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# घृणा, घिनौने, घिनौना
# घृणा, घृणित
## परिभाषा:
“घृणा” शब्द का अर्थ है ग्लानि और अरूचि उत्पन्न करनेवाली बात
“घृणा” शब्द उस वास्तु के सन्दर्भ में काम में लिया जाता है जिससे घृणा उत्पान हो या असीम वैमनस्य उपजे
* मिस्री लोग इब्रानियों को "घृणित" मानते थे। इसका अर्थ है कि मिस्री लोग इब्रानियों को पसन्द नहीं करते थे और उनके साथ संबन्ध नहीं रखना चाहते थे वरन उनके निकट भी नहीं आना चाहते थे।
* बाइबल में "परमेश्वर के लिए घृणित" बातें हैं। झूठ, घमण्ड, नरबलि, मूर्तिपूजा, हत्या, व्यभिचार का पाप, समलैंगिक संबन्ध।
* बाइबल में कुछ बातें "यहोवा के लिए घृणित" हैं। झूठ, घमण्ड, नरबलि, मूर्तिपूजा, हत्या, यौनाचार के पाप जैसे व्यभिचार और समलैंगिक संबन्ध।
* अपने शिष्यों को अन्त समय की शिक्षा देते समय यीशु ने भविष्यद्वक्ता दानिय्येल की भविष्यद्वाणी का संदर्भ दिया था और जिसमें “उजाड़ने वाली घृणित वस्तु” की चर्चा की गई थी जिसे परमेश्वर से विद्रोह स्वरूप स्थापित करके उसके आराधना स्थल को अशुद्ध किया जाएगा।
## अनुवाद के सुझाव:
* “घृणित वस्तु” का अनुवाद “जिस वस्तु से परमेश्वर घृणा करता है”, या “अरोचक वस्तु” या “घृणित अभ्यास” या “बहुत बुरा काम”।
* प्रकरण के अनुसार इस उक्ति के लिए “घृणित” का अनुवाद होगा, “के लिए अत्यधिक घृणित” या “को अरूचिकर” या “को पूर्णतः अस्वीकार्य” या “गहरी अरूचि उत्पन्न करनेवाली”।
* “उजाड़नेवाली घृणित वस्तु” का अनुवाद “अशुद्ध करनेवाली वस्तु जिससे मनुष्यों की घोर हानि होती है” या “अरूचिकर वस्तु जिसके कारण गहरा दुःख होता है”।
* “घृणित वस्तु” का अनुवाद हो सकता है: “जिस वस्तु से परमेश्वर घृणा करता है”, या “वैमनस्य उत्पादक वस्तु" या “घृणित अभ्यास” या “बहुत बुरा काम”।
* प्रकरण के अनुसार इस उक्ति, "के लिए घृणित है" के अनुवाद रूप हो सकेत हैं: “के लिए अत्यधिक घृणित” या “के लिए वैमनस्यकारी है” या “को पूर्णतः अस्वीकार्य” या “गहरी घृणा उत्पन्न करनेवाली”।
* “उजाड़नेवाली घृणित वस्तु” का अनुवाद हो सकता है: “अशुद्ध करनेवाली वस्तु जिससे मनुष्यों की घोर हानि होती है” या “वैमन्स्यकारी वस्तु जिसके कारण गहरा दुःख होता है”।
(यह भी देखें: [व्यभिचार](../kt/adultery.md), [अशुद्ध करना](../other/desecrate.md), [उजाड़ ](../other/desolate.md), [मूरत](../other/idol.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md))
(यह भी देखें: [व्यभिचार](../kt/adultery.md), [अशुद्ध करना](../other/desecrate.md), [उजाड़](../other/desolate.md), [मूरत](../other/idol.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [एज्रा 09:1-2](rc://*/tn/help/ezr/09/01)
* [उत्पत्ति 46:33-34](rc://*/tn/help/gen/46/33)
* [यशायाह 01:12-13](rc://*/tn/help/isa/01/12)
* [मत्ती 24:15-18](rc://*/tn/help/mat/24/15)
* [नीतिवचन 26:24-26](rc://*/tn/help/pro/26/24)
* [एज्रा 9:1-2](rc://*/tn/help/ezr/09/01)
* [उत्पत्ति 46:34](rc://*/tn/help/gen/46/34 )
* [यशायाह 1:13](rc://*/tn/help/isa/01/13)
* [मत्ती 24:15](rc://*/tn/help/mat/24/15)
* [नीतिवचन 26:25](rc://*/tn/help/pro/26/25)
## शब्द तथ्य:
* Strongs: * Strongs: H887, H6292, H8251, H8262, H8263, H8441, G946
* Strongs: H0887, H6292, H8251, H8262, H8263, H8441, G946

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# व्यभिचार, व्यभिचारी, व्यभिचारी, व्यभिचारिणी, व्यभिचारी,व्यभिचारिणियों
# व्यभिचार, व्यभिचारी, व्यभिचारी, व्यभिचारिणी
## परिभाषा:
“व्यभिचार” अर्थात विवाहित मनुष्य द्वारा विवाह की सीमा के बाहर यौन सम्बन्ध बनाने का पाप। दोनों ही व्यभिचार के दोषी हैं। “व्यभिचारी” ऐसा व्याहार या ऐसा पाप करने वाला मनुष्य।
“व्यभिचार” शब्द उस पाप को संदेभित करता है जब कोई विवाहित मनुष्य किसी ऐसे मनुष्य से शारीरिक सम्बन्ध बनाता है जो उसका जीवन साथी नहीं है| दोनों ही व्यभिचार के दोषी हैं। “व्यभिचारी” शब्द ऐसे व्याहार या ऐसा पाप करने वाले मनुष्य का वर्णन करता है|
* व्यभिचारी सामान्यतः व्यभिचार करनेवाला मनुष्य के सन्दर्भ में है।
* व्यभिचारिणी-व्यभिचार करनेवाली स्त्री के सन्दर्भ में है।
* व्यभिचार में पति-पत्नी द्वारा विवाह की वाचा में की गई प्रतिज्ञाओं को तोड़ना।
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को व्यभिचार नहीं करने का आदेश दिया।
* “व्यभिचारिणियों” प्रतीकात्मक रूप में इस्राएल के लिए काम में लिया गया है जब वे परमेश्वर के स्वामीभक्त नहीं होते थे, विशेष करके जब वे छुठे ईश्वर की उपासना करते थे।
* "व्यभिचारी" शब्द सामान्यतः व्यभिचार करनेवाले मनुष्य के सन्दर्भ में काम में लिया जाता है।
* कभी-कभी, "व्यभिचारिणी" शब्द यह निश्चित दर्शाने के लिए काम में लिया जाता है कि व्यभिचार करने वाली स्त्री है|
* व्यभिचार में पति-पत्नी उनके विवाह की वाचा में की गई प्रतिज्ञाओं को तोड़ देते हैं।
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी है कि वे व्यभिचार नहीं करें|
## अनुवाद के सुझाव:
* यदि लक्षित भाषा में व्यभिचार के अनुवाद हेतु एक शब्द न होते। इसका अनुवाद एक उक्ति में किया जा सकता है, “किसी और की पत्नी के साथ यौन संबन्ध बनाना” या “किसी और के जीवन साथी के साथ अन्तरंग संबन्ध बनाना”।
* यदि लक्षित भाषा में ऐसा कोई शब्द न हो जिसका अर्थ, "व्यभिचार" हो तो इस शब्द का अनुवाद एक ऐसे वाक्यांश से किया जा सकता है जैसे, "किसी और की पत्नी के साथ यौन संबन्ध बनाना” या “किसी और के जीवन साथी के साथ अन्तरंग संबन्ध बनाना”।
* कुछ भाषाओं में व्यभिचार को स्पष्ट व्यक्त नहीं किया जाता है जैसे, “किसी और के जीवन साथी के साथ सोना” या “अपनी पत्नी से विश्वासघात करना”। (देखें: [व्यंजना](rc://*/ta/man/translate/figs-euphemism))
* जब '' व्यभिचारी '' का प्रयोग किसी आलंकारिक अर्थ में किया जाता है, तो अविश्वासी पति / पत्नी के साथ तुलना की जा रही उनके आज्ञा न मानने वाले लोगों के बारे में परमेश्वर के विचारों के बारे में संवाद करने के लिए, यह सबसे अच्छा अनुवाद करना है। अगर यह लक्षित भाषा में सही ढंग से नहीं व्यक्त किया जाए, तो "व्यभिचारी" का आलंकारिक उपयोग "विश्वासघाती" या "अनैतिक" या "विश्वासघाती पति की तरह" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है।
(यह भी देखें: [प्रतिबद्ध](../other/commit.md), [वाचा](../kt/covenant.md), [यौन अनैतिकता](../other/fornication.md), [के साथ सोना](../other/sex.md), [विश्वासघाती](../kt/unfaithful.md))
(यह भी देखें: [करना](../other/commit.md), [वाचा](../kt/covenant.md), [यौन अनैतिकता](../other/fornication.md), [के साथ सोना](../other/sex.md), [विश्वासयोग्य](../kt/unfaithful.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [निर्गमन 20:12-14](rc://*/tn/help/exo/20/12)
* [होशे 04:1-2](rc://*/tn/help/hos/04/01)
* [निर्गमन 20:14](rc://*/tn/help/exo/20/14)
* [होशे 4:1-2](rc://*/tn/help/hos/04/01)
* [लूका 16:18](rc://*/tn/help/luk/16/18)
* [मत्ती 05:27-28](rc://*/tn/help/mat/05/27)
* [मत्ती 12:38-40](rc://*/tn/help/mat/12/38)
* [प्रकाशितवाक्य 02:22-23](rc://*/tn/help/rev/02/22)
* [मत्ती 5:28](rc://*/tn/help/mat/05/28)
* [मत्ती 12:39](rc://*/tn/help/mat/12/39)
* [प्रकाशितवाक्य 02:22](rc://*/tn/help/rev/02/22)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[13:06](rc://*/tn/help/obs/13/06)__ "तू __व्यभिचार__ न करना।"
* __[13:06](rc://*/tn/help/obs/28/02)__ __व्यभिचार__ मत करना
* __[34:07](rc://*/tn/help/obs/34/07)__ “धार्मिक अगुवे ने अपने मन में इस तरह प्रार्थना की, ‘हे परमेश्वर मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरे मनुष्यों के समान अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और __व्यभिचारी__ नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूँ।’”
* __[13:6](rc://*/tn/help/obs/13/06)__ "तू __व्यभिचार__ न करना।"
* __[28:2](rc://*/tn/help/obs/28/02)__ __व्यभिचार__ मत करना
* __[34:7](rc://*/tn/help/obs/34/07)__ “धार्मिक अगुवे ने अपने मन में इस तरह प्रार्थना की, ‘हे परमेश्वर मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरे मनुष्यों के समान अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और __व्यभिचारी__ नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूँ।’”
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H5003, H5004, G3428, G3429, G3430, G3431, G3432
* स्ट्रोंग्स: H5003, H5004, G34280, G34290, G34300, G34310, G34320

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@ -1,31 +1,31 @@
# वेदी, वेदियों
## परिभाषा:
## परिभाषा
वेदी एक पत्थर निमित ऊंचा स्थान होता था जिस पर इस्राएली परमेश्वर के लिए पशु या अन्न होम करके बलि करते थे।
वेदी एक पत्थर निर्मित ऊंचा स्थान होता था जिस पर इस्राएली परमेश्वर के लिए पशु या अन्न होम करके बलि चढ़ाते थे।
* बाइबल के युग में मिट्टी या बड़े-बड़े पत्थरों को एक साथ रखकर टीला सा बनाया जाता था
* बाइबल के युग में मिट्टी के गारे से एक छोटा टीला या बड़े-बड़े पत्थरों को एक के ऊपर एक रख स्थिर वेदी बनाई जाती थी
* कुछ विशेष वेदियां लकड़ी के बक्से जैसी बनाई जाती थी जिन पर सोना, पीतल या कांसा चढ़ाया जाता था।
* इस्राएल के पड़ोस की जातियां भी अपने देवताओं के लिए वेदियां बनाती थी।
* इस्राएल की पड़ोस जातियां भी अपने देवताओं के लिए बलि चढ़ाने हेतु वेदियां बनाती थी।
(यह भी देखें: [धूप जलाने की वेदी](../other/altarofincense.md), [झूठे देवता](../kt/falsegod.md), [अन्नबलि](../other/grainoffering.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md))
(यह भी देखें: [धूप जलाने की वेदी](../other/altarofincense.md), [झूठे देवता](../kt/falsegod.md), [अन्नबलि](../other/grainoffering.md), [बलि](../other/sacrifice.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [उत्पत्ति 08:20-22](rc://*/tn/help/gen/08/20)
* [उत्पत्ति 22:9-10](rc://*/tn/help/gen/22/09)
* [याकूब 02:21-24](rc://*/tn/help/jas/02/21)
* [उत्पत्ति 8:20](rc://*/tn/help/gen/08/20)
* [उत्पत्ति 22:9](rc://*/tn/help/gen/22/09)
* [याकूब 2:21](rc://*/tn/help/jas/02/21)
* [लूका 11:49-51](rc://*/tn/help/luk/11/49)
* [मत्ती 05:23-24](rc://*/tn/help/mat/05/23)
* [मत्ती 23:18-19](rc://*/tn/help/mat/23/18)
* [मत्ती 05:23](rc://*/tn/help/mat/05/23)
* [मत्ती 23:19](rc://*/tn/help/mat/23/19)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[03:14](rc://*/tn/help/obs/03/14)__ उसने एक __वेदी__ बनाई, जिसे बलिदान के लिये इस्तमाल किया जा सके और सभी तरह के जन्तुओ का बलिदान दिया
* __[05:08](rc://*/tn/help/obs/05/08)__ जब वे बलिदान की जगह पर पहुंच गए, तो अब्राहम ने अपने पुत्र इसहाक को बांध दिया और उसे __वेदी__ पर रख दिया।
* __[13:09](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ एक पुरोहित ने पशु को मारकर उसे __वेदी__ पर जला दिया
* __[16:06](rc://*/tn/help/obs/16/06)__ उसने(गिदोन) एक नई वेदी बनाई जो परमेश्वर यहोवा के लिए बनाई वह पहिले देवताओं की मूर्ति के वेदी के पास समर्पित किया जाता था और उसमें देवताओं को बलिदान दिया जाता था
* __[3:14](rc://*/tn/help/obs/03/14)__ नूह जहाज़ से बहार निकल आया, उसने एक __वेदी__ बनाई, और बलि के योग्य प्रत्येक प्रजाति के कुछ पशुओं की बलि चढ़ाई
* __[5:8](rc://*/tn/help/obs/05/08)__ जब वे बलि चढ़ाने के स्थान पर पहुंच गए, तब अब्राहम ने अपने पुत्र इसहाक को बांध दिया और उसे __वेदी__ पर रख दिया।
* __[13:9](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ याजक पशु को मारकर उसे __वेदी__ पर जलाए
* __[16:6](rc://*/tn/help/obs/16/06)__ उसने(गिदोन ने) मूर्तिओं के लिए बनाई गई __वेदी__जहां होती थी वहाँ उसने (गिदोन ने) परमेश्वर को समर्पित एक नई __वेदी__ बनाई और उस पर परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाई
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H741, H2025, H4056, H4196, G1041, G2379
* स्ट्रोंग्स: H0741, H2025, H4056, H4196, G10410, G23790

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@ -2,37 +2,36 @@
## परिभाषा:
“अभिषेक करना” शब्द का अर्थ है, किसी मनुष्य या वस्तु पर तेल उण्डेलना। कभी-कभी तेल में मसाले मिलाए जाते थे कि उसमें से सुगन्ध हो। यह शब्द पवित्र आत्मा के लिए प्रतीकात्मक रूप में भी काम में लिया गया है जब वह किसी को चुनकर सामर्थ्य प्रदान करता है।
“अभिषेक करना” इस उक्ति का अर्थ है, किसी मनुष्य पर तेल का अभ्यंजन करना या उस पर तेल उंडेलना| कभी-कभी ऐसे तेल में मसाले मिला दी जाते थे की उसमें मनमोहक, सुगन्धित गंध उठे| बाईबल के युग में, किसी का तेल से अभिषेक करने के अनेक कारण होते थे|
* पुराने नियम में याजकों, राजाओं तथा भविष्यद्वक्ताओं क तेल से अभिषेक किया जाता था कि उन्हें परमेश्वर के लिए एक विशेष सेवा के निमित्त अलग किया जाए।
* वेदी तथा मिलापवाले तम्बू का भी तेल से अभिषेक किया जाता था ताकि प्रकट हो कि वे परमेश्वर की उपासना एवं महिमामय काम लेने के लिए थे
* नये नियम में रोगियों की चंगाई के लिए तेल से अभिषेक किया जाता था।
* नये नियम में दो बार किसी स्त्री ने उपासना स्वरूप यीशु का सुगन्धित द्रव्य से अभिषेक किया था। एक बार यीशु ने कहा कि ऐसा करके वह स्त्री उसे भावी अन्तिम संस्कार के लिए तैयार कर रही है।
* यीशु की मृत्यु के बाद उसके मित्रों ने उसके शव को दफन के लिए तेल और सुगन्धित द्रव्यों से अभिषेक करके तैयार किया था।
* पुराने नियम में याजकों, राजाओं तथा भविष्यद्वक्ताओं क तेल से अभिषेक किया जाता था कि उन्हें परमेश्वर के लिए एक विशेष सेवा निमित्त अलग किया जाए।
* वेदी तथा मिलापवाले तम्बू का भी तेल से अभिषेक किया जाता था कि प्रकट हो कि वे परमेश्वर की उपासना एवं महिमामय काम लेने के लिए हैं
* नये नियम में रोगियों की चंगाई के लिए उनका तेल से अभ्यंजन किया जाता था।
* नये नियम में दो बार किसी स्त्री ने उपासना स्वरूप सुगन्धित द्रव्य से यीशु का अभिषेक किया था। एक बार यीशु ने यहाँ तक कह दिया था कि ऐसा करके वह स्त्री उसे भावी अन्तिम संस्कार के लिए तैयार कर रही है।
* यीशु की मृत्यु के बाद उसके मित्रों ने तेल और सुगन्धित द्रव्यों से उसके शव का अभ्यंजन करके दफन के लिए तैयार किया था।
* “मसीह” (इब्रानी भाषा) और “ख्रीस्त” (यूनानी भाषा) का अर्थ है, “अभिषिक्त (जन)”।
* मसीह यीशु एक ऐसा मनुष्य था जिसे चुना गया था और भविष्यद्वक्ता, महायाजक एवं राजा स्वरूप उसका अभिषेक किया गया था।
* बाइबिल के समय में, एक स्कोत्री स्वयं को अधिक आकर्षक बनाने के लिए इत्र से खुद का अभिषेक कर सकती है।
* मसीह यीशु एक ऐसा मनुष्य था जिसे भविष्यद्वक्ता, महायाजक और राजा होने के लिए चुना गया था तथा उसका अभिषेक किया गया था।
* बाईबल के युग में कुछ स्त्रियाँ इत्र से अपना अभ्यंजन करती थीं कि उनका योन आकर्षण प्रकट हो
## अनुवाद के सुझाव:
* प्रकरण के अनुसार “अभिषेक” का अनुवाद “ऊपर तेल डालना” या “तेल उण्डेलना” या “सुगन्धित तेल डालकर अभिषेक करना” हो सकता है।
* “अभिषिक्त होना” का अनुवाद “तेल से अभिषिक्त होना” या “नियुक्त होना” या “अभिषिक्त होना” किया जा सकता है।
* प्रकरण के अनुसार “अभिषेक” शब्द का अनुवाद “ऊपर तेल डालना” या “तेल उण्डेलना” या “सुगन्धित तेल डालकर अभिषेक करना” हो सकता है।
* “अभिषिक्त होना” का अनुवाद “तेल से अभिषिक्त होना” या “नियुक्त होना” या “पवित्र किया जाना” हो सकता है।
* कुछ संदर्भों में “अभिषेक” का अनुवाद “नियुक्त” हो सकता है।
* “अभिषिक्त याजक” का अनुवाद “याजक जिसका अभिषेक तेल से किया गया है” या “याजक जो तेल डाल कर अलग किया गया” हो सकता है।
* “अभिषिक्त याजक” का अनुवाद “याजक जिसका अभ्यंजन तेल से किया गया है” या “याजक जो तेल डाल कर अलग किया गया” हो सकता है।
(यह भी देखें: [मसीह](../kt/christ.md), [अभिषेक करना](../kt/consecrate.md), [महा-याजक](../kt/highpriest.md), [यहूदियों का राजा](../kt/kingofthejews.md), [याजक](../kt/priest.md), [भविष्यद्वक्ता](../kt/prophet.md) )
(यह भी देखें: [मसीह](../kt/christ.md), [अभिषेक करना](../kt/consecrate.md), [महायाजक](../kt/highpriest.md), [यहूदियों का राजा](../kt/kingofthejews.md), [याजक](../kt/priest.md), [भविष्यद्वक्ता](../kt/prophet.md) )
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 यूहन्ना 02:20-21](rc://*/tn/help/1jn/02/20)
* [1 यूहन्ना 02:27-29](rc://*/tn/help/1jn/02/27)
* [1 यूहन्ना 2:20](rc://*/tn/help/1jn/02/20)
* [1 यूहन्ना 2:27](rc://*/tn/help/1jn/02/27)
* [1 शमूएल 16:2-3](rc://*/tn/help/1sa/16/02)
* [प्रे.का. 04:27-28](rc://*/tn/help/act/04/27)
* [आमोस 06:5-6](rc://*/tn/help/amo/06/05)
* [प्रे.का. 4:27-28](rc://*/tn/help/act/04/27)
* [आमोस 6:5-6](rc://*/tn/help/amo/06/05)
* [निर्गमन 29:5-7](rc://*/tn/help/exo/29/05)
* [याकूब 05:13-15](rc://*/tn/help/jas/05/13)
* [याकूब 5:13-15](rc://*/tn/help/jas/05/13)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H47, H430, H4397, H4398, H8136, G32, G743, H1101, H1878, H3323, H4473, H4886, H4888, H4899, H5480, G218, G1472, G2025, G3462, G5545, G5548
* स्ट्रोंग्स: H0047, H0430, H1101, H1878, H3323, H4397, H4398, H4473, H4886, H4888, H4899, H5480, H8136, G00320, G02180, G07430, G14720, G20250, G34620, G55450, G55480

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@ -1,26 +1,26 @@
# मसीह का विरोधी, मसीह के विरोधी
# मसीह विरोधी,
## परिभाषा:
“मसीह का विरोधी” शब्द का संदर्भ उस व्यक्ति या शिक्षा से है जो मसीह यीशु और उसके काम के विरूद्ध है। संसार में अनेक मसीह के विरोधी हैं।
“मसीह विरोधी” शब्द का संदर्भ उस व्यक्ति या शिक्षा से है जो मसीह यीशु और उसके काम के विरूद्ध है। संसार में अनेक मसीह विरोधी हैं।
* प्रेरित यूहन्ना लिखता है कि यदि कोई यह शिक्षा देकर मनुष्यों को पथ-भ्रष्ट करे कि यीशु मसीह नहीं है या इन्कार करे कि यीशु परमेश्वर एवं मनुष्य दोनों है तो वह मसीह का विरोधी है।
* बाइबल की शिक्षा के अनुसार संसार में मसीह के विरोधी की आत्मा है जो यीशु क काम का विरोध करती है।
* नये नियम की पुस्तक प्रकाशितवाक्य में लिखा हे कि एक पुरूष “मसीह का विरोधी” होगा जो अन्त समय में प्रकट होगा। वह परमेश्वर के लोगों को नष्ट करने का प्रयास करेगा परन्तु वह यीशु द्वारा परास्त किया जाएगा।
* प्रेरित यूहन्ना लिखता है कि यदि कोई यह शिक्षा देकर मनुष्यों को पथ-भ्रष्ट करे कि यीशु मसीह नहीं है या इन्कार करे कि यीशु परमेश्वर एवं मनुष्य दोनों है तो वह मसीह विरोधी है।
* बाइबल की शिक्षा के अनुसार संसार में मसीह विरोधी की आत्मा सार्वलौकिक है जो यीशु क काम का विरोध करती है।
* नये नियम की पुस्तक प्रकाशितवाक्य में लिखा हे कि एक पुरूष “मसीह विरोधी” कहलाएगा जो अन्त समय में प्रकट होगा। वह परमेश्वर के लोगों को नष्ट करने का प्रयास करेगा परन्तु वह यीशु द्वारा परास्त किया जाएगा।
## अनुवाद के सुझाव:
* इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, ऐसे शब्द या उक्तियां हो सकती हैं जिनका अर्थ हो, “मसीह का विरोधी” या “मसीह का बैरी” या “मसीह का विरोध करनेवाला मनुष्य”
* “मसीह का विरोधी की आत्मा” का अनुवाद हो सकता है, “आत्मा जो मसीह के विरुद्ध है”। या “(कोई) मसीह के बारे झूठी शिक्षा देता है” या “मसीह के बारे में झूठी शिक्षा पर विश्वास करने का रवैया” या “बुरी आत्मा जो मसीह के बारे में झूठ शिक्षा देता है।”
* इस शब्द के अनुवाद करने के लिए ऐसे शब्द या उक्तियां हो सकती हैं जिनका अर्थ हो, “मसीह का विरोधी” या “मसीह का बैरी” या “मसीह का विरोध करनेवाला मनुष्य”
* “मसीह विरोधी की आत्मा” का अनुवाद हो सकता है, “आत्मा जो मसीह के विरुद्ध है”। या “(कोई) मसीह के बारे झूठी शिक्षा देता है” या “मसीह के बारे में झूठी शिक्षा पर विश्वास करने की प्रवृत्ति” या “बुरी आत्मा जो मसीह के बारे में झूठ शिक्षा देता है।”
* इस बात का भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में कैसा है। (देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown))
(यह भी देखें: [मसीह](../kt/christ.md), [रगट करना](../kt/reveal.md), [क्लेश](../other/tribulation.md))
(यह भी देखें: [मसीह](../kt/christ.md), [अनावरण](../kt/reveal.md), [क्लेश](../other/tribulation.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 यूहन्ना 02:18-19](rc://*/tn/help/1jn/02/18)
* [1 यूहन्ना 04:1-3](rc://*/tn/help/1jn/04/01)
* [2 यूहन्ना 01:7-8](rc://*/tn/help/2jn/01/07)
* [1 यूहन्ना 02:18](rc://*/tn/help/1jn/02/18)
* [1 यूहन्ना 04:3](rc://*/tn/help/1jn/04/03)
* [2 यूहन्ना 01:7](rc://*/tn/help/2jn/01/07)
## शब्द तथ्य:

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## परिभाषा:
“नियुक्त करना” और “नियुक्त किया” अर्थात किसी को किसी विशेष कार्य या भूमिका के लिए चुनना।
“नियुक्त करना” और “नियुक्त किया” अर्थात किसी को किसी विशेष कार्य को करने या भूमिका को निभाने के लिए चुनना।
* “नियुक्त होना” का संदर्भ “चुना हुआ” होना से भी होता है कि कुछ प्राप्त करे, जैसे  “अनन्त जीवन के लिए ठहराया गया” में है. लोग “अनन्त जीवन के लिए ठहराए गए” थे अर्थात वे अनन्त जीवन के लिए चुने गए थे.
* “नियुक्त होना” का संदर्भ “ठहराया हुआ” से भी होता है कि कुछ प्राप्त करे, जैसे  “अनन्त जीवन के लिए ठहराया गया|” मनुष्य “अनन्त जीवन के लिए ठहराए गए” अर्थात वे अनन्त जीवन के लिए चुने गए थे.
* “नियुक्त समय” अर्थात किसी घटना के होने के लिए परमेश्वर का “चुना हुआ समय” या “योजनाबद्ध समय.”
* “ठहराए” शब्द का अर्थ “आज्ञा देना” या किसी को किसी काम के लिए "उत्तरदायित्व सौपना."
* “ठहराए” शब्द का अर्थ “आज्ञा देना” या किसी को किसी काम के लिए "उत्तरदायित्व सौपना." भी हो सकता है|
## अनुवाद के सुझाव:
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## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 शमूएल 08:11](rc://*/tn/help/1sa/08/11)
* [प्रे.का. 03:20](rc://*/tn/help/act/03/20)
* [प्रे.का. 06:02](rc://*/tn/help/act/06/02)
* [1 शमूएल 8:11](rc://*/tn/help/1sa/08/11)
* [प्रे.का. 3:20](rc://*/tn/help/act/03/20)
* [प्रे.का. 6:02](rc://*/tn/help/act/06/02)
* [प्रे.का. 13:48](rc://*/tn/help/act/13/48)
* [उत्पत्ति 41: 33-34](rc://*/tn/help/gen/41/33)
* [गिनती 03:9-10](rc://*/tn/help/num/03/09)
* [गिनती 3:9-10](rc://*/tn/help/num/03/09)
## शब्द तथ्य:
* Strongs: H561, H977, H2163, H2296, H2706, H2708, H2710, H3198, H3245, H3259, H3677, H3983, H4150, H4151, H4152, H4483, H4487, H4662, H5324, H5344, H5414, H5567, H5975, H6310, H6485, H6565, H6635, H6680, H6923, H6942, H6966, H7760, H7896, G322, G606, G1299, G1303, G1935, G2525, G2749, G4287, G4384, G4929, G5021, G5087
* स्ट्रोंग्स: H0561, H0977, H2163, H2296, H2706, H2708, H2710, H3198, H3245, H3259, H3677, H3983, H4150, H4151, H4152, H4483, H4487, H4662, H5324, H5344, H5414, H5567, H5975, H6310, H6485, H6565, H6635, H6680, H6923, H6942, H6966, H7760, H7896, G03220, G06060, G12990, G13030, G19350, G25250, G27490, G42870, G42960, G43840, G49290, G50210, G50870

