hi_psa_tn/25/01.txt

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Plaintext

[
{
"title": "सामन्‍य जानकारी",
"body": "इब्रानी कविता में समानता सामान्य बात है।"
},
{
"title": "मैं अपने मन को तेरी ओर उठाता हूँ। ",
"body": "“मैं तेरी आराधना करता हुँ और तुझे मानता हूँ\" या मैं स्वयं को आपके हवाले सौंपता हूँ”"
},
{
"title": "मुझे लज्जित होने न दे।",
"body": "“मेरे दुशमनों को मुझे लज्‍जित करने मत देना”"
},
{
"title": " लज्जित।",
"body": "“शर्मिंदा“"
},
{
"title": "मुझ पर जयजयकार करने पाएँ।",
"body": "“मुझे हराऐं और आन्‍नद मनाऐं”"
},
{
"title": "जितने तेरी बाट जोहते हैं उनमें से कोई लज्जित न होगा।",
"body": "“जो तुझमें आशा रखते है दुशमन उन्हे हराने ना पाऐं”"
},
{
"title": "जितने तेरी बाट जोहते हैं ",
"body": "“जो तुम पर भरोसा रखते है”"
},
{
"title": "जो विश्वासघाती हैं ",
"body": "“जो धोखा देते है”"
},
{
"title": "अकारण",
"body": "“बिना किसी कारण के”"
}
]