hi_psa_tn/71/01.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामान्य जानकारी ",
"body": "इब्रानी कविताओं में समानता सामान्य बात है"
},
{
"title": "सामान्य जानकारी ",
"body": "यह भजन सहायता के प्रार्थना का भजन है"
},
{
"title": "हे यहोवा, मैं तेरा शरणागत हूँ",
"body": "“है यहोवा, मैं सुरक्षा के लिए तेरे पास आता हूँ“"
},
{
"title": "मुझे लज्जित न होने दे",
"body": "“मेरे दुश्मन मुझे शर्मिन्दा न करने पाएँ“"
},
{
"title": "तू तो धर्मी है, मुझे छुड़ा और मेरा उद्धार कर",
"body": "मुझे क्योंकि मैं तेरी आज्ञाकारिता करता हूँ"
},
{
"title": "मेरी ओर कान लगा",
"body": "“मेरी ओर ध्यान कर”"
},
{
"title": "मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन",
"body": "भजन लिखने वाला परमेश्वर से ऐसी सुरक्षा की माँग करता है जैसे वो एक बड़ी सी चट्टान में छिपकर अपने दुश्मनों से बच सकता है"
},
{
"title": "चट्टान …चट्टान ",
"body": "यह छोटी हाथ में पकड़ी जाने वाली चट्टान नहीं बल्कि पहाड़ीयों और पर्वतों की बात है।"
},
{
"title": "आज्ञा तो दी है",
"body": "तूने अपने सवर्गदूतों को आज्ञा दी है"
},
{
"title": "मेरा उद्धार कर",
"body": "“मुझे सुरक्षित रख“"
},
{
"title": "तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है। ",
"body": "भजन लिखने वाला परमेश्वर से ऐसी सुरक्षा की माँग करता है जैसे वो एक बड़ी सी पहाड़ी में छिपकर अपने दुश्मनों से बच सकता है"
}
]