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@ -14,7 +14,7 @@
* “प्रायश्चित” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “भुगतान” या “पाप का मूल्य चुकाने की बलि” या “क्षमादान का मार्ग उपलब्ध करवाना”।
* सुनिश्चित करें कि इस शब्द के अनुवाद में पैसों के भुगतान का भाव व्यक्त न हो।
(यह भी देखें: [प्रायश्चित के ढकने](../kt/atonementlid.md), [क्षमा](../kt/forgive.md), [प्रायश्चित ](../kt/propitiation.md), [मेल-मिलाप](../kt/reconcile.md), [छुटकारा दिलाना](../kt/redeem.md))
(यह भी देखें: [प्रायश्चित के ढकने](../kt/atonementlid.md), [क्षमा](../kt/forgive.md), [प्रायश्चित](../kt/propitiation.md), [मेल-मिलाप](../kt/reconcile.md), [छुटकारा दिलाना](../kt/redeem.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -15,7 +15,7 @@
* इसका अर्थ “प्रसादन का स्थान” भी हो सकता है।
* इस शब्द की तुलना “प्रायश्चित”, “मेल” और “मुक्ति” शब्दों के अनुवाद से करें।
(यह भी देखें: [वाचा का सन्दूक](../kt/arkofthecovenant.md), [प्रायश्चित](../kt/atonement.md), [करूबों](../other/cherubim.md), [प्रायश्चित ](../kt/propitiation.md), [छुटकारा दिलाना](../kt/redeem.md))
(यह भी देखें: [वाचा का सन्दूक](../kt/arkofthecovenant.md), [प्रायश्चित](../kt/atonement.md), [करूबों](../other/cherubim.md), [प्रायश्चित](../kt/propitiation.md), [छुटकारा दिलाना](../kt/redeem.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -19,7 +19,7 @@
* “अपने अधिकार से” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “अगुआई के अपने अधिकार से” या “अपनी योग्यताओं के आधार पर”
* अभिव्यक्ति, "अधिकार के अधीन" का अनुवाद किया जा सकता है, "पालन करने के लिए जिम्मेदार" या "अन्य आज्ञाओं का पालन करना"।
(यह भी देखें: [नागरिक](../other/citizen.md), [आदेश](../kt/command.md), [आज्ञा पालन](../other/obey.md), [शक्ति](../kt/power.md), [शासक](../other/ruler.md)
(यह भी देखें: [नागरिक](../other/citizen.md), [आदेश](../kt/command.md), [आज्ञा पालन](../other/obey.md), [शक्ति](../kt/power.md), [शासक](../other/ruler.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -1,74 +1,86 @@
# विश्वास, विश्वासी, विश्वास, अविश्वासी
# विश्वास करना, विश्वासी, विश्वास, अविश्वासी, अविश्वास
## परिभाषा:
“विश्वास” और “विश्वास करना” निकट संबन्ध में हैं परन्तु इसके अर्थ में अन्तर बहुत कम है।
“विश्वास करना” और “में विश्वास करना” निकट संबन्ध में हैं परन्तु इसके अर्थ में अन्तर तो है परन्तु बहुत कम है।
## 1\. विश्वास
### 1. विश्वास करना
* किसी पर विश्वास करना अर्थात स्वीकार करना या भरोसा रखना की यह सच है।
* किसी प विश्वास करना अर्थात यह मानना की उस व्यक्ति ने जो कहा वह सच है।
* किसी बात पर विश्वास करना अर्थात स्वीकार करना या भरोसा रखना की यह सच है।
* किसी प विश्वास करना अर्थात यह मानना की उस व्यक्ति ने जो कहा वह सच है।
## 2\. विश्वास करने
### 2. में विश्वास करना
* किसी व्यक्ति पर "विश्वास करने" का अर्थ उस व्यक्ति पर "भरोसा" रखना है। भरोसा करने का अर्थ है कि वह व्यक्ति जो कहता है वह हमेशा सच्चाई से बोलता है, और वह करेगा जो उसने करने का वादा किया है।
* जब कोई व्यक्ति वास्तव में किसी चीज़ में विश्वास करता है, तो वह ऐसे तरीके से कार्य करेगा जो इस विश्वास को दर्शाता है।
* वाक्यांश "किसी में विश्वास करना" का अर्थ के रूप में "में विश्वास है।"
* “मसीह पर विश्वास” करने का अर्थ है विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है, वह स्वयं परमेश्वर है जो मनुष्य बना और हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए मारा गया। इसका अर्थ भरोसा रखना की वे उद्धारक है और ऐसा जीवन जीना जिससे उसका सम्मान हो।
* किसी व्यक्ति पर "विश्वास करने" का अर्थ है, उस व्यक्ति पर "भरोसा" रखना। भरोसा करने का अर्थ है, कोई व्यक्ति वही है जो वह कहता है कि वह है, और कि वह सदा सत्य बोलेगा और वह किसी काम को करने की प्रतिज्ञा करता है तो उसको पूरी करेगा|
* जब कोई व्यक्ति वास्तव में किसी बात में विश्वास करता है, तो उसका व्यवहार ऐसा होगा कि उसका विश्वास प्रकट हो|
* यह वाक्यांश "में विश्वास करना" का अर्थ वही है जो "में विश्वास" का है।
* “मसीह पर विश्वास” करने का अर्थ है विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है, वह स्वयं परमेश्वर है जो मनुष्य बना और हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए बलि होकर मारा गया। इसका अर्थ है, उस पर भरोसा रखना कि वह उद्धारक है और ऐसा जीवन जीना जिससे उसका सम्मान हो।
### 3. विश्वासी
बाईबल में "विश्वासी" शब्द का सन्दर्भ उस मनुष्य से है जो मसीह यीशु में विश्वास रखता है और अपना उद्धारक होने के लिए उस पर भरोसा रखता है|
## अनुवाद के सुझाव:
* “विश्वास करना” का अनुवाद “जानना की सत्य है” या “उचित होने का ज्ञान” किया जा सकता है।
* “में विश्वास करना” का अनुवाद “पूर्ण भरोसा” या “विश्वास करना” एवं “आज्ञा मानना” या “पूर्ण निर्भर होकर अनुसरण करना” हो सकता है।
* “विश्वासी” शब्द का वास्तविक अर्थ है, "विश्वास करने वाला मनुष्य|"
* “मसीही” शब्द अंततः विश्वासियों का पदनाम हो गया क्योंकि इसके द्वारा संकेत मिलता है कि वे मसीह में विश्वास करते हैं और उसकी शिक्षाओं पर चलते हैं|
(यह भी देखें: [विश्वास](../kt/faith.md), प्रेरित, मसीह, शिष्य, [विश्वास](../kt/believer.md), भरोसा)
### 4. अविश्वास
"अविश्वास शब्द का अर्थ है, किसी मनुष्य या वस्तु पर विश्वास नहीं करना|
* बाईबल में "अविश्वास" का अर्थ है, यीशु में उद्धारक होने का विश्वास नहीं करना, भरोसा नहीं रखना|
* मनुष्य जो यीशु में विश्वास नहीं करता है उसको "अविश्वासी" कहा जाता है|
## अनुवाद के सुझाव
* "विश्वास करना" का नौवाद किया जा सकता है,जानना कि सच है" या "जानना कि न्यायोचित है"
* "में विश्वास करना" का अनुवाद हो सकता है, "पुर्णतः भरोसा रखना" या "भरोसा रखना और आज्ञा मानना" या "पूर्ण निर्भर करना और अनुसरण करना"
* कुछ अनुवादों में "यीशु के विश्वासी" या "मसीह के विश्वासी" कहना वरीयता में रखा गया है|
* इस शब्द का अनुवाद एक ऐसे शब्द या वाक्यांश द्वारा किया जा सकता है जिसका अर्थ हो, "यीशु पर भरोसा रखने वाला मनुष्य" या "मनुष्य जो यीशु को जानता है और उसके लिए जीता है"
* "विश्वासी" शब्द का अनुवाद करने की अन्य विधियां हो सकती हैं, "यीशु का अनुयायी" या "मनुष्य जो यीशु को जानता है और उसका आज्ञाकारी है"
* "विश्वासी" शब्द किसी भी विश्वासी के लिए एक सर्वनिष्ठ शब्द है जबकि "शिष्य" और "प्रेरित" शब्द मुख्यतः उन मनुष्यों के लिए विशिष्टता में काम में लिया गया था जिन्होंने यीशु को उसके पार्थिव जीवन में देखा था| इन शब्दों का अनुवाद अलग-अलग करना ही उचित होगा जिससे कि वे पृथक हों|
* "अविश्वास के अनुवाद के अन्य रूप हो सकते हैं, "विश्वास की कमी" या "विश्वास नहीं करना"
* "अविश्वासी" शब्द का अनुवाद किया जा सकता है, "यीशु में विश्वास नहीं करने वाला मनुष्य" या "यीशु में उद्धारक होने का विश्वास नहीं करने वाला मनुष्य"
(यह भी देखें:
(यह भी देखें: [विश्वास करना](../kt/believe.md), [प्रेरित](../kt/apostle.md), [मसीही](../kt/christian.md), [शिष्य](../kt/disciple.md), [विश्वास](../kt/faith.md), [भरोसा](../kt/trust.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [उत्पत्ति](rc://*/tn/help/gen/15/06), [15:06](rc://*/tn/help/gen/15/06)
* [उत्पत्ति](rc://*/tn/help/gen/15/06), [45:26](rc://*/tn/help/gen/45/26)
* [अय्यूब](rc://*/tn/help/job/09/16), [09:16-18](rc://*/tn/help/job/09/16)
* [हबक्कूक](rc://*/tn/help/hab/01/05), [01:5-7](rc://*/tn/help/hab/01/05)
* [मरकुस](rc://*/tn/help/mrk/01/14), [06:4-6](rc://*/tn/help/mrk/06/04)
* [मरकुस](rc://*/tn/help/mrk/01/14), [01:14-15](rc://*/tn/help/mrk/01/14)
* [लूका 09:41](rc://*/tn/help/luk/09/41)
* [यूहन्ना](rc://*/tn/help/1jn/03/23), [01:12](rc://*/tn/help/jhn/01/12)
* [प्रे.का.](rc://*/tn/help/act/28/23), [06:05](rc://*/tn/help/act/06/05)
* [प्रे.का.](rc://*/tn/help/act/28/23), [09:42](rc://*/tn/help/act/09/42)
* [प्रे.का.](rc://*/tn/help/act/28/23), [28:23-24](rc://*/tn/help/act/28/23)
* [रोमियों 03:03](rc://*/tn/help/rom/03/03)
* [1 कुरिन्थियों 06:01](rc://*/tn/help/1co/06/01)
* [1 कुरिन्थियों](rc://*/tn/help/1co/06/01), [09:05](rc://*/tn/help/1co/09/05)
* [2](rc://*/tn/help/2co/06/15), [कुरिन्थियों](rc://*/tn/help/1co/06/01) 06:15
* [इब्रानियों 03:12](rc://*/tn/help/heb/03/12)
* [1 यूहन्ना](rc://*/tn/help/1jn/03/23), [03:23](rc://*/tn/help/1jn/03/23)
* [उत्पत्ति 15:6](rc://*/tn/help/gen/15/06)
* [उत्पत्ति 45:26](rc://*/tn/help/gen/45/26)
* [अय्यूब 9:16-18](rc://*/tn/help/job/09/16)
* [हबक्कूक 1:5-7](rc://*/tn/help/hab/01/05)
* [मरकुस 6:4-6](rc://*/tn/help/mrk/06/04)
* [मरकुस1:14-15](rc://*/tn/help/mrk/01/14)
* [लूका 9:41](rc://*/tn/help/luk/09/41)
* [यूहन्ना 1:12](rc://*/tn/help/jhn/01/12)
* [प्रे.का 6:5](rc://*/tn/help/act/06/05)
* [प्रे.का. 9:42](rc://*/tn/help/act/09/42)
* [प्रे.का. 28:23-24](rc://*/tn/help/act/28/23)
* [रोमियों 3:3](rc://*/tn/help/rom/03/03)
* [1 कुरिन्थियों 6:1](rc://*/tn/help/1co/06/01)
* [1 कुरिन्थियों 9:5](rc://*/tn/help/1co/09/05)
* [2कुरिन्थियों 6:15](rc://*/tn/help/2co/06/15)
* [इब्रानियों 3:12](rc://*/tn/help/heb/03/12)
* [1 यूहन्ना 3:23](rc://*/tn/help/1jn/03/23)##बाईबल की कहानियों के उदाहरण
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाईबल की कहानियों के उदाहरण:
* **[03:04](rc://*/tn/help/obs/03/04)** नूह ने लोगों को बाढ़ के विषय में चेतावनी दी , और कहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराओ पर उन्होंने नूह पर **विश्वास** नहीं किया।
* **[04:08](rc://*/tn/help/obs/04/08)** अब्राम ने परमेश्वर की वाचा पर **विश्वास** किया। परमेश्वर ने घोषित किया कि अब्राम धर्मी है, क्योंकि उसने परमेश्वर की वाचा पर **विश्वास किया** है।
* **[11:02](rc://*/tn/help/obs/11/02)** परमेश्वर ने कहा कि, वो मनुष्य जो उस पर **विश्वास करेंगा** वह उसके पहिलौठे पुत्र को बचाएगा।
* **[11:06](rc://*/tn/help/obs/11/06)** **परन्तु मिस्र के लोग परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते थे या उसकी आज्ञा का पालन नहीं करते थे।**
* **[37:05](rc://*/tn/help/obs/37/05)** यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ। जो कोई मुझ पर **विश्वास करता** है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा। और हर कोई जो मुझ पर **विश्वास करता** है वह कभी न मरेंगा। क्या तू इस बात पर **विश्वास करती** है?”
* **[43:01](rc://*/tn/help/obs/43/01)** **यीशु के स्वर्ग लौटने के बाद, चेले यरूशलेम में ही रहे क्योंकि यीशु ने उन्हें ऐसा करने की आज्ञा दी थी। वहाँ के विश्वासी लगातार प्रार्थना करने के लिए इकट्ठे हुए।**
* **_*[43:03](rc://*/tn/help/obs/43/03) जब सभी विश्वासी एक साथ थे, अचानक वह घर जहाँ वे थे एक तेज आवाज की वायु से भर गया*_** । उन्हें आग के समान जीभें फटती हुई दिखाई दी और उनमें से हर एक पर आ ठहरी।
* **[43:13](rc://*/tn/help/obs/43/13) प्रतिदिन, बहुत से लोग विश्वासी बन गये**।
* **[46:06](rc://*/tn/help/obs/46/06)** **उस दिन से यरूशलेम में बहुत से लोगों ने यीशु के अनुयायियों को सताना शुरू कर दिया, इसलिए विश्वासी अन्य स्थानों पर भाग गए। लेकिन इसके बावजूद, जहाँ भी वे गए उन्होंने यीशु के बारे में प्रचार किया।**
* **_*[46:01](rc://*/tn/help/obs/46/01)*_** **_शाऊल वह युवक था, जिसने स्तिफनुस की हत्या करने वाले लोगों के परिधानों  पर पहरा दिया था। वह यीशु पर विश्वास नहीं करता था, इसलिए उसने विश्वासियों को सताया।_**
* **[46:09](rc://*/tn/help/obs/46/09)** कुछ लोग **यरूशलेम के** क्लेश के कारण तितर-बितर हो गए थे, और अन्ताकिया में पहुँच कर यीशु के बारे में प्रचार किया**। यह वही जगह है जहाँ पहली बार यीशु के विश्वासी को** **"मसीह" कहा गया था**।
* **[47:14](rc://*/tn/help/obs/47/14)** **उन्होंने कलीसियाओं में विश्वासियों को प्रोत्साहित करने और सिखाने के लिए कई पत्र भी लिखे।**
* __[3:4](rc://*/tn/help/obs/03/04)__ नूह ने लोगों को बाढ़ के विषय में चेतावनी दी , और कहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराओ पर उन्होंने नूह पर __विश्वास__ नहीं किया।
* __[4:8](rc://*/tn/help/obs/04/08)__ अब्राम ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर __विश्वास__ किया। परमेश्वर ने घोषित किया कि अब्राम धर्मी है, क्योंकि उसने परमेश्वर की वाचा पर __विश्वास किया__ है।
* __[11:2](rc://*/tn/help/obs/11/02)__ परमेश्वर ने कहा, जो मनुष्य उस पर __विश्वास करेंगा__ उसके पहिलौठे पुत्र को बचाने का का मार्ग उसने तैयार कर दिया है।
* __[11:6](rc://*/tn/help/obs/11/06)__परन्तु मिस्र के लोग परमेश्वर पर__ विश्वास__ नहीं करते थे या उसकी आज्ञा का पालन नहीं करते थे।
* __[37:5](rc://*/tn/help/obs/37/05)__ यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ। जो कोई मुझ पर __विश्वास करता__ है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा। और हर कोई जो मुझ पर __विश्वास करता__ है वह कभी न मरेंगा। क्या तू इस बात पर __विश्वास करती__ है?”
* **[43:1](rc://*/tn/help/obs/43/01)** **यीशु के स्वर्ग लौटने के बाद, चेले यरूशलेम में ही रहे क्योंकि यीशु ने उन्हें ऐसा करने की आज्ञा दी थी। वहाँ के**विश्वासी**लगातार प्रार्थना करने के लिए इकट्ठे होते थे।**
* __[43:3](rc://*/tn/help/obs/43/03)__ जब सब __विश्वासी__एक साथ थे, अचानक वह घर जहाँ वे थे एक तेज आवाज की वायु से भर गया। उन्हें आग के समान जीभें फटती हुई दिखाई दी और उनमें से हर एक__विश्वासी__ पर आ ठहरी।
* __[43:13](rc://*/tn/help/obs/43/13)__ प्रतिदिन, बहुत से लोग __विश्वासी__बनते गये।
* __[46:6](rc://*/tn/help/obs/46/06)__ उस दिन से यरूशलेम में बहुत से लोगों ने यीशु के अनुयायियों को सताना शुरू कर दिया, इसलिए __विश्वासी__ अन्य स्थानों पर भाग गए। लेकिन इसके बावजूद, जहाँ भी वे गए उन्होंने यीशु के बारे में प्रचार किया।
* __[46:1](rc://*/tn/help/obs/46/01)__शाऊल वह युवक था, जिसने स्तिफनुस की हत्या करने वाले लोगों के परिधानों  पर पहरा दिया था। वह यीशु पर विश्वास नहीं करता था, इसलिए उसने __विश्वासियों__ को सताया।
* __[46:9](rc://*/tn/help/obs/46/09)__ कुछ __विश्वासी__ यरूशलेम के क्लेश के कारण तितर-बितर हो गए थे, और उन्होंने अन्ताकिया में पहुँच कर यीशु के बारे में प्रचार किया।
* __[47:14](rc://*/tn/help/obs/47/14)__ उन्होंने कलीसियाओं में __विश्वासियों__ को प्रोत्साहित करने और सिखाने के लिए कई पत्र भी लिखे।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H539, H540, G543, G544, G569, G570, G571, G3982, G4100, G4102, G4103, G4135
* स्ट्रोंग्स: H0539, H0540, G05430, G05440, G05690, G05700, G05710, G39820, G41000, G41020, G41030, G41350

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@ -2,31 +2,31 @@
## परिभाषा:
“प्रिय” शब्द प्रीति की अभिव्यक्ति है कि जो ऐसे व्यक्ति का वर्णन करती है जिससे प्रेम किया जाता है और किसी का प्रिय है।
“प्रिय” शब्द प्रीति की अभिव्यक्ति है जो ऐसे व्यक्ति का वर्णन करती है जिससे प्रेम किया जाता है और जो किसी का प्रिय है।
* “प्रिय” शब्द का वास्तविक अर्थ है “प्रिय जन” या “जिसे प्रेम किया जाता है”
* परमेश्वर ने यीशु के लिए कहा कि वह उसका “प्रिय पुत्र है”
* प्रेरितों द्वारा लिखे मसीह कलीसियाओं के पत्रों में बार-बार सहविश्वासियों को “प्रिय” कहा था।
* प्रेरितों द्वारा मसीह की कलीसियाओं को लिख गए पत्रों में बार-बार सहविश्वासियों को “प्रिय” कहा था।
## अनुवाद के सुझाव:
* इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “स्नेही”, या “प्रिय जन” या “अति प्रिय” या “अति स्नेहमय”
* घनिष्ठ मित्रों के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है, “मेरे प्रिय मित्र” या “मेरे घनिष्ठ मित्र” अंग्रेजी भाषा में यह कहना स्वाभाविक है, “मेरे प्रिय मित्र पौलुस” या “पौलुस, मेरे प्रिय मित्र” अन्य भाषाओं में अलग-अलग उक्तियां अधिक स्वाभाविक होंगी
* ध्यान दें कि “प्रिय” शब्द परमेश्वर के प्रेम से आता है जो शर्तरहित है, निःस्वार्थ और बलिदान का है।
* घनिष्ठ मित्रों के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है, “मेरे प्रिय मित्र” या “मेरे घनिष्ठ मित्र” अंग्रेजी भाषा में यह कहना स्वाभाविक है, “मेरे प्रिय मित्र पौलुस” या “पौलुस, मेरे प्रिय मित्र” अन्य भाषाओं में इसको भिन्न रूप से क्रमबद्ध करनाअधिक स्वाभाविक होगा
* ध्यान दें कि “प्रिय” शब्द उस शब्द से निकलता है जो परमेश्वर के प्रेम का है जो शर्तरहित,निःस्वार्थ से आता है जो शर्तरहित है, निःस्वार्थ और आत्मत्याग का है।
(यह भी देखें: [प्रेम](../kt/love.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 04:14-16](rc://*/tn/help/1co/04/14)
* [1 यूहन्ना 03:1-3](rc://*/tn/help/1jn/03/01)
* [1 यूहन्ना 04:7-8](rc://*/tn/help/1jn/04/07)
* [मरकुस 01:9-11](rc://*/tn/help/mrk/01/09)
* [मरकुस 12:6-7](rc://*/tn/help/mrk/12/06)
* [प्रकाशितवाक्य 20:9-10](rc://*/tn/help/rev/20/09)
* [रोमियो 16:6-8](rc://*/tn/help/rom/16/06)
* [श्रेष्ठगीत 01:12-14](rc://*/tn/help/sng/01/12)
* [1 कुरिन्थियों 4:14-16](rc://*/tn/help/1co/04/14)
* [1 यूहन्ना 3:2](rc://*/tn/help/1jn/03/01)
* [1 यूहन्ना 4:7](rc://*/tn/help/1jn/04/07)
* [मरकुस 1:11](rc://*/tn/help/mrk/01/11)
* [मरकुस 12:6](rc://*/tn/help/mrk/12/06)
* [प्रकाशितवाक्य 20:9](rc://*/tn/help/rev/20/09)
* [रोमियो 16:8](rc://*/tn/help/rom/16/08)
* [श्रेष्ठगीत 1:14](rc://*/tn/help/sng/01/14)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H157, H1730, H2532, H3033, H3039, H4261, G25, G27, G5207
* Strong's: H157, H1730, H2532, H3033, H3039, H4261, G00250, G00270, G52070

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@ -7,7 +7,6 @@
* अब्राहम और नूह परमेश्वर की दृष्टि में निर्दोष थे।
* जिस मनुष्य को "निर्दोष" माना जाता है, वह परमेश्वर को आदर देनेवाला आचरण रखता है।
* एक बाइबल पद के अनुसार निर्दोष मनुष्य “परमेश्वर का भय मानता है और बुराई से दूर रहता है”।
* अनुवाद के सुझाव:
## ??

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# निन्दा, निन्दा करना, निन्दक
# निदा, निन्दा करना, निन्दक
## परिभाषा:
बाइबल में “निन्दा” शब्द का अर्थ है परमेश्वर या मनुष्य के प्रति घोर अपमान व्यक्त करना। किसी की “निन्दा” शब्द का अर्थ है किसी के विरूद्ध ऐसी बातें कहना कि सुननेवाला उसके बारे में गलत या बुरा सोचें।
बाइबल में “निन्दा” शब्द का अर्थ है परमेश्वर या मनुष्य के प्रति घोर अपमान के शब्दों का प्रयोग करना| किसी की “निन्दा” करने का अर्थ है किसी के विरूद्ध ऐसी बातें कहना कि सुननेवाला उसके बारे में गलत या बुरा सोचें।
* परमेश्वर की निन्दा करने का अर्थ अधिकतर यह होता था कि परमेश्वर के बारे में असत्य बातें कह कर उसका अपमान करना या परमेश्वर के सम्मान को हानि पहुंचाना या ऐसा अनैतिक व्यवहार करना जिससे परमेश्वर की प्रतिष्ठा गिरे।
* मनुष्य स्वयं को परमेश्वर कहे या अपने आप को भी परमेश्वर के तुल्य एक परमेश्वर कहे तो वह निन्दा है।
* कुछ अंग्रेजी बाइबल संस्करणों में जब मनुष्य के विरूद्ध कुछ कहा जाता है तो वे “मानहानि” (स्लेण्डर) शब्द का उपयोग करते हैं।
* परमेश्वर की निन्दा करने का अर्थ अधिकतर यह होता है कि परमेश्वर के बारे में असत्य बातें कह कर उस पर कलंक लगाना या उसका अपमान करना या अनैतिक व्यवहार करना जिससे परमेश्वर की प्रतिष्ठा गिरे।
* मनुष्य स्वयं को परमेश्वर कहे या दावा करे कि एकमात्र सच्चे परमेश्वर के अतिरिक्त भी कोई परमेश्वर है तो यह निंदा करना है|
* कुछ अंग्रेजी बाइबल संस्करणों में "कलंक" शब्द का उपयोग किया गाया है जब मनुष्यों के विरूद्ध कुछ कहा जाता है|
## अनुवाद के सुझाव:
@ -17,17 +17,17 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 तीमुथियुस 01:12-14](rc://*/tn/help/1ti/01/12)
* [प्रे.का. 06:10-11](rc://*/tn/help/act/06/10)
* [1 तीमुथियुस 1:12-14](rc://*/tn/help/1ti/01/12)
* [प्रे.का. 6:11](rc://*/tn/help/act/06/11)
* [प्रे.का. 26:9-11](rc://*/tn/help/act/26/09)
* [याकूब 02:5-7](rc://*/tn/help/jas/02/05)
* [यूहन्ना 10:32-33](rc://*/tn/help/jhn/10/32)
* [लूका 12:8-10](rc://*/tn/help/luk/12/08)
* [मरकुस 14:63-65](rc://*/tn/help/mrk/14/63)
* [मत्ती 12:31-32](rc://*/tn/help/mat/12/31)
* [मत्ती 26:65-66](rc://*/tn/help/mat/26/65)
* [भजन संहिता 074:9-11](rc://*/tn/help/psa/074/009)
* [लूका 12:10](rc://*/tn/help/luk/12/10)
* [मरकुस 14:64](rc://*/tn/help/mrk/14/64)
* [मत्ती 12:31](rc://*/tn/help/mat/12/31)
* [मत्ती 26:65](rc://*/tn/help/mat/26/65)
* [भजन संहिता 74:10](rc://*/tn/help/psa/074/010)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1288, H1442, H2778, H5006, H5007, H5344, G987, G988, G989
* स्ट्रोंग्स : H1288, H1442, H2778, H5006, H5007, H5344, G09870, G09880, G09890

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@ -1,48 +1,48 @@
# आशीष, धन्य, आशीर्वाद
# आशीष देना, धन्य, आशीर्वाद
## परिभाषा:
किसी को “आशीष” देना अर्थात किसी व्यक्ति या वस्तु के लिए अच्छी एवं लाभकारी बात होने की कामना करना।
किसी को “आशीष” देना अर्थात किसी व्यक्ति या वस्तु के लिए अच्छी एवं लाभकारी बात की कामना करना।
* किसी को आशीष देने का अर्थ उसके प्रति सकारात्मक एवं लाभकारी मनोकामना व्यक्त करना।
* किसी को आशीष देने का अर्थ यह भी हो सकता है, मनुष्य विशेष के लिए अच्छी एवं लाभकारी बात की मनोकामना व्यक्त करना।
* बाइबल के युग में पिता प्रायः अपनी सन्तान को विधिवत आशीष देते थे।
* परन्तु मनुष्य जब परमेश्वर को “धन्य”कहता है तब इस शब्द का अभिप्राय है, वे उसका गुणगान कर रहे हैं।
* कभी-कभी “आशीष” शब्द भोजन को खाने से पहले उसे पवित्र करना भी होता है या परमेश्वर को भोजन के लिए धन्यवाद देना और उसका गुणगान करना।
* परन्तु मनुष्य जब परमेश्वर को “धन्य”कहते हैं यइच्छा प्रकट करते हैं किप्रमेश्वर धन्य हो, तो इसका अर्थ है कि वे उसकी स्तुति करते हैं| तब इस शब्द का अभिप्राय है, वे उसका गुणगान कर रहे हैं।
* कभी-कभी “आशीष” शब्द भोजन को खाने से पहले उसे पवित्र करने की प्रक्रिया के लिए या भोजन के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करने एवं स्तुति करने के लिए भी काम में लिया जाता है|
## अनुवाद के सुझाव:
* “आशीष देना का अनुवाद “उदारता से प्रदान करना” या किसी पर अत्यधिक दया एवं कृपा प्रकट करना” भी हो सकता है।
* “परमेश्वर ने बहुत आशीष दी” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने बहुत भली वस्तुएँ दी” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
* “आशीष देना" का अनुवाद “उदारता से प्रदान करना” या किसी "पर अत्यधिक दया एवं कृपा प्रकट करना” भी हो सकता है।
* “परमेश्वर ने बहुत आशीष दी” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने बहुत भली वस्तुएँ दी” या “परमेश्वर ने बहुतायत से दिया" या "परमेश्वर समृद्धि प्रदान करेगा”।
* “वह आशीषित है” इसका अनुवाद हो सकता है, “वह बहुत लाभ उठाएगा” या “वह अच्छी-अच्छी वस्तुएँ प्राप्त करेगा” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
* “धन्य है वह पुरूष जो” इसका अनुवाद हो सकता है, “कितना धन्य है वह पुरुष जो”
* “धन्य है प्रभु परमेश्वर” ऐसी अभिव्यक्तियों का अनुवाद “प्रभु की स्तुति हो” या “ यहोवा की स्तुति करो” या “मैं परमेश्वर की स्तुति करता हूं”।
* “धन्य है वह पुरूष जो” इसका अनुवाद हो सकता है, “उस मनुष्य के लिए कैसा भला है जो"
* “धन्य है प्रभु परमेश्वर” ऐसी अभिव्यक्तियों का अनुवाद हो सकता है, “प्रभु की स्तुति हो” या “ यहोवा की स्तुति करो” या “मैं परमेश्वर की स्तुति करता हूं”।
* भोजन को आशिष देने के संदर्भ में इसका अनुवाद किया जा सकता है, “भोजन के लिए परमेश्वर का धन्यवाद किया” या “भोजन के लिए परमेश्वर का गुणगान किया” या “परमेश्वर की स्तुति करके भोजन को पवित्र किया”।
(यह भी देखें: [स्तुति करना](../other/praise.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 10:14-17](rc://*/tn/help/1co/10/14)
* [प्रे.का. 13:32-34](rc://*/tn/help/act/13/32)
* [इफिसियों 01:3-4](rc://*/tn/help/eph/01/03)
* [उत्पत्ति 14:19-20](rc://*/tn/help/gen/14/19)
* [यशायाह 44: 3-4](rc://*/tn/help/isa/44/03)
* [याकूब 01:22-25](rc://*/tn/help/jas/01/22)
* [लूका 06:20-21](rc://*/tn/help/luk/06/20)
* [1 कुरिन्थियों 10:16](rc://*/tn/help/1co/10/16)
* [प्रे.का. 13:34](rc://*/tn/help/act/13/34)
* [इफिसियों 1:3](rc://*/tn/help/eph/01/03)
* [उत्पत्ति 14:20](rc://*/tn/help/gen/14/20)
* [यशायाह 44: 3](rc://*/tn/help/isa/44/03)
* [याकूब 1:25](rc://*/tn/help/jas/01/25)
* [लूका 6:20](rc://*/tn/help/luk/06/20)
* [मत्ती. 26:26](rc://*/tn/help/mat/26/26)
* [नहेम्याह 09:5-6](rc://*/tn/help/neh/09/05)
* [रोमियो 04:9-10](rc://*/tn/help/rom/04/09)
* [नहेम्याह 9:5](rc://*/tn/help/neh/09/05)
* [रोमियो 4:9](rc://*/tn/help/rom/04/09)
## बाइबल कहानियों के उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[01:07](rc://*/tn/help/obs/01/07)__ परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा था और उसने उन्हें __आशीर्वाद दिया__
* __[01:15](rc://*/tn/help/obs/01/15)__ परमेश्वर ने अपने स्वरूप में आदम और हव्वा को बनाया। उस ने उन्हें __आशीष दिया__ और उन से कहा, “कई बच्चों और पोतो को पैदा करो और पृथ्वी में भर जाओ!”
* __[01:16](rc://*/tn/help/obs/01/16)__ इसलिये परमेश्वर ने जो कुछ वह कर रहा था उन सब से विश्राम लिया। उस ने सातवें दिन को __आशीष दिया__ और उसे पवित्र किया क्योंकि इस दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम िया था।
* __[04:04](rc://*/tn/help/obs/04/04)__ "मैं तुम्हारा नाम महान करूँगा। मैं __आशीष__ दूँगा उनको जो तुझे आशीर्वाद देगा, और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूँगा। पृथ्वी के सभी परिवारों को तेरे कारण __आशीष दिया__ जाएगा। "
* __[04:07](rc://*/tn/help/obs/04/07)__ मलिकिसिदक ने अब्राम को __आशीष दिया__ और कहा, " परमप्रधान परमेश्वर जो स्वर्ग और पृथ्वी का मालिक है अब्राम को आशीष दे।"
* __[07:03](rc://*/tn/help/obs/07/03)__ इसहाक अपनी __आशीष__ एसाव को देना चाहता था।
* __[08:05](rc://*/tn/help/obs/08/05)__ यहां तक कि जेल में, यूसुफ परमेश्वर के प्रति वफादार रहा, और परमेश्वर ने उसे __आशीष दिया__
* __[1:7](rc://*/tn/help/obs/01/07)__ परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है और उसने उन्हें __आशीर्वाद दिया__
* __[1:15](rc://*/tn/help/obs/01/15)__ परमेश्वर ने अपने स्वरूप में आदम और हव्वा को बनाया। उस ने उन्हें __आशीष दी__ और उन से कहा, “अनेक संतान और पोतो को जन्म देकर पृथ्वी में भर जाओ!”
* __[1:16](rc://*/tn/help/obs/01/16)__ इसलिये परमेश्वर जो कुछ वह कर रहा था उन सब से उसने विश्राम लिया। उस ने सातवें दिन को __आशीष द__ और उसे पवित्र किया क्योंकि इस दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम िया था।
* __[4:4](rc://*/tn/help/obs/04/04)__ "मैं तेरा नाम महान करूँगा। जो तुझे __आशीष__दे, उसको मैं आशीष दूंगा और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूँगा। तेरे कारण पृथ्वी के सब कुल __आशीष __ पाएंगे।"
* __[4:7](rc://*/tn/help/obs/04/07)__ मलिकिसिदक ने अब्राम को __आशीष दी__और कहा, "परमप्रधान परमेश्वर जो स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी है, अब्राम को आशीष दे।"
* __[7:3](rc://*/tn/help/obs/07/03)__ इसहाक एसाव को __आशीष__ देना चाहता था।
* __[8:5](rc://*/tn/help/obs/08/05)__ यहां तक कि जेल में भी यूसुफ परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य रहा, और परमेश्वर ने उसे __आशीष दी__
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H833, H835, H1288, H1289, H1293, G1757, G2127, G2128, G2129, G3106, G3107, G3108, G6050
* स्ट्रोंग्स: H0833, H0835, H1288, H1289, H1293, G17570, G21270, G21280, G21290, G31060, G31070, G31080, G60500

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@ -5,9 +5,7 @@
“लहू” शब्द का अर्थ है, मनुष्य के शरीर में जब चोट लगती है तब उसमें से निकलने वाली लाल रंग का तरल पदार्थ है। लहू मनुष्यों के शरीर में जीवनदायक पोषक तत्त्वों का प्रवाह करता है। लहू जीवन का प्रतीक है और जब वह बहाया जाता है तो इसका अर्थ है जान जाना या मृत्यु।
* जब मनुष्य परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाते थे तब वे पशु का वध करके उसका लहू वेदी पर उण्डेलते थे। यह पशु के जीवन की बलि द्वारा मनुष्यों के पाप का मूल्य चुकाने का प्रतीक था।
* “मांस और लहू” एक अभिव्यक्ति है जो मनुष्य को संदर्भित करता है।
* “अपना लहू और मांस” मनुष्यों के लहू का संबन्ध दर्शाती है।
## अनुवाद के सुझाव:

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@ -5,17 +5,17 @@
“घमण्ड” अर्थात किसी वस्तु या मनुष्य के बारे में गर्व की बातें करना। इसका अर्थ प्रायः स्वयं के बारे में बड़ाई करना होता है।
* “घमण्डी” मनुष्य अपने बारे में घमण्ड करता है।
* परमेश्वर ने इस्राएल क मूत्तियों पर घमण्ड करने के लिए झिड़का था। वे सच्चे परमेश्वर के स्थान में मूर्तिपूजा का हठ करते थे।
* बाइबल में लोगों की धन, सम्पदा, शक्ति, अच्छी खेती और नियमों पर घमण्ड करने का उल्लेख किया गया है। इसका अर्थ है कि वे इन बातों पर घमण्ड करते थे और इन सबके दाता परमेश्वर को नहीं मानते थे।
* इसकी अपेक्षा परमेश्वर इस्राएलियों से कहता था कि वे उससे जानने पर घमण्ड करें।
* प्रेरित पौलुस प्रभु में घमण्ड करने की बात कहता है अर्थात परमेश्वर ने जो किया है उसके लिए आनन्दित होकर उसका धन्यवाद करें।
* परमेश्वर ने इस्राएल क मूत्तियों पर घमण्ड करने के लिए झिड़का था। वे सच्चे परमेश्वर के स्थान में मूर्तिपूजा करने का हठ करते थे।
* बाइबल में लोगों के घमंड करने का उल्लेख है. धन-सम्पदा, शक्ति, अच्छी खेती और नियमों आदी पर घमण्ड करने का| इसका अर्थ है कि वे इन बातों पर घमण्ड करते थेऔर स्वीकार नहीं करते थे कि इन सबका दाता तो वास्तव में परमेश्वर ही है|
* परमेश्वर ने इस्राएलियों से कहा, इसकी अपेक्षा उमके लिए "घमंड" करने या गर्व करने का कारण होना चाहिए कि वे उसको जानते हैं|
* प्रेरित पौलुस प्रभु में घमण्ड करने की बात कहता है अर्थात परमेश्वर ने जो कुछ भी उनके लिए किया है उसके लिए आनंद के साथ परमेश्वर के आभारी होना|
## अनुवाद के सुझाव:
* “घमण्ड” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते है, “बड़ाई करना” या “घमण्ड से कहना” या “घमण्ड करना”
* “घमण्डी” शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ हो, “घमण्ड की बातों से भरा” या “घमण्डी” या “स्वयं की बड़ाई करना”
* परमेश्वर को जानने में घमण्ड करने के संदर्भ में अनुवाद हो सकता है, “में घमण्ड करना” या “में बड़ाई करना” के बारे में अत्यधिक प्रसन्न होना” या “के लिए परमेश्वर को धन्यवाद कहना”
* कुछ भाषाओं में “घमण्ड” के दो शब्द हैं, एक नकारात्मक-अभिमान और दूसरा सकारात्मक किसी के कार्य, परिवार और देश पर घमण्ड करना।
* परमेश्वर को जानने में घमण्ड करने के संदर्भ में अनुवाद हो सकता है, “में घमण्ड करना” या “में बड़ाई करना” या "के बारे में अत्यधिक प्रसन्न होना” या “के लिए परमेश्वर को धन्यवाद कहना”
* कुछ भाषाओं में “घमण्ड” के दो शब्द हैं, एक नकारात्मक अर्थात, अभिमान और दूसरा सकारात्मक अर्थात, अपने कार्य, परिवार और देश पर घमण्ड करना।
## अनुवाद के सुझाव:
@ -23,12 +23,12 @@
## बाइबल संदर्भ:
* [1 राजा 20:11-12](rc://*/tn/help/1ki/20/11)
* [2 तीमुथियुस 03:1-4](rc://*/tn/help/2ti/03/01)
* [याकूब 03:13-14](rc://*/tn/help/jas/03/13)
* [याकूब 04:15-17](rc://*/tn/help/jas/04/15)
* [भजन संहिता 044:7-8](rc://*/tn/help/psa/044/007)
* [1 राजा 20:11](rc://*/tn/help/1ki/20/11)
* [2 तीमुथियुस 3:1-4](rc://*/tn/help/2ti/03/01)
* [याकूब 3:14](rc://*/tn/help/jas/03/14)
* [याकूब 4:15-17](rc://*/tn/help/jas/04/15)
* [भजन संहिता 44:8](rc://*/tn/help/psa/044/008)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H1984, H3235, H6286, G212, G213, G2620, G2744, G2745, G2746, G3166
* Strong's: H1984, H3235, H6286, G02120, G02130, G26200, G27440, G27450, G27460, G31660

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@ -1,35 +1,36 @@
# देह, शरीरों
# देह, शरीर
## परिभाषा:
“देह” का सन्दर्भ मनुष्य या पशु का शरीर से है। इस शब्द का उपयोग प्रतीकात्मक रूप में किसी वस्तु या जनसमूह के लिए भी किया गया है।
“देह” का सन्दर्भ मनुष्य या पशु के शरीर से है। इस शब्द का उपयोग लाक्षणिक भाषा में किसी वस्तु या जनसमूह के लिए भी किया गया है।
* “देह” शब्द मृतक मनुष्य या मृतक पशु के संदर्भ में भी काम में आता है। कभी ऐसी देह के “मृतक देह” या “लोथ” कहा गया है।
* अन्तिम फसह के भोजन के समय यीशु ने रोटी तोड़कर अपने शिष्यों से कहा था, “यह मेरी देह है” तो वह अपने शरीर के बारे में कह रहा था जो उनके पापों के लिए तोड़ (मार डाला) जाएगा।
* बाइबल में विश्वासियों के समूह को “मसीह की देह” कहा गया है।
* जैसे शरीर के अनेक अंग होते हैं वैसे ही “मसीह की देह” के अनेक सदस्य हैं।
* मसीह की देह में प्रत्येक विश्वासी का अपना एक दायित्व है कि संपूर्ण समूह की सहायता करे कि वह एक साथ परमेश्वर की सेवा करे और उसका महिमान्वन करे।
* यीशु को उसके विश्वासी “देह” का “सिर” भी कहा गया है। जैसे मनुष्य का सिर अपने शरीर को निर्देश देता है कि उसे क्या करना है वैसे ही यीशु विश्वासियों को निर्देश एवं मार्गदर्शन प्रदान करता है कि उसकी “देह” के अंग होने के कारण उन्हें क्या करना है।
* मसीह की देह में प्रत्येक विश्वासी का अपना एक विशेष कार्य है जिससे सम्पूर्ण समुदाय को सहता मिलती है कि परमेश्वर की सेवा और उसके महिमान्वन निमित्त एल्जुत होकर कार्य करें|
* यीशु को उसके विश्वासियों क “देह” का “सिर” (अगुआ) भी कहा गया है। जैसे मनुष्य का सिर अपने शरीर को निर्देश देता है कि उसे क्या करना है वैसे ही यीशु है जो विश्वासियों का, अर्थात उसकी "देह" के अंगों का पथप्रदर्शन करता है और उनको निर्देश देता है|
## अनुवाद के सुझाव:
* इस शब्द के सर्वोत्तम अनुवाद हेतु लक्षित भाषा में शरीर के लिए सामान्यतः काम में लिए जाने वाले शब्द का उपयोग किया जाए। सुनिश्चित करें कि जिस शब्द का उपयोग किया गया है वह अस्वीकार्य तो नहीं।
* कुछ भाषाओं में विश्वासियों के समुदाय का सामूहिक संदर्भ देते समय “मसीह की आत्मिक देह” कहना अधिक स्वाभाविक एवं उचित होगा।
* जब यीशु कहता है, “यह मेरी देह” है तो इसे वास्तविक टिप्पणी के साथ ज्यों का त्यों रखना अधिक उचित है।
* कुछ भाषाओं में मृतक देह के लिए एक अलग शब्द प्रयोग में लिया जाता है जैसे मनुष्य के लिए “शव” और पशु के लिए “लोथ।” सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद संदर्भ में अर्थपूर्ण हो और स्वीकार्य भी हो।
* कुछ भाषाओं में विश्वासियों का सामूहिक संदर्भ देते समय उनको “मसीह की आत्मिक देह” कहना अधिक स्वाभाविक एवं उचित होगा।
* जब यीशु कहता है, “यह मेरी देह है" तो इसका अनुवाद ज्यों का त्यों करना ही अधिक उचित होगा और यदि आवशक हो तो व्याख्या हेतु टिपण्णी दी जाए|
* कुछ भाषाओं में मृतक देह के लिए एक अलग शब्द प्रयोग िया जाता है जैसे मनुष्य के लिए “शव” और पशु के लिए “लोथ।” सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद संदर्भ में अर्थपूर्ण हो और स्वीकार्य भी हो।
(यह भी देखें: [सिर](../other/head.md), [आत्मा](../kt/spirit.md))
(यह भी देखें:
[सिर](../other/head.md), [हाथ](../other/hand.md); [मुंह](../other/face.md); [कमर](../other/loins.md); [दाहिना हाथ](../kt/righthand.md); [जीभ](../other/tongue.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 10:11-12](rc://*/tn/help/1ch/10/11)
* [1 कुरिन्थियों 05:3-5](rc://*/tn/help/1co/05/03)
* [इफिसियों 04:4-6](rc://*/tn/help/eph/04/04)
* [न्यायियों 14:7-9](rc://*/tn/help/jdg/14/07)
* [गिनती 06:6-8](rc://*/tn/help/num/06/06)
* [भजन संहिता 031:8-9](rc://*/tn/help/psa/031/008)
* [रोमियो 12:4-5](rc://*/tn/help/rom/12/04)
* [1 इतिहास 10:12](rc://*/tn/help/1ch/10/12)
* [1 कुरिन्थियों 5:5](rc://*/tn/help/1co/05/05)
* [इफिसियों 4:4](rc://*/tn/help/eph/04/04)
* [न्यायियों 14:8](rc://*/tn/help/jdg/14/08)
* [गिनती 6:6-8](rc://*/tn/help/num/06/06)
* [भजन संहिता 31:9](rc://*/tn/help/psa/031/009)
* [रोमियो 12:5](rc://*/tn/help/rom/12/05)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H990, H1320, H1460, H1465, H1472, H1480, H1655, H3409, H4191, H5038, H5085, H5315, H6106, H6297, H7607, G4430, G4954, G4983, G5559
* स्ट्रोंग्स: H0990, H1320, H1460, H1465, H1472, H1480, H1655, H3409, H4191, H5038, H5085, H5315, H6106, H6297, H7607, G44300, G49540, G49830, G55590

