18 lines
846 B
Plaintext
18 lines
846 B
Plaintext
[
|
|
{
|
|
"title": "मेरा मन भीतर ही भीतर संकट में है",
|
|
"body": "“मैं दुख भीग रहा हूँ क्योंकि मैं बहुत ड़रा हुआ हूँ”"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "मृत्यु का भय मुझ में समा गया है।",
|
|
"body": "“मैं घबराया हुआ हूँ कि मैं मर जाऊँगा”"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "भय और कंपन ने मुझे पकड़ लिया है, ",
|
|
"body": "“मैं बहुत भय भीत हो गया हूँ और काँप रहा हूँ”"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": " भय ने मुझे जकड़ लिया है। ",
|
|
"body": "“मैं अ ड़रा हुआ हूँ”"
|
|
}
|
|
] |