26 lines
1.1 KiB
Plaintext
26 lines
1.1 KiB
Plaintext
[
|
|
{
|
|
"title": "जाति-जाति के लोग झल्ला उठे।",
|
|
"body": "“बहुत सी जातियाँ व्याकुल हो गई”"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "राज्य-राज्य के लोग डगमगाने लगे।",
|
|
"body": "\"सेनाओं ने राज्यों को उखाड़ फेंका\""
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "वह बोल उठा",
|
|
"body": "“परमेश्वर चिल्लाया”"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "पृथ्वी पिघल गई।",
|
|
"body": "“धरती के लोग ड़र के मारे काँपने लगे”"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "याकूब का परमेश्वर हमारा ऊँचा गढ़ है।",
|
|
"body": "याकूब का परमेश्वर हमें सुरक्षा प्रदान करता है”"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "याकूब का परमेश्वर। ",
|
|
"body": "“परमेश्वर, जिसकी याकूब आराधना करता था”"
|
|
}
|
|
] |