hi_psa_tn/39/02.txt

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Plaintext

[
{
"title": "मैं मौन धारण कर गूँगा बन गया।",
"body": "“मैं पूरी तरह शांत था”।"
},
{
"title": "मैं चुप्पी साधे रहा आग भड़क उठी;",
"body": "“मैं नही बोला”"
},
{
"title": "मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर जल रहा था।",
"body": "“जब मैने इन चीजों के बारे मे सोचा मैं बहुत चिन्‍तित हो गया”"
}
]