे और एक दूसरे को मारने लगे।
## शब्द तथ्य:

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@ -2,11 +2,11 @@
## तथ्य:
रहूबियाम सुलैमान के पुत्रों में से एक था और सुलैमान के मरणोपरान्त इस्त्राएल का राजा बना था।
रहूबियाम राजा सुलैमान के पुत्रों में से एक था, और सुलैमान के मरने के बाद वह इस्राएल देश का राजा बना।
* राज्यकाल के आरंभ में रहूबियाम प्रजा के साथ कठोर था अतः इस्राएल के दस गोत्रों ने विद्रोह करके उत्तरी राज्य इस्राएल बना लिया था।
* रहूबियाम दक्षिणी इस्राएल यहूदा का राजा बना रहा, जिसमें केवल दो गोत्र शामिल थे, यहूदा और बिन्यामीन।
* रहूबियाम एक दुष्ट राजा था, उसने यहोवा का त्याग करके झूठे देवताओं की पूजा करता था।
* अपने शासन की शुरुआत में, रहूबियाम अपने लोगों के साथ कठोर था, इसलिए इस्राएल के दस गोत्रों ने उसके खिलाफ विद्रोह किया और उत्तर में "इस्राएल का राज्य" बनाया।
* रहूबियाम यहूदा के दक्षिणी राज्य के राजा के रूप में बना रहा, जिसमें शेष दो गोत्र, यहूदा और बिन्यामीन शामिल थे
* रहूबियाम एक दुष्ट राजा था जो यहोवा की बात नहीं मानता था, परन्तु झूठे देवताओं की उपासना करता था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -14,17 +14,17 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 03:10-12](rc://*/tn/help/1ch/03/10)
* [1 इतिहास 3:10](rc://*/tn/help/1ch/03/10)
* [1 राजा 11:41-43](rc://*/tn/help/1ki/11/41)
* [1 राजा 14:21-22](rc://*/tn/help/1ki/14/21)
* [मत्ती 01:7-8](rc://*/tn/help/mat/01/07)
* [1 राजा 14:21](rc://*/tn/help/1ki/14/21)
* [मत्ती 01:7](rc://*/tn/help/mat/01/07)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[18:05](rc://*/tn/help/obs/18/05)__ सुलैमान की मृत्यु के बाद उसका पुत्र __रहूबियाम__ उसके स्थान पर राजा हुआ | __रहूबियाम__ एक नासमझ मनुष्य था |
* __[18:06](rc://*/tn/help/obs/18/06)__ रहूबियाम ने उन्हें नासमझता के साथ उत्तर देते हुए कहा, “मेरे पिता ने तुम पर जो भारी जूआ रखा था उसे मैं और भी भारी करूँगा; और मैं तुम्हें और भी कठोरता से दण्डित करूँगा |
* __[18:07](rc://*/tn/help/obs/18/07)__ दस इस्राएली गोत्र रहूबियाम के विरुद्ध हो गए केवल दो गोत्र उसके प्रति निष्ठावान रहे |
* [18:05](rc://*/tn/help/obs/18/05) सुलैमान की मृत्यु के बाद उसका पुत्र __रहूबियाम__ उसके स्थान पर राजा हुआ | __रहूबियाम__ एक मुर्ख मनुष्य था |
* [18:06](rc://*/tn/help/obs/18/06) __रहूबियाम__ ने मूर्खता से उत्तर दिया, और उन से कहा, “तुम ने सोचा, कि मेरे पिता सुलैमान ने तुम से कठिन परिश्रम कराया है, परन्तु मैं तुम से उस से अधिक परिश्रम करवाऊंगा, और उस से भी अधिक कठोर दण्ड दूंगा।
* __[18:07](rc://*/tn/help/obs/18/07)__ इस्राएल राष्ट्र के दस गोत्रों ने __रहूबियाम__ के विरुद्ध विद्रोह किया। केवल दो जनजातियाँ उसके प्रति वफादार रहीं।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H7346, G4497
* Strong's: H7346, G44970

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@ -4,9 +4,9 @@