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा:
* “बांधना” अर्थात किसी वस्तु को बांधकर रखना या सुरक्षित बन्धन में रखना। बंधी हुई या संयोजित वस्तुएं “बन्धन” में कहलाती हैं। इस शब्द की भूतकाल क्रिया “बांधा” है
* “बंधा” होने का अर्थ है किसी वस्तु से लिपटा या बंधा होना।
* प्रतीकात्मक रूप में मनुष्य किसी शपथ से “बांधा” होता है जिसका अर्थ कि उसने जो प्रण किया है उसे "पूरा करना" उसके लिए अनिवार्य है।
* “बंधन” में होना अर्थात किसी भी बांधने वाली वस्तु या सीमाओं में बंधे होना या किसी को बन्दीगृह में डालना। इसका संदर्भ प्रायः जंजीर, बेड़ियों या रस्सी से है जो मनुष्य की स्वतंत्रता को बाधित करती है।

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@ -2,32 +2,32 @@
## परिभाषा:
“भाई” शब्द प्रायः उस पुरुष के संदर्भ में होता है जिसकी माता/पिता किसी और की भी माता/पिता हो।
“भाई” शब्द प्रायः उस पुरुष के संदर्भ में अता है जिसका सम्बन्ध किसी के साथ माता या पिता के द्वारा हो|
* पुराने नियम में, "भाइयों" शब्द का उपयोग रिश्तेदारों या सहयोगियों के सामान्य संदर्भ के रूप में भी किया जाता है, जैसे कि एक ही जनजाति, कबीले, व्यवसाय या लोगों के समूह। जब इस तरह से उपयोग किया जाता है, तो यह शब्द पुरुषों और महिलाओं दोनों को संदर्भित कर सकता है।
* नये नियम में प्रेरित सामान्यतः विश्वासियों को भाई कहते थे, स्त्री-पुरुष दोनों को क्योंकि मसीह में सब विश्वासी एक ही आत्मिक परिवार के सदस्य माने जाते थे जिनका स्वर्गिक पिता परमेश्वर है।
* कभी-कभी प्रेरितों ने विश्वासी स्त्रियों के लिए भी बहन शब्द का उपयोग किया या कि पुरुष और स्त्री दोनों को संबोधित किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, याकूब जोर देकर सभी विश्वासियों के बारे में बात कर रहा है, जब वह "एक भाई या बहन को भोजन या कपड़ों की ज़रूरत है" कहता है।
* पुराने नियम में, "भाइयों" शब्द का उपयोग परिजनों या साथियों जैसे, एक ही गोत्र, कुल, व्यवसाय या जनजाति के सदस्यों के लिए सर्वनिष्ठ सन्दर्भ हेतु भी काम में लिया गया है| जब इस शब्द का उपयोग इस प्रकार किया जाता है तब इसका सन्दर्भ स्त्री-पुरुष दोनों से हो सकता है|
* नये नियम में प्रेरित सामान्यतः विश्वासियों के लिए "भाई" शब्द का उपयोग करते थे, जिसमे स्त्री-पुरुष दोनों समाहित होते थे|
* कभी-कभी प्रेरितों ने किसी विश्वासी स्त्री के लिए "बहन" शब्द का उपयोग किया है या बलाघात हेतु कि पुरुष और स्त्री दोनों को संबोधित किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, याकूब कहता है, "कोई भाई या बहन नंगे-उघाड़े हों और उन्हें प्रतिदिन भोजन की घटी हो" तो उसका बल सब विश्वासियों पर है|
## अनुवाद के सुझाव:
* उचित तो होगा कि इसका अनुवाद लक्षित भाषा के उस शब्द से किया जाए जो सगे भाई शब्द से किया जाए जब तक कि इसका अर्थ गलत न समझा जाए।
* पुराने नियम में विशेष करके “भाइयों” शब्द सामान्यतः एक ही परिवार या एक ही कुल या एक ही जाति के सदस्यों के लिए काम में लिया गया है इसका संभावित अनुवाद हो सकता है “परिजन” या “सगोत्र” या “इस्राएली भाई।”
* मसीह में सह-विश्वासी के लिए इसका अनुवाद हो सकता है “मसीह भाई” या “आत्मिक भाई”।
* यदि स्त्री पुरुष दोनों की चर्चा की जा रही है और भाई शब्द का अर्थ गलत समझा जा सकता है तो संबन्धों के सामान्य शब्द का उपयोग किया जाए जिसमें स्त्री पुरुष दोनों हों।
* इस शब्द का अनुवाद करने के अन्य तरीके स्त्री-पुरुष विश्वासियों के लिए काम में आनेवाला अनुवादित शब्द हो सकता है, “सहविश्वासी” या “मसीही भाई-बहन”।
* यह निर्धारित करने के लिए संदर्भ की जाँच करें कि क्या केवल पुरुषों को संदर्भित किया जा रहा है, या दोनों पुरुषों और स्त्रियों को शामिल किया गया है या नहीं।
* उचित तो यही होगा कि इसका अनुवाद लक्षित भाषा के उस शब्द से किया जाए जो सगे भाई के लिए काम में आने वाला शब्द हो जब तक कि इसका अर्थ गलत न निकले|
* पुराने नियम में विशेष करके “भाइयों” शब्द सामान्यतः एक ही परिवार या एक ही कुल या एक ही जाति के सदस्यों के लिए काम में लिया गया है इसका संभावित अनुवाद हो सकता है “परिजन” या “कुलभ्राता” या “साथी इस्राएली।”
* मसीह में सह-विश्वासी के सन्दर्भ में लिए इसका अनुवाद हो सकता है “मसीह में भाई” या “आत्मिक भाई”।
* यदि स्त्री पुरुष दोनों की चर्चा की जा रही है और "भाई" शब्द का अर्थ गलत समझा जा सकता है तो संबन्धों के सामान्य शब्द का उपयोग किया जाए जिसमें स्त्री पुरुष दोनों हों।
* इस शब्द का अनुवाद करने की अन्य विधियां जिनमें स्त्री-पुरुष विश्वासियों, दोनों को संदर्भित किया जा सकता है, "साथी विश्वासियों" या "मसीही भाइयों और बहनों"
* यह निश्चित करने के लिए संदर्भ की जाँच करें कि क्या केवल पुरुषों को संदर्भित किया जा रहा है, या पुरुषों और स्त्रियों दोनों को समाहित किया गया है|
(यह भी देखें: [प्रेरित](../kt/apostle.md), [पिता परमेश्वर](../kt/godthefather.md), [बहन](../other/sister.md), [आत्मा](../kt/spirit.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 07:26-28](rc://*/tn/help/act/07/26)
* [उत्पत्ति 29:9-10](rc://*/tn/help/gen/29/09)
* [लैव्यव्यवस्था 19:17-18](rc://*/tn/help/lev/19/17)
* [नहेम्याह 03:1-2](rc://*/tn/help/neh/03/01)
* [फिलिप्पियों 04: 21-23](rc://*/tn/help/php/04/21)
* [प्रकाशितवाक्य 01:9-11](rc://*/tn/help/rev/01/09)
* [प्रे.का. 7:26](rc://*/tn/help/act/07/26)
* [उत्पत्ति 29:10](rc://*/tn/help/gen/29/10)
* [लैव्यव्यवस्था 19:17](rc://*/tn/help/lev/19/17)
* [नहेम्याह 3:1](rc://*/tn/help/neh/03/01)
* [फिलिप्पियों 4: 21](rc://*/tn/help/php/04/21)
* [प्रकाशितवाक्य 1:9](rc://*/tn/help/rev/01/09)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H251, H252, H264, H1730, H2992, H2993, H2994, H7453, G80, G81, G2385, G2455, G2500, G4613, G5360, G5569
* स्ट्रोंग्स: H0251, H0252, H0264, H1730, H2992, H2993, H2994, H7453, G00800, G00810, G23850, G24550, G25000, G46130, G53600, G55690

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@ -21,7 +21,7 @@
* पौलुस और यूहन्ना यीशु के विश्वासियों को “बालकों” कहते हैं तो इसका अनुवाद “प्रिय सहविश्वासियों” हो सकता है।
* “प्रतिज्ञा की सन्तान” का अनुवाद हो सकता है “परमेश्वर की प्रतिज्ञा प्राप्त किए हुए लोग”।
(यह भी देखें: [वंशज](../other/descendant.md), वंश, [वादा](../kt/promise.md), [पुत्र](../kt/son.md), [आत्मा](../kt/spirit.md), [विश्वास](../kt/believer.md), [प्रिय](../kt/beloved.md)
(यह भी देखें: [वंशज](../other/descendant.md), वंश, [वादा](../kt/promise.md), [पुत्र](../kt/son.md), [आत्मा](../kt/spirit.md), [विश्वास](../kt/believer.md), [प्रिय](../kt/beloved.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -10,8 +10,6 @@
## अनुवाद सुझाव:
# ??
* “व्यवस्था” शब्द का अनुवाद भिन्न अर्थ में किया जाना सबसे अच्छा है। “आदेश” और “विधियों” की परिभाषा से भी इसकी तुलना करें।
* कुछ अनुवादक अपनी भाषा में एक ही शब्द द्वारा आज्ञा और ईश्वरीय आज्ञा का अनुवाद करना पसंद कर सकते हैं।
* अन्य अनुवादक ईश्वरीय आज्ञा के लिए एक विशेष शब्द का उपयोग करना पसंद कर सकते हैं, जो कि स्थायी, औपचारिक आज्ञाएँ जो परमेश्वर ने बनायीं है।

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@ -10,7 +10,6 @@
## अनुवाद के सुझाव:
* ​“तरस” (करूणा) के अनुवाद के अन्यरूप हैं, “हृदय की गहराई से सुधि लेना” या “सहायक दया”
* “तरस खाने वाला” (दयावान) का अनुवाद “सुधि लेने वाला और सहायता करने वाला” या “गहरा प्रेम एवं दया करने वाला”
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -1,13 +1,13 @@
# पवित्र करना, पवित्र ठहरेगा, संस्कार
# पवित्र करना, पवित्र किया, पवित्रीकरण संस्कार
## परिभाषा:
पवित्र करना का अर्थ है, परमेश्वर की सेवा हेतु किसी वस्तु या मनुष्य को समर्पित करना। जिस मनुष्य या वस्तु को अभिषेक कर दिया गया उसे पवित्र और परमेश्वर के लिए पृथक माना जाता था।
पवित्र करना का अर्थ है, परमेश्वर की सेवा हेतु किसी वस्तु या मनुष्य को समर्पित करना। जिस मनुष्य या वस्तु का पवित्रीकरण संस्कार कर दिया गया उसे पवित्र और परमेश्वर के लिए पृथक माना जाता था।
* इस शब्द का अर्थ “पवित्र करने” जैसा ही है परन्तु इसका अतिरिक्त अर्थ है, किसी को विधिवत परमेश्वर की सेवा हेतु पृथक करना।
* परमेश्वर के लिए पृथक की गई वस्तुओं में बलि के पशु, होमबलि की वेदी तथा निवास का मण्डप थे।
* परमेश्वर के लिए मनुष्यों का भी अभिषेक किया गया था, याजक, इस्राएली प्रजा तथा पहिलौठा
* कभी-कभी “अभिषेक” शब्द का अर्थ “शुद्धिकरण” भी होता था। विशेष करके जब मनुष्य या वस्तुओं को परमेश्वर की सेवा के लिए तैयार किया जाता था जिससे कि वे शुद्ध होकर परमेश्वर को ग्रहण योग्य हों।
* परमेश्वर के लिए मनुष्यों का भी पवित्रीकरण संस्कार किया जाता था जिनमें थे, याजक, इस्राएली प्रजा तथा पहिलौठे
* कभी-कभी “पवित्रीकरण” शब्द का अर्थ “शुद्धिकरण” भी होता था। विशेष करके जब मनुष्य या वस्तुओं को परमेश्वर की सेवा के लिए तैयार किया जाता था जिससे कि वे शुद्ध होकर परमेश्वर को ग्रहण योग्य हों।
## अनुवाद के सुझाव:
@ -18,7 +18,7 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 तीमुथियुस 04:3-5](rc://*/tn/help/1ti/04/03)
* [1 तीमुथियुस 4:3-5](rc://*/tn/help/1ti/04/03)
* [2 इतिहास 13:8-9](rc://*/tn/help/2ch/13/08)
* [यहेजकेल 44:19](rc://*/tn/help/ezk/44/19)

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@ -8,7 +8,7 @@
* मनुष्य जब एक दूसरे के साथ वाचा बांधते हैं तब वे कुछ प्रतिज्ञाएं करते हैं और उनका पूरा करना अनिवार्य होता है।
* मनुष्यों के मध्य वाचा के उदाहरण हैं, विवाह, व्यापारिक समझौते तथा देशों के मध्य संधि।
* संपूर्ण बाइबल में परमेश्वर ने अपने लोगों के साथ अनेक वाचाएं बांधी हैं।
* कुछ वाचाओं में परमेश्वर ने बिना शर्त अपनी भूमिका निभाने की प्रतिज्ञा की है। \* उदाहरणार्थ जब परमेश्वर ने मनुष्यों के साथ बाचा बांधी थी कि वह पृथ्वी को जल प्रलय से कभी नष्ट नहीं करेगा तो उसमें मनुष्यों की कोई भूमिका नहीं थी।
* कुछ वाचाओं में परमेश्वर ने बिना शर्त अपनी भूमिका निभाने की प्रतिज्ञा की है। * उदाहरणार्थ जब परमेश्वर ने मनुष्यों के साथ बाचा बांधी थी कि वह पृथ्वी को जल प्रलय से कभी नष्ट नहीं करेगा तो उसमें मनुष्यों की कोई भूमिका नहीं थी।
* अन्य वाचाओं में परमेश्वर ने अपनी भूमिका निभाने की शर्तें रखी थी कि मनुष्य आज्ञाओं को मानें और अपना कर्तव्य निभाएं।
शब्द "नई वाचा" परमेश्वर, अपने पुत्र, यीशु के बलिदान के माध्यम से अपने लोगों के साथ की गई प्रतिबद्धता या समझौते को दर्शाता है।

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@ -1,44 +1,43 @@
# श्राप, श्रापित, श्राप दे, कोसता है
# श्राप, श्रापित, श्राप दे रहा
## परिभाषा:
यह शब्द “श्राप” का अर्थ है कि नकारात्मक चीज़े किसी व्यक्ति या चीज़ के साथ हो जिसे श्राप दिया जा रहा है।
“श्राप” शब्द का अर्थ है, जिस मनुष्य या वास्तु को श्राप दिया जा रहा है उसके लिए अनर्थ बातों के होने का कारण बनना
* श्राप एक उच्चारण है कि किसी की हानि हो।
* किसी को श्राप देना एक अभिव्यक्ति या मनोकामना भी हो सकता है कि उस व्यक्ति के साथ बुरा हो।
* इसका संदर्भ किसी के लिए किसी के द्वारा दण्ड देना या दिया जाना या कुछ अशुभ सोचना होता है
* श्राप एक उच्चारण है कि किसी , मनुष्य या वास्तु की हानि हो।
* किसी को श्राप देना मन में उत्पन्न बुरे विषार की अभिव्यक्ति भी हो सकता है कि उस व्यक्ति के साथ बुरा हो।
* इसका संदर्भ किसी के लिए किसी के द्वारा दण्ड या अशुभ होने का कारण होना
## अनुवाद के सुझाव:
* इस शब्द का अनुवाद “अशुभ करवाना” या “अशुभ की घोषणा करना” या “बुरी बातें होने की शपथ खाना”, हो सकता है।
* आज्ञाकारी मनुष्यों पर परमेश्वर के श्राप के संदर्भ में अनुवाद इस प्रकार हो सकता है, “बुराई होने की अनुमति द्वारा दण्ड देना”
* “श्रापित” शब्द जब मनुष्यों के लिए हो तो इसका अनुवाद हो सकता है “(इस व्यक्ति) ज्यादा परेशानी का अनुभव होगा”।
* वाक्यांश "श्रापित होना" का अनुवाद किया जा सकता है, "(उस व्यक्ति) कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है।"
* वाक्यांश, "श्रापित भूमि है" का अनुवाद किया जा सकता है, "भूमि उपजाऊ नहीं होगी।"
* “श्रापित हो, जिस दिन मेरा जन्म हुआ" का भी अनुवाद किया जा सकता है, "मैं इतना दुखी हूं, बेहतर होता कि मेरा जन्म ही नहीं होता।"
* हालांकि, यदि लक्षित भाषा में वाक्यांश "श्रापित है" है और इसका अर्थ एक ही है, तो उसी वाक्यांश को रखना अच्छा है।
* इस शब्द का अनुवाद हो सकता है: “किसी के लिए अशुभ करवाना” या “अशुभ की घोषणा करना” या “बुरी बातें होने की शपथ खाना”, हो सकता है।
* परमेश्वर द्वारा उसकी आज्ञा न मानने वाली प्रजा पर भेजे जाने वाले श्राप के संदर्भ में अनुवाद इस प्रकार हो सकता है, “अनर्थ बातों को होने देने के द्वारा दण्ड देना”
* “श्रापित” शब्द जब मनुष्यों का वर्णन कर्ता हो, तो इसका अनुवाद हो सकता है, “(यह व्यक्ति) अमेक कठिनाइयों का अनुभव करेगा”।
* "श्रापित हो" इस उक्ति का अनुवाद किया जा सकता है, "(यह व्यक्ति) कठिनाइयों का अनुभव करे।"
* "श्रापित है वह भूमि" इस उक्ति का अनुवाद किया जा सकता है, "यह भूमि उपजाऊ न हो।"
* तथापि, यदि लक्षित भाषा में यह उक्ति, "श्रापित है" है और इसका अर्थ एक ही है, तो इसी उक्ति को रखना उचित होगा।
(यह भी देखें: [आशिष देना](../kt/bless.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 शमूएल 14:24-26](rc://*/tn/help/1sa/14/24)
* [2 पतरस 02:12-14](rc://*/tn/help/2pe/02/12)
* [गलातियों 03:10-12](rc://*/tn/help/gal/03/10)
* [गलातियों 03:15-16](rc://*/tn/help/gal/03/13)
* [उत्पत्ति 03:14-15](rc://*/tn/help/gen/03/14)
* [उत्पत्ति 03:17-19](rc://*/tn/help/gen/03/17)
* [याकूब 03:9-10](rc://*/tn/help/jas/03/09)
* [गिनती 22:5-6](rc://*/tn/help/num/22/05)
* [भजन संहिता 109:28-29](rc://*/tn/help/psa/109/028)
* [2 पतरस 2:12-14](rc://*/tn/help/2pe/02/12)
* [गलातियों 3:10](rc://*/tn/help/gal/03/10)
* [गलातियों 3:14](rc://*/tn/help/gal/03/14)
* [उत्पत्ति 3:14](rc://*/tn/help/gen/03/14)
* [उत्पत्ति 3:17-19](rc://*/tn/help/gen/03/17)
* [याकूब 3:10](rc://*/tn/help/jas/03/010)
* [गिनती 22:6](rc://*/tn/help/num/22/06)
* [भजन संहिता 109:28](rc://*/tn/help/psa/109/028)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[02:09](rc://*/tn/help/obs/02/09)__ परमेश्वर ने साँप से कहा, “तुम __शापित__ हों।
* __[02:11](rc://*/tn/help/obs/02/11)__ “अब भूमि __शापित__ है, और तुम्हें उसकी उपज खाने के लिये कड़ी मेहनत करनी होगी।”
* __[04:04](rc://*/tn/help/obs/04/04)__ “जो तुझे आशीर्वाद देंगे उन्हें मैं आशीष दूँगा और जो तुझे __श्राप__ देंगे उन्हें मैं __श्राप__ दूँगा।”
* __[39:07](rc://*/tn/help/obs/39/07)__ तब पतरस शपथ खाने लगा, “यदि मैं उस व्यक्ति को जानता हूँ तो परमेश्वर मुझे __श्राप__ दे।”
* __[50:16](rc://*/tn/help/obs/50/16)__ क्योंकि आदम और हव्वा ने परमेश्वर की आज्ञा का उलंघन किया और इस दुनिया में पाप को लाए, इसलिये परमेश्वर ने इसे __श्राप दिया__ और इसे नष्ट करने का निर्णय िया।
* __[2:09](rc://*/tn/help/obs/02/09)__ परमेश्वर ने साँप से कहा, “त__शापित__ है!
* __[2:11](rc://*/tn/help/obs/02/11)__ “अब भूमि __शापित__ है, और तुम्हें उसकी उपज खाने के लिये कड़ी मेहनत करनी होगी।”
* __[4:4](rc://*/tn/help/obs/04/04)__ “जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूँगा और जो तुझे __श्राप__ दें उन्हें मैं __श्राप__ दूँगा।”
* __[39:7](rc://*/tn/help/obs/39/07)__ तब पतरस शपथ खाने लगा, “यदि मैं उस व्यक्ति को जानता हूँ तो परमेश्वर मुझे __श्राप__ दे।”
* __[50:16](rc://*/tn/help/obs/50/16)__ क्योंकि आदम और हव्वा ने परमेश्वर की आज्ञा का उलंघन किया और इस दुनिया में पाप को लाए, इसलिये परमेश्वर ने इसे __श्राप दिया__ और इसे नष्ट करने का निर्णय िया।
## शब्द तथ्य:

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@ -2,27 +2,27 @@
## वर्णन:
पुराने नियम में “यहोवा का दिन” एक निश्चित समय के संबन्ध में है जब परमेश्वर मनुष्यों को पाप का दण्ड देगा।
पुराने नियम में “यहोवा का दिन” निश्चित समय (समयों) के सन्दर्भ में काम में लिया जाता है जब परमेश्वर मनुष्यों को पाप का दण्ड देगा।
* नये नियम में “प्रभु का दिन” उस समय के संदर्भ में है जब प्रभु यीशु पुनः आएगा और अन्त के समय में मनुष्यों का न्याय करेगा।
* न्याय और पुनरुत्थान का यह अन्तिम भावी समय जिसे “अन्तिम दिन” भी कहते हैं। यह समय तब आरंभ होगा जब प्रभु यीशु पापियों का न्याय करने आएगा और अपना स्थाई राज्य स्थापित करेगा।
* इन उक्तियों में “दिन” कभी-कभी वास्तव में दिन के ही संदर्भ में होता है या यह कभी “समय” या “अवसर” के संदर्भ में हो सकता है जिसकी अवधि दिन से अधिक हो सकती है।
* कभी-कभी दण्ड को “परमेश्वर के क्रोध का पड़ना” भी कहते हैं जो विश्वास नहीं करने वालों पर आएगा।
* नये नियम में “प्रभु का दिन” उस दिन या समय के संदर्भ में है जब प्रभु यीशु समय के अंत में मनुष्यों का न्याय कर के लिए पुनः आएगा।
* न्याय और पुनरुत्थान का यह अन्तिम भावी समय जिसे कभी कभी “अन्तिम दिन” भी कहते हैं। यह समय तब आरंभ होगा जब प्रभु यीशु पापियों का न्याय करने आएगा और अपना स्थाई राज्य स्थापित करेगा।
* इन उक्तियों में “दिन” शब्द कभी-कभी वास्तविक दिन के ही संदर्भ में होता है या यह “समय” या “अवसर” के संदर्भ में हो सकता है जिसकी अवधि दिन से अधिक हो सकती है।
* कभी-कभी दण्ड को “परमेश्वर के क्रोध का उंडेला जाना” भी कहते हैं जो विश्वास नहीं करने वालों पर आएगा।
## अनुवाद के सुझाव:
* प्रकरण के आधार पर “यहोवा का दिन” का अनुवाद होगा, “यहोवा का समय” या “वह समय जब यहोवा अपने बैरियों को दण्ड देगा” या “यहोवा के क्रोध का समय."
* “प्रभु का दिन” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “प्रभु के न्याय का समय” या “वह समय जब प्रभु यीशु मनुष्यों का न्याय करने आएगा”
(यह भी देखें: [दिन](../other/biblicaltimeday.md), [न्याय का दिन ](../kt/judgmentday.md), [प्रभु](../kt/lordgod.md), [पुनरुत्थान](../kt/resurrection.md), [यहोवा](../kt/yahweh.md))
(यह भी देखें: [दिन](../other/biblicaltimeday.md), [न्याय का दिन](../kt/judgmentday.md), [प्रभु](../kt/lordgod.md), [पुनरुत्थान](../kt/resurrection.md), [यहोवा](../kt/yahweh.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 05:3-5](rc://*/tn/help/1co/05/03)
* [1 थिस्सलुनीकियों 05:1-3](rc://*/tn/help/1th/05/01)
* [2 पतरस 03:10](rc://*/tn/help/2pe/03/10)
* [2 थिस्सलुनीकियों 02:1-2](rc://*/tn/help/2th/02/01)
* [प्रे.का. 02:20-21](rc://*/tn/help/act/02/20)
* [1 कुरिन्थियों 5:5](rc://*/tn/help/1co/05/05)
* [1 थिस्सलुनीकियों 5:2](rc://*/tn/help/1th/05/02)
* [2 पतरस 3:10](rc://*/tn/help/2pe/03/10)
* [2 थिस्सलुनीकियों 02:2](rc://*/tn/help/2th/02/02)
* [प्रे.का. 2:20-21](rc://*/tn/help/act/02/20)
* [फिलिप्पियों 1: 9-11](rc://*/tn/help/php/01/09)
## शब्द तथ्य:

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@ -1,28 +1,28 @@
# ऊँचा, ऊँचा किया, बढ़ाता, आनन्द
# ऊँचा करना, ऊँचा किया, प्रशंसा
## परिभाषा:
ऊँचा करना किसी की बहुत अधिक प्रशंसा करना और सम्मान देना। इसका अर्थ किसी को ऊँचे स्थान पर रखना भी है।
* बाइबल में ऊँचा करने का अर्थ परमेश्वर को प्रतिष्ठित करना है।
* जब मनुष्य अपनी बड़ाई करता है तब वह घमण्ड करता है और अपने बारे में अभिमानी है।
* बाइबल में "ऊँचा करने" का अर्थ परमेश्वर को प्रतिष्ठित करना है।
* जब मनुष्य अपनी प्रशंसा करता है तब वह घमण्ड करता है और अपने बारे में अभिमानी है।
## अनुवाद के सुझाव:
* “ऊँचा करने” के अनुवाद रूप हो सकता है “बहुत अधिक प्रशंसा” या “अत्यधिक सम्मान देना” या “गुणगान करना” या “किसी के बारे में ऊंचे विचार प्रकट करना”।
* कुछ संदर्भों में इसका अनुवाद ऐसे शब्दों या उक्तियों द्वारा हो सकता है जिन का अर्थ, “ऊंचे स्थान पर रखना” या “अधिक सम्मान देना” या “गर्व से कहना”
* “अपनी बड़ाई मत करो” का अनुवाद “अपने को बड़ा मत समझ” या “अपने मुँह मियां मिट्ठू मत बन”।
* “जो अपने आपको बड़ा समझते हैं” इसका अनुवाद, “जो अपने पर घमण्ड करते हैं” या “जो अभिमानी हैं”
* “ऊँचा करने” के अनुवाद रूप हो सकते हैं “बहुत अधिक प्रशंसा” या “अत्यधिक सम्मान देना” या “गुणगान करना” या “किसी के बारे में ऊंचे विचार प्रकट करना”।
* कुछ संदर्भों में इसका अनुवाद ऐसे शब्दों या उक्तियों द्वारा हो सकता है जिन का अर्थ, “ऊंचे स्थान पर रखना” या “अधिक सम्मान देना” या “ के बारे में गर्व से कहना”
* “अपनी प्रशंसा मत कर” का अनुवाद “अपने को बहुत बड़ा मत समझ” या “अपने मुँह मियां मिट्ठू मत बन”।
* “वे जो अपने आपको बड़ा समझते हैं” इसका अनुवाद हो सकता है, “जो अपने पर घमण्ड करते हैं” या “जो अपने बारे में बड़ी बड़ी बातें करते हैं”
(यह भी देखें: [स्तुति](../other/praise.md), [उपासना](../kt/worship.md), [महिमा करना](../kt/glorify.md), [घमण्ड करना](../kt/boast.md), [घमण्डी](../other/proud.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 पतरस 05:5-7](rc://*/tn/help/1pe/05/05)
* [2 शमूएल 22:47-49](rc://*/tn/help/2sa/22/47)
* [प्रे.का. 05:29-32](rc://*/tn/help/act/05/29)
* [फिलिप्पुस 02:9-11](rc://*/tn/help/php/02/09)
* [भजन संहिता 018:46-47](rc://*/tn/help/psa/018/046)
* [1 पतरस 5:5-7](rc://*/tn/help/1pe/05/05)
* [2 शमूएल 22:47](rc://*/tn/help/2sa/22/47)
* [प्रे.का. 5:31](rc://*/tn/help/act/05/31 )
* [फिलिप्पियों 2:9-11](rc://*/tn/help/php/02/09)
* [भजन संहिता 18:46](rc://*/tn/help/psa/018/046)
## शब्द तथ्य:

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@ -14,7 +14,6 @@
* कुछ संदर्भों में “विश्वास” का अनुवाद “आस्था-श्रद्धा” या “अधिकार” या “निश्चिय” या “भरोसा” किया जा सकता है।
* कुछ भाषाओं में इन शब्दों का अनुवाद “विश्वास करना” के क्रिया रूपों द्वारा किया जा सकता है। [भाववाचक संज्ञा](rc://*/ta/man/translate/figs-abstractnouns))
* "विश्वास रखना" का अनुवाद "यीशु पर विश्वास करना" या "यीशु पर विश्वास जारी रखें" द्वारा अनुवादित किया जा सकता है।
* ये वाक्य "विश्वास की गहरी सच्चाइयों को पकड़ना" का अनुवाद, "उन्हें यीशु के बारे में सारी सच्ची बातें मानना चाहिए जो उन्हें सिखाया गया हैके रूप में किया जा सकता है ।"
* "विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र" शब्द का अनुवाद "मेरे पुत्र के समान है क्योंकि मैंने उसे यीशु पर विश्वास करने के लिए सिखाया था" या "मेरा सच्चा आध्यात्मिक पुत्र, जो यीशु पर विश्वास करता है" का अनुवाद किया जा सकता है।

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@ -1,28 +1,38 @@
# भटकनेवाली, विश्वासघात
# अविश्वास,अनिष्ट, विश्वासघात,
## परिभाषा:
भटकनेवाली” अर्थात विश्वास से विमुख या विश्वास न करना।
अविश्वासी” अर्थात विश्वास से रहित रहना या विश्वास न करना।
* इस शब्द द्वारा उन लोगों का वर्णन किया गया है जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करते। वे अपने अनैतिक आचरण के द्वारा परमेश्वर में विश्वास नहीं करते है।
* भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह ने इस्राएल पर दोष लगाया था कि वे भटकनेवाली कन्या के स्वरूप हैं, वे परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते हैं।
* वे मूर्ति-पूजा करते थे और उन लोगों के सदृश्य परमेश्वर विरोधी काम करते थे जो परमेश्वर की आराधना नहीं करते थे और परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते थे।
* इस शब्द द्वारा उन लोगों का वर्णन किया गया है जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करते। उनके द्वारा विश्वास न करना उनके अनैतिक आचरण द्वारा प्रकट होता है।
* भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह ने इस्राएल पर दोष लगाया था कि वे विश्वास से विमुख हो गए हैं और परमेश्वर के अवज्ञाकारी हैं।
* वे मूर्ति-पूजा करते थे और उन जातिओं के सदृश्य परमेश्वर विरोधी रीतियों पर चलते थे जो परमेश्कावर की उपासना एवं आज्ञाओं का पालन नहीं करती थीं।
"अनिष्ट"शब्द उन लोगों का वर्णन करता है जो परमेश्वर की आज्ञाओं के अनुरूप जीवन निवाह नहीं करते हैं| अनिष्ट होने की दशा या अभ्यास को "अविश्वास" कहते हैं|
* इस्राएलियों को "विश्वास से विमुख"कहा गया था क्योंकि वे मूर्तिपूजा करने लगे थे और नाना प्रकार से परमेश्वर की आज्ञाओं का उल्लंघन कर रहे थे|
विवाहित जीवन में विश्वासघाती उसको कहा जाता है जो अपने जीवन साथी से विश्वासघात करता है|
* परमेश्वर ने "विश्वासघात" शब्द का उपयोग इसलिए किया कि इस्राएल के अवज्ञाकारी व्यवहार का वर्णन करे| वे न तो परमेश्वर की आज्ञा मान रहे थे और न ही उसका सम्मान कर रहे थे|
## अनुवाद के सुझाव
* प्रकरण के अनुसार “भटकनेवाली” का अनुवाद “अविश्वासी” या “विश्वास नहीं करने वाले” या “परमेश्वर के अवज्ञाकारी” या “विश्वास से विमुख” किया जा सकता है।
* प्रकरण के अनुसार “अविश्वासी” का अनुवाद “विश्वासघाती” या “विश्वास नहीं करने वाला” या “परमेश्वर का अवज्ञाकारी” या “विश्वास से विमुख” किया जा सकता है।
* “अविश्वास” का अनुवाद “विश्वासहीनता” या “अनिष्ठा” या “परमेश्वर से विरोध” किया जा सकता है।
* "विश्वासघाती" शब्द का अनुवाद किया जा सकता है, "मनुष्य जो (परमेश्वर के) निष्ठावान नहीं हैं," या "अनिष्ट जन" या "परमेश्वर की अवज्ञा करनेवाले" या "परमेश्वर से विद्रोह करनेवाले|"
* कुछ भाषाओं में, "विश्वास रहित" का अभिप्राय "अविश्वास" होता है|
(यह भी देखें: [नाम कैसे अनुवादित करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [विश्वास नहीं करने वाले](../kt/unbeliever.md), [अविश्वासी](../kt/unfaithful.md), [अवज्ञा](../other/disobey.md))
(यह भी देखें: [विश्वास करना](../kt/unbeliever.md), [निष्ठावान](../kt/faithful.md), [अवज्ञा](../other/disobey.md), [व्यभिचार](../kt/adultery.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [यहेजकेल 43:6-8](rc://*/tn/help/ezk/43/06)
* [एज्रा 09:1-2](rc://*/tn/help/ezr/09/01)
* [यिर्मयाह 02:18-19](rc://*/tn/help/jer/02/18)
* [नीतिवचन 02:20-22](rc://*/tn/help/pro/02/20)
* [एज्रा 9:1-2](rc://*/tn/help/ezr/09/01)
* [यिर्मयाह 2:19](rc://*/tn/help/jer/02/01)
* [नीतिवचन 2:22](rc://*/tn/help/pro/02/22)
* [प्रकाशितवाक्य 21:7-8](rc://*/tn/help/rev/21/07)
## शब्द तथ्य:

