Door43-Catalog_hi_ta/translate/figs-123person/01.md

9.0 KiB
Raw Blame History

आम तौर पर एक वक्ता स्वयं को ‘‘मैं’’ और उसे सुन रहे लोगों को ‘‘आप’’ संबोधित करता है। बाइबल में अक्सर, एक वक्ता स्वयं को एवं जिनसे बात कर रहा है, उनको ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के अलावा अन्य शब्दों से संबोधित करता है।

वर्णन

  • प्रथम पुरूष - आम तौर पर वक्ता स्वयं के लिए यही शब्द उपयोग करता है। अंग्रेजी ‘‘मैं’’ और ‘‘हम’’ के सर्वनामों का उपयोग करता है (और: मुझे, मेरा, मेरा, हमें, हमारा)
  • द्वितीय पुरूष - इस शब्द से वक्ता आम तौर पर उसको संबोधित करता है। जिससे वह बात कर रहा है। अंग्रेजी ‘‘आप’’ के सर्वनामों का उपयोग करता है (और: आपका, तुम्हारा)
  • तृतीय पुरूष - इसके द्वारा, वक्ता और किसी को संबोधित करता है। अंग्रेजी ‘‘वह’’ और ‘‘वे’’ के सर्वनामों का उपयोग करता है (और: उसे, उसका, उनका) ‘‘पुरूष’’ या ‘‘स्त्री’’ भी तृतीय पुरूष हैं।

कारण यह अनुवाद का विषय है

बाइबल में कर्इ बार वक्ता स्वयं को या जिनसे बात कर रहा है, उनको संबोधित करने के लिए तृतीय पुरूष का उपयोग करता है। पाठक समझते हैं कि वक्ता किसी और की बात कर रहा है। उनको पता नही चल पाता कि उसका मतलब ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ था।

बाइबल से उदाहरण

अक्सर लोग ‘‘मैं’’ या ‘‘मुझे’’ की बजाय, स्वयं के बारे में बताने के लिए तृतीय पुरूष का इस्तेमाल करते हैं।

परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, आपका सेवक अपने पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34 ULB)

दाऊद ने स्वयं को तृतीय पुरूष के तौर पर कहा, ‘‘आपका सेवक’’ और ‘‘अपना’’। शाऊल के सामने अपनी नम्रता दर्शाने के लिए, वह स्वयं को शाऊल का सेवक कह रहा था

तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ परमेश्वर के समान हैं? क्या तुम उसकी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो? (अय्यूब 40:6,9 ULB)

परमेश्वर ने ‘‘परमेश्वर के’’ और ‘‘उसके’’ जैसे शब्दों से स्वयं के लिए तृतीय पुरूष का संबोधन किया। वजह, वह बल देना चाहता था कि वह परमेश्वर है और ताकतवर है। अक्सर लोग ‘‘आप’’ या ‘‘आपका’’ के बदले, तृतीय पुरूष का उपयोग उनके लिए करते हैं जिनसे वो बात कर रहे हैं

अब्रहाम ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘देख मैंने क्या किया है, मैने मेरे प्रभु यहोवा से बात की है, यद्यपि मैं केवल धूल और राख हूँ! (उत्पति 18:27 ULB)

अब्रहाम परमेश्वर से बात कर रहा था और उसे ‘‘आप’’ की बजाय, ‘‘मेरे प्रभु’’ के रूप में संबोधित किया । उसने ऐसा परमेश्वर के सामने अपनी नम्रता दिखाने के लिए किया।

इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल से अपने भार्इ को क्षमा न करे (मती 18:35 ULB)

‘‘हर कोर्इ’’ कहने के बाद, ‘‘उसका’’ या ‘‘तुम्हारा’’ कहने की बजाय, यीशु ने तृतीय पुरूष का उपयोग किया।

अनुवाद की रणनीति

यदि ‘‘मैं’’ और ‘‘तुम’’ के अर्थ को बताने के लिए तृतीय पुरूष का उपयोग सर्वसाधारण है और आपकी भाषा में सही अर्थ दिया जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं:

  1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरूष वाक्यों का उपयोग करें
  2. तृतीय पुरूष की बजाय, केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरूष (’’आप’’) का उपयोग करें

अनुवाद की रणनीति के प्रयोग के उदाहरण

  1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरूष वाक्यों का उपयोग करें
  • परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, आपका सेवक अपने पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34)

    • परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, मैं, आपका सेवक मेरे पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’
  1. तृतीय पुरूष की बजाय, केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरूष (’’आप’’) का उपयोग करें
  • तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ परमेश्वर के समान हैं? क्या तुम उसकी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो? (अय्यूब 40:6,9 ULB)

    • तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ मेरे समान हैं? क्या तुम मेरी आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?
  • इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल अपने भार्इ को क्षमा न करे (मती 18:35 ULB)

    • इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल से तुम्हारे भार्इ को क्षमा न करे