“व्यभिचार” अर्थात विवाहित मनुष्य द्वारा विवाह की सीमा के बाहर यौन सम्बन्ध बनाने का पाप। दोनों ही व्यभिचार के दोषी हैं। “व्यभिचारी” ऐसा व्याहार या ऐसा पाप करने वाला मनुष्य।
* “व्यभिचारिणियों” प्रतीकात्मक रूप में इस्राएल के लिए काम में लिया गया है जब वे परमेश्वर के स्वामीभक्त नहीं होते थे, विशेष करके जब वे छुठे ईश्वर की उपासना करते थे।
* यदि लक्षित भाषा में व्यभिचार के अनुवाद हेतु एक शब्द न होते। इसका अनुवाद एक उक्ति में किया जा सकता है, “किसी और की पत्नी के साथ यौन संबन्ध बनाना” या “किसी और के जीवन साथी के साथ अन्तरंग संबन्ध बनाना”।
* कुछ भाषाओं में व्यभिचार को स्पष्ट व्यक्त नहीं किया जाता है जैसे, “किसी और के जीवन साथी के साथ सोना” या “अपनी पत्नी से विश्वासघात करना”। (देखें: [व्यंजना](rc://*/ta/man/translate/figs-euphemism))
* जब '' व्यभिचारी '' का प्रयोग किसी आलंकारिक अर्थ में किया जाता है, तो अविश्वासी पति / पत्नी के साथ तुलना की जा रही उनके आज्ञा न मानने वाले लोगों के बारे में परमेश्वर के विचारों के बारे में संवाद करने के लिए, यह सबसे अच्छा अनुवाद करना है। अगर यह लक्षित भाषा में सही ढंग से नहीं व्यक्त किया जाए, तो "व्यभिचारी" का आलंकारिक उपयोग "विश्वासघाती" या "अनैतिक" या "विश्वासघाती पति की तरह" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है।
* __[13:06](rc://*/tn/help/obs/13/06)__ "तू __व्यभिचार__ न करना।"
* __[13:06](rc://*/tn/help/obs/28/02)__ __व्यभिचार__ मत करना
* __[34:07](rc://*/tn/help/obs/34/07)__ “धार्मिक अगुवे ने अपने मन में इस तरह प्रार्थना की, ‘हे परमेश्वर मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरे मनुष्यों के समान अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और __व्यभिचारी__ नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूँ।’”