Door43-Catalog_hi_ta/translate/guidelines-sonofgodprinciples/01.md

9.9 KiB

Door43 उन बाइबल अनुवादों का समर्थन करता है, जो इन अवधारणाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, जब वे परमेश्वर का उल्लेख करती हैं।

बाइबल की गवाही

"पिता" और "पुत्र" वे नाम हैं, जिस से परमेश्वर स्वयं को बाइबल में पुकारता है।

बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने यीशु को अपना पुत्र कहा:

बपतिस्मा लेने के बाद, यीशु तुरन्त पानी से आया, और ... स्वर्ग से एक आवाज आई, " यह मेरा प्रिय पुत्र है . मैं उस से बहुत अधिक आनन्दित हूँ।” (मत्ती 3:16-17 यूएलबी)

बाइबल बताती है कि यीशु ने परमेश्वर को अपने पिता कह कर पुकारा था:

यीशु ने कहा, "मैं तेरी प्रशंसा करता हूँ पिता , स्वर्ग और पृथ्वी के परमेश्वर, ... कोई भी पुत्र को को छोड़कर पिता को नहीं जानता है, और कोई भी पिता “ को छोड़कर पुत्र नहीं जानता है" (मत्ती 11:25-27 यूएलबी) (इसे भी देखें: यूहन्ना 6:26-57)

मसीहियों ने पाया है कि "पिता" और "पुत्र" ऐसे विचार हैं, जो अनिवार्य रूप से एक दूसरे के लिए त्रिएकत्व अर्थात् त्रित्व के पहले और दूसरे व्यक्तियों के शाश्वत सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। बाइबल वास्तव में उन्हें विभिन्न तरीकों से सन्दर्भित करती है, परन्तु कोई अन्य शब्दावली इन व्यक्तियों के बीच अनन्त प्रेम और घनिष्ठता, न ही उनके बीच परस्पर निर्भरता के शाश्वत सम्बन्ध को प्रदर्शित करता है।

यीशु ने निम्नलिखित शब्दावली में परमेश्वर को सन्दर्भित किया:

उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो . (मत्ती 28:19 यूएलबी)

पिता और पुत्र के बीच घनिष्ठ, प्रेमपूर्ण सम्बन्ध शाश्वत है, जैसा कि वे शाश्वत हैं।

पिता पुत्र को प्रेम करता है। (यूहन्ना 3:35-36; 5:19-20 यूएलबी)

मैं पिता से प्रेम करता हूँ, मैं वही करता हूँ जिसे पिता आज्ञा देता है, जैसे उसने मुझे आज्ञा दी थी। (यूहन्ना 14:31 यूएलबी)
... कोई भी पिता को छोड़कर नहीं जानता कि पुत्र कौन है, और कोई भी पुत्र को छोड़कर नहीं जानता कि पिता कौन है . (लूका 10:22 यूएलबी)

"पिता" और "पुत्र" शब्द भी संचारित करते हैं कि पिता और पुत्र का सार एक ही हैं; वे दोनों शाश्वत परमेश्वर हैं।

यीशु ने कहा, "हे पिता, अपने पुत्र की महिमा कर ताकि पुत्र तुझे महिमा दे सके ...मैंने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है, ...अब हे पिता, मेरी महिमा ... उस महिमा के साथ कर जो संसार के निर्माण से पहले तेरे साथ थी .” (यूहन्ना 17:1-5 यूएलबी)

परन्तु इन अन्तिम दिनों में, उसने [परमेश्वर पिता] पुत्र के माध्यम से हमसे बात की है, जिसे उसने सभी वस्तुओं का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। यह उसके माध्यम से है कि परमेश्वर ने ब्रह्माण्ड भी बनाया है। वह परमेश्वर की महिमा का प्रकाश, उसके चरित्र का सार है। वह अपनी सामर्थ्य के वचन के द्वारा सब कुछ एक साथ थामे रहता है। (इब्रानियों 1:2-3 यूएलबी)

यीशु ने उससे कहा, "मैं तुम्हारे साथ इतने लम्बे समय से रहा हूँ और हे फिलिप्पुस, तू अभी भी मुझे नहीं जानता है? जो मुझे देखता है, वह पिता को देखता है . तुम कैसे कह सकते हो कि, 'हमें पिता को दिखा'? (यूहन्ना 14:9 यूएलबी)

मानवीय सम्बन्ध

ानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे पिता और पुत्र के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं।**

आज की तरह ही, बाइबल के समयों में भी मानवीय पिता-पुत्र सम्बन्ध उतने अधिक प्रेममयी और सिद्ध नहीं जैसे कि यीशु और उसके पिता के बीच में थे। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि अनुवादक को पिता और पुत्र की अवधारणाओं से बचना चाहिए। पवित्रशास्त्र इन शब्दों का उपयोग परमेश्वर, सिद्ध पिता और पुत्र के साथ-साथ पाप से भरे हुए मानवीय पिता और पुत्रों के सन्दर्भ में करता है। पिता और पुत्र के रूप में परमेश्वर का वर्णन करते हुए, अपनी भाषा में शब्दों का चयन करें जिनका व्यापक रूप से मानवीय "पिता" और "पुत्र" के सन्दर्भ में उपयोग किया जाता है।

इस तरह आप संचारित करेंगे कि परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं (वे दोनों परमेश्वर हैं), जैसे मानवीय पिता और पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं, दोनों मनुष्य हैं और समान विशेषताओं को साझा करते हैं।

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. सभी संभावनाओं के बारे में सोचें जिस में आपकी भाषा को "पुत्र" और "पिता" शब्द का अनुवाद करना है। निर्धारित करें कि आपकी भाषा में कौन से शब्द ईश्वरीय "पुत्र" और "पिता" का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व करते हैं।
  2. यदि आपकी भाषा में "पुत्र" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो उस शब्द का उपयोग करें जिसका निकटत्तम अर्थ "एकलौते पुत्र" से है (या यदि आवश्यक हो तो "प्रथम पुत्र")।
  3. यदि आपकी भाषा में "पिता" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो "गोद लेने वाले पिता" की अपेक्षा "जन्म देने वाले पिता" के निकटतम शब्द का उपयोग करें।