hi_psa_tn/71/08.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मेरे मुँह से तेरे गुणानुवाद, और दिन भर तेरी शोभा ",
"body": "“मैं हमेशा तेरी स्तुति करूँगा…मैं हमेशा तेरा आदर करूँगा”"
},
{
"title": "तेरे गुणानुवाद",
"body": "ऐसे शब्दों से जो तेरी महानता को बताते हैं"
},
{
"title": "तेरी शोभा",
"body": "ऐसे शब्दों से जिस से लोग तेरे सम्मान करें"
},
{
"title": "दिन भर",
"body": "“हर समय” या “पूरा दिन”"
},
{
"title": "मेरा त्याग न कर…मुझ को छोड़ न दे",
"body": "इन दोनों वाक्यों का एक ही अर्थ है, इन्हे एक बात पर जोर देने के लिये दो बार लिखा है"
},
{
"title": "मेरा त्याग न कर; ",
"body": "“मेरा त्याग न कर“"
},
{
"title": "मुझ को छोड़ न दे",
"body": "“मुझे सदा के लिए न त्याग“"
}
]