शाऊल एक इस्राएली था जिसे परमेश्वर ने चुनकर इस्राएल का प्रथम राजा बनाया था।
* शाऊल बहुत लम्बा और रूपवान था, तथा एक शक्तिशाली योद्धा भी था। वह ऐसा मनुष्य था जिसे इस्राएली चाहते थे कि वह उनका राजा हो
* अर्थात वह आरंभ में परमेश्वर का सेवक था परन्तु उत्तरकाल में वह घमण्डी होकर परमेश्वर की आज्ञाओं का उल्लंघन करने लगा था। इसलिए, परमेश्वर ने दाऊद को शाऊल के स्थान में राजा होने के लिए नियुक्त किया और शाऊल को युद्ध में मरने दिया
* नये नियम में, भी शाऊल नामक एक यहूदी था जो बाद में पौलुस कहलाया और यीशु का प्रेरित हुआ
* शाऊल लम्बा, सुन्दर और शक्तिशाली योद्धा था। वह उस प्रकार का व्यक्ति था जिसे इस्राएली अपना राजा बनाना चाहते थे
* हालाँकि शाऊल ने पहले परमेश्वर की सेवा की, बाद में वह घमंडी हो गया और उसने परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानी। परिणामस्वरूप, परमेश्वर ने दाऊद को राजा के रूप में शाऊल की जगह लेने के लिए नियुक्त किया और शाऊल को युद्ध में मारे जाने की अनुमति दी
* नए नियम में, शाऊल नाम का एक यहूदी था जिसे पौलुस के नाम से भी जाना जाता था और जो यीशु मसीह का प्रेरित बन गया
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,15 +15,15 @@
## बाइबल के सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 10:1-3](rc://*/tn/help/1ch/10/01)
* [1 शमूएल 09:1-2](rc://*/tn/help/1sa/09/01)
* [2 शमूएल 01:1-2](rc://*/tn/help/2sa/01/01)
* [प्रे.का. 13:21-22](rc://*/tn/help/act/13/21)
* [भजन-संहिता 018:1](rc://*/tn/help/psa/018/001)
* [1 शमूएल 9:1-2](rc://*/tn/help/1sa/09/01)
* [2 शमूएल 1:1-2](rc://*/tn/help/2sa/01/01)
* [प्रेरितों के काम 13:22](rc://*/tn/help/act/13/22)
* [भजन-संहिता 18:1](rc://*/tn/help/psa/018/001)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[17:01](rc://*/tn/help/obs/17/01)__ __शाऊल__ इस्राएल का पहला राजा था | वह लम्बा व सुन्दर था, जैसा कि लोग चाहते थे | शाऊल ने पहले कुछ वर्षों तक इस्राएल पर अच्छा शासन किया | परन्तु बाद में वह एक बुरा मनुष्य बन गया और उसने परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन न किया, अत: परमेश्वर ने उसके स्थान पर एक दूसरा राजा चुना |
* __[17:04](rc://*/tn/help/obs/17/04)__ __शाऊल__ यह देख कि लोग दाऊद को प्रेम करते है उससे ईर्ष्या रखने लगा | __शाऊल__ ने दाऊद को मारने का कई बार प्रयास किया, इस कारण दाऊद __शाऊल__ से छिप रहा था |
* __[17:1](rc://*/tn/help/obs/17/01)__ __शाऊल__ इस्राएल का पहला राजा था। जैसा कि लोग चाहते थे, वह लम्बा और सुन्दर था। __शाऊल__ इस्राएल पर शासन करने के पहले कुछ वर्षों के लिए एक अच्छा राजा था। लेकिन फिर वह एक दुष्ट व्यक्ति बन गया जिसने परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानी, इसलिए परमेश्वर ने एक अलग व्यक्ति को चुना जो एक दिन उसके स्थान पर राजा होगा।
* __[17:04](rc://*/tn/help/obs/17/04)__ __शाऊल__ दाऊद के प्रति लोगों के प्रेम से जलने लगा। __शाऊल__ ने उसे मारने की कई बार कोशिश की, इसलिए दाऊद __शाऊल__ से छिप गया।
