hi_zec_tn/06/05.txt

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Plaintext

[
{
"title": "ये आकाश की चारों वायु",
"body": "दूत समझाता है कि घोड़ो के रथ आकाश की चारो हवा का प्रतीक है।"
},
{
"title": " चारों वायु*",
"body": "“वायू” शब्‍द चारो दिशायो पूरव, पच्‍छम, ऊतर, दक्षिन को दर्शाता है।मगर कुच्‍छ आधूनिक अनुशर्न इस ईबरानी भाव का अनुवाद “चार आतमायो” से करते है”"
},
{
"title": "श्वेत घोड़े पश्चिम की ओर जाते है, ",
"body": "कुच्‍छ आधूनिक अनुशर्न इस ईबरानी वाक्‍यांश का अनुवादिक अर्थ “सफेद घोड़े उनकी तरफ जा रहे है”"
}
]