“निर्दोष” शब्द का अर्थ है, अपराध या अनुचित कार्य का दोषी न होना। इसका संदर्भ सामान्यतः उन मनुष्यों से है जो बुरे कामों में नहीं हैं।
* किसी मनुष्य पर अनुचित कार्य का दोष लगाया गया और उसने वह काम नहीं किया तो वह निर्दोष है।
* कभी-कभी “निर्दोष” शब्द का उपयोग उन मनुष्यों के लिए किया जाता है जो किसी बुरे काम को नहीं करने के उपरान्त भी दण्डित किए जाते हैं, जैसे शत्रु की सेना “निर्दोषों” पर आक्रमण करती है।
* बाइबिल में, “लहू” “हत्या” को दर्शाता है, “निर्दोष का लहू” इसका अनुवाद हो सकता है, “मनुष्य जिन्होंने कुछ भी अनुचित कार्य नहीं किया कि उन्हें मार डाला गया”
* __[08:06](rc://*/tn/help/obs/08/06)__ दो साल बाद भी, __निर्दोष__ होने के बावजूद यूसुफ बंदीगृह में था।
* __[40:04](rc://*/tn/help/obs/40/04)__ उनमें से एक जब यीशु का ठट्ठा उड़ा रहा था तो ,दूसरे ने कहा कि, “क्या तू परमेश्वर से नहीं डरता? हम अपराधी है पर ,यह तो __बेगुनाह__ है।”
* __[40:08](rc://*/tn/help/obs/40/08)__ तब सूबेदार जो यीशु का पहरा दे रहे थे, वो सब कुछ जो हुआ था उसे देखकर कहा कि, “यह मनुष्य __धर्मी__ था। सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र था।”