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{
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"title": "सामान्य जानकारी",
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"body": "समानता का तरीका इबरानी कवितायों में आम बात है"
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},
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"title": "सामान्य जानकारी",
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"body": "यह स्तुति का भजन है"
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},
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{
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"title": "हे मेरे मन",
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"body": "मेरे सारे प्राण से मैं यहोवा को धन्य कहूँगा"
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},
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{
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"title": "तू वैभव और ऐश्वर्य का वस्त्र पहने हुए है",
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"body": "तेरे चारों ओर वैभव और ऐश्वर्य है "
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},
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"title": "तू उजियाले को चादर के समान ओढ़े रहता है",
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"body": "तू उजियाले से ढका हूआ है"
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},
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{
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"title": "आकाश को तम्बू के समान ताने रहता है",
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"body": "तुम आकाश को ऐसे तानते हो जैसे कोई तम्बू को तानता है"
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},
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{
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"title": "तू अपनी अटारियों की कड़ियाँ जल में धरता है",
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"body": "तुम स्वर्ग पर अपना ऊपरी शरणस्थान बनाते हो "
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},
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{
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"title": "मेघों को अपना रथ बनाता है",
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"body": "तुम बादलों को आने जाने का साधन बनाते हो"
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},
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{
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"title": "पवन के पंखों पर चलता है",
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"body": "तुम हवा पर चलते हो"
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}
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