hi_psa_tn/69/10.txt

26 lines
1.3 KiB
Plaintext

[
{
"title": "मैं रोकर और उपवास करके दुःख उठाता था",
"body": "लेखक उपवास में था क्योंकि वह बहुत दुखी था"
},
{
"title": "तब उससे भी मेरी नामधराई ही हुई",
"body": "मेरे दुश्मनों ने इसके कारण मुझे डाँटा है"
},
{
"title": "मैं टाट का वस्त्र पहने था",
"body": "सस्ते, खराब कपड़े पहनकर अपने पापों पर दुख जाहिर किया जाता था।"
},
{
"title": "मेरा दृष्टान्त उनमें चलता था",
"body": "वो मुझ पर हँसते हैं"
},
{
"title": "फाटक के पास बैठनेवाले",
"body": "शहर के महत्वपूर्ण लोग"
},
{
"title": "मदिरा पीनेवाले मुझ पर लगता हुआ गीत गाते हैं",
"body": "शहर के शाराबी मेरी शर्मिन्दगी के गीत गाते हैं "
}
]