hi_psa_tn/71/12.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मुझसे दूर न रह",
"body": "“मेरे नजदीक रह”"
},
{
"title": " मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर",
"body": "“मेरी सहाया जल्दी से कर”"
},
{
"title": "जो मेरे प्राण के विरोधी हैं, वे लज्जित हो",
"body": "“जो मेरे जीवन के विरोधी हैं वो शर्मिन्दा हों और नाश हो जाएँ”"
},
{
"title": "वे लज्जित हो और उनका अन्त हो जाए",
"body": "“उन्हे शर्मिन्दा कर और उनका नाश कर”"
},
{
"title": "जो मेरे प्राण के विरोधी हैं",
"body": "“जो मुझ पर गलती का दोष लगाते हैं”"
},
{
"title": "जो मेरी हानि के अभिलाषी हैं, वे नामधराई \\q और अनादर में गड़ जाएँ",
"body": "“जो लोग मेरा नुकसान करना चाहते है उन्हे डाँट और निरादर दे”"
},
{
"title": "वे नामधराई और अनादर में गड़ जाएँ",
"body": "“हर कोई उनको डाँटे और कोई उनका आदर न करे“"
},
{
"title": "जो मेरी हानि के अभिलाषी हैं",
"body": "“जो मेरा नुकसान करने के तरीके ढूँढते हैं“"
}
]