* __[17:05](rc://*/tn/help/obs/17/05)__ अंततः __शाऊल__ युद्ध में मारा गया, और दाऊद इस्राएल का राजा बन गया |
## शब्द तथ्य:

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@ -1,13 +1,12 @@
# रथ, रथों, रथियों
# रथ, रथियों
## परिभाषा:
प्राचीन युग में रथ घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाली दो पहियों की गाड़ियां होती थी।
* सवार रथ में बैठते थे या खड़े होते थे और उन्हें साधारण सवारी के लिए या युद्ध के लिए काम में लेते थे।
युद्ध में जिस सेना के पास रथ थे वह सामने वाली सेना जिसके पास रथ नहीं थे, उससे अधिक गति एवं परिवहन क्षमता रखती थी।
प्राचीन युग में मिस्र और रोमी रथों के उपयोग के लिए जाने जाते थे
* लोग युद्ध या यात्रा के लिए रथों में बैठते या खड़े होते थे।
* युद्ध में, जिस सेना के पास रथ थे, उसे बिना रथ वाली सेना की तुलना में गति और गतिशीलता का बड़ा लाभ होता था।
* प्राचीन मिस्री और रोमी अपने घोड़ों और रथों के उपयोग के लिए प्रसिद्ध थे।
(यह भी देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown))
@ -15,18 +14,18 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 राजा 09:22](rc://*/tn/help/1ki/09/22)
* [1 राजा 9:22](rc://*/tn/help/1ki/09/22)
* [2 इतिहास 18:28-30](rc://*/tn/help/2ch/18/28)
* [प्रे.का. 08:29-31](rc://*/tn/help/act/08/29)
* [प्रे.का. 08:36-38](rc://*/tn/help/act/08/36)
* [प्रे.का. 08:29](rc://*/tn/help/act/08/29)
* [प्रे.का. 08:38](rc://*/tn/help/act/08/38)
* [दानिय्येल 11:40-41](rc://*/tn/help/dan/11/40)
* [निर्गमन 14:23-25](rc://*/tn/help/exo/14/23)
* [उत्पत्ति 41:42-43](rc://*/tn/help/gen/41/42)
* [निर्गमन 14:25](rc://*/tn/help/exo/14/25)
* [उत्पत्ति 41:43](rc://*/tn/help/gen/41/43)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[12:10](rc://*/tn/help/obs/12/10)__ इसलिए वे समुद्र के रास्ते में इस्राएलियों के पीछे चल रहे थे, लेकिन परमेश्वर ने उन्हें घबरा दिया, और उनके __रथों__ के पहियों को निकाल डाला जिससे उनका चलाना कठिन हो गया।
* __[12:10](rc://*/tn/help/obs/12/10)__ इस प्रकार उन्होंने इस्राएलियों का समुद्र के मार्ग पर पीछा किया, परन्तु परमेश्वर ने मिस्रियों को घबरा दिया और उनके __रथों__ को अटका दिया।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H668, H2021, H4817, H4818, H5699, H7393, H7395, H7396, H7398, G716, G4480
* Strong's: H2021, H4817, H4818, H7393, H7395, H7398, G07160, G44800

View File

@ -1,38 +1,38 @@
# यहूदियों, यहूदी
# यहूदी अधिकारी, यहूदी अगुवे
## तथ्य:
“यहूदी अगुवे” या “यहूदियों के हाकिम” अर्थात धर्म के अगुवे जैसे पुरोहित और परमेश्वर के वचन के शिक्षक। उन्हें धर्म की अपेक्षा अन्य विषयों के संबन्ध में भी निर्णय देने का अधिकार था।
शब्द "यहूदी अगुवे" या "यहूदी अधिकारी" धार्मिक अगुवों जैसे कि याजक और परमेश्केवर की व्यवस्था के शिक्षकों को संदर्भित करता है। उन्हें गैर-धार्मिक मामलों के बारे में भी निर्णय लेने का अधिकार था।
