hi_psa_tn/91/08.txt

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Plaintext

[
{
"title": "तू अपनी आँखों की दृष्टि करेगा",
"body": "\"तूँ स्वयं पीड़ित नहीं होगा, लेकिन तूँ ध्यान देगा, और तूँ देखेगा\""
},
{
"title": " दुष्टों के अन्त को देखेगा। ",
"body": "“परमेश्‍वर कैसे दुष्टों को सजा देता है”"
},
{
"title": "यहोवा, तू मेरा शरणस्थान ठहरा है।",
"body": "\"जब मुझे अपनी रक्षा के लिए किसी की आवश्यकता होती है, तो मैं यहोवा ही के पास जाता हूं\""
},
{
"title": "तूने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है, \\q",
"body": "\"तुझे परमप्रधान को भी अपना शरणस्‍थान बनाना चाहिए।\""
}
]