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9.2 KiB

वर्णन

बाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। परंतु कभी कभार, बाइबल में उनका उपयोग दूसरे कार्यों के लिए भी होता है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग उसी मकसद के साथ होता है, जैसे बाइबल में हुआ है।

बाइबल से उदाहरण

कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर सूचना देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहéा 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका मकसद सूचना देना है।

एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ, जिसका नाम यूहन्ना था । यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ। वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। (युहन्ना 1:6-8 ULB)

कथनों का उपयोग, किसी को कुछ करने को कहने वाली आज्ञा के रूप में भी किया जा सकता है। नीचे के उदाहरण में, महायाजक ने ‘‘करने’’ की क्रिया के साथ कथन का उपयोग लोगों को करने के आज्ञा देकर किया ।

और उस ने उन्हें आज्ञा दी, कि एक काम अवश्य करो। तुममें से एक तिहार्इ लोग जो विश्रामदिन को आनेवाले हों, वह राजभवन के पहरे की चौकसी करें। और एक तिहार्इ लोग सूर नाम फाटक में ठहरे रहें, और एक तिहार्इ लोग पहरुओं के पीछे के फाटक में रहें। (2 राजा 11:5 ULB)

एक कथन का उपयोग निर्देश के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है, परंतु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है।

वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा । (मत्ती 1:21 ULB)

एक कथन का उपयोग विनती के लिए भी किया जा सकता है । कोढ़ी केवल कह ही नही रहा था कि यीशु क्या कर सकता है। वह यीशु से, उसे चंगा करने को भी कह रहा था ।

देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; कि हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है (मत्ती 8:2 ULB)

कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर सूचना देने के लिए किया जाता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि धरती भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था।

.... इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है;(उत्पत्ति 3:17 ULB)

उस व्यक्ति को ‘‘तेरे पाप क्षमा हुए’’, यीशु उस मनुष्य के पाप को क्षमा कर रहे थे

यीशु ने, उनका विश्वास देखकर, झोले के मारे हुए से कहा; हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए । (मरकुस 2:5 ULB)

अनुवाद रणनीति

  1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके
  2. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर उस कार्य को बताया जाए
  3. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके

अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण

  1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करे जिसे उस कार्य को बताया जा सके
  • वह एक पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। (मत्ती 1:21 ULB) ‘‘तू उसका नाम यीशु रखना’’ एक निर्देश है । सामान्य निर्देश के वाक्य के प्रकार का उपयोग कर इसका अनुवाद किया जा सकता है
  • वह एक पुत्र जनेगी और उसका नाम यीशु रखना; वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा
  1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर, उस कार्य को बताया जाए
  • हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है (मत्ती 8:2 ULB) कथन के साथ साथ, विनती को भी जोड़ा जा सकता है
  • हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है । कृपया कर दो
  • हे प्रभु यदि तू चाहे, तो कृपया मुझे शुद्ध कर मैं जानता हूँ कि तु कर सकता है
  1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके।
  • वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा (मत्ती 1:21 ULB)
  • वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा
  • हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए (मरकुस 2:5 ULB)
  • हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ
  • हे पुत्र, परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा कर दिए हैं