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@ -5,20 +5,16 @@
“अनुग्रह” अर्थात चुनना। जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति का पक्ष लेता है, वह उस व्यक्ति को सकारात्मक रूप में देखता है और उस व्यक्ति को अन्यों के अपेक्षा ज्यादा लाभ देता है।
* ​यीशु परमेश्वर और मनुष्यों के “अनुग्रह में” बढ़ता गया। अर्थात उन्होंने उसके चरित्र और आचरण का अनुमोदन किया।
* किसी का “अनुग्रह पात्र होना” का अर्थ है, किसी के द्वारा किसी व्यक्ति का अनुमोदन करना।
* राजा किसी पर अनुग्रह करता है तो उसका अर्थ प्रायः यह होता है कि राजा ने उसकी विनती स्वीकार कर ली है।
* "पक्ष" संकेत या क्रिया है जो किसी अन्य व्यक्ति के लिए लाभदायक हो।
* “विशेष अनुग्रह” का अर्थ है, कुछ लोगों के साथ अन्यों की अपेक्षा पक्षपात करना। इसका अर्थ है जो प्रवृत्ति एक व्यक्ति या वस्तु पर अधिक प्राथमिकता देती है क्योंकि वह व्यक्ति या चीज़ अधिक पसंदीदा है। आम तौर पर, पक्षपात को अनुचित माना जाता है।
## अनुवाद के सुझाव:
* “अनुग्रह” के अन्य अनुवाद “आशिष” या “लाभ” हो सकता है।
* “यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष” का अनुवाद “परमेश्वर के अनुग्रह का वर्ष” हो सकता है।
* शब्द "पक्षपात" का अनुवाद "भेदभाव" या "पूर्वाग्रहित" या "अन्यायपूर्ण व्यवहार" के रूप में किया जा सकता है। \* यह शब्द "पसंदीदा" शब्द से संबंधित है, जिसका अर्थ है "जो पसंद किया गया है या सर्वश्रेष्ठ प्यार करता है।"
* शब्द "पक्षपात" का अनुवाद "भेदभाव" या "पूर्वाग्रहित" या "अन्यायपूर्ण व्यवहार" के रूप में किया जा सकता है। * यह शब्द "पसंदीदा" शब्द से संबंधित है, जिसका अर्थ है "जो पसंद किया गया है या सर्वश्रेष्ठ प्यार करता है।"
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -1,39 +1,39 @@
# पूरा कर, पूरा हुआ
# पूरा कर, पूरा हुआ, सिद्ध किया
## परिभाषा:
“पूरा कर” अर्थात किसी अपेक्षित कार्य को पूरा करना।
* जब भविष्यद्वाणी पूरी होती है तो इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने जिस बात की भविष्यद्वाणी की थी उसे पूरा किया।
* जब भविष्यद्वाणी पूरी होती है तो इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने भविष्यद्वाणी में जो कहा था उसे पूरा किया।
* यदि मनुष्य अपनी प्रतिज्ञा या शपथ पूरी करता है तो इसका अर्थ है कि उसने जो कहा था उसे निभाया।
* उत्तरदायित्व को पूरा करने का अर्थ है किसी दिए गए कार्य या अनिवार्य कार्य को पूरा करना।
## अनुवाद के सुझाव:
* “संपन्न करना” या “समापन करना” या “होने के लिए कुछ करना” या “आज्ञा मानना” या “प्रदर्शन करना”
* “पूरा किया जा चुका” का अनुवाद हो सकता है, “सच हो गया” या “हो चुका है” या “संपन्न हो चुका है”
* “पूरा करना” जैसे “अपनी सेवा पूरी करो” इसका अनुवाद हो सकता है, “पूर्ण करो” या “निभाओ” या “मनुष्यों की सेवा वैसी करो जैसे परमेश्वर ने तुम्हें करने के लिए बुलाया है”।
* प्रकरण के अनुसार, "पूरा करना" का अनुवाद हो सकता है, “संपन्न करना” या “पूर्ण करना” या “सिद्ध होने का कारण उत्पन्न करना" या “आज्ञा मानना” या “क्रियान्वन करना”
* “पूरा किया जा चुका” का अनुवाद हो सकता है, “सच हो गया” या “यथावत हो चुका है” या “संपन्न हो चुका है”
* "अपनी सेवा पूरी करना" के परिप्रेक्ष्य में “पूरा करना” का अनुवाद हो सकता है, "निष्पादन" या "निभाना" या "अभ्यासरत होना" “अपनी सेवा पूरी करो” इसका अनुवाद हो सकता है, “पूर्ण करो” या “निभाओ” या “मनुष्यों की सेवा वैसी करो जैसे परमेश्वर ने तुम्हें करने के लिए बुलाया है”।
(यह भी देखें: [भविष्यद्वक्ता](../kt/prophet.md), [मसीह](../kt/christ.md), [सेवक](../kt/minister.md), [बुलाहट](../kt/call.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 राजा 02:26-27](rc://*/tn/help/1ki/02/26)
* [1 राजा 02:26-27](rc://*/tn/help/1ki/02/27)
* [प्रे.का. 03:17-18](rc://*/tn/help/act/03/17)
* [लैव्यव्यवस्था 22:17-19](rc://*/tn/help/lev/22/17)
* [लूका 04:20-22](rc://*/tn/help/luk/04/20)
* [लूका 04:21](rc://*/tn/help/luk/04/21)
* [मत्ती 01:22-23](rc://*/tn/help/mat/01/22)
* [मत्ती 05:17-18](rc://*/tn/help/mat/05/17)
* [मत्ती 05:17](rc://*/tn/help/mat/05/17)
* [भजन संहिता 116:12-15](rc://*/tn/help/psa/116/012)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[24:04](rc://*/tn/help/obs/24/04)__ यूहन्ना न वह __पूरा किया__ जो यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक में लिखा था, “देख मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे लिए मार्ग सुधारेगा।”
* __[40:03](rc://*/tn/help/obs/40/03)__ सैनिकों ने यीशु के कपड़ों के लिये जुआ खेला। जब उन्होंने ये किया तो उन्होंने यह भविष्यवाणी को __पूरा किया__ कि, “वे मेरे वस्त्र आपस में बाँटते हैं, और मेरे पहिरावे के लिए जुआ खेलते हैं।”
* __[42:07](rc://*/tn/help/obs/42/07)__ यीशु ने कहा, "मैंने तुमसे कहा था कि परमेश्वर के शब्द में मेरे बारे में जो कुछ लिखा हुआ है वह __पूरा होना__ चाहिए।"
* __[43:05](rc://*/tn/help/obs/43/05)__परन्तु यह वह बात है जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई थी। परमेश्वर कहता है कि, “अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उँडेलूँगा।”
* __[43:07](rc://*/tn/help/obs/43/07)__ “यीशु की मृत्यु हुई परन्तु उसी को परमेश्वर ने मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया, और यह भविष्यद्वाणी की गई थी कि, ‘न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया और न उसकी देह सड़ने पाई।’
* __[44:05](rc://*/tn/help/obs/44/05)__ यधपि तुम्हे नहीं पता था कि क्या करते हो, परन्तु परमेश्वर ने तुम्हारे कामो का इस्तेमाल किया भविष्यवाणियों को __पूरा करने __के लिए, कि उसका मसीह दुःख उठाएगा, और मारा जाएँगा।
* __[24:4](rc://*/tn/help/obs/24/04)__ यूहन्ना न वह __पूरा किया__ जो यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक में लिखा था, “देख मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे लिए मार्ग सुधारेगा।”
* __[40:3](rc://*/tn/help/obs/40/03)__ सैनिकों ने यीशु के कपड़ों के लिये चिट्ठियाँ डालीं। जब उन्होंने ऐसा किया तो यह भविष्यवाणी __पूरी हुई __ कि, “वे मेरे वस्त्र आपस में बाँटते हैं, और मेरे वस्त्रों के लिए चिट्ठियां डालते हैं।”
* __[42:7](rc://*/tn/help/obs/42/07)__ यीशु ने कहा, "मैंने तुमसे कहा था कि परमेश्वर के वचन में मेरे बारे में जो कुछ लिखा हुआ है वह __पूरा होना__ अवश्य है।"
* __[43:5](rc://*/tn/help/obs/43/05)__ यहाँ योएल भविष्यद्वक्ता द्वारा की गई "भविष्यद्वाण __पूरी होती__ है। परमेश्वर कहता है, “अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उँडेलूँगा।”
* __[43:7](rc://*/tn/help/obs/43/07)__यह भाविश्द्वानी __पूरी हुई__ ‘न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया और न उसकी देह सड़ने पाई।’
* __[44:5](rc://*/tn/help/obs/44/05)__ यधपि तुम जानते नहीं थे कि क्या करते थे, परन्तु परमेश्वर ने तुम्हारे कामो से भविष्यवाणियों को __पूरा किया __ कि उसका मसीह दुःख उठाएगा, और मारा जाएँगा।
## शब्द तथ्य:

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@ -16,7 +16,7 @@
* “परमेश्वर की महिमा करना” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की स्तुति करना” या “परमेश्वर की महानता की चर्चा करना” या “दिखाना कि परमेश्वर कैसा महान है”, या “परमेश्वर को (आज्ञा मानकर)प्रतिष्ठित करना”।
* शब्द "महिमा हो" का अनुवाद भी किया जा सकता है, "बहुत महान होना दिखाया जाए" या "स्तुति की जाए" या "ऊंचा हो।"
(यह भी देखें: [बड़ाई करना](../kt/exalt.md), [महिमा](../kt/glory.md), [आज्ञापालन ](../other/obey.md), [स्तुति](../other/praise.md))
(यह भी देखें: [बड़ाई करना](../kt/exalt.md), [महिमा](../kt/glory.md), [आज्ञापालन](../other/obey.md), [स्तुति](../other/praise.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -9,7 +9,7 @@
## अनुवाद के सुझाव
* “ईश्वर-भक्त” का अनुवाद “परमेश्वर परायण लोग” या “परमेश्वर की आज्ञा मानने वाले लोग” (देखें: [नाममात्र](rc://*/ta/man/translate/figs-nominaladj)
* “ईश्वर-भक्त” का अनुवाद “परमेश्वर परायण लोग” या “परमेश्वर की आज्ञा मानने वाले लोग” (देखें: [नाममात्र](rc://*/ta/man/translate/figs-nominaladj))
* विशेषण "ईश्वरीय" का अनुवाद "ईश्वर के आज्ञाकारी" या "धर्मी" या "ईश्वर को प्रसन्न" के रूप में किया जा सकता है।
* वाक्यांश "ईश्वरीय ढंग से" का अनुवाद "परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार" या "कर्मों और शब्दों से किया गया है जो परमेश्वर को खुश करता है" के रूप में किया जा सकता है।
* "भक्ति" का अनुवाद करने के तरीके में "परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले तरीके से काम करना" या "परमेश्वर का पालन करना" या "एक धर्मी तरीके से जी रहे" हो सकते हैं।

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@ -38,7 +38,7 @@
* __[01:04](rc://*/tn/help/obs/01/04)__ परमेश्वर ने देखा कि जो सृष्टि उसने की है वह __अच्छी__ है।।
* __[01:11](rc://*/tn/help/obs/01/11)__ परमेश्वर ने __अच्छे__ और बुरे के ज्ञान का पेड़ लगाया।
* __[01:12](rc://*/tn/help/obs/01/12)__ फिर परमेश्वर ने कहा “आदमी का अकेला रहना __अच्छा__ नहीं है।”
* __ \[02:04](rc://*/tn/help/obs/02/04)__ "परमेश्वर इतना जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाते हो, तो तुम परमेश्वर की तरह हो जाओगे और __अच्छा__ और बुरे को समझोगे जैसा वह समझता है।"
* __ [02:04](rc://*/tn/help/obs/02/04)__ "परमेश्वर इतना जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाते हो, तो तुम परमेश्वर की तरह हो जाओगे और __अच्छा__ और बुरे को समझोगे जैसा वह समझता है।"
* __[08:12](rc://*/tn/help/obs/08/12)__ "आपने दास के रूप में मुझे बेचकर तुमने बुराई करने की कोशिश की, लेकिन परमेश्वर ने __भलाई__ के लिए बुराई का इस्तेमाल किया!"
* __[14:15](rc://*/tn/help/obs/14/15)__ यहोशू एक __अच्छा__ अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर विश्वास करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
* __[18:13](rc://*/tn/help/obs/18/13)__ कुछ राजा __अच्छे__ मनुष्य भी थे, जिन्होंने उचित रूप से शासन किया और परमेश्वर की उपासना की।

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@ -1,34 +1,34 @@
# दोष, दोषी ठहरा
# दोष, दोषी
## परिभाषा:
“दोष” का अर्थ है पाप करने तथा अपराध करने का सत्य
“दोष” शब्द का संदर्भ पाप करने या अपराध से है
* “दोषी होना” अर्थात नैतिक रूप में अनुचित काम करना अर्थात परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करना।
* “दोषी होना” अर्थात नैतिकता के क्षत्र में अनुचित काम करना अर्थात परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करना।
* “दोषी” का विलोम शब्द है “निर्दोष”
## अनुवाद के सुझाव:
* कुछ भाषाओं में “दोष” का अनुवाद “पाप का बोझ” या “पाप का गिनना” किया गया है।
* “दोषी होने” की अनुवाद रूप हो सकते हैं, “दोषी होना” या “नैतिकता के आधार पर गलत काम करना” या “पाप करना”
* “दोषी होने” के अनुवाद रूपों में ऐसा शब्द या उक्ति हो सकते हैं जिनके अर्थ हो सकते हैं, “अपराधग्रस्त होना” या “नैतिकता के क्षेत्र में गलत काम करना” या “पाप करना”
(यह भी देखें: [निर्दोष](../kt/innocent.md), [अधर्म के काम](../kt/iniquity.md), [दण्ड देना](../other/punish.md), [पाप](../kt/sin.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [निर्गमन 28:36-38](rc://*/tn/help/exo/28/36)
* [यशायाह 06:6-7](rc://*/tn/help/isa/06/06)
* [याकूब 02:10-11](rc://*/tn/help/jas/02/10)
* [यूहन्ना 19:4-6](rc://*/tn/help/jhn/19/04)
* [योना 01:14-16](rc://*/tn/help/jon/01/14)
* [यशायाह 6:7](rc://*/tn/help/isa/06/07)
* [याकूब 2:10-11](rc://*/tn/help/jas/02/10)
* [यूहन्ना 19:4](rc://*/tn/help/jhn/19/04)
* [योना 1:14](rc://*/tn/help/jon/01/14)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[39:02](rc://*/tn/help/obs/39/02)__ वे कई झूठे गवाह लाए जो यीशु के बारे में झूठ बोल रहे थे। हालांकि, उनके बयान एक दूसरे से नहीं मिल रहे थे, इसलिये यहूदी नेता यीशु को __दोषी__ साबित नहीं कर सके
* __[39:11](rc://*/tn/help/obs/39/11)__ यीशु से बात करने के बाद पिलातुस भीड़ मे आया, और कहा, “मैं तो इस व्यक्ति में कोई __दोष__ नहीं पाता।” परन्तु यहूदी गुरुओं ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस में चढ़ा दो।” पिलातुस ने कहा कि, “मैं इसमें कोई __दोष__ नहीं पाता।” वह और जोर से चिल्लाने लगे। पिलातुस ने तीसरी बार कहा कि “मैं इसमें कोई __दोष__ नहीं पाता।”
* __[39:2](rc://*/tn/help/obs/39/02)__ वे कई झूठे गवाह लाए जो यीशु के बारे में झूठ बोल रहे थे। परन्तु उनके बयान एक दूसरे से नहीं मिल रहे थे, इसलिये यहूदी अगुवे यीशु को __दोषी__ सिद्ध नहीं कर पाए
* __[39:11](rc://*/tn/help/obs/39/11)__ यीशु से बात करने के बाद पिलातुस भीड़ के साे आया, और कहा, “मैं तो इस व्यक्ति में कोई __दोष__ नहीं पाता।” परन्तु यहूदी गुरुओं ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस पर चढ़ा।” पिलातुस ने कहा , “मैं इसमें कोई __दोष__ नहीं पाता।” परन्तु वे और जोर से चिल्लाने लगे। पिलातुस ने तीसरी बार कहा “यह __दोषी__ नहीं है।”
* __[40:04](rc://*/tn/help/obs/40/04)__ यीशु को दो डाकुओ के बीच क्रूस पर चढ़ाया गया। उनमें से एक जब यीशु का ठट्ठा उड़ा रहा था तो ,दूसरे ने कहा कि, “क्या तू परमेश्वर से नहीं डरता? हम __अपराधी__ है पर ,यह तो बेगुनाह है।”
* __[49:10](rc://*/tn/help/obs/49/10)__ अपने ही पापों के कारण, तुम __अपराधी__ हो और मृत्यु के योग्य हो।
* __[49:10](rc://*/tn/help/obs/49/10)__ अपने ही पापों के कारण, तुम __दोषी__ हो और मृत्यु के योग्य हो।
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H816, H817, H818, H5352, H5355, G338, G1777, G3784, G5267
* Strong's: H0816, H0817, H0818, H5352, H5355, G0338, G1777, G3784, G5267

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@ -6,7 +6,6 @@
* “आकाशमण्डल” वह है जिसे हम पृथ्वी पर से देखते हैं, सूर्य, चाँद और सितारे। उसमें आकाशीय पिण्ड भी हैं जिन्हें हम देख नहीं सकते।
* “आकाश” वह स्थान है जो नीला है और उसमें श्वास लेने के लिए हवा है। सूर्य और चाँद को सामान्यतः “आकाश में स्थित” मानते हैं।
* बाइबल के कुछ संदर्भों में “स्वर्ग” का अर्थ आकाश या परमेश्वर का निवास स्थान भी होता है।
## अनुवाद के सुझाव:

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@ -2,43 +2,46 @@
## परिभाषा:
“महायाजक” वह याजक था जो सब इस्राएली भाषाओं का अगुआ नियुक्त किया जाता था जिसका कार्यकाल एक वर्ष था।
“महायाजक” शब्द उस विशेष याजक के सन्दर्भ में है जिसकी नियुक्ति सब इस्राएली याजकों के ऊपर एक वर्ष की सेवा के लिए की जाती थी। नए नियम के युग में, कुछ ऐसे याजक भी थे जिनको अत्यधिक महत्त्वपूर्ण यहूदी धर्म गुरु माना जाता था| उन्हें अन्य याजकों और मनुष्यों पर अधिकार होता था| ये प्रधान याजक थे|
* महायाजक के विशेष उत्तरदायित्व थे। एकमात्र वही था जो वर्ष में एक बार विशेष बलि चढ़ाने के लिए वर्ष में एक बार मन्दिर के परम-पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकता था।
* महायाजक के विशेष उत्तरदायित्व थे। एकमात्र वही था जो वर्ष में एक बार विशेष बलि चढ़ाने के लिए मिलाप वाले तम्बू या मन्दिर के परम-पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकता था।
* इस्राएल में याजक तो अनेक थे परन्तु एक बार में एक ही महायाजक होता था।
* जब यीशु को बन्दी बनाया गया था तब कैफा अधिकृत महायाजक था। कभी-कभी कैफा के ससुर हन्ना का भी उल्लेख किया गया है, वह पूर्व महायाजक था और संभवतः प्रजा पर उसका सामर्थ्य और अधिकार अब भी था।
* सेवानिवृत हो जाने के बाद भी महायाजक अपनी उपाधि प्रतिधारित रखता था वरन उसके पास कुछ कर्यकारी उत्तरदायित्व भे होते थे| उदाहरणार्थ, हन्ना कैफा के महायाजक होते हुए भी महायाजक कहलाता था|
* प्रधान याजकों का उत्तरदायित्व था कि मंदिर में आराधना के लिए सब आवश्यकताओं की पूर्ती करें| वे मंदिर में दिए जाने वाले पैसों के भी प्रभारी थे|
* प्रधान याजक, पद और अधिकारों में अन्य याजकों से ऊपर थे| उनसे अधिक अधिकार संपन्न केवल महायाजक था|
* ये प्रधान याजक यीशु के बैरियों में से थे और उन्होंने रोमी अधिकारियों को प्रभावित किया कि उसको बंदी बनाकर मृत्यु दंड दें|
## अनुवाद के सुझाव:
* “महायाजक” का अनुवाद “ सर्वोच्च याजक” या “सबसे बड़ा याजक” किया जा सकता है।
* सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद “प्रधान पुरोहित” से भिन्न किया जाए।
* "प्रधान याजक" शब्द का अनुवाद हो सकता है: "प्रमुख याजक" या "अगुवे याजक" या "प्रशासनिक याजक"
(यह भी देखें: [हन्ना](../names/annas.md), [कैफा](../names/caiaphas.md), [प्रधान याजक](../other/chiefpriests.md), [याजक](../kt/priest.md), [मन्दिर](../kt/temple.md))
(यह भी देखें: [हन्ना](../names/annas.md), [कैफा](../names/caiaphas.md), [याजक](../kt/priest.md), [मन्दिर](../kt/temple.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 05:26-28](rc://*/tn/help/act/05/26)
* [प्रे.का. 07:1-3](rc://*/tn/help/act/07/01)
* [प्रे.का. 09:1-2](rc://*/tn/help/act/09/01)
* [प्रे.का. 5:27](rc://*/tn/help/act/05/27)
* [प्रे.का. 7:1](rc://*/tn/help/act/07/01)
* [प्रे.का. 9:1](rc://*/tn/help/act/09/01)
* [निर्गमन 30:10](rc://*/tn/help/exo/30/10)
* [इब्रानियों 06:19-20](rc://*/tn/help/heb/06/19)
* [लैव्यव्यवस्था 16:32-33](rc://*/tn/help/lev/16/32)
* [लूका 03:1-2](rc://*/tn/help/luk/03/01)
* [मरकुस 02:25-26](rc://*/tn/help/mrk/02/25)
* [इब्रानियों 6:19-20](rc://*/tn/help/heb/06/19)
* [लैव्यव्यवस्था 16:32](rc://*/tn/help/lev/16/32)
* [लूका 3:2](rc://*/tn/help/luk/03/02)
* [मरकुस 2:25-26](rc://*/tn/help/mrk/02/25)
* [मत्ती 26:3-5](rc://*/tn/help/mat/26/03)
* [मत्ती 26:51-54](rc://*/tn/help/mat/26/51)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[13:08](rc://*/tn/help/obs/13/08)__ केवल __उच्च परोहित__ को ही उन कमरों में जाने की अनुमति थी क्योंकि परमेश्वर उसमे वास करता था।
* __[21:07](rc://*/tn/help/obs/21/07)__ मसीह एक सिद्ध __ उच्च पुरोहित__ होगा जो परमेश्वर के लिए स्वयं का बलिदान देगा।
* __[38:03](rc://*/tn/help/obs/38/03)__ यहूदी गुरुओं ने __प्रधान याजक__ के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए |
* __[39:01](rc://*/tn/help/obs/39/01)__ तब यीशु के पकड़ने वाले उसको__ महा याजक__ के पास ले गए, कि __ वह(महा याजक)__ यीशु से प्रश्न करे
* __[39:03](rc://*/tn/help/obs/39/03)__ अंत में, __महा याजक__ ने यीशु की ओर देखकर उससे कहा कि, “हमें बता कि क्या तू मसीह है, जीवते परमेश्वर का पुत्र?”
* __[44:07](rc://*/tn/help/obs/44/07)__ दूसरे दिन ऐसा हुआ कि यहूदी याजक पतरस और यूहन्ना को लेकर __महायाजक__ के पास गए।
* __[45:02](rc://*/tn/help/obs/45/02)__ तब स्तिफनुस को पकड़कर महासभा में ले गए और उसे __महायाजक__ और अन्य यहूदी नेताओं के सामने खड़ा किया गया जहाँ कई ओर झूठे गवाहों ने स्तिफनुस के बारे में झूठ बोला
* __[46:01](rc://*/tn/help/obs/46/01)__ __महायाजक__ ने शाउल को यह अनुमति दी की वह दमिश्क शहर में जाकर वहा के मसीहियों को पकड़कर वापस यरूशलेम ले आए।
* __[48:06](rc://*/tn/help/obs/48/06)__ यीशु सबसे __महान पुरोहित__ है। दूसरे याजकों से भिन्न, उसने अपने आप को उस एकलौते बलिदान के रूप में अर्पण किया जो संसार के सभी मनुष्य के पाप को हटा सकती है। यीशु सबसे उत्तम __महान पुरोहित__ है क्योंकि उसने सभी मनुष्यों के सभी पापों का दण्ड, जो उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी किया हो, अपने ऊपर ले लिया
* __[13:8](rc://*/tn/help/obs/13/08)__ __महायाजक__की अपेक्षा परदे के पीछे के कक्ष में कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता था क्योंकि वहाँ परमेश्वर का निवास था।
* __[21:7](rc://*/tn/help/obs/21/07)__ मसीह जो आएगा वही एकमात्र एक सिद्ध __महायाजक__ होगा जो परमेश्वर के लिए सिद्ध बलि होने के लिए स्वयं को दे देगा।
* __[38:3](rc://*/tn/help/obs/38/03)__ यहूदी गुरुओं ने __प्रधान याजक__ के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये यहूदा को तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए |
* __[39:1](rc://*/tn/help/obs/39/01)__ तब यीशु के पकड़ने वाले उसको__महायाजक__ के घर ले गए, कि __महा याजक__ यीशु से प्रश्न करे।
* __[39:3](rc://*/tn/help/obs/39/03)__ अंत में, __महायाजक__ ने यीशु की ओर सीधा देखकर उससे कहा, “हमें बता कि क्या तू मसीह है, जीवते परमेश्वर का पुत्र?”
* __[44:7](rc://*/tn/help/obs/44/07)__ दूसरे दिन ऐसा हुआ कि यहूदी याजक पतरस और यूहन्ना को लेकर __महायाजक__ और अन्य यहूदी अगुओं के पास गए।
* __[45:2](rc://*/tn/help/obs/45/02)__ तब धर्मगुरुओं ने स्तिफनुस को पकड़ा और महायाजक तथा यहूदियों के अन्य धर्मगुरुओं के पास ले गए जहां और अधिक झूठे गवाहों ने स्तिफनुस के विषय झूठी बातें कहीं
* __[46:1](rc://*/tn/help/obs/46/01)__ __महायाजक__ ने शाऊल को अनुमति दी कि वह दमिश्क शहर में जाकर वहा के मसीहियों को पकड़कर वापस यरूशलेम ले आए।
* __[48:6](rc://*/tn/help/obs/48/06)__ यीशु एक महान __महायाजक__ है, दूसरे याजकों से भिन्न। उसने अपने आप को उस एकलौते बलिदान के रूप में अर्पण किया जो संसार के सब मनुष्य के पापों को उठा कर ले जा सकता है। यीशु एक सिद्ध __महायाजक__ है क्योंकि उस हर एक पाप का दंड भोगा जो कभी किसी ने किया हो
## शब्द तथ्य:

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@ -15,7 +15,7 @@
* इस शब्द का अनुवाद “पवित्र” और “आत्मा” शब्दों के अनुवाद से किया जा सकता है।
* इस शब्द का अनुवाद, “शुद्ध आत्मा”, या “आत्मा जो पवित्र है” या “परमेश्वर जो आत्मा है” हो सकता है।
(यह भी देखें: [पवित्र](../kt/holy.md), [आत्मा](../kt/spirit.md), [परमेश्वर](../kt/god.md), [प्रभु](../kt/lordgod.md), [पिता परमेश्वर](../kt/godthefather.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md),[भेंट](../kt/gift.md)
(यह भी देखें: [पवित्र](../kt/holy.md), [आत्मा](../kt/spirit.md), [परमेश्वर](../kt/god.md), [प्रभु](../kt/lordgod.md), [पिता परमेश्वर](../kt/godthefather.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md),[भेंट](../kt/gift.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -18,7 +18,7 @@
* वाक्यांश "मुझे आपके शब्द में आशा मिलती है" अनुवाद "मुझे पूरा भरोसा है कि आपका वचन सत्य है" या "आपका शब्द मुझे आपके अंदर भरोसा करने में मदद करता है" या "जब मैं आपके वचन का पालन करता हूँ, तो मुझे आशीर्वाद मिल जाएगा" के रूप में किया जा सकता है।
* "आशा" उक्ति का अनुवाद, "परमेश्वर में भरोसा" या "निश्चित जानना के परमेश्वर ने जो वादा किया है। वह करेगा" या "सुनिश्चित करना के परमेश्वर विश्वासयोग्य है" के रूप में हो सकता है।
(यह भी देखें: [आशीष](../kt/bless.md), [भरोसा](../other/confidence.md), [अच्छा](../kt/good.md), [आज्ञा पालन](../other/obey.md), [भरोसा](../kt/trust.md), [परमेश्वर का वचन](../kt/wordofgod.md)
(यह भी देखें: [आशीष](../kt/bless.md), [भरोसा](../other/confidence.md), [अच्छा](../kt/good.md), [आज्ञा पालन](../other/obey.md), [भरोसा](../kt/trust.md), [परमेश्वर का वचन](../kt/wordofgod.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -1,28 +1,29 @@
# परमेश्‍वर के भवन, यहोवा के भवन
# परमेश्‍वर का भवन, यहोवा का भवन, परमेश्वर का मंदिर
## परिभाषा:
बाइबल में “परमेश्वर के भवन” (परमेश्वर का घर) और “यहोवा के भवन (यहोवा का घर) अर्थात परमेश्वर की आराधना का स्थान
बाइबल में “परमेश्वर के भवन” (परमेश्वर का घर) और “यहोवा के भवन (यहोवा का घर) का सन्दर्भ उस स्थान से है जहां परमेश्वर की आराधना की जाती है
* यह शब्द अधिक विशिष्टता में मिलापवाले तम्बू या मन्दिर के लिए काम में आता था।कभी-कभी “परमेश्वर का भवन”, परमेश्वर की प्रजा के लिए भी काम में लिया जाता था।
* यह शब्द अधिक विशिष्टता में मिलापवाले तम्बू या मन्दिर के लिए काम में आता था।
* कभी-कभी “परमेश्वर का मंदिर”, परमेश्वर की प्रजा के लिए भी काम में लिया गया है।
## अनुवाद के सुझाव:
* आराधना स्थल के संबन्ध में इस उक्ति का अनुवाद “परमेश्वर की आराधना का भवन” या “परमेश्वर की आराधना का स्थान” किया जा सकता है।
* यदि यह मन्दिर ा मिलापवाले तम्बू के विषय में है तो इसका अनुवाद “मन्दिर(या मिलापवाले तम्बू)” किया जा सकता है जहाँ परमेश्वर की आराधना की जाती है(या “जहा परमेश्वर उपस्थित” या “जहाँ परमेश्वर अपने लोगों से मिलता है।”)
* शब्द “घर” का अनुवाद में उपयोग करना महत्त्वपूर्ण है ताकि ये व्यक्त कर सकें कि परमेश्वर "निवास" करता है, परमेश्वर की आत्मा अपने लोगों के साथ है जो उसकी आराधना करने की जगह में है
* यदि यह मन्दिर ा मिलापवाले तम्बू के विषय में है तो इसका अनुवाद “मन्दिर(या मिलापवाला तम्बू) जहां परमेश्वर की अराधना की जाती है” किया जा सकता है जहाँ परमेश्वर की आराधना की जाती है(या “जहा परमेश्वर उपस्थित है” या “जहाँ परमेश्वर अपने लोगों से मिलता है।”)
* अनुवाद में "घर" शब्द का उपयोग करना महत्त्वपूर्ण है जिससे कि अर्थ प्रकाशन हो सके कि परमेश्वर वहाँ "निवास" करता है, अर्थात परमेश्वर का आत्मा उस स्थान में है कि उसके लोगों से भेंट करे और उनकी आराधना का आधार हो
(यह भी देखें: [परमेश्‍वर की प्रजा](../kt/peopleofgod.md), [मिलापवाला तम्बू](../kt/tabernacle.md), [मन्दिर](../kt/temple.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 तीमुथियुस 03:14-15](rc://*/tn/help/1ti/03/14)
* [1 तीमुथियुस 3:14-15](rc://*/tn/help/1ti/03/14)
* [2 इतिहास 23:8-9](rc://*/tn/help/2ch/23/08)
* [एज्रा 05:12-13](rc://*/tn/help/ezr/05/12)
* [उत्पत्ति 28:16-17](rc://*/tn/help/gen/28/16)
* [एज्रा 5:13](rc://*/tn/help/ezr/05/13)
* [उत्पत्ति 28:17](rc://*/tn/help/gen/28/17)
* [न्यायियों 18:30-31](rc://*/tn/help/jdg/18/30)
* [मरकुस 02:25-26](rc://*/tn/help/mrk/02/25)
* [मत्ती 12:3-4](rc://*/tn/help/mat/12/03)
* [मरकुस 2:26](rc://*/tn/help/mrk/02/26)
* [मत्ती 12:4](rc://*/tn/help/mat/12/04)
## शब्द तथ्य:

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@ -12,7 +12,7 @@
* जब यीशु को परमेश्वर का प्रतिरूप कहा जाता है तो अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की यथार्थ समानता में” या “परमेश्वर के तत्त्व में” या “परमेश्वर के अस्तित्व में”।
* मनुष्यों के संदर्भ में “परमेश्वर ने उसे अपने स्वरूप में बनाया” का अनुवाद इस प्रकार की उक्तियों से किया जाए जिनका अर्थ है, “परमेश्वर ने उसे अपनी समानता में बनाया” या “परमेश्वर ने उसे अपने जैसे गुणों में बनाया”।
(यह भी देखें: [रूप ](../other/image.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md))
(यह भी देखें: [रूप](../other/image.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -2,11 +2,11 @@
## परिभाषा:
"अधर्म" शब्द का अर्थ और "पाप" का अर्थ एक सा ही है परन्तु अपराध का भावार्थ विशेष करके जानबूझ कर या महान दुष्टता से अभिभूत अनुचित कार्य करना
"अधर्म" शब्द का अर्थ और "पाप" का अर्थ एक सा ही है परन्त अत्यधिक विलक्षनता में इसका संदर्भ सोच-विचार कर किए गए अनुचित कार्य से. या महान दुष्टता से है
* “अधर्म का काम” का अर्थ वास्तव में है कि (व्यवस्था को) घुमा के विकृत करना। इसका संदर्भ बड़े अन्याय से है।
* अधर्म अन्य लोगों के खिलाफ जानबूझकर, हानिकारक कार्यवाही के रूप में वर्णित किया जा सकता
* “अधर्म के काम” का अनुवाद हो सकता है, “विकृत आचरण” या “भ्रष्टाचार” इन दोनों शब्दों द्वारा भयानक पाप की दशा प्रकट होती है।
* “अधर्म का काम” का अर्थ वास्तव में है कि (व्यवस्था को) विकृत करना या अनुचित अर्थ निर्धारण करना| इसका सन्दर्भ बड़े अन्याय से है।
* अधर्म के वर्णन में कहा जा सकता है, मनुष्न्ययों के विरुद्ध जानबूझ कर किया गया हानिकारक कार्य
* “अधर्म के काम” के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “विकृत आचरण” या “भ्रष्टाचार” इन दोनों शब्दों द्वारा भयानक पाप की दशा प्रकट होती है।
## अनुवाद के लिए सुझाव:
@ -17,14 +17,14 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [दानिय्येल 09:12-14](rc://*/tn/help/dan/09/12)
* [दानिय्येल 9:13](rc://*/tn/help/dan/09/13)
* [निर्गमन 34: 5-7](rc://*/tn/help/exo/34/05)
* [उत्पत्ति 15:14-16](rc://*/tn/help/gen/15/14)
* [उत्पत्ति 44:16-17](rc://*/tn/help/gen/44/16)
* [हबक्कूक 02:12-14](rc://*/tn/help/hab/02/12)
* [मत्ती 13:40-43](rc://*/tn/help/mat/13/40)
* [उत्पत्ति 44:16](rc://*/tn/help/gen/44/16)
* [हबक्कूक 02:12](rc://*/tn/help/hab/02/12)
* [मत्ती 13:41](rc://*/tn/help/mat/13/41)
* [मत्ती 23:27-28](rc://*/tn/help/mat/23/27)
* [मीका 03:9-11](rc://*/tn/help/mic/03/09)
* [मीका 03:10](rc://*/tn/help/mic/03/10)
## शब्द तथ्य:

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@ -9,7 +9,7 @@
* मसीह यीशु यहूदी था। परन्तु यहूदी धर्म के अगुओं ने यीशु का इन्कार किया और उसको मार डालने की मांग की।
* “यहूदी शब्द प्रायः यहूदियों के अगुओं के संदर्भ में लिया जाता था, सब यहूदियों के लिए नहीं। इन संदर्भों में कुछ अनुवादों में “के अगुवे” जोड़ा जाता है कि अर्थ स्पष्ट व्यक्त हो।
(यह भी देखें: [अब्राहम ](../names/abraham.md), [याकूब](../names/jacob.md), [इस्राएल](../kt/israel.md), [बाबेल](../names/babylon.md), [यहूदी अगुवे](../other/jewishleaders.md))
(यह भी देखें: [अब्राहम](../names/abraham.md), [याकूब](../names/jacob.md), [इस्राएल](../kt/israel.md), [बाबेल](../names/babylon.md), [यहूदी अगुवे](../other/jewishleaders.md))
## बाइबल संदर्भ:

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा:
* “यहूदियों का राजा” यीशु मसीह का पदनाम है।
* पहली बार बाइबल में यह पदनाम उस समय आया है जब बैतलहम आनेवाले ज्योतिषियों ने “यहूदियों के राजा” होने वाले शिशु को खोजने के लिए काम में लिया था।
* स्वर्गदूत ने मरियम से कहा था कि उसका पुत्र, दाऊद का वंशज एक राजा होगा जिसका राज्य सदाकालीन होगा।
* यीशु के क्रूसीकरण से पूर्व रोमी सैनिकों ने ठट्ठा करके यीशु को “यहूदियों का राजा” कहा था। यह पदनाम एक तख्ती पर लिखकर यीशु के क्रूस पर भी लगाया गया था।

