hi_psa_tn/28/01.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामन्‍य जानकारी",
"body": "इब्रानी कविताओं में समानता सामन्य बात है।"
},
{
"title": "मैं पुकारूँगा",
"body": "“मैं जोर से पुकारूँगा”"
},
{
"title": "मेरी पुकार अनसुनी न कर",
"body": "“मुझे अकेला मत छोड़”"
},
{
"title": "हे मेरी चट्टान,",
"body": "“मेरा बल“"
},
{
"title": "मैं कब्र में पड़े हुओं के समान हो जाऊँ ",
"body": "“मैं कब्र में पड़े हुवों के समान मर जाऊँगा”"
},
{
"title": "तब मेरी गिड़गिड़ाहट की बात सुन ले।",
"body": "“मेरी विनती को सुन”"
},
{
"title": " तेरे पवित्रस्‍थान की भीतरी कोठरी की ओर अपने हाथ उठाऊँ",
"body": "हाथों को ऊपर उठाना पूजा का प्रतीक है। लेखक पवित्र स्थान की पूजा नहीं कर रहा है, लेकिन यहोवा जो पवित्र स्थान पर रहते हैं।"
},
{
"title": " पवित्रस्‍थान की भीतरी कोठरी ",
"body": "यदि किसी व्यक्ति ने दाऊद के समय के बाद यह लिखा है, तो लेखक यरूशलेम में मंदिर का उल्लेख कर रहा है।"
}
]