hi_psa_tn/86/15.txt

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Plaintext

[
{
"title": "परन्तु प्रभु दयालु और अनुग्रहकारी परमेश्‍वर है, तू विलम्ब से कोप करनेवाला और अति करुणामय है।",
"body": "परमेश्‍वर लगातार विश्‍वासयोग्य और अनुग्रहकारी बना रहता है"
},
{
"title": "मेरी ओर फिरकर ",
"body": "इसका मतलब है मुझ पर ध्यान दे"
},
{
"title": "अपने दास को तू शक्ति दे",
"body": "“अपने दास को बलवान बना”"
},
{
"title": "अपने दास…अपनी दासी के पुत्र का उद्धार कर।",
"body": "लेखक अपनी बात किसी तीसरे व्यक्ति के रूप में कर रहा है”"
},
{
"title": "मेरे बैरी निराश हों",
"body": "“वो शर्मिन्दा हों”"
}
]