18 lines
949 B
Plaintext
18 lines
949 B
Plaintext
[
|
|
{
|
|
"title": "अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज; ",
|
|
"body": "“अपने प्रकाश और ज्योती से मेरा मार्ग दर्शन कर”"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "पवित्र पर्वत",
|
|
"body": "यह यरूशलम में पर्वत को दर्शाता है यहाँ मंदिर स्थापित था और इस प्रकार मंदिर खुद ही है।"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "तेरे निवास स्थान में",
|
|
"body": "“तेरे रहने के स्थान में”"
|
|
},
|
|
{
|
|
"title": "परमेश्वर के पास जो मेरे अति आनन्द का कुण्ड है;",
|
|
"body": "“परमेश्वर जो कि मेरी महाँ खुशी है”"
|
|
}
|
|
] |