hi_psa_tn/84/03.txt

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Plaintext

[
{
"title": "गौरैया... शूपाबेनी",
"body": "यह पक्षीयों की प्रजातियाँ हैं "
},
{
"title": " घोंसला बना लिया है",
"body": "एक घर बना लिया है "
},
{
"title": "गौरैया ने अपना बसेरा",
"body": "शूपाबेनी ने घर बना लिया है "
},
{
"title": "जिसमें वह अपने बच्चे रखे",
"body": "यहाँ वो अपने अन्डों और फिर बच्‍चों को रखेगी"
},
{
"title": "जो तेरे भवन में रहते हैं",
"body": "ये याजकों की बात है जो लगातार भवन में रहते हैं "
},
{
"title": "निरन्तर ",
"body": "बार-बार"
}
]