* यहूदियों के अगुवे थे प्रधान पुरोहित, प्रमुख पुरोहित और विधि शिक्षक (परमेश्वर प्रदत्त विधान के शिक्षक)
* यहूदी अगुवों के प्रमुख पंथों में थे फरीसी और सदूकी।
* यरूशलेम की महासभा में विधान संबन्धित विषयों पर निर्णय लेने के लिए सत्तर यहूदी अगुवे एकत्र हुए थे।
* अनेक यहूदी अगुवे घमण्डी थे और अपने आप को धर्मपरायण समझते थे। * वे यीशु से ईर्ष्या करते थे और उसे हानि पहुंचाना चाहते थे। वे परमेश्वर को जानने का दावा तो करते थे, परन्तु उसकी आज्ञाओं को नहीं मानते थे
* “यहूदी” शब्द अधिकतर यहूदी अगुवों के लिए काम में लिया जाता था। विशेष करके जब वे यीशु पर कुपित होकर उसे जाल में फंसाना चाहते थे या उसे हानि पहुंचाना चाहते थे।
* इन शब्दों का अनुवाद किया जा सकता है, “यहूदी शासक” या “यहूदियों के प्रशासनिक अधिकारी” या “यहूदी धर्मगुरू”
* यहूदी अगुवे महायाजक, मुख्य याजक और शास्त्री (परमेश्‍वर के नियमों के शिक्षक) थे।
* यहूदी अगुवों के प्रमुख पंथों में फरीसी और सदूकी थे
* व्यवस्था के मामलों के विषय में निर्णय लेने के लिए यरूशलेम में यहूदी परिषद में सत्तर यहूदी अगुवों ने एक साथ मुलाकात करते थे।
* क यहूदी अगुवे घमण्डी थे और सोचते थे कि वे धर्मी हैं। वे यीशु से जलते थे और उसे हानि पहुँचाना चाहते थे। उन्होंने परमेश्वर को जानने का दावा तो किया परन्तु उसकी आज्ञा नहीं मानी
* अक्सर वाक्यांश "यहूदी" यहूदी अगुवों को संदर्भित करता है, खासकर उन संदर्भों में जहां वे यीशु पर क्रोधित थे और उसे धोखा देने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।
* इन शब्दों का अनुवाद "यहूदी शासकों" या "वे लोग जो यहूदी लोगों पर शासन करते थे" या "यहूदी धार्मिक अगुवों" के रूप में भी किया जा सकता है।
(यह भी देखें: [यहूदी](../kt/jew.md), [प्रधान-याजकों](../other/chiefpriests.md), [महासभा](../other/council.md), [महायाजक](../kt/highpriest.md), [फरीसी](../kt/pharisee.md), [याजक](../kt/priest.md), [सदूकी](../kt/sadducee.md), [शास्त्री](../kt/scribe.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [निर्गमन 16:22-23](rc://*/tn/help/exo/16/22)
* [यूहन्ना 02:17-19](rc://*/tn/help/jhn/02/17)
* [यूहन्ना 05:10-11](rc://*/tn/help/jhn/05/10)
* [यूहन्ना 05:16-18](rc://*/tn/help/jhn/05/16)
* [यूहन्ना 2:19](rc://*/tn/help/jhn/02/19)
* [यूहन्ना 5:10-11](rc://*/tn/help/jhn/05/10)
* [यूहन्ना 5:16](rc://*/tn/help/jhn/05/16)
* [लूका 19:47-48](rc://*/tn/help/luk/19/47)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[24:03](rc://*/tn/help/obs/24/03)__ __उन्होंने__ अपने-अपने पापों को मानकर, बपतिस्मा लिया, बहुत से धर्मी याजक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने को आए, परन्तु उन्होंने अपने पापों का अंगीकार न किया |
* __[37:11](rc://*/tn/help/obs/37/11)__ परन्तु __यहूदियों के धार्मिक गुरु__ यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर योजना बनाना चाहा कि कैसे वह यीशु और लाजर को मरवा सके।