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@ -2,18 +2,18 @@
## परिभाषा:
“मेम्ना” भेड़ का बच्चा। भेड़ चौपाया पशु होता है जिसके घने ऊन जैसे बाल होते हैं, और परमेश्वर को उसकी बलि चढ़ाई जाती थी। यीशु को “परमेश्वर का मेम्ना” कहा जाता था क्योंकि उसे मनुष्यों के पापों का मोल चुकाना पड़ा था
“मेम्ना” भेड़ का बच्चा। भेड़ चौपाया पशु होता है जिसके घने ऊन जैसे बाल होते हैं, परमेश्वर के लिए उसकी बलि चढ़ाई जाती थी। यीशु को “परमेश्वर का मेम्ना” कहा गया है क्योंकि मनुष्यों के पापों का मोल चुकाने के लिए उसे अपनी बलि देनी पढ़ी थी
* इन पशुओं का आसानी से भटक जाना संभव था अतः उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता थी। परमेश्वर मनुष्यों की तुलना भेड़ों से करता है।
* परमेश्वर के निर्देशानुसार से भेंट चढ़ाने के लिए भेड़ या मेम्ने को शारीरिक रूप से निष्कलंक होना था।
* इन पशुओं का कोई भीआसानी से भटका सकता था इस कारण उनको सुरक्षा की आवश्यकता होती थी| परमेश्वर मनुष्यों की तुलना भेड़ों से करता है।
* परमेश्वर के निर्देशानुसार से भेंट चढ़ाने के लिए भेड़ या मेम्ने को शारीरिक रूप से निष्कलंक होना था।
* यीशु को परमेश्वर का मेम्ना कहा गया है, क्योंकि वह मनुष्यों के पापों के लिए बलि चढ़ाया गया था। वह एक सिद्ध निष्कलंक बलिदान था क्योंकि वह पाप से मुक्त था।
## अनुवाद के सुझाव:
* यदि लक्षित भाषा में भेड़ परिचित शब्द है तो उसके बच्चे का नाम के स्थान में अनुवाद किया जाए जैसे “मेम्ना” या “परमेश्वर का मेम्ना”
* "परमेश्‍वर का मेम्‍ना" का अनुवाद "परमेश्वर का (बलि)मेम्‍ना" या "मेम्ना, परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाया गया" या " परमेश्वर की ओर से (बलिदान)मेम्ना" के रूप में किया जा सकता है।
* यदि लक्षित भाषा में भेड़ परिचित शब्द नहीं है तो इस शब्द का अनुवाद "एक भेड़ का बच्चा" किया जा सकता है और पाद टिप्पणी में उस भेड़ का वर्णन करें। टिप्पणी में भेड़ और भेड़ के बच्चों की तुलना पशुओं से किया जाता है जो झुंडों में रहता है, जो कि डरपोक और निराश्रित है, और वह अक्सर भटकते हैं
* यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है।
* यदि लक्षित भाषा में भेड़ परिचित शब्द है तो उसके बच्चे का नाम के स्थान में अनुवाद किया जाए जैसे “मेम्ना” या “परमेश्वर का मेम्ना”।
* "परमेश्‍वर का मेम्‍ना" का अनुवाद "परमेश्वर का (बलि)मेम्‍ना" या "मेम्ना, परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाया गया" या " परमेश्वर की ओर से (बलिदान का)मेम्ना" के रूप में किया जा सकता है।
* यदि लक्षित भाषा में भेड़ परिचित शब्द नहीं है तो इस शब्द का अनुवाद "एक भेड़ का बच्चा" किया जा सकता है और पाद टिप्पणी में वर्णन किया जाए कि भेड़ क्या होती है। टिप्पणी में भेड़ और भेड़ के बच्चों की तुलना उस क्षेत्र के किसी पशु से की जा सकती है जो झुंड में रहता है, जो भीरू और अरक्षित होता है, और वह प्रायः भटक जाता है
* यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद निकटवर्ती स्थानीय भाषा में या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है।
(देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown))
@ -21,25 +21,25 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 शमूएल 12:1-3](rc://*/tn/help/2sa/12/01)
* [एज्रा 08:35-36](rc://*/tn/help/ezr/08/35)
* [2 शमूएल 12:3](rc://*/tn/help/2sa/12/03)
* [एज्रा 8:35-36](rc://*/tn/help/ezr/08/35)
* [यशायाह 66:3](rc://*/tn/help/isa/66/03)
* [यिर्मयाह 11:18-20](rc://*/tn/help/jer/11/18)
* [यिर्मयाह 11:19](rc://*/tn/help/jer/11/19)
* [यूहन्ना 01:29-31](rc://*/tn/help/jhn/01/29)
* [यूहन्ना 01:35-36](rc://*/tn/help/jhn/01/35)
* [यूहन्ना 1:36](rc://*/tn/help/jhn/01/36)
* [लैव्यव्यवस्था 14:21-23](rc://*/tn/help/lev/14/21)
* [लैव्यव्यवस्था 17:1-4](rc://*/tn/help/lev/17/01)
* [लूका 10:3-4](rc://*/tn/help/luk/10/03)
* [लूका 10:3](rc://*/tn/help/luk/10/03)
* [प्रकाशितवाक्य 15:3-4](rc://*/tn/help/rev/15/03)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[05:07](rc://*/tn/help/obs/05/07)__जब अब्राहम और इसहाक बलिदान की जगह की ओर जा रहे थे, इसहाक ने पूछा, " हे मेरे पिता, देख, आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिए __भेड़__ कहा है?"
* __[11:02](rc://*/tn/help/obs/11/02)__ परमेश्वर ने कहा कि, वो मनुष्य जो उस पर विश्वास करेंगा वह उसके पहिलौठे पुत्र को बचाएगा। हर परिवार एक सिद्ध __मेम्ने__ का बलिदान देंगा।
* __[24:06](rc://*/tn/help/obs/24/06)__ अगले दिन, यीशु यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने को आया | जब यूहन्ना ने उसे देखा, तो कहा, “देख ! यह __परमेश्वर का मेम्ना__ है, जो संसार के पापों को दूर ले जाएगा।”
* __[45:08](rc://*/tn/help/obs/45/08)__ वो पढ़ रहा था, “वह भेड़ के समान वध होने को पहुँचाया गया, और जैसा __मेमना__ अपने ऊन कतरने वालों के सामने चुपचाप रहता है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला।
* __[48:08](rc://*/tn/help/obs/48/08)__ जब परमेश्वर ने अब्राहम से उसके पुत्र इसहाक को बलिदान करने को कहा, तब परमेश्वर ने इसहाक के जगह पर अब्राहम को बलिदान चढ़ाने के लिए एक __भेड़ का बच्चा__ प्रदान किया। हम सब मनुष्य अपने पापों के कारण मृत्यु के योग्य है परन्तु परमेश्वर ने यीशु को भेजा, परमेश्वर का __मेम्ना__, कि वह हमारे स्थान पर अपने आप को बलिदान करे
* __[48:09](rc://*/tn/help/obs/48/09)__ जब परमेश्वर ने मिस्र पर अंतिम महामारी भेजी, उसने हर इस्राएली परिवार से कहा कि वह एक सिद्ध __मेम्ने__ का बलिदान दे और उसका लहू अपने द्वार के ऊपर व चारों ओर उंडेले
* __[5:7](rc://*/tn/help/obs/05/07)__जब अब्राहम और इसहाक बलिदान की जगह की ओर जा रहे थे, इसहाक ने पूछा, " हे मेरे पिता, देख, आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिए __भेड़__ कहा है?"
* __[11:2](rc://*/tn/help/obs/11/02)__ परमेश्वर ने उस में विश्वास करने वाले मनुष्य के पहिलौठे पुत्र को बचाने का मार्ग उपलब्ध करा दिया है। हर परिवार को एक सिद्ध __मेम्ने__ या बकरे का चयन करके उसका वद्ध करना होगा।
* __[24:6](rc://*/tn/help/obs/24/06)__ अगले दिन, यीशु यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने को आया | जब यूहन्ना ने उसे देखा, तो कहा, “देख ! __परमेश्वर का मेम्ना__ जो संसार के पापों को उठा ले जाता है।”
* __[45:8](rc://*/tn/help/obs/45/08)__ उसने पढ़ा, “वे उसको वध किए जाने वाले __मेम्ने__ के समान ले गए और जैसे __मेम्ना__मूक बना रहता है, उसने एक भी शब्द नहीं कहा।
* __[48:8](rc://*/tn/help/obs/48/08)__ जब परमेश्वर ने अब्राहम से उसके पुत्र इसहाक को बलि माँगी थी तब परमेश्वर ने उसके पुत्र के स्थान में बलि चढ़ाने के लिए एक __मेमने__ का प्रबंध कर दिया था। हम सब मनुष्य अपने पापों के कारण मृत्यु के योग्य हैं! परन्तु परमेश्वर ने यीशु, परमेश्वर का __मेम्ना__,दे दिया कि वह हमारे स्थान में बलि का साधन होकर मर जाए
* __[48:9](rc://*/tn/help/obs/48/09)__ जब परमेश्वर ने मिस्र पर अंतिम विपत्ति भेजी थी, उसने हर एक इस्राएली परिवार से कहा था कि वह एक सिद्ध __मेम्ने__ का वध करे और उसके लहू को अपने द्वार की चौखटों पर लगाए
## शब्द तथ्य:

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@ -1,8 +1,8 @@
# आखरी दिन, अन्तिम दिनों, अन्त के दिनों
# अन्तिम दिन, उत्तरवर्ती दिन
## परिभाषा:
“अन्तिम दिनों” या “अन्त के दिनों” इस युग के अन्त का संदर्भ देते हैं।
“अन्तिम दिनों” या “उत्तरवर्ती दिन” सामान्यतः इस वर्तमान युग के अन्त के समय का संदर्भ देते हैं।
* यह समय अज्ञात अवधि है।
* “अन्तिम दिन” न्याय का समय होगा, परमेश्वर से विमुख होने वालों का न्याय।
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## अनुवाद के सुझाव:
* अन्तिम दिनों” का अनुवाद हो सकता है, “समापन दिवसों” या “अन्त समय."
* कुछ संदर्भों में, इसका अनुवाद "दुनिया का अंत" या "जब यह संसार समाप्त होता है" के रूप में किया जा सकता है।
* कुछ संदर्भों में, इसका अनुवाद "दुनिया का अंत" या "जब यह संसार समाप्त होगा" के रूप में किया जा सकता है।
(यह भी देखें: [प्रभु का दिन](../kt/dayofthelord.md), [न्याय](../kt/judge.md), [फिरे](../other/turn.md), [जगत](../kt/world.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 पतरस 03:3-4](rc://*/tn/help/2pe/03/03)
* [2 पतरस 3:3-4](rc://*/tn/help/2pe/03/03)
* [दानिय्येल 10:14-15](rc://*/tn/help/dan/10/14)
* [इब्रानियों 01:1-3](rc://*/tn/help/heb/01/01)
* [यशायाह 02:1-2](rc://*/tn/help/isa/02/01)
* [याकूब 05:1-3](rc://*/tn/help/jas/05/01)
* [इब्रानियों 1:2](rc://*/tn/help/heb/01/02)
* [यशायाह 2:2](rc://*/tn/help/isa/02/02)
* [याकूब 5:3](rc://*/tn/help/jas/05/03)
* [यिर्मयाह 23:19-20](rc://*/tn/help/jer/23/19)
* [यूहन्ना 11:24-26](rc://*/tn/help/jhn/11/24)
* [मीका 04:1](rc://*/tn/help/mic/04/01)
* [मीका 4:1](rc://*/tn/help/mic/04/01)
## शब्द तथ्य:

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## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[13:07](rc://*/tn/help/obs/13/07)__ परमेश्वर ने और भी बहुत सी __व्यवस्थाओं__ व नियमों का पालन करने के लिये कहा। यदि वह लोग इन __व्यवस्थाओं__ का पालन करेंगे, तो परमेश्वर अपनी वाचा के अनुसार उन्हें आशीष और उनकी रक्षा करेंगा। यदि वे इन नियमों का पालन नहीं करेंगे तो वह दण्ड के पात्र बनेंगे।\\
* __[13:09](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ जो कोई भी __परमेश्वर के व्यवस्थाओं__ का उल्लंघन करता है, वह मिलापवाले तम्बू के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा।\\
* __[13:07](rc://*/tn/help/obs/13/07)__ परमेश्वर ने और भी बहुत सी __व्यवस्थाओं__ व नियमों का पालन करने के लिये कहा। यदि वह लोग इन __व्यवस्थाओं__ का पालन करेंगे, तो परमेश्वर अपनी वाचा के अनुसार उन्हें आशीष और उनकी रक्षा करेंगा। यदि वे इन नियमों का पालन नहीं करेंगे तो वह दण्ड के पात्र बनेंगे।
* __[13:09](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ जो कोई भी __परमेश्वर के व्यवस्थाओं__ का उल्लंघन करता है, वह मिलापवाले तम्बू के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा।
* __[15:13](rc://*/tn/help/obs/15/13)__ तब यहोशू ने इस्राएलियों को वह वाचा याद दिलाई जो उन्होंने परमेश्वर के साथ सीनै पर्वत पर बाँधी थी, कि वह उसका पालन करेंगे। इस्राएलियों ने वाचा बाँधी थी कि वे परमेश्वर के प्रति निष्ठावान रहेंगे व उसकी __आज्ञाओ__ का पालन करेंगे।
* __[16:01](rc://*/tn/help/obs/16/01)__यहोशू के मरने के बाद, इस्राएलियों ने परमेश्वर की आज्ञा का पालन नहीं किया और न ही __परमेश्वर की व्यवस्थाओं__ का पालन किया और न ही बचे हुए कनानियो को बाहर निकाला।\\
* __[21:05](rc://*/tn/help/obs/21/05)__ नई वाचा में परमेश्वर अपनी __व्यवस्था__ उनके ह्रदय पर लिखेगा, और लोग परमेश्वर को जानेंगे कि वह परमेश्वर के लोग है, और परमेश्वर उनका अधर्म क्षमा करेगा।\\
* __[27:01](rc://*/tn/help/obs/27/01)__ यीशु ने उत्तर दिया, “__परमेश्वर की व्यवस्था__ में क्या लिखा है?”\\
* __[16:01](rc://*/tn/help/obs/16/01)__यहोशू के मरने के बाद, इस्राएलियों ने परमेश्वर की आज्ञा का पालन नहीं किया और न ही __परमेश्वर की व्यवस्थाओं__ का पालन किया और न ही बचे हुए कनानियो को बाहर निकाला।
* __[21:05](rc://*/tn/help/obs/21/05)__ नई वाचा में परमेश्वर अपनी __व्यवस्था__ उनके ह्रदय पर लिखेगा, और लोग परमेश्वर को जानेंगे कि वह परमेश्वर के लोग है, और परमेश्वर उनका अधर्म क्षमा करेगा।
* __[27:01](rc://*/tn/help/obs/27/01)__ यीशु ने उत्तर दिया, “__परमेश्वर की व्यवस्था__ में क्या लिखा है?”
* __[28:01](rc://*/tn/help/obs/28/01)__ यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे ‘उत्तम’ क्यों कहता है?” जो उत्तम है वह केवल एक ही है, और वह परमेश्वर है। लेकिन यदि तू अनन्त जीवन का वारिस बनना चाहता है, तो __परमेश्वर की आज्ञाओं__ का पालन करना।”
## शब्द तथ्य:

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## परिभाषा:
* “प्रभु भोज” प्रेरित पौलुस इस उक्ति को फसह के भोज के लिए काम में लेता है जो यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस रात खाया था जब यहूदी अगुओं ने उसे बन्दी बनाया था।
* इस भोजन के समय यीशु ने फसह की रोटी को तोड़कर अपनी देह से कहा जो शीघ्र ही प्रताड़ित की जाएगी और मार डाली जायेगी।
* दाखरस के कटोरे को उसने अपना लहू कहा जो शीघ्र ही बहाया जायेगा जब वह पापबलि होकर मरेगा।
* यीशु ने आज्ञा दी थी कि उसके शिष्य जब भी इस भोज में सहभागी हों तब वे उसकी मृत्यु और पुनरूत्थान को सदैव स्मरण करें।

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## अनुवाद के सुझाव
* इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “सफेद रूई जैसा पदार्थ” या “स्वार्गिक भोजन”।
* यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है। (देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown))
* यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा की बाईबल में कैसे किया गया है। (देखें: [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-unknown))
(यह भी देखें: [रोटी](../other/bread.md), [रेगिस्तान](../other/desert.md), [अन्न](../other/grain.md), [स्वर्ग](../kt/heaven.md), [सब्त](../kt/sabbath.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [व्यवस्थाविवरण 08:3](rc://*/tn/help/deu/08/03)
* [निर्गमन 16:26-27](rc://*/tn/help/exo/16/26)
* [इब्रानियों 09:3-5](rc://*/tn/help/heb/09/03)
* [यूहन्ना 06:30-31](rc://*/tn/help/jhn/06/30)
* [यहोशू 05:12](rc://*/tn/help/jos/05/12)
* [व्यवस्थाविवरण 8:3](rc://*/tn/help/deu/08/03)
* [निर्गमन 16:27](rc://*/tn/help/exo/16/27)
* [इब्रानियों 9:3-5](rc://*/tn/help/heb/09/03)
* [यूहन्ना 6:30-31](rc://*/tn/help/jhn/06/30)
* [यहोशू 5:12](rc://*/tn/help/jos/05/12)
## शब्द तथ्य:

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# चमत्कार, आश्चर्यकर्मों, अद्भुत, आश्चर्य के कामों, चिन्ह, चिन्हों
# चमत्कार, आश्चर्यकर्मों, चिन्ह
## परिभाषा:
“चमत्कार” एक ऐसा अद्भुत कार्य है जो परमेश्वर ने किए जो मनुष्य के लिए संभव नही है।
“चमत्कार” एक ऐसा अद्भुत कार्य है जो परमेश्वर के किए बिना मनुष्य के लिए संभव नही है।
* यीशु के आश्चर्यकर्मों में आंधी को शान्त करना, अंधे मनुष्य को दृष्टिदान।
* आश्चर्यकर्मों को अद्भुत काम भी कहा गया है क्योंकि उन्हें देखकर मनुष्य आश्चर्य एवं विस्मय से अभिभूत हो जाता है।
* “अद्भुत काम” का संदर्भ सामान्यतः परमेश्वर के सामर्थ्य आश्चर्यजनक प्रदर्शन से भी है जैसे जब उसने आकाश और पृथ्वी की रचना की।
* आश्चर्यकर्मों को “चिन्ह” भी कहा गया है क्योंकि वे परमेश्वर के सर्वसामर्थी होने का संकेत या प्रमाण हैं, ब्रह्माण्ड पर उसका संपूर्ण अधिकार है।
* कुछ आश्चर्यकर्म परमेश्वर के मुक्ति कार्य है जैसे जब उसने इस्राएलियों को मिस्र के दासत्व में से निकाला था और दानिय्येल को शेरों की हानि से सुरक्षित रखा था।
* आश्चर्यकर्मों को "अद्भुत काम" भी कहा गया है क्योंकि उन्हें देखकर मनुष्य आश्चर्य एवं विस्मय से अभिभूत हो जाता है।
* “अद्भुत काम” का संदर्भ सामान्यतः परमेश्वर के सामर्थ्य केआश्चर्यजनक प्रदर्शन से भी है जैसे, जब उसने आकाश और पृथ्वी की रचना की।
* आश्चर्यकर्मों को “चिन्ह” भी कहा गया है क्योंकि वे संकेत या प्रमाण हैं कि परमेश्वर ही सर्वशक्तिमान है जिसका अधिकार सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड पर है।
* कुछ आश्चर्यकर्म परमेश्वर के मुक्ति कार्य है जैसे, जब उसने इस्राएलियों को मिस्र के दासत्व में से निकाला था और दानिय्येल को शेरों की हानि से सुरक्षित रखा था।
* अन्य आश्चर्यकर्म हैं, परमेश्वर का दण्ड जैसे नूह के युग में उसने जलप्रलय भेजा या मूसा के युग में मिस्र पर विपत्तियां डालीं।
* परमेश्वर के अन्य अनेक आश्चर्यकर्मों में रोगियों को चंगा करना और मृतकों को जिलाना था।
* यीशु द्वारा रोगियों की चंगाई, आंधी शान्त करना, पानी पर चलना, मृतकों को जिलाना परमेश्वर के सामर्थ्य का प्रदर्शन था। यह सब आश्चर्यकर्म थे।
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## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 थिस्सलुनीकियों 02:8-10](rc://*/tn/help/2th/02/08)
* [प्रे.का. 04:15-18](rc://*/tn/help/act/04/15)
* [प्रे.का. 04:21-22](rc://*/tn/help/act/04/21)
* [दानिय्येल 04:1-3](rc://*/tn/help/dan/04/01)
* [व्यवस्थाविवरण 13:1-3](rc://*/tn/help/deu/13/01)
* [निर्गमन 03:19-22](rc://*/tn/help/exo/03/19)
* [यूहन्ना 02:11](rc://*/tn/help/jhn/02/11)
* [मत्ती 13:57-58](rc://*/tn/help/mat/13/57)
* [2 थिस्सलुनीकियों 2:8-10](rc://*/tn/help/2th/02/08)
* [प्रे.का. 04:17](rc://*/tn/help/act/04/17)
* [प्रे.का. 4:22](rc://*/tn/help/act/04/22)
* [दानिय्येल 4:1-3](rc://*/tn/help/dan/04/01)
* [व्यवस्थाविवरण 13:1](rc://*/tn/help/deu/13/01)
* [निर्गमन 3:19-22](rc://*/tn/help/exo/03/19)
* [यूहन्ना 2:11](rc://*/tn/help/jhn/02/11)
* [मत्ती 13:58](rc://*/tn/help/mat/13/58)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[16:08](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ परमेश्वर इस्राएलियों को बचाने के लिए गिदोन का प्रयोग करना चाहता है, इसके लिए उसने परमेश्वर से दो __चिह्न__ पूछे |
* __[16:8](rc://*/tn/help/obs/16/08)__ परमेश्वर इस्राएलियों को बचाने के लिए गिदोन ने परमेश्वर से दो __चिह्न__ मांगे थे कि उसको विश्वास हो जाए कि परमेश्वर उसके द्वारा इस्राएल को मुक्ति दिलाएगा|
* __[19:14](rc://*/tn/help/obs/19/14)__ परमेश्वर ने एलीशा के द्वारा बहुत से __चमत्कार__ किए |
* __[37:10](rc://*/tn/help/obs/37/10)__ अनेक यहूदी उसका यह __काम__ देखकर, उस पर विश्वास किया।
* __[43:06](rc://*/tn/help/obs/43/06)__ “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर क सामर्थ्य से कई __आश्चर्य के कामों__ और __चिन्हों__ को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो |”
* __[49:02](rc://*/tn/help/obs/49/02)__ यीशु बहुत से __आश्चर्यकर्म__ किये जो यह सिद्ध करते हैं कि वह परमेश्वर है | वह पानी पर चला, तूफान को शांत किया, बहुत से बीमारों को चंगा किया, दुष्टात्माओं को निकाला, मुर्दों को जीवित किया, और पांच रोटी और दो छोटी मछलियों को इतने भोजन में बदल दिया कि वह 5,000 लोगों के लिए काफी हो |
* __[37:10](rc://*/tn/help/obs/37/10)__ अनेक यहूदीयों ने इस __काम__ को देखकर, यीशु पर विश्वास किया।
* __[43:6](rc://*/tn/help/obs/43/06)__ “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर क सामर्थ्य से कई __आश्चर्य के कामों__ और __चिन्हों__ को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो |”
* __[49:2](rc://*/tn/help/obs/49/02)__ यीशु ने बहुत से __आश्चर्यकर्म__ किये जो यह सिद्ध करते हैं कि वह परमेश्वर है | वह पानी पर चला, आंधी को शांत किया, बहुत से बीमारों को चंगा किया, दुष्टात्माओं को निकाला, मुर्दों को जीवित किया, और पांच रोटी और दो छोटी मछलियों को इतने भोजन में बदल दिया कि वह 5,000 लोगों से अधिक के लिए पर्याप्त हो |
## शब्द तथ्य:
* Strong's: G880, G1213, G1229, G1411, G1569, G1718, G1770, G1839, G2285, G2296, G2297, G3167, G3902, G4591, G4592, G5059, H226, H852, H2368, H2858, H4150, H4159, H4864, H5251, H5824, H5953, H6381, H6382, H6383, H6395, H6725, H7560, H7583, H8047, H8074, H8539, H8540,
* Strong's: H226, H852, H2368, H2858, H4150, H4159, H4864, H5251, H5824, H5953, H6381, H6382, H6383, H6395, H6725, H7560, H7583, H8047, H8074, H8539, H8540,G880, G1213, G1229, G1411, G1569, G1718, G1770, G1839, G2285, G2296, G2297, G3167, G3902, G4591, G4592, G5059,

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@ -6,33 +6,33 @@
* इस पर्व का नाम उस तथ्य से आता है कि परमेश्वर इस्राएलियों के घरों से होकर निकला परन्तु उसने उनके पुत्रों का घात नहीं किया जबकि मिस्र के सब पहिलौठे मारे गए थे।
* फसह में एक सिद्ध मेमने का मांस भूनकर खाया जाता था और रोटी ख़मीरी नहीं होती थी। इस भोजन से उन्हें उस भोजन का स्मरण होता है जो उनके पूर्वजों ने मिस्र से पलायन करने से पूर्व रात को खाया था।
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि वे प्रतिवर्ष ऐसा भोजन खाकर स्मरण करें वरन उत्सव मनाएं कि परमेश्वर कैसे उनके परिवारों में से निकलकर गया और उन्हें दासत्व से मुक्ति दिलाई।
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि वे प्रतिवर्ष ऐसा भोजन खाकर स्मरण करें वरन उत्सव मनाएं कि परमेश्वर कैसे उनके परिवारों "को अछूता छोड़कर" निकल गया और उन्हें मिस्र के दासत्व से मुक्ति दिलाई।
## अनुवाद के सुझाव:
फसह का शब्द के अनुवाद में “होकर निकलने” की संधि के शब्द या अन्य समानार्थक शब्दों का संयोजन द्वारा किया जा सकता है।
फसह शब्द के अनुवाद में “पार" और "निकलने” की संधि के सदृश्य शब्द या अन्य समानार्थक शब्दों का संयोजन किया जा सकता है।
* यदि इस पर्व का नाम स्वर्गदूत के द्वारा इस्राएलियों के पुत्रों की हत्या न करते हुए आगे बढना स्पष्ट रूप से दर्शाए तो अति सहायक होगा
* यदि इस पर्व का नाम उन शब्दों के साथ अर्थगम्य हो जिनके द्वारा इस्राएलियों के पुत्रों का वध न करते हुए स्वर्गदूत का उनके घरों से आगे बढ़ जाने का वर्णन किया गया है
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 05:6-8](rc://*/tn/help/1co/05/06)
* [1 कुरिन्थियों 5:7](rc://*/tn/help/1co/05/07 )
* [2 इतिहास 30:13-15](rc://*/tn/help/2ch/30/13)
* [2 राजा 23:21-23](rc://*/tn/help/2ki/23/21)
* [व्यवस्थाविवरण 16:1-2](rc://*/tn/help/deu/16/01)
* [2 राजा 23:23](rc://*/tn/help/2ki/23/23)
* [व्यवस्थाविवरण 16:2](rc://*/tn/help/deu/16/02)
* [निर्गमन 12:26-28](rc://*/tn/help/exo/12/26)
* [एज्रा 06:21-22](rc://*/tn/help/ezr/06/21)
* [यूहन्ना 13:1-2](rc://*/tn/help/jhn/13/01)
* [यहोशू 05:10-11](rc://*/tn/help/jos/05/10)
* [एज्रा 6:21-22](rc://*/tn/help/ezr/06/21)
* [यूहन्ना 13:1](rc://*/tn/help/jhn/13/01)
* [यहोशू 5:10-11](rc://*/tn/help/jos/05/10)
* [लैव्यव्यवस्था 23:4-6](rc://*/tn/help/lev/23/04)
* [गिनती 09:1-3](rc://*/tn/help/num/09/01)
* [गिनती 09:3](rc://*/tn/help/num/09/03)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[12:14](rc://*/tn/help/obs/12/14)__ परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी कि वह हर साल __फसह__ का पर्व मनाया करे, इस बात को स्मरण करते हुए कि परमेश्वर ने उन्हें मिस्रियो की गुलामी से बचाया व उन्हें मिस्रियो पर विजयी किया |
* __[38:01](rc://*/tn/help/obs/38/01)__ हर साल, यहूदी __फसह__ का पर्व मनाते थे | यह एक उत्सव था, जब वह याद करते थे कि परमेश्वर ने कई सदियों पहले मिस्र की गुलामी से उनके पूर्वजों को बचाया था |
* __[38:04](rc://*/tn/help/obs/38/04)__यीशु यरूशलेम में अपने चेलों के साथ __फसह__ का दिन मना रहा था |
* __[48:09](rc://*/tn/help/obs/48/09)__ जब परमेश्वर ने लहू को देखा तो वह उनके घरों के पास से गुजर गया और उसने उनके जेठे पुत्रों का वध नहीं किया | इस घटना को __फसह__ कहा जाता है |
* __[12:14](rc://*/tn/help/obs/12/14)__ परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी कि वे मिस्रियों पर परमेश्वर की विजय और दासत्व से उनकी मुक्ति के स्मरण में प्रतिवर्ष __फसह__ का पर्व मनाया करें |
* __[38:1](rc://*/tn/help/obs/38/01)__ यहूदी प्रतिवर्ष __फसह__ का पर्व मनाते थे | यह एक उत्सव था, जब वह याद करते थे कि परमेश्वर ने कई सदियों पहले मिस्र की गुलामी से उनके पूर्वजों को बचाया था |
* __[38:4](rc://*/tn/help/obs/38/04)__यीशु ने अपने चेलों के साथ __फसह__ का पर्व मनाया था |
* __[48:9](rc://*/tn/help/obs/48/09)__ जब परमेश्वर ने लहू को देखा तो वह उनके घरों के पास से गुजर गया और उसने उनके जेठे पुत्रों का वध नहीं किया | इस घटना को __फसह__ कहा जाता है|
* __[48:10](rc://*/tn/help/obs/48/10)__ यीशु हमारा __फसह__ का मेम्ना है | वह सिद्ध और निष्पाप था, और __फसह__ के उत्सव के दिन मारा गया था |
## शब्द तथ्य:

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@ -1,13 +1,13 @@
# याजक, याजकों, याजक पद
# याजक, याजकों, याजकवृति
## परिभाषा:
बाइबल में याजक परमेश्वर की प्रजा की ओर से परमेश्वर के लिए चढ़ते चढ़ावे के लिए चुना गया मनुष्य। “याजक पद” उसके पद भार या उसकी सेवावृत्ति का नाम है।
बाइबल में याजक परमेश्वर की प्रजा की ओर से परमेश्वर के लिए चढ़ावे चढ़ाने के लिए चुना गया मनुष्य। “याजकवृति” उसके पद भार या उसकी सेवावृत्ति का नाम है।
* पुराने नियम में परमेश्वर ने हारून और उसके वंश को इस्राएल के लिए याजक होने हेतु चुना था।
* “याजक पद” एक अधिकार एवं उत्तरदायित्व था जो लेवियों के गोत्र में पिता से पुत्र को प्राप्त होता था।
* इस्राएल के याजकों का उत्तरदायित्व था कि वे मनुष्यों द्वारा लाए गए बलिदान परमेश्वर को चढ़ाए, इसके साथ मन्दिर के अन्य कार्य भी उनका उत्तरदायित्व थे।
* याजक नियमित प्रार्थनाएं भी परमेश्वर को चढ़ाते थे तथा अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करते थे।
* इस्राएल के याजकों का उत्तरदायित्व था कि वे मनुष्यों द्वारा लाए गए बलिदान परमेश्वर को चढ़ाए, इसके साथ मन्दिर के अन्य कार्य भी उनके उत्तरदायित्व में थे।
* याजक परमेश्वर की प्रज़ा की और से परमेश्वर को नियमित प्रार्थनाएं चढ़ाते थे तथा अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करते थे।
* याजक मनुष्यों को विधिवत आशीर्वाद भी देते थे और उन्हें परमेश्वर की व्यवस्था के बारे में सिखाते थे।
* यीशु के युग में याजकों के अलग-अलग स्तर थे जिनमें प्रधान याजक और महायाजक भी थे।
* यीशु हमारा “बड़ा महायाजक” है जो परमेश्वर की उपस्थिति में हमारे लिए विनती करता है। उसने स्वयं को पाप की अन्तिम बलि करके चढ़ा दिया। इसका अर्थ है कि याजकों द्वारा चढ़ाए गए बलिदानों की अब आवश्यकता नहीं है।
@ -18,33 +18,33 @@
* प्रकरण के अनुसार “याजक” का अनुवाद “बलि चढ़ानेवाला व्यक्ति” या “परमेश्वर का मध्यस्थ” या “बलि चढ़ानेवाला मध्यस्थ” या “परमेश्वर द्वारा उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त मनुष्य”।
* “याजक” का अनुवाद “मध्यस्थ” के अनुवाद से भिन्न होना है।
* कुछ अनुवादों में सदैव कहा जाता है, “इस्राएली याजक” या “यहूदी याजक” या “यहोवा का याजक” या “बाल पुजारी” कि सुनिश्चित किया जाए कि वे आज के पुजारियों के समान नहीं थे।
* “याजक” शब्द का अनुवाद करने के लिए प्रयुक्त शब्द “प्रधान याजक” और “महायाजक” और “लेवीय” और “भविष्यद्वक्ता” से भिन्न होना चाहिए।
* कुछ अनुवादों में अधिक उचित माना जाता है कि सदैव इस प्रकार कहा जाए: “इस्राएली याजक” या “यहूदी याजक” या “यहोवा का याजक” या “बाल पुजारी” जिससे कि सुनिश्चित किया जाए कि वे आज के पुजारियों के समान नहीं थे।
* “याजक” शब्द का अनुवाद करने के लिए प्रयुक्त शब्द “प्रधान याजक” और “महायाजक” और “लेवीय” और “भविष्यद्वक्ता” के अनुवादित शब्दों से भिन्न होना चाहिए।
(यह भी देखें: [हारून](../names/aaron.md), [प्रधान याजक](../other/chiefpriests.md), [महायाजक](../kt/highpriest.md), [मध्यस्थ](../other/mediator.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 इतिहास 06:40-42](rc://*/tn/help/2ch/06/40)
* [2 इतिहास 6:41](rc://*/tn/help/2ch/06/41)
* [उत्पत्ति 14:17-18](rc://*/tn/help/gen/14/17)
* [उत्पत्ति 47:20-22](rc://*/tn/help/gen/47/20)
* [यूहन्ना 01:19-21](rc://*/tn/help/jhn/01/19)
* [लूका 10:31-32](rc://*/tn/help/luk/10/31)
* [मरकुस 01:43-44](rc://*/tn/help/mrk/01/43)
* [उत्पत्ति 47:22](rc://*/tn/help/gen/47/22)
* [यूहन्ना 1:19-21](rc://*/tn/help/jhn/01/19)
* [लूका 10:31](rc://*/tn/help/luk/10/31)
* [मरकुस 1:44](rc://*/tn/help/mrk/01/44)
* [मरकुस 02:25-26](rc://*/tn/help/mrk/02/25)
* [मत्ती 08:4](rc://*/tn/help/mat/08/04)
* [मत्ती 12:3-4](rc://*/tn/help/mat/12/03)
* [मत्ती 8:4](rc://*/tn/help/mat/08/04)
* [मत्ती 12:4](rc://*/tn/help/mat/12/04)
* [मीका 03:9-11](rc://*/tn/help/mic/03/09)
* [नहेमायाह 10:28-29](rc://*/tn/help/neh/10/28)
* [नहेमायाह 10:34-36](rc://*/tn/help/neh/10/34)
* [प्रकाशितवाक्य 01:4-6](rc://*/tn/help/rev/01/04)
* [प्रकाशितवाक्य 1:6](rc://*/tn/help/rev/01/00)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[04:07](rc://*/tn/help/obs/04/07)__ "मलिकिसिदक, __परमप्रधान परमेश्वर के __ याजक "
* __[13:09](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ जो कोई भी परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन करता है, वह मिलापवाले तम्बू के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा | एक __याजक__ पशु को मारकर उसे वेदी पर जलाएगा | उस पशु का लहू जिसका बलिदान चढ़ाया गया है, परमेश्वर की दृष्टी में पापी मनुष्य के सभी अपराधों को धो देंगा | परमेश्वर ने मूसा के भाई हारून और हारून के वंश को __याजक__ पद के लिये चुना |
* __[19:07](rc://*/tn/help/obs/19/07)__ तब बाल के __याजकों__ ने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था, लेकर बलिदान के लिए तैयार किया, परन्तु उमसे आग न लगाई
* __[21:07](rc://*/tn/help/obs/21/07)__ याजक वो है जो लोगों के स्थान पर परमेश्वर के लिए बलिदान चढ़ाता है, जिससे कि परमेश्वर उनके पापों के कारण उन्हें दण्डित न करें | __याजक__ परमेश्वर से लोगों के लिए प्रार्थना भी करते थे |
* __[4:7](rc://*/tn/help/obs/04/07)__ "मलिकिसिदक, __परमप्रधान परमेश्वर के __ याजक "
* __[13:9](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ जो परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन करता है, वह मिलापवाले तम्बू के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा | __याजक__ पशु को मारकर उसे वेदी पर जलाएगा | उस पशु का लहू जिसका बलिदान चढ़ाया गया है, परमेश्वर की दृष्टी में पापी मनुष्य के सभी अपराधों को ढांक देगा और उस मनुष्य को परमेश्वर की दृष्टि में शुद्ध ठहराएगा | परमेश्वर ने मूसा के भाई हारून और हारून के वंश को __याजक__ पद के लिये चुना |
* __[19:7](rc://*/tn/help/obs/19/07)__ तब बाल के __याजकों__ ने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था, लेकर बलिदान के लिए तैयार किया, परन्तु उमसे आग न लगाई
* __[21:7](rc://*/tn/help/obs/21/07)__ इस्राएली __याजक__ वह है जो लोगों के पापों के दंड के प्रतिस्थापन में परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाता है | __याजक__ परमेश्वर से लोगों के लिए प्रार्थना भी करते थे |
## शब्द तथ्य:

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@ -12,7 +12,7 @@
* इस शब्द का अनुवाद “तुष्टीकरण” या “परमेश्वर से पाप क्षमा करवाना तथा मनुष्यों को आग्रह प्रदान करना” हो सकता है।
* “प्रायश्चित” शब्द अर्थ में “प्रसादन” के निकट है। इन दोनों शब्दों के उपयोग की तुलना करना महत्वपूर्ण है।
(यह भी देखें: [प्रायश्चित](../kt/atonement.md), [अनन्तकालीन](../kt/eternity.md), [क्षमा](../kt/forgive.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md)
(यह भी देखें: [प्रायश्चित](../kt/atonement.md), [अनन्तकालीन](../kt/eternity.md), [क्षमा](../kt/forgive.md), [बलिदान](../other/sacrifice.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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## परिभाषा:
शब्द “बचे हुए लोग” वास्तव में बचे हुए लोगों या वस्तुओं के संदर्भ में है। इसका अर्थ बड़ी मात्रा में से छोड़ी गई वस्तु भी है।
शब्द “बचे हुए लोग” वास्तव में बचे हुए लोगों या वस्तुओं के संदर्भ में है। इसका अर्थ बड़ी मात्रा में से छोड़ी गई वस्तु या बड़ी संख्या के समूह के बचे हुए लोग भी है।
* “बचे हुए” प्रायः उन लोगों को व्यक्त करता है जो जान क जोखिम से बच गए या सताव के उपरान्त भी जो मनुष्य परमेश्वर के निष्ठावान रहे।
* यशायाह यहूदियों के एक समूह को बचे हुए लोग कहता है जो शत्रुओं के आक्रमण से बच निकले और प्रतिज्ञा के देश कनान लौटे।
* “बचे हुए” प्रायः उन लोगों को व्यक्त करता है जो जान क जोखिम से बच गए या सताव के उपरान्त भी जो मनुष्य परमेश्वर के निष्ठावान रहे।
* यशायाह यहूदियों के एक समूह को बचे हुए लोग कहता है जो शत्रुओं के आक्रमण से बचे रहेंगे और प्रतिज्ञा के देश कनान लौटेंगे।
* पौलुस भी “बचे हुए” लोगों की चर्चा करता है जिन्हें परमेश्वर ने चुना कि उसके अनुग्रह के वारिस हों।
* “बचे हुए” से यह भी अर्थ निकलता है कि कुछ अन्य लोग निष्ठावान नहीं थे, या जो बचे नहीं या जो चुने नहीं गए।
* “बचे हुए” का अभिप्राय यह भी है कि कुछ लोग नहीं बचे या छोड़े नहीं गए।
## अनुवाद के सुझाव:
* “इनमें से बचे हुए लोग” इस उक्ति का अनुवाद, “इन लोगों में से जो बाकी रह गए” या “जो लोग विश्वासी रहे” या “शेष मनुष्य” हो सकता है।
* “इनमें से बचे हुए लोग” इस उक्ति का अनुवाद, “इन लोगों में से जो बाकी रह गए” या “शेष मनुष्य” हो सकता है।
* “बाकी सब लोग” का अनुवाद, “शेष सब लोग” या “बचे हुए लोग” हो सकता है।
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 15:15-18](rc://*/tn/help/act/15/15)
* [आमोस 09:11-12](rc://*/tn/help/amo/09/11)
* [यहेजकेल 06:8-10](rc://*/tn/help/ezk/06/08)
* [उत्पत्ति 45:7-8](rc://*/tn/help/gen/45/07)
* [यशायाह 11:10-11](rc://*/tn/help/isa/11/10)
* [मीका 04:6-8](rc://*/tn/help/mic/04/06)
* [प्रे.का. 15:17](rc://*/tn/help/act/15/17)
* [आमोस 9:12](rc://*/tn/help/amo/09/12)
* [यहेजकेल 6:8-10](rc://*/tn/help/ezk/06/08)
* [उत्पत्ति 45:7](rc://*/tn/help/gen/45/07)
* [यशायाह 11:11](rc://*/tn/help/isa/11/11)
* [मीका 4:6-8](rc://*/tn/help/mic/04/06)
## शब्द तथ्य:

