hi_psa_tn/77/06.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मैं…स्मरण करता",
"body": "मैंने याद किया "
},
{
"title": "क्या प्रभु युग-युग के लिये मुझे छोड़ देगा; और फिर कभी प्रसन्‍न न होगा?",
"body": "इन दोनों वाक्यों का एक ही अर्थ है"
},
{
"title": "प्रसन्‍न...होगा",
"body": "वो बातें करेगा जिन से पता चलेगा कि तू मुझ से प्रसन्न होगा"
}
]