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वर्णन

कुछ भाषाओं में एक विशेषण के उपयोग से उस विशेषण के द्वारा बतार्इ गर्इ चीजों के वर्ग को बताया जा सकता है। और जब ऐसा होता है, तो वह संज्ञा की तरह कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘धनी’’ शब्द एक विशेषण है। नीचे दो वाक्य हैं जो दिखाते हैं कि ‘‘धनी’’ शब्द विशेषण है।

धनी व्यक्ति के पास तो बहुत सी भेड़-बकरियां और गाय बैल थे। (2 शमूएल 12:2 ULT)

‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘व्यक्ति’’ से पहले आता है और व्यक्ति का वर्णन करता है।

वह धनी न रहेगा; और न उसकी सम्पत्ति बनी रहेगी। (अय्यूब 15:29अ ULT)

‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘वह’’ के बाद आता है और "वह" का वर्णन करता है।

निम्न वाक्य बताता है कि ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का भी कार्य कर सकता है।

तब न तो धनी आधे शेकेल से अधिक दें, और न कंगाल उससे कम दें । (निर्गमन 30:15ब ULT)

निर्गमन 30:15 में, ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का कार्य करता है और धनी व्यक्तियों की बात करता है। ‘‘कंगाल’’ शब्द भी संज्ञा का कार्य करता है और कंगाल लोगों की बात करता है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • बाइबल में अक्सर विशेषण का उपयोग संज्ञा की तरह लोगों के समूह को दिखाने के लिए हुआ है।
  • कुछ भाषाएँ विशेषणों की उपयोग ऐसे नही करती हैं।
  • इन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि यह पद किसी व्यक्ति विशेष की बात कर रहा है परंतु यह वास्तव में केवल उन लोगों के समूह की बात कर रहा होगा जिसे विशेषण दिखाता है।

बाइबल से उदाहरण

क्योंकि दुष्टों का राजदण्ड धर्मी के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3अ ULT)

शब्द ‘‘धर्मी’’ यहाँ पर धर्मी लोगों को दिखा रहा है, न कि किसी एक धर्मी को।

धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, (मत्ती 5:5अ ULT)

‘‘नम्र’’ वे लोग हैं जो नम्र हैं, कोर्इ एक नम्र व्यक्ति नही।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में विशेषणों का उपयोग संज्ञा के रूप में भी आमतौर पर होता है, तो उनका उपयोग करें। परंतु यदि यह अपरिचित सा लगता है या उसका अर्थ स्पष्ट नही है या गलत है, तो एक और विकल्प निम्नलिखित है:

(1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है।

दुष्टों का राजदण्ड धर्मी के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3अ ULT)

दुष्टों का राजदण्ड धर्मी लोगों के भाग पर बना न रहेगा।

धन्य हैं वे जो नम्र हैं (मत्ती 5:5अ ULT) धन्य हैं वे लोग जो नम्रहैं।