hi_psa_tn/50/01.txt

30 lines
1.4 KiB
Plaintext

[
{
"title": "सामान्‍य जानकारी:",
"body": "इब्रानी कविता में समानांतरता आम है।"
},
{
"title": "सामान्‍य जानकारी",
"body": "यह भजन एक ऐसा गीत है जो लोगों को सिखाता है।"
},
{
"title": "सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर यहोवा।",
"body": "लेखक परमेश्‍वर की बात करने के लिए तीन अलग-अलग नामों का उपयोग करता है।"
},
{
"title": "पृथ्वी के लोगों को बुलाया है।",
"body": "“सब लोगो को बुलायो”"
},
{
"title": "उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक",
"body": "“धरती के हर स्‍थान से”"
},
{
"title": "सिय्योन से, जो परम सुन्दर है,",
"body": "सिय्यो‍न जो अत्‍यन्‍त सुंदर शहर है"
},
{
"title": "परमेश्‍वर ने अपना तेज दिखाया है",
"body": "“परमेश्‍वर की महिमा प्रकाश के समान चमकती है”"
}
]