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{
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"title": "सचमुच मनुष्य छाया सा चलता-फिरता है।",
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"body": "“हर कोई परछाई की तरह गायब हो जाऐगा”"
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},
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{
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"title": "परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन लेगा!",
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"body": "यहाँ पर अस्पष्ट है कि उनके मरने के बाद उनकी धन सम्मपती का कया होगा”"
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},
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{
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"title": "“अब हे प्रभु, मैं किस बात की बाट जोहूँ?",
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"body": "“इसलिए, यहोवा, मैं किसी से भी कुछ प्रयापत करने की इच्छा नही रख सकता”"
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}
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