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@ -1,43 +1,42 @@
# मन फिराकर, पश्चाताप, फिराया, फिराव
# मन फिराना, (पश्चाताप),मन फिराव
## परिभाषा:
“मन फिराकर” और “मन फिराव” का संदर्भ पाप से विमुख होकर परमेश्वर के पास आने से है।
“मन फिराना” और “मन फिराव” का संदर्भ पाप से विमुख होकर परमेश्वर के पास लौट आने से है।
* “मन फिराकर” का मूल अर्थ है, “मन को फेरना
* बाइबल में “मन फिराने” का अर्थ है मानवीय सोचने और काम करने के पापी स्वभाव विमुख होकर परमेश्वर के सोचने और कार्य करने की विधि अपनाना।
* “मन फिराकर” का मूल अर्थ है, “मनोवृति_चित्वृति का पूर्ण परिवर्तान
* बाइबल में “मन फिराने” का अर्थ है मनुष्य के सोचने-विचारने और काम करने के पापी स्वभाव से विमुख होकर परमेश्वर के सोचने और कार्य करने की विधि अपनाना।
* जब मनुष्य सच में पापों से मन फिराते हैं, तब परमेश्वर उन्हें क्षमा कर देता है और उसके आज्ञा पालन में उनकी सहायता करता है।
## अनुवाद के सुझाव:
* “मन फिराना” का अनुवाद ऐसे एक शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ हो, “पीछे मुड़ना(परमेश्वर को)” या “पाप से हटे और परमेश्वर की ओर मुड़ें” या “परमेश्वर की ओर मुड़ें, पाप से दूर।”।
* अक्सर शब्द "फिराव" क्रिया का प्रयोग करके अनुवाद "मन फिराकर"किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, "परमेश्वर ने इस्राएल को मन फिराव दिया" का अनुवाद किया जा सकता है "परमेश्वर ने पश्चाताप करने के लिए सक्षम किया है।"
* 'फिराव' का अनुवाद करने के अन्य तरीकों में "पाप से दूर होना" या "परमेश्वर की ओर मुड़कर पाप से दूर" हो सकता है।
* “मन फिराना” का अनुवाद ऐसे एक शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ हो, “पीछे मुड़ना(परमेश्वर की ओर)” या “पाप से विमुख होकर परमेश्वर की ओर मुड़ना” या “परमेश्वर की ओर मुड़ें, पाप से दूर।”।
* "मन फिराव" शब्दका अनुवाद प्रायः क्रिया शब्द "मन फिराना" किया जा सकता हैं। उदाहरण के लिए, "परमेश्वर ने इस्राएल को मन फिराव दिया" इसका अनुवाद किया जा सकता है, "परमेश्वर ने इस्राएल को पश्चाताप करने में सक्षम किया है।"
* "मन फिराव" का अनुवाद करने के अन्य रूपों में हैं, "पाप से दूर होना" या "परमेश्वर की ओर मुड़कर पाप से दूर होना।"
(यह भी देखें: [क्षमा](../kt/forgive.md), [पाप](../kt/sin.md), [बदलना](../other/turn.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 03:19-20](rc://*/tn/help/act/03/19)
* [लूका 03:3](rc://*/tn/help/luk/03/03)
* [लूका 03:8](rc://*/tn/help/luk/03/08)
* [लूका 05:29-32](rc://*/tn/help/luk/05/29)
* [लूका 24:45-47](rc://*/tn/help/luk/24/45)
* [मरकुस 01:14-15](rc://*/tn/help/mrk/01/14)
* [मत्ती 03:1-3](rc://*/tn/help/mat/03/01)
* [मत्ती 03:10-12](rc://*/tn/help/mat/03/10)
* [प्रे.का. 3:19-20](rc://*/tn/help/act/03/19)
* [लूका 3:3](rc://*/tn/help/luk/03/03)
* [लूका 3:8](rc://*/tn/help/luk/03/08)
* [लूका 5:32](rc://*/tn/help/luk/05/32)
* [लूका 24:47](rc://*/tn/help/luk/24/47)
* [मरकुस 1:14-15](rc://*/tn/help/mrk/01/14)
* [मत्ती 3:3](rc://*/tn/help/mat/03/03)
* [मत्ती 3:11](rc://*/tn/help/mat/03/11)
* [मत्ती 04:17](rc://*/tn/help/mat/04/17)
* [रोमियो 02:3-4](rc://*/tn/help/rom/02/03)
* [रोमियो 2:4](rc://*/tn/help/rom/02/04)
## बाइबल कहानियों के उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[16:02](rc://*/tn/help/obs/16/02)__ कई वर्षों बाद, इस्राएलियों ने __पश्चाताप किया__ और परमेश्वर से कहा कि वह उन्हें बचाए |
* __[16:2](rc://*/tn/help/obs/16/02)__ परमेश्वर की आज्ञान मानने और क्षत्रुओं द्वारा उत्पीडित किए जाने के कई वर्षों बाद, इस्राएलियों ने __पश्चाताप किया__ और परमेश्वर से कहा कि वह उन्हें बचाए |
* __[17:13](rc://*/tn/help/obs/17/13)__ दाऊद को अपने किए हुए अपराधों पर __पश्चाताप__ हुआ और परमेश्वर ने उसे क्षमा किया।
* __[19:18](rc://*/tn/help/obs/19/18)__ भविष्यवक्ताओं ने परमेश्वर के बारे में लोगों को बताना निरंतर जारी रखा भले ही लोग उनसे बैर रखते थे |
* __[24:02](rc://*/tn/help/obs/24/02)__ बहुत से आस पास के लोग यूहन्ना को सुनने के लिए बाहर निकल आए | यूहन्ना ने उनसे कहा, “__मन फिराओ__ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है !”
* __[42:08](rc://*/tn/help/obs/42/08)__ “पवित्रशास्त्र में यह भी लिखा था कि मेरे चेले प्रचार करेंगे कि हर एक को पापों की __क्षमा प्राप्त करने__ के लिये पश्चाताप करना चाहिए।”
“तो अब इसलिये मन फिराओ और परमेश्वर की ओर लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएँ |”
* __[19:18](rc://*/tn/help/obs/19/18)__ भविष्यवक्ताओं ने लोगों को चेतावनी दी कि यदि वे __पश्चाताप__ नहीं करेंगे तो परमेश्वर उनको नष्ट कर देगा |
* __[24:2](rc://*/tn/help/obs/24/02)__ बहुत से आस पास के लोग यूहन्ना को सुनने के लिए बाहर जंगल में निकल आए | यूहन्ना ने उनसे कहा, “__मन फिराओ__ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है !”
* __[42:8](rc://*/tn/help/obs/42/08)__ “पवित्रशास्त्र में यह भी लिखा है कि मेरे चेले प्रचार करेंगे कि हर एक को पापों की क्षमा प्राप्त__करने__ के लिये पश्चाताप करना चाहिए।”
* __[44:5](rc://*/tn/help/obs/44/05)__ “तो अब __मन फिराओ__ और परमेश्वर की ओर लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएँ |”
## शब्द तथ्य:

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@ -1,36 +1,36 @@
# जी उठने
# पुनरुत्थान
## परिभाषा:
जी उठने” का अर्थ है मरणोपरान्त पुनः जीवित हो जाना।
पुनरुत्थान” का अर्थ है मरणोपरान्त पुनः जीवित हो जाना।
* किसी का पुनरत्थान करना अर्थात उसे मरणोपरान्त पुनः जीवित करना। केवल परमेश्वर के पास ऐसा सामर्थ्य है।
* शब्द "जी उठने" अक्सर यीशु के मरने के बाद पुनः जीवित के लिए संदर्भित करता है।
* यीशु ने कहा, “पुनरत्थान और जीवन मैं हूं”, तो उसके कहने का अर्थ था कि वह पुनरत्थान का स्रोत है और वह मनुष्य को पुनजीर्वित करता है।
* किसी का पुनरत्थान करना अर्थात उसे मरणोपरान्त पुनः जीवित करना। केवल परमेश्वर के पास ऐसा सामर्थ्य है।
* "पुनरुत्थान" यीशु के मरणोपरांत पुनः जीवित हो जाने के लिए सन्दर्भ में प्रयोग किया जाता है।
* यीशु ने कहा, “पुनरत्थान और जीवन मैं हूं”, तो उसके कहने का अर्थ था कि वह पुनरत्थान का स्रोत है और वह मनुष्य को पुनर्जीवित करता है।
## अनुवाद के लिए सुझाव:
* “जी उठने” शब्द का अनुवाद, “पुनजीर्वित होना” या “मरणोपरान्त फिर जीवित हो जाना” हो सकता है।
* इस शब्द का वास्तविक अर्थ “ऊँचा उठना” या “उठाए जाना” (मृत्यु से) है। इस शब्द के संभावित अनुवाद, “आन्तरिक नैतिक पथ प्रदर्शन” या “नैतिक विचार” हो सकते हैं
* “पुनरुत्थान” शब्द का अनुवाद, “पुनजीर्वित होना” या “मरणोपरान्त फिर जीवित हो जाना” हो सकता है।
* इस शब्द का वास्तविक अर्थ “खडा होना” या (मृतकों में से) “खड़े किए जाने का कार्य” है। ये इस शब्द के संभावित अनुवाद हो सकते हैं
(यह भी देखें: [जीवन](../kt/life.md), [मृत्यु](../other/death.md), [खड़ा करना](../other/raise.md)
(यह भी देखें: [जीवन](../kt/life.md), [मृत्यु](../other/death.md), [खड़ा करना](../other/raise.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 15:12-14](rc://*/tn/help/1co/15/12)
* [1 पतरस 03:21-22](rc://*/tn/help/1pe/03/21)
* [इब्रानियों 11:35-38](rc://*/tn/help/heb/11/35)
* [1 कुरिन्थियों 15:13](rc://*/tn/help/1co/15/13)
* [1 पतरस 3:21](rc://*/tn/help/1pe/03/21)
* [इब्रानियों 11:35](rc://*/tn/help/heb/11/35)
* [यूहन्ना 05:28-29](rc://*/tn/help/jhn/05/28)
* [लूका 20:27-28](rc://*/tn/help/luk/20/27)
* [लूका 20:34-36](rc://*/tn/help/luk/20/34)
* [मत्ती 22:23-24](rc://*/tn/help/mat/22/23)
* [मत्ती 22:29-30](rc://*/tn/help/mat/22/29)
* [फिलिप्पियों 03:8-11](rc://*/tn/help/php/03/08)
* [लूका 20:27](rc://*/tn/help/luk/20/27)
* [लूका 20:36](rc://*/tn/help/luk/20/36)
* [मत्ती 22:23](rc://*/tn/help/mat/22/23)
* [मत्ती 22:30](rc://*/tn/help/mat/22/30)
* [फिलिप्पियों 3:11](rc://*/tn/help/php/03/11)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[21:14](rc://*/tn/help/obs/21/14)__ मसीह की मृत्यु और उसके जी उठने के माध्यम से, परमेश्वर अपनी योजना सिद्ध करेंगे और पापियों को बचाने के लिए नई वाचा का आरम्भ करेंगे |
* __[35:05](rc://*/tn/help/obs/37/05)__ यीशु ने उत्तर दिया, "मैं पुनरुत्थान और जीवन हूँ।" जो कोई मुझ पर विशवास करता है वह यदि मर भी जाये, तौभी जीवित रहेगा”
* __[21:14](rc://*/tn/help/obs/21/14)__ मसीह की मृत्यु और उसके __पुनरुत्थान__के द्वारा से, परमेश्वर पापिओं के उद्धार की अपनी योजना सिद्ध करेगा और नई वाचा की स्थापना करेगा |
* __[35:5](rc://*/tn/help/obs/37/05)__ यीशु ने उत्तर दिया, "पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ।" जो कोई मुझ पर विशवास करता है वह यदि मर भी जाये, तौभी जीवित रहेगा”
## शब्द तथ्य:

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा:
"सब्त" शब्द का अर्थ है सप्ताह का सातवां दिन, जिसके लिए परमेश्वर ने इस्राएल को आज्ञा दी थी कि उस दिन, विश्राम करें, कोई कार्य नहीं करें।
"सब्त" शब्द का अर्थ है सप्ताह का सातवां दिन, जिसके लिए परमेश्वर ने इस्राएल को आज्ञा दी थी कि उस दिन को विश्राम करने के लिए प्रिथक कर दें, उस दिन कोई कार्य नहीं करें।
* परमेश्वर ने छः दिन ब्रह्माण्ड की रचना की, और सातवें दिन विश्राम किया। इसी प्रकार, परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि सातवें दिन को पवित्र मानकर विश्राम का विशेष दिन रखें और उसकी आराधना करें।
* "सब्त के दिन को पवित्र रखने" की आज्ञा दस आज्ञाओं में से एक है जिन्हें परमेश्वर ने पत्थर की पट्टियों पर लिखकर मूसा को इस्राएल के लिए दिए थे।
@ -23,20 +23,20 @@
* [2 इतिहास 31:2-3](rc://*/tn/help/2ch/31/02)
* [प्रे.का. 13:26-27](rc://*/tn/help/act/13/26)
* [निर्गमन 31:12-15](rc://*/tn/help/exo/31/12)
* [निर्गमन 31:14](rc://*/tn/help/exo/31/14)
* [यशायाह 56:6-7](rc://*/tn/help/isa/56/06)
* [विलापगीत 02:5-6](rc://*/tn/help/lam/02/05)
* [लैव्यव्यवस्था 19:1-4](rc://*/tn/help/lev/19/01)
* [लूका 13:12-14](rc://*/tn/help/luk/13/12)
* [मरकुस 02:27-28](rc://*/tn/help/mrk/02/27)
* [मत्ती 12:1-2](rc://*/tn/help/mat/12/01)
* [विलापगीत 2:6](rc://*/tn/help/lam/02/06)
* [लैव्यव्यवस्था 19:3](rc://*/tn/help/lev/19/03)
* [लूका 13:14](rc://*/tn/help/luk/13/14)
* [मरकुस 2:27](rc://*/tn/help/mrk/02/27)
* [मत्ती 12:2](rc://*/tn/help/mat/12/02)
* [नहेम्याह 10:32-33](rc://*/tn/help/neh/10/32)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[13:05](rc://*/tn/help/obs/13/05)__"तू __सब्त के दिन__ को पवित्र मानने के लिये स्मरण रखना | छ: दिन तो तू परिश्रम करके अपना सब काम-काज करना, परन्तु सातवा दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये विश्रामदिन है |"
* __[26:02](rc://*/tn/help/obs/26/02)__यीशु नासरत शहर के पास गया, जहाँ उसने अपना बचपन बिताया था | __सब्त__ के दिन वह आराधना करने के स्थान पर गया |
* __[41:03](rc://*/tn/help/obs/41/03)__यीशु को दफ़नाने के दिन के बाद __सब्त__ का दिन था, और यहूदियों को उस दिन कब्र पर जाने की अनुमति नहीं थी|
* __[13:5](rc://*/tn/help/obs/13/05)__"तू __सब्त के दिन__ को पवित्र मानने के लिये स्मरण रखना | छ: दिन तो तू परिश्रम करके अपना सब काम-काज करना, परन्तु सातवा दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये विश्रामदिन है |"
* __[26:2](rc://*/tn/help/obs/26/02)__यीशु नासरत शहर के पास गया, जहाँ उसने अपना बचपन बिताया था | __सब्त__ के दिन वह आराधना करने के स्थान पर गया |
* __[41:3](rc://*/tn/help/obs/41/03)__यीशु को दफ़नाने के दिन के बाद __सब्त__ का दिन था, और यहूदियों को उस दिन कब्र पर जाने की अनुमति नहीं थी|
## शब्द तथ्य:

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@ -2,7 +2,7 @@
## परिभाषा:
"पवित्र-स्थान" का मूल अर्थ है, "पावन स्थल" और इसका संदर्भ उस स्थान से है जिसे परमेश्वर ने पावन एवं पवित्र बनाया। इसका संदर्भ सुरक्षा एवं रक्षा के स्थान से भी हो सकता है।
"पवित्र-स्थान" का मूल अर्थ है, "पावन स्थल" और इसका संदर्भ उस स्थान से है जिसे परमेश्वर ने पावन एवं पवित्र बनाया। इसका संदर्भ सुरक्षा एवं रक्षा प्रदान करने के स्थान से भी हो सकता है।
* पुराने नियम में "पवित्र-स्थान" प्रायः निवास के मण्डप या मन्दिर के लिए काम में लिया जाता था जिनमें "पवित्र-स्थान" और "परमपवित्र-स्थान" थे।
* परमेश्वर पवित्र-स्थान को अपनी प्रजा इस्राएल के मध्य अपने निवास का स्थान कहता था।
@ -10,22 +10,22 @@
## अनुवाद के सुझाव:
* इस शब्द में निहितार्थ है, "पवित्र-स्थान" या "वह स्थान जो पृथक किया गया है।"
* इस शब्द का मूल अर्थ है, "पवित्र-स्थान" या "वह स्थान जो पृथक किया गया है।"
* प्रकरण के अनुसार "पवित्र-स्थान" शब्द का अनुवाद "पावन स्थल" या "पवित्र भवन" या "परमेश्वर का पवित्र निवास" या "सुरक्षा का पवित्र स्थान" या "सुरक्षा का पावन स्थल" भी किया जा सकता है।
* "पवित्र स्थान का शेकेल" का अनुवाद हो सकता है "निवास के मण्डप के लिए दिए गए शेकेल का प्रकार" या "मन्दिर के रख-रखाव हेतु कर स्वरूप शेकेल।"
* "पवित्र स्थान का शेकेल" का अनुवाद हो सकता है "निवास के मण्डप के लिए दिए गए शेकेल के जैसा" या "मन्दिर के रख-रखाव हेतु कर स्वरूप दिया जाने वाला शेकेल।"
* टिप्पणी: सावधान रहें कि इस शब्द का अनुवाद आज के आराधनालय के आराधना स्थल का अर्थ प्रकट न करे।
(यह भी देखें: [पवित्र](../kt/holy.md), [पवित्र आत्मा](../kt/holyspirit.md), [पवित्र](../other/sacred.md), [पृथक करना](../kt/setapart.md), [तम्बू](../kt/tabernacle.md), [कर](../other/tax.md), [मन्दिर](../kt/temple.md), )
## बाइबल के सन्दर्भ:
* [आमोस 07:12-13](rc://*/tn/help/amo/07/12)
* [आमोस 7:12-13](rc://*/tn/help/amo/07/13)
* [निर्गमन 25:3-7](rc://*/tn/help/exo/25/03)
* [यहेजकेल 25:3-5](rc://*/tn/help/ezk/25/03)
* [इब्रानियों 08:1-2](rc://*/tn/help/heb/08/01)
* [यहेजकेल 25:3](rc://*/tn/help/ezk/25/03)
* [इब्रानियों 8:1-2](rc://*/tn/help/heb/08/01)
* [लूका 11:49-51](rc://*/tn/help/luk/11/49)
* [गिनती 18:1-2](rc://*/tn/help/num/18/01)
* [भजन संहिता 078:67-69](rc://*/tn/help/psa/078/067)
* [गिनती 18:1](rc://*/tn/help/num/18/01)
* [भजन संहिता 78:69](rc://*/tn/help/psa/078/069)
## शब्द तथ्य:

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@ -2,38 +2,39 @@
## परिभाषा:
चिन्ह वह वस्तु, घटना या कार्य है जो एक विशेष अर्थ प्रकट करता है।
"चिन्ह" प्रायः उस वस्तु, घटना या कार्य के सन्दर्भ में है जो एक विशेष अर्थ प्रकट करता है।
* "स्मरण कराने वाली बात" ऐसे संकेत हैं जो "याद दिलाने उन्हें याद करने में मदद करते है, जो कुछ वादा किया गया था:
* परमेश्वर ने मेघधनुष स्थापित किया जो इस प्रतिज्ञा को स्मरण कराता है कि परमेश्वर विश्वव्यापी जलप्रलय द्वारा ऐसे मानवजाति को फिर नष्ट नहीं करेगा।
* परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी कि वे उसकी वाचा के चिन्ह स्वरूप अपने पुत्रों का खतना करें।
* :बाईबल में "चिन्ह" कभी कभी परमेश्वर द्वारा की गई प्रतिज्ञा या स्थापित वाचा के लिए दिए जाते थे:
* उत्पत्ति के पुस्तक में परमेश्वर द्वारा आकाश में स्थापित मेघधनुष परमेश्वर को स्मरण कराने के लिए एक चिन्ह (स्मारक) है कि उसने प्रतिज्ञा की है कि वह विश्वव्यापी जलप्रलय से जीवन को फिर कभी नष्ट नहीं करेगा।
* उत्पत्ति की पुस्तक में, परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि वे अपने पुत्रों का खतना करें जो उस तथ्य का एक चिन्ह होगा जो उनके साथ बंधी गई परमेश्वर की वाचा का चिन्ह होगा
* चिन्ह किसी बात को प्रकट करते हैं या उसकी ओर संकेत करते हैः
* स्वर्गदूत ने चरवाहों को एक चिन्ह दिया जिसके द्वारा वे बैतलहम में नवजात मसीह को पहचान पाएंगे
* यहूदा ने यीशु का चुम्बन करके धर्म के अगुओं पर चिन्ह प्रकट किया कि जिसे उन्होंने पकड़ना है वह यीशु यही है।
* लूका के वृतांत में, स्वर्गदूत ने चरवाहों को एक चिन्ह दिया जिसके द्वारा उनको सहायता मिलेगी कि वे बैतलहम में पहचान पाएं कि कौन सा शिशु नवजात मसीह है
* यहूदा ने यीशु का चुम्बन करके धर्म के अगुओं पर चिन्ह प्रकट किया कि यही यीशु है जिसको उन्हें पकड़ना है।
* चिन्ह किसी बात को सच्चा सिद्ध करते है:
* भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों द्वारा किए गए आश्चर्यकर्म चिन्ह थे कि वे परमेश्वर का सन्देश सुना रहे है।
* यीशु ने जो चमत्कार किए, वे साबित करते है कि वह वास्तव में मसीहा था ।
* निर्गमन की पुस्तक में, विपत्तियों ने मिस्र में विनाश ढा दिया था जो एक चिन्ह था कि यहोवा कौन है और उनसे सिद्ध हुआ कि वह फिरौन से और उसके मिस्री देवताओं से अधिक महान है|
* प्रेरितों के काम की पुस्तक में, भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों द्वारा किए गए आश्चर्यकर्म चिन्ह थे कि वे परमेश्वर का सन्देश सुना रहे है।
* यूहन्ना रचित सुसमाचार में कहा गया है कि यीशु ने जो चमत्कार किए, वे चिन्ह जिनसे सिद्ध होता है कि वह वास्तव में मसीह है।
## (अनुवाद के सुझाव:
* प्रकरण के अनुसार “चिन्ह” का अनुवाद “संकेत” या “प्रतीक” या “पहचान” या “प्रमाण” या “प्रमाण” या “इंगित करना” भी हो सकता है
* “हाथों से संकेत करना” का अनुवाद “हाथों की गतिविधि” या “हाथों से इंगित करना” या “भाव दर्शाना” भी हो सकता है
* कुछ भाषाओं में “चिन्ह” जो किसी बात को सिद्ध करता है और आश्चर्यकर्म के लिए चिन्ह का दूसरा शब्द होता है।
* बार-बार आने वाली अभिव्यक्ति, "चिन्ह और चमत्कार" का अनुवाद हो सकता है: "प्रमाण एवं चमत्कार" या "परमेश्वर के सामर्थ्य को सिद्ध करने वाले चमत्कारी कार्य" या “विस्मयकारी आश्चर्यकर्म जिनसे प्रकट होता है कि परमेश्वर कैसा महान है"
* “हाथों से संकेत करना” का अनुवाद हो सकता है: “हाथों की गतिविधि” या “हाथों से इंगित करना” या “भाव दर्शाना”।
* कुछ भाषाओं में किसी बात को सिद्ध करने के लिए "चिन्ह" शब्द का एक अनुवादित रूप होता है और आश्चर्यकर्म के लिए "चिन्ह" का दूसरा अनुवादित शब्द होता है।
(यह भी देखें: [आश्चर्यकर्म](../kt/miracle.md), [प्रेरित](../kt/apostle.md), [मसीह](../kt/christ.md), [वाचा](../kt/covenant.md), [खतना करना](../kt/circumcise.md))
## बाइबल के सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 02:18-19](rc://*/tn/help/act/02/18)
* [निर्गमन 04:8-9](rc://*/tn/help/exo/04/08)
* [प्रे.का. 2:18-19](rc://*/tn/help/act/02/18)
* [निर्गमन 4:8-9](rc://*/tn/help/exo/04/08)
* [निर्गमन 31:12-15](rc://*/tn/help/exo/31/12)
* [उत्पत्ति 01: 14-15](rc://*/tn/help/gen/01/14)
* [उत्पत्ति 09: 11-13](rc://*/tn/help/gen/09/11)
* [यूह. 02:17-19](rc://*/tn/help/jhn/02/17)
* [लूका 02:10-12](rc://*/tn/help/luk/02/10)
* [ार्क. 18:11-13](rc://*/tn/help/mrk/08/11)
* [भजन-संहिता 089:5-6](rc://*/tn/help/psa/089/005)
* [उत्पत्ति 1: 14-15](rc://*/tn/help/gen/01/14)
* [उत्पत्ति 9: 12](rc://*/tn/help/gen/09/12)
* [यूह. 2:18](rc://*/tn/help/jhn/02/18)
* [लूका 2:12](rc://*/tn/help/luk/02/12)
* [रकुस 18:12](rc://*/tn/help/mrk/08/12)
* [भजन-संहिता 89:5-6](rc://*/tn/help/psa/089/005)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H226, H852, H2368, H2858, H4150, H4159, H4864, H5251, H5824, H6161, H6725, H6734, H7560, G364, G880, G1213, G1229, G1718, G1730, G1732, G1770, G3902, G4102, G4591, G4592, G4953, G4973, G5280
* Strong's: H0226, H0852, H2368, H2858, H4150, H4159, H4864, H5251, H5824, H6161, H6725, H6734, H7560, G0364, G0880, G1213, G1229, G1718, G1730, G1732, G1770, G3902, G4102, G4591, G4592, G4953, G4973, G5280

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@ -5,11 +5,8 @@
“प्राण” शब्द या तो आम तौर पर किसी व्यक्ति के गैर-भौतिक भाग को संदर्भित कर सकता है या विशेष रूप से दूसरों से अलग व्यक्ति के रूप में खुद के बारे में जागरूकता के लिए विशेष रूप से संदर्भित कर सकता है।
* बाइबल में, “प्राण” और “आत्मा” दो भिन्न धारणाएं हैं या वे दो भिन्न शब्द हैं जो एक ही विचार को व्यक्त करते हैं।
* मनुष्य जब मरता है तब उसकी आत्मा देह का त्याग कर देती है।
* शरीर के विपरीत, "प्राण" को उस व्यक्ति के भाग के रूप में बोला जा सकता है जो "परमेश्वर से संबंधित है।"
* “प्राण” शब्द का उपयोग कभी-कभी प्रतीकात्मक रूप में संपूर्ण व्यक्तित्व के लिए किया गया है। उदाहरणार्थ “आत्मा पाप करती है” अर्थात “मनुष्य पाप करता है”, या “मेरी आत्मा थकित है” अर्थात “मैं थका हुआ हूं।”
## अनुवाद के सुझाव:

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@ -14,7 +14,7 @@
* इस शब्द के प्रतीकात्मक अर्थों के अन्य अनुवाद रूप हैं, “परमेश्वर के लोग नहीं” या “उन लोगों के सदृश्य विद्रोही जो परमेश्वर के नहीं” या “वे जिनमें परमेश्वर के होने का कोई लक्षण नहीं है”
* “हृदय का खतना” इसका अनुवाद हो सकता है, “हठीले विद्रोही” या “विश्वास से इन्कार करनेवाले”। तथापि, यदि संभव हो इसी उक्ति को काम में लें या ऐसी ही किसी उक्ति को काम में लें क्योंकि आत्मिक खतना एक महत्वपूर्ण विषय है।
(यह भी देखें: [अब्राहम ](../names/abraham.md), [खतना करना](../kt/circumcise.md))
(यह भी देखें: [अब्राहम](../names/abraham.md), [खतना करना](../kt/circumcise.md))
## बाइबल सन्दर्भ:

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा:
* “अधर्मी” और “अन्याय से” मनुष्यों के साथ पक्षपात करना, प्रायः हानि के व्यवहार के साथ।
* “अन्याय” किसी मनुष्य के साथ बुरा करना, जबकि वह इस योग्य नहीं। इसका संदर्भ पक्षपाती व्यवहार से है।
* कुटिलता का अर्थ यह भी है कि कुछ के साथ बुरा कुछ के साथ अच्छा व्यवहार करना।
* जो मनुष्य पक्षपात करता है वह मनुष्यों के साथ समता का व्यवहार नहीं करता है।

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा:
* “व्यवस्था विरोधी” नियमों का उल्लंघन करनेवाले कामों का वर्णन करता है।
* नये नियम में “व्यवस्था विरोधी” उक्ति का उपयोग परमेश्वर के नियमों के उल्लंघन ही के लिए नहीं मानव निर्मित यहूदी परम्पराओं के उल्लंघन के लिए भी काम में ली जाती है।
* वर्षों के अन्तराल में यहूदियों ने परमेश्वर प्रदत्त व्यवस्था में अपनी परम्पराओं को जोड़ दिया था। यहूदी अगुवे मानव निर्मित परम्पराओं के उल्लंघन को “व्यवस्था विरोधी” कहते थे।
* यीशु के शिष्य सब्त के दिन गेहूँ की बालें तोड़ रहे थे तो फरीसियों ने उन्हें व्यवस्था विरोधी काम करने का दोषी ठहराया था क्योंकि वह सब्त के दिन विश्राम करने का यहूदी व्यवस्था का उल्लंघन कर रहा था।

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@ -4,8 +4,8 @@
“अखमीरी रोटी” खमीर रहित या खट्टा करने वाले पदार्थ से रहित रोटी। यह रोटी पतली होती है क्योंकि उसे फूलने के लिए उसमें खमीर नहीं होता है।
* जब परमेश्वर ने इस्त्राएलियेां को मिस्र की दासता से छुड़ाया था तब कहा था कि आटे को खमीर होने की प्रतिज्ञा किए बिना वे अतिशीघ्र वहाँ से निकलें। अतः उन्होंने भोजन में अखमीरी रोटी खाई थी। तब से उनके वार्षिक फसह में अखमीरी रोटी का उपयोग किया जाता था कि उन्हें उस समय का स्मरण करवाए।
* कभी-कभी ख़मीर पाप का द्योतक भी कहा गया है, अतः अखमीरी रोटी मनुष्य के जीवन से पाप निवारण को दर्शाती है, अर्थात परमेश्वर को सम्मान देनेवाला जीवन।
* जब परमेश्वर ने इस्त्राएलियेां को मिस्र के दासत्व से छुड़ाया था तब कहा था कि आटे को खमीर होने की प्रतीक्षा किए बिना वे अतिशीघ्र वहाँ से निकलें। अतः उन्होंने भोजन में अखमीरी रोटी खाई थी। तब से उनके वार्षिक फसह में अखमीरी रोटी का उपयोग किया जाता था कि उन्हें उस समय का स्मरण करवाए।
* कभी-कभी ख़मीर पाप का द्योतक भी कहा गया है, अतः "अखमीरी रोटी" मनुष्य के जीवन से पाप निवारण को दर्शाती है, जिअए कि वे परमेश्वर को सम्मान देनेवाला जीवन जिएँ
## अनुवाद के सुझाव:
@ -17,15 +17,15 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 05:6-8](rc://*/tn/help/1co/05/06)
* [1 कुरिन्थियों 5:6-8](rc://*/tn/help/1co/05/06)
* [2 इतिहास 30:13-15](rc://*/tn/help/2ch/30/13)
* [प्रे.का. 12:3-4](rc://*/tn/help/act/12/03)
* [प्रे.का. 12:3](rc://*/tn/help/act/12/03)
* [निर्गमन 23:14-15](rc://*/tn/help/exo/23/14)
* [एज्रा 06:21-22](rc://*/tn/help/ezr/06/21)
* [उत्पत्ति 19:1-3](rc://*/tn/help/gen/19/01)
* [न्यायियों 06:21](rc://*/tn/help/jdg/06/21)
* [लैव्यव्यवस्था 08:1-3](rc://*/tn/help/lev/08/01)
* [लूका 22:1-2](rc://*/tn/help/luk/22/01)
* [न्यायियों 6:21](rc://*/tn/help/jdg/06/21)
* [लैव्यव्यवस्था 8:1-3](rc://*/tn/help/lev/08/01)
* [लूका 22:1](rc://*/tn/help/luk/22/01)
## शब्द तथ्य:

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@ -5,9 +5,7 @@
मन्नत एक शपथ है जो मनुष्य परमेश्वर के सम्मुख करता है।
* यदि प्राचीन इस्राएल में एक व्यक्ति ने परमेश्वर के लिए मन्नत मानी, तो वह व्यक्ति मन्नत पूरी करने के लिए बाध्य था। प्राचीन इस्राएलियों का मानना था कि परमेश्वर उस व्यक्ति को दंडित कर सकता है जिसने उसके द्वारा मानी गयी मन्नत को पूरा नहीं किया।
* प्राचीन इस्राएल में, कभी-कभी एक व्यक्ति परमेश्वर से उसकी रक्षा करने या मन्नत मांगने के बदले में अपने आप को प्रदान करने के लिए कहता था। हालाँकि, प्राचीन इस्राएलियों को विश्वास नहीं था कि परमेश्वर इन अनुरोधों को पूरा करने के लिए बाध्य है।
* प्रकरण के अनुसार, “मन्नत” का अनुवाद हो सकता है, “पावन प्रतिज्ञा” या “परमेश्वर से की गई प्रतिज्ञा”।
(यह भी देखें: [प्रतिज्ञा](../kt/promise.md), [शपथ](../other/oath.md))

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@ -38,8 +38,6 @@
## बाइबल कहानियों के उदाहरण:
# ??
* __[25:07](rc://*/tn/help/obs/25/07)__ परमेश्वर के वचन में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
* __[33:06](rc://*/tn/help/obs/33/06)__ तब यीशु ने उन्हें समझाया कि, “बीज __परमेश्वर का वचन__ है ।
* __[42:03](rc://*/tn/help/obs/42/03)__ फिर यीशु ने उन्हें समझाया कि __परमेश्वर का वचन__ मसीहा के बारे में क्या कहता है

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा:
* “सेनाओं का यहोवा” और “सेनाओं का परमेश्वर” ये पदनाम हजारों स्वर्गदूतों पर परमेश्वर के अधिकार को दर्शाते हैं जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं।
* “सेना” या “सेनाओं” ये शब्द किसी भी बात की बड़ी संख्या को व्यक्त करते हैं जैसे सेना या सितारों की विशाल संख्या। यह बुरी आत्माओं सहित सभी कई आत्माओं के संदर्भ में भी है। संदर्भ यह स्पष्ट करता है कि क्या संदर्भित किया जा रहा है। “स्वर्ग की सेना” सितारों, ग्रहों और अन्य आकाशीय पिण्डों के लिए काम में लिए जाते हैं।
* नए नियम में, वाक्यांश, "सेनाओं का प्रभु" का अर्थ "सेनाओं का यहोवा" के समान है, लेकिन इसका इस तरह से अनुवाद नहीं किया जा सकता है क्योंकि "यहोवा" इब्रानी शब्द है नए नियम में प्रयोग नहीं किया गया है।

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@ -6,17 +6,17 @@
* सिय्योन पर्वत और मोरिय्याह पर्वत वे दो पर्वत थे जिन पर यरूशलेम नगर बसा हुआ था। आगे चलकर “सिय्योन” और “सिय्योन पर्वत” इन पर्वतों और यरूशलेम नगर के उपनाम हुए। कभी-कभी ये शब्द यरूशलेम के मन्दिर के संदर्भ में भी काम में लिए गए हैं। (देखें: [लक्षणालंकार](rc://*/ta/man/translate/figs-metonymy))
* दाऊद ने सिय्योन या यरूशलेम को “दाऊद नगर” नाम दिया था। यह स्थान दाऊद के अपने स्थान, बैतलहम से भिन्न था जिसे दाऊद नगरी भी कहा गया है।
* “सिय्योन” शब्द क अन्य प्रतीकात्मक रूपों में भी काम में लिया गया है, जैसे इस्राएल के लिए या परमेश्वर के आत्मिक राज्य के लिए या उस नए स्वार्गिक यरूशलेम के लिए जिसे परमेश्वर रचेगा।
* “सिय्योन” शब्द क अन्य प्रतीकात्मक रूपों में भी काम में लिया गया है, जैसे इस्राएल के लिए या परमेश्वर के आत्मिक राज्य के लिए या उस नए स्वार्गिक यरूशलेम के लिए जिसे परमेश्वर रचेगा।
(यह भी देखें: [अब्राहम ](../names/abraham.md), [दाऊद](../names/david.md), [यरूशलेम](../names/jerusalem.md), [बैतलहम](../names/bethlehem.md), [यबूसी](../names/jebusites.md))
(यह भी देखें: [अब्राहम](../names/abraham.md), [दाऊद](../names/david.md), [यरूशलेम](../names/jerusalem.md), [बैतलहम](../names/bethlehem.md), [यबूसी](../names/jebusites.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 11:4-6](rc://*/tn/help/1ch/11/04)
* [आमोस 01:1-2](rc://*/tn/help/amo/01/01)
* [यिर्मयाह 51:34-35](rc://*/tn/help/jer/51/34)
* [भजन संहिता 076:1-3](rc://*/tn/help/psa/076/001)
* [रोमियो 11:26-27](rc://*/tn/help/rom/11/26)
* [1 इतिहास 11:5](rc://*/tn/help/1ch/11/05)
* [आमोस 01:2](rc://*/tn/help/amo/01/02)
* [यिर्मयाह 51:35](rc://*/tn/help/jer/51/35)
* [भजन संहिता 76:1-3](rc://*/tn/help/psa/076/001)
* [रोमियो 11:26](rc://*/tn/help/rom/11/26)
## शब्द तथ्य:

