hi_psa_tn/55/04.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मेरा मन भीतर ही भीतर संकट में है",
"body": "“मैं दुख भीग रहा हूँ क्‍योंकि मैं बहुत ड़रा हुआ हूँ”"
},
{
"title": "मृत्यु का भय मुझ में समा गया है।",
"body": "“मैं घबराया हुआ हूँ कि मैं मर जाऊँगा”"
},
{
"title": "भय और कंपन ने मुझे पकड़ लिया है, ",
"body": "“मैं बहुत भय भीत हो गया हूँ और काँप रहा हूँ”"
},
{
"title": " भय ने मुझे जकड़ लिया है। ",
"body": "“मैं अ ड़रा हुआ हूँ”"
}
]