hi_psa_tn/40/12.txt

26 lines
1.2 KiB
Plaintext

[
{
"title": " मैं अनगिनत बुराइयों से घिरा हुआ हूँ",
"body": "“मेरे चारों और मेरी गिनती से ज्यादा मुशकिले है”"
},
{
"title": "अनगिनत ",
"body": "\"जो संख्या में विशाल हैं\" "
},
{
"title": "मेरे अधर्म ",
"body": "\"मेरे अधर्म के परिणाम\""
},
{
"title": "कामों ने मुझे आ पकड़ा",
"body": "लेखक की दुष्टता को इस तरह कहा गया है जैसे कि वह उसके दुशमन है जो उसको पीड़ा दे रहे हैं।"
},
{
"title": "मैं दृष्टि नहीं उठा सकता; ",
"body": "“शायद इसक मतलब है कि पाठक ईतना रो रहा है कि उसके आंसूयो की वजह से वह देख नही पा रहा।"
},
{
"title": "इसलिए मेरा हृदय टूट गया। ",
"body": "“मैं बहुत निराश हूँ”"
}
]