* __[38:02](rc://*/tn/help/obs/38/02)__ वह(यहूदा) जानता था कि __ यहूदी गुरुओं__ ने यीशु को मसीहा के रूप में अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे।
* __[38:03](rc://*/tn/help/obs/38/03)__ __यहूदी गुरुओं__ ने प्रधान याजक के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए।
* __[39:05](rc://*/tn/help/obs/39/05)__ __यहूदी नेताओं__ ने महा याजक को उत्तर दिया, “यह मरने के योग्य है।
* __[39:09](rc://*/tn/help/obs/39/09)__ अगली सुबह __यहूदी नेताओ__ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया जो एक रोम राज्यपाल था।
* __[39:11](rc://*/tn/help/obs/39/11)__ परन्तु __यहूदी गुरुओं__ ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस में चढ़ा दो।”
* __[40:09](rc://*/tn/help/obs/40/09)__ तब यूसुफ और नीकुदेमुस, दो __यहूदी याजक__ जिन्हें विश्वास था कि यीशु ही मसीह है, पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा
* __[44:07](rc://*/tn/help/obs/44/07)__ दूसरे दिन ऐसा हुआ कि __यहूदी याजक __पतरस और यूहन्ना को लेकर महायाजक के पास गए।
* __[24:03](rc://*/tn/help/obs/24/03)__कई __धार्मिक अगुवे__ भी यूहन्ना से बपतिस्मा लेने आए, लेकिन उन्होंने पश्चाताप नहीं किया या अपने पापों को स्वीकार नहीं किया।
* __[37:11](rc://*/tn/help/obs/37/11)__ परन्तु __यहूदियों के धार्मिक अगुवे__ यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर योजना बनाना चाहा कि कैसे वह यीशु और लाजर को मरवा सके
* __[38:02](rc://*/tn/help/obs/38/02)__ वह(यहूदा) जानता था कि __ यहूदी अगुवों__ ने यीशु को मसीहा के रूप में अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे।
* __[38:03](rc://*/tn/help/obs/38/03)__ महायाजक के नेतृत्व में __यहूदी अगुवों__ ने यीशु को पकड़वाने के लिए यहूदा को तीस चाँदी के सिक्के दिए।
* __[39:05](rc://*/tn/help/obs/39/05)__ __यहूदी अगुवों__ ने महायाजक को उत्तर दिया, “वह (यीशु) मरने के योग्य है!
* __[39:09](rc://*/tn/help/obs/39/09)__ अगली सुबह __यहूदी अगुवों__ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया जो एक रोम राज्यपाल था।
* __[39:11](rc://*/tn/help/obs/39/11)__ परन्तु __यहूदी अगुवों__ ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस में चढ़ा दो।”
* __[40:09](rc://*/tn/help/obs/40/09)__ तब यूसुफ और निकुदेमुस, दो __यहूदी अगुवों__ जो यीशु को मसीहा मानते थे, ने पीलातुस से यीशु की लाश माँगी
* __[44:07](rc://*/tn/help/obs/44/07)__ अगले दिन, __यहूदी अगुवे__ पतरस और यूहन्ना को महायाजक और अन्य __धार्मिक अगुवों__ के पास लाए।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G2453
* Strong's: G24530

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## तथ्य:
"दस आज्ञाएँ" आज्ञा थे कि परमेश्वर ने मूसा को सीनै पर्वत पर दिया था, जब इस्राएलियों ने कनान देश के रास्ते में रेगिस्तान में रह रहे थे। परमेश्वर ने दस आज्ञाएं पत्थरों की दो पट्टियों पर लिखी थी
