जिस शब्द का अनुवाद, “स्वर्ग” किया गया है उसका सन्दर्भ प्रायः उस स्थान से है जहाँ परमेश्वर रहता है। प्रकरण के आधार पर इस शब्द का अर्थ “आकाश” भी हो सकता है।
* “आकाशमण्डल” का संदर्भ उन सब से है जिनको हम पृथ्वी के ऊपर देखते हैं, इनमें सूर्य, चाँद और सितारे भी हैं। उसमें ऐसे आकाशीय पिण्ड भी हैं जिन्हें हम पृथ्वी से अपरोक्ष देख नहीं सकते हैं।
* “आकाश” शब्द पृथ्वी के ऊपर नीली विस्तार से है जिसमें बादल हैं और हमारी श्वास वायु व्याप्त है| सूर्य और चंद्रमा के लिए भी प्रायः कहा जाता है कि वे "ऊपर आकाश में" हैं।
* बाइबल के कुछ संदर्भों में “स्वर्ग” का अर्थ आकाश या परमेश्वर का निवास स्थान से भी होता है।
* __[23:7](rc://*/tn/help/obs/23/07)__ तब एकाएक स्वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्तुति करते हुए और यह कहते हुए दिखाई दिया, “__आकाश__ में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है, शान्ति हो।”
* __[29:9](rc://*/tn/help/obs/29/09)__ तब यीशु ने कहा, “इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा पिता जो __स्वर्ग__ में है , तुम से भी वैसा ही करेगा।”
* __[37:9](rc://*/tn/help/obs/37/09)__ तब यीशु ने __स्वर्ग__ की ओर देखा और कहा, “हे पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ कि आपने मेरी सुन ली है।