hi_psa_tn/62/03.txt

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Plaintext

[
{
"title": "तुम ",
"body": "“मेरे दुश्मन“ "
},
{
"title": "कब तक एक पुरुष पर धावा करते रहोगे…गिरते हुए बाड़े के समान",
"body": "ऐसा लगता है कि मेरे शत्रु मुझ पर हमला करने से कभी नहीं रूकेंगे, मैं बहुत कमजोर महसूस करता हूँ"
},
{
"title": "एक पुरुष पर धावा करते रहोगे",
"body": "मुझ पर हमला करते हो"
},
{
"title": "सचमुच वे उसको, उसके ऊँचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं",
"body": "वो योजना बनाते हैं"
},
{
"title": "वे उसको…पद से गिराने…आशीर्वाद देते…मन में कोसते हैं",
"body": "इन वचनों में दाऊद अपनी बात कर रहा है।"
},
{
"title": "मुँह से ",
"body": "ये उनके बोले जाने वाले शब्दों के बारे में है।"
},
{
"title": "मन में ",
"body": "उनके विचार"
}
]