"दस आज्ञाएँ" वे आज्ञाएँ थीं जो परमेश्वर ने सीनै पर्वत पर मूसा को दी थीं, जब इस्राएली कनान देश की ओर जाते हुए उजाड़ में रह रहे थे। परमेश्वर ने इन आज्ञाओं को पत्थर की दो बड़ी पटियाओं पर लिखा
* परमेश्वर ने इस्राएलियों आज्ञा मानने के लिए बहुत सी आज्ञा दी थी,पर दस आज्ञाएं विशेष थी कि इस्राएली परमेश्वर से प्रेम करना और उसकी उपासना करना तथा अपास में प्रेम रखें।
* ये आज्ञाएं उनके साथ परमेश्वर की वाचा का एक भाग भी थी। परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करके इस्राएली यह सिद्ध करते थे कि वे परमेश्वर से प्रेम करते थे और उसकी प्रजा हैं।
* उन पत्थरों पर लिखी गई आज्ञाओं के साथ पत्थर की पटिया को वाचा का सन्दूक में रखा गया था, जो कि तम्बू के सबसे पवित्र स्थान और बाद में मंदिर में स्थित था।
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा मानने के लिए कई आज्ञाएँ दी थीं, लेकिन दस आज्ञाएँ इस्राएलियों को परमेश्वर से प्रेम करने और उसकी आराधना करने और अन्य लोगों से प्रेम करने में मदद करने के लिए विशेष आज्ञाएँ थीं।
* ये आज्ञाएँ अपने लोगों के साथ परमेश्वर की वाचा का भी हिस्सा थीं। परमेश्वर ने उन्हें जो करने की आज्ञा दी थी उसका पालन करने से, इस्राएल के लोग दिखाएंगे कि वे परमेश्वर से प्रेम करते हैं और उसके हैं।
* पत्थर की पटियाएँ जिन पर आज्ञाएँ लिखी हुई थीं, उन्हें वाचा के संदूक में रखा गया था, जो मिलापवाले तम्बू के सबसे पवित्र स्थान और बाद में भवन में स्थित था।
(यह भी देखें: [वाचा का सन्दूक](../kt/arkofthecovenant.md), [आज्ञा](../kt/command.md), [वाचा](../kt/covenant.md), [रेगिस्तान](../other/desert.md), [व्यवस्था](../kt/lawofmoses.md), [पालन](../other/obey.md), [सीनै](../names/sinai.md), [आराधना](../kt/worship.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [व्यवस्थाविवरण 04:13-14](rc://*/tn/help/deu/04/13)
* [व्यवस्थाविवरण 4:13-14](rc://*/tn/help/deu/04/13)
* [व्यवस्थाविवरण 10:3-4](rc://*/tn/help/deu/10/03)
* [निर्गमन 34:27-28](rc://*/tn/help/exo/34/27)
* [लूका 18:18-21](rc://*/tn/help/luk/18/18)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[13:07](rc://*/tn/help/obs/13/07)__ परमेश्वर ने यह __दस आज्ञाएँ__ मूसा को दो पत्थर की तख्तियों पर लिख के दे दी |
* __[13:13](rc://*/tn/help/obs/13/13)__ जब मूसा पहाड़ से नीचे उतर आया, और उसने उस देवता को देखा, तो उसका क्रोध भड़क उठा, और उसने तख्तियों को अपने हाथों से पर्वत के नीचे पटककर तोड़ डाला, क्योंकि वह परमेश्वर की __दस आज्ञाओ__ के विरुद्ध था |
* __[13:15](rc://*/tn/help/obs/13/15)__ तब मूसा ने पहली तख्तियों के समान दो और तख्तियाँ गढ़ी; क्योंकि पहली उसने तोड़ डाली थी |
* __[13:07](rc://*/tn/help/obs/13/07)__ तब परमेश्वर ने इन __दस आज्ञाओं__ को पत्थर की दो पटियाओं पर लिखकर मूसा को दिया।
* __[13:13](rc://*/tn/help/obs/13/13)__ जब मूसा पहाड़ से नीचे आया और उसने मूर्ति को देखा, तो वह इतना क्रोधित हुआ कि उसने उन पत्थरों को तोड़ डाला जिन पर परमेश्वर ने __दस आज्ञाएँ__ लिखी थीं।
