hi_psa_tn/28/03.txt

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Plaintext

[
{
"title": " मुझे न घसीट;",
"body": "“मुझे निकाल मत”"
},
{
"title": "जो अपने पड़ोसियों से बातें तो मेल की बोलते हैं",
"body": "“जो शांती के से लोगो के साथ बात करते है”"
},
{
"title": "परन्तु हृदय में बुराई रखते हैं। ",
"body": "“परँतू उनके बारे में बुरा सोचते रहते है”"
},
{
"title": "उनके कामों के...उनकी करनी की बुराई \\q के अनुसार उनसे बर्ताव कर",
"body": "इन दोनों वाक्यांशों का मतलब एक ही है। उनका उपयोग इस बात पर जोर देने के लिए किया जाता है कि वे भगवान को सजा देने के लायक हैं।"
},
{
"title": "उनके हाथों के काम ",
"body": "“जो कुछ उसने बनाया है”"
},
{
"title": "उनके कामों का पलटा उन्हें दे। ",
"body": "“जिसके वह लायक है "
},
{
"title": "क्योंकि वे नहीं समझते... फिर न उठाएगा*",
"body": "यह स्पष्ट नहीं है कि पद 5 को एक कथन के रूप में सबसे अच्छा समझा जाता है"
},
{
"title": "वे यहोवा के मार्गों को नहीं समझते,",
"body": "\"वह सम्‍मान के साथ विचार करते कि यहोवा ने कया किया है”"
},
{
"title": " उसके हाथ के कामों को ",
"body": "“उसने क्या बनाया है”"
},
{
"title": "इसलिए वह उन्हें पछाड़ेगा और फिर न उठाएगा*",
"body": "दुष्टों की सजा के बारे में कहा जाता है जैसे कि वे एक इमारत या एक शहर थे जो नष्ट हो जाएंगे।"
}
]