hi_psa_tn/45/01.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामान्‍य जानकारी",
"body": "इब्रानी कविताओं में समानांतरता आम है।"
},
{
"title": "मेरा हृदय एक सुन्दर विषय की उमंग से उमड़ रहा है,",
"body": "“मेरी भावनाऐं अच्‍छे विषय के लिए उत्‍साहित है”"
},
{
"title": "सुन्दर विषय",
"body": "“महान विषय”"
},
{
"title": "बनी।",
"body": "गीत लिखा या बनाया जाना।"
},
{
"title": "मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी बनी है",
"body": "“मेरी जीभ उस व्‍यक्‍ति के कलम के समान है जो लिखने में निपुण है”"
},
{
"title": "तू मनुष्य की सन्तानों में परम सुन्दर है; ",
"body": "“तुम किसी और आदमी से कहीं ज्यादा सुन्‍दर हो“"
},
{
"title": "तेरे होंठों में अनुग्रह भरा हुआ है; ",
"body": "“यह ऐसे है जैसे कि किसी ने तुम्हा‍रे होठों को तेल से आशिषित कर दिया है”"
}
]