hi_zec_tn/11/01.txt

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Plaintext

[
{
"title": "हे लबानोन, आग को रास्ता दे कि वह आकर तेरे देवदारों को भस्म करे",
"body": "“लबानोन के लोगो देवदारो को भस्‍म करने को आग के लिऐ त्‍यार हो जाऔ”"
},
{
"title": "हे सनोवर वृक्षों, हाय, हाय, करो! क्योंकि देवदार गिर गया\n है",
"body": "“यदि व्रक्ष लोग थे, उनको‍ चिल्‍लाना चाहीऐ था।सनोवर व्रक्ष अकेला खड़ा है क्‍योकि देवदार जल गये और गिर गऐ”"
},
{
"title": " हे बाशान के बांज वृक्षों, हाय, हाय, करो! क्योंकि अगम्य वन काटा गया है!",
"body": "\"यदि बाशान में ओक के पेड़ लोग थे, तो वे विलुप्त हो जाएंगे, क्योंकि उनके घने जंगलों को काट दिया गया है।\""
},
{
"title": "चरवाहों के हाहाकार का शब्द हो रहा है",
"body": "“चरवाहे ऊँची ऊँची चिल्‍ला रहे है”"
},
{
"title": " क्योंकि उनका वैभव नष्ट हो गया है!",
"body": "\"उनके बड़े चरागाहों को बर्बाद कर दिया गया है।\""
},
{
"title": "क्योंकि यरदन के किनारे का घना वन नाश किया गया है!",
"body": "\"क्योंकि यरदन नदी के किनारे रहने वाले पेड़ और झाड़ियाँ नष्ट हो गई हैं।\""
}
]