* __[13:15](rc://*/tn/help/obs/13/15)__ तब मूसा ने पहली तख्तियों के समान दो और तख्तियाँ गढ़ी; क्योंकि पहली उसने तोड़ डाली थी
## शब्द तथ्य:

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@ -2,10 +2,10 @@
## तथ्य:
शब्द "मिलापवाला तम्बू" एक तम्बू को संदर्भित करता है जो एक अस्थायी स्थान था जहां निवास के सामने परमेश्वर ने मूसा से मुलाकात की थी।
शब्द "मिलाप का तम्बू" एक ऐसे तम्बू को संदर्भित करता है जो एक अस्थायी स्थान था जहाँ परमेश्वर ने निवासस्थान के निर्माण से पहले मूसा से मुलाकात की थी।
* निर्गमन की पुस्तक में लिखा है कि मिलापवाला तम्बू इस्राएलियों की छावनी से बाहर था।
* जब मूसा मिलापवाले तम्बू में परमेश्वर से मुलाकात करने जाता था तब बादलों का एक स्तम्भ वहां उपस्थित होकर परमेश्वर की उपस्थिति को दर्शाता था।
* जब मूसा मिलापवाले तम्बू में परमेश्वर से मुलाकात करने जाता था तब बादल का एक स्तम्भ वहां उपस्थित होकर परमेश्वर की उपस्थिति को दर्शाता था।
* जब इस्राएलियों ने परमेश्वर के निवासस्थान को बनाया, तो अस्थायी तम्बू की ज़रूरत नहीं थी और निवासस्थान के संदर्भ में "मिलापवाला तम्बू" कभी-कभी इस्तेमाल किया जाता था।
(यह भी देखें: [इस्राएल](../kt/israel.md), [मूसा](../names/moses.md), [खंभा](../other/pillar.md), [मिलापवाला तम्बू](../kt/tabernacle.md), [तम्बू](../other/tent.md))
@ -19,10 +19,10 @@
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[13:08](rc://*/tn/help/obs/13/08)__ परमेश्वर ने इस्राएलियों को तम्बू बनाने का विस्तृत विवरण दिया | यह __मिलापवाला तम्बू__ कहलाता था, और इसमें दो कमरे थे, जिन्हें एक बड़ा परदा पृथक कर रहा था |
* __[13:09](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ जो कोई भी परमेश्वर के व्यवस्थाओं का उल्लंघन करता है, वह __मिलापवाले तम्बू__ के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा।
* __[14:08](rc://*/tn/help/obs/14/08)__ परमेश्वर बहुत क्रोधित थे, और परमेश्वर का तेज __मिलापवाले तम्बू__ में सब इस्राएलियों पर प्रकाशमान हुआ |
* __[18:02](rc://*/tn/help/obs/18/02)__ अब लोग __मिलापवाले तम्बू__ के स्थान पर उस भवन में परमेश्वर की उपासना करते और बलिदान चढ़ाते थे |
* __[13:8](rc://*/tn/help/obs/13/08)__ परमेश्वर ने इस्राएलियों को तम्बू बनाने का विस्तृत विवरण दिया यह __मिलापवाला तम्बू__ कहलाता था, और इसमें दो कमरे थे, जिन्हें एक बड़ा परदा पृथक कर रहा था
* __[13:9](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ जो कोई भी परमेश्वर के व्यवस्थाओं का उल्लंघन करता है, वह __मिलापवाले तम्बू__ के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा।
* __[14:8](rc://*/tn/help/obs/14/08)__ परमेश्वर बहुत क्रोधित थे, और परमेश्वर का तेज __मिलापवाले तम्बू__ में सब इस्राएलियों पर प्रकाशमान हुआ
* __[18:2](rc://*/tn/help/obs/18/02)__ अब लोग __मिलापवाले तम्बू__ के स्थान पर उस भवन में परमेश्वर की उपासना करते और बलिदान चढ़ाते थे
## शब्द तथ्य:

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