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@ -4,9 +4,9 @@
हारून मूसा का बड़ा भाई था। परमेश्वर ने हारून को इस्राएल का प्रथम महायाजक होने के लिए चुना था।
* हारून ने मूसा की सहायता की थी जब वह फिरौन से इस्राएलियों के प्रस्थान की अनुमति मांग रहा था
* जंगल से यात्रा करते समय हारून से पाप हो गया था और उसने इस्राएलियों की उपासना हेतु एक मूर्ति बना दी थी।
* परमेश्वर ने हारून और उसके वंशजों को [याजक](../kt/priest.md) इस्राएल के याजक के लिए नियुक्त कर दिया था।
* फिरौन से इस्राएलियों के प्रस्थान का आग्रह करते समय फिरौन से बात करने में हारून ने मूसा की सहायता की थी
* इस्रैलियों की जंगल यात्रा के समय हारून से पाप हो गया था क्योंकि उसने इस्राएलियों की उपासना हेतु एक मूर्ति बना दी थी।
* परमेश्वर ने हारून और उसके वंशजों को [याजक](../kt/priest.md) इस्राएल के याजक होने के लिए नियुक्त कर दिया था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -14,20 +14,20 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 23:12-14](rc://*/tn/help/1ch/23/12)
* [प्रे.का. 07:38-40](rc://*/tn/help/act/07/38)
* [1 इतिहास 23:14](rc://*/tn/help/1ch/23/14)
* [प्रे.का. 7:38-40](rc://*/tn/help/act/07/38)
* [निर्गमन 28:1-3](rc://*/tn/help/exo/28/01)
* [लूका 01:5-7](rc://*/tn/help/luk/01/05)
* [गिनती 16:44-46](rc://*/tn/help/num/16/44)
* [लूका 1:5](rc://*/tn/help/luk/01/05)
* [गिनती 16:45](rc://*/tn/help/num/16/45)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[09:15](rc://*/tn/help/obs/09/15)__ परमेश्वर ने मूसा और __हारून__ को चेतावनी दी कि फ़िरौन कठोर मनुष्य है।
* __[10:05](rc://*/tn/help/obs/10/05)__ फ़िरौन ने मूसा और __हारून__ को बुलवाकर कहा कि यदि वह इस महामारी को समाप्त कर दे, तो फ़िरौन मिस्र से इस्राएलियों को मुक्त कर देंगा
* __[13:09](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ परमेश्वर ने मूसा के भाई __हारून__ और हारून के वंश को याजक पद के लिये चुना।
* __[13:11](rc://*/tn/help/obs/13/11)__ लोग __हारून__ के पास सोना ले आए और बोले कि हमारे लिये देवता बना!
* __[14:07](rc://*/tn/help/obs/14/07)__ वे लोग मूसा और __हारून__ से क्रोधित होकर कहने लगे, “कि तुम हमे इतनी भीषण जगह क्यों लेकर आए ?”
* __[9:15](rc://*/tn/help/obs/09/15)__ परमेश्वर ने मूसा और __हारून__ को चेतावनी दी कि फ़िरौन कठोर मनुष्य है।
* __[10:5](rc://*/tn/help/obs/10/05)__ फ़िरौन ने मूसा और __हारून__ को बुलवाकर कहा कि यदि वह इस विपत्ति को रोक दे, तो इस्राएली मिस्र से जा सकते हैं
* __[13:9](rc://*/tn/help/obs/13/09)__ परमेश्वर ने मूसा के भाई __हारून__ और हारून के वंश को अपने याजक होने के लिये चुना।
* __[13:11](rc://*/tn/help/obs/13/11)__ अतः वे (इस्राएली) __हारून__ के पास सोना ले आए और बोले कि हमारे लिये एक देवता बना!
* __[14:7](rc://*/tn/help/obs/14/07)__ वे (इस्राएली) मूसा और __हारून__ से क्रोधित होकर कहने लगे, “कि तुम हमे इतनी भीषण जगह क्यों लेकर आए ?”
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H175, G2
* Strong's: H175, G0002

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@ -6,9 +6,9 @@
* “अब्राम” का अर्थ था, “प्रतिष्ठित पिता”
* “अब्राहम” का अर्थ था, “अनेकों का पिता”
* परमेश्वर ने अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी कि वह अनेकों का पिता होगा, उसके वंशज एक महान जाति होंगे।
* अब्राहम ने परमेश्वर पर विश्वास किया और उसकी आज्ञाओं को माना। परमेश्वर ने अब्राहम को कसदियों के देश से लकर कनान जाने में अगुआई की।
* कनान में अब्राहम और सारा को बुढ़ापे में इसहाक प्राप्त हुआ था।
* परमेश्वर ने अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी कि उसके वंशज अनेक होंगे, जो एक महान जाति बन जाएंगे।
* अब्राहम ने परमेश्वर पर विश्वास किया और उसकी आज्ञाओं को माना। कसदियों के देश से लकर कनान जाने में परमेश्वर ने अब्राहम की अगुआई की।
* कनान में वास करते समय अब्राहम और सारा को बुढ़ापे में इसहाक प्राप्त हुआ था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,22 +16,22 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [गलातियों 03:6-9](rc://*/tn/help/gal/03/06)
* [गलातियों 03:8](rc://*/tn/help/gal/03/08)
* [उत्पत्ति 11:29-30](rc://*/tn/help/gen/11/29)
* [उत्पत्ति 21:1-4](rc://*/tn/help/gen/21/01)
* [उत्पत्ति 22:1-3](rc://*/tn/help/gen/22/01)
* [याकूब 02:21-24](rc://*/tn/help/jas/02/21)
* [मत्ती 01:1-3](rc://*/tn/help/mat/01/01)
* [उत्पत्ति 21:4](rc://*/tn/help/gen/21/04)
* [उत्पत्ति 22:2](rc://*/tn/help/gen/22/02)
* [याकूब 2:23](rc://*/tn/help/jas/02/23)
* [मत्ती 1:2](rc://*/tn/help/mat/01/02)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[04:06](rc://*/tn/help/obs/04/06)__जब __अब्राम__ कनान देश पहुंचा तब परमेश्वर ने उसे कहा कि, “अपने चारों ओर देख क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को दूँगा”
* __[05:04](rc://*/tn/help/obs/05/04)__ परमेश्वर ने कहा कि अब तेरा नाम अब्राम न होकर अब्राहम होगा, जिसका अर्थ है –“मूलपिता।”
* __[05:05](rc://*/tn/help/obs/05/05)__ लगभग एक साल बाद में, जब __अब्राहम__ सौ वर्ष का हुआ और सारा नब्बे वर्ष की तो, सारा ने अब्राहम के पुत्र को जन्म दिया।
* __[05:06](rc://*/tn/help/obs/05/06)__ जब इसहाक जवान हुआ, परमेश्वर ने __अब्राहम__ से यह कहकर उसकी परीक्षा ली,”अपने एकलौते पुत्र इसहाक को होमबलि करके चढ़ा।
* __[06:01](rc://*/tn/help/obs/06/01)__ जब __अब्राहम__ वृद्ध हो गया था, तो उसका पुत्र इसहाक व्यस्कता की ओर बढ़ता जा रहा था, __अब्राहम__ ने अपने एक दास से कहा, कि तू मेरे देश में मेरे ही कुटुम्बियों के पास जाकर मेरे पुत्र इसहाक के लिये एक पत्नी ले आएगा।
* __[06:04](rc://*/tn/help/obs/06/04)__ एक लंबे समय के बाद __अब्राहम__ की मृत्यु हो गयी, परमेश्वर ने अब्राहम से जो वाचा बाँधी थी उसके अनुसार, परमेश्वर ने इसहाक को आशीष दी
* __[21:02](rc://*/tn/help/obs/21/02)__ परमेश्वर ने अब्राहम से वाचा बाँधी कि भूमंडल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे।
* __[4:6](rc://*/tn/help/obs/04/06)__जब __अब्राम__ कनान देश पहुंचा तब परमेश्वर ने उसे कहा कि, “अपने चारों ओर देख क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को दूँगा”
* __[5:4](rc://*/tn/help/obs/05/04)__ परमेश्वर ने कहा कि अब तेरा नाम अब्राम न होकर अब्राहम होगा, जिसका अर्थ है –“मूलपिता।”
* __[5:5](rc://*/tn/help/obs/05/05)__ लगभग एक साल बाद, जब __अब्राहम__ सौ वर्ष का हुआ और सारा नब्बे वर्ष की तो, सारा ने अब्राहम के पुत्र को जन्म दिया।
* __[5:6](rc://*/tn/help/obs/05/06)__ जब इसहाक जवान हुआ, परमेश्वर ने __अब्राहम__ से यह कहकर उसकी परीक्षा ली,”अपने एकलौते पुत्र इसहाक को मेरे लिए होमबलि करके चढ़ा।"
* __[6:1](rc://*/tn/help/obs/06/01)__ जब __अब्राहम__ वृद्ध हो गया था, तबउसका पुत्र, इसहाक वयस्क हो चुका था, __अब्राहम__ ने अपने दासों में से एक को अपने परिजनों के देश में भेजा कि वह उसके पुत्र, इसहाक के लिए एक पत्नी ले आएगा।
* __[6:4](rc://*/tn/help/obs/06/04)__ एक लंबे समय के बाद __अब्राहम__ की मृत्यु हो गयी, परमेश्वर ने अब्राहम से जो वाचा बाँधी थी उसमें की गईं परमेश्वर की सब आशीषें इसहाक को मिलीं
* __[21:2](rc://*/tn/help/obs/21/02)__ परमेश्वर ने अब्राहम से वाचा बाँधी कि भूमंडल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे।
## शब्द तथ्य:

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@ -1,11 +1,11 @@
# आई
#
## तथ्य:
पुराने नियम में एक कनानी नगर था, जो बेतेल के निकट दक्षिण में था और यरीहो से उत्तर पश्चिम में 8 कि.मी. दूर था।
पुराने नियम के युग में एक कनानी नगर था, जो बेतेल के निकट दक्षिण में था और यरीहो से उत्तर पश्चिम में 8 कि.मी. दूर था।
* यरीहो को जीत लेने के बाद यहोशू ने इस्राएलियों को लेकर आई नगर पर आक्रमण किया। परन्तु इस्राएली आसानी से पराजित हुए क्योंकि परमेश्वर उनसे प्रसन्न नहीं था।
* आकान नामक एक इस्राएली पुरूष ने यरीहो की लूट में से कुछ सामान चुराकर रख लिया था, परमेश्वर ने आज्ञा दी कि वह और उसका परिवार घात किया जाए। तब परमेश्वर ने आई नगर को पराजित करने में इस्राएल की सहायता की थी।
* यरीहो को जीत लेने के बाद यहोशू ने इस्राएलियों को लेकर नगर पर आक्रमण किया। परन्तु इस्राएली आसानी से पराजित हुए क्योंकि परमेश्वर उनसे प्रसन्न नहीं था।
* आकान नामक एक इस्राएली पुरूष ने यरीहो की लूट में से कुछ सामान चुराकर रख लिया था, परमेश्वर ने आज्ञा दी कि वह और उसका परिवार घात किया जाए। तब परमेश्वर ने नगर को पराजित करने में इस्राएल की सहायता की थी।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -13,11 +13,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [एज्रा 02:27-30](rc://*/tn/help/ezr/02/27)
* [एज्रा 2:27-30](rc://*/tn/help/ezr/02/27)
* [उत्पत्ति 12:8-9](rc://*/tn/help/gen/12/08)
* [उत्पत्ति 13:3-4](rc://*/tn/help/gen/13/03)
* [यहोशू 07:2-3](rc://*/tn/help/jos/07/02)
* [यहोशू 08:10-12](rc://*/tn/help/jos/08/10)
* [यहोशू 7:3](rc://*/tn/help/jos/07/03)
* [यहोशू 08:12](rc://*/tn/help/jos/08/12)
## शब्द तथ्य:

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@ -1,12 +1,12 @@
# अम्मोन, अम्मोनी, अम्मोनियों
# अम्मोन, अम्मोनी
## तथ्य:
“अम्मोनवासी” या “अम्मोनी” कनान का एक समुदाय है। वे बेनम्मी के वंशज थे जो लूत द्वारा उसकी छोटी पुत्री का पुत्र था।
* अम्मोनी शब्द एक स्त्री अम्मोनी के संदर्भ में है। इसका अनुवाद किया जा सकता है “अम्मोनी स्त्री”
* अम्मोनी यरदन नदी के पूर्व में रहते थे और वे इस्राएल के बैरी थे
* ये वही लोग हैं जिन्होंने बिलाम नामक नबी को खरीद लिया था कि इस्राएल को श्राप दे, परन्तु परमेश्वर ने ऐसा नहीं होने दिया था।
* उत्पत्ति की पुस्तक से विदित है कि अम्मोंन जाति लूत की छोटी पुत्री से जन्मा पुत्र,बेनम्मी के वंशज थे।
* विशिष्ठता में देखा जाए तो "अम्मोनी"शब्द एक अम्मोनी स्त्री के सन्दर्भ में है| इसका अनुवाद हो सकता है, "अम्मोनी स्त्री"
* ये वही लोग हैं जिन्होंने एक समय बिलाम नामक नबी को खरीद लिया था कि इस्राएल को श्राप दे, परन्तु परमेश्वर ने ऐसा नहीं होने दिया था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,11 +15,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 19:1-3](rc://*/tn/help/1ch/19/01)
* [यहेजकेल 25:1-2](rc://*/tn/help/ezk/25/01)
* [उत्पत्ति 19:36-38](rc://*/tn/help/gen/19/36)
* [यहोशू 02:14](rc://*/tn/help/jos/12/01)
* [न्यायियों 11:26-28](rc://*/tn/help/jdg/11/26)
* [सपन्याह 02:8-9](rc://*/tn/help/zep/02/08)
* [यहेजकेल 25:2](rc://*/tn/help/ezk/25/02)
* [उत्पत्ति 19:38](rc://*/tn/help/gen/19/38)
* [यहोशू 12:1-2](rc://*/tn/help/jos/12/01)
* [न्यायियों 11:27](rc://*/tn/help/jdg/11/27)
* [सपन्याह 02:8](rc://*/tn/help/zep/02/08)
## शब्द तथ्य:

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@ -2,27 +2,28 @@
## तथ्य:
एमोरी एक सामर्थी जाति थी जो नूह के पोते कनान की वंशज थी।
एमोरी एक सामर्थी जाति थी जो कनान में, यारदन नदी के दोनों ओर निवास करती थी।
* उनके नाम का अर्थ है, “ऊंचे लोग” जो संभवतः उनके स्थान के पर्वतों के कारण पड़ा था क्योंकि वे कद में लम्बे थे।
* एमोरी यरदन नदी के दोनों ओर बसे हुए थे। * आई नगर एमोरियों का निवास स्थान था।
* परमेश्वर “एमोरियों का पाप” का संदर्भ देता है, उनकी झूठे देवताओं की उपासना से जुड़े हुए पापी व्यवहार भी थे।
* परमेश्वर ने जैसी आज्ञा दी उसी के अनुसार यहोशू ने एमोरियों का सर्वनाश करने के लिए इस्राएली अगुआई की थी।
* उनके नाम का अर्थ है, “ऊंचे लोग” जो संभवतः उनके स्थान के पर्वतों के कारण या उनके लबे कद के कारण पड़ा था।
* उत्पत्ति की पुस्तक से विदित होता है कि एमोरी नूह के पोते, कनान के वंशज थे।
* ऐ नगर में एमोरी बसे हुए थे|
* परमेश्वर “एमोरियों का पाप” के विषय चर्चा करता है- उनकी मूर्तपूजा और उससे जुड़े पापी अभ्यास।
* परमेश्वर ने जैसी आज्ञा दी उसी के अनुसार यहोशू ने एमोरियों का सर्वनाश करने के लिए इस्राएलियों की अगुआई की थी।
## बाइबल सन्दर्भ:
* [आमोस 02:9-10](rc://*/tn/help/amo/02/09)
* [यहेजकेल 16:1-3](rc://*/tn/help/ezk/16/01)
* [उत्पत्ति 10:15-18](rc://*/tn/help/gen/10/15)
* [आमोस 2:9](rc://*/tn/help/amo/02/09)
* [यहेजकेल 16:3](rc://*/tn/help/ezk/16/03)
* [उत्पत्ति 10:16](rc://*/tn/help/gen/10/16)
* [उत्पत्ति 15:14-16](rc://*/tn/help/gen/15/14)
* [यहोशू 09:9-10](rc://*/tn/help/jos/09/09)
* [यहोशू 09:10](rc://*/tn/help/jos/09/10)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[15:07](rc://*/tn/help/obs/15/07)__ कुछ समय बाद, कनान में एक अन्य समूह के राजा, __एमोरियों__ ने जब यह सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल किया और उनके बीच रहने लगे है, तब एमोरी के राजाओ ने अपनी अपनी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी, और गिबोन के सामने डेरे डालकर उस से युद्ध छेड़ दिया।
* __[15:7](rc://*/tn/help/obs/15/07)__ कुछ समय बाद, कनान में एक अन्य जाति, __एमोरियों__ के राजा ने जब यह सुना कि गिबोन के निवासियों ने इस्राएलियों से मेल कर लिया है, तब उसने सब के साथ मिलकर एक विशाल सेना तैयार की और गिब्बोनियों पर आक्रमण कार दिया।
* __[15:08](rc://*/tn/help/obs/15/08)__ प्रात:काल उन्होंने __एमोरियों__ की सेना को चकित कर दिया व उन पर हमला कर दिया।
* __[15:09](rc://*/tn/help/obs/15/09)__ उस दिन परमेश्वर इस्राएल के लिए लड़। परमेश्वर ने एमोरियों को उलझन में डाल दिया, और ओले भेजकर बहुत से एमोरियों को घात किया।
* __[15:10](rc://*/tn/help/obs/15/10)__ उस दिन परमेश्वर ने सूर्य को आकाशमण्डल के बीचोंबीच ठहरा दिया, ताकि इस्राएलियों के पास एमोरियों को पराजित करने के लिए पर्याप्त समय हो।
* __[15:9](rc://*/tn/help/obs/15/09)__ उस दिन परमेश्वर इस्राएल के लिए लड़। परमेश्वर ने एमोरियों को उलझन में डाल दिया, और आकाश से पत्थर गिरा कर अनेक एमोरियों को घात किया।
* __[15:10](rc://*/tn/help/obs/15/10)__ उस दिन परमेश्वर ने सूर्य को आकाशमण्डल के बीचोंबीच ठहरा दिया, ताकि इस्राएलियों के पास एमोरियों का सर्पवनाश करने के लिए पर्याप्त समय हो।
## शब्द तथ्य:

View File

@ -14,11 +14,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 तीमुथियुस 03:10-13](rc://*/tn/help/2ti/03/10)
* [प्रे.का. 06:5-6](rc://*/tn/help/act/06/05)
* [2 तीमुथियुस 3:10-13](rc://*/tn/help/2ti/03/10)
* [प्रे.का. 6:5-6](rc://*/tn/help/act/06/05)
* [प्रे.का. 11:19-21](rc://*/tn/help/act/11/19)
* [प्रे.का. 11:25-26](rc://*/tn/help/act/11/25)
* [गलातियों 02:11-12](rc://*/tn/help/gal/02/11)
* [प्रे.का. 11:26](rc://*/tn/help/act/11/26)
* [गलातियों 2:11-12](rc://*/tn/help/gal/02/11)
## शब्द तथ्य:

View File

@ -6,7 +6,7 @@
* अक्विला और प्रिस्किल्ला रोम, इटली में कुछ समय रहे थे तब रोमी सम्राट क्लॉडियस ने सब यहूदियों को रोम से चले जाने का आदेश दिया।
* अतः अक्विला और प्रिस्किल्ला कुरिन्थ नगर आ गए जहां उनकी भेंट प्रेरित पौलुस से हुई थी।
* उन्होंने तम्बू बनाने में और प्रचार कार्य में पौलुस के साथ काम किया
* उन्होंने तम्बू बनाने में पौलुस के साथ काम किया था र इस प्रकार प्रचार कार्य में पौलुस के साथी हुए थे
* अक्विला और प्रिस्किल्ला दोनों विश्वासियों को यीशु के सत्य की शिक्षा देते थे, इन विश्वासियों में एक प्रतिभाशाली शिक्षक अप्पुल्लोस भी था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -17,8 +17,8 @@
* [1 कुरिन्थियों 16:19-20](rc://*/tn/help/1co/16/19)
* [2 तीमुथियुस 04:19-22](rc://*/tn/help/2ti/04/19)
* [प्रे.का. 18:1-3](rc://*/tn/help/act/18/01)
* [प्रे.का. 18:24-26](rc://*/tn/help/act/18/24)
* [प्रे.का. 18:2](rc://*/tn/help/act/18/02)
* [प्रे.का. 18:24](rc://*/tn/help/act/18/24)
## शब्द तथ्य:

View File

@ -2,11 +2,11 @@
## तथ्य:
अर्तक्षत्र ने फारसी साम्राज्य पर लगभग 464 से 424 ई. पू. तक राज किया था।
राजा अर्तक्षत्र ने फारसी साम्राज्य पर लगभग 464 से 424 ई. पू. तक राज किया था।
* अर्तक्षत्र के राज्यकाल में यहूदा के इस्राएली बेबीलोन में बन्धुआई में थे उस समय बेबीलोन फारस के अधीन था।
* अर्तक्षत्र ने याजक एज्रा और अन्य यहूदी अगुओं को बेबीलोन से यरूशलेम लौट कर इस्राएलियों को परमेश्वर की व्यवस्था की शिक्षा देने की अनुमति प्रदान कर दी थी।
* इसके बाद अर्तक्षत्र ने अपने पिलानेहारे नहेम्याह को भी यरूशलेम जाने की अनुमति दे दी थी कि वह शहरपनाह का पुनरुद्धार करे।
* इसके बाद अर्तक्षत्र ने अपने पिलानेहारे नहेम्याह को भी यरूशलेम जाने की अनुमति दे दी थी कि वह यहूदिओं को साथ लेकर शहरपनाह का पुनरुद्धार करे।
* बेबीलोन फारस के अधीन था इसलिए अर्तक्षत्र को कभी-कभी “बेबीलोन का राजा” भी कहा गया है।
* ध्यान दें कि अर्तक्षत्र क्षयर्ष नहीं था।
@ -16,9 +16,9 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [एज्रा 04:7-8](rc://*/tn/help/ezr/04/07)
* [एज्रा 07:1-5](rc://*/tn/help/ezr/07/01)
* [नहेम्याह 02:1-2](rc://*/tn/help/neh/02/01)
* [एज्रा 4:7-8](rc://*/tn/help/ezr/04/07)
* [एज्रा 7:1-5](rc://*/tn/help/ezr/07/01)
* [नहेम्याह 2:1](rc://*/tn/help/neh/02/01)
* [नहेम्याह 13:6-7](rc://*/tn/help/neh/13/06)
## शब्द तथ्य:

View File

@ -15,10 +15,10 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 06:39-43](rc://*/tn/help/1ch/06/39)
* [1 इतिहास 6:39-43](rc://*/tn/help/1ch/06/39)
* [2 इतिहास 35:15](rc://*/tn/help/2ch/35/15)
* [नहेम्याह 02:7-8](rc://*/tn/help/neh/02/07)
* [भजन 050:1-2](rc://*/tn/help/psa/050/001)
* [नहेम्याह 2:8](rc://*/tn/help/neh/02/08)
* [भजन 50:1-2](rc://*/tn/help/psa/050/001)
## शब्द तथ्य:

View File

@ -2,10 +2,10 @@
## तथ्य:
अश्दोद पलिश्तियों के पांच प्रमुख नगरों में से एक था। यह दक्षिण-पश्चिम कनान में भूमध्य-सागर के निकट था, गाज़ा और याफा के मध्य स्थित।
अश्दोद पलिश्तियों के पांच प्रमुख नगरों में से एक था। यह दक्षिण-पश्चिम कनान में भूमध्य-सागर के निकट, गाज़ा और याफा के मध्य स्थित था
* पलिश्तियों के देवता दागोन का मन्दिर वहां था।
* पलिश्तियों द्वारा परमेश्वर की वाचा का सन्दूक लूट ले जाने के कारण परमेश्वर ने अश्दोद वासियों को कठोर दण्ड दिया था क्योंकि उन्होंने उसे अश्दोद में विधर्मी मन्दिर में रखा था।
* पलिश्तियों के मिथ्या देवता दागोन का मन्दिर अश्दोद में था।
* पलिश्तियों ने परमेश्वर की वाचा का सन्दूक ले जाकर अश्दोद के विजातीय मंदिर में रख दिया था, इस कारण परमेश्वर ने अश्दोद वासियों को कठोर दण्ड दिया था क्योंकि उसको विधर्मी मन्दिर में रखा गया था।
* इस नगर का यूनानी नाम अज़ोतस था। यह भी उन नगरों में से एक था जहां प्रचारक फिलिप्पुस ने सुसमाचार सुनाया था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -14,13 +14,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 शमूएल 05:1-3](rc://*/tn/help/1sa/05/01)
* [प्रे.का. 08:39-40](rc://*/tn/help/act/08/39)
* [आमोस 01:8](rc://*/tn/help/amo/01/08)
* [1 शमूएल 5:1-3](rc://*/tn/help/1sa/05/01)
* [प्रे.का. 8:40](rc://*/tn/help/act/08/39)
* [आमोस 1:8](rc://*/tn/help/amo/01/08)
* [यहोशू 15:45-47](rc://*/tn/help/jos/15/45)
* [जकर्याह 09:5-7](rc://*/tn/help/zec/09/05)
{{tag>publish ktlink}
* [जकर्याह 9:6](rc://*/tn/help/zec/09/06)
## शब्द तथ्य:

View File

@ -4,7 +4,7 @@
बाइबल के युग में “आसिया” रोमी साम्राज्य के एक क्षेत्र का नाम था। यह स्थान आज के तुर्किस्तान के पश्चिमी भाग में था।
* पौलुस ने आसिया के अनेक स्थानों में सुसमाचार सुनाया था। इन स्थानों में इफिसुस और कुलुस्से थे।
* पौलुस ने आसिया के अनेक स्थानों में यात्रा की और वहाँ अनेक नगरों में सुसमाचार सुनाया था। इन स्थानों में इफिसुस और कुलुस्से थे।
* आज के आसिया के भ्रम से बचने के लिए आवश्यक है कि इस शब्द का अनुवाद इस प्रकार किया जाए, “प्राचीन रोमी प्रान्त आसिया” या “आसिया प्रदेश।”
* प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में जितनी भी कलीसियाओं के नाम हैं, वे सब रोम के आसिया प्रदेश में थी।
@ -15,13 +15,13 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 16:19-20](rc://*/tn/help/1co/16/19)
* [1 पतरस 01:1-2](rc://*/tn/help/1pe/01/01)
* [2 तीमुथियुस 01:15-18](rc://*/tn/help/2ti/01/15)
* [1 पतरस 1:1-2](rc://*/tn/help/1pe/01/01)
* [2 तीमुथियुस 1:15-18](rc://*/tn/help/2ti/01/15)
* [प्रे.का. 06:8-9](rc://*/tn/help/act/06/08)
* [प्रे.का. 16:6-8](rc://*/tn/help/act/16/06)
* [प्रे.का. 16:7](rc://*/tn/help/act/16/07 )
* [प्रे.का. 27:1-2](rc://*/tn/help/act/27/01)
* [प्रकाशितवाक्य 01:4-6](rc://*/tn/help/rev/01/04)
* [रोमियो 16:3-5](rc://*/tn/help/rom/16/03)
* [प्रकाशितवाक्य 1:4-6](rc://*/tn/help/rev/01/04)
* [रोमियो 16:5](rc://*/tn/help/rom/16/05)
## शब्द तथ्य:

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@ -1,8 +1,8 @@
# अश्शूर, अश्शूरी, अश्शूरियों, अश्शूर राज्य
# अश्शूर, अश्शूरी, अश्शूर राज्य
## तथ्य:
अश्शूर देश एक इस्राएल के कनान वास के समय एक शक्तिशाली राज्य था। अश्शूर राज्य विभिन्न देशों का एक समूह था जिस पर अश्शूर राजा राज करता था।
अश्शूर देश एक इस्राएल के कनान वास के समय अश्शूर देश एक शक्तिशाली राज्य था। अश्शूर राज्य विभिन्न जातियों का एक समूह था जिस पर अश्शूर राजा राज करता था।
* अश्शूर देश उस स्थान में था जो आज उत्तरी इराक है।
* इतिहास में अश्शूरों ने इस्राएल से अनेक युद्ध किए थे।
@ -13,17 +13,17 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [उत्पत्ति 10:11-14](rc://*/tn/help/gen/10/11)
* [उत्पत्ति 10:11](rc://*/tn/help/gen/10/11)
* [उत्पत्ति 25:17-18](rc://*/tn/help/gen/25/17)
* [यशायाह 07:16-17](rc://*/tn/help/isa/07/16)
* [यिर्मयाह 50:17-18](rc://*/tn/help/jer/50/17)
* [मीका 07:11-13](rc://*/tn/help/mic/07/11)
* [यशायाह 7:16-17](rc://*/tn/help/isa/07/16)
* [यिर्मयाह 50:17](rc://*/tn/help/jer/50/17)
* [मीका 7:11-13](rc://*/tn/help/mic/07/11)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[20:02](rc://*/tn/help/obs/20/02)__ तब परमेश्वर ने दोनों राज्यों को दण्डित किया और उनके शत्रुओं को यह अनुमति दी कि वह उन राज्यों को नष्ट कर दे। __अश्शूर का राज्य__ एक शक्तिशाली, क्रूर राज्य था, जिसने इस्राएल के राज्य को नष्ट कर दिया। __अश्शूरियों__ ने इस्राएल के बहुत से लोगों को मार गिराया, उनकी मूल्यवान वस्तुओं को छीन लिया और देश का बहुत सा हिस्सा जला दिया।
* __[20:03](rc://*/tn/help/obs/20/03)__ __अश्शूरियों__ ने सभी नेताओं को एकत्र किया, धनवान मनुष्य और योग्य मनुष्य को और वह उन्हें अपने साथ __अश्शूर__ ले आए।
* __[20:04](rc://*/tn/help/obs/20/04)__ तब __अश्शूरियों__ ने अन्यजातियों को उस भूमि पर रहने को कहा जहाँ पर इस्राएली राज्य था
* __[20:3](rc://*/tn/help/obs/20/03)__ __अश्शूरियों__ ने सभी अगुओं को, धनवान मनुष्य और योग्य मनुष्य को एकत्र किया और उन्हें अपने साथ __अश्शूर__ ले आए।
* __[20:4](rc://*/tn/help/obs/20/04)__ तब __अश्शूरियों__ ने अन्यजातियों को इस्रैल राज्य की उस भूमि पर रहने के लिए ले आए
## शब्द तथ्य:

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@ -2,13 +2,13 @@
## तथ्य:
बिलाम एक अन्यजाति भविष्यद्वक्ता था जिसे राजा बालक ने रिश्वत देकर बुलवाया था कि इस्त्राएलियों को श्राप दे क्योंकि वे उत्तरी मोआब में, यरदन के तट पर छावनी डाले हुए कनान में प्रवेश करने की तैयारी में थे।
बिलाम एक अन्यजाति भविष्यद्वक्ता था जिसे राजा बालक ने रिश्वत देकर बुलवाया था कि इस्त्राएलियों को श्राप दे क्योंकि वे उत्तरी मोआब में, यरदन के तट पर छावनी डाले हुए कनान में प्रवेश करने की तैयारी में थे।
* बिलाम पतोर नगर का निवासी था, यह स्थान मोआब से 400 मील दूर फरात नदी के क्षेत्र में था।
* मिद्यानी राजा बालाक इस्राएलियों की बड़ी संख्या से डरता था इसलिए उसने बिलाम को बुलाया था कि उन्हें श्राप दे।
* जब बिलाम इस्राएलियों की ओर जा रहा था तब परमेश्वर का एक दूत उनका मार्ग अवरूद्ध करके खड़ा हो गया, जिसके कारण बिलाम का गधा रूक गया था। परमेश्वर ने उस गधे को मानवीय भाषा में बिलाम से बोलने की क्षमता प्रदान की।
* परमेश्वर ने बिलाम को अनुमति नहीं दी कि वह इस्राएल को श्राप दे परन्तु बिलाम को उन्हें आशिष देने पर विवश किया।
* परन्तु बिलाम ने इस्राएल की बुराई की और उन पर बाल पिओर की पूजा करने का प्रभाव डाला।
* परन्तु बिलाम ने इस्राएल की बुराई की और उन पर झूठे देवता, बाल पिओर की पूजा करने का प्रभाव डाला।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,11 +16,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 पतरस 02:15-16](rc://*/tn/help/2pe/02/15)
* [2 पतरस 2:16](rc://*/tn/help/2pe/02/16)
* [व्यवस्थाविवरण 23:3-4](rc://*/tn/help/deu/23/03)
* [यहोशू 13:22-23](rc://*/tn/help/jos/13/22)
* [गिनती 22:5-6](rc://*/tn/help/num/22/05)
* [प्रकाशितवाक्य 02:14-15](rc://*/tn/help/rev/02/14)
* [गिनती 22:5](rc://*/tn/help/num/22/05)
* [प्रकाशितवाक्य 2:14](rc://*/tn/help/rev/02/14)
## शब्द तथ्य:

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@ -2,12 +2,12 @@
## तथ्य:
बशान गलील सागर के पूर्व का क्षेत्र था। वह क्षेत्र आज के सीरिया और गोलन ऊंचाईयों के क्षेत्र का एक भाग था
बशान गलील सागर के पूर्व का क्षेत्र था। वह क्षेत्र आज के सीरिया और गोलन ऊंचाईयों के क्षेत्र का एक भाग है
* पुराने नियम का एक शरण नगर, “गोलन” बाशान क्षेत्र में था।
* बाशान एक अत्यधिक उपजाऊ प्रदेश था जो बांज वृक्षों और चारा गाहों के लिए प्रसिद्ध था।
* बाशान एक अत्यधिक उपजाऊ प्रदेश था जो बांज वृक्षों और चारागाहों के लिए प्रसिद्ध था।
* उत्पत्ति 14 में लिखा है कि बाशान अनेक राजाओं और उनके देशों में युद्ध का स्थान था।
* मिस्र से पलायन करने के बाद जब जंगल में था तब उन्होंने बाशान के एक भाग पर राज किया था।
* मिस्र से पलायन करने के बाद जब इस्राएल जंगल में था तब उन्होंने बाशान के एक भाग पर अधिकार कर लिया था।
* वर्षों बाद राजा सुलैमान उस क्षेत्र से आपूर्ति प्राप्त करता था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,10 +16,10 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 राजा 04:11-14](rc://*/tn/help/1ki/04/11)
* [आमोस 04:1-2](rc://*/tn/help/amo/04/01)
* [यिर्मयाह 20-21](rc://*/tn/help/jer/22/20)
* [यहोशू 09:9-10](rc://*/tn/help/jos/09/09)
* [1 राजा 4:13](rc://*/tn/help/1ki/04/13)
* [आमोस 4:1](rc://*/tn/help/amo/04/01)
* [यिर्मयाह 22:20-21](rc://*/tn/help/jer/22/20)
* [यहोशू 9:10](rc://*/tn/help/jos/09/10)
## शब्द तथ्य:

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@ -9,16 +9,16 @@
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [अबीमेलेक](../names/abimelech.md), [अब्राहम ](../names/abraham.md), [हाजिरा](../names/hagar.md), [इश्माएल](../names/ishmael.md), [यरूशलेम](../names/jerusalem.md), [शपथ](../other/oath.md))
(यह भी देखें: [अबीमेलेक](../names/abimelech.md), [अब्राहम](../names/abraham.md), [हाजिरा](../names/hagar.md), [इश्माएल](../names/ishmael.md), [यरूशलेम](../names/jerusalem.md), [शपथ](../other/oath.md))
===== बाइबल सन्दर्भ: =====
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 शमूएल 03:19-21](rc://*/tn/help/1sa/03/19)
* [2 शमूएल 17:11-12](rc://*/tn/help/2sa/17/11)
* [उत्पत्ति 21:14-16](rc://*/tn/help/gen/21/14)
* [उत्पत्ति 21:31-32](rc://*/tn/help/gen/21/31)
* [उत्पत्ति 46:1-4](rc://*/tn/help/gen/46/01)
* [नहेम्याह 11:28-30](rc://*/tn/help/neh/11/28)
* [1 शमूएल 3:20](rc://*/tn/help/1sa/03/20)
* [2 शमूएल 17:11](rc://*/tn/help/2sa/17/11)
* [उत्पत्ति 21:14](rc://*/tn/help/gen/21/14)
* [उत्पत्ति 21:31](rc://*/tn/help/gen/21/31)
* [उत्पत्ति 46:1](rc://*/tn/help/gen/46/01)
* [नहेम्याह 11:30](rc://*/tn/help/neh/11/30)
## शब्द तथ्य:

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@ -5,20 +5,20 @@
“बेतेल” कनान देश में यरूशलेम के उत्तर में एक नगर था। इसका पूर्व का नाम "लूज" था।
* परमेश्वर से पहली बार प्रतिज्ञा प्राप्त करने पर अब्राम (अब्राहम) ने बेतेल के निकट एक वेदी बनाई थी। उस समय इसका नाम बेतेल नहीं था परन्तु इस शब्द को जनमान्य होने के कारण काम में लिया गया है।
* एसाव से डर कर भागते समय याकूब इस नगर के बाहर ही आकाश के नीचे सोया था। उस समय उसने स्वप्न में उसे स्वर्गदूत एक सीढ़ी पर स्वर्ग पर चढ़ते और वहां से उतरते दिखाई दिए थे।
* इस नगर का नाम बेतेल नहीं था जब तक कि याकूब ने इसे "बेतेल" नाम नहीं दिया। इस शब्द को उजागर करने के लिए कुछ अनुवादों में इस स्थान का नाम “लूज(बाद में बेतेल कहलाया)” किया गया है जब तक कि याकूब ने वहां पहुंचकर उस स्थान को बेतेल नाम नहीं दिया।
* एसाव से डर कर भागते समय याकूब इस नगर के बाहर ही आकाश के नीचे सोया था। उस समय स्वप्न में उसे स्वर्गदूत एक सीढ़ी पर स्वर्ग पर चढ़ते और वहां से उतरते दिखाई दिए थे।
* इस नगर का नाम बेतेल नहीं था जब तक कि याकूब ने इसे "बेतेल" नाम नहीं दिया। इस शब्द को उजागर करने के लिए कुछ अनुवादों में इस स्थान का नाम “लूज(बाद में बेतेल कहलाया)” किया गया है जब अब्राहम की चर्चा की गई है तथा याकूब द्वारा उस स्थान का नाम बदल कर बेतेल रखने से पूर्व जब वह वहाँ पहुंचा था।
* बेतेल का नाम पुराने नियम में बहुत बार आया है और वहां अनेक महत्त्वपूर्ण घटनाएं भी घटी थी।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [अब्राहम ](../names/abraham.md), [वेदी](../kt/altar.md), [याकूब](../names/jacob.md), [यरूशलेम](../names/jerusalem.md))
(यह भी देखें: [अब्राहम](../names/abraham.md), [वेदी](../kt/altar.md), [याकूब](../names/jacob.md), [यरूशलेम](../names/jerusalem.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [उत्पत्ति 12:8-9](rc://*/tn/help/gen/12/08)
* [उत्पत्ति 35: 1-3](rc://*/tn/help/gen/35/01)
* [होशे 10:14-15](rc://*/tn/help/hos/10/14)
* [न्यायियों 01:22-24](rc://*/tn/help/jdg/01/22)
* [उत्पत्ति 35: 1](rc://*/tn/help/gen/35/01)
* [होशे 10:15](rc://*/tn/help/hos/10/15)
* [न्यायियों 01:23](rc://*/tn/help/jdg/01/23)
## शब्द तथ्य:

