hi_psa_tn/79/04.txt

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Plaintext

[
{
"title": "पड़ोसियों के बीच हमारी नामधराई हुई; चारों ओर के रहनेवाले हम पर हँसते, और ठट्ठा करते हैं।",
"body": "हम वो लोग बन गये हैं जिन्हे उनके पड़ोसी मजाक में उड़ाते हैं और आस पास के लोग ठट्ठा करते हैं।"
},
{
"title": "हमारी ",
"body": "यहाँ ”हमारी” परमेश्‍वर के लोगों को दर्शाता है"
},
{
"title": "ठट्ठा करते हैं",
"body": "किसी को शर्मिन्दा करने के लिए हँसना "
},
{
"title": "क्या तू सदा के लिए क्रोधित रहेगा?",
"body": "ऐसा लगता है जैसे तू सदा के लिए क्रोधित रहेगा "
},
{
"title": "सदा के लिए क्रोधित रहेगा?",
"body": "“क्या तू क्रोध से जलन करेगा“"
},
{
"title": "आग की सी जलन ",
"body": "हमारा नाश करने को"
}
]