hi_psa_tn/44/23.txt

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Plaintext

[
{
"title": "हे प्रभु, जाग! तू क्यों सोता है?",
"body": "\"उठो! मुझे लगता है कि तुम सो रहे हो, परमेश्‍वर!\""
},
{
"title": "हमको सदा के लिये त्याग न दे!",
"body": "“हमें त्‍याग मत”"
},
{
"title": "तू क्यों अपना मुँह छिपा लेता है...हमारा सताया जाना।",
"body": "“अपना मूँह ना छिपा....हमारी पीड़ा”"
},
{
"title": "अपना मुँह छिपा।",
"body": "“मुँह छिपाना नजरअंदाज करना है”"
},
{
"title": "हमारा दुःख और सताया जाना भूल जाता है",
"body": "\"तू यह भूल गया है कि लोग हमें पीड़ित करते हैं और हम पर अत्याचार करते हैं\""
}
]