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@ -2,10 +2,10 @@
## तथ्य:
कनान हाम का पुत्र था और हाम नूह का पुत्र था। कनानी लोग कनान के निवासी थे।
कनान हाम का पुत्र था और हाम नूह का पुत्र था। कनानी लोग कनान के वंशज थे।
* “कनान” और “कनान देश” वह क्षेत्र था जो यरदन नदी और भूमध्यसागर के बीच का था। दक्षिण में वह मिस्र की सीमा तक था और उत्तर में सीरिया की सीमा तक।
* इस देश के निवासी कनानी और अन्यजातियां थ
* “कनान” या “कनान देश” वह क्षेत्र था जो यरदन नदी और भूमध्यसागर के बीच का था। दक्षिण में वह मिस्र की सीमा तक था और उत्तर में सीरिया की सीमा तक।
* इस देश के निवासी कनानी और अन्यजातियां थ
* परमेश्वर ने अब्राहम से प्रतिज्ञा की थी कि वह कनान देश उसे और उसके वंशज, इस्राएलियों को देगा।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,19 +15,19 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 13:19-20](rc://*/tn/help/act/13/19)
* [निर्गमन 03:7-8](rc://*/tn/help/exo/03/07)
* [उत्पत्ति 09:18-19](rc://*/tn/help/gen/09/18)
* [निर्गमन 3:7-8](rc://*/tn/help/exo/03/07)
* [उत्पत्ति 9:18](rc://*/tn/help/gen/09/18)
* [उत्पत्ति 10:19-20](rc://*/tn/help/gen/10/19)
* [उत्पत्ति 13:5-7](rc://*/tn/help/gen/13/05)
* [उत्पत्ति 47:1-2](rc://*/tn/help/gen/47/01)
* [उत्पत्ति 13:7](rc://*/tn/help/gen/13/07)
* [उत्पत्ति 47:2](rc://*/tn/help/gen/47/02)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[04:05](rc://*/tn/help/obs/04/05)__ इस प्रकार अब्राम अपनी पत्नी सारै, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किये थे, सब को लेकर __कनान__ देश में जो परमेश्वर ने उसे दिखाया था जाने को निकल चला;
* __[04:06](rc://*/tn/help/obs/04/06)__ जब अब्राम __कनान__ देश पहुंचा तब परमेश्वर ने उससे कहा कि, "अपने चारों ओर देख क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को दूँगा।"
* __[04:09](rc://*/tn/help/obs/04/09)__ "मैं__कनान__ देश तेरे वंश को दूँगा।"
* __[05:03](rc://*/tn/help/obs/05/03)__ " मैं तुझको, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को भी, यह सारा __कनान__ देश दूँगा कि वह उनकी निज भूमि रहेगी, और मैं उनका परमेश्‍वर रहूँगा।"
* __[07:08](rc://*/tn/help/obs/07/08)__ बीस वर्ष तक अपने भवन से, जो __कनान__ में है, दूर रहने के बाद याकूब अपने परिवार, सेवकों, और अपने सारे जानवरों समेत वापस आ गया।
* __[4:5](rc://*/tn/help/obs/04/05)__ इस प्रकार अब्राम अपनी पत्नी सारै, और जो धन उन्होंने इकट्ठा किया था, और जो प्राणी उन्होंने हारान में प्राप्त किये थे, सब को लेकर __कनान__ देश में जो परमेश्वर ने उसे दिखाया था जाने को निकल चला;
* __[4:6](rc://*/tn/help/obs/04/06)__ जब अब्राम __कनान__ देश पहुंचा तब परमेश्वर ने उससे कहा कि, "अपने चारों ओर देख क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को दूँगा।"
* __[4:9](rc://*/tn/help/obs/04/09)__ "मैं__कनान__ देश तेरे वंश को दूँगा।"
* __[5:3](rc://*/tn/help/obs/05/03)__ " मैं तुझको, और तेरे पश्चात् तेरे वंश को भी, यह सारा __कनान__ देश दूँगा कि वह उनकी निज भूमि रहेगी, और मैं उनका परमेश्‍वर रहूँगा।"
* __[7:8](rc://*/tn/help/obs/07/08)__ बीस वर्ष तक अपने घर से, जो __कनान__ में है, दूर रहने के बाद याकूब अपने परिवार, सेवकों, और अपने सारे जानवरों समेत वापस आ गया।
## शब्द तथ्य:

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@ -4,23 +4,23 @@
कसदी मेसोपोटामिया या बेबीलोन के दक्षिण का भू भाग था। इस क्षेत्र के निवासी कसदियों कहलाते थे।
* ऊर नगर जहां अब्राहम रहता था, वह कसदियों का ही देश था। इसे प्रायः “कसदियों क ऊर” कहा जाता है।
* ऊर नगर जो अब्राहम का जन्मस्थान था, वह कसदियों का ही देश था। इसे प्रायः “कसदियों क ऊर” कहा जाता है।
* नबूकदनेस्सर अनेक कसदियों में से एक था जो बेबीलोन पर राजा हुए थे।
* अनेक वर्षों बाद लगभग 600 ई.पू. में कसदी देश "बेबीलोन" कहलाया।
* दानिय्येल की पुस्तक में “कसदी” शब्द एक विशेष मानवीय श्रेणी का संदर्भ देता है जो ऊंची शिक्षा प्राप्त मनुष्य थे और सितारों का अध्ययन करते थे।
* दानिय्येल की पुस्तक में “कसदी” शब्द एक विशेष मानवीय वर्ग का संदर्भ देता है जो ऊंची शिक्षा प्राप्त मनुष्य थे और नक्षत्रों का अध्ययन करते थे।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [अब्राहम ](../names/abraham.md), [बाबेल](../names/babylon.md), [शिनार](../names/shinar.md), [ऊर](../names/ur.md))
(यह भी देखें: [अब्राहम](../names/abraham.md), [बाबेल](../names/babylon.md), [शिनार](../names/shinar.md), [ऊर](../names/ur.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [प्रे.का. 07:4-5](rc://*/tn/help/act/07/04)
* [यहेजकेल 01:1-3](rc://*/tn/help/ezk/01/01)
* [प्रे.का. 7:4-5](rc://*/tn/help/act/07/04)
* [यहेजकेल 1:1](rc://*/tn/help/ezk/01/01)
* [उत्पत्ति 11:27-28](rc://*/tn/help/gen/11/27)
* [उत्पत्ति 11:31-32](rc://*/tn/help/gen/11/31)
* [उत्पत्ति 15:6-8](rc://*/tn/help/gen/15/06)
* [यशायाह 13:19-20](rc://*/tn/help/isa/13/19)
* [यशायाह 13:19](rc://*/tn/help/isa/13/19)
## शब्द तथ्य:

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@ -6,9 +6,9 @@
* कुरिन्थ नगर आरंभिक कलीसियाओं में से एक का स्थान था।
* नये नियम में 1कुरिन्थियों और 2कुरिन्थियों पौलुस द्वारा कुरिन्थ की कलीसिया को लिखे पत्र थे।
* पहली प्रचार यात्रा पौलुस लगभग 18 महीने कुरिन्थ नगर में ठहरा था।
* पहली प्रचार यात्रा में पौलुस लगभग 18 महीने कुरिन्थ नगर में ठहरा था।
* कुरिन्थ नगर में पौलुस की भेट दो विश्वासियों, अक्विला और प्रिस्किल्ला से हुई थी।
* कुरिन्थ की कलीसिया से संबन्धित अन्य आरंभिक कलीसियाई अगुवे थे तीमुथियुस, तीतुस, अप्पुलोस और सीलास।
* कुरिन्थ की कलीसिया से संबन्धित आरंभिक कलीसियाई अगुवों म थे तीमुथियुस, तीतुस, अप्पुलोस और सीलास।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,10 +16,10 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 01:1-3](rc://*/tn/help/1co/01/01)
* [2 कुरिन्थियों 01:23-24](rc://*/tn/help/2co/01/23)
* [2 तीमुथियुस 04:19-22](rc://*/tn/help/2ti/04/19)
* [प्रे.का. 18:1-3](rc://*/tn/help/act/18/01)
* [1 कुरिन्थियों 1:3](rc://*/tn/help/1co/01/03)
* [2 कुरिन्थियों 1:23-24](rc://*/tn/help/2co/01/23)
* [2 तीमुथियुस 4:19-22](rc://*/tn/help/2ti/04/19)
* [प्रे.का. 18:1](rc://*/tn/help/act/18/01)
## शब्द तथ्य:

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@ -4,7 +4,7 @@
कुस्रू एक फारसी राजा था जिसने सैनिक अभियान द्वारा 550 ई.पू. में फारसी साम्राज्य की स्थापना की थी। इतिहास में वह कुस्रू महान के नाम से भी जाना जाता है।
* कुस्रू ने बाबेल को जीत लिया था और बन्धुआ इस्राएलियों को मुक्ति का आरंभ हुआ।
* कुस्रू ने बेबीलोन को जीत लिया था, और तब ही से बन्धुआ इस्राएलियों की मुक्ति का आरंभ हुआ।
* कुस्रू जीती हुई जातियों के प्रति अपने सहनशील स्वभाव के लिए प्रसिद्ध था। यहूदियों के साथ उसकी उदारता के व्यवहार के कारण ही बन्धुआई के बाद यरूशलेम मन्दिर का पुनः निर्माण हुआ था।
* कुस्रू के राज्यकाल में दानिय्येल, एज्रा और नहेम्याह जीवित थे।
@ -14,9 +14,9 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [2 इतिहास 36:22-23](rc://*/tn/help/2ch/36/22)
* [दानिय्येल 01:19-21](rc://*/tn/help/dan/01/19)
* [एज्रा 05:12-13](rc://*/tn/help/ezr/05/12)
* [2 इतिहास 36:23](rc://*/tn/help/2ch/36/23)
* [दानिय्येल 01:21](rc://*/tn/help/dan/01/21)
* [एज्रा 05:13](rc://*/tn/help/ezr/05/13)
* [यशायाह 44:28](rc://*/tn/help/isa/44/28)
## शब्द तथ्य:

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@ -2,9 +2,9 @@
## तथ्य:
दारा नाम फारस के अनेक राजाओं का था। संभव है कि “दारा” नाम की अपेक्षा उपाधि थी।
दारा नाम फारस के अनेक राजाओं का था। संभव है कि “दारा” नाम की अपेक्षा एक उपाधि थी।
* “दारा मादी” को जाल में फंसा कर दानिय्येल विरोधियों ने दानिय्येल को यहोवा की उपासना के कारण सिंहों की मान्द में डलवा दिया था।
* “मादी दारा” को जाल में फंसा कर दानिय्येल विरोधियों ने दानिय्येल को यहोवा की उपासना के कारण सिंहों की मान्द में डलवा दिया था।
* “फारसी दारा” ने एज्रा और नहेम्याह के समय यरूशलेम के मन्दिर के पुनः निर्माण हेतु प्रबन्ध किया था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -13,10 +13,10 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [एज्रा 04:4-6](rc://*/tn/help/ezr/04/04)
* [हाग्गै 01:1-2](rc://*/tn/help/hag/01/01)
* [नहेम्याह 12:22-23](rc://*/tn/help/neh/12/22)
* [जकर्याह 01:1-3](rc://*/tn/help/zec/01/01)
* [एज्रा 4:4-6](rc://*/tn/help/ezr/04/04)
* [हाग्गै 1:1](rc://*/tn/help/hag/01/01)
* [नहेम्याह 12:22](rc://*/tn/help/neh/12/22)
* [जकर्याह 1:1](rc://*/tn/help/zec/01/01)
## शब्द तथ्य:

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@ -4,11 +4,11 @@
एदोम एसाव का दूसरा नाम था। जिस स्थान में वह बस गया उस स्थान का नाम “एदोम” पड़ गया जो आगे चल कर “इदूमिया” हो गया। “एदोमियों” उसके वंशज थे।
* एदोम क्षेत्र समय के साथ-साथ स्थान बदलता रहा। वह इस्राएल के दक्षिण में था और अन्ततः यहूदा के दक्षिण तक फैल गया।
* एदोम क्षेत्र समय के साथ-साथ स्थान बदलता रहा। वह इस्राएल के दक्षिण में था और विस्तार करते करते अन्त में दक्षिण में यहूदा तक फैल गया।
* नये नियम के युग में एदोम यहूदा राज्य का दक्षिणी अर्धभाग हो गया था। यूनानियों ने उसे “इदूमिया” कहा।
* एदोम शब्द का अर्थ है “लाल” जो इस तथ्य के संदर्भ में है कि जब एसाव का जन्म हुआ था तब उसके शरीर पर लाल बाल थे। या इसका संदर्भ लाल रंग की उस दाल से भी हो सकता है जिसके बदले में एसाव ने अपने पहिलौठे होने का अधिकार बेच दिया था।
* पुराने नियम में एदोम देश को सदैव ही इस्राएल का शत्रु कहा गया है।
* ओबद्याह की संपूर्ण पुस्तक में एदोम के विनाश की भविष्यद्वाणी की गई है। पुराने नियम में भविष्यद्वक्ताओं ने एदोम के विरूद्ध भविष्यद्वाणियां की थी।
* ओबद्याह की संपूर्ण पुस्तक में एदोम के विनाश की भविष्यद्वाणी की गई है। पुराने नियम के अन्य भविष्यद्वक्ताओं ने भी एदोम के विरूद्ध भविष्यद्वाणियां की थी।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,12 +16,12 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [उत्पत्ति 25:29-30](rc://*/tn/help/gen/25/29)
* [उत्पत्ति 32:3-5](rc://*/tn/help/gen/32/03)
* [उत्पत्ति 36:1-3](rc://*/tn/help/gen/36/01)
* [उत्पत्ति 25:30](rc://*/tn/help/gen/25/30)
* [उत्पत्ति 32:3](rc://*/tn/help/gen/32/03)
* [उत्पत्ति 36:1](rc://*/tn/help/gen/36/01)
* [यशायाह 11:14-15](rc://*/tn/help/isa/11/14)
* [यहोशू 11:16-17](rc://*/tn/help/jos/11/16)
* [ओबद्याह 01:1-2](rc://*/tn/help/oba/01/01)
* [ओबद्याह 01:2](rc://*/tn/help/oba/01/02)
## शब्द तथ्य:

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@ -7,7 +7,7 @@
* प्राचीन युग में मिस्र एक शक्तिशाली एवं धनी देश था।
* प्राचीन मिस्र दो भागों में विभाजित था, निचला मिस्र (उत्तरी भाग जहां से नील नदी बहकर समुद्र में गिरती है) ऊपरी मिस्र (दक्षिणी भाग)। पुराने नियम में इन दोनों भागों को “मिस्र” और “पत्रोस” कहा गया है।
* जब कनान में भोजन की कमी होती थी तब इस्राएल के पित्र भोजन खरीदने मिस्र जाया करते थे।
* इस्राएली सैंकड़ों वर्ष मिस्र में दास बन कर रहे थे।
* इस्राएली सैंकड़ों वर्ष मिस्र में दास बन कर रहे थे।
* यूसुफ और मरियम भी बालक यीशु को हेरोदेस महान से बचाने के लिए मिस्र चले गए थे।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -16,20 +16,20 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 शमूएल 04:7-9](rc://*/tn/help/1sa/04/07)
* [प्रे.का. 07:9-10](rc://*/tn/help/act/07/09)
* [निर्गमन 03:7-8](rc://*/tn/help/exo/03/07)
* [उत्पत्ति 41:27-29](rc://*/tn/help/gen/41/27)
* [उत्पत्ति 41:55-57](rc://*/tn/help/gen/41/55)
* [मत्ती 02:13-15](rc://*/tn/help/mat/02/13)
* [1 शमूएल 4:7-9](rc://*/tn/help/1sa/04/07)
* [प्रे.का. 7:10](rc://*/tn/help/act/07/10)
* [निर्गमन 3:7](rc://*/tn/help/exo/03/07)
* [उत्पत्ति 41:29](rc://*/tn/help/gen/41/29)
* [उत्पत्ति 41:57](rc://*/tn/help/gen/41/57)
* [मत्ती 2:15](rc://*/tn/help/mat/02/15)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[08:04](rc://*/tn/help/obs/08/04)__ और व्यापारी यूसुफ को __मिस्र__ ले गए। __मिस्र__ नील नदी के किनारे स्थित एक बड़ा, शक्तिशाली देश था।
* __[08:08](rc://*/tn/help/obs/08/08)__ फ़िरौन यूसुफ से बहुत प्रभावित हुआ, और उसे __मिस्र__ का दूसरा सबसे शक्तिशाली आदमी नियुक्त किया।
* __[08:11](rc://*/tn/help/obs/08/11)__ याकूब ने अपने बेटों को __मिस्र__ से अन्न लाने के लिये भेजा।
* __[08:14](rc://*/tn/help/obs/08/14)__ याकूब वृद्ध हो गया था, वह अपने परिवार के साथ __मिस्र__ देश गया और व सब वहा रहने लगे।
* __[09:01](rc://*/tn/help/obs/09/01)__ यूसुफ की मृत्यु के पश्चात्, उसके सभी कुटुम्बी ने __मिस्र__ में ही वास किया।
* __[8:4](rc://*/tn/help/obs/08/04)__ और व्यापारी यूसुफ को __मिस्र__ ले गए। __मिस्र__ नील नदी के किनारे स्थित एक बड़ा, शक्तिशाली देश था।
* __[8:8](rc://*/tn/help/obs/08/08)__ फ़िरौन यूसुफ से बहुत प्रभावित हुआ, और उसे __मिस्र__ का दूसरा सबसे शक्तिशाली मनुष्य नियुक्त कर दिया।
* __[8:11](rc://*/tn/help/obs/08/11)__ याकूब ने अपने बड़े बेटों को अन्न लाने के लिए __मिस्र__भेजा था।
* __[8:14](rc://*/tn/help/obs/08/14)__ याकूब वृद्ध हो गया था, वह अपने परिवार के साथ __मिस्र__ देश गया और व सब वहा रहने लगे।
* __[9:1](rc://*/tn/help/obs/09/01)__ यूसुफ की मृत्यु के पश्चात्, उसके कुटुम्बियों ने __मिस्र__ में ही वास किया।
## शब्द तथ्य:

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@ -4,22 +4,22 @@
एप्रैम यूसुफ का दूसरा पुत्र था। उसके वंशज इस्राएल के बारह गोत्रों में से एक हुए।
* एप्रैम नाम उच्चारण में इब्रानी शब्द, के अर्थ, "फलवन्त बनाना" जैसा लगता है।
* एप्रैम का गोत्र इस्राएल के उत्तरी भाग में स्थित दस गोत्रों में से एक था।
* बाइबल में कभी-कभी एप्रैम शब्द संपूर्ण उत्तरी राज्य इस्राएल के लिए काम में लिया जाता था। (देखें: [उपलक्षण](rc://*/ta/man/translate/figs-synecdoche))
* एप्रैम वास्तव में एक पर्वतीय प्रदेश था, जो “एप्रैम का पहाड़ी प्रदेश” या “एप्रैम के पहाड़ों” के संदर्भ पर आधारित हैं।
* बाइबल में कभी-कभी एप्रैम शब्द संपूर्ण उत्तरी राज्य इस्राएल के लिए काम में लिया जाता था। (ठीक वैसे ही जैसे इस्राएल के दक्षिणी राज्य के लिए कभी-कभी यहूदा शब्द काम में लिया जाता था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [इस्राएल का राज्य](../names/kingdomofisrael.md), [इस्राएल के बारह गोत्र](../other/12tribesofisrael.md))
(यह भी देखें: [यूंसुफ़](../names/josephot.md), [मनश्शे](../names/manasseh.md), [इस्राएल का राज्य](../names/kingdomofisrael.md), [इस्राएल के बारह गोत्र](../other/12tribesofisrael.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 06:66-69](rc://*/tn/help/1ch/06/66)
* [1 इतिहास 6:66-69](rc://*/tn/help/1ch/06/66)
* [2 इतिहास 13:4-5](rc://*/tn/help/2ch/13/04)
* [यहेजकेल 37:15-17](rc://*/tn/help/ezk/37/15)
* [उत्पत्ति 41:50-52](rc://*/tn/help/gen/41/50)
* [यहेजकेल 37:16](rc://*/tn/help/ezk/37/16)
* [उत्पत्ति 41:52](rc://*/tn/help/gen/41/52)
* [उत्पत्ति 48:1-2](rc://*/tn/help/gen/48/01)
* [यूहन्ना 11:54-55](rc://*/tn/help/jhn/11/54)
* [यूहन्ना 11:54](rc://*/tn/help/jhn/11/54)
## शब्द तथ्य:

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@ -5,9 +5,7 @@
"एप्रात" और "एप्राती" शब्द शायद "एप्रैम" नाम से प्राप्त हुए हैं, जो यूसुफ के पुत्रों में से एक थे और इस्राएल की 12 जनजातियों में से एक के कुलपति बन गए। विभिन्न
* "एप्रात" उस क्षेत्र का नाम है जहां बेथेल शहर के पास, राहेल की मृत्यु हो गई।
* पुराने नियम में "एप्रात" नाम की एक स्त्री है, जो कालेब की पत्नी थी।
* बेथलहम और किरजथ-जियरिम दोनों शहरों को "एप्राती" भी कहा जाता है, भले ही दोनों शहर ऊपर (बेथेल के पास) की तुलना में एक अलग क्षेत्र में हैं।
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))

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@ -4,31 +4,31 @@
एसाव इसहाक और रिबका के जुड़वा पुत्रों में से एक था। वह पहिलौठा था। याकूब उसका जुड़वा भाई था।
* एसाव ने दाल के एक कटोरे के लिए याकूब को अपना पहिलौठ का अधिकार बेच दिया था।
* एसाव ने दाल के एक कटोरे के लिए याकूब को अपना पहिलौठ का अधिकार बेच दिया था।
* एसाव पहिलौठा था, इसलिए इसहाक को उसे विशेष आशिषें देनी थी। परन्तु याकूब ने धोखे से वे आशिषें ले लीं। आरंभ में तो एसाव क्रोध के कारण याकूब की हत्या करना चाहता था परन्तु बाद में उसने याकूब को क्षमा कर दिया।
* एसाव की अनेक सन्तान तथा नाती-पोते हुए थे जो कनान में एक जाति होकर बस गए थे।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [दोम](../names/edom.md), [इसहाक](../names/isaac.md), [याकूब](../names/jacob.md), [रिबका](../names/rebekah.md))
(यह भी देखें: [दोम](../names/edom.md), [इसहाक](../names/isaac.md), [याकूब](../names/jacob.md), [रिबका](../names/rebekah.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [उत्पत्ति 25:24-26](rc://*/tn/help/gen/25/24)
* [उत्पत्ति 25:24-26](rc://*/tn/help/gen/25/26)
* [उत्पत्ति 25:29-30](rc://*/tn/help/gen/25/29)
* [उत्पत्ति 26:34-35](rc://*/tn/help/gen/26/34)
* [उत्पत्ति 27:11-12](rc://*/tn/help/gen/27/11)
* [उत्पत्ति 32:3-5](rc://*/tn/help/gen/32/03)
* [इब्रानियों 12:14-17](rc://*/tn/help/heb/12/14)
* [रोमियो 09:10-13](rc://*/tn/help/rom/09/10)
* [उत्पत्ति 32:3-5](rc://*/tn/help/gen/32/05)
* [इब्रानियों 12:14-17](rc://*/tn/help/heb/12/17)
* [रोमियो 09:10-13](rc://*/tn/help/rom/09/13)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
* __[06:07](rc://*/tn/help/obs/06/07)__ जब रिबका के प्रसव का समय आया, पहला जो उत्पन्न हुआ वह लाल निकला, और उसका सारा शरीर कम्बल के समान रोममय था; इसलिये उसका नाम एसाव रखा गया।
* __[07:02](rc://*/tn/help/obs/07/02)__ तो __एसाव__ ने अपने पहिलौठे का अधिकार याकूब के हाथ बेच दिया।
* __[07:04](rc://*/tn/help/obs/07/04)__ जब इसहाक ने उसे टटोलकर देखा और उसके वस्त्रो की सुगन्ध पाकर समझा कि वह एसाव है, तो उसे जी से आशीर्वाद दिया।
* __[07:05](rc://*/tn/help/obs/07/05)__ __एसाव__ ने याकूब से बैर रखा क्योंकि उसने उसके पहिलौठे होने का अधिकार तो छीन ही लिया था साथ ही पिता के दिए हुए आशीर्वाद के कारण भी बैर रखा।
* __[07:10](rc://*/tn/help/obs/07/10)__ परन्तु __एसाव__ याकूब को फहले ही माफ़ कर चुका था, और वह एक दूसरे को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुए।
* __[6:7](rc://*/tn/help/obs/06/07)__ जब रिबका के प्रसव का समय आया, पहला जो उत्पन्न हुआ वह लाल निकला, और उसका सारा शरीर कम्बल के समान रोममय था; इसलिये उसका नाम __एसाव__ रखा गया।
* __[7:2](rc://*/tn/help/obs/07/02)__ तो __एसाव__ ने अपने पहिलौठे का अधिकार याकूब के हाथ बेच दिया।
* __[7:4](rc://*/tn/help/obs/07/04)__ जब इसहाक ने उसे टटोलकर देखा और उसके वस्त्रो की सुगन्ध पाकर समझा कि वह __एसाव__ है, तो उसे जी से आशीर्वाद दिया।
* __[7:5](rc://*/tn/help/obs/07/05)__ __एसाव__ ने याकूब से बैर रखा क्योंकि उसने उसके पहिलौठे होने का अधिकार और आशीषों को छीन लिया था।
* __[7:10](rc://*/tn/help/obs/07/10)__ परन्तु __एसाव__ याकूब को पहले ही माफ़ कर चुका था, और वे एक दूसरे को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुए।
## शब्द तथ्य:

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@ -6,8 +6,8 @@
* एज्रा ने यह इतिहास बाइबल की एज्रा नामक पुस्तक में लिखा है। नहेम्याह नामक पुस्तक भी उसी ने लिखी होगी क्योंकि मूल में ये दोनों पुस्तकें एक ही थी।
* यरूशलेम लौटकर उसने व्यवस्था को पुनः लागू किया था, क्योंकि उन्होंने सब्त के नियमों का पालन करना छोड़ दिया था और अन्यजाति स्त्रियों से जो मूर्तिपूजक थी, विवाह कर लिया था।
* एज्रा ने मन्दिर के पुनः निर्माण में भी सहायता की थी जिसे बेबीलोन की सेना ने यरूशलेम पर कब्जा करते वक्त ध्वंस कर दिया था।
* पुराने नियम में एज्रा नामक दो पुरुष हुए हैं।
* एज्रा ने मन्दिर के पुनः निर्माण में भी सहायता की थी जिसे बेबीलोन की सेना ने यरूशलेम पर कब्जा करते समय ध्वंस कर दिया था।
* पुराने नियम में एज्रा नामक दो और पुरुष हुए हैं।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -15,10 +15,10 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [एज्रा 07:6-7](rc://*/tn/help/ezr/07/06)
* [नहेम्याह 08:1-3](rc://*/tn/help/neh/08/01)
* [नहेम्याह 12:1-3](rc://*/tn/help/neh/12/01)
* [एज्रा 7:6](rc://*/tn/help/ezr/07/06)
* [नहेम्याह 8:1-3](rc://*/tn/help/neh/08/01)
* [नहेम्याह 12:1](rc://*/tn/help/neh/12/01)
## शब्द तथ्य:
* Strong's: H250, H5830, H5831, H5834
* Strong's: H250, H5830, H5831

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@ -4,22 +4,22 @@
नए नियम के समय में, गलातिया एक बड़ा रोमी प्रांत था जो आज के तुर्किस्तान के मध्य भाग में स्थित है।
* गलातिया का एक भाग काला सागर के तट पर उत्तर की ओर विस्तृत था। उसकी सीमाओं पर एशिया, बिथुनिया, कप्पदोकिया, किलकिया और पंफूलिया थे।
* प्रेरित पौलुस गलातिया प्रदेश के विश्वासियों को पत्र लिखा था। यह पत्र नये नियम में “गलातियों के नाम पौलुस की पत्री” के नाम से है।
* गलातिया के विश्वासियों को यह पत्र लिखने में पौलुस का एक कारण था कि कर्मों द्वारा नहीं अनुग्रह द्वारा उद्धार पर बल दें।
* गलातिया के एक भाग सीमा,उत्तर में काला सागर के तट पर थी। उसकी सीमाओं पर एशिया, बिथुनिया, कप्पदोकिया, किलकिया और पंफूलिया थे।
* प्रेरित पौलुस ने गलातिया प्रदेश के विश्वासियों को पत्र लिखा था। यह पत्र नये नियम में “गलातियों के नाम पौलुस की पत्री” के नाम से है।
* गलातिया के विश्वासियों को यह पत्र लिखने में पौलुस का एक उद्देश्य था कि वे कर्मों द्वारा नहीं अनुग्रह द्वारा उद्धार पर बल दें।
* गलातिया प्रदेश में जो अन्य जाति से आनेवाले विश्वासी थे उन्हें यहूदी मत से आनेवाले विश्वासी शिक्षा दे रहे थे कि विश्वासियों को यहूदी नियमों में से कुछ का पालन करना अनिवार्य था।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [आसिया](../names/asia.md), [विश्वास](../kt/believer.md), [किलिकिया ](../names/cilicia.md), [सुसमाचार ](../kt/goodnews.md), [पौलुस](../names/paul.md), [म](../kt/works.md))
(यह भी देखें: [आसिया](../names/asia.md), [विश्वास](../kt/believer.md), [किलिकिया](../names/cilicia.md), [सुसमाचार](../kt/goodnews.md), [पौलुस](../names/paul.md), [र्म](../kt/works.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 कुरिन्थियों 16:1-2](rc://*/tn/help/1co/16/01)
* [1 पतरस 01:1-2](rc://*/tn/help/1pe/01/01)
* [2 तीमुथियुस 04:9-10](rc://*/tn/help/2ti/04/09)
* [1 पतरस 1:1-2](rc://*/tn/help/1pe/01/01)
* [2 तीमुथियुस 4:9-10](rc://*/tn/help/2ti/04/09)
* [प्रे.का. 16:6-8](rc://*/tn/help/act/16/06)
* [गलातियों 01:1-2](rc://*/tn/help/gal/01/01)
* [गलातियों 1:1](rc://*/tn/help/gal/01/01)
## शब्द तथ्य:

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@ -4,24 +4,24 @@
गिबोन एक नगर था जो यरूशलेम के उत्तर-पश्चिम में 13 किलोमीटर दूर था। गिबोन के निवासी गिबोनी कहलाते थे।
* गिबोनियों ने सुना कि इस्राएलियों ने यरीहो और आई नगर का विनाश कर दिया है तो वे डर गए थे।
* अतः वे गिबोनियों में इस्त्राएलियों के अगुओं के पास आए और ऐसा स्वांग रचा कि वे दूर देश के हैं।
* इस्राएल के अगुओं ने धोखा खाकर उनके साथ समझौता कर लिया था कि वे उनकी रक्षा करेंगे और उन्हें नष्ट नहीं करेंगे।
* गिबोनियों ने सुना कि इस्राएलियों ने यरीहो और नगर का विनाश कर दिया है तो वे डर गए थे।
* अतः गिबोनी इस्त्राएलियों के अगुओं के पास गिलगाल आए और ऐसा स्वांग रचा कि वे दूर देश के हैं।
* इस्राएल के अगुओं ने धोखा खाकर गिबोनियों के साथ समझौता कर लिया था कि वे उनकी रक्षा करेंगे और उन्हें नष्ट नहीं करेंगे।
(यह भी देखें: [गिलगाल](../names/gilgal.md), [यरीहो](../names/jericho.md), [यरूशलेम](../names/jerusalem.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 08:29-31](rc://*/tn/help/1ch/08/29)
* [1 राजा 03:4-5](rc://*/tn/help/1ki/03/04)
* [2 शमूएल 02:12-13](rc://*/tn/help/2sa/02/12)
* [यहोशू 09:3-5](rc://*/tn/help/jos/09/03)
* [1 इतिहास 8:29](rc://*/tn/help/1ch/08/29)
* [1 राजा 3:4-5](rc://*/tn/help/1ki/03/04)
* [2 शमूएल 2:12-13](rc://*/tn/help/2sa/02/12)
* [यहोशू 9:3-5](rc://*/tn/help/jos/09/03)
## बाइबल कहानियों से उदाहरण:
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[15:06](rc://*/tn/help/obs/15/06)__ परन्तु कनान निवासियों का एक समूह, जो की __गिबोनियो__ कहलाता है, उन्होंने यहोशू के साथ छल किया और कहा, हम दूर देश से आए है।
* __[15:07](rc://*/tn/help/obs/15/07)__ कुछ समय बाद, कनान में एक अन्य समूह के राजा, एमोरियों ने जब यह सुना कि __गिबोन के निवासियों__ ने इस्राएलियों से मेल किया और उनके बीच रहने लगे है, तब एमोरी के राजाओ ने अपनी अपनी सेना इकट्ठी करके चढ़ाई कर दी, और __गिबोन__ के सामने डेरे डालकर उस से युद्ध छेड़ दिया।
* __[15:08](rc://*/tn/help/obs/15/08)__ तब यहोशू सारे योद्धाओं और शुरवीरों को संग लेकर रातोंरात __गिबोनियों__ तक पहुँचने के लिए चल पड़े।
* __[15:6](rc://*/tn/help/obs/15/06)__ परन्तु कनान निवासियों का एक समूह, जो __गिबोनी__ कहलाता है, उन्होंने यहोशू के साथ छल किया और कहा, हम कनान से दूर एक देश से आए है।
* __[15:7](rc://*/tn/help/obs/15/07)__ कुछ समय बाद, कनान में एक अन्य जाति, एमोरियों के राजा, ने जब यह सुना कि __गिबोन के निवासियों__ ने इस्राएलियों से मेल किया और उनके बीच रहने लगे है, तब सब ने अपनी अपनी सेना इकट्ठी करके एक विशाल सेना तैयार की और __गिबोन__ के सामने डेरे डालकर उस से युद्ध छेड़ दिया।
* __[15:8](rc://*/tn/help/obs/15/08)__ तब यहोशू सारे योद्धाओं और शुरवीरों को संग लेकर रातों रात __गिबोनियों__ तक पहुँचने के लिए चल पड़े।
## शब्द तथ्य:

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@ -3,7 +3,6 @@
## परिभाषा:
* गिलाद यरदन नदी के पूर्व में एक पर्वतीय प्रदेश है जहां इस्राएली गोत्र गाद, रूबेन, मनश्शे वास करने लगे थे।
* इस क्षेत्र को “गिलाद का पहाड़ी प्रदेश” या “गिलाद पर्वत” भी कहा गया है।
* “गिलाद” पुराने नियम में अनेक पुरुषों का नाम भी था। उनमें से एक मनश्शे का पोता भी था। एक और पुरुष जिसका नाम गिलाद था, वह यिप्तह का पिता था।
@ -13,11 +12,11 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 02:21-22](rc://*/tn/help/1ch/02/21)
* [1 शमूएल 11:1-2](rc://*/tn/help/1sa/11/01)
* [आमोस 01:3-4](rc://*/tn/help/amo/01/03)
* [व्यवस्थाविवरण 02:36-37](rc://*/tn/help/deu/02/36)
* [उत्पत्ति 31:19-21](rc://*/tn/help/gen/31/19)
* [1 इतिहास 2:22](rc://*/tn/help/1ch/02/22)
* [1 शमूएल 11:1](rc://*/tn/help/1sa/11/01)
* [आमोस 1:3](rc://*/tn/help/amo/01/03)
* [व्यवस्थाविवरण 2:36-37](rc://*/tn/help/deu/02/36)
* [उत्पत्ति 31:21](rc://*/tn/help/gen/31/21)
* [उत्पत्ति 37:25-26](rc://*/tn/help/gen/37/25)
## शब्द तथ्य:

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@ -5,8 +5,8 @@
कनान देश में गलील सागर के तट पर रहनेवाली एक जाति को गिर्गाशी कहते थे।
* वे हाम के पुत्र कनान के वंशज थे, अतः वे कनानी कहलानेवाली अनेक जातियों में से एक थे।
* परमेश्वर इस्राएलियों से प्रतिज्ञा की थी कि वह गिर्गाशियों तथा अन्य सब कनानी जातियों को हराने में उनकी सहायता करेगा।
* अन्य कनानियों के समान गिर्गाशी भी मूर्तिपूजक थे और मूर्तिपूजा के भाग के रूप में अनैतिक काम किए
* परमेश्वर ने इस्राएलियों से प्रतिज्ञा की थी कि वह गिर्गाशियों तथा अन्य सब कनानी जातियों को हराने में उनकी सहायता करेगा।
* अन्य कनानियों के समान गिर्गाशी भी मूर्तिपूजक थे और मूर्तिपूजा के भाग के रूप में अनैतिक काम करते थे
(अनुवाद के सुझाव: [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://*/ta/man/translate/translate-names))
@ -14,10 +14,10 @@
## बाइबल सन्दर्भ:
* [1 इतिहास 01:13-16](rc://*/tn/help/1ch/01/13)
* [व्यवस्थाविवरण 04:39-40](rc://*/tn/help/deu/07/01)
* [उत्पत्ति 10:15-18](rc://*/tn/help/gen/10/15)
* [यहोशू 03:9-11](rc://*/tn/help/jos/03/09)
* [1 इतिहास 1:14](rc://*/tn/help/1ch/01/14)
* [व्यवस्थाविवरण 7:1](rc://*/tn/help/deu/07/01)
* [उत्पत्ति 10:16](rc://*/tn/help/gen/10/16)
* [यहोशू 3:9-11](rc://*/tn/help/jos/03/09)
* [यहोशू 24:11-12](rc://*/tn/help/jos/24/11)
## शब्द तथ्य:

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